दरभंगा मैं 22 हजार कि आबादी बाढ़़ से प्रभावित
दरभंगा में किरतपुर प्रखंड में बाढ़ ने दुबारा दस्तक दे दी है। नेपाल से छोड़े गए कोशी नदी के पानी का असर किरतपुर प्रखंड के दर्जनों गांव में देखने को मिल रहा है।
कोशी नदी के जलस्तर में वृद्धि के कारण किरतपुर प्रखंड के दर्जनों गांव वर्दीपुर सिरनिया, पकरिया, अमृतनगर, लक्ष्मीपुर, भंडरिया, कदवारा, कटरिया, राम खेतरिया सहित कई गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है।

कोशी का पूर्वी तटबंध टूटने के कगार पर है। प्रशासन ने इस पर आवाजाही बंद करवा दी है। एनडीआरएफ मौके पर नहीं है। और न ही जल संसाधन विभाग का कोई कर्मी मौजूद है। स्थानीय लोगों की मदद से मिट्टी का बोरा तटबंध के किनारे रखा जा रहा है।


22 हजार की आबादी इस बाढ़ से ग्रसित

किरतपुर प्रखंड के नरकटिया गांव के पास बांध के ऊपर से नदी का पानी बह रहा है। अभी तक कोई राहत शिविर इलाके में नहीं चलाया गया है। जबकि 24 घंटे पहले से ऐसा करने का निर्देश था। किरतपुर सीओ अब चालू करवाने की बात कह रहे हैं। लगभग 22 हजार की आबादी इस बाढ़ से ग्रसित है। सभी बांध पर आकर शरण लेने को मजबूर हैं। 2004 के बाद ये पहला मौका है जब बाढ़ ने इतनी बड़ी दस्तक दी है।

बिजली नहीं रहने पर अंधेरे में रहने को मजबूर

लोगों को घर से निकलने में काफी ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। पानी से घिर जाने के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। सबसे ज्यादा दिक्कत ग्रामीणों को पशुओं के लिए चारा जुटाने में हो रहा है। वहीं, स्थानीय लोग प्रवीण यादव ने बताया है कि दिन में तो किसी तरह रह लेते हैं। रात में बिजली नहीं रहने पर अंधेरे में रहने को मजबूर रहते हैं। पानी पीने को तरस रहे हैं। घर से निकला मुश्किल हो गया है।
पशुओं के लिए नहीं जुटा पा रहे चारा

कई घरों को कोशी नदी अपने तेज बहाव में अपने साथ बहा ले गया है। घर को बहते देख भय उत्पन्न हो गई है। लोग दूर-दूर नाव से जाकर पशुओं के चारा लाकर पशु को खिला रहे हैं। स्थानीय लोग राम कुमार यादव ने बताया कि दूसरी बार बाढ़ का पानी आने से लोगों को कष्ट झेलना पड़ रहा है। 55 साल के उम्र में इतना पानी कोशी नदी में कभी नहीं देखा था।

ग्रामीणों को राशन, दवाइयां, पशु चारा और अन्य जरूरत के कार्यों के चलते नदी की तेज धारा में नाव के जान को जोखिम में डालकर नाव सहारे निबटारा करना पड़ रहा है। लेकिन कोशी नदी के रूद्र रूप के कारण नाव तक जाना मुश्किल होता है। पानी का करंट ज्यादा होने के कारण लोगों को हिम्मत तक नहीं होती है। 16 नाव चालू करवा दिया गया

कोशी नदी में जलस्तर के बढ़ने की संभावना को लेकर बांध पर नजर रखी जा रही है। बांधों पर बने रेन कट को भी दुरुस्त किया जा रहा है। इस कोशी बाढ़ को देखते हुए किरतपुर सीओ आशुतोष कुमार सन्नी ने बताया कि बाढ़ प्रभावित इलाकों का अब तक 16 नाव चालू करवा दिया गया है। आवश्यकता पड़ने पर और नाव दिया जाएगा। उन्होंने आगे बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में आवश्यकता होने पर सामुदायिक किचन और पीने की पानी की व्यवस्था चालू करवा दी जाएगी।

उन्होंने बताया है कि कोशी नदी में पानी का जलस्तर स्थिर हो गई है। लोगों को ऊंचे स्थान पर जाने को लेकर प्रशासन अलर्ट कर दिया है। अपवाह पर ध्यान न देनी की अपील की है। कोई भी सूचना मिले तो तुरंत स्थानीय प्रशासन को जानकारी देने का अपील किया है।

दरभंगा से आरफा प्रवीन की रिपोर्ट
ट्रेन इंजन से कटकर परिवार की तीन महिलाओं की मौत
दरभंगा में शुक्रवार रात एक ही परिवार के तीन महिलाओं की ट्रेन से कटकर मौत हो गई। बताया जा रहा कि नवनिर्मित दरभंगा बाइपास स्टेशन पर इंजन का स्पीड ट्रायल चल रहा था। इसी दौरान तीनों महिलाएं शौच के लिए रेलवे पटरी के पास गई थी, तभी हादसा हो गया। इनके घर में शौचालय नहीं है। तीनों की मौके पर ही मौत हो गई।

मृत महिलाओं की पहचान रामबाबू पासवान की पत्नी बबीता देवी, श्याम पासवान की पत्नी ममता देवी और रामलगन पासवान की पत्नी देवकी देवी के रूप में हुई है। मृतका बबीता देवी के बेटे सतीश पासवान ने बताया कि मां ने खाना दिया था, फिर दूध पीने को बोलकर कहा था मैं आ रही हूं। घटना गोपालपुर गांव के पास की है।

सूचना पर जीआरपी और आरपीएफ सहित कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंची और कार्रवाई में जुट गई।

घर में शौचालय न होने का जताया विरोध

तीनों आपस में गोतनी थीं। वहीं, घटना के बाद स्थानीय लोग आक्रोशित दिखे। उन्होंने प्रशासन का भी विरोध किया। कहा कि घर में यदि शौचालय होता तो ये तीनों महिलाएं शौच के लिए घर से नहीं निकलती और आज इनकी मौत भी नहीं होती।

घटना-स्थल पर मौजूद गीता देवी ने कहा कि बबिता देवी, ममता देवी और देवकी देवी शौच के लिए गईं थीं। देवकी और बबिता देवी साड़ी में थी और ममता देवी नाइटी पहनी थी। बबिता देवी का कपड़ा इंजन में फंस गया था।

स्थानी निवासी शिवनारायण पासवान का कहना है हम लोगों को कोई भी काम करने के लिए इसी रेल पटरी से होकर गुजरना पड़ता है।

मृतका की सास पानो देवी से कहा कि हमारी बहू हमे बताकर शौच के लिए गई हुई थी। फिर वो घर वापस नहीं लौटी।

लोगों को ट्रायल के बारे पहले जानकारी दी गई थी

हाजीपुर मंडल रेलवे के मुख्य सूचना जनसंपर्क पदाधिकारी वीरेंद्र कुमार ने बताया कि उस लाइन पर इंजन का ट्रायल चल रहा था। ताकि देखा जा सके की इलेक्ट्रिक इंजन प्रॉपर तरीके से चल पाएगी या नहीं। लोगों को समझना चाहिए की लाइन जब चालू हो गई है तो अनऑथराइज्ड जगह क्रॉस ना करें। इंजन ट्रायल की सूचना पहले दी भी जा चुकी थी।

इसमें कोई मुआवजा का प्रावधान नहीं है। बाकी जो भी न्याय संगत होगा किया जाएगा।

दरभंगा से आरफा प्रवीन की रिपोर्ट
दरभंगा में 30 सितंबर को लगेगा जॉब कैंप
दरभंगा में युवाओं के लिए सुनहरा मौका है। आने वाले 30 सितंबर को श्रम संसाधन विभाग की ओर से जॉब कैंप का आयोजन किया गया है। आयोजन दिन के 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक होगा। इस कैंप में भाग लेने के लिए 18 से 30 वर्ष की आयु निर्धारित की गई है। बहाली इंटरव्यू के आधार पर होगी। यह नियुक्ति 50 पदों पर निकाली गई है। जानकारी दरभंगा के नियोजन पदाधिकारी अवर प्रादेशिक नियोजनालय मृणाल कुमार चौधरी ने दी है।


उन्होंने बताया कि आईटीआई, रामनगर के निकट संयुक्त श्रम भवन लहेरियासराय के कार्यालय परिसर और विश्वविद्यालय नियोजन सूचना व मार्गदर्शन केंद्र दरभंगा में Chaitanya India Fin Credit Pvt Ltd कैंप लगा रही। जिसमें मैट्रिक पास अभ्यर्थी की बहाली होगी।

उन्होंने कहा कि कस्टमर रिलेशनशिप एग्जीक्यूटिव के लिए अभ्यर्थी की उम्र सीमा 18 से 28 वर्ष निर्धारित है। कुल 50 पदों पर नियुक्ति के लिए साक्षरता का आयोजन किया जाएगा। चयनित बीएम पद के लिए अभ्यर्थियों को 11,080 रुपए वेतन सहित मुफ्त आवास प्रतिमाह दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि नियोजक की ओर से चयनित कस्टमर रिलेशनशिप एग्जीक्यूटिव पद के लिए अभ्यर्थियों की नियुक्ति की जानी है।

चयनित अभ्यर्थियों को उत्तर बिहार जिले में रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। अभ्यर्थी के पास दो पहिया वाहन और ड्राइविंग लाइसेंस होना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि सभी वांछित अभ्यर्थी उक्त मेला में अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होकर रोजगार के अवसर का लाभ उठा सकते हैं। जॉब कैंप में भाग लेने के लिए अभ्यर्थियों के लिए नियोजनालय निबंधन अनिवार्य है।

कस्टमर रिलेशनशिप एग्जीक्यूटिव पद के लिए नियुक्ति

इसी प्रकार विश्वविद्यालय नियोजन सूचना व मार्गदर्शन केंद्र दरभंगा ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय कैंपस नरगोना पैलेस के माध्यम से 30 सितंबर (सोमवार) को विश्वविद्यालय नियोजन सूचना और मार्गदर्शन केंद्र दरभंगा में Chaitanya India Fin Credit Pvt Ltd सुबह के 11:00 बजे से दोपहर 03:00 बजे तक जॉब कैम्प का आयोजन किया जाएगा। जिसमें मैट्रिक अभ्यार्थी की बहाली की जाएगी।

उन्होंने कहा कि कस्टमर रिलेशनशिप एग्जीक्यूटिव पद के लिए अभ्यर्थी की उम्र सीमा 18 से 28 वर्ष है निर्धारित है। कुल 50 पदों पर नियुक्ति के लिए साक्षरता का आयोजन किया जाएगा।

चयनित बीएम पद के लिए अभ्यर्थियों को 12,500 रुपए वेतन सहित अन्य भत्त प्रतिमाह दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि नियोजक की तरफ से चयनित कस्टमर रिलेशनशिप एग्जीक्यूटिव पद के लिए अभ्यर्थियों को नियुक्ति किया जाना है। सम्पूर्ण बिहार में रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा।

इच्छुक अभ्यर्थी भारत सरकार के NCS Protal (www.ncs.gov.in) पर जाकर खुद से या इस नियोजनालय में आकर निबंधन करा सकते हैं। अभ्यर्थी अपना बायोडाटा, सभी शैक्षणिक प्रमाण पत्र, 05 रंगीन फोटो, आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक पासबुक और अन्य प्रमाण पत्र के साथ जॉब कैंप में भाग ले सकते हैं। जॉब कैम्प में भाग लेना पूर्णतः निःशुल्क है।

दरभंगा से आरफा प्रवीन की रिपोर्ट
पानी से भरे गड्ढे में भैंस को नहाते समय हादसा, बेटे को दिखा उपलाता हुआ शव
दरभंगा जिला के कुशेश्वरस्थान दक्षिणी पंचायत अन्तर्गत गुलरिया गांव में बुधवार की देर शाम रेलवे बांध के बगल में पानी से भरे गड्ढे में एक भैंस चरवाहा अधेड़ व्यक्ति के डूबने से मौत हो गई। मृतक की पहचान उक्त गांव के धुप नारायण यादव के 50 वर्षीय पुत्र बिलो यादव के रूप में की गई है।
घटना की सूचना मिलने पर कुशेश्वरस्थान पुलिस ने गुरुवार को मृतक के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए डीएमसीएच भेज दिया गया है। आस पास के लोगों को घटना की जानकारी मिलते ही वहां भीड़ जुट गई।

भैंस को नहाने के दौरान हादसा

परिजनों से प्राप्त जानकारी के अनुसार उक्त गांव के बिलो यादव अपने भैंस को पानी पिलाने और धोने के लिए रेलवे बांध के बगल में पानी से भरे गड्ढे में ले गया था। इसी दौरान गहरे पानी में चले जाने पर डुबने से उसकी मौत हो गई।

काफी देर तक जब भैंस लेकर वापस घर नहीं लौटा तो पुत्र प्रिंस यादव खोजने के लिए रेलवे बांध के किनारे गया। वहां भैंस पानी में बैठी हुई थी। लेकिन पिता को नहीं देखकर इधर उधर नजर दौड़ाया। भैंस से कुछ दूरी पर पानी में उपलाते हुए पिता को देख छलांग लगाकर पानी में कूद पड़ा। पानी से बाहर निकालकर ऊपर लाया लेकिन उसकी मौत हो चुकी थी।

शव को घर पहुंचते ही परिजनों में कोहराम मच गया। घटना के बाद से मृतक के मां, पत्नी सहित परिवार के अन्य सदस्यों को रो रोकर बुरा हाल हो गया है।

दरभंगा से आरफा प्रवीन की रिपोर्ट
मुंबई से बिहार आने वाली फ्लाइट की सीधी सेवा बंद
दीपवाली और छठ पूजा में मुंबई से बिहार आने वाले यात्रियों के लिए स्पाइसजेट कंपनी ने सीधी सेवा बंद कर दी है। मुंबई से दरभंगा आने वाले यात्रियों को कनेक्टिंग फ्लाइट लेनी पड़ेगी। जिसके लिए लोगों को टिकट के लिए 22 हजार रुपए देने होंगे। सीधी उड़ान रद्द करने के पीछे कंपनी ने तकनीकी कारण है। ट्रेवल एजेंट से मिली जानकारी के अनुसार 27 अक्टूबर से विमान कंपनी ने सीधी हवाई सेवा के लिए फ्लाइट में टिकट की बुकिंग बंद कर दी है। फिलहाल स्पाइसजेट के अलावा इस रूट पर किसी अन्य कंपनी की हवाई सेवा नहीं है।

कनेक्टिंग फ्लाइट से 7 घंटे में पहुंचेंगे दरभंगा

मुंबई से दरभंगा सफर करने वाले यात्रियों के लिए कनेक्टिंग फ्लाइट की ही विकल्प बच गया है। पहले यात्रियों को दिल्ली की फ्लाइट पकड़ कर यहां पहुंचना पड़ेगा। जिसके बाद यात्रियों को फ्लाइट के इन्तजार में करीब सात घंटे से अधिक समय गुजारने पड़ेंगे। आम दिनों में लोग इस सफर को दो से ढाई घंटे के अंदर तय कर लेते हैं। इसके साथ बता दें कि दीपावली और छठ के मौके र यात्री 20,784 रुपए में टिकट बुक करा रहे हैं। जिसमें टैक्स समेत कुल 22 हजार रुपए देना पड़ रहा है।

मुंबई से दरभंगा की कनेक्टिंग फ्लाइट की रूट

यात्रियों को सुबह 7.20 में मुंबई की फ्लाइट पकड़नी होगी।

फ्लाइट दिल्ली एयरपोर्ट पर सुबह 9.30 बजे पहुंचेगी।

दरभंगा आनेवाले यात्रियों को दिल्ली एयरपोर्ट पर करीब साढ़े चार घंटे बिताने होंगे।

दोपहर 1.30 बजे दिल्ली से दरभंगा के लिए फ्लाइट उड़ान भरेगी।

फ्लाइट दरभंगा एयरपोर्ट पर 3.15 बजे में लैंड करेगी।

दरभंगा से आरफा प्रवीन की रिपोर्ट
कुशेश्वरस्थान-फुलतोड़ा सड़क का निर्माण कार्य हुआ पूरा
कुशेश्वरस्थान पूर्वी प्रखंड का लाइफ लाइन कुशेश्वरस्थान फुलतोड़ा सड़क बन कर तैयार हो गया है।

निर्माण कार्य पूरा होने के बाद मिथिला और फरकीया जुड़ गया है। लोगों का सालों के सपना अब साकार हो गया। इस मार्ग से आवागमन शुरू होते ही दरभंगा और खगड़िया की दूरी सिमट कर मात्र 111 किलोमीटर रह जाएगी। इस दूरी को तय करने में पहले घंटों समय लग जाते थे। अब तो दो से ढ़ाई घंटे में दरभंगा से खगड़िया पहुंचा जा सकता है।


जबकि कुशेश्वरस्थान से खगड़िया जाने के लिए पहले समस्तीपुर के रोसड़ा, हसनपुर होते हुए 125 किलोमीटर की दूरी तय करने में साढ़े तीन से चार घंटे का समय लगता था। अब यह दूरी घटकर सिर्फ 51 किलोमीटर रह गई है और इस दूरी को तय करने में 50-60 मिनट का समय लगता है।

न नाव पर चढ़ने की झंझट न ही नदी पार करने की जरूरत। इस मार्ग से दरभंगा, कुशेश्वरस्थान और खगड़िया आसानी से जा सकते। बस अब इस सड़क का उद्घाटन का इंतजार है।

20.8 किमी लंबी सड़क निर्माण कार्य का शिलान्यास किया था

दरभंगा जिला का सुदूरवर्ती कुशेश्वरस्थान पूर्वी प्रखंड में कोसी और कमला बलान नदी, इसकी उपधारा और नाले का जाल बिछा हुआ था। वर्तमान बिहार के एनडीए सरकार की सुदूरवर्ती क्षेत्रों तक सड़क निर्माण करने की नीति और वर्ष 2009 लोकसभा चुनाव में यहां के सांसद बने महेश्वर हजारी व तात्कालीन विधायक शशिभूषण हजारी के प्रयास से कुशेश्वरस्थान फुलतोड़ा सड़क की मंजूरी मिली।

वर्ष 2018 में तात्कालीन विधायक ने 413 करोड़ रुपए की प्राक्कलित राशि से 20.8 किलोमीटर लंबी सड़क के निर्माण कार्य का शिलान्यास किया था। सड़क का निर्माण कार्य 21 अप्रैल 2022 तक पूरा करने की तिथि निर्धारित हुई थी।

दरभंगा से आरफा प्रवीन की रिपोर्ट
प्राथमिक कक्षाओं के मूल्यांकन में नया पैटर्न लागू
प्राथमिक कक्षाओं की अर्द्धवार्षिक परीक्षा 26 सितंबर को सम्पन्न हो जाएगी। इसके तुरंत बाद तीसरी से आठवीं कक्षा तक के परीक्षार्थियों की व्यवहृत उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन 27 सितंबर से आरंभ हो जाएगा। पहली अक्टूबर तक मूल्यांकन कार्य सम्पन्न होगा।

समग्र शिक्षा के डीपीओ रवि कुमार ने कहा कि डीईओ के निर्देश पर उतर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन केंद्र का निर्धारण और मूल्यांकन निदेशक की नियुक्ति का काम सम्पन्न कर लिया गया है। प्रत्येक पंचायत में मूल्यांकन केंद्र के रूप में ऐसे विद्यालय का चयन किया गया है जहां सभी प्रकार की आधारभूत संरचना उपलब्ध है। उसी विद्यालय के प्रधानाध्यापक को मूल्यांकन निदेशक के रूप में कार्य करने के लिए नियुक्ति की कार्रवाई भी आरंभ कर दी गई हैं।

प्रधानाध्यापक शिक्षकों के सहयोग से तैयार करेंगे प्रगति पत्रक

डीपीओ रवि कुमार ने कहा कि मूल्यांकन निदेशकों का दायित्व होगा कि वह व्यवहृत उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के बाद वर्गवार और विषयवार अंक-पत्रक को प्रतिदिन अपने संबंधित प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को उपलब्ध कराएंगे। संबंधित बीईओ मूल्यांकन केंद्र से हस्तगत कराए गए अंक-पत्रक को संबंधित विद्यालय के प्रधानाध्यापक को उसी दिन उपलब्ध करा देंगे। उपलब्ध अंक-पत्रक के आधार पर विद्यालय के प्रधानाध्यापक अपने शिक्षकों के सहयोग से बच्चों का प्रगति पत्रक तैयार करेंगे। प्रगति पत्रक को 5 अक्टूबर को समारोह पूर्वक शिक्षक अभिभावक बैठक आयोजित कर बच्चों के बीच वितरित किया जाएगा।

13 मूल्यांकन केन्द्रों का चयन

ई-शिक्षा कोष पोर्टल से डाउनलोड किए गए प्रश्न पत्र के आधार पर आयोजित पहली और दूसरी कक्षा के अंकपत्र को भी प्रगति पत्रक में सम्मिलित करने का निर्देश दिया गया है। इस बार प्राथमिक कक्षाओं की अर्द्धवार्षिक परीक्षा और व्यवहत उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन पूरी तरह राज्य शिक्षा, शोध परिषद् के निर्देश र उपलब्ध कराई गई सामग्री के आधार पर आयोजित की जा रही है।

उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में सहायक एवं प्रधान शिक्षक भी नियुक्त किए जा रहे हैं। मूल्यांकन कार्य को लेकर प्रखंडों में तैयारी चल रही है। सदर प्रखंड में प्रभारी बीईओ कृतिका वर्मा ने बताया कि 13 मूल्यांकन केन्द्र का चयन कर लिया गया है। संकुल समन्वयक और संकुल प्रभारी को उनके दायित्वों के प्रति अवगत करा दिया गया है।

दरभंगा से आरफा प्रवीन की रिपोर्ट
दरभंगा एम्स के लिए 37.31 एकड़ जमीन ट्रांसफर
बिहार के दरभंगा में एम्स 187.44 एकड़ जमीन में बनेगा। राज्य सरकार ने दरभंगा एम्स के लिए केंद्र सरकार को शेच बची 37.31 एकड़ जमीन ट्रांसफर कर दी है। मंगलवार को सचिवालय स्थित विकास भवन सभागार में एम्स निदेशक को विभाग के विशेष सचिव ने जमीन के कागजात सौंप दिए।
एम्स के लिए 37.31 एकड़ जमीन ट्रांसफर

इस मौके पर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि दरभंगा एम्स निर्माण के लिए बिहार सरकार ने 150.13 एकड़ जमीन केंद्र सरकार को पूर्व में हस्तांतरित की थी। आज शेष 37.31 एकड़ जमीन और हस्तांतरित हो गई है। कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत भी मौजूद थे।

8 करोड़ लोगों को होगा फायदा

स्वास्थ्य मंत्री ने आगे कहा कि डबल इंजन की सरकार में तेजी से हो विकास हो रहा है। 2019-20 में दरभंगा में बिहार के दूसरे एम्स की स्वीकृति प्रदान की गई थी। 750 बेड वाले इस अस्पताल के लिए 2020 में 1 हजार 264 करोड़ राशि की मंजूर हुई थी। संस्थान को नए स्वरुप में बनाने की जिम्मेदारी आईआईटी दिल्ली को दी गई है। मिथिलावासियों सहित नेपाल और पूर्वाेत्तर राज्यों के 8 करोड़ लोगों को इससे फायदा होगा।

इस परियोजना से स्वास्थ्य ढांचे में सुधार होगा। स्थानीय लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मिलेंगी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शोभन बाइपास की जमीन को एम्स निर्माण के लिए उपयुक्त बताया था।

दरभंगा से आरफा प्रवीन की रिपोर्ट
दरभंगा में एम्स निर्माण के लिए जमीन सर्वे शुरू
दरभंगा में शोभन एकमी बाइपास पथ स्थित बलिया मौजे के समीप अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) निर्माण के लिए प्रस्तावित स्थल पर जमीन सर्वे का काम शुरू हो गया है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा, बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे और एम्स कार्यपालक निदेशक डॉ माधवानंद कार द्वारा 7 सिंतबर को स्थल निरीक्षण के 15 दिनों बाद जमीन सर्वे कार्य शुरू हुआ है डीएसआर सर्वे प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की ओर से कोलकाता और दिल्ली की पांच सदस्यीय टीम ने निर्माण स्थल पर जमीन सर्वे शुरू किया है। अस्पताल को लेकर जमीन सर्वे का काम प्रारंभ होने से मिथिलांचलवासियों में विश्वास जागृत हो गया है।

भूमि सर्वे के बाद मिट्टीकरण का काम शुरू

सर्वे टीम में शामिल जय मंडल, शिवम कुमार, आनंद कुमार, संजय मंडल, समोद्वीप सोमांता ने बताया कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय दिल्ली के निर्देश पर शोभन बाइपास में एम्स निर्माण को लेकर प्रस्तावित दो सौ एकड़ जमीन का सर्वे तकनीकी उपकरण के माध्यम से करने के बाद प्रतिवेदन समर्पित किया जाएगा।

इसके बाद सरकारी मापदंड के तहत मिट्टी करण कार्य की प्रक्रिया प्रारंभ होगी। सर्वेअर टीम के तीन सदस्य प्रस्तावित भूमि के जलजमाव स्थल पर लगे तीन से चार फीट पानी के आतंरिक भाग के सर्वे कार्य को लेकर तैनात हैं।

मिट्टी खुदाई वाले गड्ढे में जलजमाव

बता दें कि शोभन चौक से लगभग पांच किलोमीटर आगे एकमी जाने वाले पथ पर सिमरी और हनुमान नगर थाना के सीमावर्ती क्षेत्र से पश्चिम में जमीन का सर्वे किया जा रहा है। प्रस्तावित स्थल के अंदर मिट्टी खुदाई वाले गड्ढे में ढाई से तीन फीट जलजमाव है। अधिकांश भाग सूखा नजर आ रहा है।

स्थानीय ग्रामीण फैजान अहमद, शहाबुद्दीन, मनोज सिंह ने बताया कि वर्षा नहीं होने के कारण इस समय यह स्थिति है। सर्वे टीम के संजय मंडल ने बताया कि भूमि सर्वे के बाद एम्स स्थल की भूमि पर मिट्टीकरण को लेकर नजरी नक्शा के अनुसार कार्य होगा।

अब तक के सर्वे और स्थल अवलोकन को देखकर लगता है कि जलजमाव वाले स्थल पर लगभग 10 से 15 फीट मिट्टी भरने की जरूरत होगी। शोभन एकमी बाईपास पथ के किनारे से लगभग चार फीट नीचे तक मिट्टी भराई का कार्य किया जा सकता है।

दरभंगा से आरफा प्रवीन की रिपोर्ट
बिहार राज्य विद्यालय बालिका हैंडबॉल प्रतियोगिता आयोजित
खेल विभाग बिहार राज्य खेल प्राधिकरण पटना और जिला प्रशासन दरभंगा के संयुक्त देखरेख में बिहार स्पेशल आर्म्ड पुलिस-13 के प्रांगण में दिनांक 23 सितंबर से 28 सितंबर 2024 तक बिहार राज्य विद्यालय बालिका हैंडबॉल( अंडर- 14,17 ,19 )प्रतियोगिता 2024-25 का आयोजन किया गया है। उल्लेखनीय है कि इस प्रतियोगिता में बिहार के 38 जिलों के प्रतिभागियों का यहां आना सुनिश्चित है। अभी तक 28 जिलों की ओर से आने की स्वीकृति प्राप्त हो गई है। मैदान की सुव्यवस्था के काम में शारीरिक शिक्षा शिक्षक आशीष कुमार के साथ राष्ट्रीय हैंडबॉल खिलाड़ी मुकेश कुमार ने कमान संभाल रखी है। संपूर्ण खेल परिसर को व्यवस्थित एवं सुसज्जित किया जा चुका है। खेल का मैदान पूर्ण रूपेण खेल के लिए उपयुक्त बनाया गया है।

दरभंगा जिला के तीनों आयु वर्ग के बालिका टीम का यहां आगमन हो चुका है और सभी बालिका खिलाड़ी खेल कौशल के साथ-साथ सभी कार्यों में सहयोग कर उत्कृष्ट खेल भावना का परिचय दे रहे हैं। बाहर के जिले से आने वाली टीमों के आगमन के साथ ही निबंध के कार्य हेतु शारीरिक शिक्षा शिक्षक राजेश कुमार ,अरुण कुमार एवं मिथिलेश कुमार दास कि प्रतिनियुक्ति की गई है।

खेल मैदान की व्यवस्था आशीष कुमार एवम मुकेश कुमार, गोविंद कुमार वरीय खिलाड़ी लगे हैं। कार्यालय का दायित्व राकेश कुमार सिंह, प्रमाण पत्र लेखन में रश्मि दास ,कंचन कुमारी खुशबू सुमन, सीमा कुमारी,रुबी सिन्हा,पूजा कुमारी ,नमिता कुमारी एवं खिलाड़ियों को सुंदर भोजन उपलब्ध कराने के लिए सर्व व्यवस्था प्रमुख के रूप में एक बार फिर हरिमोहन चौधरी के ऊपर दायित्व है। साथ ही अजय यादव सहयोग कर रहे हैं।

कार्यक्रम को संपन्न कराने और इसके उत्कृष्ट संचालन के लिए बिहार राज्य खेल प्राधिकरण से प्रति नियुक्त तकनीकी पदाधिकारी एवं ऑफिशियल प्रतिनियुक्त किए गए हैं। जिनकी देख रेख में यह प्रतियोगिता संपन्न होगी।

राष्ट्रीय रेफरी संतोष कुमार वर्मा, सपना कुमारी, विजय कुमार एवं बबलू कुमार है। ग्राउंड की सुंदर व्यवस्था को देख कर उन्होंने कहा कल्पना को ऊंची उड़ान चाहिए,पंछी को नीला आसमान चाहिए। हैंडबॉल के खिलाड़ियों को 40 बाई 20 का समतल मैदान चाहिए।

दरभंगा से आरफा प्रवीन की रिपोर्ट