आधुनिक तकनीक से रजिस्ट्री के साथ नामांतरण करने का काम देश में सबसे पहले म.प्र. ने किया शुरू : मुख्यमंत्री डॉ. यादव


मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि नागरिकों की सुविधा के लिये प्रांतव्यापी चलाए गये राजस्व महाअभियान के 2 चरण कारगर सिद्ध हुए हैं। जमीन संबंधी मामलों के त्वरित निराकरण के उद्देश्य के साथ चलाए गए राजस्व महाअभियानों में 80 लाख राजस्व प्रकरणों का निराकरण किया गया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि कहा कि आधुनिक तकनीक का उपयोग कर रजिस्ट्री के साथ ही नामांतरण करने का काम देश में सबसे पहले मध्यप्रदेश ने शुरू किया है।

डॉ. यादव ने नागरिकों को उत्तम सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए समर्पित अधिकारियों एवं कर्मचारियों की टीम को बधाई दी। उन्होंने उन सभी नागरिकों को भी बधाई दी है, जिनके लंबित मामलों का निराकरण हुआ है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश्सरकार जनसेवा और आम जन की समस्याओं के निराकरण के लिए प्रतिबद्ध है। राजस्व प्रकरणों के त्वरित निराकरण के लिये 18 जुलाई से 31 अगस्त तक संचालित राजस्व महाअभियान 2.0 में नामांतरण, बंटवारा, अभिलेख दुरुस्ती और नक्शा तरमीम के 49 लाख 15 हजार 311 मामले निराकृत हुए। साथ ही 88 लाख से अधिक ई-केववायसी पूरी की जा चुकी हैं। इससे पहले राजस्व महाअभियान 1.0 में 30 लाख से अधिक राजस्व प्रकरणों का निराकरण किया गया था।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर राजस्व-महाअभियान का पहला चरण 15 जनवरी से 15 मार्च 2024 तक जारी रहा। इस दौरान 30 लाख से ज्यादा राजस्व प्रकरणों का निराकरण हुआ। पहले चरण के राजस्व महाभियान की सफलता एवं जनता की सराहना मिलने पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने दूसरे चरण का राजस्व महाभियान शुरू करने के निर्देश दिये। यह अभियान 18 जुलाई से 31 अगस्त 2024 तक चला। इसमें राजस्व न्यायालयों में समय-सीमा पर लम्बित नामांतरण, बँटवारा, अभिलेख दुरुस्ती के प्रकरणों का 100 प्रतिशत निराकरण किया गया। साथ ही नक़्शे पर तरमीम उठाना और खसरे की समग्र आधार से लिंकिंग का कार्य किया गया। महाअभियान में स्वामित्व योजना के तहत आबादी भूमि के सर्वेक्षण का कार्य, फार्मर रजिस्ट्री का क्रियान्वयन और पीएम किसान में सभी हितग्राहियों को शामिल करने का कार्य भी किया गया। राज्य, संभाग, जिला और तहसील स्तर पर प्रतिदिन प्रकरणों के निराकरण की सतत मॉनिटरिंग राजस्व महाभियान डैशबोर्ड के माध्यम से की गई।

राजस्व महाअभियान - 01 और 02 में प्रकरणों के निराकरण की स्थिति निम्नानुसार रही :-

राजस्व प्रकरणों का समाधान - 80,00,000

राजस्व महा अभियान-01

30,00,000

राजस्व महा अभियान-02

49,15,311

नामांतरण

2,71,626

बंटवारा

27,983

अभिलेख दुरूस्ती

26,784

नक्शा तरमीम

45,88,918

कुल

49,15,311

राजस्व महाअभियान 2.0 में 49 लाख से अधिक प्रकरणों का निराकरण एवं 88 लाख अधिक ई-केवायसी पूर्ण की गई।

36 जिलों में शत-प्रतिशत लंबित नामांतरण प्रकरण किये निराकृत

आलीराजपुर, उज्जैन, उमरिया, खरगौन, गुना, ग्वालियर, छिंदवाड़ा, झाबुआ, टीकमगढ़, डिंडोरी, दतिया, दमोह, देवास, नर्मदापुरम, निवाडी, नीमच, पन्ना, पांढुर्णा, बड़वानी, बालाघाट बुरहानपुर, बैतूल, भिण्ड, भोपाल, मंडला, मऊगंज, मन्दसौर, मुरैना, मैहर, रतलाम, राजगढ़, रायसेन, विदिशा, शहडोल, श्योपुर, सतना जिलों में लंबित नामांतरण प्रकरणों का 100% निराकरण किया गया है। शेष जिलों में 99% से अधिक प्रकरणों का निराकरण किया गया है। इस प्रकार कुल 99.98% लंबित नामांतरण प्रकरणों का निराकरण राजस्व महाभियान 2.0 में किया गया है।

बंटवारा प्रकरणों का सभी जिलों में शत-प्रतिशत निराकरण

बंटवारा लंबित बंटवारा प्रकरणों का शत-प्रतिशत निराकरण समस्त जिलों द्वारा किया गया है। अभिलेख दुरुस्ती लंबित अभिलेख दुरुस्ती प्रकरणों का भी शत-प्रतिशत निराकरण समस्त जिलों द्वारा किया गया है। इसी प्रकार बुरहानपुर, खंडवा, पांढुर्णा, सिवनी, बैतूल, झाबुआ जिलों में लंबित नक्शा तरमीम के 50% से अधिक प्रकरणों निराकरण किया गया है।

बिंदु जुनेजा द्वारा मध्यप्रदेश उत्सव की सांस्कृतिक संध्या में ओड़िसी नृत्य की प्रस्तुति


मध्यप्रदेश भवन में आयोजित ‘मध्यप्रदेश उत्सव’ की सांस्कृतिक संध्या में आज बिंदु जुनेजा और उनकी शिष्या सुश्री कल्याणी फागरे ने ओड़िसी नृत्य की प्रस्तुति दी। नृत्य प्रस्तुति मंगलाचरण से आरंभ हुई जिसमे देवी के नौ रूपों का चित्रण किया गया, मंगलाचरण की समाप्ति गंधर्व-गीत से हुई। इसके पश्चात नर्मदा स्तुति और राग शंकराभरणम् पल्लवी की प्रस्तुति दी गई। कार्यक्रम का समापन शांतिपाठ से हुआ। मध्यप्रदेश भवन में 30 अगस्त से 2 सितंबर, 2024 के बीच आयोजित हो रहे 'मध्यप्रदेश उत्सव' में प्रतिदिन सांस्कृतिक संध्या का कार्यक्रम हो रहा है। 

 बिन्दु जुनेजा ओडिसी की विख्यात नृत्यांगना हैं। उन्होंने गुरुमा माधवी मुदगल और गुरु केलुचरण महापात्र से ओडिसी की शिक्षा ली है। वे भोपाल में "पर्ण" नाम की एक अकादमी भी चलाती हैं, जिसमें वो बच्चों को ओडिसी नृत्य की शिक्षा देती हैं। इनके द्वारा देश के साथ-साथ, विदेशों में भी मंच प्रस्तुतियां दी जा चुकी है।

गोविंदपुरा विधानसभा क्षेत्र में विकास के कार्य निरंतर जारी रहेंगे : राज्यमंत्री कृष्णा गौर


पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कृष्णा गौर ने रविवार को गोविंदपुरा विधानसभा के वार्ड- 72 और 73 में विभिन्न विकास कार्यों का भूमिपूजन किया। राज्यमंत्री गौर ने कहा कि गोविंदपुरा विधानसभा को विकास के शिखर पर पहुंचाना है। राज्य सरकार विकास के उद्देश्य को लेकर चल रही है। इसी क्रम में हमने विधानसभा में हर क्षेत्र में विकास किया है। गोविंदपुरा क्षेत्र में विकास कार्य लगातार किए जा रहे हैं। इसके साथ ही आम जनता को जनहितैषी व जन कल्याणकारी सरकारी योजनाओं का लाभ भी मिल रहा है। उन्होंने स्थानीय नागरिकों से चर्चा कर उनकी समस्याएं सुनी और उन्हें अतिशीघ्र हल करने का आश्वासन दिया।

राजयमंत्री गौर ने वार्ड-72 मालीखेड़ा में हायर सेकेंड्री स्कूल चौराहे से विसर्जन घाट तक 25 लाख 81 हजार रुपए की लागत से तैयार होने वाली सी.सी रोड के निर्माण के कार्य का भूमिपूजन किया। वार्ड-72 में कल्याण नगर में गली नंबर 3-4 में 20 लाख 60 हजार रुपए की लागत से तैयार होने वाली सी.सी रोड एवं नाली के निर्माण कार्य का भी भूमिपूजन किया। पार्षद राजीव राठौर, विकास पटेल और भानपुर मण्डल अध्यक्ष नीलेश गौर मौजूद थे।

मध्यप्रदेश की उन्नति के लिए समर्पित हैं डॉ. मोहन यादव : आचार्य प्रज्ञा सागर जी महाराज


आचार्य 108 प्रज्ञा सागर जी महाराज ने मध्यप्रदेश में जन-कल्याण के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व की सराहना की है। आज राजस्थान के झालरापाटन में अपने 52 वें जन्म दिवस और 36 वें चातुर्मास कार्यक्रम में जैन मुनि प्रज्ञा सागर जी महाराज ने कहा कि मध्यप्रदेश की उन्नति के लिए समर्पित और ऊर्जावान मुख्यमंत्री के रूप में डॉ. यादव ने अपनी पहचान बनाई है। उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ. यादव को आशीर्वाद भी दिया।

आचार्य प्रज्ञा सागर महाराज ने कहा है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मेरे 50 वें और 51 वें जन्म दिवस पर उच्च शिक्षा मंत्री के रूप में पधारे थे। आज वे मुख्यमंत्री के रूप में आए हैं। निश्चित ही उनका यह भाव प्रभावित करता है। उन्होंने मेरी जन्म वर्षगांठ के अवसर पर निरंतर तीन वर्ष आकर हैट्रिक बनाई है। इस चातुर्मास कार्यक्रम और महोत्सव को उन्होंने बहुमुखी बना दिया है। महोत्सव में राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देश पर जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत ने उपस्थित होकर मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव का स्वागत किया।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि संतों का आर्शीवाद पूँजी की तरह है। हमारे देश में संतों और धर्माचार्यों का स्थान सर्वोच्च है। सम्पूर्ण समाज संतों से मार्गदर्शन प्राप्त करता है। हमारे संतों ने सनातन संस्कृति को निरंतर कायम रखा है। किसी मनुष्य ने स्वर्ग नहीं देखा लेकिन संतों का सानिध्य और आशीर्वाद प्राप्त होना जीवन को धन्य करने और स्वर्गिक आनंद की अनुभूमि प्राप्त करने जैसा है। मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने कहा कि काल के प्रवाह में यूनान,रोम और कई देशों का अस्तित्व और सभ्यता खत्म हो गई क्योंकि उन देशों में संत परम्परा नहीं थी।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव का चातुर्मास कार्यक्रम समिति के पदाधिकारियों ने स्वागत किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आचार्य प्रज्ञा सागर जी महाराज को स्मृति चिन्ह प्रदान किया एवं उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में राजस्थान और मध्यप्रदेश के अनेक स्थानों के धर्म प्रेमी नागरिक उपस्थित थे। महोत्सव में श्रद्धालुओं के साथ ही सांस्कृतिक दल के सदस्यों ने भजनों के साथ नृत्य कार्यक्रम उल्लास के साथ प्रस्तुत किए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस अवसर पर आचार्य जी के निर्देशन में हुए मंदिरों के जीर्णोद्धार से संबंधित छायाचित्रों के दो एलबमों का लोकार्पण भी किया।

शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में रोटरी क्लब के कार्य प्रशंसनीय - मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रोटरी क्लब उज्जैन द्वारा संचालित इंटरसिटी साक्षरता कार्यक्रम के प्रतिनिधियों को आज वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से संबोधित किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने समत्व भवन मुख्यमंत्री निवास से वीसी द्वारा जुड़कर रोटरी क्लब के शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों की जानकारी प्राप्त की और उनके प्रकल्पों की सराहना की।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि कई जन्मों के पुण्य के बाद मनुष्य का जन्म प्राप्त होता है। इसके साथ ही सेवा का अवसर भी मिलता है। अपने सद्कर्मों से मानव बना जा सकता है। अच्छे कार्य मनुष्य को देव बना देते हैं। देव या देवता वही होता है जो देने का भाव रखे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने रोटरी क्लब के सदस्यों को उज्जैन में रक्तदान जैसे पुण्य कार्य के लिए अधोसंरचना तैयार करने और रतलाम में रोगियों के लिए डायलेसिस की सुविधा प्रारंभ करने की प्रशंसा की।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि उज्जैन का एक नाम अवंतिका भी है, जिसका अर्थ है जिसका कोई अंत नहीं। उज्जैन का प्रत्येक युग में महत्व रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने रोटरी क्लब के कार्यक्रम में उज्जैन आए अन्य स्थानों के प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वे बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में साइंस सिटी, प्लेनोटोरियम, वैदिक घड़ी जैसे स्थान भी देखकर जाएं। उज्जैन में साइंस सिटी बनाने की पहल इसे धार्मिक नगरी के साथ ही विज्ञान सिटी बनाने में सहयोगी है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि उज्जैन का गौरवशाली अतीत है। भगवान कृष्ण ने यहां आकर शिक्षा ग्रहण की। रोटरी क्लब द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में किया जा रहा कार्य अन्य संस्थाओें के लिए प्रेरणादायी बनेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने रोटरी क्लब के कार्यक्रमों और प्रकल्पों की सफलता की कामना की। कार्यक्रम में अविनाश गुप्ता, समन्वयक के साथ ही अन्य पदाधिकारी और सदस्य उपस्थित थे।

शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में रोटरी क्लब के कार्य प्रशंसनीय - मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव


मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रोटरी क्लब उज्जैन द्वारा संचालित इंटरसिटी साक्षरता कार्यक्रम के प्रतिनिधियों को आज वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से संबोधित किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने समत्व भवन मुख्यमंत्री निवास से वीसी द्वारा जुड़कर रोटरी क्लब के शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों की जानकारी प्राप्त की और उनके प्रकल्पों की सराहना की।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि कई जन्मों के पुण्य के बाद मनुष्य का जन्म प्राप्त होता है। इसके साथ ही सेवा का अवसर भी मिलता है। अपने सद्कर्मों से मानव बना जा सकता है। अच्छे कार्य मनुष्य को देव बना देते हैं। देव या देवता वही होता है जो देने का भाव रखे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने रोटरी क्लब के सदस्यों को उज्जैन में रक्तदान जैसे पुण्य कार्य के लिए अधोसंरचना तैयार करने और रतलाम में रोगियों के लिए डायलेसिस की सुविधा प्रारंभ करने की प्रशंसा की।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि उज्जैन का एक नाम अवंतिका भी है, जिसका अर्थ है जिसका कोई अंत नहीं। उज्जैन का प्रत्येक युग में महत्व रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने रोटरी क्लब के कार्यक्रम में उज्जैन आए अन्य स्थानों के प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वे बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में साइंस सिटी, प्लेनोटोरियम, वैदिक घड़ी जैसे स्थान भी देखकर जाएं। उज्जैन में साइंस सिटी बनाने की पहल इसे धार्मिक नगरी के साथ ही विज्ञान सिटी बनाने में सहयोगी है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि उज्जैन का गौरवशाली अतीत है। भगवान कृष्ण ने यहां आकर शिक्षा ग्रहण की। रोटरी क्लब द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में किया जा रहा कार्य अन्य संस्थाओें के लिए प्रेरणादायी बनेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने रोटरी क्लब के कार्यक्रमों और प्रकल्पों की सफलता की कामना की। कार्यक्रम में अविनाश गुप्ता, समन्वयक के साथ ही अन्य पदाधिकारी और सदस्य उपस्थित थे।

विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्ध-घुमन्तु जातियों के लोगों को मिलेगा विकास का पूरा लाभ : मुख्यमंत्री डॉ. यादव


मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश में रहने वाले विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्ध-घुमन्तु समुदाय के लोगों को कल्याणकारी योजनाओं का पूरा लाभ दिया जाएगा। प्राचीन काल से घुमन्तु और अर्द्धघुमन्तु जातियों ने साहस और शौर्य के अनेक उदाहरण प्रस्तुत किए हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि घुमन्तु और अर्द्ध-घुमन्तु जातियों के युवाओं और अन्य प्रतिभाओं को शिक्षा के साथ अच्छे भविष्य और कॅरियर निर्माण के लिए राज्य सरकार पूर्ण सहयोग करेगी।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव शनिवार को रवीन्द्र भवन, भोपाल में विमुक्ति दिवस के राज्यस्तरीय कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने घुमन्तु, अर्धघुमन्तु कल्याण विभाग की प्रदर्शनी भी देखी और विभाग के पोर्टल 'समर्थ' का लोकार्पण किया।

मुख्यमंत्री ने घुमन्तु और अर्धघुमन्तु समाज के कल्याण के लिए कीं अनेक घोषणाएँ

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि इन जातियों को एक स्थान का निवासी घोषित करने के उद्देश्य से एक स्थान मान्य करते हुए मूल मुकाम को दर्ज किया जाएगा। इसके अनुसार आवश्यक अभिलेख तैयार करने में मदद मिलेगी। इससे घुमन्तु और अर्द्ध-घुमन्तु समुदाय की वे जातियां जो वर्तमान में कल्याण योजनाओं के लाभों से छूटी हुई हैं, उन्हें भी योजनाओं का लाभ दिया जा सकेगा। भाट, चारण, बेलदार, पारधी, कुचबंदिया आदि जातियों को भी योजनाओं का लाभ प्रदान किया जाएगा। कबूतरी, कालबेलिया, सिकलीगर, बांछड़ा आदि जातियों के लिए विशेष योजना बनेगी। गड़रिया, लोहार जाति एवं अन्य जातियों के लिए आवश्यकतानुसार आवास व्यवस्था की जाएगी। प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ देते हुए इन जातियों के नागरिकों को बिजली, पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं दी जाएंगी। युवाओं को आवश्यक प्रशिक्षण का भी लाभ दिया जाएगा। अग्निवीर और अन्य योजनाओं से लाभान्वित करने पर ध्यान दिया जाएगा। इन जातियों के युवाओं के लिए खेल क्षेत्र में भी आवश्यक प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि संभाग स्तर पर इन जातियों की लोक-संस्कृति को प्रोत्साहन देने के लिए प्रयास किए जाएंगे एवं शहरों में बनने वाले गीता भवनों से भी समाज की जातियों को जोड़ा जाएगा। इन जातियों के लिए मांगलिक भवन भी निर्मित किए जाएंगे एवं उनके विकास के लिए निरंतर संवाद का सिलसिला चलेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आवश्यक सामाजिक रीतियों में समय अनुकूल सुधार की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि समुदाय के कुछ लोगों के अपराध से संलग्न होने पर सम्पूर्ण समुदाय अपराधी नहीं माना जा सकता। बदलते दौर में सजा अपराधी को देने, न कि समाज को देने का भाव भी विकसित हुआ है।

कार्यक्रम में बंजारा लोक कलाकार सुश्री रीना पवार ने प्रभावी पारम्परिक नृत्य प्रस्तुत किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रभावी प्रस्तुति के लिये कलाकार रीना पवार को 21 हजार रूपये की प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विमुक्ति दिवस के पूरे प्रदेश में आयोजन के लिए विभाग एवं आयोजक संस्थाओं को बधाई दी।

विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्ध-घुमन्तु कल्याण, पिछड़ा वर्ग एवं अल्प-संख्यक कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कृष्णा गौर ने कहा कि आज विमुक्ति दिवस पर घुमन्तु और अर्द्धघुमन्तु जातियों के कल्याण संबंधी योजनाओं की जानकारियां विशेष प्रदर्शनी के माध्यम से दी गई हैं। इन जातियों को अंग्रेजों द्वारा अपराधी घोषित किया गया था। स्वतंत्रता के पश्चात इन जातियों को उस कलंक से मुक्ति मिली और अब इन जातियों के लोग विकास का लाभ प्राप्त कर रहे हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इन जातियों के कल्याण का संकल्प लिया है। प्रदेश में इन जातियों के विद्यार्थियों के लिए छात्रावास, छात्रवृत्ति एवं विद्यार्थियों को आवास का किराया देने की व्यवस्था की गई है। छात्रवृत्ति राशि भी बढ़ाई गई है। शिक्षा के क्षेत्र में बालिकाओं को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इन जातियों के निवासियों, मजरों-टोलों के विकास और बस्तियों के विकास के लिए राज्य सरकार कृत-संकल्पित है। प्रारंभ में विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्ध-घुमन्तु जाति विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री बाबूलाल बंजारा ने स्वागत भाषण दिया। रवि प्रताप बुंदेला ने कहा कि इन जातियों के विकास के लिए शासन द्वारा संचालित योजनाएं मददगार हैं। मध्यप्रदेश में घुमन्तु और अर्द्ध-घुमन्तु जातियों के कल्याण को प्राथमिकता देते हुए मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आवश्यक निर्देश दिए हैं। इन जातियों को आर्थिक समृद्धि का लाभ दिलवाने का मार्ग अब आसान हो गया है।

मुख्यमंत्री ने प्रदर्शनी का अवलोकन किया

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विमुक्ति दिवस समारोह स्थल रवीन्द्र भवन परिसर में प्रदर्शनी का अवलोकन किया। प्रदर्शनी में विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्ध-घुमन्तु समुदाय के कल्याण के लिए राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं और विमुक्त, घुमन्तु एवं अर्द्ध-घुमन्तु समुदाय के महापुरुषों, विभूतियों की जीवन गाथा को चित्रों के माध्यम से प्रदर्शित किया गया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अतिथियों के साथ प्रदर्शित चित्रों का अवलोकन किया।

पारम्परिक परिधान पहने युवक-युवतियों ने ली सेल्फी

विमुक्ति दिवस समारोह में भाग लेने आये विमुक्त समुदाय के युवक-युवतियों ने विमुक्त दिवस समारोह स्थल में मुख्यमंत्री डॉ. यादव के साथ सेल्फी ली। युवक-युवतियाँ, घुमन्तु समुदाय विशेष के पारंपरिक परिधान और आभूषण पहने हुए थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने तस्वीर लेने के साथ युवक-युवतियों से परिचय भी प्राप्त किया।

 घनश्याम भट्ट के ग्रुप ने दी कठपुतली की प्रस्तुति

विमुक्ति दिवस समारोह में घनश्याम भट्ट ग्रुप ने कठपुतलियों के माध्यम से राज्य शासन की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की रोचक जानकारी दी। ग्रुप में सर्वश्री जगदीश भट्ट, राहुल भट्ट, राजू भट्ट और जयराम राणा भी शामिल थे।

कार्यक्रम में भोपाल सांसद श्री आलोक शर्मा, विधायक रामेश्वर शर्मा, विधायक भगवान दास सबनानी, भोपाल महापौर मालती राय, जन अभियान परिषद के उपाध्यक्ष मोहन नागर, कोल विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष रामलाल रौतेल, सहरिया विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष तुरसन पाल, भारिया विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष दिनेश अंगरिया सुमित पचौरी, केदार मंडलोई तथा अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे। अपर मुख्य सचिव विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्ध-घुमन्तु कल्याण अजीत केसरी ने आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्ध-घुमन्तु समुदाय के लोग उपस्थित थे। प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए प्रतिनिधियों ने विशाल पुष्पहार से मुख्यमंत्री डॉ. यादव का स्वागत किया।

मध्यप्रदेश उत्सव से म.प्र. को जानने समझने का मिलेगा अवसर : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश सांस्कृतिक, ऐतिहासिक, पुरातात्विक, जनजातीय विरासत, पर्यटन, कला, रहन-सहन एवं विविध व्यंजन इत्यादि की दृष्टि से समृद्ध राज्य है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि देश के दिल (मध्यप्रदेश) की समृद्ध, सांस्कृतिक धरोहरों से दिल्ली एवं अन्य प्रदेश के लोगों को परिचित कराने के लिये देश की राजधानी में 4 दिवसीय "मध्यप्रदेश उत्सव" का अनूठा आयोजन किया गया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने शुक्रवार को दिल्ली स्थित मध्यप्रदेश भवन में "मध्यप्रदेश उत्सव" का रंगारंग शुभारंभ कर यह बात कही। मुख्यमंत्री डॉ. यादव की पहल पर दिल्ली में पहली बार वृहद स्तर पर मध्यप्रदेश उत्सव का आयोजन किया गया है, जो 30 अगस्त से 2 सितंबर, 2024 तक चलेगा।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश उत्सव के आयोजन से दिल्लीवासियों एवं अन्य राज्यों से आये पर्यटकों को देश के हृदय प्रदेश मध्यप्रदेश की समृद्धशाली विविधताओं से परिपूर्ण संस्कृति सहित अन्य पहलुओं को जानने का मौका मिलेगा। आगंतुक न सिर्फ प्रदेश की समृद्ध विरासत को जानेंगे, समझेंगे बल्कि विविधताओं से भरे मध्यप्रदेश के विभिन्न अंचलों में बनाये जाने वाले विशिष्ट व्यंजनों सहित सुपर फूड में 'श्रीअन्न' से निर्मित व्यंजनों का आनंद ले सकेंगे।

म.प्र. की विरासत को प्रदर्शनी के माध्यम से दर्शाया

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में पुरातत्व विभाग द्वारा बेहतरीन कार्य किया गया है। विभाग प्राचीन जर्जर मंदिरों और देवस्थानों को पुनर्स्थापित करने का चुनौतीपूर्ण कार्य सफलतापूर्वक कर रहा है। उन्होंने संचालनालय पुरातत्व अभिलेखाकर एवं संग्रहालय द्वारा आयोजित ‘मध्यप्रदेश की विरासत’ प्रदर्शनी की सराहना की। मध्यप्रदेश उत्सव में लगाई गई प्रदशर्नी में एक ओर गोंड कलाकारों की चित्रकला को सम्मान और दूसरी ओर लगभग 10 हजार वर्ष पुराने भीमबैठका के शैलचित्रों से सबको अवगत कराने का अभिनव प्रयास किया गया है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जनसंपर्क विभाग की प्रदर्शनी के सेल्फी पाइंट में सेल्फी ली। उन्होंने प्रदर्शनी की सराहना करते हुए विजिटर बुक में लिखा कि "मध्यप्रदेश-उत्सव का आयोजन बहुत बेहतर तरीके से सुयोग्य भाव से प्रदर्शित किया गया है, बधाई।" कार्यक्रम में खेल एवं युवा कल्याण तथा सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग और अधिकारी व दर्शक भी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव की केंद्रीय मंत्री अमित शाह और जगत प्रकाश नड्डा से हुई सौजन्य भेंट

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार को दिल्ली में केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह और केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण तथा रसायन और उर्वरक मंत्री जगत प्रकाश नड्डा से उनके निवास स्थलों में सौजन्य भेंट की।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश में पिछले छह महीनों में संपन्न हुई विकास और जनकल्याण से संबंधित विभिन्न गतिविधियों से दोनों केंद्रीय मंत्रियों को अवगत कराया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने केंद्रीय मंत्रियों को रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव पर केंद्रित पुस्तिका की प्रतियां प्रदान की।

पर्यटन क्षेत्र में 40 हजार से अधिक महिलाओं को किया जा रहा प्रशिक्षित- प्रमुख सचिव शुक्ला


प्रदेश में भीड़भाड़ वाले पर्यटन स्थलों को प्रबंधित करने और शांति की चाह रखने वाले पर्यटकों के लिए 50 नए ऑफबीट डेस्टिनेशन विकसित किए जा रहे है। प्रमुख सचिव पर्यटन और संस्कृति शिव शेखर शुक्ला ने कहा कि पर्यटन के क्षेत्र में रोजगार उत्पन्न करने और समुदाय की महिलाओं को पर्यटन से जोड़ने की दिशा में पर्यटन क्षेत्र में 40 हजार से अधिक महिलाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है। प्रमुख सचिव शुक्ला होटल ताज में इंडियन एसोसिएशन ऑफ टूर ऑपरेटर्स (आईएटीओ) के 39वें अधिवेशन के दूसरे दिन के पहले सत्र में 'रिसर्जेंट इंडिया इनबाउंड - चुनौतीपूर्ण कारोबारी माहौल के बीच भारत को फिर से स्थापित करने की रणनीति' विषय पर व्यावसायिक सत्र को संबोधित कर रहें थे। सत्र में विशेष सचिव पर्यटन उत्तर प्रदेश सुश्री ईशा प्रिया, एबरक्रॉम्बी एंड केंट के एमडी विक्रम मधोक ने भी संबोधित किया। सत्र का संचालन अरविंद सिंह केन्द्रीय सचिव (सेवानिवृत्त) ने किया।

प्रमुख सचिव शुक्ला ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मानकों के लिए एक बेंचमार्क स्थापित करने की आवश्यकता है और पहले दिन से ही कोई समझौता नहीं होना चाहिए। इनबाउंड पर्यटन के लिए सही पारिस्थितिकी-तंत्र बनाने के लिए काम किया जा रहा हैं। अन्य विभागों से समन्वय से संसाधनों को एकत्र कर उनका उपयोग पर्यटन विकास के लिए बुनियादी ढाँचा बनाने में करना चाहिए।

उत्तर प्रदेश की विशेष सचिव पर्यटन सुश्री ईशा प्रिया ने कहा कि उत्तरप्रदेश, ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने और इसे मध्यम वर्ग के परिवारों के लिए अनुकूल बनाने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने उत्तरप्रदेश के बौद्ध सर्किट, थीम, वेस्ट-टू-वेल्थ पार्क, महाकुंभ मेला आदि पर्यटन गंतव्यों के विकास और सरकार के प्रयासों की जानकारी दी। साथ ही उत्तरप्रदेश पर्यटन नीति 2022 के प्रमुख बिंदुओं पर प्रकाश

एबरक्रॉम्बी एंड केंट के एमडी श्री विक्रम मधोक ने उन बाजारों में जाने की आवश्यकता जताई, जहां हमारी कमी है। उन्होंने कहा, 'महामारी के बाद, आज हम जहां हैं, वहां कुछ बाजारों से कारोबार अच्छा चल रहा है। हमें उन क्षेत्रों में भी जाना होगा जहां यह कम है। उन्होंने विदेशों के नक्शे कदम पर चलने की आवश्यकता भी जताई, जहां होमस्टे का उपयोग कर भीड़ का सूक्ष्म प्रबंधन किया जा रहा है।

मध्यप्रदेश पर विशेष सत्र

सम्मेलन के दौरान मध्यप्रदेश पर एक विशेष सत्र आयोजित किया गया। इसमें टूरिज्म बोर्ड की अपर प्रबंध संचालक सुश्री बिदिशा मुखर्जी ने अधिवेशन के लिये भोपाल आए ट्रेवल एजेंट्स, टूर ऑपरेटर्स सहित विभिन्न हितधारकों को मध्यप्रदेश में आने का न्योता दिया। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के नैसर्गिक सौंदर्य, प्राचीन इतिहास, संरक्षित धरोहरें, वन्य-जीवों में विविधता और वन्य क्षेत्र दुनियाभर से पर्यटकों को आकर्षित कर रहे हैं। प्रदेश को महिला पर्यटकों खासकर एकल महिला पर्यटकों हेतु अधिक सुरक्षित बनाने के उद्देश्य से पर्यटन क्षेत्र में महिलाओं की सहभागिता बढ़ाई जा रही है। पर्यटन क्षेत्र के 8 सेक्टर के 48 जॉब रोल्स में महिलाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है। उन्होंने प्रदेश के विभिन्न सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक महत्व के स्थलों की जानकारी भी दी।