युवा संवाद कार्यक्रम में शामिल हुए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

रायपुर-   मुख्यमंत्री विष्णु देव साय बीजापुर स्थित सेन्ट्रल लाइब्रेरी में युवा संवाद कार्यक्रम में शामिल हुए, यहां उन्होंने युवाओं से सीधा संवाद किया। युवाओं से बातचीत के बीच मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रतिभाशाली युवाओ को आगे बढ़ने का पूरा अवसर दिया जाएगा, प्रदेश के युवाओं को अच्छे भविष्य के निर्माण की सम्भावनाएं मिल रही है। इस मौके पर युवाओं की मांग सुनकर मुख्यमंत्री ने बीजापुर कलेक्टर को आवश्यक निर्देश भी दिए। अब बीजापुर के युवाओं को जल्द ही शून्य प्रतिशत ब्याज में एजुकेशन लोन की सुविधा देने की पहल की जाएगी।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि नवरात्रि के अवसर पर संवाद कार्यक्रम में युवाओं से मिलना एक शुभ अवसर है। मुख्यमंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार शिक्षा के लिए सजग है, प्रदेश में उच्च शिक्षा संस्थानों की स्थापना के साथ ही जिलों में लाइब्रेरी की सुविधा दी गई है। उन्होंने कहा कि रायपुर के नालंदा परिसर में प्रतियोगी परीक्षा के लिए विद्यार्थियों की सुविधाओं में वृद्धि की गई है।  दिल्ली में यूपीएससी की तैयारी के लिए संचालित ट्राइबल यूथ हॉस्टल में सीटों की संख्या बढ़ाई गई, पीजी में रहने वाले विद्यार्थियों की सुविधा का ध्यान रखते हुए उनका खर्च शासन द्वारा वहन किया जाएगा।

मुख्यमंत्री श्री साय ने युवाओं के साथ उनके भविष्य, शिक्षा, और रोज़गार के मुद्दों पर भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार युवाओं के विकास और उन्हें बेहतर अवसर प्रदान करने के लिए निरंतर प्रयासरत है। श्री साय ने युवाओं को आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित किया और सरकार की विभिन्न योजनाओं की जानकारी भी दी, जो उनके सशक्तिकरण में सहायक हो सकती हैं।

कार्यक्रम के दौरान युवाओं ने भी मुख्यमंत्री से अपने सवाल पूछे और अपने अनुभव साझा किए। लाइब्रेरी में आयोजित इस युवा संवाद कार्यक्रम ने जिले के युवाओं को एक सकारात्मक मंच दिया, जहां वे अपनी समस्याओं को सीधे मुख्यमंत्री के सामने रख सकें और उनके समाधान के बारे में जान सकें।

मुख्यमंत्री से बातचीत में युवा राकेश ताती ने बताया कि नक्सल प्रभावित क्षेत्र का होने के कारण, मेरी प्रारंभिक शिक्षा दूसरे गाँव में हुई, आज मेरे गाँव में पुलिस कैंप के साथ-साथ स्कूल भी खुल गए हैं। राकेश ने बताया कि मैं सहायक प्रोफेसर की तैयारी कर रहा है, लाइब्रेरी से तैयारी करने में बहुत सहायता मिलेगी।

रूखसार खान ने बताया कि जिले में अंग्रेजी माध्यम स्कूल खुलने से पढ़ाई का स्तर अच्छा हुआ है, रूखसार ने मुख्यमंत्री से बीएड-डीएड कॉलेज की खोलने की पहल मांग की। सामया हसरत ने साइंस विषय के लिए कॉलेज में प्रोफेसर की सुविधा के लिए मुख्यमंत्री का आभार जताया।

ग्राम मेड के निवासी जगपति कुर्सा ने बताया कि गाँव सड़क, बिजली और अन्य विकास कार्य को गति मिल गई है। जगपति ने नीट-जेईई की तैयारी के लिए सेंट्रल लाइब्रेरी में कोचिंग की माँग रखी। पुजारी कांकेर निवासी लक्ष्मण ने बताया कि मेरे गाँव में पहले स्कूल नहीं था इसलिए मैंने अपनी पढ़ाई दूसरे गांव में जाकर की लेकिन मुझे ख़ुशी है कि अब मेरे गांव में स्कूल खुल गया है, अब गांव के बच्चे गांव में ही पढ़ रहे हैं। मुख्यमंत्री ने युवाओं की बात सुनकर उनकी समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया।

CM की सभा में सस्पेंड पटवारी का हाईवोल्टेज ड्रामा : मुख्यमंत्री को आवेदन देने के बाद रो पड़ा दीवान, कहा –
दंतेवाड़ा-    मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय शुक्रवार को दंतेवाड़ा प्रवास पर थे. यहां उन्होंने मां दंतेश्वरी के दर्शन किए. इसके बाद तमाम नवीन कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन किया. इस कार्यक्रम के समापन के बाद सस्पेंड पटवारी किशोर दीवान का हाईवोल्टेज ड्रामा देखने को मिला. उन्होंने पहले सीएम को एक आवेदन दिया. इसके बाद मीडिया के सामने रोने लगा.

सस्पेंड पटवारी दीवान ने रोते हुए कहा कि अधिकारियों की कितनी बेगारी करें? इस बेगारी को करने से मना किया तो उसका हड़ताल अवधि में तीन बार ट्रांसफर किया गया. इसी बात को लेकर वह एसडीएम जयंत नहाटा से मिलने गया तो उसे गार्ड ने पीटा और उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवा दी गई. इतना ही नहीं जब उसने एसडीएम जयंत नहाटा के खिलाफ आवेदन थाने में किया तो एफआईआर तक दर्ज नहीं हुई. आखिर हम जैसे छोटे कर्मचारियों की भी तो कोई सुने. उसके ऊपर चल रही विभागीय जांच की भी जानकारी नहीं दी जा रही है. तीन-तीन बार सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांग चुका हूं. आखिर ये अधिकारी पीट रहा है और जांच भी करवा रहा है. इतना ही नहीं सस्पेंड भी कर रहा है. जब इस अधिकरी के खिलाफ मामला दर्ज करवाने जाते हैं तो पुलिस भी एफआईआर दर्ज नहीं करती है. पटवारी के ड्रामा मामले में प्रशासनिक अधिकारियों का पक्ष जानने का प्रयास किया गया, लेकिन उनका पक्ष नहीं आ सका.

जानिए क्या हुआ था तीन माह पहले

तीन माह पहले पटवारियों की हड़ताल चल रही थी. इसी दौरान पटवारी किशोर दीवान का ट्रांसफर कटेकल्याण किया गया. इससे पहले भी दो बार ट्रांसफर जिला प्रशासन द्वारा किए जाने की बात वह कह रहा है. इन्ही विषयों को लेकर किशोर दीवान एसडीएम जयंत नहाटा के पास गया था. उस दौरान चैंबर में विवाद हुआ था किसी ने आखों से नहीं देखा था. इस विवाद के बाद एसडीएम के गार्ड ने आवेदन दिया और पटवारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी. एक आवेदन पटवारी किशोर दीवान ने एसडीएम के खिलाफ लेकर गया, इस आवेदन पर मामला दर्ज नहीं हुआ. इसी दर्द को उसने मीडिया के सामने बयां किया है.

जिला प्रशासन ने 11 जुलाई को यह तर्क रखा

जिला प्रशासन ने हल्का नंबर-04 भैरमबंद में पदस्थ पटवारी किशोर दीवान को कार्यों में अनियमितता और ग्रामीणों द्वारा शिकायत सही पाए जाने पर भैरमबंद से हटाकर तहसील कार्यालय कटेकल्याण कर दिया था. पटवारी के विरुद्ध 18 सर्व मूल बस्तरिया समाज कल्याण संघ दन्तेवाड़ा सहित एवं ग्रामीणों से बिंदुवार शिकायत प्राप्त हुई थी. आय, जाति, निवास एवं भूमि संबंधी कार्यों के लिए पैसों की मांग करना, जमीन दलाली के कार्यों में लिप्त रहना, मंदिर एवं धार्मिक कार्यों में बेवजह हस्तक्षेप करना, मूल बस्तरिया समाज का व्हाट्सअप ग्रुप बनाकर लोगों को भड़काने का काम करना, इन शिकायतों पर तहसीलदार दंतेवाड़ा की अध्यक्षता में जांच समिति का गठन किया गया था. जांच समिति ने 24 जून 2024 को प्रतिवेदन प्रस्तुत किया. जांच प्रतिवेदन के अनुसार सरपंच पंचायत बालपेट, उप सरपंच, सर्व मूल बस्तरिया समाज के उपाध्यक्ष, सह सचिव, पंचायत टेकनार के सरपंच, उपसरपंच इसी प्रकार ग्राम कतियाररास के ग्रामीणों ने बताया कि किशोर दीवान हल्का पटवारी का व्यवहार लोगों के प्रति अच्छा नहीं है. वे शासकीय कार्यों के बदले पैसे के लेनदेन की बात भी उनके द्वारा कही गई है. ग्राम कतियाररास में भी अभिलेख में नाम अंकित किए जाने के लिए ढाई लाख रुपए की मांग की गई. जांच समिति ने भी पटवारी के विरुद्ध जांच रिपोर्ट में भी कार्यों के प्रति लापरवाही होने की बात कही. पटवारी के विरूद्ध पूर्व में भी पदस्थ पटवारी हल्कों में भी इस प्रकार लापरवाही बरतने के प्रमाण पाए गए हैं इसलिए जिला प्रशासन ने 11 जुलाई को ये कड़ी कार्रवाई की थी.

नाजायज संतान को भी अनुकंपा नियुक्ति का अधिकार, बिलासपुर हाईकोर्ट का अहम फैसला
बिलासपुर-   अनुकंपा नियुक्ति को लेकर हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है. जस्टिस संजय के अग्रवाल ने कहा कि भले ही याचिकाकर्ता मृतक सरकारी कर्मचारी का नाजायज पुत्र हो, वह अनुकंपा के आधार पर विचार के लिए हकदार होगा. कोर्ट ने एसईसीएल प्रबंधन को नोटिस जारी कर कहा है कि आदेश की प्रति प्राप्त होने की तारीख से 45 दिनों के भीतर आश्रित को अनुकंपा नियुक्ति देने की प्रक्रिया पूरी करें.

कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि अनुकंपा नियुक्ति का उद्देश्य मृतक कर्मचारी के परिवार में अभाव और गरीबी को रोकना है. एक बार जब हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 की धारा 16 में विवाह के दौरान जन्म लेने वाले बच्चे को वैध माना जाता है तो अनुच्छेद 14 के अनुरूप राज्य के लिए ऐसे बच्चे को अनुकंपा नियुक्ति का लाभ लेने से वंचित करना उचित प्रतीत नहीं होता.

बता दें कि एसईसीएल में आम गार्ड मुनिराम कुर्रे की मृत्यु 25 मार्च 2004 को हो गई थी. उसकी मृत्यु के समय ग्रेच्युटी नामांकन फॉर्म ‘एफ’ में सुशीला कुर्रे का नाम दर्ज था और पेंशन नामांकन फार्म में विमला कुर्रे का नाम था. विमला कुर्रे के साथ उनकी चार बेटियां मनीषा लाल, मंजूसा लाल, ममिता लाल, मिलिंद लाल और बेटा विक्रांत भी थे.

याचिकाकर्ता ने भारतीय उत्तराधिकार अधिनियम, 1925 की धारा 372 के तहत उत्तराधिकार प्रमाण पत्र प्रदान करने के लिए आवेदन पेश किया था. मामले की सुनवाई कोरबा के प्रथम सिविल जज वर्ग एक के कोर्ट में हुई. सुनवाई के बाद कोर्ट ने भविष्य निधि 4,75,000/- और ग्रेच्युटी राशि 95,000 रुपए याचिकाकर्ता, उसकी मां और बहनों के पक्ष में प्रदान करने का आदेश दिया था. कोर्ट के आदेश के बाद सुशीला कुर्रे ने अधिनियम, 1925 की धारा 383 के तहत उत्तराधिकार प्रमाण पत्र को रद्द करने के लिए आवेदन दायर कर दिया. मामले की सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों के बीच आपसी समझौता हो गया और सुशीला ने आवेदन वापस ले लिया.

समझौते के बाद कोर्ट ने 6 मार्च 2006 को आदेश जारी कर याचिकाकर्ता, उसकी मां विमला कुर्रे और बहनों को मुनिराम कुर्रे (मृतक) का उत्तराधिकारी घोषित कर दिया. आदेश में कहा गया है कि विमला कुर्रे, मुनिराम कुर्रे की पत्नी है और सेवानिवृत्ति लाभों के उद्देश्य से याचिकाकर्ता मुनिराम कुर्रे का पुत्र है. कोर्ट ने यह भी कहा कि उपलब्ध दस्तावेजों से यह तय हो गया है कि याचिकाकर्ता विक्रांत, मुनिराम कुर्रे का विमला कुर्रे के साथ विवाह से उत्पन्न पुत्र है.

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कहा कि उत्तराधिकार न्यायालय ने पहले ही माना है कि याचिकाकर्ता विक्रांत, मुनीराम कुर्रे (मृतक) का पुत्र है, जो विमला कुर्रे के साथ विवाह के बाद हुआ था. लिहाजा आश्रित रोजगार के लिए याचिकाकर्ता का आवेदन/अभ्यावेदन एसईसीएल द्वारा अस्वीकार नहीं किया जा सकता. एसईसीएल प्रबंधन ने अपने जवाब में विमल कुर्रे को मुनीराम कुर्रे (मृतक) की दूसरी पत्नी बताते हुए कहा कि वह अपनी पत्नी के साथ वैवाहिक जीवन के दौरान दूसरी शादी नहीं कर सकता था इसलिए याचिकाकर्ता लाभ के लिए हकदार नहीं है और याचिकाकर्ता के आवेदन को सही रूप से खारिज कर दिया गया है.

कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि उत्तराधिकार के मामले में उत्तराधिकार न्यायालय का निष्कर्ष और आदेश अंतिम हो गया है, जिसमें कहा गया है कि विमला कुर्रे, मुनीराम कुर्रे (मृतक) की पत्नी है और याचिकाकर्ता विक्रांत, मुनीराम कुर्रे (मृतक) का पुत्र है. लिहाजा उत्तराधिकार न्यायालय का आदेश SECL पर बाध्यकारी है.

प्रदेश के बोर्ड कक्षाओं के 40 हजार बच्चों का नहीं हुआ रजिस्ट्रेशन, माशिमं सचिव ने कहा- पालकों को नहीं, स्कूलों को देना होगा शुल्क

रायपुर-    छत्तीसगढ़ में बोर्ड कक्षाओं में पढ़ रहे लगभग 40 हजार बच्चों का भविष्य दांव पर है. 587 स्कूल ने अब तक एक भी बच्चों का रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है. इसके अलावा 553 स्कूलों में किसी में 5 तो किसी में 10 बच्चों का पंजीयन (रजिस्ट्रेशन) नहीं हुआ है. पंजीयन ना होने पर यह बच्चे बोर्ड परीक्षा में नहीं बैठ पाएंगे. इन स्कूलों को नोटिस जारी करने के बाद भी बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है.

बच्चों को नहीं स्कूल प्रबंधन को देना होगा पेनाल्टी शुल्क

माध्यमिक शिक्षा मंडल के सचिव पुष्पा साहू ने बताया कि प्रदेश में लगभग 7 हजार स्कूलों में 10वीं और 12वीं के विद्यार्थी अध्ययनरत हैं. इनमें से CGBSE बोर्ड और CBSE बोर्ड के 1140 स्कूलों ने रजिस्ट्रेशन में देर की है, जिनमें से 587 स्कूल ने अब तक एक भी बच्चों का रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है. वहीं बाकी स्कूलों में किसी में 4 तो किसी में दस बच्चों का पंजीयन नहीं हुआ है. रजिस्ट्रेशन के लिए लगने वाला लेट फीस बच्चों के हिसाब से नहीं बल्कि प्रत्येक स्कूल प्रबंधन को देना होगा. इस शुल्क बच्चों को नहीं बल्कि स्कूलों को देना होगा. प्रतिदिन लेट के हिसाब से एक हजार रुपये तय किया गया है.

उन्होंने बताया कि, रजिस्ट्रेशन के लिए पहले 18 जून से लेकर 16 अगस्त तक आवेदन करने का समय दिया गया था. इस अवधि को बढ़ाते हुए 31 अगस्त तक का समय बढ़ाया गया. शिक्षा मण्डल के पोर्टल के माध्यम से जानकारी स्कूलों तक पहुंचाई गई. इसके बाद मैसेज के माध्यम से स्कूलों को सूचित किया गया फिर स्कूलों को लेटर भी भेजा गया था. इसके बावजूद भी इन लापरवाह स्कूलों ने बच्चों का पंजियन (रजिस्ट्रेशन) नहीं कराया है. इन लापरवाह स्कूलों को लेट फीस के साथ एक और मौका दिया गया है. अब 6 अक्टूबर तक रजिस्ट्रेशन कराने के लिए 31 अगस्त के बाद से प्रति दिन 1 हजार रुपये लेट फीस जमा करना होगा.

शिक्षा कार्य से जुड़े लोगों ने बताया कि बच्चों के पालकों से पूरे शिक्षा सत्र के तमाम फीस एक साथ ले ली जाती है, चाहे परीक्षा फीस हो या खेल कूद जैसे अन्य फीस. सभी तरह के फीस लेकर बैंकों में जमा कर दिया जाता है और उसका ब्याज स्कूल खाता है.

महादेव सट्टा एप मामला: हाईकोर्ट ने सभी आरोपियों की जमानत याचिका की खारिज, कोर्ट ने कहा- जमानत देने का सवाल ही नहीं उठता …

बिलासपुर- महादेव सट्टा एप मामला से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है. इस मामले में जेल में बंद सभी आरोपियों की जमानत याचिकाओं को हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है. कोर्ट ने जमानत याचिका में सुनवाई करते हुए कहा कि इतने बड़े आर्थिक अपराध और जनता के साथ किए गए इस धोखे में जमानत देने का सवाल ही नहीं उठता. बता दें कि यह मामला देशभर में हजारों करोड़ रुपये की धोखाधड़ी और सट्टेबाजी से जुड़ा हुआ है.

जमानत के लिए याचिकाएं लगाने वालों में नितिन तिबरेवाल, सूरज चोखानी, अमित अग्रवाल और गिरीश तलरेजा जैसे बड़े नाम शामिल हैं, जो इस मामले के मुख्य आरोपी हैं. हाईकोर्ट की जस्टिस रविंद्र कुमार अग्रवाल की बेंच ने इन सभी आरोपियों की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने यह माना कि इतने बड़े आर्थिक अपराध और जनता के साथ किए गए इस धोखे में जमानत देने का सवाल ही नहीं उठता.

बता दें कि महादेव सट्टा एप मामला एक हाई-प्रोफाइल केस बन चुका है, जिसमें आरोप है कि इस एप के जरिए देशभर में अवैध सट्टेबाजी चलाई जा रही थी. आरोपी कारोबारी और टेक्नोलॉजी के जरिए लोगों से भारी रकम ठगते थे, जिसके चलते पूरे देश में कई जगहों पर छापेमारी और गिरफ्तारी की गई. इन आरोपियों की जमानत खारिज होने से अब ये सवाल और गहरा हो गया है कि इस मामले के पीछे और कौन-कौन से बड़े नाम शामिल हो सकते हैं और क्या आने वाले दिनों में कुछ और चौंकाने वाले खुलासे होंगे?

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के विषय पर प्रगति कॉलेज में एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का हुआ आयोजन

रायपुर-  प्रगति कॉलेज चौबे कालोनी, रायपुर में आज विकसित भारत 2047 के अंतर्गत राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 एक दिवसीय नेशनल सेमिनार का आयोजन को किया गया था। कार्यक्रम का प्रारंभ माँ सरस्वती की पूजा अर्चना से किया गया। कार्यकम के स्वागत भाषण में कॉलेज की प्राचार्य डॉ. सौम्या नैयर ने कहा कि, राष्ट्रीय शिक्षा नीति का प्रमुख उद्देश्य छात्रों का सर्वांगीण विकास एवं कौशल विकसित करना है।

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता के रूप में प्रो. जी.ए. घनश्याम (ज्वांइट डायरेक्टर ऑफ हायर एडुकेशन) रायपुर ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के उपयोगिता को चरणबद्ध तरीके से बताया, आपने भारत के गुरुकुलम शिक्षा पद्धति के आधार "रोजगार मूलक एवं कौशलयुक्त शिक्षा" को वर्तमान शिक्षा पद्धति में शामिल किए जाने की बात कही। आपने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति विद्यार्थियों की समग्र विकास की बात करती है।

तकनिकी सत्र में डॉ. डी के श्रीवास्तव (OSD हायर एडुकेशन) ने पाठ्यक्रम के विषय वस्तु को सविस्तार से बताया। आपने समयानुसार पाठ्यक्रम में बदलाव की आवश्यकता को बताते हुए रोजगार मुलक पाठ्यक्रम की ओर सबका ध्यान केन्द्रित किया आपने आगे बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतगत विद्यार्थियों को च्वाईस, स्कील एवं इन्टेलिजन्स के आधार पर अपना पाठ्यक्रम पुरा करने की स्वतंत्रता होगी। "Valedictory Ceremony" पर विशिष्ट अतिथि डॉ. श्रुति झा ने समापन उद्बोधन करते हुए सभी वक्ताओं के मुख्य बिंदुओं पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम के अंत में डॉ.के.एन. मजपाल जी ने कार्यकम को सफल बनाने वाले समस्त सम्मानित व्यक्तियों को धन्यवाद दिया।

एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार में संयोजक डॉ. के. एन. गजपाल, आयोजक सचिव डॉ. आर.के. राव, मन्नु रवानि, डॉ. प्रवीण यादव आयोजक समिति के सदस्य एडमिनिस्ट्रेटर ज्योति ठाकुर एवं समस्त प्राध्यापकगण, समस्त प्रतिभागी एवं समस्त विद्यार्थियों की गरिमामयी उपस्थितो रही।

डॉ. रोहित यादव ने पॉवर कंपनी के अध्यक्ष का लिया चार्ज

रायपुर-    छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर कंपनीज़ के नवागत अध्यक्ष डॉ़ रोहित यादव ने 4 अक्टूबर को पूर्वाह्न सेवा भवन में कार्यभार ग्रहण किया।

इस अवसर पर छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर कंपनी के प्रबंध निदेशक गण सर्वश्री एसके कटियार, राजेश कुमार शुक्ला, भीमसिंह कंवर सहित कार्यपालक निदेशक व मुख्य अभियंता गण तथा बड़ी संख्या में अधिकारीगण उपस्थित थे।

मेट्रो ट्रेन पर गर्माया सदन, भाजपा पार्षदों ने एमओयू तख्ती के साथ किया हंगामा

रायपुर-  रायपुर नगर निगम की सामान्य सभा के शुरू होने से पहले हंगामा शुरू हो गया. भाजपा पार्षद मेट्रो ट्रेन से जुड़े प्रश्नों को एजेंडा से हटाने के विरोध में ‘जवाब दो’ के नारे के साथ एमओयू का विशाल बोर्ड लेकर पहुँचे थे. 

रायपुर निगम की सात महीने बाद हुई सामान्य सभा भी हंगामाखेज रही. मेट्रो ट्रेन पर चर्चा की मांग करते हुए सभापति आसंदी के सामने पहुंचे भाजपा का पार्षद दल पहुंचा. हंगामे को देखते हुए सभापति ने दस मिनट के लिए स्थगित किया.

सामान्य सभा के दोबारा शुरू होते ही भाजपा पार्षदों ने फिर से हंगामा मचाना शुरू कर दिया. भाजपा पार्षद महापौर एजाज ढेबर से मेट्रो रेल को लेकर किए गए एमओयू पर जवाब की मांग कर रहे हैं.

साइबर की पाठशाला : साइबर एक्सपर्ट ईशान ने बताए लेटेस्ट साइबर फ्रॉड के तरीके और उनसे बचाव के उपाय
गौरेला पेण्ड्रा मरवाही-  जिला गौरेला पेंड्रा मरवाही पुलिस ने सामुदायिक पुलिसिंग के तहत एसपी आईपीएस भावना गुप्ता के नेतृत्व में साइबर जागरूकता अभियान साइबर की पाठशाला नाम से संचालित किया जा रहा है. साइबर की पाठशाला कार्यक्रम के तहत GPM Police के फेसबुक पेज पर लाइव सेशन के दौरान कभी बॉलीवुड सेलिब्रिटी तो कभी नामचीन साइबर एक्सपर्ट्स के द्वारा विभिन्न साइबर फ्रॉड के तरीकों और उनसे बचाव के उपाय की जानकारी देकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है. आज जीपीएम पुलिस के फेसबुक पेज पर डिजिटल हाउस अरेस्ट और सोशल मीडिया यूसेज सेफ्टी टिप्स विषय पर जानकारी देने साइबर एक्सपर्ट ईशान सिन्हा को आमंत्रित किया गया था.

ईशान सिन्हा एक साइबर एक्सपर्ट हैं और वर्तमान में देश की कई प्रतिष्ठित इन्वेस्टिगेशन एजेंसियों के साथ जुड़कर काम कर रहे हैं. साइबर सिक्योरिटी पर ईशान ने अब तक चार प्रसिद्ध किताबें भी लिखी है, जो कई स्टेटस के पुलिसकर्मियों के लिए मार्गदर्शिका का काम कर रही है.

डिजीटल हाउस अरेस्ट विषय पर जानकारी देते हुए ईशान ने बताया कि वर्तमान में सबसे ज्यादा बड़े अमाउंट्स के फ्रॉड इसी स्कैम के जरिए अंजाम दिए जा रहे हैं, जिसमें ठग गिरोह पहले पीड़ित के सभी सोशल मीडिया अकाउंट्स देखकर एनालिसिस कर पहले पीड़ित को या उसके भाई बेटे जैसे किसी नजदीकी का किसी काल्पनिक क्रिमिनल केस में फंस जाने का दिखावा करके एक वर्चुअल हाउस अरेस्ट की स्थिति में ला देते हैं और दबावपूर्वक पीड़ित को गुमराह कर उस केस में बचाने के एवज में भारी भरकम राशि ट्रांसफर करवाकर ठगी करते हैं.

उन्होंने बताया, अक्सर ठगी करने वाले अपने आप को कस्टम ऑफिसर नारकोटिक्स ऑफिसर इनकम टैक्स ऑफिसर पुलिस के अधिकारी या ज्यूडिशरी के अधिकारी के रूप में प्रस्तुत करते हैं और पीड़ित को गुमराह करने के लिए व्हाट्सएप की डीपी और ट्रूकॉलर पर गुमराह करने वाली आईडी लगाते हैं. पीड़ित को स्काइप जैसी अप पर वीडियो कॉल के जरिए जुड़ने कहते हैं जहां पर पहले से एक फर्जी सेटअप तैयार कर पीड़ित को यह एहसास दिलाया जाता है कि वह सचमुच केस में फस गए हैं. साथ ही झूठे समन नोटिस भी भेजे जाते हैं.

Cyber expert ईशान ने बताया कि कोई भी लॉ एनफोर्समेंट एजेंसी का अधिकारी इस तरह वीडियो कॉल पर अनैतिक मांग करें तो तत्काल सतर्क हो जाए कि वह ठग है. साथ ही ऐसे कॉलर को समन या नोटिस उनके gov और nic के शासकीय मेल से प्रेषित करने कहें या शासकीय नंबर से कॉल करने कहें. इसके अलावा उन्होंने विस्तृत बचाव के उपाय भी बताए.

जीपीएम एसपी आईपीएस भावना गुप्ता ने नवरात्रि की शुभकामनाएं देते हुए साइबर की पाठशाला में जुड़े छात्राओं को सोशल मीडिया के इस्तेमाल दौरान सेफ्टी टिप्स को लेकर सावधानियों के बारे में पूछा तो साइबर एक्सपर्ट ईशान ने कहा यदि कोई अपनी जिंदगी की प्रत्येक गतिविधि की जानकारी सोशल मीडिया में पोस्ट करता है तो वह स्वयं को साइबर फ्रॉड के लिए वल्नरेबल बना रहा है, इसलिए सबसे पहले सोशल मीडिया का इस्तमाल सीमित करें और मजबूत प्राइवेसी सेटिंग रखें. अपने मोबाइल, लैपटॉप, इंटरनेट बैंकिंग अकाउंट्स, ओटीटी प्लेटफॉर्म के अकाउंट्स के पासवर्ड भी स्ट्रॉन्ग रखें जो खुद या किसी परिजन का नाम डेट ऑफ बर्थ जैसा न हो और प्रिडिक्टेबल न हो.

GPM police के लाइव सेशन दौरान कॉमेंट्स में पूछे गए सवालों पर जवाब देते हुए ईशान सिन्हा ने इंटरनेट सिक्योरिटी वाले एंटीवायरस सॉफ्टवेयर और कई महत्वपूर्ण एप्लीकेशन और वेबसाइट्स की जानकारी दी, जो साइबरवर्ल्ड में सुरक्षित रहने के लिए आवश्यक है. उन्होंने TAFCOP Sancharsathi, cyberdost, नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल और डायल 1930 के इस्तमाल पर भी विस्तृत जानकारी दी और किसी भी वेबसाइट के सर्टिफिकेट चेक कर उसकी ऑथेंटिसिटी चेक करना भी सिखाया.

जीपीएम पुलिस द्वारा आयोजित साइबर की पाठशाला में इस बार विशेष रूप से लगभग 200 की संख्या में ग्राम कोटवारों और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को भी जोड़ा गया था। एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने आधार बेस्ड पेमेंट और व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ी सावधानियों के बारे में पूछा तो ईशान सिन्हा और एसपी जीपीएम भावना ने सरल भाषा में उन्हें जानकारी दी। तो वहीं जिले के साइबर वालंटियर साकिब खान ने भी सुरक्षित इंक्रिप्टेड एप्लीकेशंस की जानकारी पर प्रश्न किया। जीपीएम पुलिस अधीक्षक आईपीएस भावना के साथ एसपी ऑफिस में इस बार भारतमाता स्कूल पेंड्रा की छात्राएं जुड़ीं थी जिनमे से एक छात्रा विधि श्रीवास्तव ने साइबर रिपोर्टिंग पोर्टल और साइबर वॉलंटियर पर प्रश्न किया. जिले के सकोला ग्राम की शासकीय गर्ल्स स्कूल, सेजस पेंड्रा, रानी दुर्गावती कालेज मरवाही, केबीसी स्कूल पेंड्रा समेत लगभग दर्जनभर स्कूल के छात्रों ने एकसाथ इस लाइव सेशन में साइबर सुरक्षा पर जानकारी प्राप्त की.

इस वृहद साइबर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ओम चंदेल के मार्गदर्शन में डीएसपी निकिता तिवारी और डीएसपी साइबर दीपक मिश्रा के नेतृत्व में ASI मनोज हनोतिया, आरक्षक रामचंद्र यादव, आरक्षक दुष्यंत मशराम, आरक्षक संजीत सोनी, आरक्षक आशीष चंद्रनाहु, आरक्षक अशोक कश्यप और जिले के सभी थाना के सीसीटीएनएस स्टाफ के सहयोग से किया गया.

राज्योत्सव - 2024: जिला मुख्यालयों में 5 नवम्बर को विभागीय प्रदर्शनी और सांस्कृतिक कार्यक्रम का होगा आयोजन

रायपुर-    छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर रायपुर से भिन्न सभी जिला मुख्यालयों पर एक दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया जाना है। जिला मुख्यालयों में 5 नवम्बर को एक दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान कार्यक्रम स्थल पर विभिन्न विकास विभागों की विभागीय प्रदर्शनी में उपलब्धियों, महत्वपूर्ण योजनाओं एवं सफल परियोजनाओं को विशेष रूप से प्रदर्शित की जाएगी।

राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर जिला स्तर पर स्थानीय कलाकारों द्वारा 5 नवम्बर को एक दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। इसी तरह एक नवम्बर से 6 नवम्बर तक जिला मुख्यालयों के समस्त शासकीय भवनों में रोशनी की जाएगी। शासन की जनकल्याणकारी तथा हितग्राही मूलक योजनाओं से संबंधित कार्यक्रमों में लोगों को लाभान्वित किया जाए। जिला स्तर पर होने वाले कार्यक्रमों में मंत्रीगण, सांसदों, विधायकगण, जन-प्रतिनिधि को अतिथि के रूप में आमंत्रित किया जाएगा। राज्य शासन द्वारा उक्त कार्यक्रम के आयोजन में मितव्ययिता बरतने के निर्देश दिए हैं।