नियमों की अनदेखी करने वाले कोचिंग संस्थानों पर होगी कठोर कार्रवाई

स्कूल शिक्षा मंत्री सिंह ने बालाघाट में की समीक्षा

स्कूल शिक्षा मंत्री एवं बालाघाट जिले के प्रभारी मंत्री उदय प्रताप सिंह ने कहा कि जो कोचिंग संस्थान नियमों की अनदेखी कर संचालित हो रहे हैं, उन पर कठोर कार्रवाई की जायेगी। इसके अलावा ऐसे कोचिंग संस्थान, जिनमें शाम 6 बजे के बाद छात्राएँ पढ़ने के लिये जाती हैं, वहाँ उनकी सुरक्षा जिला प्रशासन सुनिश्चित करे। मंत्री सिंह आज बालाघाट में जिलाधिकारियों की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में सांसद भारती पारधी, विधायक सर्वश्री राजकुमार कार्रहे, संजय उइके, मधुभगत, विक्की पटेल, जिला पंचायत अध्यक्ष सम्राट सिंह सरस्वार, नगर पालिका अध्यक्ष भारती ठाकुर एवं स्थानीय जन-प्रतिनिधि मौजूद थे।

बेहतर शिक्षा के लिए सीएम राइज स्कूल

स्कूल शिक्षा मंत्री सिंह ने समीक्षा के दौरान जिले में संचालित सीएम राइज स्कूलों की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सीएम राइज स्कूल हर जनपद स्तर पर बनाये जा रहे हैं। मंत्री सिंह ने कहा कि स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिये बीईओ, बीआरसी एवं जन-शिक्षक निरंतर रूप से निरीक्षण करेंगे। इसके साथ ही जिला स्तरीय अधिकारियों को भी मॉनिटरिंग का दायित्व सौंपा जायेगा। उन्होंने खाद्य और सहकारिता विभाग की समीक्षा के दौरान कहा कि जिले में उपार्जन केंद्र बढ़ाये जायें। उन्होंने जिले में गोदामों की संख्या बढ़ाने के संबंध में भी निर्देश दिये। मंत्री सिंह ने मरम्मत योग्य स्कूलों और सड़कों के संबंध में बरसात के बाद कार्य प्रारम्भ करने के निर्देश दिये हैं।

जन-प्रतिनिधियों के साथ रहे परस्पर संवाद

स्कूल शिक्षा मंत्री सिंह ने सभी अधिकारियों से कहा कि किसी भी स्तर पर संवादहीनता नहीं होनी चाहिये। जन-प्रतिनिधियों को लगातार योजनाओं की प्रगति से अवगत कराया जाये। कलेक्टर मृणाल मीना ने मंत्री सिंह को बेहतर परिणाम देने की बात कही है। मंत्री सिंह ने मोती तालाब और वारासिवनी सीएम राइज स्कूल परिसर में पौधारोपण भी किया।

रीवा को स्वास्थ्य सुविधाओं का हब बनाएंगे : उप मुख्यमंत्री शुक्ल


उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा है कि रीवा में अधोसंरचना के क्षेत्र में तेजी से विकास हुआ है। शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी रीवा में उत्कृष्ट व्यवस्थाएँ की जायेंगी। उन्होंने कहा कि रीवा में सुपर स्पेशलिटी हास्पिटल, मेडिकल कालेज तथा जिला अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं लगातार बेहतर की जा रही हैं। रीवा को स्वास्थ्य सुविधाओं का हब बनाया जाएगा। शासकीय क्षेत्र और निजी क्षेत्र के अस्पताल मिलकर उत्कृष्ट और उच्च-स्तरीय स्वास्थ्य सेवाओं का प्रदाय करेंगे। उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कृष्णा राजकपूर ऑडिटोरियम रीवा में तीन दिवसीय नि:शुल्क सुपर स्पेशलिटी जाँच एवं उपचार शिविर का शुभारंभ किया। शिविर का आयोजन जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और अरविंदो अस्पताल इंदौर ने संयुक्त रूप से किया।

उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि रोग के उपचार से बेहतर है कि समय पर जाँच कराकर हम बीमार होने से बचें। रीवा में फरवरी माह में संभाग के एक लाख व्यक्तियों की कैंसर संबंधी जाँच की गई। इनमें 40 रोगी चिन्हित हुए उन्हें समुचित उपचार दिया गया। मार्च माह में लगभग 50 हजार व्यक्तियों की स्वास्थ्य की नि:शुल्क जाँच की गई जिनमें बड़ी संख्या में विटामिन डी की कमी तथा खून की कमी के रोगी चिन्हित कर उन्हें उपचार दिया गया है। उन्होंने कहा कि रीवा में तीसरा शिविर अरविंदो अस्पताल के सहयोग से लगाया जा रहा है। इससे गंभीर रोगों से ग्रस्त मरीजों को नि:शुल्क जाँच और उपचार की सुविधा मिलेगी। अरविंदो अस्पताल के विशेषज्ञ डॉक्टरों के मार्गदर्शन का लाभ मेडिकल कालेज और सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों को भी मिलेगा। उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने निर्देश दिये कि अरविंदो अस्पताल के संचालक डॉ विनोद भण्डारी के स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के सुझाव पर मेडिकल कालेज के डीन आवश्यक प्रस्ताव बनायें।

अरविंदो अस्पताल के संचालक डॉ विनोद भण्डारी ने बताया कि शिविर में चिन्हित गंभीर रोगियों को अरविंदो हास्पिटल द्वारा नि:शुल्क उपचार की सुविधा दी जायेगी। रीवा में स्तन कैंसर की जाँच के लिए सेंटर बनाने, गर्भस्थ शिशु की जाँच, उपचार तथा फीडल सर्जरी के लिए अरविंदों अस्पताल प्रशिक्षण तथा सहयोग देगा। उन्होंने बताया कि रीवा आयोजित शिविर में हमारे अस्पताल के डॉक्टरों सहित 156 व्यक्ति अपनी सेवाएं दे रहे हैं। विधायक गुढ़ नागेन्द्र सिंह, विधायक मनगवां नरेन्द्र प्रजापति, जिला पंचायत अध्यक्ष नीता कोल, नगर निगम अध्यक्ष व्यंकटेश पाण्डेय, आईजी एमएस सिकरवार, पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह, सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।

प्रथम दिवस 2897 मरीजों की हुई जाँच

शिविर के प्रथम दिवस 2897 मरीजों की जाँच की गई जिसमें ऑप्थल के 394, गायनी के 278, हड्डी रोग से संबंधित 747, ब्रोस्ट कैंसर के 128, सर्वाइकल कैंसर के 135, ऑन्कोलॉजी एवं आन्को कार्डियो के 135, सर्जरी के 287, चर्म रोग के 352, गैस्ट्रो के 168, न्यूरोलॉजी के 97, मस्तिष्क रोग के 210, पीडियाट्रिक्स के 198, दंत रोग के 152, दंत रोग आरव्हीजी के 6, पीडियाट्रिक कार्डियो के 68, पीडियाट्रिक इको के 92, यूएसजी के 136 जिनमें 71 पुरूष तथा 65 महिलाएं, मैम्मो की 48, पेप सीमियर के 74, बायप्सी 2, ऑडियोमेट्री के 68, एनबीएस के 3, ईसीजी के 180 जिनमे 94 पुरूष व 86 महिलाएं शामिल हैं, इको के 64 तथा नाक, कान, गला रोग से संबंधित 126 मरीजों का पंजीयन कर उनकी जाँच की गई।

जनता से मिलने का समय तय करें, समस्याओं का त्वरित निवारण करें : जनजातीय कार्य मंत्री डा शाह

जनजातीय कार्य, लोक परीसंपत्ति प्रबंधन एवं भोपाल गैस त्रासदी राहत तथा पुनर्वास मंत्री तथा झाबुआ जिले के प्रभारी मंत्री डॉ कुंवर विजय शाह ने गुरुवार को जिला पंचायत झाबुआ में जिलाधिकारियों की बैठक ली। समीक्षा बैठक में प्रभारी मंत्री डॉ शाह ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देशित किया कि वे आम जनता से मिलने का समय निश्वित कर लें। सबकी समस्या सुनें और जल्द से जल्द समस्याओं का समुचित निवारण करें। जनता के प्रति संवेदनशील बनें और गांव में रात्रि विश्राम करें, जिससे समस्याओं का स्थायी निराकरण हो सके।

प्रभारी मंत्री डॉ. शाह ने सभी विभागधिकारियों से वन टू वन चर्चा करके विभागीय योजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि झाबुआ जिले को विकास की दिशा में आगे बढ़ाना है। उन्होंने कलेक्टर को झाबुआ जिले में मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए प्रस्ताव राज्य शासन को भेजने के निर्देश दिए। प्रभारी मंत्री ने कहा कि जिला अस्पताल मे सुविधाओं से सम्बन्धित जितनी मांग है उनका प्रस्ताव बना कर भेजें। हवाई पट्‌टी की मरम्मत का कार्य भी प्राथमिकता से किया जाये।

मंत्री डॉ. शाह ने जिले में सिंचाई की सुविधा एवं उसके लिए स्थायी बिजली कनेक्शन का डेटा प्रस्तुत करने के लिये जिलाधिकारी को निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि प्रत्येक खेत में विभाग की ओर से सौर ऊर्जा स्थापना के लिए सोलर पैनल का प्रस्ताव भेजा जाए।

मत्स्य एवं उद्यानिकी विभाग को नवाचार से स्वरोजगार के अवसर पैदा करने के लिये निर्देशित किया। प्रभारी मंत्री डॉ शाह ने कहा कि मत्स्य पालन के लिये आदिवासी भाई-बहनों को प्रोत्साहित किया जाए।

सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य ने विभाग द्वारा जिले में किये जा रहे नवाचारों के सम्बन्ध मे जानकारी दी। बताया कि जिले में स्कूल स्तर पर ही बच्चों के जाति प्रमाण पत्र बनाने की पहल की गयी है। साथ ही स्कूल ड्रॉप आउट छात्रों को पुनः शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने के प्रयास भी किए जा रहे हैं।

बैठक में क्षेत्रीय लोकसभा सांसद अनिता नागर सिंह चौहान, जिला पंचायत अध्यक्ष सोनल जसवंत भाबर, कलेक्टर सुश्री नेहा मीना एवं अन्य स्थानीय जनप्रतिनिधि और सभी जिलाधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव की केंद्रीय मंत्री जोशी से सौजन्य भेंट


मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज दिल्ली प्रवास के दौरान केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री तथा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रहलाद जोशी से उनके निवास में सौजन्य भेंट कर उनके मंत्रालय से संबंधित विभिन्न विषयों पर सार्थक चर्चा की। बैठक के दौरान पीएम कुसुम, पीएम सूर्य घर योजना, पीएम आशा योजना और फसल उपार्जन से संबंधित विभिन्न विषयों पर चर्चा हुई।

ग्वालियर में रीजनल इंडस्ट्रीज कॉन्क्लेव निवेशकों को राज्य सरकार सभी सुविधाएं और आधारभूत अधोसंरचना उपलब्ध करायेगी : मुख्यमंत्री डॉ. यादव


ग्वालियर में रीजनल इंडस्ट्रीज कॉन्क्लेव

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने निवेशकों से मध्यप्रदेश में निवेश करने का आग्रह करते हुए कहा कि राज्य सरकार सभी सुविधाएं और आधारभूत अधोसंरचना उपलब्ध करायेगी। किसी प्रकार की बाधा नहीं आने दी जायेगी। डॉ. यादव ने कहा कि निवेशकों के सुझाव पर नीति में भी परिवर्तन किया जा सकेगा। मुख्यमंत्री आज ग्वालियर में रीजनल इंडस्ट्री कान्क्लेव में उद्योगपतियों से चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सर्वाधिक रोजगार उपलब्ध कराने के लिए संकल्पित हैं। निवेश के माध्यम से हर युवा को रोजगार मिले इस उददेश्य से संभाग स्तर पर जाकर कॉन्क्लेव आयोजित किये जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने उद्योगपतियों से चर्चा में कहा कि मध्य प्रदेश में यदि विदेशी निवेश आ रहा है तो सौभाग्य की बात है। सभी प्रकार से सरकार का सहयोग मिलेगा। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से एसेंचर आईटी के एमडी श्री मनोज चतुर्वेदी ने मुलाकात की और उनसे मध्य प्रदेश में निवेश के संबंध में चर्चा की। मार्बल विनाइल के श्री पंकज चावला ने ऑटोमेटिक इंटीरियर के संबंध में चर्चा की। एलिक्सर इंडस्ट्री ने फर्नीचर और रसायन के क्षेत्र में इन्वेस्ट करने की इच्छा जाहिर की।

इसी प्रकार प्रॉपर लाइट इंडस्ट्री खास संस्करण उद्योग में लाना चाह रही है। मुख्यमंत्री ने कोऑपरेटिव सेक्टर को भी बढ़ावा देने की बात करते हुए कहा कि प्रदेश के साथ संभागों में कोऑपरेटिव सेक्टर को मजबूत करने के लिए काम कर रहे हैं। उन्होने निवेशकों से सहयोग की अपेक्षा की। उन्होने पशुधन को बढ़ाने, उनके चारे की विशेष व्यवस्था करने के लिए धनराशि जुटाने की चर्चा की जिससे कि दुग्ध उत्पादन में बढ़ोतरी हो। रिलायंस इंडस्ट्री ने बंजर पड़ी जमीन पर चारा उगाने रिसर्च डिपार्टमेंट स्थापित करने की कार्य योजना रखी। ग्वालियर के 800 एकड़ क्षेत्र में घास लगाकर इससे गैस बनाने की प्रक्रिया के लिए बायोकैमिकल इंडस्ट्री के साथ पहले रिसर्च डिपार्टमेंट स्थापित करने की बात। प्लेग्रो इंडस्ट्रीज के अंकुर गुप्ता ने खिलौने और फर्नीचर के लिए पॉलिसी बनाने पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को धन्यवाद दिया, इंदौर व उज्जैन क्षेत्र में खिलौना उद्योग लगाने की इच्छा जताई।

जमुना इंडस्ट्री ऑटोमोबाइल क्षेत्र के कार्यकारी निदेशक कोहली ने स्प्रिंग और सस्पेंशन बनाने के लिये निवेश की इच्छा जाहिर करते हुए पीथमपुर के पास जमीन अलॉट करने की बात रखी।

इस प्रकार 18 से अधिक उद्योगपतियों ने लगभग 5000 करोड़ रूपये का इन्वेस्टमेंट करने के संबंध में अपनी बात रखी। ग्वालियर मुरैना में भी लगभग 3000 करोड़ से अधिक के प्रस्ताव इन उद्योगपति ने दिए हैं।

हाई राइड समूह के एम डी अनुज अग्रवाल ने बताया की मेक इन इण्डिया मुहिम के तहत रु. 2500 करोड के निवेश से 2 गीगा वाट क्षमता का सौर उर्जा सेल विनिर्माण इकाई तथा सिवनी में 300 केएलपीडी क्षमता का इथेनॉल प्लांट स्थापित किये जाने की योजना है।

जमना ऑटो के सुरेंद्र पाल ने औ‌द्योगिक क्षेत्र मालनपुर, जिला भिंड में 42 एकड़ क्षेत्रफल पर रुपये 300 करोड़ के अधिक के निवेश से प्लांट संचालित है, जिसमें 1100 से अधिक व्यक्ति कार्यरत है। मार्बल ग्रुप द्वारा प्रदेश में लगभग 50 से 60 एकड भूमि पर ऑटोमोटिव इंटीरियर फर्निशिंग, वाटर प्रूफिंग तथा जियोमेमब्रेन्स के निर्माण हेतु 4 ज्वांइट वेंचर इकाईयां स्थापित किये जाने की योजना है। इन इकाईयों में रुपये 620 करोड का निवेश तथा 2800 व्यक्तियों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्रस्तावित है।

ओ एफ बी कंपनी की रुपये 350 करोड़ की लागत के साथ टेक्सटाइल, बैग निर्माण सम्बन्धी इकाई स्थापना की योजना है। प्राइम गोल्ड कंपनी की ग्वालियर जिले में स्थापित स्टील निर्माण इकाई के विस्तार में रुपये 250 करोड का अतिरिक्त निवेश की योजना है जिससे अतिरिक्त 200 से 300 व्यक्तियों को रोजगार के अवसर उपलब्ध हो सकेंगे। करीब 2000 एकड भूमि क्षेत्रफल पर जिला मुरैना में बायो एनर्जी सेक्टर संबंधी कंप्रेस्ड बायो गैस इकाई स्थापित किये जाने की योजना है।

केन-बेतवा लिंक परियोजना से होने वाली सिंचाई का रकबा बढ़ाने पर सैद्धांतिक स्वीकृति





मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज दिल्ली में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल से उनके कार्यालय में सौजन्य भेंट कर विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। बैठक में नदी जोड़ो परियोजनाओं, विशेषकर केन-बेतवा लिंक परियोजना के संबंध में विस्तृत चर्चा हुई।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने केंद्रीय पाटिल को बताया कि मध्यप्रदेश राज्य नदी-जोड़ो अभियान में बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश संयुक्त रूप से महत्वाकांक्षी केन-बेतवा लिंक परियोजना पर काम कर रहे हैं, जो विश्व में अपने प्रकार की अद्वितीय परियोजना है। मध्यप्रदेश में इस परियोजना से बुंदेलखंड क्षेत्र के 10 जिलों को सिंचाई और पेयजल आपूर्ति की सुविधा प्राप्त होगी। बुंदेलखंड एक ऐसा क्षेत्र है जिसने कभी भी अपनी संप्रभुता दिल्ली सल्तनत अथवा मुगल शासकों के अधीन नहीं की परंतु पानी के अभाव में दुर्भाग्यवश यह क्षेत्र संसाधनहीन हो गया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में केन-बेतवा परियोजना के माध्यम से इस क्षेत्र का चहुमुखी विकास होगा।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव के आग्रह पर केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री ने राज्य को दौधन बांध एवं लिंक नहर के भू-अर्जन एवं पुनर्विस्थापन के लिये केन्द्र से प्राप्त होने वाली शेष 1150 करोड़ रूपए की राशि शीघ्र जारी करवाने को आश्वस्त किया।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अनुरोध किया कि स्वीकृत केन-बेतवा लिंक परियोजना के अंतर्गत वर्तमान में प्रावधानित दमोह- पन्ना उद्वहन सिंचाई योजना से 90,100 हैक्टेयर सिंचाई के स्थान पर लगभग 2,50,000 हैक्टेयर की मध्यप्रदेश की पत्ने एवं ब्यरमा सिंचाई परियोजना को शामिल किया जाना उचित होगा। इस संबंध में संशोधित डीपीआर राज्य शासन द्वारा भेजी जा रही है, जिस पर केंद्रीय मंत्री ने सकारात्मक विचार करने का आश्वासन दिया।

बैठक में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने राजस्थान के साथ भारत सरकार द्वारा स्वीकृत 70,000 करोड़ रुपए की पार्वती-कालीसिंध चंबल परियोजना के संबंध में भी विस्तृत चर्चा की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि मध्यप्रदेश ऐसा पहला राज्य है जो समीपवर्ती राज्यों के साथ नदियां जोड़ने के अलावा अन्तर्राज्यीय नदियों को जोड़ने पर भी विचार कर रहा है। उन्होंने केंद्रीय मंत्री को अवगत कराया कि कान्ह और गंभीर नदियों को जोड़ने का प्रारंभिक तौर पर प्रस्ताव बनाया जा रहा है, जिसे केंद्रीय मंत्री ने सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की है।

बैठक में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जानकारी दी कि प्रदेश में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत 21 में से 17 योजनाएं सबसे पहले पूर्ण कर ली गई हैं। इसके लिए केंद्रीय मंत्री पाटिल ने प्रदेश सरकार की सराहना की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उज्जैन में वर्ष 2028 में आयोजित होने वाले सिंहस्थ पर्व के संबंध में घाट निर्माण और नदी सफाई से संबंधित प्रस्ताव भी केंद्रीय मंत्री पाटिल को दिए।

बुनियादी ढांचे को मजबूती देने के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रही सरकार - खाद्य मंत्री श्री राजपूत


खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने गुरुवार को सागर स्थित कार्यालय पर आमजन से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनी और अधिकारियों को निराकरण के निर्देश दिए। मंत्री राजपूत ने कहा कि आमजन की समस्याओं का निराकरण प्राथमिकता से करवाया जा रहा है। सड़क, पानी, बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को मजबूती देने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है।

मंत्री राजपूत ने कहा कि पूरे बुंदेलखंड में शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के विकास के लिए समयबद्ध योजनाएं बनाई गई हैं। उन्होंने कहा कि सभी विभागों के अधिकारियों को आमजन से जुड़े प्रकरणों का प्राथमिकता से निराकरण करने के निर्देश दिए गए हैं। जनसुनवाई के दौरान विभिन्न विभागों से जुड़े आवेदनों पर खाद्य और नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री राजपूत ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को बिना देरी के कार्य करने के निर्देश दिए। इस दौरान सागर और आसपास के क्षेत्र से बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने अपनी समस्याएं खाद्य मंत्री राजपूत के समक्ष प्रस्तुत की।

आधुनिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी को किया जायेगा निरंतर प्रोत्साहित -मुख्यमंत्री डॉ. यादव


मुख्यमंत्री ने उज्जैन में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का किया शुभारंभ

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि सिंथेटिक केमिस्ट्री पर राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजन उज्जैन के माधव विज्ञान महाविद्यालय में किया जा रहा है, जो हम सबके लिए अत्यंत गौरव का विषय है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे स्वयं भी इस महाविद्यालय के छात्र रह चुके हैं। इस प्रकार के आयोजन से विज्ञान से जुड़ी विभिन्न गतिविधियों को प्रोत्साहन मिलता है। माधव विज्ञान महाविद्यालय प्रदेश का पहला ए प्लस ग्रेड का महाविद्यालय है। तत्वों व पॉलीमर को केमिस्ट्री लैब में संश्लेषित करने की प्रक्रिया पर यहां संगोष्ठी में विचार विमर्श किया जा रहा है। इस तरह के आयोजन से निश्चित रूप से विज्ञान से जुड़े शोध से आने वाले समय में बहुत महत्वपूर्ण निष्कर्ष सामने आएंगे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंगलवार को ऑर्गेनिक केमिस्ट्री पर आधारित दो दिवसीय (27 एवं 28 अगस्त) राष्ट्रीय संगोष्ठी के शुभारंभ के बाद संबोधित कर रहे थे।

दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन, म.प्र. विज्ञान एवं परिषद, भोपाल एवं जनभागीदारी समिति शा. माधव विज्ञान महाविद्यालय उज्जैन द्वारा "A Conventional Discussion on Synthetic Organic Chemistry and Beyond" विषय पर आयोजित की गई। रसायन शास्त्र विषय में अनुसंधान एवं नवाचार को बढ़ावा देने तथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सफल क्रियान्वयन की दिशा में संगोष्ठी का आयोजन किया है।

 मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश में विभिन्न प्रकार के आधुनिक रिसर्च को प्रोत्साहित कर रहे है। जेनेरिक दवाइयां व पॉलिएस्टर के विभिन्न प्रयोग तथा अन्य प्रकार के निर्माण पर निरंतर जोर दिया जा रहा है। संगोष्ठी में जानकारी दी गई कि यह कॉन्फ्रेंस एक प्रयास है, जहां ऑर्गेनिक केमिस्ट्री और रसायन के विभिन्न सिंथेटिक स्वरुप के बारे में चर्चा की जाएगी । इस संगोष्ठी में विभिन्न शोध पत्र प्राप्त हुए हैं। कॉन्फ्रेंस में तकनीकी सेशन और अन्य महत्वपूर्ण सेशन होंगे। शोध पत्रों को बाद में जर्नल में प्रकाशित किया जाएगा। हमारे विभिन्न शोधार्थी सेशन में अपना शोध प्रस्तुत करेंगे। मुख्यमंत्री द्वारा कॉन्फ्रेंस प्रोसीडिंग्स पुस्तिका का विमोचन भी किया गया।

संगोष्ठी में सांसद अनिल फिरोजिया, विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा, महापौर मुकेश टटवाल, विवेक जोशी, कुलगुरु विक्रम विश्वविद्यालय अखिलेश कुमार पांडे,अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन के डॉ. अरविंद चौधरी, कुलगुरु महर्षि पाणिनि संस्कृत वैदिक विश्वविद्यालय आचार्य विजय कुमार सी जी, प्राचार्य शासकीय माधव विज्ञान महाविद्यालय उज्जैन, विज्ञानविद, प्राध्यापक एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।

राज्यपाल पटेल की कुशलक्षेम की जानकारी लेने मुख्यमंत्री डॉ. यादव एम्स भोपाल पहुँचे

मुख्यमंत्री ने ओपीडी में मौजूद मरीजों और उनके परिजन से की चर्चा

राज्यपाल मंगुभाई पटेल की कुशलक्षेम की जानकारी लेने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) भोपाल पहुँचे। मुख्यमंत्री ने एम्स परिसर में मीडिया प्रतिनिधियों से चर्चा में बताया कि राज्यपाल पटेल वायरल फीवर के कारण 2 दिन पहले इलाज के लिए एम्स भोपाल आए थे। अब उनका स्वास्थ्य बेहतर है और वे शीघ्र ही स्वास्थ्य लाभ के बाद अपने निवास पहुँचेंगे।

प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में स्वास्थ्य सेवाओं में निरंतर हो रहा है सुधार

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने एम्स भोपाल की ओपीडी में मौजूद मरीजों और उनके परिजन से भी कुशलक्षेम पूछी और संस्थान की व्यवस्थाओं तथा मिल रही सुविधाओं के संबंध में जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने एम्स भोपाल की व्यवस्थाओं के संबंध में संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि संस्थान के संचालक और समस्त स्टॉफ सेवा भाव से कार्य कर रहे हैं। इसी का परिणाम है कि केंद्र सरकार द्वारा भोपाल को एम्स के रूप में दी गई सौगात के प्रति जन-सामान्य का विश्वास और भरोसा दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है। पात्र मरीजों को आयुष्मान कार्ड का भी यहां लाभ मिल रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में स्वास्थ्य सेवाओं में निरंतर सुधार हो रहा है, इसके लिए हम सब उनके आभारी हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने एम्स भोपाल के कुशल संचालन के लिए वहां के समस्त डॉक्टर और स्टॉफ को बधाई एवं शुभकामनाएं दीं।

नर्मदापुरम, बालाघाट, सागर, शुजालपुर और डिंडोरी में नए आयुर्वेदिक महाविद्यालय खोले जाएंगे : मुख्यमंत्री डॉ. यादव


मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि खजुराहो में योग संस्थान की स्थापना के लिए केंद्र सरकार से निरंतर सम्पर्क स्थापित कर प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के नर्मदापुरम, बालाघाट, सागर, शुजालपुर और डिंडोरी में नए आयुर्वेदिक महाविद्यालय खोले जाएंगे। आयुर्वेदिक महाविद्यालयों की स्थापना में निजी क्षेत्र को प्रोत्साहन देने के लिए कार्य योजना बनाई जाए। जनजाति बाहुल्य क्षेत्रों में प्राथमिकता से आयुर्वेदिक महाविद्यालय खोले जाएं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंत्रालय में आयुष विभाग की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में आयुष, उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार मंत्री इंदर सिंह परमार, मुख्यमंत्री कार्यालय में अपर मुख्य सचिव डॉराजेश राजौरा तथा विभागीय वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि कोविड के बाद आयुर्वेद का महत्व अत्यधिक बढ़ गया है। विभाग में पैरा मेडिकल के पाठ्यक्रम बढ़ाए जाएं। इसमें उपचार और रोजगार के अवसर अधिक हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि उज्जैन में अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान प्रारंभ करने के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है।

बैठक में बताया गया कि विभाग में 332 पैरामेडिकल संवर्ग में कर्मचारियों की नियुक्ति प्रदान की गई है। 14 यूनानी चिकित्सा अधिकारी एवं 36 होम्योपैथी चिकित्सा अधिकारी के नियुक्ति आदेश जारी किए गए हैं। लोक सेवा आयोग से चयनित 543 आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी के पदों की पूर्ति की कार्यवाही जारी है। आयुष्मान आरोग्य मंदिर आयुष में 533 संविदा सीएएमओ की पदस्थापना की गई है। आयुष शिक्षा के अंतर्गत सत्र 2023-24 में आयुर्वेद के दो नवीन विषय (स्त्री रोग प्रसूति तंत्र- उज्जैन एवं भोपाल महाविद्यालय तथा पंचकर्म -उज्जैन महाविद्यालय) में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम प्रारंभ किए गए हैं। प्रदेश के पं. खुशीलाल शर्मा शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय, भोपाल के सुदृढ़ीकरण के लिए 1999.86 लाख के निर्माण कार्य स्वीकृत किए गए। शासकीय स्वशासी यूनानी महाविद्यालय, भोपाल में 180 बिस्तरीय बालिका छात्रावास का संचालन किया जा रहा है। पिछले वर्ष ओपीडी/आईपीडी में एक करोड़ 37 लाख रोगियों का इलाज, 2500 रोगियों की शल्य चिकित्सा की गई। योगा वैलनेस केंद्र में 9 हजार 600 सत्रों का आयोजन किया गया।