प्रधान आरक्षक की पत्नी और बेटी की हत्या करने वाले आरोपी के घर में लोगों ने लगाई आग
सूरजपुर- प्रधान आरक्षक की पत्नी और बेटी की बेरहमी से हत्या (Double Murder) के बीच एक बड़ी खबर सामने आई है. हत्याकांड से गुस्साई भीड़ ने आरोपी कुलदीप के घर को आग के हवाले कर दिया है. घटनास्थल पर बड़ी संख्या में लोग मौजूद हैं. वहीं इस घटना के विरोध में व्यापारियों ने शहर बंद कर दिया है. मौके पर पुलिस बल पहुंच गई है और स्थिति को नियंत्रित करने के प्रयास में जुटी हुई है.
 
बता दें कि कोतवाली थाना में पदस्थ प्रधान आरक्षक तालिब शेख सूरजपुर रिंग रोड के पास किराए के मकान में पत्नी मेहू फैज और बेटी आलिया शेख (16 वर्ष) के साथ रह रहे थे. रविवार रात प्रधान आरक्षक पेट्रोलिंग से वापस लौटे तो देखा कि घर खून से सना था. घर से पत्नी और बेटी गायब थी. जिनकी लाश सूरजपुर से करीब 5 किलोमीटर दूर पीढ़ा गांव में खेत के नहर में अर्धनग्न अवस्था में मिली. इस हत्याकांड में जिलाबदर रह चुके बदमाश कुलदीप साहू पर हत्या की आशंका है, क्योंकि रविवार के दिन ही उसने पुलिसकर्मियों पर कार चढ़ाने की कोशिश की और खौलता तेल उड़ेल दिया था.
छत्तीसगढ़ शराब घोटाला: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पूर्व IAS टुटेजा और अनवर ढेबर के खिलाफ कार्यवाही रद्द करने से किया इंकार
रायपुर- छत्तीसगढ़ के चर्चित शराब घोटाले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए छत्तीसगढ़ के पूर्व वरिष्ठ अधिकारी अनिल टूटेजा, रायपुर के महापौर के भाई अनवर ढेबर और अन्य दो के खिलाफ उत्तर प्रदेश में चल रही आपराधिक कार्यवाही को रद्द करने से इंकार कर दिया है। जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा और जस्टिस राम मनोहर नारायण मिश्रा की खंडपीठ ने यह फैसला सुनाया, जिसे टूटेजा और उनके साथियों के लिए एक बड़ी कानूनी शिकस्त के रूप में देखा जा रहा है।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने इस घोटाले से जुड़े प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दायर मनी लॉन्ड्रिंग मामले को पहले ही खारिज कर दिया था, बावजूद इसके, हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश में चल रही आपराधिक कार्यवाही को जारी रखने का आदेश दिया है। कोर्ट ने माना कि मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (PMLA) की धारा 50 के तहत दर्ज किए गए गवाहों के बयान, जिन्हें उत्तर प्रदेश पुलिस के साथ साझा किया गया था, जांच और अभियोजन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का वैध आधार हो सकते हैं।

कोर्ट ने अपने फैसले में कहा, “यह तर्क स्वीकार नहीं किया जा सकता कि PMLA की धारा 50 के तहत दर्ज किए गए बयान कभी भी आपराधिक जांच के लिए आधार नहीं बन सकते।” कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि हालांकि ये बयान अदालत में स्वीकार्य सबूत के तौर पर नहीं माने जा सकते, फिर भी इन्हें जांच की दिशा में उपयोग किया जा सकता है।

दरअसल, इस मामले में अनिल टूटेजा, अनवर ढेबर, अरुण पति त्रिपाठी और निरंजन दास पर आरोप है कि उन्होंने 2,200 करोड़ रुपये के शराब सिंडिकेट का संचालन किया, जो मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कार्यकाल के दौरान छत्तीसगढ़ में सक्रिय था। इस घोटाले में टेंडर प्रक्रिया में भारी अनियमितताएं हुईं, खासकर एक नोएडा स्थित कंपनी से जुड़े मामलों में, जिसने छत्तीसगढ़ आबकारी विभाग को होलोग्राम्स की आपूर्ति की थी। ये होलोग्राम्स शराब की बोतलों पर लगने वाले आबकारी शुल्क की ट्रैकिंग के लिए अहम थे।

अनिल टूटेजा का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ दवे ने कोर्ट में यह तर्क दिया कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा ईडी की अभियोजन शिकायत को खारिज करने के बाद इस आपराधिक मामले को भी रद्द कर दिया जाना चाहिए। हालांकि, उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता पीके गिरी ने सफलतापूर्वक यह दलील दी कि उत्तर प्रदेश में दर्ज एफआईआर भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी), 468 (जालसाजी), 471 (जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल), और 120-बी (आपराधिक साजिश) के तहत संज्ञेय अपराधों को दर्शाती है।

अदालत ने माना कि याचिकाकर्ताओं के खिलाफ आरोप गंभीर हैं और जांच को जारी रखने के लिए पर्याप्त आधार हैं। इस फैसले के साथ, सभी आरोपियों, जिनमें अनवर ढेबर भी शामिल हैं, के खिलाफ उत्तर प्रदेश में कानूनी प्रक्रिया जारी रहेगी।

प्रदेश में कानून-व्यवस्था को लेकर पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने उठाए सवाल, कहा-
रायपुर-    सूरजपुर के कोतवाली थाने में पदस्थ प्रधान आरक्षक की पत्नी और बेटी की बेरहमी से हत्या (Double Murder) कर दी गई है. दोनों की लाश घर से करीब 5 किलोमीटर दूर पीढ़ा गांव में नहर के पास खेत में संदिग्ध हालात में मिली है. इस हत्याकांड के बाद प्रदेश में सियासत भी गरमा गई है. पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़वासी बहुत ही कष्ट के साथ प्रदेश को एक ‘भयावह अपराध प्रदेश’ में तब्दील होते हुए देख रहे हैं. प्रधान आरक्षक की पत्नी और बेटी की बेरहमी से हत्या ने एक बार फिर सरकार और कानून-व्यवस्था की निष्क्रियता को उजागर किया है.

इस हत्या को लेकर पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने एक्स पर एक पोस्ट शेयर किया है. उन्होंने पोस्ट में लिखा, सभी छत्तीसगढ़ वासी बहुत ही कष्ट के साथ प्रदेश को एक ‘भयावह अपराध प्रदेश’ में तब्दील होते हुए देख रहे हैं. अपराधी निर्भीक हैं जैसे उन्हें या तो प्रशासन का डर नहीं, या उसके समर्थन पर पूरा भरोसा है.

सूरजपुर में प्रधान आरक्षक की पत्नी और बेटी की बेरहमी से हत्या ने एक बार फिर सरकार और कानून-व्यवस्था की निष्क्रियता को उजागर किया है. जब एक पुलिसकर्मी के परिवार को इस तरह के खतरे में है, तो आम नागरिकों की सुरक्षा का क्या हाल होगा? सरकार की सुरक्षा व्यवस्था में चूक ने हमारे समाज को एक डरावने भविष्य में धकेल दिया है. दुर्दांत अपराधी निर्मम हत्याएं जैसे भयंकर से भयंकर अपराध कर किस प्रकार फरार हो जा रहे हैं – क्यों पुलिस प्रशासन को इतना कमज़ोर कर दिया गया है कि वो स्वयं खतरे में हैं? क्यों लगातार हो रहे अपराध और समाज में फैलते भय के बाद भी सरकार में सुधार की कोई योजना नहीं है? भाजपा सरकार जवाब दे कि आखिर कब तक प्रदेश को ऐसी बर्बरता और अराजकता को सहन करना पड़ेगा? याद रहे हमारे सुरक्षा बल और उनके परिवार भी छत्तीसगढ़ परिवार का हिस्सा हैं- उनके विरुद्ध ऐसे अन्याय और अपराध नाकाबिले बर्दाश्त हैं. अब और खामोशी नहीं!.

प्रधान आरक्षक की पत्नी और बेटी की हत्या, एसपी सहित आलाधिकारी पहुंचे मौके पर …
सूरजपुर-   छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले से हत्या का सनसनीखेज मामला सामने आया है. जहां सूरजपुर कोतवाली थाने में पदस्थ प्रधान आरक्षक की पत्नी और बेटी की बेरहमी से हत्या (Double Murder) कर दी गई है. दोनों की लाश घर से करीब 5 किलोमीटर दूर पीढ़ा गांव में नहर के पास खेत में संदिग्ध हालात में मिली है. इस घटना से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है. यह मामला कोतवाली थाना क्षेत्र का है.

घटना की सूचना मिलते ही सूरजपुर के पुलिस अधीक्षक समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंच गए. पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है. फिलहाल, पुलिस टीम आरोपी की सरगर्मी से तलाश में जुटी हुई है.

मिली जानकारी के अनुसार, कोतवाली थाना में पदस्थ प्रधान आरक्षक तालिब शेख सूरजपुर रिंग रोड के पास किराए के मकान में पत्नी मेहू फैज और बेटी आलिया शेख (16 वर्ष) के साथ रह रहे थे. रविवार रात प्रधान आरक्षक पेट्रोलिंग से वापस लौटे तो देखा कि घर खून से सना था. घर से पत्नी और बेटी गायब थी. जिनकी लाश आज सुबह सूरजपुर से करीब 5 किलोमीटर दूर पीढ़ा गांव में खेत के नहर में अर्धनग्न मिली. इस हत्याकांड में जिलाबदर रह चुके बदमाश कुलदीप साहू पर हत्या की आशंका है, क्योंकि रविवार के दिन ही उसने पुलिसकर्मियों पर कार चढ़ाने की कोशिश की और खौलता तेल उड़ेल दिया था.

पुलिसकर्मी के साथ कुलदीप का हुआ था विवाद

मामले में जानकारी देते हुए एडिशनल एसपी संतोष कुमार महतो ने बताया कि रविवार को सूरजपुर के चौपाटी में एक पुलिसकर्मी से कुलदीप साहू ने बहस किया. यह कह कर की तुम्हारी पुलिस मेरे जीना हराम कर रखी है. जिसपर आरक्षक ने कहा मैं तो एक आरक्षक हूं, वरिष्ठ अधिकारी जो कर रहे होंगे मुझे क्या पता तो उसने होटल से खौलते हुए कड़ाई भरी तेल फेंक दिया. इसमें आरक्षक पूरी तरह से जल गया. इसके बाद उसे इलाज के लिए अंबिकापुर रेफर किया गया. मामले की जानकारी के बाद कुलदीप के खिलाफ अपराध दर्ज कर उसकी तलाश शुरू की गई. इस दौरान अंधेरे में वह एक कर में बैठा हुआ था इस दौरान उसने पैदल खोजबीन कर रहे पुलिस वालों पर गाड़ी चढ़ाने का प्रयास किया.

इसी बीच शहर से बाहर स्थित प्रधान आरक्षक के तालिब शेख घर जा पहुंचा तभी तालिब शेख की पत्नी ने अपने पति को कॉल किया. लेकिन बात नहीं हो पाई. उसके बाद तालिब शेख ने भी अपनी पत्नी से कांटेक्ट करने की कोशिश की लेकिन बात नहीं हो पाई. जिसके बाद प्रधान आरक्षक को अंदेशा हुआ और घर पहुंचा. जहां प्रधान आरक्षक शेख ने देखा कि घर में फूल फैला हुआ था, बीवी और बच्ची घर पर नहीं थे. इसके बाद दोनों की तलाश चलती रही. वहीं घर के बाहर चाकू मिला और काफी सरगर्मी से तलाश शुरू की गई तो पत्नी और बेटी की लाश शहर के करीब 5 किलोमीटर दूर मिली.

कुलदीप लगातार कार्रवाई था से नाराज

हत्या की वारदात के बाद खबर यह भी सामने आई है कि कुलदीप कोतवाली पुलिस की लगातार कार्रवाई से नाराज था. ऐसे में कुलदीप के भाई संदीप ने एक व्यक्ति को छत से धक्का दे दिया था. मामले की शिकायत पर जब पुलिस ने संदीप को गिरफ्तार किया तो उसके भाई कुलदीप ने बहुत हुज्जत की थी. विवाद तब और गहराया जब जिला बदर हो चुके कुलदीप के चाचा के खिलाफ जिला बदर की अवहेलना के मामले में कार्रवाई की गई. बताया जा रहा है कि पुलिस की लगातार कार्रवाई से कुलदीप बौखलाया हुआ था.

सर्वसम्मति से छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष चुने गए सलीम राज

रायपुर-  छत्तीसगढ़ के इतिहास में पहली बार वक्फ बोर्ड अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव प्रस्ताव लाया गया. इसके बाद सलीम राज को सर्वसम्मति से छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष चुने गए. छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष ग़ुलाम मिन्हाजुद्दीन के खिलाफ कांग्रेस सरकार के समय नियुक्त वक़्फ़ बोर्ड के सदस्य इमरान मेमन, पूर्व विधायक खुज्जी, फ़िरोज़ ख़ान, फैसल रिज़वी और भाजपा सरकार में नियुक्त सदस्य सलीम राज ने वर्तमान राज्य शासन के समक्ष अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था. अविश्वास प्रस्ताव के लिए दशरथ लाल साहू पिछड़ा वर्ग और अल्प संख्यक विकास विभाग पीठासीन अधिकारी नियुक्त किए गए थे.

पीठासीन अधिकारी दशरथ लाल साहू ने इस प्रस्ताव के संबंध में वक़्फ़ बोर्ड के सभी सदस्यों को 26/09 /2024 की तारीख़ वाली नोटिस जारी की थी। अविश्वास प्रस्ताव की कारवाई के लिए दिनांक 14/10/2024 को दिन के साढ़े दस बजे वक़्फ़ बोर्ड कार्यालय में हाजिर होने की जानकारी दी गई थी। वक़्फ़ बोर्ड के सदस्य रियाज़ हुसैन ने इस नोटिस को हाई कोर्ट में चुनौती दी है। उनके द्वारा धारा 20क के तहत लाए गए अविशवास प्रस्ताव के संबंध में 20 क (घ)के परंतुक के तहत यह प्रावधान है :- ऐसी बैठक की सूचना कम से कम (एटलीस्ट) 15 दिन पहले दी जाएगी। अविश्वास प्रस्ताव की बैठक नोटिस तामिली दिनांक के 15 दिन के भीतर की जा रही जो धारा 20 क (घ) के (मेंडेटरी)अनिवार्य आदेशात्मक प्रावधान का उल्लंघन है बताया है.

इस आदेश की कोई प्रति की तमीली रियाज हुसैन ने नहीं होना बताया, जबकि अविश्वास प्रस्ताव के लिए पीठासीन अधिकारी उसी विभाग का नहीं होना चाहिए। वक़्फ़ एक्ट में स्पष्ट लिखा है कि इस नोटिस के तामील होने के बाद भी कम से कम 15 दिन बाद अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होने के लिए बैठक बुलाई जा सकती थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। रियाज ने अपने अविश्वास प्रस्ताव के लिए नियुक्त नए पीठासीन अधिकारी मार्टिन लकड़ा को आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग के प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा के कार्यालय में दिनांक 09/10/2024 को एक तीन पेज की कई बिंदुओं वाली आपत्ति प्रस्तुत की, जिसमें बोर्ड के तीन सदस्य इमरान मेमन, फ़िरोज़ ख़ान और फैज़ल रिज़वी के वक़्फ़ बोर्ड के सदस्य के रूप में अधिवक्ता अज़ीमुद्दीन के द्वारा चुनौती देने की जानकारी याचिका पर 14/10/2024 से प्रारंभ होने वाले सप्ताह में लिस्ट होना है।

अधिवक्ता अज़ीमुद्दीन की रिट याचिका 1947/2023 सिविल में पारित अंतरिम आदेश दिनांक 27/04/2023 की प्रति भी लगाई है, जिसमें आदेशित किया गया है कि याचिका के लंबित रहने के दौरान छत्तीसगढ़ राज्य वक़्फ़ बोर्ड द्वारा लिए गए सभी निर्णय उपरोक्त याचिका में पारित होने वाले अंतिम आदेश के अधीन रहेंगे। आपत्तिकर्ता रियाज हुसैन छत्तीसगढ़ वक़्फ़ बोर्ड द्वारा अपनी आपत्ति में उच्च न्यायालय का हवाला देकर अविश्वास प्रस्ताव की कारवाई को आगे बढ़ाना आदेश की अवमानना बताया है। उक्त आपत्तियों के बावजूद देखने वाली बात है कि पीठासीन अधिकारी मार्टिन लकड़ा अवर सचिव पशुधन विभाग छत्तीसगढ़ शासन क्या निर्णय इन आपत्तियों का करते हैं।

‘मनखे मनखे एक समान’ की सोच पर चल रही है छत्तीसगढ़ सरकार – विष्णु देव साय

रायपुर-      मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज रायपुर जिले के भंडारपुरी धाम में गुरुदर्शन और संत समागम मेला में शामिल हुए। उन्होंने भण्डारपुरी धाम में सतनामी समाज गुरुगद्दी आसन के दर्शन और पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों की खुशहाली और सामाजिक समरसता की कामना की। उन्होंने सतनामी समाज के गुरुओं को सामाजिक एकता और भाईचारे का प्रेरणास्रोत बताया। मुख्यमंत्री ने इस दौरान गुरु घासीदास की कर्मभूमि भंडारपुरी धाम को सजाने-संवारने के लिए कई कार्यों की घोषणा की। उन्होंने प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले भंडारपुरी मेला के लिए हर साल 20 लाख रुपए और मेलास्थल के विकास के लिए 30 लाख रुपए देने की घोषणा की। मुख्यमंत्री श्री साय ने भंडारपुरी में मिनी स्टेडियम के जीर्णोद्धार के लिए दस लाख रुपए और अटल समरसता भवन के प्रथम तल के लिए 20 लाख रुपए देने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि भंडारपुरी के लोगों की सुविधा के लिए आंतरिक मार्गों और सड़कों को बनाने का काम और रायपुर जिले के संडी-सेजा-भंडार मार्ग के निर्माण को आगामी बजट में शामिल किया जाएगा। भंडारपुरी धाम में गुरुदर्शन और संत समागम मेला में राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा, विधायक एवं अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष गुरु खुशवंत साहेब, सांसद कमलेश जांगड़े, विधायक डोमनलाल कोर्सेवाड़ा और अनुज शर्मा सहित सतनामी समाज के अनेक धर्म गुरु तथा अनुयायी भी बड़ी संख्या में शामिल हुए।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज भंडारपुरी में लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे सनातन धर्म में गुरु का बड़ा महत्व है। छत्तीसगढ़ की सरकार गुरु घासीदास के बताए ‘मनखे मनखे एक समान’ के मार्ग पर चल रही है। हम सभी धर्मों, जातियों और समाजों के विकास के लिए कृत संकल्पित हैं। हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के ध्येय पर चलकर देश का विकास कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री श्री साय ने अपने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राज्य के जरूरतमंद परिवारों के लिए 18 लाख आवासों की गारंटी दी थी। हमारी सरकार बनने के दूसरे ही दिन हमने कैबिनेट की बैठक में 18 लाख आवासों की स्वीकृति दी थी। प्रधानमंत्री ने अभी हाल ही में छत्तीसगढ़ में आठ लाख 46 हजार 991 आवासों की स्वीकृति दी है। जैसे-जैसे आवासों का निर्माण पूरा होता जा रहा है, वैसे-वैसे हितग्राहियों को आवासों की चाबी सौंपी जा रही है। उन्होंने कहा कि हमने किसानों से 3100 रुपए प्रति क्विंटल के भाव से प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान खरीदकर मोदी जी की गारंटी को पूरा किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम राज्य के स्कूलों को संवार रहे हैं और उनमें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के वातावरण का निर्माण कर रहे हैं। पीएम श्री योजना में प्रदेश के 341 स्कूलों का अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ उन्नयन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अभी हाल ही में 2 अक्टूबर को प्रारंभ हुई जनजातीय ग्राम उत्कर्ष योजना का लाभ छत्तीसगढ़ के छह हजार गाँवों तक पहुंचेगा।

राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने भंडारपुरी धाम में लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि गुरु घासीदास बाबा के छठवें वंशज आज हमारे साथ यहां मौजूद है, यह हमारा सौभाग्य है। हम गुरु घासीदास के बताए रास्ते पर चलें और राज्य के विकास में सहभागी बने। हमारे मुख्यमंत्री ने केवल सौ दिनों में ही मोदी जी की अधिकांश गारंटियां पूरी कर दी हैं। डबल इंजन की सरकार दुगुने रफ़्तार से राज्य का विकास कर रही है।

विधायक खुशवंत साहेब ने अपने संबोधन में कहा कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ का साँय-साँय विकास हो रहा है। उन्होंने भण्डारपुरी धाम मेला के इतिहास को रेखांकित करते हुए कहा कि राजा बालकदास जी के सम्मान में यहां मेला आयोजित होता है। यहां धर्म मंच से सतनाम के आदर्श और ज्ञान को बताया जाता है। गुरु बालदास जी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि आज के दिन ही गुरु बालकदास जी ने राजा की पदवी धारण की और भंडारपुरी को अपनी कर्मभूमि के रूप में स्थापित किया था। सतनामी समाज के सभी संघ-समिति-संस्था एक सूत्र में बंधे, पूरा समाज एकजुट हो और आगे बढ़े।

पूर्व IAS रीता शांडिल्य बनी छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की सदस्य, कार्यकारी अध्यक्ष का दायित्व संभालेंगी

रायपुर-   सेवानिवृत्त IAS अधिकारी रीता शांडिल्य छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की सदस्य नियुक्त की गई हैं. सामान्य प्रशासन विभाग ने उनकी नियुक्ति की अधिसूचना जारी कर दी है. पूर्णकालिक अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं होने तक रीता शांडिल्य कार्यकारी अध्यक्ष का दायित्व भी संभालेंगी. छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (सेवा की शर्तें) विनियम 3(2) के प्रावधानों के अधीन उन्हें अध्यक्ष के प्रशासकीय कर्तव्यों के पालन के लिए अधिकृत किया गया है. अब तक डाॅक्टर प्रवीण वर्मा बतौर कार्यकारी अध्यक्ष कार्यभार संभाल रहे थे. डाॅक्टर वर्मा की नियुक्ति कांग्रेस सरकार में सदस्य के रूप में की गई थी.

देखें आदेश की कॉपी:

वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने रायगढ़ में 12.90 करोड़ के निर्माण कार्यों का किया भूमिपूजन

रायपुर-    वित्त मंत्री ओपी चौधरी की पहल से रायगढ़ जिले में विकास कार्यों की लगातार सौगात मिल रही है। इसी क्रम में वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने आज लोईंग महापल्ली क्षेत्र में 12 करोड़ 90 लाख की लागत के विकास कार्यों का भूमिपूजन किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि हमारा सिर्फ एक ही ध्येय है कि रायगढ़ का अधिक से अधिक विकास हो। यहां अधोसंरचना विकास और जन सुविधा से जुड़े निर्माण कार्यों को लगातार स्वीकृति दी जा रही है। इस दौरान सड़क निर्माण कार्यों के साथ लोईंग में बनने वाले आईटीआई भवन निर्माण के साथ ही बटमुल आश्रम महाविद्यालय में अतिरिक्त निर्माण कक्ष का भी भूमिपूजन किया गया है।

वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में हमारी सरकार लगातार विकास कार्यों को आगे बढ़ाने का काम कर रही हैं। निर्माण कार्यों को मंजूरी देने के बाद अब बारिश खत्म होते ही सभी कार्यों के टेंडर प्रक्रिया पूरी कर निर्माण कार्य शुरू करवाया जा रहा है। जिससे इन सुविधाओं का लाभ क्षेत्रवासियों को मिल सके। उन्होंने अधिकारियों और ठेकेदारों से कहा कि निर्माण कार्यों में गुणवत्ता और समय-सीमा इन दो बातों का विशेष रूप से ध्यान रखें। काम की क्वालिटी से कहीं भी समझौता नहीं चलेगा, निर्धारित समय-सीमा में काम पूरा कर लिया जाए। उन्होंने कहा कि महापल्ली में 29 लाख की लागत से महतारी सदन का निर्माण होगा। जिसका संचालन महिलाओं द्वारा ही किया जायेगा।
इस अवसर पर सीईओ जिला पंचायत जितेन्द्र यादव, विजय अग्रवाल, सुकलाल चौहान, सूरत पटेल, अनंत राम चौहान, एन. आर. प्रधान, ईई पीडब्ल्यूडी अमित कश्यप, एसडीओ एम.एस.नायक सहित बड़ी संख्या में क्षेत्रवासी उपस्थित थे।

3.44 करोड़ से लोईंग में आईटीआई भवन का होगा निर्माण

वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि आईटीआई भवन निर्माण से यहां पढ़ऩे वाले छात्रों को बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर का लाभ मिलेगा। साथ ही यहां नए ट्रेड भी शुरू किए जा सकेंगे। उन्होंने कहा कि आईटीआई से छात्र स्किल सीखते हैं जो यहां उद्योगों में रोजगार पाने के साथ ही खुद का व्यवसाय शुरू करने में उन्हें मदद करेगा। इस मौके पर उन्होंने मौजूद छात्रों को मन लगाकर पढऩे और हुनरमंद बन अपने जीवन को सही दिशा में आगे बढ़ाने की बात कही। 12 करोड़ 90 लाख की लागत के इन कार्यों का हुआ भूमिपूजन

वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने 12 करोड़ 90 लाख रुपए के निर्माण कार्यों का भूमिपूजन किया। जिसमें 5 करोड़ 46 लाख रूपए से रायगढ़-लोईंग महापल्ली जामगांव मार्ग का निर्माण कार्य लम्बाई-8.60 कि.मी, 2 करोड़ 8 लाख की लागत से कोतरलिया बस्ती पहुंचमार्ग का निर्माण लंबाई 1.55 कि.मी., 1 करोड़ 83 लाख की लागत से बस्ती जामगांव-छुहीपाली-जूनाडीह मार्ग का निर्माण कार्य, लंबाई 2.40 कि.मी., 3 करोड़ 44 लाख की लागत से लोईंग महापल्ली में नवीन आई.टी.आई. भवन का निर्माण कार्य तथा बटमूल आश्रम कॉलेज में विधायक मद अंतर्गत स्वीकृत 7 लाख 67 हजार की लागत से अतिरिक्त कक्षों के निर्माण कार्य शामिल हैं।

ओडिशा से जोड़ने वाले कोयलंगा नाला पुल का निर्माण प्राथमिकता से करें पूरा-वित्तमंत्री श्री चौधरी

अंचल के लोगों के आवागमन की सुविधा को देखते हुए वित्त मंत्री श्री ओपी चौधरी ने 2 करोड़ 89 लाख की लागत से बनने वाले कोयलंगा पुल के निर्माण कार्य को प्रारंभ करवाते हुए काम को तेजी से पूरा करने के निर्देश ईई पीडब्ल्यूडी को दिए। उन्होंने कहा कि इससे इस क्षेत्र के लोगों की ओडिसा से कनेक्टिविटी बेहतर होगी और उन्हें कम दूरी तय करनी पड़ेगी। पुल निर्माण कार्य प्रारंभ होने पर स्थानीय निवासियों ने हर्ष जताते हुए वर्षों से लंबित मांग को पूरा करने पर वित्त मंत्री श्री चौधरी को धन्यवाद दिया।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने भण्डारपुरी धाम में गुरुगद्दी आसन के दर्शन कर प्रदेश की खुशहाली की कामना की

रायपुर-    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज भण्डारपुरी धाम में सतनामी समाज के गुरुगद्दी आसन का दर्शन कर पूजा अर्चना की। उन्होंने प्रदेश की खुशहाली और सामाजिक समरसता की कामना की।

मुख्यमंत्री श्री साय ने सतनामी समाज के धर्म गुरुओं को सामाजिक एकता और भाई-चारे का प्रेरणा श्रोत बताया। इस दौरान राजा धर्म गुरु श्री बालदास साहेबजी राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा, विधायक एवं अनुसूचित विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष गुरु खुशवंत साहेब, जांजगीर सांसद कमलेश जांगड़े, विधायक अनुज शर्मा, विधायक डोमनलाल कोर्सेवाडा सहित सतनामी समाज के अनेक धर्म गुरु, राज महंत, जिला महंत, संत समाज और बड़ी संख्या में अनुयायी, जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने यहां गुरु निवास में गुरुप्रसादी ग्रहण किया। उन्होंने तलघर का भी अवलोकन किया और उससे जुड़े इतिहास की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने गुरु परिवार के साथ भेंट की।

घर-परिवार से दूर तूता धरना स्थल पर डीएड अभ्यर्थियों ने किया रावण दहन, नियुक्ति की उठाई मांग
रायपुर-  दशहरा महापर्व के अवसर पर जब पूरे छत्तीसगढ़ में लोग अपने परिवारों के साथ विजयदशमी मना रहे थे, तब दूसरी ओर डीएड (डिप्लोमा इन एजुकेशन) अभ्यर्थियों ने तूता नवा रायपुर में अनिश्चितकालीन धरना पर बैठे हजारों युवाओं ने रावण का पुतला दहन किया. चौंकाने की बात यह है कि सर्वोच्च न्यायालय से जीतने के बाद हाईकोर्ट सुप्रीम कोर्ट के आदेश के पालन के लिए डीएड अभ्यर्थियों अनिश्चितकालीन हड़ताल में बैठना पड़ा है. डीएड अभ्यर्थियों की सिर्फ एक ही मांग है सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पालन कर सहायक शिक्षक पद पर नियुक्ति दिया जाए.

डीएड अभ्यर्थी सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के आदेशानुसार जल्द सहायक शिक्षक पद पर नियुक्ति देने की मांगों को लेकर 2 अक्टूबर 2024 से तूता धरनास्थल पर हजारों कि संख्या में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं. ज्ञात हो की डीएड की नियुक्ति का आदेश हाई कोर्ट ने 7 माह पहले दिया था. साथ ही सुप्रीम कोर्ट का आदेश आए 1 माह से अधिक हो गया सरकार और विभाग ने अभी तक आदेश का पालन नहीं किया है. डीएड वालों को नियुक्ति नहीं दिया है. संविधान और न्यायपालिका के आदेश का अब तक पालन नहीं होने से डिप्लोमा अभ्यर्थी आहत है.

तूता धरना स्थल पर डीएड अभ्यर्थियों का प्रदर्शन 2 अक्टूबर 2024 से शुरू हुआ है जो अनिश्चितकालीन नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होने तक जारी रखने का प्रण डीएड वालों ने किया है. वहीं धरना स्थल पर अचानक एक महिला अभ्यर्थी की तबियत बिगड़ गई, धरना स्थल में किसी प्रकार की कोई भी सुविधा नहीं है. चाहे वो मेडिकल संबंधी हो चाहे वो दैनिक क्रिया की सुविधा तक भी नहीं है. अभी फिलहाल महिला हॉस्पिटल में भर्ती है।

सुप्रीम कोर्ट से जीतने के बाद भी सहायक शिक्षक के पद पर नियुक्ति न मिलने से छत्तीसगढ़ सरकार ने डी.एड अभ्यर्थियों की स्थिति को इतनी दयनीय स्थिति में पहुंचा दिया है कि अब डी.एड युवक-युवतियों ने “मुंडन संस्कार” कराकर शीघ्र नियुक्ति दिलाने की मांग की है.

सहायक शिक्षक भर्ती 2023 का विज्ञापन 04 मई 2023 काे विज्ञापित किया गया था जिसे डीएड अभ्यर्थियों ने 30 दिवस भीतर परीक्षा पूर्व छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में याचिका (WPS3541/2023) दायर कर चैलेंज किया था. इस दाैरान सुप्रीम कोर्ट में डीएड वर्सेस बीएड विवाद का फैसला जनवरी 2023 मे सुरक्षित कर लिया गया था. जिसका फैसला 11 अगस्त 2023 को जारी किया गया. इस फैसले के अनुसार बीएड डिग्री को सहायक शिक्षक पद के लिए असंवैधानिक घोषित किया जिसके पालनार्थ में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने 21 अगस्त 2023 काे केवल डीएड अभ्यर्थियों का काउंसलिंग में भाग लेने का आदेश पारित किया था जिसे बीएड डिग्री धारकों ने सुप्रीम काेर्ट मे चैलेंज किया. जिस पर अंतरिम आदेशानुसार बीएड डिग्री धारकों का काउंसलिंग और नियुक्ति हाईकाेर्ट के अंतिम आदेश के अधीन सुप्रीम कोर्ट ने रखा, जिसपर अंतिम फैसला छत्तीसगढ़ हाईकाेर्ट ने 02 अप्रैल 2024 काे दिया जिसके अनुसार सहायक शिक्षक पद पर बीएड डिग्री धारको के स्थान पर केवल डीएड धारको की 06 सप्ताह के भीतर नियुक्ति का अंतिम आदेश पारित किया.

छत्तीसगढ़ हाईकाेर्ट के इस फैसले के विरूद्ध बीएड डिग्री धारकों ने 06 याचिका और छत्तीसगढ़ सरकार ने 02 याचिका दायर कर सुप्रीम काेर्ट में चैलेंज किया जिसे 28 अगस्त 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने इन समस्त याचिका खारिज कर डीएड के पक्ष मे फैसला दिया और हाईकोर्ट के फैसले को पूर्णतः सही ठहराते हुए इस विवाद को अंतिम रूप से निस्तारित कर फैसले को जल्द पालन करने का निर्देश छत्तीसगढ़ सरकार को दिया है.

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के आदेश काे 06 महीने और सुप्रीम कोर्ट के आदेश काे 01 महीना होने काे है, न्यायालय के इस फैसले पर विभाग और छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा आज तक कोई कार्यवाही नहीं किया गया है, जिससे काउंसलिंग कराकर अपने पद से वंचित बेरोजगाार मानसिक रूप से पीड़ित डीएड अभ्यर्थी व्यथित होकर न्याय के लिए यात्रा निकालकर विभाग और सरकार से नियुक्ति की गुहार लगा रहे हैं.