बंदी की मौत को हाई कोर्ट ने माना सरकारी कर्मचारियों की लापरवाही, शासन को दिया मुआवजा देने का आदेश…

बिलासपुर- जेल में बंदी की मौत के लिए राज्य के कर्मचारियों को जिम्मेदार मानते हुए हाई कोर्ट ने शासन को एक लाख रुपए मुआवजा देने का आदेश दिया है. कोर्ट ने कहा कि आदेश का पालन नहीं होने पर उक्त राशि पर 9% ब्याज देना होगा. मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस बीडी गुरू की डिवीजन बेंच में हुई.

जानकारी के मुताबिक, सीपत पुलिस ने 18 जनवरी को ग्राम मोहरा निवासी 35 वर्षीय श्रवण सूर्यवंशी उर्फ सरवन तामरे को कच्ची शराब रखने के आरोप में गिरफ्तार किया था. मेडिकल कराने के बाद उसे 18 जनवरी को बिलासपुर केन्द्रीय जेल भेज दिया गया. 21 जनवरी को स्वास्थ्य खराब होने पर जेल से उसे सिम्स में भर्ती कराया गया, जहां 22 जनवरी की सुबह इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.

पुलिस ने मर्ग कायम कर उसी दिन शाम को पोस्टमार्टम कराया, जिसमें सिर में चोट व सदमे से उसकी मौत होने की बात कही गई. मृतक श्रवण की बेवा लहार बाई व नाबालिग बच्चों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर मुआवजा की मांग की. मामले की न्यायिक जांच कराई गई, इसमें न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी ने जांच प्रतिवेदन में सिर के चोट लगने के कारण मौत होने की रिपोर्ट दी.

मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता मृतक की विधवा पत्नी और बेटियाँ हैं. राज्य के कर्मचारियों की लापरवाही से मौत हुई है. गलत तरीके से हुए नुकसान के लिए बंदी के परिजन मुआवजे के हकदार हैं.

कोर्ट ने बार-बार इस तरह के आचरण की निंदा करते हुए कहा कि पुलिस/जेल अधिकारी इसका हिस्सा है. राज्य एक निवारक प्रभाव डाले, ताकि उसके अधिकारी ऐसा न करें. ऐसे कृत्यों में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित नहीं किया जाए. इसके साथ ही श्रवण सूर्यवंशी की असामयिक मृत्यु पर कोर्ट ने शासन को याचिकाकर्ताओं को एक लाख रुपए मुआवजा देने का आदेश दिया.

प्रमिला और लीना के जीवन में महतारी वंदन योजना आत्मसम्मान और सशक्तिकरण का प्रतीक बना

रायपुर-    बलौदाबाजार जिला के ग्राम अर्जुनी में निवासरत कुम्हार समाज से जुड़े प्रमिला चक्रधारी और उनकी बहू लीना चक्रधारी के लिए महतारी वंदन योजना किसी वरदान से कम नही है। प्रमिला ने इस योजना से मिली राशि का उपयोग मिट्टी के बर्तन बनाने के लिए ज़रूरी समान खरीदने में करती है वहीं लीना ने इस राशि का उपयोग अपने घर को बेहतर ढंग से चलाने में करती है, जिससे घर की छोटी-छोटी ज़रूरतें पूरी हो रही है। यह योजना अब सिर्फ आर्थिक सहायता ही नहीं बल्कि सास-बहू दोनों के जीवन में आत्मसम्मान और सशक्तिकरण का प्रतीक बन गई।

बलौदाबाजार जिला के ग्राम अर्जुनी के प्रमिला के पति मालिक राम परंपरागत कुम्हार का काम करते हैं। समय के अनुसार मिट्टी के बर्तन व अन्य सामान बनाते हैं। प्रमिला भी अपने पति के साथ मिलकर मिट्टी से जिंदगी संवारने का काम करती है। बर्तन बनाने का यह हुनर, उनके जीवन का आधार है। लेकिन कभी-कभी यह हुनर भी आर्थिक तंगी के सामने छोटा पड़ जाता है। उनके बेटे उमेश चक्रधारी रोजी- मजदूरी करके परिवार की गाड़ी चलाता है, जबकि उनकी पत्नी लीना जो गृहणी हैं, घर के कामकाज में लगी रहती हैं। लीना और उमेश की शादी को अभी दो साल ही हुए हैं लेकिन यह छोटा सा परिवार पहले से ही चुनौतियों के बीच अपनी राह बना रहा है। इन चुनौतियों से निजात दिलाने का काम मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की महतारी वंदन योजना ने किया।

महतारी वंदन योजना के तहत प्रमिला और लीना दोनों को अतिरिक्त आर्थिक सहायता मिल रही है। इस योजना की मदद से उनके जीवन में नई उम्मीद की किरण आई है। प्रमिला कहती है कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की महिलाओं के हित में शुरू की गई महतारी वंदन योजना ने हमें वह सहारा दिया है, जो हमें कभी नहीं मिला था। हम मेहनत तो करते थे, लेकिन आर्थिक मजबूरी ने हमें हमेशा विवश कर रखा था। इस योजना से मिली राशि से अब हम अपनी मेहनत को और आगे बढ़ा सकते हैं। वहीं लीना की आँखों में भी एक नई चमक है। वह कहती है कि हमारा छोटा परिवार अब और मजबूती से खड़ा है। इस मदद ने हमें आत्मनिर्भर बनने की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ाया है। दोनों सास-बहू मुख्यमंत्री का धन्यवाद करते है कि इस योजना ने उन्हें न केवल आर्थिक रूप से बल्कि पूरे सम्मान के साथ जीवन यापन करने के लिए सशक्त बनाया है। आज प्रमिला और लीना परिवार अपने पैरों पर खड़ा होकर अपने भविष्य की नींव और भी मजबूत कर रही हैं।

बैक टू आयुर्वेद : छत्तीसगढ़ के धमतरी में बूटीगढ़ की स्थापना, आयुर्वेदिक रसशाला बन रही आकर्षण का केंद्र

रायपुर-      छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में जल संरक्षण और आयुर्वेद को लेकर व्यापक जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। यहां आयुर्वेदिक चिकित्सा और प्राकृतिक चिकित्सा को बढ़ावा देने के लिए एक विशेष प्रयास किया गया है। यह प्रदेश में अपनी तरह का पहला नवाचार है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आयुष विभाग और धमतरी जिला प्रशासन के इस नवाचार की सराहना की है और ज्यादा से ज्यादा वन संपदा को सहजने और लोगों को आयुर्वेद के बारे में जागरूक करने के लिए कहा है। इस पहल के अंतर्गत जिला प्रशासन ने आयुर्वेद को स्थानीय लोगों के जीवन में सम्मिलित करने के लिए विशेष रूप से जिले के वंनाचल ग्राम सिंगपुर (बूटीगढ़) में आयुष रसशाला (औषधीय पेय केंद्र) की स्थापना की गई है।

बूटीगढ़ क्षेत्र में प्राकृतिक रूप से औषधिगुणयुक्त पौधे पाये जाते हैं, इसलिए यहां हर्बेरियम का निर्माण किया जा रहा है। औषधिगुणयुक्त पौधों के संवर्धन, प्रचार-प्रसार और उपयोगिता के लिए रसशाला निर्मित किया जा रहा है। इस रसशाला के माध्यम से स्थानीय लोगों, छात्रों और पर्यटकों को रसपान का लाभ मिल सकेगा।

आयुर्वेद में पानी का महत्व अनमोल है, क्योंकि यह शरीर के सभी प्रमुख तत्वों को संतुलित रखता है। धमतरी जिले में "जल जगार" कार्यक्रम के माध्यम से जल संरक्षण के साथ-साथ आयुर्वेदिक पेय पदार्थों और औषधियों की उपयोगिता को भी प्रदर्शित किया गया। प्रदर्शनी में उपस्थित आयुर्वेदिक चिकित्सकों ने बूटीगढ़ और रसशाला के महत्व को बताते हुए यह जानकारी दी कि कैसे एक परिवार और समाज शुद्ध पानी और आयुर्वेदिक खानपान को अपनाकर स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।

बेहतर मानसिक और शारिरिक स्वास्थ्य के लिए दिया जा रहा काढ़ा

आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी डॉ. अवध पचौरी ने बताया कि 160 प्रकार की जड़ी-बूटियों को चिन्हित किया गया है, जिनमें से पहले चरण में बूटीगढ़ में 25,000 पौधे लगाए गए हैं। इनमें से कुछ ऐसी जड़ी-बूटियाँ हैं जिन्हें आयुर्वेदिक उपचार के लिए चूर्ण या टैबलेट बनाकर इस्तेमाल भी किया जा रहा है। समय के साथ जब बूटीगढ़ विकसित होने लगेगा तो रसशाला के जरिए लोगों को आयुर्वेद के प्रति और भी जागरूक किया जा सकता है। इसके साथ ही बूटीगढ़ में विलुप्त होने वाली जड़ी-बूटियों को भी सहजा जा रहा है, ताकि भविष्य में इन पर शोध हो सके। उन्होंने बताया कि वर्तमान में विभिन्न आयुष केंद्रों में योग करने आये लोगों, मरीजों, गर्भवती महिलाओं , किशोर-किशोरियों व बच्चों को विभिन्न जड़ी-बुटियों से बना काढ़ा, औषधी स्वरूप दिया जा रहा है, जिससे लोगों के मानसिक और शारिरिक स्वास्थ्य में सकारात्मक परिर्वतन देखने को मिल रहा है।

हृदय रोगियों के लिए रामबाण है ‘अर्जुन क्षीरपाक*

डॉ. अवध पचौरी के मुताबिक कोविड काल के बाद से ही लगातार ये देखा जा रहा है कि अचानक हार्ट अटैक से किसी भी उम्र वर्ग के व्यक्ति की ऑन-द-स्पॉट मृत्यु हो रही है, जान बचाने के लिए समय भी नहीं मिल पा रहा है, जो एक चिंता का विषय बन चुका है। आयुर्वेद में अर्जुन पेड़ की छाल से बनें ‘अर्जुन क्षीरपाक’ के नियमित सेवन इंस्टेंट हार्ट अटैक के मामलों में कमी लाई जा सकती है। अर्जुन की छाल में विशेष औषधीय गुण होते हैं, जो हृदय की धमनियों को मजबूती प्रदान करते हैं और हृदय की मांसपेशियों को शक्ति देते हैं। यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए अत्यधिक लाभकारी है, जिन्हें हृदय संबंधी समस्याएं हैं या जिनमें हार्ट अटैक का खतरा अधिक होता है।

सामान्य जीवन में बेहद लाभकारी है आयुर्वेदिक औषधियाँ

जिला आयुष अधिकारी डॉ. गुरूदयाल साहू ने जानकारी देते हुए बताया कि हाल ही में जिले में हुए जल जगार महोत्सव में आयुष विभाग की प्रदर्शनी में बूटीगढ़ और रसशाला की प्रदर्शनी में मुनगा (सहजन) जैसे पौधों के औषधीय गुणों को भी प्रदर्शित किया गया, जिसमें मुनगा का सूप बनाने की विधि बताई गई। साथ ही, विभिन्न जड़ी-बूटियों का अर्क डिस्टिलेशन प्रक्रिया के माध्यम से निकाला गया, जिससे रोज़मर्रा के जीवन में उपयोगी औषधियाँ तैयार की जा सकती हैं। बूटीगढ़ और रससाला का उद्देश्य ही यही है कि आमजनों को ज्यादा से ज्यादा औषधीय गुणों से भरे पेड़-पौधों को लेकर जागरूक किया जाए। हमारे घरों में ही कितनी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ उपलब्ध होती हैं, जिसके सेवन से मौसमी बीमारियों को ठीक किया जा सकता है। डॉ. गुरूदयाल आगे बताते हैं कि राशि रत्न पौधों को लगाने के लिए भी प्रेरित किया जा रहा है। ज्यादा से ज्यादा औषधीय पौधरोपण से प्रकृति को भी सहजा जा रहा है और जल सरंक्षण में भी यह कदम सराहनीय है। साथ ही औषधीय पेड़-पौधों से जीवन में सकारात्मकता भी बढ़ती है।

आयुर्वेद के प्राचीन ग्रंथ रसशास्त्र से मिली रसशाला की प्रेरणा

आयुर्वेद के प्राचीन ग्रंथों में से एक रसशास्त्र में औषधियों को बनाने की कई विधियों का वर्णन मिलता है। इन प्रक्रियाओं में अलग-अलग यंत्रों का उपयोग किया जाता था, जिनसे औषधियों को शुद्ध और तैयार किया जाता था। महर्षि नागार्जुन को इन विधियों का जनक माना जाता है। इन औषधियों का उपयोग विशेष रूप से बीमारियों के इलाज में किया जाता है। पुराने समय में आयुर्वेदाचार्य कई प्रकार के यंत्रों का इस्तेमाल करते थे। जैसे दोला यंत्र, उलूखल यंत्र, कच्छप यंत्र, और स्वेदनी यंत्र। इन यंत्रों से औषधियाँ बनती थीं, जो आज भी कई बीमारियों में कारगर होती हैं। आयुष रसशाला के जरिए ताजा जड़ी-बूटियों से औषधीय रस, अर्क, क्वाथ और पेय बनाए जाते हैं। ये औषधियाँ शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती हैं और कई बीमारियों में फायदेमंद साबित होती हैं।

कैम्प कार्यालय के माध्यम से जन समस्याओं का रहा त्वरित निराकरण

रायपुर-    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय द्वारा बगिया में स्थापित मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय लगातार जनसमस्याओं के समाधान में अहम भूमिका निभा रहा है। उम्मीद के साथ यहां आवेदन देने पहुंच रहे लोगों के चेहरे पर मुस्कान दिखता है। कैंप कार्यालय बगिया त्वरित कार्यवाही करते हुए आवेदन के आधार पर समस्याओं के समाधान की प्रक्रिया शुरू कर दी जाती है।

विशेष पिछड़ी जनजाति कोरवा बाहुल्य बस्ती महुआपानी में पहली बार बिजली पहुंचाने की स्वीकृत दिलाने के साथ ही रायगढ़ जिले की ऐतिहासिक कुर्रा गुफा में विद्युतीकरण का कार्य भी इसी कैंप कार्यालय की पहल का ही परिणाम है। इसी तरह जरूरतमंदों के मदद का कार्य भी यहां पर लगातार किया जा रहा है। जनहित के अन्य कार्यों में श्रवण दोष से पीड़ित कई जरूरतमंद व्यक्तियों को श्रवणयंत्र प्रदान किए गए हैं, जैसे कि मंदाकिनी यादव, सुमित्रा यादव, लालजीत भगत और महिन्दर भगत। इसके साथ ही, पैरों से चलने में असमर्थ गुरुदेव, रातु राम, मानकुंवर नाग, रोहित साहू, अशोक दुबे और टेबुल राम जैसे कई जरूरतमंदों को ट्राई साइकिल और ई-रिक्शा प्रदान किए गए हैं।

बागीचा के मड़िया झड़िया में पीडीएस दुकान स्थापित कर वहां के लोगों को सुविधा देने, सुरेखा बाई व रामरीका बाई के राशन कार्ड बनाने सहित कई पीडीएस से संबंधित समस्याओं का निराकरण कैंप कार्यालय की पहल से किया गया है। इसी प्रकार से रामरिका बाई, अंकित राम जैसे कई जरूरतमंदों को जरूरत के समय तत्काल मेडिकल सहायता प्रदान करने की पहल कैंप कार्यालय द्वारा की गई है। बिजली से संबंधित समस्या जैसे ट्रांसफर लगाने और बिजली के संचालन की सुचारू व्यवस्था सुनिश्चित करने की पहल लगातार कैंप कार्यालय द्वारा की जा रही है।

रायपुर में अपहरण और हत्या मामला : आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा बरकरार, हाईकोर्ट ने खारिज की अपील

बिलासपुर-  2 करोड़ रुपए फिरौती के लिए अपहरण और हत्या के मामले में चार आरोपियों को दी गई आजीवन कारावास की सजा को हाईकोर्ट ने सही ठहराया है. आरोपियों की अपील को खारिज करते हुए डिवीजन बेंच ने परिस्थिति जन्य साक्ष्यों की मजबूत श्रृंखला को दोषसिध्दि के लिए पर्याप्त पाया है.

दरअसल, 16 अप्रैल 2018 को रायपुर में प्रकाश शर्मा की हत्या की गई थी. पुलिस जांच में सामने आया कि मृतक के चचेरे भाई अमृत शर्मा ने तीन अन्य लोगों भोजराज नंद, अनिल कुमार बेहरा और चित्रसेन बेहरा के साथ मिलकर फिरौती के लिए प्रकाश का अपहरण करने की साजिश रची. इस प्रक्रिया में गलती से उसकी हत्या कर दी. उनका इरादा प्रकाश के पिता सत्यनारायण शर्मा से 2 करोड़ रुपए फिरौती वसूलने का था, लेकिन उनकी योजना तब विफल हो गई जब उन्होंने प्रकाश को क्लोरोफॉर्म दिया तो दम घुटने से उसकी मौत हो गई.

सभी आरोपियों को छठे अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश, रायपुर ने दोषी पाकर आजीवन कारावास की सजा सुनाई. आरोपियों ने नीचले कोर्ट द्वारा दी गई सजा को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में अपील प्रस्तुत की. चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा, जस्टिस बिभु दत्ता गुरु की खंडपीठ ने सभी की अपील को खारिज कर दिया और ट्रायल कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा.

हाईस्कूल एवं हायर सेकण्डरी मुख्य परीक्षा 2025 हेतु परीक्षा फॉर्म भरने की अंतिम तिथि अब 30 अक्टूबर तक

रायपुर-    छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मण्डल द्वारा स्वाध्यायी परीक्षार्थियों के लिए हाईस्कूल एवं हायर सेकण्डरी मुख्य परीक्षा 2025 हेतु परीक्षा फॉर्म भरने की अंतिम तिथि 8 अक्टूबर 2024 से बढ़ाकर 30 अक्टूबर 2024 तक कर दी गई है। इस अवधि के दौरान, छात्र विशेष विलम्ब शुल्क 1540 रूपए प्रति छात्र के साथ फॉर्म भर सकते हैं।

समस्त मान्यता प्राप्त संस्थाओं को निर्देश दिया गया है कि वे इस समय-सीमा के भीतर ऑनलाइन प्रविष्टि और शुल्क भुगतान की प्रक्रिया को पूर्ण करें। निर्धारित समय के पश्चात पोर्टल पुनः प्रारंभ नहीं किया जाएगा।

कल 10 अक्टूबर को होने वाला जनदर्शन स्थगित
रायपुर-   मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का हर सप्ताह गुरुवार को होने वाला जनदर्शन इस गुरूवार 10 अक्टूबर को अपरिहार्य कारणों से स्थगित कर दिया गया है।
जय अम्बे मल्टी स्पेशिलिटी हास्पिटल पर 31 लाख 32 हजार रूपए का जुर्माना, कई अस्पतालों का योजना के अंतर्गत किया गया पंजीयन निरस्त

रायपुर-   राज्य नोडल एजेंसी छत्तीसगढ़ द्वारा आयुष्मान भारत जन आरोग्य योजना शहीद वीर नारायण सिंह आयुष्मान स्वास्थ्य योजनांतर्गत नियम विरूद्ध कार्य करने वाले अस्पतालों पर नियमित रूप से कार्यवाही की जा रही है। राज्य नोडल एजेंसी को अस्पतालों के विरूद्ध अनावश्यक पैकेज ब्लॉक करने, अनावश्यक आई.पी.डी. एवं आई.सी.यू. के पैकेज ब्लॉक करने, योजनांतर्गत लाभ देने से मना करने, अतिरिक्त नगद राशि लिए जाने इत्यादि की शिकायतें प्राप्त हुई थीं। जिसके कारण अस्पतालों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। अस्पतालों द्वारा दिए गए स्पष्टीकरण संतोषजनक नही होने अथवा स्पष्टीकरण प्राप्त नहीं होने वाले अस्पतालों पर कार्यवाही की गई है।

इसके अंतर्गत बाबूजी केयर हॉस्पिटल रायपुर एवं समता हॉस्पिटल डोण्डी लोहारा बालोद द्वारा अनावश्यक रूप से पैकेज ब्लॉक करने व उच्चाधिकारियों के आदेश पर कोई प्रतिक्रिया नहीं देने के कारण इनका योजनांतर्गत पंजीयन निरस्त कर दिया गया है। जय अम्बे मल्टी स्पेशिलिटी हॉस्पिटल रायपुर द्वारा गलत तरीके से आई.सी.यू. के पैकेज ब्लॉक करने के कारण जारी स्पष्टीकरण का जवाब संतोषजनक नहीं होने पर राशि 31 लाख 32 हजार रूपए का जुर्माना लगाया गया एवं तीन माह के लिए अस्पताल को योजना से निलंबित किया गया है।

पीडब्ल्यूडी के प्रस्ताव पर केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने 6 जिलों में 324 किमी सड़क के विकास के लिए मंजूर की राशि

रायपुर-   उप मुख्यमंत्री तथा लोक निर्माण मंत्री अरुण साव ने भारत सरकार द्वारा आठ सड़क खंडों के लिए 892 करोड़ 36 लाख रुपए स्वीकृत करने पर छत्तीसगढ़ के तीन करोड़ लोगों की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के प्रति आभार व्यक्त किया है। राज्य शासन के लोक निर्माण विभाग द्वारा प्रदेश के छह जिलों में कुल 323.9 किलोमीटर सड़क खंडों के विकास के लिए इस साल 9 सितम्बर को केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा गया था। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने विगत 30 सितम्बर को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और उप मुख्यमंत्री अरुण साव के साथ नई दिल्ली में हुई बैठक में इस प्रस्ताव पर सैद्धांतिक सहमति दी थी।

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को अपने ‘एक्स’ हैंडल पर भारत सरकार द्वारा इन प्रस्तावों को मंजूर किए जाने की जानकारी साझा की है। उन्होंने लिखा है कि छत्तीसगढ़ के बेमेतरा, मुंगेली, राजनांदगांव, जशपुर, बिलासपुर और खैरागढ़ जिलों में आठ राज्य सड़क खंडों के विकास के लिए सीआरआईएफ (Central Road Infrastructure Fund) से वित्तीय वर्ष 2024-25 में 892 करोड़ 36 लाख रुपए की स्वीकृति दी गई है।

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने बताया कि भारत सरकार द्वारा सीआरआईएफ से मंजूर की गई इस राशि से बेमेतरा और मुंगेली जिले में नांदघाट-मुंगेली सड़क खंड और बेमेतरा-नवागढ़-मुंगेली सड़क खंड का चौड़ीकरण एवं मजबूतीतकण किया जाएगा। राजनांदगांव जिले के डोंगरगांव-चौकी-मोहला मानपुर सड़क खंड, जशपुर जिले के बागबहार-कोतबा सड़क खंड, लुड़ेंग-तपकरा-लावाकेरा सड़क खंड और जशपुर-आस्टा-कुसमी सड़क खंड के मजबूतीकरण का कार्य भी इनमें शामिल हैं। उन्होंने बताया कि बिलासपुर जिले के सिरगिट्टी-सरवानी-पसीद-अमलडिहा-बरतोरी-दगोरी सड़क खंड तथा राजनांदगांव और खैरागढ़ जिले के राजनांदगांव-कवर्धा-पोंडी सड़क खंड के चौड़ीकरण और मजबूतीकरण का कार्य भी इस राशि से किया जाएगा। श्री साव ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ का चहुंमुखी विकास हमारी प्राथमिकता है। राज्य में सड़कों के निर्माण में केंद्र सरकार का लगातार सहयोग मिल रहा है।

महादेव सट्टा एप मामला : EOW ने पेश किया 4 हजार पन्नों का चालान, आरोपियों का दुबई से था कनेक्शन

रायपुर- छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित महादेव ऑनलाइन सट्टा एप मामले में गिरफ्तार चार आरोपियों के विरुद्ध ईओडब्ल्यू ने आज रायपुर के विशेष न्यायालय में चालान पेश किया. आरोपी सहदेव सिंह यादव, भारत ज्योति उर्फ भास्कर, विश्वजीत राय चौधरी और अतुल सिंह के विरुद्ध 4 हजार पन्नों का चालान पेश हुआ है. बताया जा रहा कि आरोपियों का दुबई कनेक्शन था, जहां पैनलों से कमाए पैसे ट्रांसफर कर हवाला के माध्यम से पहुंचाया जाता था.

दरअसल, ईओडब्ल्यू ने महादेव बुक ऑनलाइन सट्टा प्रकरण अपराध कमांक-06/2024 में कुल 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. सहदेव सिंह यादव, भारतज्योति उर्फ गुरू उर्फ भास्कर, विश्वजीत राय चौधरी एवं अतुल सिंह के विरूद्ध धारा 120बी, 420, 467, 468 471 एवं 201, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 (यथासंशोधित भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 2018) की धारा 7 एवं 7A, छ.ग. जुआ (प्रतिषेध) अधिनियम, 2022 की धारा 4, 7, 8 एवं 11 एवं सार्वजनिक द्युत अधिनियम, 1867 (यथासंशोधित सार्वजनिक द्यूत (म.प्र. संशोधन) अधिनियम, 1976) की धारा 4क दर्ज है. आज चारों के खिलाफ विशेष न्यायालय रायपुर में पूरक अभियोग पत्र पेश किया गया है.

बता दें कि ब्यूरो की टीम ने बिहार, उत्तरप्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़ राज्यों में संचालित महोदव बुक के कॉल सेंटर्स (ओटीपी सेंटर्स) में रेड कार्रवाई की थी. साथ ही अभियुक्त भारतज्योति, अतुल सिंह एवं विश्वजीत राय चौधरी को गिरफ्तार कर इनके कब्जे से हजारों फर्जी सीम कार्ड, सैंकड़ों मोबाइल, लैपटॉप जब्त किए थे. इन मोबाइल नंबरों के व्हाट्सएप हेड ऑफिस दुबई से संचालित होते थे. आरोपियों द्वारा महादेव बुक के एकाउंट ग्रुप के लिए फर्जी कार्पोरेट बैंक एकाउंट की व्यवस्था भी की जाती थी, जिनमें पैनलों से कमाए पैसे ट्रांसफर कर हवाला के माध्यम से दुबई तक पहुंचाया जाता था. विवेचना के बाद आरोपियों के विरूद्ध आज चालान पेश किया गया।