विलुप्त प्रजाति का पैंगोलिन मिला जिसकी अंतर्राष्ट्रीय बाजार में करोड़ों की कीमत
राजगढ़ मिर्जापुर/राजगढ़ थाना क्षेत्र के रुद्रा इंटरनेशनल स्कूल के पीछे आम के बगीचों में लगाए गए तार में जाकर फस गया। रूद्र इंटरनेशनल स्कूल के प्रबंधक श्रवण कुमार सिंह ने स्थानीय पूर्व वन दरोगा राजेश कुमार सुमन को विलुप्त जानवर के बारे में जानकारी दी। जैसे ही यह जानकारी पूर्व वन दरोगा राजेश कुमार सुमन को मिली वह मौके पर पहुंचे। जिस पिंजरे में खरगोश रखे गए थे खरगोश को निकालकर इस पिंजरे में पैंगोलिनको रखा गया है।
पैंगोलिन उर्फ कहट को कल रात्रि मे ही पिंजरे में सुरक्षित रख लिया गया। वन दरोगा सुनील राव भी मौके पर पहुंचे। छोटा सा विलुप्त प्रजाति का पैंगोलिन को स्कूल के प्रबंधक ने वन विभाग को सौंप दिया। कर्मचारियों ने उसे पिंजरे में रखा और इसके अलावा पूर्व वन दरोगा राजेश कुमार सुमन नित्यानंद योगेंद्र पाल के नेतृत्व में इसकी सूचना रात में ही भवानीपुर सुकृत वन रेंजर राकेश कुमार सिंह को दिया है। इसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत लगभग 10 से 20 करोड़ रुपए बताई जा रही है और इतना विलुप्त है कि शायद ही कभी इसे देखा हो। इसे सुरक्षित करने की जरूरत है ।इसका वजन लगभग 30 से 40 किलो होता है। यह जानवर सबसे ज्यादा जीने वाला प्राणी है। लेकिन यह अभी छोटा है इसका वजन मात्र समय लगभग 5 किलो के आसपास है।
लगभग 1मीटर नन्हा पैंगोलिन जानवर है। इस संबंध में जब वन रेंजर भवानीपुर सुक्रुत राकेश कुमार सिंह ने बताया कि पैंगोलिन वैज्ञानिक भाषा में मैनिस क्रेसिया उदाका बोलते हैं लेकिन इसे स्थानीय भाषा में कहत बोला जाता है यह पूरे विश्व में देखा जाए तो भारत ,श्रीलंका, नेपाल और भूटान के इलाकों में पाया जाता है। यह हल्के पहाड़ी क्षेत्रों में पाए जाने वाला पैंगोलिन है । यह बहुत ही शर्मिला होता है।यह अकेला रहना पसंद करता है। यह रात को खाने की तलाश में निकलता है। इसका मुख्य भोजन चींटी और दीमक है। चीन में इसे सबसे ज्यादा खाया जाता है। इसको खाने से कई प्रकार के गंभीर रोग पूरी तरह से सही हो जाते हैं। और इसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में बहुत ज्यादा मांग है इसकी कीमत करोड रुपए में है और इसकी खाल से लेकर मांस तक हर तरह से दवाइयां में प्रयोग किया जाता है।
गंभीर से गंभीर रोगों में इसकी दवाई से सभी रोग ठीक हो जाते हैं।यह विलुप्त प्रजाति का जानवर है। इसकी लंबाई 1 मीटर है और वजन लगभग 3 से 5 किलो के आसपास है। एक छोटे से पिंजरे में इसको रखा गया है। भवानीपुर सुकृत वन रेंजर राकेश कुमार सिंह ने कहा कि उच्च अधिकारियों के निर्देश पर अभी इसे विलुप्त प्रजाति की सूची रखा गया है। और विलुप्त प्रजाति का पैंगोलिन को सुकृत के घने जंगलों में छोड़ा जाएगा । इस मौके पर स्थानीय युवा समाज सेवी धर्मेन्द्र सिंह मौके पर पहुंचे और वन रेंजर भवानीपुर सुनील राव की विलुप्त प्रजाति के पैंगोलिन को सुदूर्प कर दिया गया। वन विभाग की टीम विलुप्त प्रजाति को अपने साथ ले गई।
Sep 24 2024, 15:53