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Sep 25 2024, 13:27

अरविंद केजरीवाल ने RSS प्रमुख मोहन भागवत को लिखी चिट्ठी, पूछे ये 5 सवाल

#arvindkejriwalwrotelettermohan_bhagwat

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को चिट्ठी लिखी है। दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने मोहन भागवत को पत्र लिखकर उनसे केंद्रीय जांच एजेंसियों के दुरुपयोग से लेकर पीएम मोदी के रिटायरमेंट को लेकर सवाल पूछे हैं। अरविंद केजरीवाल ने इस चिट्ठी में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से 5 सवाल पूछे हैं। अरविंद केजरीवाल दिल्ली के सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद से लगातार बीजेपी को लेकर आएसएस से सवाल पूछ रहे हैं। पहले उन्होंने जनता की अदालत में आरएसएस चीफ मोहन भागवत से पांच सवाल पूछे थे।

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इस्तीफा देने के बाद से लगातार बीजेपी और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत पर हमलावर नजर आ रहे हैं। अब एक बार फिर उन्होंने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से 5 सवाल किए और इस बार आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने संघ प्रमुख मोहन भागवत को सीधा चिट्ठी लिखा है और जमकर निशाना साधा है।

अरविंद केजरीवाल ने कहा, ''मैं आशा करता हूं कि आप स्वस्थ होंगे। मैं यह पत्र एक राजनैतिक पार्टी के नेता की हैसियत से नहीं लिख रहा हूं बल्कि इस देश के एक सामान्य नागरिक के तौर पर लिख रहा हूं। आज देश के हालात को लेकर मैं बहुत चिंतित हूं। जिस दिशा में बीजेपी की केंद्र सरकार देश और देश की राजनीति को ले जा रहीं है, यह पूरे देश के लिए हानिकारक है।''

पूर्व सीएम ने कहा, ''अगर यही चलता रहा तो हमारा लोकतंत्र खत्म हो जाएगा, हमारा देश खत्म हो जाए‌गा। पार्टियां तो आती-जाती रहेंगी, चुनाव आते-जाते रहेंगे, नेता आते-जाते रहेंगे, लेकिन भारत देश हमेशा रहेगा। इस देश का तिरंगा आसमान में गर्व से हमेशा लहराए, ये सुनिश्चित करना हमारी सबकी ज़िम्मेदारी है। इसी संबंध में जनता के मन में कुछ सवाल हैं जो में आपके समक्ष रख रहा हूं। मेरी मंशा सिर्फ भारतीय लोकतंत्र को बचाने और मजबूत करने की है।''

अरविंद केजरीवाल के 5 सवाल

1. देशभर में तरह-तरह के लालच देकर या फिर ईडी-सीबीआई की धमकी देकर दूसरी पार्टी के नेताओं को तोड़ा जा रहा है, उनकी पार्टियों को तोड़ा जा रहा है और दूसरी पार्टियों की सरकारों को गिराया जा रहा है। क्या इस तरह से चुनी हुई सरकारें गिराना देश और देश के लोकतंत्र के लिए सही है? किसी भी तरह बेईमानी करके सत्ता हासिल करना, क्या आपको या आरएसएस को यह मंजूर है?

2. देश के कुछ नेताओं को खुद प्रधानमंत्री और अमित शाह ने सार्वजनिक मंच से भ्रष्टाचारी कहा और उसके कुछ दिन बाद ही उन्हें भारतीय जनता पार्टी में शामिल करा लिया। जैसे 28 जून 2023 को मोदी ने एक सार्वजनिक भाषण में एक पार्टी और उनके एक नेता पर 70 ह‌ज़ार करोड़ के घोटाले का आरोप लगाया। उसके कुछ दिन बाद ही उस पार्टी को तोड़ कर उसी नेता के साथ सरकार बना ली और उसी नेता को, जिसे कल तक भ्रष्ट कहते थे, उसे उपमुख्यमंत्री बना दिया। ऐसे कई मामले हैं जब दूसरी पार्टियों के भ्रष्ट नेताओं को बीजेपी में शामिल करवाया गया। क्या आपने या आरएसएस कार्यकर्ताओं ने ऐसी बीजेपी की कल्पना की थी? क्या ये सब देखकर आपको कष्ट नहीं होता?

3. बीजेपी वो पार्टी थी जो आरएसएस की कोख से पैदा हुई। ये आरएसएस की जिम्मेदारी है कि यदि बीजेपी पथ भ्रमित हो तो उसे सही रास्ते पर लाए। क्या आपने कभी प्रधानमंत्री को ये सब गलत काम करने से रोका?

4. जेपी नड्डा ने लोकसभा चुनाव के दौरान कहा कि बीजेपी को अब आरएसएस की जरूरत नहीं है। आरएसएस एक तरह से बीजेपी की मां है। क्या बेटा इतना बड़ा हो गया कि मां को आँखे दिखाने लगा है? मुझे पता चला है कि नड्डा जी के इस बयान ने हर आरएसएस कार्यकर्ता को बेहद आहत किया। देश जानना चाहता है कि उनके बयान से आपके दिल पर क्या गुजरी?

5. आप सबने मिलकर कानून बनाया कि 75 साल की उम्र के बाद बीजेपी नेता रिटायर ही जाएंगे। इस कानून का खूब प्रचार किया गया और इसी क़ानून के तहत आडवाणी जी और मुरली मनोहर जोशी जी जैसे कई कद्दावर बीजेपी नेताओं को रिटायर किया गया। पिछले दस वर्षों में इस कानून के तहत अन्य कई बीजेपी नेताओं को रिटायर किया गया जैसे खंडूरी जी, शांता कुमार जी, सुमिता महाजन जी आदि। अब अमित शाह जी का कहना है कि यो क़ानून मोदी जी पर लागू नहीं होगा। क्या इस पर आपकी सहमति है कि जिस कानून के तहत आडवाणी जी को रिटायर किया गया, वो कानून अब मोदी जी पर लागू नहीं होगा? क्या सबके लिए क़ानून समान नहीं होना चाहिए?

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Sep 25 2024, 12:05

जम्मू-कश्मीर में चुनावी प्रक्रिया देखने आए 16 देशों के राजनयिक, नाराज उमर बोले- यह अच्छा नहीं

#omarabdullahondelegationofdiplomatsvisitingjammukashmir_elections

जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में मतदान हो रहा है। इसी बीच विदेशों से वरिष्ठ राजनयिकों का एक हाई लेवल डेलिगेशन जम्मू-कश्मीर पहुंचा, जो जम्मू-कश्मीर में चल रहे चुनाव की प्रक्रिया को देखने पहुंचे। इनमें संयुक्त राज्य अमेरिका, मैक्सिको, गुयाना, दक्षिण कोरिया, सोमालिया, पनामा, सिंगापुर, नाइजीरिया, स्पेन, दक्षिण अफ्रीका, नॉर्वे, तंजानिया, रवांडा, अल्जीरिया समेत 16 देशों के राजनयिक जम्मू-कश्मीर दौरे पर हैं। लेकर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने नाराजगी जाहिर की और कहा कि यह बात अच्छी नहीं है।

विदेशी राजनायिकों के दौरे पर विवाद

जम्मू-कश्मीर में मतदान प्रक्रिया देखने के लिए आए विदेशी प्रतिनिधिमंडल के दौरे पर जेकेएनसी के उपाध्यक्ष और उम्मीदवार उमर अब्दुल्ला ने कहा, "मैं इसे समझ नहीं पा रहा हूं। जब वही लोग जम्मू-कश्मीर पर टिप्पणी करते हैं, तो भारत सरकार एक बयान जारी करती है कि जम्मू-कश्मीर हमारा आंतरिक मामला है और दूसरों को इसमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। अगर आप हस्तक्षेप या उनकी टिप्पणियों को नहीं चाहते हैं, तो उन्हें यहां क्यों लाया जा रहा है?

उमर अब्दुल्ला ने उठाया सवाल

उमर अब्दुल्ला ने आगे कहा कि सरकार ने पिछले 6-7 वर्षों में लोगों को परेशान करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है, लेकिन भारत सरकार सारा श्रेय चाहती है। अगर राजनयिकों को यहां लाया जा सकता है, तो विदेशी पत्रकारों को यहां आकर चुनाव कवर करने की अनुमति क्यों नहीं दी जा रही है। राजनयिकों को गाइडेड टूरिस्ट के तौर पर यहां लाया जा रहा है। यह अच्छा नहीं है।

'वोट डालने के लिए यहां आए लोगों के बीच होना अद्भुत है'

श्रीनगर के बेमिना में एसडीए मतदान केंद्र पर भारत में दक्षिण कोरियाई दूतावास के डीसीएम लिम सांग वू कहते हैं, "मैं पहली बार यहां आया हूं। यह बहुत खूबसूरत है। वोट डालने के लिए यहां आए लोगों के बीच होना अद्भुत है। मैं वाकई जोश से भरा उत्साह देख रहा हूं और यह वास्तव में लोकतंत्र का काम है। इसलिए, बधाई। यह अच्छी तरह से आयोजित किया गया है। मैं छोटे बच्चों को उनके माता-पिता के साथ देखकर खुश था... मुझे लगता है कि वे अपने माता-पिता से यह सीखने आए हैं कि लोकतंत्र कैसे काम करता है। यह वाकई प्रभावशाली था..."

तंजानिया के राजनयिक ने क्या कहा?

श्रीनगर के बेमिना में एसडीए मतदान केंद्र पर तंजानिया के एक राजनयिक देव कहते हैं, "मैं देख रहा हूं कि लोग मतदान करने के लिए उत्साहित हैं और वे अपने साथ बच्चों को भी ला रहे हैं ताकि वे सीख सकें कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया क्या है, मैंने इस तरह की प्रथा पहले कभी नहीं देखी, यह मेरा पहला मौका है। इसलिए, यह बहुत अच्छा है। "

सिंगापुर राजनयिक ने क्या कहा?

श्रीनगर के बेमिना में SDM मतदान केंद्र पर, सिंगापुर हाईकमीशन की ऐलिस चेंग ने कहा कि संगठन सिंगापुर के से काफी मिलता-जुलता है. जहां आप लोगों के लिए इसे सरल बनाने के लिए सरकारी बिल्डिंग का इस्तेमाल किया जाता है. इसलिए, हम इस यात्रा के आयोजन के लिए विदेश मंत्रालय के शुक्रगुजार हैं. हम आएं और चल रहे मतदान को देखा

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Sep 25 2024, 11:23

क्वाड सम्मेलन के तुरंत बाद चीन ने दुनिया को दिखाई महाव‍िनाशक ताकत, प्रशांत महासागर में किया मिसाइल का टेस्ट

#china_pla_launch_of_intercontinental_ballistic_missile

चीन ने एक महाविनाशक मिसाइल का परीक्षण किया है। चीन ने बुधवार को प्रशांत महासागर में एक अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) का सफल परीक्षण किया। चीन ने बुधवार को इस परीक्षण की जानकारी दी। यह अंतरमहाद्वीपीय मिसाइल अमेरिका, ताइवान और जापान के लिए खतरा पैदा कर सकती है।इसे लेकर भी चीन ने जवाब दिया। चीन का कहना है कि यह लॉन्च किसी भी देश या टार्गेट की ओर नहीं लॉन्च किया गया था। चीन के मुताबिक मिसाइल का लॉन्च इंटरनेशनल कानूनों के हिसाब से है। मिसाइल की ताकत, रेंज या इसके लॉन्च की जगह को लेकर चीन ने कोई जानकारी नहीं दी है।

चीन के रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, 'चीनी सेना के रॉकेट फोर्स ने 25 सितंबर को सुबह 08:44 बजे प्रशांत महासागर में एक डमी हथियार ले जाते हुए एक आईसीबीएम लॉन्च किया। मिसाइल उसी समुद्री क्षेत्र में गिरी जहां उम्मीद थी। यह लॉन्च हमारे वार्षिक प्रशिक्षण योजना में एक नियमित व्यवस्था है। यह लॉन्च अंतरराष्ट्रीय कानून और अंतरराष्ट्रीय अभ्यास के अनुरूप है। किसी भी देश की ओर इसे टार्गेट नहीं किया गया था।'

ग्लोबल टाइम्स ने रक्षा मंत्रालय के बयान के हवाले से बताया है कि डमी हथियार ले जाने वाली इस मिसाइल को पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के रॉकेट फोर्स द्वारा दागा गया था। मिसाइल को प्रशांत महासागर के ऊंचे समुद्र में गिरा दिया गया। चीन के रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, मिसाइल टेस्ट ने हथियार प्रदर्शन और सैन्य प्रशिक्षण की प्रभावशीलता का परीक्षण किया और अपने लक्ष्यों को हासिल किया है।

चीनी मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, पीएलए ने पहले ही परीक्षण के बारे में संबंधित देशों को सूचित कर दिया था। रिपोर्ट्स में मिसाइल के मार्ग और प्रशांत महासागर में वह कहां गिरी, इसकी जानकारी नहीं दी गई है। चीन की सेना पीएलए की रॉकेट फोर्स, देश की पारंपरिक और परमाणु मिसाइलों के संचालन की देखरेख करती है। इस रॉकेट फोर्स को चीन की परमाणु ताकतों को आधुनिक बनाने का काम सौंपा गया है, ताकि अमेरिकी मिसाइल रक्षा, बेहतर निगरानी क्षमता और मजबूत गठबंधन का मुकाबला किया जा सके।

खास बात ये भी है कि चीन ने 1989 के बाद पहली बार आईसीबीएम का सफलतापूर्वक वायुमंडलीय परीक्षण की जानकारी दी है। चीनी ICBM का पहला परीक्षण मई 1980 में हुआ था और तब से चीन के अधिकांश परमाणु हथियार परीक्षण भूमिगत रूप से किए गए हैं।

मिसाइल लॉन्च ऐसे समय पर हुआ है जब इस साल की शुरुआत में हिंद प्रशांत क्षेत्र में दिखी नई अमेरिकी मिसाइल प्रणाली को लेकर चीन नाराज है। चीन के अधिकारियों ने इस हथियार के बारे में बार-बार शिकायत की है। पिछले साल अक्टूबर में अमेरिकी रक्षा विभाग ने कहा था कि चीन अपने परमाणु शस्त्रागार को अमेरिका से भी ज्यादा तेजी से बना रहा है।

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Sep 25 2024, 10:44

अमेरिका में चुनाव हुआ हिंसक! ट्रंप के बाद निशाने पर कमला हैरिस, चुनावी ऑफिस पर चली गोलियां

#shotsfiredintokamalaharriscampaignofficeinarizona

अमेरिका में नवंबर में राष्ट्रपति चुनाव होने हैं। हालांकि, वोटिंग से पहले अमेरिका में हिंसा की लगातार खबरें सामने आ रही हैं। पहले पूर्व राष्ट्रपति व रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप की हत्या की कोशिश की गई। अब डेमोक्रेट उम्मीदवार कमला हैरिस के चुनावी ऑफिस पर भी गोली चलने की खबर सामने आई है। अमेरिका के एरिजोना में उपराष्ट्रपति और डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार कमला हैरिस के अभियान कार्यालय में गोलीबारी की गई।

पुलिस के मुताबिक आधी रात के बाद किसी ने गोली चला दी। हालांकि, इस दौरान कार्यालय के अंदर कोई भी मौजूद नहीं था, लेकिन इस घटना के बाद इमारत के अंदर काम करने और आसपास रहने वालों की सुरक्षा को लेकर चिंता पैदा हो गई। जासूस अब घटनास्थल पर सबूत जमा कर रहे हैं। पुलिस ने बताया कि क्षेत्र में कर्मचारियों और अन्य लोगों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए अतिरिक्त कदम उठाए जा रहे हैं।

दो बार हमला हो चुका है

यह दूसरी बार है, जब हाल के दिनों में ऑफिस पर गोलियां चलीं हैं। पुलिस ने बताया कि 16 सितंबर को आधी रात के ठीक बाद, सामने की खिड़कियों पर बीबी गन या पेलेट गन से गोली चलाई गई। दोनों ही घटनाओं में अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। अधिकारियों द्वारा सभी संभावित पहलुओं की जांच की जा रही है।

डोनाल्ड ट्रंप पर भी दो बार हो चुका है हमला

बता दें कि रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर चुनावी रैली के दौरान दो बार जानलेवा हमले हो चुके हैं। ट्रंप हमला के आरोप में हवाई के रहने वाले 58 वर्षीय साल रयान राउथ को तब गिरफ़्तार किया गया। सीक्रेट सर्विस ने उन्हें फ्लोरिडा के वेस्ट पाम बीच में ट्रंप के नेशनल गोल्फ क्लब में एके-47, एक गोप्रो कैमरा और अन्य सामान के साथ छिपे हुए देखा। उस समय, पूर्व राष्ट्रपति उस स्थान पर गोल्फ खेल रहे थे। सीक्रेट सर्विस ने देखते ही गोली चला दी। लेकिन, राउथ कार से भाग गया। हालांकि, बाद में उन्हें गिरफ़्तार कर लिया गया।

इससे कुछ दिन पहले, ट्रंप की पेंसिल्वेनिया रैली में एक जानलेवा अटैक हुआ था। हालांकि, वह हमले में बाल-बाल बच गए थे।स्नाइपर्स ने 20 साल हमलावर थॉमस मैथ्यू क्रूक्स को मार गिराया था।

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Sep 25 2024, 10:43

जम्मू-कश्मीर विस चुनावः दूसरे चरण में उमर अब्दुल्ला से लेकर रविंदर रैना तक की किस्मत दांव पर

#jammukashmirelectionssecondphasepollingtop-5_candidates

जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में 6 जिलों की 26 विधानसभा सीटों पर वोटिंग सुबह 7 बजे से शुरू हो गई है। इसमें 25.78 लाख मतदाता शाम 6 बजे तक वोट डाल सकेंगे। सुबह 9 बजे तक 10.22 फीसदी वोटिंग हुई है। सबसे ज्यादा पूंछ में 14.41% वोटिंग हुई, जबकि श्रीनगर में सबसे कम 4.70% वोट डले। सेकेंड फेज की 26 सीटों में से 15 सीटें सेंट्रल कश्मीर और 11 सीटें जम्मू की हैं। चुनाव आयोग के मुताबिक, दूसरे फेज में 239 कैंडिडेट्स मैदान में हैं। इनमें नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के उमर अब्दुल्ला और बीजेपी के रवींद्र रैना समेत पांच नेता ऐसे हैं, जिन पर हर किसी की नजर टिकी है।

दूसरे चरण के 5 चर्चित चेहरे

उमर अब्दुल्ला: जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला बडगाम और गांदरबल सीट से चुनावी मैदान में हैं। साल 1977 से बेलगाम सीट पर मजबूत पकड़ रखने वाले उमर अब्दुल्ला के सामने इस बार सात उम्मीदवार हैं। बडगाम में उमर अब्दुल्ला के खिलाफ आगा सईद मुंतजिर मेहदी और आगा सईद अहमद मूसवी चुनाव लड़ रहे हैं। गांदरबल सीट की अगर हम बात करें तो, इस सीट को अब्दुल्ला परिवार का गढ़ बताया जाता है। इस सीट पर उमर अब्दुल्ला का मुकाबला पीडीपी नेता बशीर अहमद मीर और नेशनल पैंथर्स पार्टी के नेता अब्दुल राशिद समेत एक दर्जन से ज्यादा उम्मीदवारों से है।

रवींद्र रैना: जम्मू-कश्मीर भाजपा अध्यक्ष रवींद्र रैना राजौरी सीट से चुनावी मैदान में हैं। इस सीट से 2014 के चुनाव में रवींद्र रैना ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी। इस चुनाव में भी वह इसी सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। माना जा रहा है कि इस बार उनकी राहें मुश्किल होने वाली है। उनकी पार्टी के ही पूर्व नेता सुरिंदर चौधरी नेशनल कॉन्फ्रेंस के टिकट से इस सीट पर उम्मीदवार हैं।

तारिक हमीद कर्रा: जम्मू-कश्मीर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष तारिक हमीद कर्रा श्रीनगर की सेंट्रल शालटेंग सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। इस सीट पर उनका मुकाबला पीडीपी नेता अब्दुल कयूम भट्ट और अवामी नेशनल कॉन्फ्रेंस के रियाज अहमद मीर और अपनी पार्टी के जफर हबीब डार से है। आपको बताते चलें, तारिक हामिद कभी महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी के साथ थे। लेकिन, बाद में वह पार्टी का दामन छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे।

सैय्यद मोहम्मद अल्ताफ बुखारी: अल्ताफ बुखारी श्रीनगर की चन्नापुरा सीट से अपनी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। उनका टक्कर पीडीपी के मोहम्मद इकबाल ट्रंबो, नेशनल कॉन्फ्रेंस के मुश्ताक गुरु और भाजपा के हिलाल अहमद वानी से है।

सरजन अहमद वागे उर्फ सरजन बरकती: सरजन अहमद वागे उर्फ सरजन बरकती इन दिनों जेल में बंद हैं। वह गांदरबल और बीरवाह सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। साल 2016 में आतंकी बुरहान वानी की मौत के बाद शोपियां और कुलगाम में विरोध रैली निकालने वालों में सरजन बरकती एक बड़ा चेहरा थे। उनपर अलगाववादी विचारधारा और भड़काऊ भाषण देने के आरोप लगे हैं।

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Sep 25 2024, 09:48

जम्मू-कश्मीर में दूसरे चरण की वोटिंग जारी, मतदान केंद्रों पर लगी कतारें

#jammukashmirelectionphasetwo_voting

जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए आज दूसरे चरण की वोटिंग सुबह सात बजे से शुरू हो गई है और शाम 6 बजे तक जारी रहेगी।दूसरे चरण में मध्य कश्मीर के तीन जिले श्रीनगर, गांदरबल और बडगाम शामिल होंगे, जिसमें जम्मू के पीर पंजाल क्षेत्र के 79 सहित 26 विधानसभा क्षेत्रों में 239 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला होगा। सबसे ज्यादा श्रीनगर जिले में आठ सीटों पर दूसरे दौर में मतदान है। इसके बाद रियासी में छह, बडगाम में पांच, रियासी और पुंछ में तीन-तीन और गांदरबल में दो सीटों पर मतदान है।इससे पहले 18 सितंबर को हुए पहले चरण में 61.38 फीसदी मतदान हुआ था। सबसे ज्यादा 80.20 फीसदी वोटिंग किश्तवाड़ जिले में तो सबसे कम पुलवामा जिले में 46.99 फीसदी दर्ज की गई थी।

जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के मतदान के लिए लोग भारी संख्या में मतदान करने के लिए पहुंच रहे हैं।सभी पोलिंग बूथों पर लोगों की भीड़ दिख रही है।जम्मू-कश्मीर के बडगाम जिले के नागम में मतदान केंद्र के बाहर कतार में लोग खड़े हैं और अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। सुबह से ही मतदाताओं में उत्साह नजर आ रहा है। बड़ी संख्या में लोग वोट करने के लिए मतदान केंद्र तक पहुंच रहे हैं। जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में छह जिलों में 25 लाख से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।

इन सीटों पर होगी वोटिंग

जिन सीटों पर वोटिंग है उनमें कंगन (एसटी), गांदरबल, हजरतबल, खानयार, हब्बाकदल, लाल चौक, चन्नपोरा, जदीबल, ईदगाह, सेंट्रल शाल्टेंग, बडगाम, बीरवाह, खानसाहिब, चरार-ए-शरीफ, चदूरा, गुलाबगढ़ (एसटी), रियासी, श्री माता वैष्णो देवी, कालाकोट – सुंदरबनी, नौशेरा, राजौरी (एसटी), बुधल (एसटी), थन्नामंडी (एसटी), सुरनकोट (एसटी), पुंछ हवेली और मेंढर (एसटी) शामिल हैं

सभी जिलों में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त

जम्मू-कश्मीर के सभी छह जिलों में सुरक्षा कड़ी है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मतदाता सुरक्षित रूप से अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें, खासकर पहाड़ी जिलों में आने वाले 11 विधानसभा क्षेत्रों में, जो पिछले कुछ वर्षों में हमलों के लिए सबसे अधिक संवेदनशील रहे हैं। इन इलाकों में 2021 से अब तक एक दर्जन से अधिक आतंकी हमले हो चुके हैं, जिनमें सबसे हालिया और क्रूर आतंकी हमला रियासी में तीर्थयात्रियों की बस पर हुआ, जिसमें नौ लोग मारे गए थे।

पीएम मोदी की वोटरों से अपील

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा है कि जम्मू-कश्मीर में आज विधानसभा चुनाव के दूसरे दौर की वोटिंग है। सभी वोटर्स से मेरी अपील है कि वे अपना वोट जरूर दें और लोकतंत्र को मजबूत बनाने में अपनी अहम भूमिका निभाएं। इस अवसर पर पहली बार वोट डालने जा रहे सभी युवा साथियों को मेरा अभिनंदन।

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Sep 24 2024, 20:09

कर्नाटक के आंगनवाड़ी शिक्षकों के लिए उर्दू ज़रूरी! सिद्धारमैया सरकार पर 'मुस्लिम तुष्टिकरण' का लग रहा आरोप*
#bjp_criticized_congress_decision_to_make_urdu_compulsory_for_anganwadi_teachers_in_karnataka
कर्नाटक की सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार पर 'मुस्लिम तुष्टिकरण' का आरोप लग रहा है। दरअसल, एक अधिसूचना में आंगनवाड़ी शिक्षकों के लिए उर्दू को अनिवार्य भाषा कर दिया गया था। इस अधिसूचना के बाद बीजेपी ने इसे कर्नाटक का निजामीकरण का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार मुस्लिम तुष्टिकरण के लिए ऐसे फैसला ले रही है। मीडिया रिपोर्टस के अनुसार,कांग्रेस सरकार ने हाल ही में एक आदेश में कहा है कि चिकमंगलुरु जिले के मुडिगिरी में आँगनबाड़ी में शिक्षक पद पर आवेदन करने वालों को उर्दू जरूर आनी चाहिए। यह आदेश राज्य के महिला और बाल कल्याण एवं विकास विभाग ने दिया है। विभाग ने कहा कि जिस इलाके में स्थानीय जनसंख्या में अल्पसंख्यकों का हिस्सा 25% से अधिक है वहाँ शिक्षकों को कन्नड़ के साथ ही अल्पसंख्यकों की भाषा जाननी होगी। मुडिगिरी में मुस्लिम जनसंख्या 31% है इसलिए यहाँ उर्दू जानने वाले शिक्षकों की भर्ती करने का निर्णय लिया गया है। भाजपा राज्य सरकार के इस निर्णय के बाद तुष्टिकरण का आरोप लगा रही है। भाजपा ने इस फैसले पर कहा, कन्नड़ जमीन पर उर्दू का बोलबाला है, कांग्रेस सरकार के महिला एवं बाल कल्याण विभाग ने चिकमंगलूर जिले के मुडिगिरी में आँगनबाड़ी शिक्षकों की नियुक्ति के लिए उर्दू अनिवार्य करने के लिए आधिकारिक आदेश जारी किया है। सीएम सिद्दारमैया और मंत्री लक्ष्मी हेब्बलकर इस बात को जान लीजिए, मुडिगिरी कर्नाटक में है, कन्नड़ कर्नाटक की आधिकारिक भाषा है, तब आखिर उर्दू अनिवार्य क्यों है, जवाब दीजिए।” भाजपा नेता और पूर्व सांसद नलिनकुमार कटील ने कहा, "राज्य की कांग्रेस सरकार की यह घोषणा कि आंगनवाड़ी शिक्षक की नौकरी पाने के लिए उर्दू भाषा का ज्ञान होना आवश्यक है, निंदनीय है। आंगनवाड़ी शिक्षकों की भर्ती में मुस्लिम समुदाय को खुश करने और केवल उन्हें ही नौकरी पाने की अनुमति देने का पिछले दरवाजे से किया जा रहा प्रयास एक बार फिर कांग्रेस की कपटी नीति को उजागर कर रहा है। यह घिनौनी राजनीति की पराकाष्ठा है।"

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Sep 24 2024, 19:35

जम्मू-कश्मीर में दूसरे चरण की 26 सीटों पर कल वोटिंग, उमर अब्दुल्ला समेत 239 उम्मीदवारों की किस्मत दांव पर
#jammu_kashmir_second_phase_election


जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के दूसरे फेज में छह जिलों की 26 सीटों पर बुधवार को मतदान है, जिसके लिए 239 उम्मीदवारों की किस्मत दांव पर लगी है। पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष रविंदर रैना, आप की पार्टी के प्रमुख अल्ताफ बुखारी और खुर्शीद आलम सहित कई हाई प्रोफाइल नेताओं की परीक्षा इसी चरण में होनी है। इस चरण की 26 सीटों में से 15 सीटें सेंट्रल कश्मीर और 11 सीटें जम्मू रीजन की हैं।

*दूसरे चरण की इन सीटों होगी वोटिंग*
दूसरे फेज की 26 सीटों में से 15 सीटें सेंट्र्ल कश्मीर और 11 सीटें जम्मू रीजन की है. कश्मीर संभाग की कंगन, गांदरबल, हजरतबल, खानयार, हब्बाकदल, लाल चौक, चन्नपोरा, जदीबल, ईदगाह, सेंट्रल शाल्टेंग, बडगाम, बीरवाह, खानसाहब, चरार-ए-शरीफ और चदूरा सीट शामिल है। वहीं, जम्मू संभाग की गुलाबगढ़, रियासी, श्री माता वैष्णो देवी, कालाकोट-सुंदरबनी, नौशेरा, राजौरी, बुद्धल, थन्नामंडी, सूरनकोट, पुंछ-हवेली और मेंढर सीट पर बुधवार को मतदान है।

*किसका क्या दांव पर लगा?*
जम्मू-कश्मीर की 26 सीटों पर 239 उम्मीदवार मैदान में है। पीडीपी ने सभी 26 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार रखे हैं। नेशनल कॉन्फ्रेंस के 20 और कांग्रेस के 6 सीटों पर उम्मीदवार हैं। बीजेपी दूसरे चरण में सिर्फ 17 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। निर्दलीय ने 98 सीटों पर ताल ठोक रखी है। जम्मू रीजन के रियासी में 20 प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं, राजोरी जिले में 34 प्रत्याशी किस्मत आजमा रहे हैं और पुंछ जिले में 25 उम्मीदवार हैं। इसके साथ-साथ कश्मीर घाटी के श्रीनगर जिले में सबसे ज्यादा 93 प्रत्याशी, बडगाम जिले में 46 उम्मीदवार और गांदरबल में 21 प्रत्याशी हैं।
कश्मीर रीजन की सीटों पर नेशनल कॉन्फ्रेंस का मजबूत सियासी आधार रहा है जबकि जम्मू क्षेत्र में बीजेपी और कांग्रेस का सियासी आधार है। 2014 के विधानसभा चुनाव में दक्षिण कश्मीर की 15 सीटों में से सात सीटें नेशनल कॉन्फ्रेंस, 4 सीटें पीडीपी, दो सीटें कांग्रेस, एक बीजेपी और एक सीट अन्य ने जीती थी। जम्मू क्षेत्र की 11 सीटों में से बीजेपी 8 सीटें जीती, एक कांग्रेस और बाकी सीटें अन्य को मिली थी। इस तरह दूसरे चरण में जीती हुई सीट को बरकरार रखने की चुनौती बीजेपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस के पास होगी।

*उमर अब्दुल्ला की किस्मत दांव पर*
पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला गांदरबल और बीरवाह से चुनाव लड़ रहे हैं। उमर लोकसभा चुनाव में बारामुला सीट तिहाड़ जेल से चुनाव लड़े इंजीनियर राशिद से हार गए थे। इस बार भी गांदरबल सीट पर उनके खिलाफ जेल में बंद सरजन अहमद वागे उर्फ आजादी चाचा मैदान में हैं।गांदरबल विधानसभा अब्दुल्ला परिवार का गढ़ रहा है। इस सीट से दादा शेख अब्दुल्ला 1977 और पिता फारूक अब्दुल्ला 1983, 1987 और 1996 में सीट से चुनाव जीत चुके हैं। हालांकि 2002 में नेशनल कॉन्फ्रेंस यह सीट हार गई थी। 2008 के चुनाव में उमर अब्दुल्ला सीट से चुनाव जीते। इसके बाद वो मुख्यमंत्री भी बने। 2014 विधानसभा में शेख इशफाक जब्बार ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के टिकट पर गांदरबल सीट पर जीत दर्ज की थी।

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Sep 24 2024, 18:38

नेहरू के निजी दस्तावेज और चिट्ठियां सोनिया गांधी से वापस क्यों मांग रहे PMML सदस्य?
#pmml_member_rizwan_qadri_seeks_access_to_nehru_papers_writes_to_sonia_gandhi
प्रसिद्ध हस्तियों की चिट्ठियां अपने आप में इतिहास समेटे होतीं हैं। ये किसी विरासत से कम नहीं होतीं। जिससे लोग बीते कालखंड से रूबरू हो सकें। कुछ महीनों पहले एक मामला सामने आया था। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने जवाहरलाल नेहरू के कुछ पत्रों को उपहार के तौर पर बांट दिए थे। इसके बाद सोनिया गांधी ने भी जवाहर लाल नेहरू के कुछ पत्र अपने पास सहेज कर रख लिए। हालांकि इन्हें प्रधानमंत्री संग्रहालय एंव पुस्तकालय (पीएमएमएल) में होना चाहिए। पीएमएमएल सोसाइटी के सदस्य रिजवान कादरी ने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी को पत्र लिखकर देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से संबंधित निजी दस्तावेजों की मांग की है।

रिजवान कादरी ने कहा कि वह पीएमएमएल सोसाइटी (जिसे पहले नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी या एनएमएमएल के नाम से जाना जाता था) की वार्षिक आम बैठकों में उन कागजातों को ‘‘वापस लेने’’ के लिए आवाज उठाते रहे हैं। गांधी परिवार ने कई साल पहले इन दस्तावेजों को वापस ले लिया था।

9 सितंबर को लिखे इस पत्र में 56 वर्षीय इतिहास के प्रोफेसर कादरी ने कहा कि पंडित जवाहर लाल नेहरू और उनके पिता पंडित मोतीलाल नेहरू ने अपने योगदान के महत्वपूर्ण अभिलेख छोड़े हैं, जो सौभाग्य से पीएमएमएल में संरक्षित हैं। मुझे बताया गया कि सोनिया गांधी के कार्यालय ने नेहरू के 51 बक्से वापस ले लिए थे। इनमें प्रथम प्रधानमंत्री के निजी खत रखे जाते थे। उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि ऐसा इन अमूल्य धरोहरों की सुरक्षा के लिए सद्भावनापूर्वक किया गया होगा। हालांकि, यह सुनिश्चित करने के लिए यह जरूरी है कि ये रिकॉर्ड सुलभ रहें।

कादरी ने सोनिया गांधी को खत लिखते हुए कहा कि पीएमएमएल के समर्पित सदस्य के रूप में मैं आपको पत्र लिख रहा हूं। मेरी शैक्षिक यात्रा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के इतिहास से जुड़ी है। खासकर गुजरात से जुड़े तथ्यों और अभिलेखों में मेरी गहरी रुचि है। मैंने गांधी जी के लेखन को भी पढ़ा है। दुर्भाग्य से सरदार पटेल ने आजादी से पहले ऐसे कोई रिकॉर्ड नहीं बनाए। मेरी पीएचडी थीसिस महात्मा गांधी, वल्लभभाई पटेल और गुजरात के राजनीतिक इतिहास पर आधारित थी। एक इतिहासकार के रूप में मुझे पटेल के बारे में जानने में काफी दिलचस्पी है।

दस्तावेजों को हासिल करने की अनुमति मांगते हुए पत्र में कहा गया है कि आप इस बात से सहमत होंगी कि पंडित नेहरू अपने योगदान पर निष्पक्ष और राजनीतिक प्रभाव से मुक्त शोध के हकदार हैं। रिजवान कादरी ने लिखा, 'मेरा एकमात्र उद्देश्य महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू जी और सरदार (वल्लभभाई) पटेल का सच्चे वैज्ञानिक ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य में अध्ययन करना है। इस प्रयास में आपका सहयोग अमूल्य होगा। इन पत्रों को डिजिटलाइज करने के बाद लौटा भी दिया जाएगा।

बता दें कि सोनिया गांधी के पास मौजूद पत्र में जवाहर लाल नेहरू और जयप्रकाश नारायण, एडविना माउंटबेटन, अल्बर्ट आइंस्टीन, अरुणा आसफ अली, विजय लक्ष्मी पंडित और बाबू जगजीवन राम के बीच हुई बातचीत मौजूद है।

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Sep 24 2024, 16:40

हरियाणा में मुख्यमंत्री चेहरे पर रणदीप सुरेजवाला का बड़ा बयान, गिना दिए तीन नाम, जानें कौन-कौन
#randeep_surjewala_again_staked_claim_for_post_of_cm
हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए राजनीतिक पार्टियां जमकर पसीना बहा रही हैं और मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए हर संभव प्रयास में जुटी हुई हैं, लेकिए इस बीच कांग्रेस की अंदरुनी कलह से जूझ रही है। सत्ता तक पहुंचने की कोश,श में जुटी कांग्रेस के अपने ही सबसे बड़े रोड़े बने नजर आ रहे हैं। एक ओर ज्यादा से ज्यादा विधानसभा सीटें जीतने पर चर्चा हो रही है तो दूसरी ओर मुख्यमंत्री पद के दावेदारों के नाम पर भी अटकलें जारी हैं। पूर्व सीएम भूपेन्द्र सिंह हुड्डा और कुमारी शैलजा के बाद रणदीप सुरजेवाला ने भी मुख्यमंत्री पद के लिए दावा ठोक दिया है।

राज्यसभा सदस्य और कांग्रेस के दिग्गज रणदीप सिंह सुरजेवाला ने एक बार फिर से मुख्यमंत्री पद की दावेदारी जताई है। सुरजेवाला ने मंगलवार को आयोजित एक प्रेसवार्ता में बयान देकर मुख्यमंत्री बनने की इच्छा जताई है। सुरजेवाला ने कहा कि अपनी दावेदारी जताना प्रजातंत्र में स्वीकार्य है। वहीं, अपने बारे, शैलजा और हुड्डा पर कहा कि मुख्यमंत्री तो तीनों बनना चाहते हैं, लेकिन यह हाईकमान तय करेगा।

*अंतिम फैसला पार्टी आलाकमान का*
कांग्रेस सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने मंगलवार को कैथल में कहा, हर कोई मुख्यमंत्री बनना चाहता है। सुरजेवाला ने कहा कि मैं, कुमारी सैलजा, जो मेरी बड़ी बहन है, चौधरी भूपेंद्र सिंह हुड्डा सीएम बनना चाहते हैं। हम तीन लोगों के अलावा किसी और साथी का भी यह अधिकार है, यहां प्रजातंत्र है। अंत में फैसला पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे जी और राहुल गांधी जी को करना है। वे जो भी फैसला लेंगे, वह हमें स्वीकार्य होगा।

*सीएम पद को लेकर क्या बोलीं कुमारी सैलजा?*
इससे पहले मुख्यमंत्री पद को लेकर कुमार शैलजा ने स्पष्ट रूप से बयान दिया है कि वह फिर से अपनी दावेदारी ठोकेंगी। साथ ही उन्होंने डिप्टी सीएम बनने से भी साफ इनकार कर दिया है। सिरसा सांसद कुमारी शैलजा ने कहा कि मुख्यमंत्री पद का दावा कोई बीता हुआ कल नहीं है जो लौटकर नहीं आ सकता।

*हरियाणा उप मुख्यमंत्री पद पर भी कइयों की दावेदारी*
गौरतलब है कि फिलहाल कांग्रेस बिना सीएम फेस के चुनाव लड़ रही है, लेकिन पार्टी में उप मुख्यमंत्री को लेकर भी मारा मारी चल रही है। रेवाड़ी विधानसभा सीट से से चुनाव लड़ रहे पूर्व विधायक चिरंजीव राव ने डिप्टी सीएम पद के लिए अपना दावा पेश किया था। इसके बाद फरीदाबाद एनआईटी से कांग्रेस विधायक नीरज शर्मा ने भी उप मुख्यमंत्री बनने की इच्छा जताई है।