बड़ी खबर : बिहार के तेज-तर्रार आईपीएस अधिकारी शिवदीप लांडे ने अपने पद से दिया इस्तीफा, खुद सोशल मीडिया के माध्यम से दी जानकारी

डेस्क : अभी-अभी एक बड़ी खबर सामने आई है। बिहार कैडर के तेज-तर्रात और वर्तमान में पूर्णिया रेंज के आईजी शिदीप लांडे ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इस बात की जानकारी उन्होंने खुद अपने सोशल मीडिया के प्लेटफार्म के माध्यम से दी है। हालांकि उन्होंने इस्तीफे का कारण व्यक्तिगत ही बताया है।

2006 बैच के बिहार कैडर के भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी शिवदीप वामनराव लांडे ने अपने सोशल मीडिया ने प्लेटफार्म फेसबुक पर लिखा है कि " मेरे प्रिय बिहार, पिछले 18 वर्षो से सरकारी पद पर अपनी सेवा प्रदान करने के बाद आज मैंने इस पद से इस्तीफा दे दिया है। इन सभी वर्षो में मैंने बिहार को ख़ुद से और अपने परिवार से भी ऊपर माना है। अगर मेरे बतौर सरकारी सेवक के कार्यकाल में कोई त्रुटि हुई हो तो मैं उसके लिए क्षमाप्रार्थी हूँ। मैंने आज भारतीय पुलिस सर्विस (IPS) से त्यागपत्र दिया है परन्तु मैं बिहार में ही रहूँगा और आगे भी बिहार मेरी कर्मभूमि रहेगी। जय हिन्द।

बता दें लांडे बिहार कैडर में रहने के दौरान पटना, अररिया, पूर्णिया और मुंगेर जिलों में आरक्षी अधीक्षक के रूप में कार्य किया। पटना (मध्य क्षेत्र) के एसपी के रूप में वे काफी लोकप्रिय थे। उन्होंने अपने कैरियर में कई अपराधियों को गिरफ्तार किया और सख्त कार्रवाई की। हालांकि बीच में वे केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर महाराष्ट्र पुलिस में डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस- एंटी नारकोटिक्स सेल, क्राइम ब्रांच, मुंबई के रूप में सेवारत रहे।

पटना में अपने कार्यकाल के दौरान अपनी अनोखी कार्यशैली के कारण शिवदीप पूरे देश में प्रसिद्ध हो गये। पटना कार्यकाल के दौरान शिवदीप ने मनचलों को खूब सबक सिखाया।

*बड़ी खबर : बिहार में फिर कई IAS अधिकारियों का स्थानांतरण, सामान्य प्रशासन विभाग ने जारी की अधिसूचना

डेस्क : बिहार में एक बार फिर बड़े पैमाने पर आईएएस अधिकारियों का स्थानांतरण किया गया है। राज्य सरकार ने कई आईएएस अधिकारियों का विभाग बदल दिया है और उनकी नए विभागों में पोस्टिंग कर दी है। वहीं कई अधिकारियों को विभागों का अतिरिक्त प्रभार भी सौंपा गया है। सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से इसकी अधिसूचना जारी कर दी है।

सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार भारतीय प्रशासनिक सेवा की 2008 बैच की आईएएस अधिकारी और नगर विभाग एवं आवास विभाग की सचिव डॉ.आशिमा जैन का तबादला कर दिया गया है। उन्हें वित्त विभाग का सचिव बनाया गया है। इसके साथ ही आशिमा जैन को सामान्य प्रशासन विभाग के जांच आयुक्त का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। वहीं 2008 बैच के आईएएस अधिकारी और राज्य परियोजना निदेशक बी. कार्तिकेय धनजी को सामान्य प्रशासन विभाग के जांच आयुक्त के अतिरिक्त प्रभार में रहेंगे।

1993 बैच के आईएएस अधिकारी और पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव मिहिर कुमार सिंह को सामान्य प्रशासन विभाग मुख्य जांच आयुक्त का अतिरिक्त प्रभार सौंपा है। वहीं भारतीय प्रशासनिक सेवा के 2002 बैच के आईएएस अधिकारी और कृषि विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल परिवहन विभाग के सचिव के अतिरिक्त प्रभार में बने रहेंगे। 2007 बैच के आईएएस अधिकारी वित्त विभाग के सचिव दीपक आनंद का ट्रांसफर कर दिया है। दीपक आनंद को श्रम संसाधन विभाग का सचिव बनाया गया है।

इसके अलावा भारतीय प्रशासनिक सेवा के 2008 बैच के आईएएस और गृह विभाग के सचिव प्रणव कुमार को अगले आदेश तक जांच आयुक्त, सामान्य प्रशासन निभाग का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। वहीं 2021 बैच के आईएएस अधिकारी और राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के विशेष कार्य पदाधिकारी लक्ष्मण तिवारी को तबादला कर दिया गया है। उन्हें छपरा सदर को अनुमंडल पदाधिकारी के पद पर पदस्थापित किया गया है। इसके साथ लक्ष्मण तिवारी को कार्यपालक दंडाधिकारी की शक्ति एवं धारा 163 में निहित शक्तियां प्रदान की गई हैं।

नवादा में दलितों के घर फूंके जाने पर भड़के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, सीएम नीतीश के साथ-साथ एनडीए के सहयोगी दलों को चेताया

डेस्क : बीते बुधवार की रात बिहार के नवादा जिले से एक बड़ी घटना सामने आई। जहां कृष्णा नगर में करीब दो दर्जन से अधिक घरों को जला दिया गया। ये घर अनुसूचित जाति के लोगों के थे। आरोप है कि इलाके के दबंगों ने इन घरों को जलाया है। पीड़ितों का कहना था कि करीब 50 से 60 घर जलाए गए हैं।

इधर इस मामले को लेकर बिहार विधान सभा मे नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने प्रदेश की नीतीश सरकार पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने इस घटना का उल्लेख करते हुए इसे महा जंगलराज से आगे महा दानवराज और महा राक्षसराज की संज्ञा भी दी है। इसके साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी सरकार में सहयोगी एनडीए को भी चेताया है।

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बुधवार देर रात ही अपने एक्स हैंडल पर एक पोस्ट साझा की। इसमें उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और एनडीए पर जमकर भड़ास निकाली।उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा- महा जंगलराज! महा दानवराज! महा राक्षसराज! नवादा में दलितों के 100 से अधिक घरों में लगाई आग। नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार के राज में बिहार में आग ही आग। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बेफिक्र, NDA (एनडीए) के सहयोगी दल बेखबर! गरीब जले, मरे-इन्हें क्या? दलितों पर अत्याचार बर्दाश्त नहीं होगा।

प्रशासन की ओर से कहा गया है कि करीब 2 दर्जन घरों में आग लगी थी। वहीं, तेजस्वी यादव ने दावा किया कि करीब 100 घर जलाए गए हैं। इस घटना के बाद कृष्णा नगर इलाके में माहौल को संभालने के लिए पुलिस बल तैनात कर दिया गया। वहीं, पुलिस ने करीब 10 आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया है।

बिहार के अब सभी सरकारी स्कूलों की साल में दो बार होगी रैंकिंग, शिक्षा विभाग ने तय किया मानक

डेस्क : बिहार के सभी सरकारी स्कूलों की अब साल में दो बार मार्च और नवंबर महीनें में रैंकिग होगी। विभिन्न मानकों पर खरा उतरने पर स्कूलों को वन स्टार से फाइव स्टार तक की रैंकिंग दी जाएगी। शिक्षा विभाग ने इसके लिए मानक भी तय कर दिए हैं।

विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने बुधवार को सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को इस संबंध में पत्र लिखा है।

अपर मुख्य सचिव की ओर से जारी पत्र में कहा है कि राज्य के सरकारी स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को सुनिश्चित करने के लिए स्कूल और शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए यह निर्णय लिया है। विभाग के द्वारा आठ अगस्त, 2024 को शिक्षक मार्गदर्शिका जारी की गई है, जिसमें शिक्षा की गुणवत्ता कैसे उत्कृष्ट हो, इसके लिए विस्तृत दिशा-निर्देश है।

इसी क्रम में प्राथमिक, मध्य, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों के लिए अलग-अलग प्रपत्र तैयार किये गये हैं, जिसमें विभिन्न मानकों पर 100 अंक तक दिये जाएंगे। सभी शिक्षकों के वार्षिक मूल्यांकन रिपोर्ट में उक्त रैंकिंग दर्ज की जाएगी।

मुजफ्फरपुर-समस्तीपुर रेलखंड पर मालगाड़ी हुई बेपटरी, करीब सवा पांच घंटे तक ट्रेनों का परिचालन पूरी तरह रहा बाधित*

डेस्क : बीते कुछ दिनों से रेल हादसे में काफी बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है। देश के अलग-अलग हिस्सों मे कई ट्रेन दुर्घटनाएं हो चुकी है। जिसमें जान-माल का भारी नुकसान हुआ है। वहीं बीते बुधवार को मुजफ्फरपुर के नारायणपुर अनंत में एक मालगाड़ी के बेपटरी हो गई। जिसकी वजह से मुजफ्फरपुर-समस्तीपुर रेलखंड पर करीब सवा पांच घंटे तक ट्रेनों का परिचालन पूरी तरह बाधित रहा। घटना के बाद जंक्शन से लेकर विभिन्न स्टेशनों पर लंबी दूरी से लेकर पैसेंजर ट्रेनें फंसी रही। इससे जंक्शन पर ट्रेन के इंतजार में बैठे यात्री परेशान रहे तो कई ट्रेनों के शॉर्ट टर्मिनेशन से कई लोगों को अपनी यात्रा रद्द करनी पड़ी। रात 10.45 बजे ट्रैक फिट घोषित होने के बाद अप लाइन पर परिचालन शुरू हुआ, हालांकि देर रात तक डाउन लाइन पर परिचालन बंद रहा। अप लाइन दुरुस्त होने पर सबसे पहले पवन एक्सप्रेस (नंबर 11062) को निकाला गया। सिलौत स्टेशन से 11.10 बजे खुलकर यह ट्रेन 11.24 बजे मुजफ्फरपुर जंक्शन पर पहुंची। इसके अलावा बरौनी ग्वालियर मेल (नंबर 11123) बरौनी से अपने निर्धारित समय से 3.40 घंटे की देरी से रात 10.30 बजे खुली। बरौनी-लखनउ एक्सप्रेस (नंबर 15203) 2.14 घंटे की देरी से रात 10.39 बजे बरौनी से खुली। बरौनी-अहमदाबाद एक्सप्रेस भी करीब पौने तीन घंटे विलंब से रात सवा 10 बजे खुली। बरौनी-अहमदाबाद को ट्रैक फिट होने के बाद नियमित रूट से निकाला गया। इधर, डीआरएम में मामले की जांच के लिए देर रात इंजीनियरों की एक टीम का गठन किया है। टीम मामले की जांच कर डीआरएम को आगे की कार्रवाई के लिए रिपोर्ट सौंपेगी। घटना के दौरान भी जांच टीम के सदस्य मौके पर मौजूद थे, जिन्होंने दुर्घटना का आकलन भी शुरू कर दिया है।
*एमआईटी और आईआईटी पटना के बीच हुआ शैक्षणिक करार, एमआईटी के छात्रों को अब मिलेगी यह सुविधा*

डेस्क : एमआईटी के विद्यार्थियों के लिए एक बड़ी खबर है। अब वे आईआईटी पटना की लाइब्रेरी में जाकर पढ़ाई कर सकेंगे। इसके लिए एमआईटी और आईआईटी पटना के बीच शैक्षणिक करार हुआ है। एमआईटी के प्राचार्य प्रो. एमके झा और आईआईटी पटना के निदेशक प्रो. टीएन सिंह ने पटना में दोनों संस्थानों के बीच इस संबंधी एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं। इस करार के तहत दोनों संस्थान शोध और अकादमिक गतिविधियों में एक-दूसरे को सहयोग करेंगे। एमआईटी ने पहली बार आईआईटी के साथ एमओयू किया है। एमआईटी के पीआरओ प्रो. इरशाद ने बताया कि इस एमओयू से दोनों संस्थानों के शिक्षक और छात्रों के बीच सहयोग बढ़ेगा। इसके अतिरिक्त, दोनों संस्थान विद्यार्थियों के इंटर्नशिप, परियोजना प्रशिक्षण में भी एक-दूसरे का सहयोग करेंगे। एमओयू पर हस्ताक्षर किए जाने के मौके पर एमआईटी की डॉ. लिली झा, डॉ. अमित कुमार वर्मा एवं आईआईटी पटना के प्रो. एके ठाकुर, डॉ. सुब्रता हैत , डॉ. अमित कुमार वर्मा आदि मौजूद थे।
IAS अधिकारी संजीव हंस की बढ़ी परेशानी, आय से अधिक संपत्ति मामले में उनकी पत्नी समेत 14 पर एफआईआर*

डेस्क : बिहार कैडर के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी और ऊर्जा विभाग के तत्कालीन प्रधान सचिव संजीव हंस की परेशानी बढ़ गई है। विशेष निगरानी इकाई (एसवीयू) ने पद का दुरुपयोग कर अवैध कमाई करने के आरोप में संजीव हंस समेत अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। इसमें 13 को नामजद अभियुक्त समेत एक अन्य व्यक्ति एवं कंपनी को अभियुक्त बनाया गया है। नामजद अभियुक्तों की सूची में 1997 बैच के आईएएस संजीव हंस की पत्नी हरलोविलीन कौर उर्फ मोना हंस, उनके पिता लक्ष्मण दास एवं साला गुरु बालतेज के अलावा झंझारपुर (मधुबनी) के पूर्व विधायक गुलाब यादव, उनकी पत्नी सह मधुबनी की एमएलसी अंबिका यादव, एक्स आर्मी मेंस प्रोटेक्शन सर्विस के मालिक सुनील कुमार सिन्हा, एक महिला वकील, मधुबनी के प्रवीण चौधरी, गुरुग्राम निवासी तरुण राघव, आनंद ट्रेडिंग कॉरपोरेशन के देविन्द्र सिंह, कमलकांत गुप्ता (सुरेश सिंघला के समधि) और सुरेश सिंघला (मेसर्स एसपी सिंघला कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिकों में एक) शामिल हैं। यह प्राथमिकी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और भारतीय न्याय संहिता की सुसंगत धाराओं के अंतर्गत दर्ज की गई है। प्राथमिकी संख्या 5/24 है। ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने 20 अगस्त को आईएएस अधिकारी, पूर्व विधायक समेत अन्य सभी के नाम पर करोड़ों की अवैध संपत्ति होने से संबंधित साक्ष्य राज्य सरकार और एसवीयू के एडीजी को भेजे थे। इन साक्ष्यों को प्राथमिकी का मुख्य आधार बनाया गया है।
हैवानियत की सारी हदों को किया पार : दो वहसी दरिंदों ने 80 साल की वृद्धा को बनाया हवश का शिकार

डेस्क : बिहार के बेगूसराय जिले से एक ऐसी घटना सामने आई है जिसे जानकर आप दंग रह जाएंगे। आप यह सोचने पर मजबूर हो जाएंगे कि आखिर इंसान की सोच हैवानियत की किस हद तक जा रहा है।

जिले में 80 वर्षीय एक वृद्ध महिला के साथ गैंगरेप करने का मामला सामने आया है। घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने घायल पीड़िता को इलाज के लिए बेगूसराय सदर अस्पताल में भर्ती कराया जहां 80 साल की बुजुर्ग महिला का इलाज चल रहा है। इस दौरान पीड़िता का मेडिकल भी कराया गया। इस घटना से इलाके में हड़कंप मचा हुआ है। परिजन आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।

मिली जानकारी के अनुसार दो बहसी दरिंदों ने अपनी दादी की उम्र की बुजुर्ग महिला के साथ मारपीट की और गंदा काम किया। ऐसा करने से पहले दोनों ने एक बार भी नहीं सोचा कि वो क्या कर रहे है? घटना को अंजाम देने के बाद दोनों आरोपी फरार है। दोनों आरोपियों को गिरफ्तार करने में पुलिस को अभी तक कोई सफलता हाथ नहीं लगी है। इस घटना से इलाके में हड़कंप मचा हुआ है। इस घटना से इलाके के लोग भी हैरान हैं। लोग आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।

वहीं घटना के संबंध में बेगूसराय एसपी कार्यालय से एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर यह बताया गया कि 18 सितंबर की सुबह में पुलिस को जानकारी मिली कि एक 80 साल की बुजुर्ग महिला के साथ अज्ञात बदमाशों ने मारपीट किया और दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया। मामले की गंभीरता को देखते हुए घटना की जांच के लिए एफएसएल टीम को मौके पर बुलाया गया। पीड़िता के परिजन ने बताया कि 80 साल की बुजुर्ग महिला झोपड़ी में अकेले रहती थी। मामले की जांच और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।

पिता लालू प्रसाद की जाति और लाठी की नीति से अलग इन दो नेताओं की नीति की राह पर तेजस्वी, क्या राजद की सत्ता मे होगी वापसी !

डेस्क : बिहार विधानसभा चुनाव में अभी एक साल बाकी है, लेकिन सभी दल के नेताओं ने अभी से चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। बिहार की सत्ता पर काबिज होने के लिए राजद अभी से पुरजोर कोशिश में लग गई है। तेजस्वी यादव अभी से जनता के बीच अपनी पैठ बनाने के लिए दिन-रात एक करना शुरु कर दिए है। हालांकि तेजस्वी यादव अपने पिता लालू प्रसाद की नीति से अलग राह पर चलने की कोशिश शुरु कर दिए है।

राजद के संस्थापक लालू प्रसाद ने जाति और लाठी की नीति अपनाकर बिहार की सत्ता पर पूरे 15 वर्षों तक एकछत्र राज किया था। लालू के शासन काल में बैलेट पेपर से चुनाव होता था और हर चुनाव के दौरान लालू प्रसाद कहा करते थे कि बैलेट बॉक्स से जिन्न निकलेगा। यानि की उनकी जीत तय है और ऐसा ही होता था। यह सभी जानते है कि ऐसा कैसे होता था। हालांकि उनकी उसी नीति को मुद्दा बनाकर 2005 में नीतीश कुमार ने राजद को सत्ता से बेदखल किया था और आज भी जदयू और बीजेपी हर मौके पर लालू प्रसाद और राबड़ी देवी के शासन काल की याद बार-बार जनता को दिलाकर अपनी राजनीतिक पैठ भी मजबूत करती रहती है।

अब पार्टी की कमान हाथ में आने के बाद तेजस्वी यादव राजद के उपर लगे उस ठप्पे को मिटाने की कोशिश में लग गए है। तेजस्वी को अब लगने लगा है कि जातिय समीकरण और बाहुबल के सहारे सत्ता में वापस नहीं आया जा सकता है। इसलिए वे अपने पिता की उस नीति अलग अब उन नेताओं की नीति को अपनाने पर ज्यादा जोर दे रहे जो अपनी नीति की वजह से या तो सत्ता पर काबिज है या फिर उनकी और उनकी पार्टी की साख बढ़ी है।

अब सवाल है कि वे कौन नेता है जिसकी राजनीति से तेजस्वी यादव प्रेरित हो रहे है और उनकी नीति अपना रहे है। तो इस सवाल का सीधा सा जवाब उनके हाल-फिलहाल के कार्य-कलापों से साफ हो जाता है।

तेजस्वी यादव जनता के बीच अपनी पैठ बढ़ाने कि लिए 'मिशन 2025' के तहत 'आभार सह संवाद यात्रा' शुरू की है। दरअस तेजस्वी की यह यात्रा वे कांग्रेस नेता राहुल गांधी से प्रेरित नजर आती है। वहीं उन्होने इस यात्रा के दौरान कई ऐसे एलान किये है जो दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल से प्रेरित है।

आइए अब आपको बताते है ऐसा क्यों लग रहा। आपको याद दिला दें कि अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की सत्ता मुफ्त बिजली, पानी और वाईफाई जैसे वादों के दम पर सफलता हासिल की थी। अपने आभार सह संवाद यात्रा के दौरान तेजस्वी ने भी ऐसा ही एलान किया है। तेजस्वी ने कहा है कि 2025 में राजद की सरकार बनती है तो प्रदेशवासियों को 200 यूनिट फ्री बिजली मिलेगा। इसके साथ ही उन्होने नौजवानों को नौकरी देने का भी वायदा कर रहे है।

वहीं तेजस्वी की 'मिशन 2025' के तहत 'आभार सह संवाद यात्रा' तकरीबन राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो यात्रा' से मिलती जुलती है। राहुल ने अपनी यात्रा के दौरान जनता से सीधे संवाद किया था और उनकी बातें सुनी थीं। राहुल गांधी की उस यात्रा का परिणाम भी लोकसभा चुनाव में देखने को मिला। जहां सत्ताधारी एनडीए की ओर से इस बार 400 के पार और कांग्रेस का सूपड़ा साफ का दावा किया जा रहा था। दोनो ही बातें फेल हुई थी और कांग्रेस को उल्टे फायदा हुआ था।

तेजस्वी की यात्रा पर यदि नजर डाले तो तेजस्वी भी अपनी यात्रा में यही कर रहे हैं। वे लोगों से मिल रहे हैं, उनकी समस्याएं सुन रहे हैं और उनसे संवाद कर रहे हैं।

इतना ही नहीं, तेजस्वी यादव ने अपनी इस यात्रा के लिए नई रणनीति अपनाई है। पहले जहां राजद की रैलियों में भीड़, हुड़दंग और नारेबाजी आम बात होती थी, वहीं इस बार सादगी और अनुशासन पर जोर दिया जा रहा है। तेजस्वी ने अपने कार्यकर्ताओं को गमछा और पगड़ी पहनने से मना किया है और किसी भी तरह की अनुशासनहीनता पर रोक लगाई है।

वैसे तेजस्वी यादव की यह नई रणनीति कितनी कारगर होगी, यह तो आने वाले वाले चुनाव परिणआ के बाद ही पता चल पाएगा। लेकिन इतना तो तय है कि तेजस्वी यादव अपनी पार्टी की छवि बदलने और सत्ता में वापिस की पुरजोर कोशिश कर रहे है।

बिहार के इस जिले में गंगा के रौद्र रुप से कई लोग हुए बेघर, महिलाएं गंगा मैया से शांत होने की लगा रही गुहार

डेस्क : बिहार के कई जिलों में गंगा नदी अपना रौद्र रुप धारण कर ली है। प्रदेश के कई जिलों में गंगा के पानी से कई गांव जलमग्न हो गए है। लोग अपने-अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थान पर शरण लिए हुए है। गंगा के जलस्तर में हुई बढ़ोत्तरी से फसल भी बर्बाद हो गई।

इधर भागलपुर जिले में गंगा के किनारे बसे लोगों की स्थिति भयावह हो गई है। भागलपुर में गंगा के बढ़ते जलस्तर के कारण कई घर गंगा में जलसमाधि ले रहे हैं। जिसके कारण कई लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लगातार गंगा के बढ़ते जलस्तर के कारण अब स्थानीय महिलाएं गंगा मैया के सामने उन्हें शांत होने की गुहार लगा रही है। ग्रामीण महिलाएं नदी किनारे बैठ गीत गाकर गंगा मैया से शांत होने की गुहार लगा रही हैं।

दरअसल, यह मामला भागलपुर के सबौर प्रखंड के मसाढू गाँव का है। जहां गंगा मैया घरों व सड़कों को अपने आगोश में समाते जा रही है। गंगा नदी यहां सब कुछ लील जाने को आमादा है। कटाव इतना भयावह है कि मंजर देखकर रुह कांप जा रही है। लगातार बढ़ते कटाव को देखते हुए अब यहां की महिलाओं को गंगा मैया पर ही भरोसा रह गया है।

गंगा नदी की धारा दूसरे ओर मुड़ जाए इसलिए गीत गाकर पूजा अर्चना कर रही है। बेघर हुई कई महिलाओं ने कहा कि आधी रोटी खाकर घर बनाया था, उस घर में उम्र कट गया, लेकिन अब मेरा बेटा-पोता कैसे रहेगा? कहां जाएगा ? क्या खायेगा? खुद मकान की ईंट तो तोड़ लिए लेकिन लेकर कहां जाएं? अब कोई ठिकाना नहीं बचा है।

महिलाओ का कहना है कि हर दिन सुबह शाम गंगा किनारे बैठ गंगा मैया को मना रहे हैं, कि हे मैया गांव के अंदर तो प्रवेश कर रही गए अब वापस हो जाइए हमलोग तबाह हो गए हैं। आशियाना उजड़ चुका है रहने को कोई ठिकाना नहीं है।। हे गंगा मैया गांव में तो घुस ही गईं अब लौट जाइये गरीब पर दया दिखाइए।

बता दें कि, इस गाँव में पिछले 12 दिनों से तेजी से कटाव हो रहा है। अब तक कई घर, 2 बीघा से अधिक जमीन, ग्रामीण सड़क, पेड़, बिजली के खम्भे, जलमीनार ने गंगा में जल समाधि ले ली, गाँव के लोग अपने हाथों अपना आशियाना उजाड़ रहे हैं।