'मंदिरों में लगे लाउडस्पीकर फैलाते हैं ध्वनि-प्रदूषण', IAS के बयान पर एमपी में बवाल, कांग्रेस ने किया-समर्थन, विरोध में उतरे कई संगठन

मध्य प्रदेश सरकार की IAS अफसर शैलबाला मार्टिन फिर से अपने एक बयान को लेकर चर्चा में हैं। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर मंदिरों में लगे लाउडस्पीकरों पर सवाल उठाए हैं, जिससे विवाद उत्पन्न हो गया है। हिंदू संगठनों ने उनके बयान का विरोध किया है, जबकि कांग्रेस ने इसे सही सवाल बताया है।

दरअसल, शैलबाला मार्टिन ने X पर लिखा कि मंदिरों में लगे लाउडस्पीकर गलियों तक ध्वनि प्रदूषण फैलाते हैं। उन्होंने सवाल किया कि ये लाउडस्पीकर आधी रात तक बजते रहते हैं तथा इससे लोगों को कोई असुविधा नहीं होती। उन्होंने यह पोस्ट एक अन्य पोस्ट को रीपोस्ट करते हुए लिखी। इसके बाद हिंदूवादी संगठन 'संस्कृति बचाव मंच' ने नाराजगी जताई। एक शख्स के कमेंट पर शैलबाला मार्टिन ने जवाब देते हुए कहा कि सीएम ने शपथ लेते समय जो आदेश जारी किए थे, उनमें सभी धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाने और डीजे पर प्रतिबंध लगाने की बात थी। यह एक बहुत ही उचित आदेश था। यदि इस आदेश के तहत सभी समुदायों के धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटा दिए जाएं तथा डीजे बंद हो जाएं, तो सभी को राहत मिलेगी।

'संस्कृति बचाव मंच' के अध्यक्ष पंडित चंद्रशेखर तिवारी ने कहा कि अगर कोई हिंदू धर्म की आस्थाओं को ठेस पहुंचाने का प्रयास करेगा, तो उनका मंच इसका विरोध करेगा। उन्होंने कहा कि मंदिरों में सुरीली आरती और मंत्रों का उच्चारण होता है, न कि दिन में पांच बार लाउडस्पीकर पर अजान की तरह। तिवारी ने सवाल किया कि शैलबाला मार्टिन ने कब किसी मोहर्रम के जुलूस पर पथराव होते हुए देखा? जबकि हिंदुओं के जुलूसों पर पथराव होता है, इसलिए उन्हें हिंदू धर्म की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का कोई अधिकार नहीं है। कांग्रेस प्रवक्ता अब्बास हफीज ने शैलबाला मार्टिन के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि भाजपा सरकार में लाउडस्पीकरों पर की गई कार्रवाई राजनीति से प्रेरित होती है। यदि धर्म देखकर लाउडस्पीकरों पर कार्रवाई की जाएगी, तो मध्य प्रदेश के प्रशासनिक अधिकारियों को इस पर बोलने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
कनाडा के साथ विवाद पर एस जयशंकर का बड़ा बयान, बोले-भारत के राजनयिकों से करता है सौतेला व्यवहार
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भारत और कनाडा के बीच तनाव अपने चरम पर है।निज्जर की हत्या के मामले में कनाडा ने भारतीय उच्चायुक्त संजय वर्मा और अन्य राजनयिकों की संलिप्पता का आरोप लगाये जाने के बाद दोनों देशों के बीच संबंधों में खटास आई है। इस बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कनाडा के साथ जारी तनाव पर अपनी बात रखी। नई दिल्ली और ओटावा के बीच बिगड़े संबंधों पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को कनाडा पर दोहरे मानदंड अपनाने के लिए निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कनाडा को भारत के राजनयिकों से दिक्कत है। हमारे राजनयिकों को कनाडा पसंद नहीं कर रहा है। *कनाडा का मुद्दा एक सामान्य पश्चिमी मुद्दा-जयशंकर* एनडीटीवी से बात करते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि कनाडा दूसरे देशों के राजनयिकों के साथ जैसा व्यवहार करता है, उससे अलग व्यवहार भारतीय राजनयिकों के साथ कर रहा है। कनाडा खुद भारत में अपने राजनयिकों को मनमानी करने देता है, लेकिन भारतीय राजनयिकों पर बंदिशें लगाता है। उन्होंने कहा, कनाडा का मुद्दा एक सामान्य पश्चिमी मुद्दा और कनाडा विशिष्ट मुद्दा है, दुनिया के समीकरण बदल रहे हैं। दुनियाभर में पावर बैलेंस बदल रहा है। ऐसे में पश्चिम के देश इसे पचा नहीं पा रहे। *दोहरे मानदंड इसके लिए बहुत हल्का शब्द है-जयशंकर* एस जयशंकर ने इस बात का जिक्र किया कि कनाडा अन्य राजनयिकों के साथ कैसा व्यवहार करता है और भारत में रहते हुए उसके राजनयिक विशेषाधिकार का उपयोग करने का प्रयास करते हैं। उन्होंने कहा कि दोहरे मानदंड इसके लिए बहुत हल्का शब्द है। निज्जर की हत्या के मामले में पिछले हफ्ते कनाडा ने भारत सरकार की संलिप्तता के नए आरोप लगाये थे, जिसके बाद भारत ने कनाडा के छह राजनयिकों को निष्कासित कर दिया था। भारत ने अपने उच्चायुक्त और पांच अन्य राजनयिकों को भी वापस बुला लिया था। ये सभी राजनयिक भारत वापस आ रहे हैं. कनाडा सरकार ने कहा था कि भारतीय राजनयिकों को देश से निकाल दिया गया है। *कनाडा में लोगों तो टारगेट करना बंद होना चाहिए- जयशंकर* एस जयशंकर ने कहा कि ऐसा लगता है कि कनाडा में अगर भारतीय राजनयिक यह पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं कि उनके कल्याण और सुरक्षा से संबंधित मामलों पर क्या हो रहा है तो उन्हें समस्या होती है। वहीं, अगर आप भारत में देखें तो कनाडाई राजनयिकों को बाहर जाने और हमारी सेना, पुलिस, लोगों की प्रोफाइलिंग करने में कोई समस्या नहीं है। कनाडा में लोगों तो टारगेट करना बंद होना चाहिए। *अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर धमकाने का आरोप* विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि कनाडा वाले भारत में जो लाइसेंस खुद को देते हैं वह उस तरह के प्रतिबंधों से बिल्कुल अलग है जो वे कनाडा में राजनयिकों पर लगाते हैं। जब हम उन्हें बताते हैं कि आपके पास वे लोग हैं जो भारत के नेताओं को, भारत के राजनयिकों को खुलेआम धमकी देते हैं तो वे इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बताते हैं। जब भारतीय पत्रकार सोशल मीडिया पर टिप्पणी करते हैं, यदि आप भारतीय उच्चायुक्त को धमकी देते हैं, तो वह इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता मानते हैं। लेकिन अगर कोई भारतीय पत्रकार कहता है कि कनाडाई उच्चायुक्त बहुत गुस्सा होकर साउथ ब्लॉक से बाहर चले गए, तो यह विदेशी हस्तक्षेप है। बता दें कि निज्जर की हत्या के मामले में कनाडा द्वारा भारतीय उच्चायुक्त संजय वर्मा और अन्य राजनयिकों की संलिप्पता का आरोप लगाये जाने के बाद दोनों देशों के बीच संबंधों में खटास आई है। भारत ने निज्जर की हत्या से संबंधित मामले में कनाडा द्वारा लगाए गए सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। निज्जर, भारत में एक नामित आतंकवादी है।
भारत-चीन के बीच पेट्रोलिंग पर बनी नई सहमति, ड्रैगन के साथ सीमा समझौते पर जयशंकर का बड़ा बयान
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भारत ने चीन के साथ लद्दाख एरिया में वास्‍तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चल रहे विवाद को सुलझाने की बात कही है। दिपसांग और डेमचोक में अब साल 2020 से पहले वाली स्थिति बहाल हो जाएगी। भारतीय जवान पहले की तरह इस इलाके में पेट्रोलिंग कर सकेंगे। इससे चीन की आर्मी के मूवमेंट पर पैनी नजर रखना संभव हो सकेगा।भारत और चीन के बीच पेट्रोलिंग को लेकर हुए समझौते पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि भारत और चीन 2020 से पहले की स्थिति को वापस लाने के लिए गश्त पर एक समझौते पर पहुंच गए हैं। अगले कदमों पर चर्चा के लिए महत्वपूर्ण बैठकें होने की जरूरत है। एनडीटीवी से बात करते हुए विदेश मंत्री ने कहा, भारत और चीन में सीमा पर पेट्रोलिंग सिस्टम को लेकर समझौता हुआ है। यह एक सकारात्मक और अच्छा घटनाक्रम है। यह बहुत धैर्य और बहुत दृढ़ कूटनीति का नतीजा है। हम सितंबर, 2020 से बातचीत कर रहे हैं। उस समय मास्को में चीन के विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात के बाद मुझे लगा था कि हम शांति और 2020 से पहले की स्थिति में वापस आ सकेंगे। एस जयशंकर ने कहा, भारत या चीन जैसे कई बड़े देशों के बीच अलग-अलग नजरिए हैं। अगर टकराव होगा और यह इतना आसान नहीं होगा। लेकिन ये समझौता बहुत अहम है। इस समझौते के बाद हम 2020 में जो गश्त कर रहे थे, उसे वापस करने में सक्षम होंगे। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बताया कि दोनों देशों के बीच सहमति कैसे हुई? उन्होंने कहा, यह सहमति धैर्य और कूटनीति के चलते हुई है। उन्होंने कहा, चीन से बात करने में कई बार लोगों ने लगभग हार मान ली, लेकिन हम सितंबर 2020 से चीन से बातचीत कर रहे हैं। हमने चीन के साथ बातचीत की पूरी प्रक्रिया में बहुत धैर्य रखा। विदेश मंत्री ने इस समझौते की अहमियत पर बात करते हुए कहा, सबसे ज्यादा अहम बात यह है कि अगर दोनों देशों के बीच समझौता हो गया है तो यह दोनों देशों के बीच कई समझौतों का आधार बनता है। साथ ही सीमा पर शांति का आधार बनता है। उन्होंने कहा, अगर दोनों देशों के बीच सीमा पर शांति नहीं है तो फिर द्विपक्षीय संबंधों में सुधार कैसे होगा इससे पहले भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने सोमवार को ही इस समझौते की जानकारी दी थी। साथ ही उन्होंने बताया था कि पेट्रोलिंग के नए सिस्टम पर सहमति के बाद दोनों देश सेनाएं पीछे हटा सकते हैं।देपसांग प्लेन डेमचोक में सैनिकों को पेट्रोलिंग पॉइंट्स पर जाने की इजाजत अभी नहीं है। यहां सेनाएं अभी मौजूद हैं। पेट्रोलिंग का नया सिस्टम इन्हीं पॉइंट्स से संबंधित है। इससे गलवान जैसे टकराव को टाला जा सकेगा।
लॉरेंस बिश्नोई के एनकाउंटर पर 1,11,11,111 रुपये का इनाम, जाने किसने दिया ऑफर ?
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महाराष्ट्र के एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद से जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई की चर्चा पूरे देश में है। इस बीच क्षत्रिय करणी सेना ने जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के एनकाउंटर के लिए कथित तौर पर इनाम की घोषणा की है। करणी सेना ने लॉरेंस बिश्नोई का एनकाउंटर करने वाले पुलिसकर्मी को 1,11,11,111 रुपये पुरस्कार की घोषणा की है। राज शेखावत नाम के एक शख्स वीडियो जारी किया है। इस वीडियो में उसने कहा है कि कि लॉरेंस बिश्नोई को मारने वाले किसी भी पुलिस अधिकारी को 1,11,11,111 रुपये का इनाम देंगे। इस वीडियो में वो आगे कहते हैं कि जो भी पुलिसकर्मी लॉरेंस बिश्नोई का एनकाउंटर करेगा, उसके यह इनाम की राशि दी जाएगी। लॉरेंस बिश्नोई को देश के लिए खतरा बताते हुए राज शेखावत ने गुजरात की बीजेपी सरकार पर भी हमला बोला है। क्षत्रिय करणी सेना के एक्स हैंडल पर उनका वीडियो शेयर किया गया है, जिसमें वह कह रहे हैं, “मुझे सिर्फ इतना पता है कि हमारी धरोहर परम आदरणीय अमर शहीद सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या लॉरेंस बिश्नोई के द्वारा कराई गई थी, जो पुलिसकर्मी लॉरेंस बिश्नोई का एनकाउंटर करेगा. उस पुलिसकर्मी को 1 करोड़ 11 लाख 11 हजार 1 सौ 11 करोड़ रुपये का पुरस्कार करणी सेना के तरफ से दिया जाएगा. हमें और देशवासियों को भयभीत नहीं भयमुक्त भारतवर्ष की जरूरत है.” कौन है राज शेखावत राज शेखावत क्षत्रिय करणी सेना परिवार के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। राज शेखावत के इंस्टाग्राम पर साढ़े चार लाख से ज्यादा फॉलोवर्स है। उन्होंने अपने नाम के आगे डॉक्टर भी लगा रखा है। उन्होंने अपनी प्रोफाइल में खुद एक्स बीएसएफ और एमबीए पास बताया है। इसके अलावा प्रोफाइल में उन्होंने खुद को आतंकवाद विरोधी ऑपरेशन वारियर भी बताया है। क्षत्रिय करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष राज शेखावत पहले बीजेपी में थे। लोकसभा चुनाव से पहले उन्होंने बीजेपी छेड़ने का ऐलान किया था। उन्होंने यह कदम राजकोट से लोकसभा चुनाव लड़ रहे रुपाला के खिलाफ बीजेपी की तरफ से कार्रवाई नहीं होने पर उठाया था। दरअसल 22 मार्च को राजकोट में एक सभा को संबोधित करते हुए, रूपाला ने टिप्पणी की थी कि तत्कालीन ‘महाराजाओं’ ने विदेशी शासकों के साथ-साथ अंग्रेजों के उत्पीड़न के सामने घुटने टेक दिए। उन्होंने आगे कहा कि इन ‘महाराजाओं’ ने इन शासकों के साथ रोटी तोड़ी और अपनी बेटियों की शादी भी उनसे की। राजपूत समुदाय के सदस्यों ने इस पर जमकर बवाल भी किया था। करणी सेना की बिश्नोई गैंग से क्या दुश्मनी है? सवाल उठ रहा है कि आखिर करणी सेना की बिश्नोई गैंग से क्या दुश्मनी है? बता दें कि करणी सेना के प्रमुख सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या के मामले में भी बिश्नोई गैंग का नाम आया था। करणी सेना के प्रमुख सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की 5 दिसंबर 2023 को कुछ अज्ञात हमालवरों ने जयपुर स्थित उनके घर में घूसकर गोली मार दी थी। इसके बाद शूटर्स मौके से फरार हो गए थे. गोगामेड़ी की हत्या के कुछ घंटों बाद लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने इसकी जिम्मेदारी ली थी। इस हत्याकांड के मामले में इस साल 5 जून को विशेष अदालत में आरोप पत्र पेश कया था, जिसमें रोहित गोदारा को मास्टरमाइंड बताया गया था। इसके अलावा गोल्डी बरार और वीरेंद्र चारण समेत अन्य पर हत्या की साजिश रचने का आरोप है। ये सभी बिश्नोई गैंग से जुड़े हैं।
ब्रिक्स सम्मेलन के लिए रवाना हुए पीएम मोदी, जानें शेड्यूल*
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस रवाना हो चुके हैं।प्रधानमंत्री मोदी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के निमंत्रण पर 22-23 अक्तूबर को रूस की यात्रा करेंगे। यहां मेजबान रूस की अध्यक्षता में 16वां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। कज़ान में आयोजित ब्रिक्स देशों के सम्मेलन के अलावा पीएम मोदी कज़ान आने वाले ब्रिक्स सदस्य देशों और अन्य आमंत्रित नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी कर सकते हैं। रूस के कज़ान में आयोजित दो दिन के इस सम्मेलन में अगर पूरी दुनिया की अगर किसी पर नजर है तो वो हैं तीन देश। इनमें भारत, चीन और रूस शामिल हैं। पीएम मोदी के अलावा चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी ब्रिक्स समिट में हिस्सा लेने रूस जा रहे हैं। ऐसी उम्मीद की जा रही है कि रूस में शी जिनपिंग और पीएम मोदी की मुलाकात हो सकती है। पीएम मोदी ने रूस यात्रा पर रवाना होने से पहले कहा कि भारत और रूस के संबंध और मजबूत होंगे। उन्होंने कहा, ‘मैं आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के निमंत्रण पर 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए कजान की दो दिवसीय यात्रा पर जा रहा हूं। भारत ब्रिक्स के भीतर घनिष्ठ सहयोग को महत्व देता है जो वैश्विक विकास एजेंडा, सुधारित बहुपक्षवाद, जलवायु परिवर्तन, आर्थिक सहयोग, बिल्डिंग रिजिलियंट सप्लाई चेन, सांस्कृतिक और लोगों के बीच संपर्क को बढ़ावा देने से संबंधित मुद्दों पर संवाद और चर्चा के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में उभरा है। पिछले साल नए सदस्यों को जोड़ने के साथ ब्रिक्स के विस्तार ने इसकी समावेशिता और वैश्विक भलाई के एजेंडे को और मजबूत किया है। पीएम मोदी पिछले 4 महीनों में दूसरी बार रूस दौरे पर जा रहे हैं। इससे पहले वे जुलाई में भारत-रूस शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंचे थे। पीएम आज शाम को ब्रिक्स लीडर्स के साथ डिनर में शामिल होंगे। रूसी राष्ट्रपति पुतिन से मिलेंगे। उनकी कई लीडर्स के साथ अनौपचारिक बातचीत भी हो सकती है। विदेश मंत्रालय के मुताबिक पीएम मोदी बुधवार को बिक्र्स की मीटिंग में हिस्सा लेंगे। यह दो सेशन में होगी। सबसे पहले सुबह क्लोज प्लेनरी यानी बंद कमरे में बातचीत होगी। इसके बाद शाम को ओपन प्लेनरी होगी। इस दौरान पीएम मोदी कई नेताओं से द्विपक्षीय बातचीत भी करेंगे। *चीनी राष्ट्रपति से 2 साल बाद बातचीत संभव* ब्रिक्स समिट की साइडलाइन में पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की बातचीत होने की संभावना है। विदेश मंत्रालय ने कल ही बताया कि भारत और चीन के बीच लद्दाख में पेट्रोलिंग को लेकर समझौते पर सहमति बन गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ऐसे में पीएम मोदी और जिनपिंग की बातचीत हो सकती है। अगर ऐसा होता है तो 2 साल बाद दोनों नेता आपस में बातचीत करेंगे। दोनों के बीच आखिरी बार 2022 में इंडोनेशिया के बाली में जी20 समिट के दौरान मुलाकात हुई थी। हालांकि पिछले साल साउथ अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में हुई ब्रिक्स समिट में दोनों नेता शामिल हुए थे।
महाराष्ट्र चुनाव: कांग्रेस की CEC बैठक हुई पूरी, 63 सीटों पर चर्चा, जानिए कब जारी होगी लिस्ट

डेस्क: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति (CEC) की बैठक खत्म हो गई है। बैठक में 63 सीटों पर चर्चा हुई है। कांग्रेस के उम्मीदवारों की पहली लिस्ट 23 अक्टूबर को आ सकती है। कांग्रेस को महा विकास अघाड़ी (MVA) में 110 से अधिक सीटें मिल सकती हैं। आज की बैठक में 63 नामों पर चर्चा हुई, जिसमें 50 नाम सिंगल है। हालांकि, हरियाणा से सबक लेते हुए पार्टी सिंगल नामों पर भी मंथन कर रही है। आज 10 से 12 ऐसी सीटों पर चर्चा हुई, जिसमें एक से ज्यादा नाम है।

दरअसल, विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी यानी MVA के घटक दलों के बीच सीट शेयरिंग पर अभी तक बात नहीं बन पाई है। इसे लेकर महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने कहा, "हमने आज 96 सीटों पर चर्चा की है। चर्चा में कुछ सीटें हैं, लेकिन हमने उन पर बात नहीं की। हम कल शरद पवार और उद्धव ठाकरे से बात करेंगे। जहां तक 30-40 सीटों पर बंटवारे की समस्या है, तो हम इसका रास्ता निकालेंगे।" बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की सभी 288 सीटों पर 20 नवंबर को वोटिंग है। इसके लिए सत्तारूढ़ गठबंधन महायुति में शामिल सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी ने 99 सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है।

इसके अलावा समाजवादी पार्टी ने महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी से 12 सीटों की मांग की है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने शनिवार को धुले विधानसभा सीट से उम्मीदवार की घोषणा की। इसके बाद मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि हमने MVA से 12 सीटें मांगी हैं। सीटों की डीटेल्स भी उन्हें भेज दी गई हैं। इससे पहले सपा ने शुक्रवार को शिवाजी नगर से अबू आजमी, भिवंडी ईस्ट से मौजूदा विधायक रईस शेख, भिवंडी वेस्ट से रियाज आजमी और मालेगांव मध्य से शान-ए-हिंद को प्रत्याशी बनाया था। सपा के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष और विधायक अबू आजमी ने कहा कि हमने पांच उम्मीदवारों की घोषणा की है ताकि महा विकास अघाड़ी को पता चले कि हम यहां मजबूत हैं, वरना वे बैठक में बताएंगे कि आपका प्रत्याशी मजबूत नहीं है।

जम्मू-कश्मीर में श्रमिकों की मौत पर भड़के LG मनोज सिन्हा, बोले – 'ऐसी कार्रवाई करेंगे जिसे आतंकवादी...'

डेस्क: जम्मू-कश्मीर के गांदेरबल क्षेत्र में रविवार को बड़ा आतंकी हमला हुआ। गांदेरबल के गगनगीर में एक निर्माण स्थल पर हुए आतंकवादी हमले में कुल 6 श्रमिकों और 1 डॉक्टर की मौत हो गई है। अब इस पूरी घटना पर जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने आतंकवादियों को कड़ी चेतावनी जारी की है। एलजी मनोज सिन्हा ने कहा है कि सुरक्षा बल गांदेरबल में हुए क्रूर आतंकी हमले में जान गंवाने वाले श्रमिकों की मौत का बदला लेंगे और ऐसी कार्रवाई करेंगे जिसे आतंकवादी भविष्य में भी याद रखेंगे।

जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने गांदेरबाल में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की और कहा कि इस घटना के पीछे जो भी लोग हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। एलजी ने बताया कि जम्मू-कश्मीर पुलिस, सेना और सुरक्षा बलों को पूरी आजादी दे दी गई है। वे सुनिश्चित करेंगे कि आतंकवादियों को उनकी कार्रवाई के लिए बहुत भारी कीमत चुकानी पड़े। हमारे बहादुर जवान जमीन पर हैं।

उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि हम इस कायरतापूर्ण हमले को नहीं भूलेंगे। उन्होंने कहा कि इस क्रूर और बर्बर हमले का बदला लिया जाएगा। जम्मू-कश्मीर पुलिस, सुरक्षा बलों से ऐसी कीमत तय करने को कहा है जिसे आतंकवादी और उनके सहयोगी आने वाले समय में याद रखेंगे। उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने आगे ये भी कहा कि पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि पड़ोसी देश से अभी भी खतरा बना हुआ है। यह अब भी इस क्षेत्र में निर्दोष लोगों को मारने और यहां शांति भंग करने की कोशिश कर रहा है।

दूसरी ओर जम्मू-कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला गांदेरबाल के गगनगीर आतंकी हमले में घायल हुए नागरिकों के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी लेने के लिए श्रीनगर के एसकेआईएमएस अस्पताल पहुंचे। आतंकवादियों की गोलीबारी में एक डॉक्टर और 6 निर्माण श्रमिकों की मौत हो गई थी। वहीं, कई घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बता दें कि गांदेरबाल सीएम उमर अब्दुल्ला का विधानसभा क्षेत्र है।

बाबा सिद्दीकी हत्याकांड मामले में बढ़ी 4 आरोपियों की रिमांड, पुलिस अब सभी को आमने-सामने बिठाकर करेगी पूछताछ

डेस्क: बाबा सिद्दीकी हत्या कांड मामले में आज मुंबई पुलिस को 4 आरोपियों की कस्टडी फिर से मिल गई है। इन सभी आरोपियों की रिमांड आज खत्म हो रही थी, जिस कारण पुलिस ने आज कोर्ट में इन सभी को पेश किया। कोर्ट ने पुलिस की दलील सुनने के बाद इन आरोपियों की कस्टडी बढ़ा दी है। बता दें कि अभी तक इस मामले में पुलिस 10 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।

पुलिस को जिन आरोपियों को कोर्ट में पेश किया था उनके नाम धर्मराज कश्यप, गुरनैल सिंह, हरीश बालक राम और प्रवीण लोनकर हैं। कोर्ट ने सुनवाई करते हुए इन सभी आरोपियों को 25 अक्टूबर तक फिर से पुलिस कस्टडी में भेजा दिया है। पुलिस ने कोर्ट से कहा कि इन चारों को अन्य आरोपियों के साथ बिठाकर पूछताछ करना है जिस कारण हमें थोड़ा और समय चाहिए।

पुलिस ने आगे कोर्ट को बताया कि फिलहाल आरोपियों के कई लिंक आपस में मिल रहे हैं जिसको लेकर जांच करनी है। साथ ही पैसे का ट्रांजैक्शन और अन्य आरोपियों के साथ क्या संबंध है यह भी जानना है। इसके अलावा, आरोपियों द्वारा जो बयान दिए गए हैं इसकी पुष्टि करना भी आवश्यक है इसीलिए जांच के लिए कस्टडी दी जानी चाहिए। वहीं, पुलिस ने जिन अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, उन्हें आमने-सामने बिठाकर पूछता की जाएगी ताकि केस को ठीक तरह से समझा जा सके। इस पर कोर्ट ने विचार विमर्श कर हामी दी और 25 अक्टूबर तक सभी को पुलिस कस्टडी में भेज दिया।

गौरतलब है कि पुलिस ने बाबा सिद्दीकी के हत्याकांड में अब तक दो शूटर्स समेत कुल 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया है और ये सभी आरोपी पुलिस की कस्टडी रिमांड में हैं। बता दें कि बाबा सिद्दीकी की 12 अक्टूबर को बांद्रा में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसके बाद इस हत्या की जिम्मेदारी एक फेसबुक पोस्ट के जरिए लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने ली थी।

पूर्वी लद्दाख सीमा विवाद में भारत और चीन के बीच हो गया बड़ा समझौता, विदेश सचिव ने दी जानकारी

डेस्क: भारत और चीन के बीच बीते कई वर्षों से पूर्वी लद्दाख में जारी सीमा विवाद को लेकर तनाव अब कम होने लगा है। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने जानकारी दी है कि भारतीय और चीनी सैन्य वार्ताकार एक समझौते पर पहुंच गए हैं। पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा विवाद पर विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने सोमवार को जानकारी दी है कि एलएसी पर पेट्रोलिंग को लेकर दोनों देशों के बीच सहमति बन गई है।

पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच सीमा विवाद विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया है कि बीते कुछ हफ्तों में भारत और चीन के वार्ताकार इस मुद्दे पर संपर्क में रहे हैं और एक समझौते पर पहुंच गए हैं। विदेश सचिव ने बताया कि भारत और चीन के बीच बातचीत के बाद एलएसी पर पेट्रोलिंग को लेकर सहमति बनी है।

बीते कुछ समय से पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन दोनों की तरफ से एलएसी पर भारी संख्या में सेना की तैनाती की गई थी। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा है कि हाल में हुए समझौते से दोनों देशों के बीच डिस-इंगेजमेंट हो रहा है और अंततः उन मुद्दों का समाधान हो रहा है जो इन क्षेत्रों में साल 2020 में पैदा हुए थे। आपको बता दें कि भारत और चीन की सेनाओं के बीच साल 2020 में लद्दाख के गलवान में बड़ी झड़प हुई थी। इसमें दोनों देशों की सेनाओं को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा था।

भारत और चीन के बीच इस सफल समझौते की घोषणा पीएम मोदी के ब्रिक्स सम्मेलन में जाने से ठीक पहले हुई है। इस साल ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का आयोजन रूस के कजान में होने जा रहा है। इस सम्मेलन में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी हिस्सा लेंगे। दोनों देशों के नेता रूस में आमने-सामने होंगे। हालांकि, अब तक दोनों नेताओं के बीच किसी बैठक को लेकर अपडेट सामने नहीं आया है।

यूपी के मथुरा में विधायक के परिजनों की दबंगई, ICU में अस्पताल कर्मियों पर बरसाए लात-घूंसे, वीडियो वायरल, दोनों पक्षों ने थाने में की शिकायत

यूपी के मथुरा के थाना हाइवे के अंतर्गत महोली रोड स्थित डीएस हॉस्पिटल में रविवार सुबह हॉस्पिटल कर्मी और भाजपा विधायक के परिजनों में मारपीट हो गई। इस घटना से हॉस्पिटल में भर्ती मरीज और उनके परिजनों में अफरा-तफरी मच गई। हॉस्पिटल में की गयी मारपीट का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इस वीडियो में विधायक के परिजन अस्पताल स्टॉफ को पीटते हुए दिख रहे हैं। वहीं, घटना के संबंध में दोनों पक्षों ने पुलिस को तहरीर दी है।

डॉक्टर ने विधायक के भाई-भतीजे समेत अन्य नामजदों पर आईसीयू में घुसने से रोकने पर कर्मचारियों के साथ जमकर मारपीट और तोड़फोड़ का आरोप लगाया है। वहीं, विधायक के पीआरओ ने हॉस्पिटल स्टॉफ पर मारपीट कर नकदी, चेन छीनने का आरोप लगाया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। आईएमए ने घटना पर नाराजगी व्यक्त की है।

जानकारी के अनुसार रविवार सुबह करीब आठ बजे कुछ लोग महोली रोड स्थित डीएस हॉस्पिटल में घुसे। हॉस्पिटल संचालक डा. ललित वार्ष्णेय का कहना है कि भाजपा के मांट विधानसभा क्षेत्र के विधायक राजेश चौधरी की मां प्रेमवती भर्ती थीं। तबीयत ठीक न होने पर उनको आईसीयू में भर्ती किया गया। आरोप लगाया कि प्रतापगनगर के रहने वाले विधायक के भाई जितेन्द्र सिंह, संजय चौधरी, विधायक प्रतिनिधि जसवंत, भतीजा देव चौधरी जबरन आईसीयू में घुसने लगे तो स्टाफ ने रोका। आईसीयू में मोबाइल से वीडियो बनाने लगे। वीडियो बनाने के लिए भी मना किया।

इसी बात पर आधा दर्जन से अधिक लोगों ने स्टाफ के प्रताप एवं सत्यपाल को पकड़ कर मारपीट शुरू कर दी। उनके चोटें भी आई हैं। इनका मोबाइल फोन तोड़ने के साथ ही हॉस्पिटल में भी तोड़फोड कर दी, जिससे काफी नुकसान हुआ है। अचानक हुए इस घटनाक्रम से हॉस्पिटल परिसर में अफरा-तफरी मच गई। आईसीयू में भर्ती मरीज एवं उनके परिजन सहमगए। हॉस्पिटल संचालक डाक्टर ललित ने इस घटना की जानकारी आईएमए अध्यक्ष, सचिव सहित अन्य डॉक्टरों को दी। इसके बाद काफी संख्या में डॉक्टरों ने हॉस्पिटल पहुंच घटनाक्रम की जानकारी की। पीड़ित अस्पताल संचालक ने थाने में नामजद तहरीर दी है। सूचना पर पुलिस ने पहुंच मौका मुआयना किया।

विधायक प्रतिनिधि ने दी तहरीर

उधर, विधायक राजेश चौधरी के प्रतिनिधि जसवंत ने हाइवे थाने में तहरीर दी। इसमें आरोप लगाया कि वह रविवार सुबह मरीज को चाय देने गया था। आईसीयू में मरीज की फोटो खींचने पर प्रताप और हॉस्पिटल स्टॉफ ने गाली गलौज कर धमकी देते हुए मारपीट की। विरोध करने पर बाहर के लड़कों को बुला कर कैंची व रॉड से मारपीट कर घायल कर कमरे में बंधक बना लिया और उसकी जेब से सात सौ रुपये और सोने की चेन छीन ली। बाद में उसने घर फोन किया तो वहां से आये लोगों ने उसे वहां से निकाला। तहरीर में कहा है कि इस दौरान हॉस्पिटल संचालक डा. ललित वार्ष्णेय ने जान से मारने की धमकी, फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकी दी। वहीं विधायक राजेश चौधरी ने बताया कि उनके परिजन सुबह चाय देने गए थे। वहां फोटो खींचने पर अस्पताल स्टाफ ने उनसे मारपीट की। उनके परिजनों पर लगाए गए आप निराधार हैं।