भारत और चीन के बीच हुआ समझौता,चार साल बाद LAC पर भारत और चीन के सैनिकों का पीछे हटना शुरू
डेस्क :– भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में डिसइंगेजमेंट की प्रक्रिया शुरू हो गई है। LAC पर भारत और चीन के सैनिकों ने चार साल बाद पीछे हटना शुरू कर दिया है। शुक्रवार को दोनों देशों के सैनिकों ने अपने टेंट्स हटाने शुरू कर दिए। इसके साथ ही गाड़ियां और साजो-सामान वापस बुलाने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। यह सब कुछ पीएम मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच रूस के कजान में हुई मुलाकात के एक दिन बाद शुरू हो गया।

भारत और चीन के बीच हाल ही में एक बड़ा समझौता हुआ है, जिसके तहत दोनों देशों की सेनाएं पूर्वी लद्दाख के कुछ इलाकों से पीछे हट रही हैं। इस प्रक्रिया की शुरुआत हो चुकी है, जिससे सीमाई तनाव कम होने की उम्मीद है। यह समझौता चार दिन पहले दोनों देशों के शीर्ष सैन्य अधिकारियों के बीच हुआ। समझौते के अनुसार, दोनों देश 2020 से पहले की स्थिति बहाल करेंगे।

इस समझौते के बाद भारत और चीन के सैनिकों के बीच पेट्रोलिंग फिर से शुरू होगी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 21 अक्टूबर को सुबह दोनों देशों के कॉर्प्स कमांडरों ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए। तब से ही दोनों देशों की सेनाएं छोटे-छोटे दलों में पीछे हट रही हैं। अगर सब कुछ ठीक रहा तो अगले 10 दिनों में पेट्रोलिंग शुरू हो सकती है। फिलहाल, दोनों देशों के सैनिकों ने कुछ अस्थायी ढांचे, जैसे तंबू और शेड्स को हटाना शुरू कर दिया है।

इस समझौते के बाद, भारतीय सैनिक अब देपसांग के पेट्रोलिंग प्वाइंट्स 10, 11, 11A, 12 और 13 तक जा सकेंगे। इस क्षेत्र में दौलत बेग ओल्डी और काराकोरम पास के पास स्थित ऊंचाई वाले इलाकों तक पेट्रोलिंग की जाएगी। इसी तरह, दक्षिणी लद्दाख के डेमचोक इलाके से भी सैनिक पीछे हट रहे हैं। यह वही इलाका है, जहां चीनी सैनिकों ने भारतीय सीमा के अंदर कुछ टेंट लगा दिए थे।

भारत और चीन ने सीमा पर अप्रैल 2020 की स्थिति को बहाल करने पर सहमति जताई है। इसका मतलब है कि चीनी सैनिक उन इलाकों से पीछे हटेंगे, जहां उन्होंने अवैध कब्जा किया था। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विक्रम मिस्री के अनुसार, दोनों देशों ने सीमा पर पेट्रोलिंग की प्रक्रिया पर भी सहमति बना ली है। यह समझौता दोनों देशों के बीच विश्वास बहाली की दिशा में बड़ा कदम है।

2020 में गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी, जिसमें 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे। इसके बाद से ही दोनों देशों के बीच तनाव काफी बढ़ गया था। उस समय चीन ने सीमा पर अपने सैनिकों की संख्या बढ़ाई थी, जिसके जवाब में भारत ने भी समान संख्या में सैनिक तैनात किए। अब इस समझौते के बाद उम्मीद है कि सीमा पर स्थिति में सुधार आएगा और शांति बहाल होगी।

इस समझौते के तहत, दोनों देशों ने 63 पेट्रोलिंग प्वाइंट्स पर पेट्रोलिंग शुरू करने पर सहमति जताई है। इसमें पेंगोंग झील के उत्तरी हिस्से में फिंगर 8 तक पेट्रोलिंग बहाल की जाएगी। यहां भारतीय सैनिक अब फिंगर 4 तक जा सकेंगे। इस क्षेत्र में टकराव से बचने के लिए, दोनों सेनाएं पेट्रोलिंग की तारीख और समय की जानकारी पहले से साझा करेंगी। इससे सैनिकों के बीच सीधे संघर्ष से बचा जा सकेगा और सीमा पर शांति बनी रहेगी।
जीशान का नया राजनीतिक सफर, जीशान ने थामा अजित पवार की NCP का दामन, बांद्रा ईस्ट से लड़ेंगे चुनाव
डेस्क :–मुंबई के वरिष्ठ नेता बाबा सिद्दिकी के बेटे जीशान सिद्दिकी ने शुक्रवार को अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) में शामिल होकर बांद्रा ईस्ट सीट से चुनाव लड़ने की घोषणा की। अगस्त में महाराष्ट्र विधान परिषद चुनावों के दौरान कांग्रेस के खिलाफ मतदान करने के आरोप में जीशान को कांग्रेस से निष्कासित कर दिया गया था, जिसे उन्होंने गलत बताया। अजित पवार, प्रफुल पटेल, और सुनील तटकरे का आभार जताते हुए जीशान ने कहा, "यह हमारे परिवार के लिए भावुक क्षण है, और मुझे लोगों के समर्थन से जीत का पूरा विश्वास है।"

जीशान सिद्दिकी के राजनीति में कदम बढ़ाने का सफर एक मोड़ पर है। अपने पिता के पदचिह्नों पर चलते हुए, जीशान ने अजित पवार की एनसीपी का हाथ थामा है। उनका कहना है कि अब वह लोगों के समर्थन से बांद्रा ईस्ट से एक मजबूत दावेदार के रूप में सामने आएंगे। जीशान का यह निर्णय उनके राजनीतिक सफर को नई दिशा दे सकता है, खासकर उनके पिता बाबा सिद्दिकी के हाल ही में हुए दुखद निधन के बाद।

अगस्त में हुए महाराष्ट्र विधान परिषद चुनावों के दौरान कांग्रेस के खिलाफ मतदान करने का आरोप लगाकर जीशान को कांग्रेस पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था। हालांकि, जीशान ने इस आरोप को खारिज किया और इसे निराधार बताया। जीशान ने एनसीपी में शामिल होने का फैसला ऐसे समय में लिया है, जब उनके सामने नई चुनौतियां और मौके हैं। जीशान को बांद्रा ईस्ट से चुनाव लड़ने का मौका मिला है।

जीशान सिद्दिकी के पिता, महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दिकी की हत्या ने मुंबई की राजनीति में हलचल मचा दी है। 12 अक्टूबर को बांद्रा में जीशान के ऑफिस के बाहर बाबा सिद्दिकी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस घटना के बाद पुलिस ने 14 लोगों को गिरफ्तार किया और हत्या के पीछे के संभावित कारणों की जांच कर रही है, जिसमें व्यापारिक प्रतिद्वंद्विता और कांट्रैक्ट किलिंग जैसी बातों की भी जांच हो रही है।

2019 में जीशान सिद्दिकी ने बांद्रा ईस्ट सीट पर शिवसेना के नेता विश्वनाथ महादेश्वर को हराकर अपनी जगह बनाई थी। अब इस सीट को महा विकास अघाड़ी के सीट शेयरिंग समझौते के तहत कांग्रेस की सहयोगी शिवसेना (UBT) को दिया गया है। इस बार, उद्धव ठाकरे के भतीजे वरुण सरदेसाई को शिवसेना (UBT) की ओर से बांद्रा ईस्ट का उम्मीदवार घोषित किया गया है, जिससे जीशान के लिए नई चुनौती खड़ी हो गई है।

बाबा सिद्दिकी की हत्या के बाद बांद्रा ईस्ट में जीशान को समर्थन मिलने की उम्मीद है। उनके पिता ने बांद्रा से कई सालों तक विधायक रहे हैं और जनता में अच्छी पकड़ बनाई थी। ऐसे में जीशान को बांद्रा के निवासियों से सहानुभूति और समर्थन मिलने की संभावना जताई जा रही है, जो उनके चुनावी अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

जीशान ने इस चुनौतीपूर्ण समय में एनसीपी ज्वाइन कर अपने राजनैतिक सफर को एक नई दिशा देने की कोशिश की है। जीशान ने एनसीपी जॉइन करने के बाद कहा कि मुझे अपने परिवार और समर्थकों का पूरा साथ मिल रहा है। मैं अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ाऊंगा। अब यह यह देखना अहम होगा कि क्या अपने पिता बाबा सिद्दीकी की तरह ही लोगों का समर्थन हासिल कर सकते हैं।
7 राज्यों में तूफान का असर,120 KM रफ्तार से चली हवा, बारिश के बीच गिरे पेड़ और बिजली के खंभे, भुवनेश्वर और कोलकाता एयरपोर्ट बंद
डेस्क:–साइक्लोन दाना ने ओडिशा के तट पर धामरा और भितरकनिका के बीच लैंडफॉल किया, जिससे भारी तबाही की खबरें आ रही हैं। तेज हवाओं और भारी बारिश ने दोनों राज्यों में जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। ओडिशा और बंगाल में बाढ़ की संभावना को देखते हुए सरकारें अलर्ट पर हैं। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने आश्वासन दिया है कि मेरी सरकार इस स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि अगले कुछ घंटों तक बारिश जारी रहेगी, जिससे बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। इस चक्रवात का असर देश के सात राज्यों में दिख रहा है।

साइक्लोन दाना का लैंडफॉल ओडिशा के धामरा और भितरकनिका के बीच हुआ, जहां इसकी गति 120 किलोमीटर प्रति घंटा तक रही। लैंडफॉल के दौरान तेज हवाएं चलीं और भारी बारिश हुई, जिससे कई इलाकों में पेड़ और बिजली के खंभे गिर गए। मौसम विभाग के अनुसार, अगले कुछ घंटों तक भारी बारिश और तेज हवाओं का सिलसिला जारी रहेगा। सरकार ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। *भुवनेश्वर और कोलकाता एयरपोर्ट बंद*

चक्रवात दाना के कारण भुवनेश्वर और कोलकाता एयरपोर्ट को बंद कर दिया गया है। सुरक्षा के मद्देनजर सभी उड़ानों को रोक दिया गया है। भुवनेश्वर एयरपोर्ट पर रात 9 बजे तक उड़ानें बंद रहेंगी, जबकि कोलकाता में भी 9 बजे तक उड़ानों पर रोक रहेगी। दोनों एयरपोर्ट्स पर विमानों और उपकरणों की सुरक्षा के लिए सभी जरूरी उपाय किए गए हैं।

पश्चिम बंगाल के तटवर्ती इलाकों में भी साइक्लोन का प्रभाव देखा जा रहा है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जानकारी दी कि अब तक 2.5 लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। कई तटीय इलाकों में राहत शिविर बनाए गए हैं। कोलकाता, हावड़ा और दक्षिण 24 परगना जैसे जिलों में तेज हवाओं और भारी बारिश की आशंका है। कोलकाता और हावड़ा जैसे क्षेत्रों में तेज हवाओं के साथ मूसलाधार बारिश हो रही है। राज्य सरकार ने राहत शिविरों में लोगों को सुरक्षित रखने के सभी इंतजाम किए हैं।प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है।
ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने सभी सुरक्षा उपाय कर लिए हैं और हीराकुड बांध समेत दूसरे जलाशयों के जलस्तर पर लगातार नजर रखी जा रही है। माझी ने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने राज्य की तैयारियों के बारे में जानकारी ली है। केंद्र सरकार ने हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।

ओडिशा और बंगाल दोनों राज्यों में राहत और बचाव कार्य जोरों पर है। ओडिशा सरकार ने NDRF और ODRF की कुल 288 टीमें तैनात की हैं। ये टीमें प्रभावित इलाकों में राहत कार्य कर रही हैं। राहत टीमें लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचा रही हैं। चक्रवात से प्रभावित क्षेत्रों में स्कूल और कॉलेजों को बंद कर दिया गया है।सरकारी कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। *भारी बारिश और बाढ़ की आशंका*

IMD ने ओडिशा और पश्चिम बंगाल के कई जिलों में भारी बारिश की आशंका जाहिर की है। ओडिशा के जगतसिंहपुर, भद्रक, कटक और बालासोर जिलों में 20 सेंटीमीटर तक बारिश हो सकती है। बाकी तटीय इलाकों में भी भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। इसके अलावा, बंगाल के कई इलाकों में बाढ़ की आशंका जाहिर की गई है, जिसके चलते लोगों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं।
सोशल एंग्जायटी एक मानसिक विचार है, आईए जानते हैं 'सोशल एंग्जायटी' के लक्षण


डेस्क :लोग क्या कहेंगे? अगर घर से कदम बाहर निकालने से पहले या घर में किसी के आने पर आपके दिमाग में सबसे पहले यही बात घूमती है तो संभव है कि आप सोशल एंग्जायटी के शिकार हैं। सोशल एंग्जायटी एक मानसिक विचार है, जिससे पीड़ित शख्स खुद को भीड़ में कंफर्टेबल महसूस नहीं करता है। वह बड़े फंक्शन या पार्टी में जाना तो दूर घर आए लोगों तक से मिलने से भी बचता है। उसे महसूस होता है कि हर कोई उनके बारे में कुछ कमतर ही सोचते हैं। यही कारण है कि वे कुछ भी खुलकर नहीं बोल पाते।

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के अनुसार कोरोना महामारी के बाद दुनियाभर के लोगों में सोशल एंग्जायटी बढ़ी है। दिसंबर 2017 से जनवरी 2018 के बीच भारत के पुडुचेरी में की गई एक स्टडी में सामने आया कि लड़कियों के मुकाबले लड़कों में सोशल एंग्जायटी के मामले ज्यादा हैं। करीब 1081 बच्चों पर की गई इस स्टडी में 10 से 13 साल के 738 बच्चे सोशल एंग्जायटी का शिकार पाए गए। हैरानी की बात ये है कि इनमें से करीब 520 लड़के थे। ऐसे में साफ है कि पांच में से हर एक बच्चा सोशल एंग्जायटी का शिकार है। आमतौर पर लोग इसे शर्मीलापन मान लेते हैं, लेकिन असल में ये फोबिया है। कई शोध बताते हैं कि कोरोना के बाद सोशल एंग्जायटी के लेवल में बड़ा अंतर आया है। पीकिंग यूनिवर्सिटी के अनुसार कोरोना से पहले की तुलना में अब 43 प्रतिशत से ज्यादा लोगों में सोशल एंग्जायटी बढ़ी है। हालांकि करीब 28 प्रतिशत लोगों ने माना कि उनकी सोशल एंग्जायटी कम हुई है।

सोशल एंग्जायटी के लक्षणों को पहचानकर आपको इसके समाधान की ओर सोचना चाहिए। ये लक्षण सोशल एंग्जायटी की ओर इशारा करते हैं।

*कहीं जाने में घबराहट*

सोशल एंग्जायटी का सबसे पहला लक्षण है किसी भी सोशल गैदरिंग यानी शादी, पार्टी, फंक्शन, रिश्तेदारी या दोस्तों आदि के घर जाने से परहेज करना। इस फोबिया से पीड़ित लोग भीड़ से बचते हैं। अगर वे कहीं चले भी जाएं तो खुद को अलग ही रखते हैं।

*बातचीत करने में परेशानी*

वैसे तो सोशल एंग्जायटी से पीड़ित लोग दूसरों लोगों से मिलना पसंद नहीं करते हैं। लेकिन अगर उन्हें कहीं जाना भी पड़े तो वे दूसरों से बात नहीं करते। या फिर बातचीत को आगे बढ़ाने में परेशानी महसूस करते हैं।

*खुद को कम आंकना*

सोशल एंग्जायटी से पीड़ित लोग आमतौर पर खुद को दूसरों से कमतर आंकते हैं। उन्हें लगता है कि उनमें ऐसी कमियां हैं, जिनके बारे में दूसरे बात करेंगे। वे किसी भी गलती के लिए खुद को जिम्मेदार मानने लगते हैं। या फिर खुद की ही आलोचना करते हैं।

*फिजिकल एक्टिविटी में बदलाव*

दूसरों से बात करने में असहज महसूस करने वाले लोग आमतौर पर उनसे बात करते समय घबरा जाते हैं। बातचीत के दौरान पसीना आना, हाथ-पैर कांपना, दिल की धड़कने बढ़ जाना आदि लक्षण सोशल एंग्जायटी के हैं। कई बार तो इस फोबिया से पीड़ित लोग इंटरव्यू तक नहीं दे पाते। मंच पर बोलने में भी उन्हें परेशानी होती है।

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आइए जानते हैं कि सुबह के नाश्ते के वक्त क्या नहीं खाना चाहिए?
डेस्क :– सुबह क्या नहीं खाना चाहिए? सुबह के वक्त आपकी बॉडी फास्टिंग स्टेज में होती है और मेटाबॉलिज्म काफी कमजोर होता है। इसलिए इस दौरान कुछ फूड्स को खाने से बचना चाहिए, वरना कई सारी बीमारियां घेर सकती हैं। आइए जानते हैं कि सुबह के वक्त क्या नहीं खाना चाहिए?

सुबह का नाश्ता यानी ब्रेकफास्ट दिन का सबसे जरूरी मील माना जाता है। रातभर सोने के बाद हमारे शरीर को सुबह पोषक तत्वों की जरूरत होती है और अच्छे नाश्ते से बॉडी को जरूरी पोषक तत्व मिलते हैं। यही वजह है कि ब्रेकफास्ट हेल्दी और न्यूट्रिशन से भरपूर होना चाहिए। आजकल सोशल मीडिया पर तमाम डॉक्टर्स अपने वीडियो के जरिए लोगों को हेल्थ टिप्स देते रहते हैं।

ब्रेकफास्ट में कई लोग समय बचाने के लिए बाहर से बर्गर, पिज्जा या फ्राइड चिकन ऑर्डर कर लेते हैं, जो कैलोरीज से भरपूर माने जाते हैं। ये आपकी सेहत के लिए नुकसानदायक होते हैं। आगे चलकर ये वजन बढ़ने और दिल के स्वास्थ्य के लिए भी खतरनाक होते हैं।

ब्रेकफास्ट सीरिल्स बहुत ज्यादा प्रसेस्ड होते हैं और इनमें काफी मात्रा में शुगर होता है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। इसके अलावा, इनमें फाइबर की मात्रा भी कम होती है, जिससे लंबे समय तक ऊर्जा नहीं मिलती। वहीं कई सीरियल में आर्टिफीशियल कलर, फ्लेवर और प्रिजर्वेटिव होते हैं जो शरीर को हानि पहुंचाते हैं।

कई लोग फ्रेश जूस पीने के बजाय खाने के साथ पैकेज्ड जूस पीना पसंद करते हैं जिसमें नेचुरल शुगर कम होती है और ये आर्टिफिशियल शुगर से भरपूर होते हैं, जो सेहत के लिए नुकसानदायक होते हैं। पैकेज्ड जूस के बजाय आप घर पर फ्रेश जूस निकालकर पी सकते हैं।

कई लोग ब्रेकफास्ट में तेल से भरपूर समोसे या कचौड़ी खाना पसंद करते हैं, जो सिर्फ कार्ब्स से भरे फूड्स हैं। यदि इसे रोजाना खाया जाए तो ये वजन बढ़ाता है साथ ही सेहत को नुकसान भी पहुंचाता है।

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चुनावी हलफनामे में प्रियंका गांधी वाड्रा की 12 करोड़ की संपत्ति,भारतीय जनता पार्टी ने उनकी आय पर उठाया सवाल

डेस्क :–कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने वायनाड उपचुनाव में नामांकन दाखिल कर दिया है, तो भारतीय जनता पार्टी ने उनकी आय पर सवाल उठाया है। BJP ने पूछा कि वाड्रा ने 12 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति खरीदने के लिए उनकी आय का स्रोत क्या था।

BJP के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने कहा, “…सवाल है कि प्रियंका वाड्रा की कमाई का स्त्रोत क्या है? प्रियंका वाड्रा की पार्टी भारतीय शेयर मार्केट का शोषण करती है। यह वही वाड्रा परिवार है, जिसने बड़े कारोबारी घरानों के स्टॉक्स और म्यूचुअल फंड्स में निवेश किया था।‘ क्यों वाड्रा और वाड्रा परिवार में यह पाखंड है।’

उन्होंने कहा, ‘भारत की जनता वाड्रा से पूछ रही है कि हलफनामे के अनुसार, 2013 में उन्होंने जमीन खरीदी थी, जिसकी कीमत पांच गुना बढ़ गई है. उस जमीन खरीदने के लिए उनके पास आमदनी का जरिया क्या था? क्या अपने पति की तरह ही वाड्रा जी जमीन के संदिग्ध सौदों में शामिल हैं? जब श्री वाड्राजी एनसीआर के संदिग्ध सौदों में शामिल थे, तो क्या वे अपने पति के साथ काम कर रहे थे?

“भारत की जनता भ्रष्ट वाड्रा-गांधी परिवार से यह जानना चाहती है कि क्या था प्रियंका गांधी वाड्रा की कमाई का स्त्रोत और ऐसा कैसे हो सकता है कि डिमांड नोटिस, डिमांड नोटिस की वेल्यू घोषित संपत्ति से ज्यादा है, इसका मतलब है कि वाड्रा गांधी परिवार अपने भ्रष्ट काम छिपा रहा है।”

अपने नामांकन पत्र में प्रियंका ने वित्तीय वर्ष 2023–2024 में 46.39 लाख रुपये से अधिक की कुल आय घोषित की है, जिसमें बैंकों , निवेशों से ब्याज और किराये की आय शामिल हैं।

प्रियंका गांधी ने नामांकन पत्र के साथ दाखिल हलफनामे में अपनी चल संपत्ति और देनदारियों का विवरण देते हुए बताया कि उनके पास 4.24 करोड़ रुपये से अधिक की चल संपत्ति है, जिसमें 1.15 करोड़ रुपये मूल्य का 4400 ग्राम (सकल) सोना, उनके पति रॉबर्ट वाद्रा द्वारा उपहार में दी गई होंडा सीआरवी कार और तीन बैंक खातों में अलग-अलग राशि की जमा रकम,जिसमें म्यूचुअल फंड और PPF में निवेश।

उनकी अचल संपत्ति 7.74 करोड़ रुपये से अधिक की है, जिसमें नई दिल्ली के महरौली क्षेत्र में विरासत में मिली कृषि भूमि के दो हिस्से और 2.10 करोड़ रुपये से अधिक की वर्तमान कीमत वाले एक फार्महाउस भवन का आधा हिस्सा शामिल हैं।

साथ ही, उनके हलफनामे के अनुसार, उनके पास 5.63 करोड़ रुपये से अधिक की वर्तमान कीमत वाली हिमाचल प्रदेश के शिमला में एक स्व-अर्जित आवासीय संपत्ति है।

प्रियंका ने अपने हलफनामे में अपने पति रॉबर्ट वाद्रा की चल-अचल संपत्ति का भी ब्योरा दिया है, जो 37.9 करोड़ रुपये से अधिक और 27.64 करोड़ रुपये से अधिक है। प्रियंका के पास 15.75 लाख रुपये की देनदारी है, जिसमें ब्रिटेन के एक विश्वविद्यालय से दूरस्थ शिक्षा में बौद्ध अध्ययन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा और दिल्ली विश्वविद्यालय से मनोविज्ञान में बीए ऑनर्स की डिग्री है।

उनके हलफनामे में कहा गया है कि वे कर निर्धारण वर्ष 2012–13 के लिए आयकर पुनर्मूल्यांकन कार्यवाही का सामना कर रहे हैं, जिसके अनुसार उन्हें कर के रूप में 15 लाख रुपये से अधिक का भुगतान करना होगा।

पाकीजा शोरूम पर चला नगर निगम का हथौड़ा, टॉप फ्लोर से हटाया अवैध निर्माण


डेस्क:–मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में पाकीजा शोरूम के अवैध निर्माण पर नगर निगम का आज हथौड़ा चला। गुरुवार सुबह भारी पुलिस बल के साथ निगम के रिमूवल दल ने शोरूम के टॉप फ्लोर से अवैध निर्माण हटाया।

निगम उपायुक्त लता अग्रवाल की माने तो पाकीजा की छत के अवैध अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई की गई है। निगम कमिश्नर शिवम वर्मा ने बीते सप्ताह पाकिजा में नपती करवाई थी, जहां बेसमेंट से लेकर टॉप फ्लोर तक कई अनियमितता मिली थी।

बतादें कि, पाकीजा शोरूम झोन 11 में वार्ड 55 के अंतर्गत रीगल तिराहे पर वर्षों से संचालित हो रहा है। यहां नियमों को तांक पर रखकर कार्य हो रहा था। नोटिस के बाद भी स्वेच्छा से रिमूवल नहीं किया गया, जिसके बाद निगम ने कार्रवाई करते हुए यहां छत पर बिना अनुमति बने टीन शेड के स्टोर रूम को हटाया। इसके साथ ही बेसमेंट पर भी कार्रवाई की गई। कार्रवाई के दौरान नगर निगम के अधिकारियों सहित बड़ी संख्या में पुलिस बल भी मौके पर मौजूद रहा।
महिला ने अपने लिव इन पार्टनर की पेचकस से गोदकर कर दी हत्या
डेस्क:–भलस्वा डेरी क्षेत्र में मंगलवार को महिला ने अपने लिव इन पार्टनर की पेचकस से गोदकर हत्या कर दी। घटना के 8 घंटे बाद, आरोपी खुद थाने पहुंची और अपने अपराध को मान लिया। पुलिस ने महिला को गिरफ्तार कर लिया है।

आरोपी महिला ने पुलिस को बताया कि वह किसी और के साथ रहना चाहती थी, जिसके लिए साहिल, 30 वर्षीय प्लंबर, तैयार नहीं था। महिला अपने पति को छोड़कर 2018 से साहिल के साथ रहने लगी, जब उसके पति की मौत हो गई ।

बच्चों के सामने हत्या करने वाली महिला एक महीने पहले अपने गांव बिहार के खगड़िया गई थी और रविवार को वापस आई. वह एक अन्य व्यक्ति के साथ रहना चाहती थी, इसलिए उसने साहिल को घर छोड़ने को कहा। मंगलवार दोपहर को चारों बच्चे और महिला घर पर थे। एक बार फिर, महिला ने साहिल से घर छोड़ने के लिए कहा। इस दौरान, उसने पहले पेचकस से वार किया, फिर हथौड़ी और डंडे से वार कर घायल कर दिया, फिर पूरे शरीर को पेचकस से गोद लिया, और फिर शव के साथ घर में बैठी रही

महिला शव के साथ लगभग 8 घंटे तक घर में रही, फिर रात करीब 10 बजे खुद थाने पहुंची और हत्या की सूचना दी  बच्चों के बाबा-दादी को घटना की जानकारी दी गई है, पुलिस अधिकारी ने बताया।

बिश्नोई समाज का बच्चा-बच्चा पर्यावरण संरक्षण की इस लड़ाई में लॉरेंस बिश्नोई के साथ, लॉरेंस को अकेला समझने की भूल नहीं करना–रामपाल भवाद

डेस्क:– क्षत्रिय करणी सेना अध्यक्ष डॉ. राज सिंह शेखावत द्वारा गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का एनकाउंटर करने वाले पुलिसकर्मी को 1 करोड़ देने की घोषणा के बाद से राजस्थान की सियासत गर्म हो गई है। क्षत्रिय करणी सेना अध्यक्ष के बयान पर बिश्नोई टाइगर फोर्स के प्रदेश अध्यक्ष रामपाल भवाद  ने पलटवार करते हुए बड़ा ऐलान कर दिया है। रामपाल भवाद ने कहा कि बिश्नोई समाज का बच्चा-बच्चा पर्यावरण संरक्षण की इस लड़ाई में लॉरेंस बिश्नोई के साथ है। लॉरेंस को अकेला समझने की भूल नहीं करना।

रामपाल भवाद ने नाराजगी जताते हुए कहा, “देश में संविधान के अनुसार अपराध की सजा दी जाती है। ऐसे बयान तालिबानी फरमान और फतवे जैसे हैं। लॉरेंस के खिलाफ जो भी मामले हैं, वह जांच का विषय है, लेकिन इतनी बड़ी ईनाम राशि देकर पुलिसकर्मियों को लॉरेंस की हत्या के लिए उकसाया जा रहा है।

भवाद ने शेखावत के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग करते हुए कहा, “लॉरेंस अकेला नहीं है, उसके साथ बिश्नोई समाज है। यदि सरकार राज शेखावत के खिलाफ कार्रवाई नहीं करती, तो बिश्नोई समाज लॉरेंस के पक्ष में सड़कों पर उतरेगा। बिश्नोई समाज शिकारियों, जेहादियों और राष्ट्र विरोधियों के खिलाफ लड़ता रहेगा। 

बता दें कि 22 अक्टूबर 2024 को क्षत्रिय करणी सेना के अध्यक्ष राज शेखावत ने सोशल मीडिया पर कहा था कि लॉरेंस बिश्नोई का एनकाउंटर करने वाले पुलिसकर्मी को 1,11,11,111 रुपये दिए जाएंगे। हमारे अनमोल रत्न और धरोहर अमर शहीद सुखदेव सिंह गोगामेड़ी के हत्यारे लॉरेंस बिश्नोई का एनकाउंटर करने वाले पुलिसकर्मी को क्षत्रिय करणी सेना यह राशि देगी। इतना ही नहीं उस बहादुर पुलिसकर्मी के परिवार की सुरक्षा और संपूर्ण व्यवस्थाओं का दायित्व भी हमारा ही रहेगा।

बता दें कि गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई महाराष्ट्र के एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद फिर से सुर्खियों में है। लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने काले हिरण मारने के आरोपी और बॉलीवुड के फेमस एक्टर सलमान खान को भी मारने की कई बार धमकी दे चुका है। यहां तक की सलमान खान के घर पर गोलीबारी और कई बार उनकी रेकी करवा चुका है।
ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन की हड़ताल खत्म, सुचारू रुप से मिलेंगी परिवहन सेवाएं
डेस्क :–उत्तराखण्ड परिवहन निगम कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर मंगलवार से शुरु हुई 48 घंटे की प्रदेशव्यापी हड़ताल को खत्म कर दिया गया है. इस संदर्भ में विगत दिवस सचिव एवं आयुक्त परिवहन विभाग, बृजेश कुमार सन्त ने संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारियों के साथ वार्ता की।

इस दौरान राष्ट्रीयकृत मार्गों पर परमिट जारी करने के सम्बन्ध में जारी राज्य परिवहन प्राधिकरण के आदेश पर स्थिति स्पष्ट की गई। सचिव ने बताया कि उक्त आदेश के तहत फिलहाल कोई नया परमिट जारी नहीं किया जाएगा और कर्मचारियों के बीच फैली भ्रम की स्थिति को दूर किया गया। सचिव सन्त ने यह भी आश्वासन दिया कि संयुक्त मोर्चा की अन्य मांगों पर सभी पक्षों से विचार-विमर्श कर सहानुभूतिपूर्ण निर्णय लिया जाएगा। वार्ता के बाद, संयुक्त मोर्चा के संयोजक अशोक चौधरी ने निगम कर्मियों की प्रस्तावित कार्य बहिष्कार की योजना को वापस लेने की घोषणा की।

बुधवार को फिर सचिव परिवहन की अध्यक्षता में पुनः वार्ता हुई, जिसमें संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारियों ने जानकारी दी कि हड़ताल के कारण कुछ चालक/परिचालक अवकाश पर चले गए थे, जिसके कारण सुबह 20-25 प्रतिशत सेवाएं बाधित रहीं। हालांकि, यह भी आश्वासन दिया गया कि दिन तक सभी सेवाएं सुचारू हो जाएंगी। संयुक्त मोर्चा और परिवहन विभाग के बीच हुए आपसी सहमति के बाद, सभी पक्षों द्वारा आन्दोलन को तत्काल प्रभाव से समाप्त करने का निर्णय लिया गया है। परिवहन निगम की सेवाएं अब पूर्णतः सुचारू रूप से चालू हैं और यात्रियों की असुविधा को दूर करने के प्रयास किये जा रहे हैं।