असम में महिला सशक्तिकरण की नई पहल: मुख्यमंत्री ने लॉन्च की ओरुनोदोई 3.0 योजना

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने गुरुवार को ओरुनोदोई 3.O लॉन्च किया है. यह महिला सशक्तिकरण और खाद्य सुरक्षा परियोजना का एक विस्तार है. ओरुनोदोई 3.O के तहत असम के 37 लाख से अधिक महिलाओं दिव्यांगों, विधवाओं और ट्रांसजेंडरों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान की जाएगी.

वहीं, खाद्य सुरक्षा परियोजना के तहत अब करीब 2.5 करोड़ लोगों को मुफ्त खाद्य सामग्री प्राप्त होगी. सीएम सरमा ने कहा कि, ‘मैं 126 निर्वाचन क्षेत्रों से अपनी माताओं और बहनों के साथ मिलकर ओरुनोदोई 3 की शुरुआत की, ताकि अतिरिक्त लाभार्थियों को शामिल किया जा सके और यह सुनिश्चित किया जा सके कि राज्य में 37 लाख परिवारों को 1,250 रुपये प्रतिमाह मिले.’

सरकार 467 करोड़ रुपये प्रति माह खर्च करेगी

हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि उन्होंने असम में नारी शक्ति को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है. ओरुनोदोई 3 में निराश्रित महिलाओं, दिव्यांगों, विधवाओं, ट्रांसजेंडरों और अन्य कमजोर लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी ताकि उन्हें वित्तीय सुरक्षा प्रदान की जा सके.

ओरुनोदोई 3 योजना लाभ 2 लाख से कम आय वाले परिवारों को मिलेगी. इस योजना के तहत 2 लाख से कम आय वाले परिवार ही आवेदन करने के पात्र हैं. इस योजना पर सरकार 467 करोड़ रुपये प्रति माह खर्च करेगी. असम के मुख्यमंत्री ने अपने अधिकारिक एक्स अकाउंट पर इस योजना को लेकर जानकारी दी है.

100 दिनों के भीतर इसे पूरा करने में खुशी हो रही है’

सरमा ने लिखा कि, ‘NFSA लाभों को बढ़ाने की योजना के तहत, हम 12 लाख और लाभार्थियों को जोड़ रहे हैं जो हर महीने मुफ्त खाद्यान्न प्राप्त करने के पात्र होंगे. इस योजना में, हम प्रति माह ₹440 करोड़ से अधिक खर्च करेंगे. NFSA कार्ड पर आयुष्मान भारत के तहत मुफ्त इलाज भी मिलेगा.’

उन्होंने कहा कि ये कल्याणकारी पहल एक व्यापक सामाजिक सुरक्षा जाल का निर्माण करेगी जो उनकी पोषण, वित्तीय, चिकित्सा और सहायक जरूरतों को पूरा करेगी. सरमा ने कहा, ‘यह लोकसभा चुनावों की पूर्व संध्या पर लोगों से किए गए हमारे वादे का हिस्सा है और मुझे चुनाव के 100 दिनों के भीतर इसे पूरा करने में खुशी हो रही है.’

कोलकाता रेप केस में सीबीआई की जांच में बड़ा खुलासा,जाने

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में लेडी डॉक्टर की रेप और मर्डर के मामले में सीबीआई ने पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और टाला थाना के एसएचओ अभिजीत मंडल को गिरफ्तार किया है. सीबीआई पूछताछ में आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल और टाला पुलिस थाने के SHO की रिमांड कॉपी में अहम खुलासा किया गया है.

इस खुलासे से सीबीआई को ये संकेत मिले हैं कि संदीप घोष किसी के इशारे पर काम कर रहा था. सीबीआई ने रेप और हत्या के पीछे बड़ी साजिश की आशंका जताई है.

जांच एजेंसी सीबीआई ने संदीप घोष और अभिजीत मंडल को CDR डिटेल से कॉन्फ्रंट करवाया. साथ ही कुछ चश्मदीदों के सामने बैठाकर पूछताछ की.

जांच के दौरान टाला पुलिस स्टेशन की सीसीटीवी फुटेज से आरोपी अभिजीत मंडल को कॉन्फ्रंट करवाया गया, कुछ और सीसीटीवी फुटेज सामने आये हैं, जिनके बारे मे पूछताछ करना जरूरी है

जांच में कुछ संदिग्ध मोबाइल नंबर का चला पता

CDR से कुछ संदिग्ध मोबाइल नंबरों की जानकारी सामने आयी है, जिनके बारे मे अरोपियों से पूछताछ की जाएगी. सीसीटीवीका कुछ पार्ट सीएसएफएल ने रिट्रीव किया है, जिसमें कुछ संदिग्धों की वारदात के दौरान और पहले आरजी कर मेडिकल कॉलेज मे मूवमेंट दर्ज की गई है, जिसको लेकर आरोपियों से पूछताछ की जा रही है.

सीबीआई सूत्रों का कहना है कि संदीप घोष और अभिजीत मंडल ने जानबूझकर शव का जल्दी अंतिम संस्कार करवाया, जबकी पीड़ित परिवार सेकंड ऑटोप्सी करवाना चाहता था.

वारदात के दौरान आरोपी संजय रॉय ने जो कपड़े पहने हुए थे, पुलिस ने उन्हें बरामद करने मे दो दिनों की लापरवाही की, जबकि वारदात के तुरंत बाद आरोपी संजय रॉय की पहचान हो चुकी थी.

सही धाराओं में दर्ज नहीं हुए केस

संदीप घोष सही धाराओं मे केस दर्ज नहीं करवा पाये, जिससे सीबीआई को शक है कि संदीप घोष कुछ अन्य लोगों के इशारो पर काम कर रहे थे यानी एक बड़ी साजिश का हिस्सा थे.

इस बीच टाला थाने के पूर्व ओसी अभिजीत मंडल को इस बार राज्य सरकार ने निलंबित कर दिया है. अभिजीत को पिछले शनिवार को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था. वह फिलहाल सीबीआई की हिरासत में हैं.

हालांकि प्रशासन के एक वर्ग का दावा है कि यह एक नियमित कदम है. क्योंकि अगर किसी सरकारी कर्मचारी को गिरफ्तार कर 48 घंटे से ज्यादा समय तक जांच एजेंसी की हिरासत में रखा जाता है तो नियमों के मुताबिक उसे निलंबित करना होता है. गौरतलब है कि केंद्रीय जांच एजेंसी को शक है कि आरजी रेप और हत्या मामले में सबूत मिटाने के पीछे टाला पुलिस स्टेशन के पूर्व ओसी का हाथ है.

मोबाइल डेटा की खपत को कम करने के आसान तरीके: 5 सेटिंग्स जो आपको डेटा बचाने में करेंगी मदद

आप भी अगर इस बात से परेशान रहते हैं कि दिन खत्म होने से पहले ही मोबाइल डाटा खत्म हो जाता है तो अब आप लोगों को परेशान होने की जरूरत नहीं है.

अक्सर Smartphone यूजर्स को इस बात की शिकायत रहती है कि हमने तो इतना कुछ यूज भी नहीं किया तो फिर मोबाइल डेटा इतनी जल्दी कैसे खत्म हो गया? दरअसल, हम लोग कुछ ऐसी गलतियां कर बैठते हैं जिस वजह से डेटा जल्दी खत्म होने लगता है

हम आज आप लोगों को 5 ऐसी सेटिंग बताएंगे जिन्हें अगर आपने कर लिया तो आपकी Mobile Data जल्दी खत्म होने की परेशानी दूर हो जाएगी. आइए जानते हैं कि कौन सी हैं वो सेटिंग्स?

डेटा खपत को करना है कम? नोट करें ये 5 सेटिंग

बैकग्राउंड ऐप्स बंद करें: कई बार फोन के बैकग्राउंड में ऐप्स चलते रहते हैं और हमें इस बात की जानकारी तक नहीं होती. बैकग्राउंड में चल रहे ये मोबाइल ऐप्स डेटा की खपत करते रहते हैं. ऐसे में डेटा बचाने के लिए फोन की सेटिंग में जाएं और ऐप्लिकेशन पर क्लिक करें, इसके बाद उस ऐप पर क्लिक करें जो आपके ज्यादा काम का नहीं है. ऐप पर क्लिक करने के बाद ऐप की सेटिंग को ध्यान से देखिए आपको बैकग्राउंड डेटा ऑप्शन मिलेगा जो बाय डिफॉल्ट ऑन होगा, इस ऑप्शन को बंद कर दें, ऐसा करने से आपका मोबाइल डेटा कम खर्च होगा.

ऑटो-अपडेट्स बंद करें: फोन के प्ले स्टोर या फिर ऐप स्टोर में जाएं और ऐप सेटिंग में जाकर चेक करें कि कहीं ऐप्स मोबाइल डेटा पर तो अपडेट नहीं हो रहे? अगर ऐसा है तो इस ऑप्शन को वाई-फाई पर सेट कर दें ताकि ऐप्स केवल वाई-फाई से कनेक्ट होने पर ही अपडेट हो. हम लोगों को ये ऑप्शन की जानकारी तो होती है लेकिन हम इस ऑप्शन का यूज नहीं करते जिस वजह से मोबाइल डेटा तेजी से खत्म होने लगता है.

WhatsApp Tips: व्हॉट्सऐप यूजर्स ऐप में दिए कॉलिंग फीचर का इस्तेमाल तो करते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐप में एक ऐसा फीचर भी मिलता है जिसकी मदद से आप कॉलिंग के दौरान मोबाइल डेटा बचा सकते हैं? इस फीचर का नाम है Use Less Data For Calls, इस ऑप्शन को ऑन करने के लिए व्हॉट्सऐप सेटिंग में जाएं और स्टोरेज एंड डेटा ऑप्शन में जाएं. यहां आपको ये फीचर मिल जाएगा.

लोकेशन सर्विस को करें बंद: क्या आप जानते हैं कि हर वक्त अगर आपके फोन में लोकेशन सर्विस ऑन रहती है तो भी आपका मोबाइल डेटा तेजी से खत्म होने लगता है. अगर आप डेटा बचाना चाहते हैं तो फोन की सेटिंग में जाकर इस ऑप्शन को बंद करें.

वीडियो स्ट्रीमिंग सेटिंग: अगर आप मोबाइल डेटा पर यूट्यूब, अमेजन प्राइम वीडियो या फिर नेटफ्लिक्स देखते हैं तो वीडियो क्वालिटी को कम पर सेट करें, नहीं तो हाई क्वालिटी की वजह से मोबाइल डेटा तेजी से खत्म होने लगेगा.

बैकग्राउंड ऐप्स बंद करें:

कई बार फोन के बैकग्राउंड में ऐप्स चलते रहते हैं और हमें इस बात की जानकारी तक नहीं होती. बैकग्राउंड में चल रहे ये मोबाइल ऐप्स डेटा की खपत करते रहते हैं. ऐसे में डेटा बचाने के लिए फोन की सेटिंग में जाएं और ऐप्लिकेशन पर क्लिक करें, इसके बाद उस ऐप पर क्लिक करें जो आपके ज्यादा काम का नहीं है. ऐप पर क्लिक करने के बाद ऐप की सेटिंग को ध्यान से देखिए आपको बैकग्राउंड डेटा ऑप्शन मिलेगा जो बाय डिफॉल्ट ऑन होगा, इस ऑप्शन को बंद कर दें, ऐसा करने से आपका मोबाइल डेटा कम खर्च होगा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कल महाराष्ट्र दौरा: राष्ट्रीय ‘पीएम विश्वकर्मा’ कार्यक्रम में लेंगे हिस्सा, विकास और स्टार्ट-अप योजनाओं का करेंगे शुभारंभ


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 20 सितंबर को महाराष्ट्र के दौरे पर रहेंगे. जहां वह राष्ट्रीय ‘पीएम विश्वकर्मा’ कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे, जिसमें प्रधानमंत्री विश्वकर्मा के तहत प्रगति के एक वर्ष पूरे होने का जश्न मनाया जाएगा. पीएम मोदी कई विकास और स्टार्ट-अप योजनाओं का भी शुभारंभ करेंगे. साथ ही वह महाराष्ट्र के अमरावती में मित्र पार्क की आधारशिला रखेंगे.

प्रधानमंत्री मोदी शुक्रवार सुबह करीब 11:30 बजे महाराष्ट्र के वर्धा पहुंचेंगे. जहां वह पीएम विश्वकर्मा योजना के लाभार्थियों को प्रमाण पत्र और लोन जारी करेंगे. साथ ही वह इसके एक वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में एक स्मारक डाक टिकट भी जारी करेंगे. अपने दौरे के दौरान पीएम मोदी आचार्य चाणक्य कौशल विकास योजना और पुण्यश्लोक अहिल्याबाई होल्कर महिला स्टार्ट-अप योजना का भी शुभारंभ करेंगे.

महिलाओं और युवाओं को देंगे बड़ी सौगात

प्रधानमंत्री महाराष्ट्र सरकार की आचार्य चाणक्य कौशल विकास केंद्र योजना का शुभारंभ करेंगे. इसके जरिए 15 से 45 साल के युवाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें और रोजगार के विभिन्न अवसरों तक पहुंच सकें. राज्य में करीब 1,50,000 युवाओं को हर साल मुफ्त कौशल विकास प्रशिक्षण मिलेगा. पीएम मोदी पुण्यश्लोक अहिल्यादेवी होल्कर महिला स्टार्टअप योजना का भी शुभारंभ करेंगे.

इस योजना के तहत महाराष्ट्र में महिलाओं के नेतृत्व वाले स्टार्टअप को शुरुआती दौर में मदद की जाएगी. इस योजना के तहत 25 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता दी जाएगी. इस योजना के तहत कुल प्रावधानों का 25 प्रतिशत पिछड़े वर्गों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की महिलाओं के लिए आरक्षित रहेगा. इससे महिलाओं के नेतृत्व वाले स्टार्टअप को आत्मनिर्भर और स्वतंत्र बनने में मदद मिलेगी.

‘पीएम मित्र’ पार्क की रखेंगे आधारशिला

वहीं, अपने दौरे के दौरान प्रधानमंत्री महाराष्ट्र के अमरावती में पीएम मेगा इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल रीजन एंड अपैरल (पीएम मित्र) पार्क की आधारशिला रखेंगे. करीब 1000 एकड़ में फैले इस पार्क को महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम (एमआईडीसी) विकसित कर रहा है. भारत सरकार ने कपड़ा उद्योग के लिए 7 पीएम मित्र पार्क स्थापित करने की मंजूरी दी थी.

पीएम मित्र पार्क भारत को कपड़ा विनिर्माण और निर्यात के लिए वैश्विक केंद्र बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है. इससे विश्व स्तरीय औद्योगिक बुनियादी ढांचे के निर्माण में मदद मिलेगी, जो प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) सहित बड़े पैमाने पर निवेश को आकर्षित करेगा. साथ ही, यह इस क्षेत्र में नवाचार और रोजगार सृजन को प्रोत्साहित करेगा.

कारों में आग से बचाव के लिए इस्तेमाल होने वाले केमिकल्स से कैंसर का खतरा: NGT ने 4 विभागों को भेजा नोटिस

देश में अधिकतर कारों में आग से बचाव के लिए केमिकल्स का इस्तेमाल किया जा रहा है और उन केमिकिल्स से उस कार में यात्रा करने वालों के लिए कैंसर का खतरा हो सकता है. इस खतरे को लेकर राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) की ओर से केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय सहित कुल चार डिपार्टमेंट को नोटिस भेजा गया है और उनसे जवाब तलब किया गया है. इससे पहले केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) इस बात का अध्ययन करने से इनकार कर दिया था. बोर्ड का कहना था कि इन केमिकल के असर की जांच करने के लिए उनके पास आवश्यक सुविधाएं नहीं हैं.

लोगों के स्वास्थ्य पर कमेमिकल का असर को देखते हुए एनजीटी ने इस मामले का स्वत: संज्ञान लिया था और खुद इस मामले पर सुनवाई कर रहा है.

राष्ट्रीय हरित अधिकरण को एक अध्ययन से यह जानकारी मिली है कि आग बुझाने के लिए सीट फोम और तापमान कंट्रोल करने के लिए जिस तरह से उपाय किये जा रहे हैं. उनमें केमिकल्स का उपयोग होता है. इनसे लोगों को कैंसर का खतरा है, जो लंबे समय तक कार में मौजूद रहते हैं. इमें कार चालकों और विशेष रूप से बच्चों पर प्रभाव पड़ता है और उनकों कैंसर होने का खतरा होता है.

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 10 सितंबर को दी थी रिपोर्ट

एनजीटी को इस मामले में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 10 सितंबर को इसके मद्देनजर रिपोर्ट दी थी. इस रिपोर्ट में बताया कि केमिकल्स टीडीसीआईपीपी, टीसीआईपीपी और टीसीईपी की वजह से कैंसर का खतरा हो सकता है या नहीं, इसकी जांच किये जाने की जरूरत है और ये जांच इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ही कर सकता है, क्योंकि उसके पास संसाधन हैं.

एनजीटी अध्यक्ष जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव, विशेषज्ञ सदस्य डॉ. ए सेंथिल वेल और न्यायिक सदस्य जस्टिस अरूण कुमार त्यागी ने आदेश देकर आठ सप्ताह में सभी को कार में इस्तेमाल होने वाले केमिकल से कैंसर का हो सकता है खतरा पर जवाब देने के लिए कहा है.

सीपीसीबी और आईसीएमआर के अतिरिक्त केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के सचिव, नेशनल ऑटोमेटिव टेस्टिंग एंड आरएंडडी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के प्रशासनिक प्रमुख ऑटोमेटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया के प्रशासनिक प्रमुख और ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्डस (बीआईएस) के महानिदेशक नोटिस का जवाब अगली सुनवाई से पहले देने का निर्देश दिया है.

आग बुझाने वाले केमिकल्स से कैंसर का खतरा

पर्यावरण विज्ञान और प्रौद्योगिकी पत्रिका में प्रकाशित एक हालिया अध्ययन से पता चला है कि अधिकांश कारों की केबिन हवा में अग्निरोधी रसायन मौजूद हैं. अध्ययन में पाया गया कि ये ऑर्गनोफॉस्फेट एस्टर अग्निरोधी महत्वपूर्ण स्वास्थ्य जोखिम पैदा करते हैं.

शोधकर्ताओं ने परीक्षण किए गए सभी 101 वाहनों की केबिन हवा में इन हानिकारक रसायनों का पता लगाया. ट्रिस (1-क्लोरो-इसोप्रोपाइल) फॉस्फेट के लंबे समय तक संपर्क से न्यूरोटॉक्सिसिटी और थायरॉयड फंक्शन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है.

निष्कर्ष सार्वजनिक स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं को बढ़ाते हैं, खासकर लंबी यात्रा करने वाले व्यक्तियों और बच्चों के लिए खतरा और भी बढ़ जाता है. रिपोर्ट पर एनजीटी ने स्वतः संज्ञान लेते हुए मामले की सुनवाई शुरू किया है और इस मामले में अब चार विभागों से रिपोर्ट तलब किया है.

दिल्ली के नए कैबिनेट मंत्रियों का ऐलान: आतिशी के साथ 21 सितंबर को ये पांच विधायक लेंगे शपथ

दिल्ली में आतिशी कैबिनेट की घोषणा कर दी गई है. 21 सितंबर को आतिशी के सीएम बनने के साथ-साथ ये विधायक भी मंत्री पद की शपथ लेंगे. दिल्ली में गोपाल राय, कैलाश गहलोत, सौरभ भारद्वाज और इमरान हुसैन कैबिनेट मंत्री बनेंगे. इसके अलावा मुकेश अहलावत भी आतिशी की कैबिनेट में शामिल होंगे. मुकेश अहलावत को पहली बार दिल्ली कैबिनेट में शामिल किया जा रहा है.

आतिशी की कैबिनेट में शामिल होने जा रहे मुकेश अहलावत सुल्तानपुर माजरा से आम आदमी पार्टी के विधायक हैं. मुकेश आम आदमी पार्टी के प्रमुख दलित नेता चेहरों में से एक हैं. आतिशी की कैबिनेट में जो पांच नाम हैं, इनमें से चार पहले भी मंत्री रहे हैं. मुकेश अहलावत को पहली बार मंत्री बनाया जा रहा है क्योंकि दिल्ली में विधानसभा चुनाव नजदीक है और पार्टी नए चेहरे को आजमाना चाहती है.

दिल्ली में मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल फरवरी 2025 तक है. इसके बाद दिल्ली में कभी भी चुनाव हो सकते हैं. अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के बाद आतिशी विधायक दल की नेता चुनी गई थी. विधायक दल की बैठक में आम आदमी पार्टी के सभी विधायकों ने आतिशी के नाम पर सहमति जताई. इसके बाद आतिशी ने दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना के सामने सरकार बनाने का दावा पेश किया था.

21 सितंबर को सीएम पद की शपथ लेंगी आतिशी

आतिशी 21 सितंबर को सीएम पद की शपथ लेंगी. इस तरह आतिशी सुषमा स्वराज और शीला दीक्षित के बाद दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री होंगी. विधायक दल की नेता चुने जाने के बाद कैबिनेट मंत्री आतिशी ने कहा कि दिल्ली का एक ही मुख्यमंत्री है और उनका नाम अरविंद केजरीवाल है. मैं खुश हूं कि अरविंद केजरीवाल ने मुझ पर इतना भरोसा किया, लेकिन मेरा मन दुखी है कि वो आज इस्तीफा दे रहे हैं. उन्होंने मुझे पहले विधायक, फिर मंत्री बनाया और आज मुख्यमंत्री बनने की जिम्मेदारी दी है.

राजस्थान प्रशासनिक सेवा 2024: आवेदन प्रक्रिया शुरू, 733 पदों पर भर्ती के लिए 18 अक्टूबर तक करें आवेदन

राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) ने राजस्थान प्रशासनिक सेवा 2024 के लिए आज, 19 सितंबर से आवेदन की प्रक्रिया शुरू कर दी है. अभ्यर्थी आयोग की आधिकारिक वेबसाइट rpsc.rajasthan.gov.in पर जाकर 18 अक्टूबर तक आवेदन कर सकते हैं. आरपीएससी ने इसका नोटिफिकेशन पहले ही जारी कर दिया था. कुल 733 पदों पर भर्तियां की जानी हैं.

कुल पदों में राजस्थान राज्य सेवा के लिए 346 और अधीनस्थ सेवा के लिए 387 पद हैं. अभ्यर्थी भर्ती विज्ञापन के अनुसार इन पदों के लिए आवेदन कर सकते हैं. कैंडिडेट इस बात का ध्यान रखें कि फाॅर्म केवल आनलाइन मोड में ही जमा किए जा सकते हैं. डाक या अन्य माध्यमों से किए गए आवेदन मान्य नहीं होंगे.

क्या है आवेदन की योग्यता?

इस भर्ती परीक्षा के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थी के पास किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन की डिग्री होनी चाहिए. वहीं आवेदक की उम्र 21 वर्ष से 40 वर्ष के बीच होनी चाहिए. आरक्षित कैटेगरी के अभ्यर्थियों को अधिकतम उम्र सीमा में सरकार के नियमानुसार छूट भी दी गई है. उम्र की गणना 1 जनवरी 2025 से की जाएगी.

आवेदन शुल्क

सामान्य (अनारक्षित), पिछड़ा वर्ग के क्रीमी लेयर, अतिम पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए 600 रुपए आवेदन शुल्क निर्धारित किया गया है. वहीं अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग-गैर-क्रीमी लेयर श्रेणी से संबंधित आवदकों को 400 रुपए एप्लीकेशन फीस देना होगा.

ऐसे करें आवेदन

RPSC की आधिकारिक वेबसाइट rpsc.rajasthan.gov.in पर जाएं.

होम पेज पर दिए गए अप्लाई के लिंक पर क्लिक करें.

रजिस्ट्रेशन करें और आवेदन फाॅर्म भरें.

शैक्षणिक डाक्यूमेंट्स अपलोड करें.

फीस जमा करें और सबमिट करें.

RPSC RAS 2024: कैसे होगा सिलेक्शन?

आरपीएसएसी आरएएस के तहत चयन प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और इंटरव्यू के जरिए होगा. प्रारंभिक परीक्षा में 200 नंबरों के वस्तुनिष्ठ प्रकार के प्रश्नों पूछे जाएंगे. इसमें सफल अभ्यर्थी मुख्य परीक्षा में शामिल होंगे. प्रारंभिक परीक्षा का पैटर्न और सिलेबस आयोग ने नोटिफिकेशन के साथ जारी कर दिया है.

राजस्थान की एसडीएम प्रियंका बिश्नोई का इलाज के दौरान निधन, परिवार वालों ने वसुंधरा हॉस्पिटल पर लगाया लापरवाही का आरोप

राजस्थान के जोधपुर की एसडीएम प्रियंका बिश्नोई का 15 दिन चले इलाज के बाद अहमदाबाद के सिम्स हॉस्पिटल में निधन हो गया. करीब 20 दिन पहले जोधपुर के वसुंधरा हॉस्पिटल में बच्चेदानी का ऑपरेशन किया गया था. ऑपरेशन के बाद उनकी हालत बिगड़ गई. इसके बाद उन्हें अहमदाबाद के सिम्स हॉस्पिटल ले जाया गया था. परिवार के लोगों ने वसुंधरा हॉस्पिटल के डॉक्टरों पर इलाज में लापरवाही करने का आरोप लगाया था. 33 साल की प्रियंका बिश्नोई 2016 बैच की RAS अफसर थीं.

जानकारी के मुताबिक RAS अफसर प्रियंका बिश्नोई के पेट में दर्द होने पर डॉक्टरों से संपर्क किया. उन्हें डॉक्टरों ने बच्चेदानी में गांठ होना बताया था. वहीं डॉक्टरों ने इलाज के लिए ऑपरेशन करवाने की सलाह दी थी. जिसके बाद उनका जोधपुर के वसुंधरा हॉस्पिटल में ऑपरेशन करवाया गया था. बिश्नोई के परिवार वालों ने वसुंधरा हॉस्पिटल के डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया था. इसी को लेकर जोधपुर जिला कलेक्टर गौरव अग्रवाल ने मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल को एक कमेटी बनाकर जांच करने की बात कही थी. वहीं उन्होंने तीन दिन में रिपोर्ट देने के आदेश दिए थे.

इलाज में लापरवाही का आरोप

परिवार वालों का आरोप है कि हॉस्पिटल ने इलाज में लापरवाही बरती. वहीं प्रियंका के ससुर ने कलेक्टर से जांच की मांग की थी. परिवार के लोगों का आरोप था कि इलाज के दौरान प्रियंका को बेहोशी की दवा ज्यादा दे दिया. इसलिए हालत बिगड़ गई. शिकायत के बाद कलेक्टर ने मेडिकल कॉलेज प्रशासन को जांच के लिए कहा था. प्रिंसिपल डॉ. भारती सरस्वत ने बताया कि जांच कमेटी गठित कर दी गई है.

प्रियंका बिश्नोई अपनी नौकरी के दौरान डूंगरपुर, चुरू, विजयनगर में तैनात रही है. अगस्त महीने में ही उन्होंने जोधपुर एसडीएम पद जॉइन किया था. प्रियंका बिश्नोई की सुसराल बीकानेर के नोखा में है. उनके पिता रिषपाल बिश्नोई वकील हैं. उनके पति विक्रम सिंह फलोदी में आबकारी इंस्पेक्टर हैं.

क्या बोले वसुंधरा हॉस्पिटल के डॉक्टर?

जोधपुर वसुंधरा हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने कहा कि सर्जिकल कोई कॉम्पिलकेशन नहीं था. प्रियंका बिश्नोई के ब्रेन में जन्म से एक ही प्रॉब्लम थी जो युवा अवस्था में कभी उनके लिए घातक हो सकता था. दुर्भाग्यवश ऐसा हमारे पास ऑपरेशन के 24 घंटे के बाद हुआ. प्रियंका में स्ट्रेस के कारण लक्षण आने शुरू हो गए थे और इस बात की जानकारी सीटी स्कैन में भी सामने आई थी.

प्रियंका बिश्नोई को 15 अगस्त को उनके प्रशंसनीय काम के लिए सम्मानित भी किया गया था. प्रियंका की मौत के बाद से परिवार और बिश्नोई समाज में शोक की लहर है.

मथुरा में मालगाड़ी पटरी से उतरी, आगरा-दिल्ली ट्रैक बाधित, कई ट्रेनें प्रभावित

आगरा से दिल्ली की ओर जा रही एक मालगाड़ी ट्रेन मथुरा में पटरी से उतर गई. ये ट्रेन झांसी से सुंदरगढ़ जा रही थी. . वृंदावन रोड के पास डाउनरुट पर मालगाड़ी के करीब बीस डिब्बे पटरी से उतर गए. इससे आगरा-दिल्ली का अप-डाउन ट्रैक पूरी तरह से रूक गया है.बताया जा रहा है इससे लगभग 15 ट्रेन प्रभावित है.

रेलवे के आला अधिकारी मौके पर पहुंच चुके हैं. यातायात को दोबारा सुचारु रूप से चालू करने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है. ट्रैक के बाधित होने के बाद से आगरा, दिल्ली और ग्वालियर की तरफ जाने वाले वाले सभी यात्री परेशान हैं. ट्रेनों के न आने से और लेट होने से स्टेशन पर यात्रियों की भीड़ बढ़ रही है.

ट्रैक को दुरस्त करने का काम शुरू

हादसे में किसी के भी हताहत होने की खबर सामने नही आई है. मालगाड़ी में कोयला भरा था. ट्रेन के डिब्बों के पटरियों से उतरने पर कोयला ट्रैक पर फैल गया है. ट्रेन के पटरी से नीचे उतरने पर कई ओएचई खंभे भी टूट गए. इससे अप-डाउन ट्रैक बाधित हो गया है. हालांकि मौके पर सभी संबंधित अधिकारी पहुंच गए हैं. ट्रैक को भी दुरस्त करने का काम शुरू कर दिया गया है.

घंटो लेट होंगी ट्रेनें

इस रूट पर कर्नाटक एक्सप्रेस लगभग 2 घंटे की देरी से चल रही है, वहीं कई और ट्रेने भी प्रभावित हो गई है. बताया जा रहा है कि इस हादसे से करीब 15 ट्रेनें प्रभावित हुई हैं. इस हादसे को लेकर डीआएरम ने कहा कि अप-डाउन दोनों लाइनों के साथ तीसरी लाइन पर भी ट्रेनों का परिचालन रोक दिया गया है

सूरतगढ़ जा रही थी ट्रेन

हादसे के बाद लोको पायलट शेर सिंह और सहायक लोको पायलट शिव शंकर सहमे नजर आए. पायलट शेर सिंह की आंखे थी. उन्होंने कहा- मालगाड़ी सूरतगढ़ जा रही थी. हमारी ड्यूटी आगरा से तुगलकाबाद तक ही थी. इसके बाद दूसरे पायलट और लोको पायलट मालगाड़ी लेकर जाते. लेकिन, उससे पहले ही ये हादसा हो गया.

पीएम मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट ने दी चंद्रयान-4 मिशन को मंजूरी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में हुई कैबिनेट मंत्रियों की बैठक ने चंद्रयान-4 मिशन को मंजूरी दे दी है.

इस मिशन का उद्देश्य भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा पर ले जाना और उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाने के लिए आवश्यक तकनीकों को विकसित करना है. इसकी जानकारी सड़क एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने एक्स पर साझा किया.

उन्होंने लिखा कि पीएम मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने प्रमुख अंतरिक्ष मिशनों को मंजूरी दे दी है.

इसमें चंद्रयान-4, जिसका बजट 2104.06 करोड़ रुपये है, और वीनस ऑर्बिटल मिशन जिसका बजट 1236 करोड़ रुपये शामिल हैं. ये दोनों मिशन भारत की अंतरिक्ष क्षमताओं को और अधिक मजबूत करेंगे.

चंद्रमा के वातावरण को समझने में मिलेगी मदद

इस मिशन को 2028 तक लॉन्च करने की योजना है. चंद्रयान-4 मिशन का उद्देश्य चंद्रमा पर लैंडिंग और सैंपल रिटर्न तकनीकों का प्रदर्शन करना है.

इस मिशन के तहत चंद्रमा की चट्टानों और मिट्टी को पृथ्वी पर लाया जाएगा, जिनका अध्ययन किया जाएगा. मिशन के लिए दो अलग-अलग रॉकेटों का उपयोग होगा. हेवी-लिफ्टर LVM-3 और इसरो का भरोसेमंद वर्कहॉर्स PSLV, जो अलग-अलग पेलोड लेकर जाएंगे इसके अलावा, इस मिशन के तहत डॉकिंग, अंडॉकिंग, लैंडिंग, पृथ्वी पर सुरक्षित वापसी, और चंद्रमा से नमूना संग्रह एवं उसके विश्लेषण के लिए आवश्यक तकनीकों का विकास किया जाएगा.

मिशन से सूर्य के प्रभाव को समझने में मिलेगी मदद

वहीं, वीनस ऑर्बिटर मिशन का उद्देश्य शुक्र ग्रह के वातावरण, मौसम, तापमान और दबाव का अध्ययन करना है. यह मिशन हमें शुक्र ग्रह की विस्तृत जानकारी प्रदान करेगा.

इसके अलावा, वीनस मिशन का उद्देश्य शुक्र की सतह और वायुमंडल के साथ-साथ वायुमंडल पर सूर्य के प्रभाव को समझने में मदद करना है, जो भविष्य में छात्रों और वैज्ञानिकों के अध्ययन में सहायक होगा. इस मिशन का बजट लगभग 1236 करोड़ रुपये है और इसे 2028 तक पूरा करने का लक्ष्य है.

इसके अलावा, कैबिनेट ने गगनयान कार्यक्रम के विस्तार के साथ भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (बीएएस-1) के पहले मॉड्यूल के विकास को भी मंजूरी दे दी है. गगनयान कार्यक्रम की कुल फंडिंग 11,170 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 20,193 करोड़ रुपये कर दी गई है.