कारों में आग से बचाव के लिए इस्तेमाल होने वाले केमिकल्स से कैंसर का खतरा: NGT ने 4 विभागों को भेजा नोटिस
देश में अधिकतर कारों में आग से बचाव के लिए केमिकल्स का इस्तेमाल किया जा रहा है और उन केमिकिल्स से उस कार में यात्रा करने वालों के लिए कैंसर का खतरा हो सकता है. इस खतरे को लेकर राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) की ओर से केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय सहित कुल चार डिपार्टमेंट को नोटिस भेजा गया है और उनसे जवाब तलब किया गया है. इससे पहले केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) इस बात का अध्ययन करने से इनकार कर दिया था. बोर्ड का कहना था कि इन केमिकल के असर की जांच करने के लिए उनके पास आवश्यक सुविधाएं नहीं हैं.
लोगों के स्वास्थ्य पर कमेमिकल का असर को देखते हुए एनजीटी ने इस मामले का स्वत: संज्ञान लिया था और खुद इस मामले पर सुनवाई कर रहा है.
राष्ट्रीय हरित अधिकरण को एक अध्ययन से यह जानकारी मिली है कि आग बुझाने के लिए सीट फोम और तापमान कंट्रोल करने के लिए जिस तरह से उपाय किये जा रहे हैं. उनमें केमिकल्स का उपयोग होता है. इनसे लोगों को कैंसर का खतरा है, जो लंबे समय तक कार में मौजूद रहते हैं. इमें कार चालकों और विशेष रूप से बच्चों पर प्रभाव पड़ता है और उनकों कैंसर होने का खतरा होता है.
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 10 सितंबर को दी थी रिपोर्ट
एनजीटी को इस मामले में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 10 सितंबर को इसके मद्देनजर रिपोर्ट दी थी. इस रिपोर्ट में बताया कि केमिकल्स टीडीसीआईपीपी, टीसीआईपीपी और टीसीईपी की वजह से कैंसर का खतरा हो सकता है या नहीं, इसकी जांच किये जाने की जरूरत है और ये जांच इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ही कर सकता है, क्योंकि उसके पास संसाधन हैं.
एनजीटी अध्यक्ष जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव, विशेषज्ञ सदस्य डॉ. ए सेंथिल वेल और न्यायिक सदस्य जस्टिस अरूण कुमार त्यागी ने आदेश देकर आठ सप्ताह में सभी को कार में इस्तेमाल होने वाले केमिकल से कैंसर का हो सकता है खतरा पर जवाब देने के लिए कहा है.
सीपीसीबी और आईसीएमआर के अतिरिक्त केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के सचिव, नेशनल ऑटोमेटिव टेस्टिंग एंड आरएंडडी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के प्रशासनिक प्रमुख ऑटोमेटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया के प्रशासनिक प्रमुख और ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्डस (बीआईएस) के महानिदेशक नोटिस का जवाब अगली सुनवाई से पहले देने का निर्देश दिया है.
आग बुझाने वाले केमिकल्स से कैंसर का खतरा
पर्यावरण विज्ञान और प्रौद्योगिकी पत्रिका में प्रकाशित एक हालिया अध्ययन से पता चला है कि अधिकांश कारों की केबिन हवा में अग्निरोधी रसायन मौजूद हैं. अध्ययन में पाया गया कि ये ऑर्गनोफॉस्फेट एस्टर अग्निरोधी महत्वपूर्ण स्वास्थ्य जोखिम पैदा करते हैं.
शोधकर्ताओं ने परीक्षण किए गए सभी 101 वाहनों की केबिन हवा में इन हानिकारक रसायनों का पता लगाया. ट्रिस (1-क्लोरो-इसोप्रोपाइल) फॉस्फेट के लंबे समय तक संपर्क से न्यूरोटॉक्सिसिटी और थायरॉयड फंक्शन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है.
निष्कर्ष सार्वजनिक स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं को बढ़ाते हैं, खासकर लंबी यात्रा करने वाले व्यक्तियों और बच्चों के लिए खतरा और भी बढ़ जाता है. रिपोर्ट पर एनजीटी ने स्वतः संज्ञान लेते हुए मामले की सुनवाई शुरू किया है और इस मामले में अब चार विभागों से रिपोर्ट तलब किया है.
Sep 19 2024, 18:30