झारखंड में चुनावी घमासान में हेमंत सोरेन के रडार पर बाबूलाल, चम्पाई और अर्जुन मुंडा के बजाय हिमंत विश्व सरमा क्यों...?

झारखंड डेस्क 

झारखंड में विधानसभा चुनाव की तैयारी पूरी हो गयी है। कभी भी चुनाव की तिथि घोषित हो सकती है। इस चुनावी सुगबुगाहट के बीच नेताओं की बयानबाजी तेज हो गई है। बीजेपी की तरफ से प्रदेश अध्यक्ष बाबू लाल मरांडी, पूर्व सीएम अर्जुन मुंडा और पूर्व सीएम चंपई सोरेन,लोबिन हेम्ब्रम,सीता सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा सरकार पर हमलावर हैं. 

वहीं, दूसरी तरफ झामुमो के हेमंत सोरेन अलग रणनीति अपनाते हुए मरांडी, मुंडा और चंपई को छोड़कर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा को निशाने पर ले रहे हैं।

असम के मुख्यमंत्री हिमंत विस्व सरमा को भाजपा ने झारखंड में बीजेपी की तरफ से चुनाव के सह प्रभारी बनाया हैं। प्रभारी मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान हैं।और झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा के राजनीति को काट करने के लिए इन दोनों नेताओं को यहां का रणनीतिकार बनाया गया है।

अब इस घड़ी दोनों पक्ष के लिए चुनौती की घड़ी है।अगर झारखंड को फतह करने में शिवराज सिंह चौहान और हिमंत चूकते हैं तो उनके लिए भी आगे आने वाले दिनों में भाजपा के आलाकमान के सामने स्थिति कमजोर होगी ।

वहीं झामुमो को सत्ता में बरकरार रहना और इतने महारथियों को एक साथ पराजय का मुह दिखाना उनके लिए भी कड़ी चुनौती है।

झारखंड में हेमन्त सोरेन के प्रभाव को डगमगाने के लिए कई बड़े आदिवासी चेहरा हैं। बाबू लाल मरांडी, अर्जुन मुंडा और चंपई सोरेन बीजेपी के बड़े नेता हैं। अमर कुमार बाउरी भी नेता प्रतिपक्ष हैं, लेकिन हेमंत सोरेन को लगता है कि जनता स्थानीय नेताओं की तुलना में उनके साथ ज्यादा मजबूती से हैं।इस लिए इन नेताओं को टारगेट करने के बजाय जनता के माइंड में यह बात बैठाया जाय कि झारखंड में भाजपा अपने लोगों पर भरोसा करने के बजाय बाहरी लोगों पर ज्यादा भरोसा करती है।

इसी लिए यहां की रणनीति तय करने के लिए असम और एमपी से नेता भेज रही है।इन्ही सभी कारणों से झामुमों पार्टी की रडार पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा हैं और शिवराज सिंह चौहान है।

पिछले महीने जब हिमंत झारखंड दौरे पर लगातार आने लगे तो हेमंत ने उन्हें बाहरी बताते हुए बीजेपी की घेराबंदी शुरू कर दी। हेमंत लगातार अपनी रैली में हिमंत के लिए बाहरी शब्द का प्रयोग कर रहे थे।

इतना ही नहीं, हेमंत की सरकार ने हिमंत के सुरक्षा में खर्च होने वाले पैसे का भी जिक्र किया था। सरकार का कहना था कि हिमंत संवेदनशील राज्य असम के मुख्यमंत्री हैं और उनके बार-बार झारखंड आने से प्रोटोकॉल लागू करना पड़ता है, जिसमें पैसे खर्च होते हैं।

हेमंत सोरेन हिमंत को सियासी तौर पर भी घेर रहे हैं। पिछले दिन उन्होंने असम के मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखा था। इसमें हेमंत ने कहा था कि चाय बागान में काम करने वाले टी-ट्राइब को आदिवासियों का दर्जा दिया जाए। असम में इन समुदाय को ओबीसी का दर्जा प्राप्त है।

इधर राजनीति के जानकारों का मानना है कि हेमंत सोरेन के रडार पर हिमंत विश्व सरमा क्यों, है इसके कई कारण हैं …

,बैकफुट पर असम के सीएम को धकेलने कि कोशिश 

सबसे पहला कारण है कि हिमंत मुखर नेता हैं और जब से वे झारखंड के भाजपा ने उन्हें सह प्रभारी नियुक्त किया वे लहर हेमंत सोरेन पर हमालावर हैं.

हिमंत विश्व सरमा का हर डिविजन के लिए अलग-अलग प्लान तैयार हैं. संथाल में उन्होंने डेमोग्राफी को बड़ा मुद्दा बनाया है. इसी तरह कोल्हान में जेएमएम के भीतर ही सेंध लगा दिया. हिमंत लगातार नाराज नेताओं को भी साध रहे हैं.

ऐसे में हेमंत पर सीधे हिमंत की घेराबंदी कर उन्हें बैकफुट पर धकेलने के कोशिश में झारखंड मुक्ति मोर्चा लग गयी है.

दूसरा कारण है स्थानीय बनाम बाहरी मुद्दे को हवा देने की कोशिश!

झारखंड में शुरुआत से ही स्थानीय बनाम बाहरी एक बड़ा मुद्दा रहा है. राज्य में स्थानीय नीति की भी मांग लंबे वक्त से हो रही है. हेमंत सोरेन और उनकी पार्टी हिमंत के जरिए बीजेपी को बाहरी बताने में जुटी है.

हेमंत इसलिए अपनी हर रैली में हिमंत को बाहरी बता रहे हैं. हेमंत सोरेन हिमंत के जरिए झारखंड को लोगों को गोलबंद करना चाहते हैं. 2019 में इसी गोलबंदी के सहारे हेमंत ने बीजेपी की मजबूत सरकार को उखाड़ दिया था.

वहीं इसके बहाने हेमंत आदिवासी को भी साध रहे हैं. हेमंत ने हाल ही में जो पत्र लिखा है, उसमें उन्होंने संथाल, ओरांव और मुंडा समेत आदिवासियों के 4 समुदाय को असम में आरक्षण देने की मांग की है.

हेमंत इस बहाने झारखंड के 25 प्रतिशत आदिवासियों को अपने पक्ष में करना चाह रहे हैं.

तीसरा कारण बीजेपी के स्थानीय नेताओं को कमजोर बताने की रणनीति- 

सीएसडीएस के मुताबिक 2019 के विधानसभा चुनाव में झारखंड के 21 प्रतिशत लोग ने हेमंत सोरेन को मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते थे. हेमंत मुख्यमंत्री बने भी. कहा जा रहा है कि इस साल की शुरुआत में जिस तरह से हेमंत जेल गए, उसने उनकी लोकप्रियता और बढ़ा दी है.

झामुमो अब पूरे चुनाव को हेमंत वर्सेज कौन में बदलना चाहती है. बीजेपी में वर्तमान में मुख्यमंत्री चेहरा को लेकर खींचातनी मची हुई है. इस पद पर बाबू लाल मरांडी और चंपई सोरेन की मजबूत दावेदारी है.

साल के अंत में होगा 81 सीटों पर चुनाव

झारखंड में इस साल के अंत में विधानसभा की 81 सीटों पर चुनाव प्रस्तावित है. हाल ही में चुनाव आयोग ने तैयारियों की समीक्षा की है. राज्य में मुख्य मुकाबला झामुमो और बीजेपी गठबंधन के बीच है.

झारखंड में सरकार बनाने के लिए किसी भी पार्टी या गठबंधन को कम से कम 42 सीटों पर जीतना जरूरी है. 24 साल पहले गठित झारखंड में अब तक झामुमो के 3 और बीजेपी के 3 मुख्यमंत्री बने हैं.

जन आक्रोश मार्च में गरजे चिराग पासवान, कहा- हेमंत सोरेन के कारण झारखंड के लोगों को होना पड़ा शर्मसार

धनबाद :शहर के कोयला नगर स्थित नेहरू कॉम्प्लेक्स ग्राउंड में आयोजित जन आक्रोश मार्च में लोक जन शक्ति पार्टी (राम विलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह केंद्रीय चिराग पासवान शामिल हुए. इस कार्यक्रम में पार्टी के सांसद भी इस दौरान मौजूद रहे. कार्यकर्ताओं की आपार भीड़ कार्यक्रम में देखने को मिली.

इस मंच से अपने संबोधन में चिराग पासवान ने कहा कि झारखंड में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. यह चुनाव हम लोग के आने वाले 5 साल के भविष्य तय करेगी. गलत चुनाव कर हम लोगों ने पिछले 5 साल खराब करने का काम किया है. पिछले 5 वर्षों में झारखंड में विकास के कार्य नहीं हुए.

 वहीं पिछले 5 सालों में झारखंड को शर्मसार होना पड़ा है. मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए उन्हें भ्रष्टाचार के आरोप में जेल जाना पड़ा, इससे बड़ी शर्म की बात और कुछ नहीं हो सकती है. मुख्यमंत्री की वजह से झारखंड के लोगों को देश और दुनिया में शर्मसार होना पड़ा.

उन्होंने कहा कि आने वाले विधानसभा चुनाव में आप सभी का एक-एक वोट बेहद कीमती है यह वोट झारखंड के निर्माण के लिए है. यह बड़ी जिम्मेवारी आप सभी की बनती है. अपने एक-एक मत का उपयोग कर एनडीए प्रत्याशी को विधानसभा में भेजें. हम एक ऐसे प्रत्याशी का चुनाव करेंगे, जो झारखंड को विकसित राज्य बनाएंगे. 

विकसित झारखंड बनाने के संकल्प के साथ आज यहां आया हूं, झारखंड के लोगों को कभी दूसरे राज्य ना जाना पड़े.

अपने पिता रामविलास पासवान के बारे में चिराग पासवान ने कहा कि रेल मंत्री रहते उन्होंने कई कार्य किए हैं. शोषित वर्ग को उन्होंने मुख्य धारा से जोड़ा. आज पिता नहीं हैं लेकिन हम उनके सपनों को पूरा करने का संकल्प लिया है. कई पार्टियां राम विलास के सपनों को पूरा होते नहीं देखना चाहती हैं. वह चिराग पासवान को तोड़ना चाहते हैं. पार्टी से निकाला, घर से निकाला लेकिन चिराग टूटने वाला नहीं है. जातियों में बांटकर कुछ पार्टियां राजनीतिक रोटी सेंकते हैं. कुछ लोग कहते हैं कि एनडीए की सरकार बनी तो आरक्षण समाप्त हो जाएगा, संविधान खत्म हो जाएगा, हम आरक्षण और संविधान दोनों को खत्म नहीं होने देंगे.

जन आक्रोश मार्च में गरजे चिराग पासवान, कहा- हेमंत सोरेन के कारण झारखंड के लोगों को होना पड़ा शर्मसार

झा. डेस्क

धनबाद :शहर के कोयला नगर स्थित नेहरू कॉम्प्लेक्स ग्राउंड में आयोजित जन आक्रोश मार्च में लोक जन शक्ति पार्टी (राम विलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह केंद्रीय चिराग पासवान शामिल हुए. इस कार्यक्रम में पार्टी के सांसद भी इस दौरान मौजूद रहे. कार्यकर्ताओं की आपार भीड़ कार्यक्रम में देखने को मिली.

इस मंच से अपने संबोधन में चिराग पासवान ने कहा कि झारखंड में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. यह चुनाव हम लोग के आने वाले 5 साल के भविष्य तय करेगी. गलत चुनाव कर हम लोगों ने पिछले 5 साल खराब करने का काम किया है. पिछले 5 वर्षों में झारखंड में विकास के कार्य नहीं हुए.

 वहीं पिछले 5 सालों में झारखंड को शर्मसार होना पड़ा है. मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए उन्हें भ्रष्टाचार के आरोप में जेल जाना पड़ा, इससे बड़ी शर्म की बात और कुछ नहीं हो सकती है. मुख्यमंत्री की वजह से झारखंड के लोगों को देश और दुनिया में शर्मसार होना पड़ा.

उन्होंने कहा कि आने वाले विधानसभा चुनाव में आप सभी का एक-एक वोट बेहद कीमती है यह वोट झारखंड के निर्माण के लिए है. यह बड़ी जिम्मेवारी आप सभी की बनती है. अपने एक-एक मत का उपयोग कर एनडीए प्रत्याशी को विधानसभा में भेजें. हम एक ऐसे प्रत्याशी का चुनाव करेंगे, जो झारखंड को विकसित राज्य बनाएंगे. 

विकसित झारखंड बनाने के संकल्प के साथ आज यहां आया हूं, झारखंड के लोगों को कभी दूसरे राज्य ना जाना पड़े.

अपने पिता रामविलास पासवान के बारे में चिराग पासवान ने कहा कि रेल मंत्री रहते उन्होंने कई कार्य किए हैं. शोषित वर्ग को उन्होंने मुख्य धारा से जोड़ा. आज पिता नहीं हैं लेकिन हम उनके सपनों को पूरा करने का संकल्प लिया है. कई पार्टियां राम विलास के सपनों को पूरा होते नहीं देखना चाहती हैं. वह चिराग पासवान को तोड़ना चाहते हैं. पार्टी से निकाला, घर से निकाला लेकिन चिराग टूटने वाला नहीं है. जातियों में बांटकर कुछ पार्टियां राजनीतिक रोटी सेंकते हैं. कुछ लोग कहते हैं कि एनडीए की सरकार बनी तो आरक्षण समाप्त हो जाएगा, संविधान खत्म हो जाएगा, हम आरक्षण और संविधान दोनों को खत्म नहीं होने देंगे.

महिला पर्यवेक्षिका परीक्षा-2023 के एक विषय में सिलबेस से बाहर प्रश्न पूछे जाने की शिकायत लेकर अभ्यर्थी पहुंची JPSC कार्यालय


रांची: महिला पर्यवेक्षिका परीक्षा-2023 के एक विषय में सिलबेस से बाहर प्रश्न पूछे जाने को लेकर शनिवार को झारखंड कर्मचारी चयन आयोग में कुछ महिला अभ्यर्थियों ने ज्ञापन सौंपा। परीक्षा विगत 9 सितंबर को हुई थी।

 अभ्यर्थियों का कहना था कि पेपर के तकनीकी विषय मनोविज्ञान के 90 प्रतिशत प्रश्न सिलेबस से बाहर के थे। 

अभ्यर्थियों ने उचित कार्रवाई की मांग की। ज्ञापन सौंपने वाले में टिशू कुमारी, पल्लवी कुमारी, शोभा कुमारी, राखी कुमारी शामिल थीं।

रांची विश्‍वविद्यालय के स्‍कूल ऑफ मास कम्‍युनिकेशन सभागार में ई-कंटेंट डेवलपमेंट पर आयोजित छह दिवसीय कार्यशाला संपन्न


झा. डेस्क 

रांची विश्‍वविद्यालय के स्‍कूल ऑफ मास कम्‍युनिकेशन सभागार में ई-कंटेंट डेवलपमेंट पर आयोजित छह दिवसीय कार्यशाला का समापन शनिवार को हुआ। 

आइक्‍यूएसी द्वारा आयोजित कार्यशाला के इन छह दिनों में 27 प्रतिभागियों ने ई-कंटेंट डेवलप करने के विभिन्‍न तकनीक को सीखा। 

समापन सत्र में कुलपति डॉ अजीत कुमार सिन्‍हा ने कहा कि कार्यशाला के बाद अपने प्रशिक्षणार्थियों के रचनात्मकता को देखकर मैं अभिभूत हूं। हमारे रांची विश्वविद्यालय के प्राध्यापकों में बहुत प्रतिभा है।

 उन्होंने कहा कि तकनीक में तेजी से बदलाव हो रहा है, हमें उसके साथ चलना ही होगा, अन्‍यथा तकनीक आगे बढ़ती चली जाएगी और हम पीछे रह जाएंगे। कुलपति ने कहा कि हम जल्द‌ ही डाटा एनालिसिस पर भी एक तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन कराएंगे।

आइक्यूएसी के डॉ बीके सिन्हा ने कहा कि इस कार्यशाला से प्राप्त जानकारियों से रांची विश्वविद्यालय समृद्ध हुआ है और भविष्य में इसका एक बहुत ही अच्छा रिजल्ट प्राप्त होगा। 

इस कार्यशाला में दिल्‍ली से आए प्रो के श्रीनिवास, प्रो एमजे चंद्रा और प्रो दीपक बिस्‍ला ने एआई, यूट्युब, मल्‍टीमीडिया सॉफ्टवयरों तथा एनिमेशन के माध्‍यम से पढ़ाई के लिए बेहतर ई-सामग्री निर्माण की बारीकियों को सीखाया।

मौके पर कार्यशाला के कोओर्डिनेटर डॉ विनोद कुमार महतो, आइक्‍यूएसी के निदेशक डॉ सुदेश कुमार सिन्हा, डिप्‍टी डायरेक्‍टर वोकेशनल डॉ स्मृति सिंह, डॉ शिप्रा, डॉ सोनी तिवारी, मारवाड़ी कॉलेज के प्राचार्य मनोज कुमार सिन्हा, मास कॉम के निदेशक डॉ बीपी सिन्हा, डॉ आनंद ठाकुर मौजूद थे।

रांची से गिरफ्तार रेडियालॉजिस्ट डॉक्टर इश्तियाक समेत चार संदिग्धों ने पूछताछ में कई अहम जानकारी दी

झा. डेस्क 

झारखंड में आतंकी संगठन अलकायदा इन इंडियन सब कॉन्टिनेंट (एक्यूआईएस) के छह और संदिग्ध सक्रिय हैं। इस खुलासे के बाद झारखंड एटीएस ने उनकी तलाश तेज कर दी है। एटीएस अधिकारियों के अनुसार, संदिग्धों के नाम और पता की जानकारी मिली है, जिसके आधार पर सत्यापन किया जा रहा है। सबूत इकट्ठा किए जा रहे हैं, जिसके बाद गिरफ्तारी होगी।

पूछताछ में बड़ा खुलासा

दरअसल, दिल्ली से तीन सितंबर को फील्ड वेरिफिकेशन के लिए चान्हो लाए गए रांची से गिरफ्तार रेडियालॉजिस्ट डॉक्टर इश्तियाक समेत चार संदिग्धों ने पूछताछ में कई अहम जानकारी दी है। संदिग्धों ने झारखंड एटीएस को बताया कि रांची के चान्हो, लोहरदगा के कुड़ू और हजारीबाग के छह संदिग्ध अलकायदा मॉड्यूल का हिस्सा है। इन्हें ट्रेनिंग के लिए राजस्थान भेजने की तैयारी थी। एटीएस एसपी ऋषभ झा ने बताया कि संदिग्धों का सत्यापन किया जा रहा है। वहीं गिरफ्तार डॉ इश्तियाक समेत चारों संदिग्धों को फिर से रिमांड पर लिया जाएगा।

बता दें कि दिल्ली पुलिस और झारखंड एटीएस की टीम ने 24 अगस्त को राज्य की 16 जगहों पर छापेमारी कर पांच लोगों को गिरफ्तार किया था। इनमें रेडियोलॉजिस्ट डॉ इश्तियाक अहमद, मतिउर रहमान, रिजवान बाबर, फैजान अहमद शामिल हैं। वहीं छह अन्य लोगों को राजस्थान के भिवाड़ी से गिरफ्तार किया गया था।

फरार सूफियान से इश्तियाक के संबंधों की भी हो रही जांच

झारखंड एटीएस अलकायदा के फरार संदिग्ध अबू सूफियान से डॉ इश्यियाक के संबंध खंगाल रहा है। सूफियान का नाम वर्ष 2009-10 में अलकायदा से जुड़ा था, तब से वह फरार है। एटीएस अधिकारियों के अनुसार, सभी पुराने कांडों को लेकर जांच की जा रही है। जैसे-जैसे सूचनाएं सामने आ रही हैं, जांच का दायरा बढ़ाया जा रहा है। उसी के अनुसार कार्रवाई भी तेज की जा रही है। इधर, डॉ इश्तियाक समेत अन्य संदिग्धों के पास से जब्त लैपटॉप, मोबाइल आदि की एफएसएल जांच की जा रही है। रिपोर्ट आने के बाद गिरफ्तार संदिग्धों से क्रॉस इंक्वायरी की जाएगी।

मकान का पिलर खड़ा करने के दौरान करंट लगने से दो मजदूरों की मौत

रांची के मांडर थाना क्षेत्र के कठचाचों के पास बन रहे एक मकान का पिलर खड़ा करने के दौरान करंट लगने से दो मजदूरों की मौत हो गई और दो मजदूर घायल हो गए। मृतकों में मांडर थाना क्षेत्र के मलती निवासी 19 वर्षीय संदीप उरांव, सोसई निवासी 25 वर्षीय राकेश गोप गोप शामिल हैं।

वहीं कठचाचों निवासी विपिन एक्का और मलती निवासी खुश कुमार साहू घायल हैं। दोनों घायलों को रेफरल अस्पताल मांडर में इलाज के बाद देर शाम छुट्टी दे दी गई। मृतक राकेश गोप राजमिस्त्री का काम करता था जबकि संदीप लेबर का काम करता था। बताया जाता है कि रेफरल अस्पताल मांडर से थोड़ी दूर पर मलती गांव निवासी दिलीप भगत अपना घर बनवा रहे हैं। उनके घर में पिलर खड़ा करने का काम किया जा रहा था।

संदीप और राकेश अन्य मजदूरों के साथ छड़ को चारों ओर से बांधने के बाद उसे खड़ा करने के लिए खोदे गए गड्डे में डाल रहे थे। इसी क्रम में लोहे का छड़ निर्माणाधीन मकान के बगल से गुजरे 11 हजार वोल्ट तार संपर्क में आ गया और झटका लगने से चारों गंभीर रूप से झुलस गए। हादसे के बाद सभी को मांडर रेफरल अस्पताल लाया गया, जहां से प्राथमिक उपचार के बाद राकेश और संदीप को रिम्स रेफर किया गया था। लेकिन रास्ते में ही दोनों ने दम तोड़ दिया। जानकारी के अनुसार संदीप उरांव चार भाइयों में तीसरे नंबर पर था और मजदूरी कर परिवार चलाने में पिता की मदद करता था, उसकी मां की पहले ही मौत हो चुकी है। वहीं मृतक राकेश गोप तीन भाइयों में दूसरे नंबर पर था। दो साल पहले उसकी शादी हुई थी, उसका एक छोटा बच्चा भी है।

एग्जक्यूटिव इंजीनियर हिमांशु कुमार ने कहा कि बिजली तार के नजदीक घर बनाने के दौरान बरती जानेवाली सावधानी को लेकर विभाग पहले भी कई बार लोगों को आगाह कर चुका है। छोटी गलती बड़े हादसे की वजह बन जाती है।

ससुराल वालों से तंग आकर एक विवाहित महिला ने जहरीला पदार्थ खाकर किया आत्महत्या


झा. डेस्क 

झारखंड के गोड्डा स्थित महागामा प्रखंड के हनवारा थाना क्षेत्र में देर शाम ससुराल वालों से तंग आकर एक विवाहित महिला ने जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर लिया। मृतका खुर्द डुमरिया गांव निवासी शंकर मंडल की 25 साल की बेटी काजल कुमारी है।

महिला ने की थी दूसरी शादी

मामला प्रेम प्रसंग का बताया जा रहा है। महिला ने पूर्व में एक शादी की थी, दूसरी शादी कोर्ट मैरेज से हनवारा थाना क्षेत्र के नारायणपुर गांव में किया था। शनिवार को महिला ससुराल में थी। जहां आपसी विवाद के कारण मृतिका शाम को मां के घर आ रही थी और गुस्से में आकर रास्ते में ही नशीली दवा का सेवन कर ली। मां के घर पंहुचते ही मृतिका की स्थिति बिगड़ गई। जिसे आनन फानन में अस्पताल ले जाया गया लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

दूसरे पति से अक्सर होता था विवाद

वहीं घटना की सूचना मिलते ही हनवारा थाना प्रभारी राजन कुमार दल बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और शव को अपने कब्जे में लेकर घटना की जानकारी प्राप्त की। शव का पंचनामा तैयार कर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल गोड्डा भेजने की तैयारी में जुट गए। मिली जानकारी के अनुसार काजल कुमारी ने जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर लिया। बताया जाता है कि मृतिका दो शादी की थी। पहली शादी नरोत्तमपुर में शिबू नामक लड़का से हुआ था।

 वहीं दूसरी शादी प्रेम प्रसंग में नारायणपुर गांव में हुआ था। वर्तमान में मृतिका नरायनपुर में ही रहती थी। सब ठीक ठाक चल रहा था लेकिन बीच बीच में पति पत्नी में विवाद हुआ करता था। विवाद के कारण मृतिका अपने मां के घर रहने आ रही थी।

घटना के बारे में माने तो मृतका काजल कुमारी शनिवार देर शाम करीब 5 बजे कुछ जहरीली दवा खा लिया। जिससे उनकी स्थिति बिगड़ने लगी। स्थिति बिगड़ते देख परिजनों ने आनन फानन में अस्पताल ले जाया गया लेकिन जबतक उनकी मृत्यु हो गई थी। वहीं थाना प्रभारी राजन कुमार ने बताया की खुर्द डुमरिया गांव में जहरीला पदार्थ खा कर आत्महत्या की सूचना मिलते ही पुलिस घटनास्थल पर पहुंची व शव को अपने कब्जे में लेकर शव का पंचनामा तैयार कर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल गोड्डा भेज दिया गया है।

नई दिल्ली से हावड़ा तक प्रस्तावित हाई स्पीड रेल प्रोजेक्ट को लेकर अपर समाहर्ता ने की रैयतों के साथ बैठक

* झारखंड डेस्क धनबाद : नई दिल्ली से हावड़ा तक प्रस्तावित हाई स्पीड रेल प्रोजेक्ट को लेकर शनिवार को अपर समाहर्ता श्री विनोद कुमार की अध्यक्षता में द नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (एन.एच.एस.आर.सी.एल.), ओवरसीज मिंट कंसलटेंट, टीला कंसल्टेंट्स तथा धनबाद जिले के 69 गांव के रैयतों के साथ समाहरणालय के सभागार में बैठक आयोजित की गई। बैठक में भारत सरकार और रेलवे द्वारा तैयार एलाइनमेंट पर चर्चा की गई। अपर समाहर्ता ने कहा कि प्रोजेक्ट का एलाइनमेंट बनाते समय घनी आबादी, स्कूल, हॉस्पिटल, धार्मिक स्थल प्रभावित नहीं हो, इसे ध्यान में रखकर डीपीआर तैयार किया गया है। साथ ही कहा कि प्रत्येक गांव में भूमि अधिग्रहण करने से पहले अधिसूचना जारी की जाएगी। अधिसूचना के तहत जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। निर्धारित दर के अनुसार सरकार द्वारा प्रभावितों को मुआवजा दिया जाएगा।हाई स्पीड रेल प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद झारखंड में कोडरमा और धनबाद में ट्रेन का ठहराव होगा। बैठक में 69 गांव के रैयतों ने अपने-अपने सुझाव भी रखें बैठक में अपर समाहर्ता श्री विनोद कुमार, द नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड की सीनियर मैनेजर श्रीमती निकिता धवन, ओवरसीज मिंट कंसलटेंट के फील्ड एग्जीक्यूटिव आरिफ अजीज, फील्ड सुपरवाइजर प्रमोद शर्मा, टिला कंसल्टेंट्स के प्रतिनिधि के अलावा बड़ी संख्या में रैयत मौजूद थे।
कोडरमा की बेटी हनी गुगल में बनी इंजीनियर, अन्नपूर्णा ने दी बधाई*

झारखंड डेस्क कोडरमा : कोडरमा के अधिवक्ता व सहाना रोड कोडरमा निवासी संजीव कुमार प्रधान की बीस वर्षीय बेटी 20 वर्षीया सुश्री हनी प्रधान अंतरराष्ट्रीय सॉफ्टवेयर कंपनी गुगल में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में चयनित हुई है। उसकेचयनित होने पर कोडरमा की सांसद एवं केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं। अन्नपूर्णा देवी ने हनी प्रधान को कहा है कि आपने अपने परिवार और पूरे क्षेत्र का नाम रोशन किया है।