राज्यपाल पटेल की कुशलक्षेम की जानकारी लेने मुख्यमंत्री डॉ. यादव एम्स भोपाल पहुँचे

मुख्यमंत्री ने ओपीडी में मौजूद मरीजों और उनके परिजन से की चर्चा

राज्यपाल मंगुभाई पटेल की कुशलक्षेम की जानकारी लेने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) भोपाल पहुँचे। मुख्यमंत्री ने एम्स परिसर में मीडिया प्रतिनिधियों से चर्चा में बताया कि राज्यपाल पटेल वायरल फीवर के कारण 2 दिन पहले इलाज के लिए एम्स भोपाल आए थे। अब उनका स्वास्थ्य बेहतर है और वे शीघ्र ही स्वास्थ्य लाभ के बाद अपने निवास पहुँचेंगे।

प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में स्वास्थ्य सेवाओं में निरंतर हो रहा है सुधार

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने एम्स भोपाल की ओपीडी में मौजूद मरीजों और उनके परिजन से भी कुशलक्षेम पूछी और संस्थान की व्यवस्थाओं तथा मिल रही सुविधाओं के संबंध में जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने एम्स भोपाल की व्यवस्थाओं के संबंध में संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि संस्थान के संचालक और समस्त स्टॉफ सेवा भाव से कार्य कर रहे हैं। इसी का परिणाम है कि केंद्र सरकार द्वारा भोपाल को एम्स के रूप में दी गई सौगात के प्रति जन-सामान्य का विश्वास और भरोसा दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है। पात्र मरीजों को आयुष्मान कार्ड का भी यहां लाभ मिल रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में स्वास्थ्य सेवाओं में निरंतर सुधार हो रहा है, इसके लिए हम सब उनके आभारी हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने एम्स भोपाल के कुशल संचालन के लिए वहां के समस्त डॉक्टर और स्टॉफ को बधाई एवं शुभकामनाएं दीं।

नर्मदापुरम, बालाघाट, सागर, शुजालपुर और डिंडोरी में नए आयुर्वेदिक महाविद्यालय खोले जाएंगे : मुख्यमंत्री डॉ. यादव


मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि खजुराहो में योग संस्थान की स्थापना के लिए केंद्र सरकार से निरंतर सम्पर्क स्थापित कर प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के नर्मदापुरम, बालाघाट, सागर, शुजालपुर और डिंडोरी में नए आयुर्वेदिक महाविद्यालय खोले जाएंगे। आयुर्वेदिक महाविद्यालयों की स्थापना में निजी क्षेत्र को प्रोत्साहन देने के लिए कार्य योजना बनाई जाए। जनजाति बाहुल्य क्षेत्रों में प्राथमिकता से आयुर्वेदिक महाविद्यालय खोले जाएं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंत्रालय में आयुष विभाग की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में आयुष, उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार मंत्री इंदर सिंह परमार, मुख्यमंत्री कार्यालय में अपर मुख्य सचिव डॉराजेश राजौरा तथा विभागीय वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि कोविड के बाद आयुर्वेद का महत्व अत्यधिक बढ़ गया है। विभाग में पैरा मेडिकल के पाठ्यक्रम बढ़ाए जाएं। इसमें उपचार और रोजगार के अवसर अधिक हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि उज्जैन में अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान प्रारंभ करने के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है।

बैठक में बताया गया कि विभाग में 332 पैरामेडिकल संवर्ग में कर्मचारियों की नियुक्ति प्रदान की गई है। 14 यूनानी चिकित्सा अधिकारी एवं 36 होम्योपैथी चिकित्सा अधिकारी के नियुक्ति आदेश जारी किए गए हैं। लोक सेवा आयोग से चयनित 543 आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी के पदों की पूर्ति की कार्यवाही जारी है। आयुष्मान आरोग्य मंदिर आयुष में 533 संविदा सीएएमओ की पदस्थापना की गई है। आयुष शिक्षा के अंतर्गत सत्र 2023-24 में आयुर्वेद के दो नवीन विषय (स्त्री रोग प्रसूति तंत्र- उज्जैन एवं भोपाल महाविद्यालय तथा पंचकर्म -उज्जैन महाविद्यालय) में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम प्रारंभ किए गए हैं। प्रदेश के पं. खुशीलाल शर्मा शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय, भोपाल के सुदृढ़ीकरण के लिए 1999.86 लाख के निर्माण कार्य स्वीकृत किए गए। शासकीय स्वशासी यूनानी महाविद्यालय, भोपाल में 180 बिस्तरीय बालिका छात्रावास का संचालन किया जा रहा है। पिछले वर्ष ओपीडी/आईपीडी में एक करोड़ 37 लाख रोगियों का इलाज, 2500 रोगियों की शल्य चिकित्सा की गई। योगा वैलनेस केंद्र में 9 हजार 600 सत्रों का आयोजन किया गया।

उद्योग रोजगार के अवसर, राजस्व और राज्य की साख को बढ़ाते हैं: मुख्यमंत्री डॉ. यादव


मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश ने विश्व की पांचवी अर्थव्यवस्था के रूप में अपनी पहचान बनाई है और मध्य प्रदेश भी विकास के पथ पर कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ रहा है। कृषि, औद्योगीकरण और रोजगार के क्षेत्र में निरंतर प्रगति हो रही है। हमारा यह मानना है कि प्रदेश में बड़े स्तर पर औद्योगिकरण की आवश्यकता है और इस दिशा में सार्थक व परिणाममूलक प्रयास जारी हैं। आज का भूमिपूजन भी इसी दिशा में एक कदम है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भोपाल के अचारपुरा क्षेत्र में औद्योगिक गतिविधियां लगातार बढ़ रही हैं। अत: क्षेत्र में कर्मचारियों की सुरक्षा व पुलिस प्रबंधन की आवश्यकता को देखते हुए अचारपुरा क्षेत्र में पुलिस चौकी आरंभ की जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव टीडब्लूई-ओबीटी उद्योग समूह द्वारा स्थापित की जा रही विश्व स्तरीय हाइजीन नॉन वूवन यूनिट (बिना बुना फैब्रिक) के भोपाल के अचारपुरा औद्योगिक क्षेत्र में भूमि पूजन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

कोलकाता में 19 सितम्बर को होगी इंडस्ट्रियल समिट

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश के सभी क्षेत्रों में औद्योगीकरण को प्रोत्साहित करने के लिए क्षेत्रीय स्तर पर इंडस्ट्री समिट का क्रम आरंभ किया गया। इसमें उज्जैन, जबलपुर में समिट आयोजित की जा चुकी हैं और ग्वालियर, रीवा, सागर आदि में इंडस्ट्रियल समिट का आयोजन शीघ्र ही होने जा रहा है। इससे प्रदेश के सभी भागों में निवेश आमंत्रित करने और औद्योगिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने में मदद मिल रही है। औद्योगिक गतिविधियों से अब तक रोजगार के लगभग 75 हजार अवसर सृजित हुए हैं। देश के उन्नतिशील और औद्योगिक गतिविधियों की दृष्टि से सम्पन्न क्षेत्रों जैसे मुम्बई, कोयम्बटूर और बेंगलोर आदि में भी इंडस्ट्रियल समिट आयोजित की गई हैं। इस क्रम में कोलकाता में भी 19 सितम्बर को इंडस्ट्रियल समिट का आयोजन होगा। इंडस्ट्रियल समिट के माध्यम से देश के बड़े निवेशकों और औद्योगिक गतिविधियों को विस्तार देने के इच्छुक उद्योगपतियों को मध्यप्रदेश आमंत्रित किया जा रहा है।

प्रदेश में कहीं भी श्रमिक हड़ताल की मानसिकता नहीं

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि निवेश और उद्योग के लिए सभी प्रकार की अनुकूलता मध्यप्रदेश में उपलब्ध है। प्रदेश में विनम्र, लगनशील, परिश्रमी और समर्पित मानव संसाधन उपलब्ध है। प्रदेश में कहीं भी श्रमिक हड़ताल की मानसिकता नहीं है। राजनैतिक नेतृत्व के साथ-साथ प्रशासकीय व्यवस्था भी उद्योगों के लिए अनुकूल है और उद्योग-मित्र नीति भी विद्यमान है। हमारा यह मानना है कि उद्योग केवल उद्योगपति के लिए नहीं होता अपितु जहां भी उद्योग लगेगा, वहाँ रोजगार के अवसर सृजित होंगे, राज्य सरकार को राजस्व मिलेगा और देश-दुनिया में हमारे राज्य की साख बनेगी। सरकार प्रदेश में निवेश आमंत्रित करने और औद्योगिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

प्रदेश में लगाएं रोजगार आधारित इकाईयां

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि टीडब्ल्यूई-ओबीटी उद्योग समूह द्वारा प्रदेश में नॉन वूवन फैब्रिक की यूनिट स्थापित करना सराहनीय पहल है। इसके देश में उत्पादन से अन्य देशों पर निर्भरता कम होगी और हमारी आत्मनिर्भरता बढ़ेगी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह उद्योग समूह नॉन वूवन फैब्रिक की और भी यूनिट्स प्रदेश में स्थापित करेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने टीडब्ल्यूई-ओबीटी को कालीन निर्माण जैसी रोजगार आधारित इकाई भी मध्यप्रदेश में लगाने के लिए आमंत्रित किया।

कृषि के साथ-साथ औद्योगिक केन्द्र के रूप में भी पहचाना जाने लगा है बैरसिया क्षेत्र

भोपाल सांसद आलोक शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में प्रदेश में औद्योगिक गतिविधियों का विस्तार हो रहा है। भोपाल का बैरसिया क्षेत्र जो अब तक केवल कृषि के लिए पहचाना जाता था, अब उसकी पहचान औद्योगिक केन्द्र के रूप में भी हो रही है। कार्यक्रम को बैरसिया विधायक विष्णु खत्री ने भी संबोधित किया। उद्योग समूह के योर्ग आर्टमियर और रूद्रा चेटर्जी ने समूह की गतिविधियों की जानकारी दी।

उल्लेखनीय है कि टीडब्ल्यूई-ओबीटी प्राइवेट लिमिटेड लगभग 100 वर्ष पुराना बहुराष्ट्रीय संयुक्त उद्यम है, इसका मुख्यालय एम्सडेटेन-जर्मनी में और ओबीटी ग्रुप भारत में है। जो हस्त-निर्मित कालीन, नान वूवन फैब्रिक, टेक्निकल टैक्सटाइल फैब्रिक, फर्नीचर और चाय के क्षेत्र में कार्यरत है। नॉन वूवन निर्माण में यह समूह विश्व की शीर्ष सबसे बड़ी कंपनियों में से एक है, जिसके 12 संयंत्र विभिन्न देशों में संचालित हैं। ओबीटी 126 करोड़ रुपए से अधिक के निवेश से यह यूनिट स्थापित कर रहा है, जिसमें नॉन वोवन हाइजीन उत्पाद जैसे एडीएल, टॉप सीट और बैक सीट का उत्पादन होगा जो वर्तमान में चीन से आयात होते हैं। इस यूनिट के संचालन से इनका उत्पादन भारत में ही आरंभ होगा जो आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। औद्योगीकरण के लक्ष्य को समर्पित यह इकाई 250 से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार उपलब्ध कराएगी, साथ ही स्थानीय व्यक्तियों में उच्च गुणवत्ता वाली तकनीकी कौशल के विकास का भी मार्ग प्रशस्त करेगी। यूनिट के लिए राज्य शासन ने भोपाल के अचारपुरा औद्योगिक क्षेत्र में 38 हजार वर्ग मीटर भूमि आवंटित की है। यूनिट से वाणिज्य उत्पादन सितंबर 2025 तक आरंभ होना संभावित है।

सभी सामाजिक बोर्ड युवाओं के रोजगार सृजन में अपनी महती भूमिका निभायें: मंत्री टेटवाल

सामाजिक बोर्ड के अध्यक्षों के साथ की बैठक

कौशल विकास एवं रोजगार राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गौतम टेटवाल ने कुशाभाऊ ठाकरे अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर में मध्यप्रदेश राज्य कौशल विकास एवं रोजगार निर्माण बोर्ड अन्तर्गत गठित विभिन्न बोर्डों के अध्यक्षों के साथ बैठक की एवं कौशल विकास तथा रोज़गार से संबंधित विभिन्न विषयों पर संवाद कर भविष्य की रूपरेखा तय की। मंत्री टेटवाल ने कहा कि सभी बोर्ड लघु अवधि कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार एवं स्व-रोजगार से जोड़ने के लिये कारगर प्रयास करें। उन्होंने कहा कि सभी सामाजिक बोर्ड युवाओं के रोजगार सृजन में अपनी महती भूमिका सुनिश्चित करें।

बैठक में नारायण सिंह कुशवाहा अध्यक्ष मध्यप्रदेश कुशवाहा समाज कल्याण बोर्ड, रविकरण साहू अध्यक्ष मध्यप्रदेश तेलघानी बोर्ड, लालाराम मीना अध्यक्ष मध्यप्रदेश जय मीनेश कल्याण बोर्ड, दुर्गेश सोनी अध्यक्ष मध्यप्रदेश स्वर्णकला बोर्ड, गयाप्रसाद कीर अध्यक्ष मां पूरी बाई कीर कल्याण बोर्ड, प्रेमनारायण विश्वकर्मा अध्यक्ष मध्यप्रदेश विश्वकर्मा कल्याण बोर्ड, लक्ष्मीनारायण गोरा अध्यक्ष मध्यप्रदेश वीर तेजाजी बोर्ड, महेश ढालिया अध्यक्ष मध्यप्रदेश रजक कल्याण बोर्ड, एवं कौशल विकास एवं रोजगार विभाग के सचिव रघुराज राजेन्द्रन एवं सीईओ गौतम सिंह उपस्थित रहे।

नरेला रक्षाबंधन महोत्सव का चौथा दिन- 36 हज़ार 344 बहनों ने बांधी राखी


दिव्यांग बहनों ने भी बांधी राखी

क्रेन पर 151 फिट की माला के साथ हुआ मंत्री सारंग का स्वागत

सहकारिता, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री विश्वास कैलाश सारंग नरेला विधानसभा अंतर्गत वार्ड 77, 71, एवं 37 में आयोजित विश्व के सबसे बड़े रक्षाबंधन महोत्सव में नरेला विधानसभा की बहनों से रक्षासूत्र बंधवाने पहुंचे। चतुर्थ दिवस की शुरुआत में मंत्री सारंग ने सबसे पहले दिव्यांग बहन से राखी बंधवाई। चौथे दिन 36 हज़ार 344 बहनों मंत्री सारंग ने रक्षा सूत्र बांधे। कार्यक्रम स्थल पर पहुँचने पर विशेष कर बहनों ने मंत्री सारंग का पुष्पवर्षा के साथ भव्य स्वागत किया। वार्ड 37 खुशीपुरा में आयोजित कार्यक्रम में कार्यकर्ताओं ने क्रेन पर 151 फिट की माला से मंत्री सारंग का स्वागत किया। यहाँ सभी बहनों में भारी उत्साह देखने को मिला।

 सारंग ने इस अवसर पर संबोधित करते हुए कहा कि वर्ष 2008 के बाद से नरेला विधानसभा में हर घर नर्मदा जल, सड़क, बिजली मूलभूत सुविधाओं सहित निरंतर हो रहे विभिन्न विकास कार्य से नरेलला को एक आदर्श विधानसभा विधानसभा के रूप में स्थापित करने में सफल हुए हैं। उन्होंने कहा कि नरेला क्षेत्र को उन्होंने कभी भी राजनैतिक नजरिये से नहीं देखा बल्कि हमेशा अपना परिवार माना है।

नरेला विधानसभा अंतर्गत वार्ड 77 में आयोजित कार्यक्रम में हाउसिंग बोर्ड निवासी छवि वर्मा की माता मंत्री सारंग को रक्षासूत्र बांधने आयी थी। इस दौरान उन्होंने मंत्री सारंग को बेटी के दिल में छेद होने की समस्या से अवगत कराते हुए मदद की गुहार लगाई। इसपर मंत्री सारंग ने बेटी का इलाज करवाने का आश्वासन दिया।

वार्ड 71 अंतर्गत दशहरा में आयोजित रक्षाबंधन महोत्सव कार्यक्रम में मंत्री सारंग को राखी बांधने आयी शंकराचार्य नगर निवासी सुश्री गरिमा भार्गव ने कविता सुनाई। अपनी कविता में उन्होंने मंत्री सारंग द्वारा चलाये जा रहे विभिन्न सेवा प्रकल्प एवं विकास कार्यों को इंगित किया। जिसपर उपस्थित सभी ने ज़ोरदार तालियां बजाई।

4 दिनों में रिकॉर्ड 1 लाख 13 हज़ार 022 बहनों ने बांधी राखी, इस बार डेढ़ लाख का आंकड़ा होगा पार

पिछले 15 वर्षों से नरेला विधानसभा में आयोजित हो रहे विश्व के सबसे बड़े रक्षाबंधन महोत्सव मंन पिछले 4 दिनों में ही 1 लाख 13 हज़ार 022 बहनों ने मंत्री सारंग को राखी बांधी है। वहीं इस बार माना जा रहा है कि पिछली बार का रिकॉर्ड तोड़ते हुए संख्या डेढ़ लाख के पार पहुँचने जा रही है।

बुधवार को वार्ड 44,39,40 व 75 होंगे कार्यक्रम

बुधवार को नरेला विधानसभा अंतर्गत वार्ड 44 खेल मैदान में दोपहर 12 बजे, वार्ड 39-40 चाणक्यपुरी मैदान में दोपहर 2 बजे और वार्ड 75 कनक मैरिज गार्डन में शाम 4 बजे रक्षाबंधन महोत्सव के कार्यक्रम होंगे।

जन्माष्टमी का पावन पर्व है उत्साह का पर्व : मुख्यमंत्री डॉ. यादव


मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि जन्माष्टमी का पावन पर्व उत्साह का पर्व है। सौभाग्य की बात है कि इस वर्ष धूमधाम से जन्माष्टमी पूरे प्रदेश में मनाई गई। मुख्यमंत्री डॉ. यादव करोंद में आयोजित मटकी फोड़ कार्यक्रम में शामिल हुए और "गोविंदा आला रे" भजन गाया। इस अवसर पर सांसद वी.डी. शर्मा, खेल एवं युवक कल्याण मंत्री विश्वास सारंग, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कृष्णा गौर, विधायक भगवानदास सबनानी तथा कृष्ण भक्त जन उपस्थित थे। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी उत्सव समिति, करोंद के अध्यक्ष सुमित पचौरी ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव का स्वागत किया।

तीन साल में 1200 से अधिक किसान दीदियां लखपति बनीं


लखपति दीदी संगीता ने प्रधानमंत्री मोदी को सुनाई अपनी कंपनी के मुनाफे की कहानी 

जो कभी सोचा भी न हो, जीवन में कभी-कभी ऐसे अवसर भी आ जाते हैं। लखपति दीदी संगीता के साथ भी यही हुआ। संगीता को 25 अगस्त को जलगांव (महाराष्ट्र) में हुए लखपति दीदी सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से रू-ब-रू संवाद करने का अवसर मिला। यह उनके जीवन का वह अविस्मरणीय पल था, जिसे वह कभी नहीं भूलेंगी।

 प्रधानमंत्री मोदी से हुई प्रत्यक्ष चर्चा से सीहोर जिले के इछावर ब्लाक के बिछोली गांव की रहने वाली लखपति दीदी संगीता बेहद उत्साहित हैं। वे बताती है कि प्रधानमंत्री ने हमारे काम के बारे में जाना, समझा और शाबाशी दी। प्रधानमंत्री को संगीता ने बताया कि भारत सरकार ने वर्ष 2021 में 10 हजार किसान उत्पादक संघ (एफपीओ) तैयार करने की योजना शुरू की थी। इसी योजना में हमने 2021 में ही आत्मनिर्भर महिला फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी का गठन किया। पहले ही साल में हमारी कंपनी से एक हजार से अधिक किसान महिलाएं जुड़ गईं। सबकी मेहनत रंग लाई। कंपनी ने पहले ही साल 2 करोड़ 48 लाख रूपये का बिजनेस कर लिया। हमारी कंपनी से अब तक दो हजार से अधिक किसान दीदियां जुड़ चुकी हैं। इनमें से 1200 से अधिक दीदियां लखपति दीदी बन चुकी हैं। प्रधानमंत्री ने संगीता और उनकी फार्मर कंपनी की सराहना कर शाबाशी दी। अपनी फार्मर कंपनी की सफलता से संगीता और अन्य सभी किसान दीदियां बेहद खुश हैं। उनकी कंपनी फसल बीज संग्रहण और आऊटपुट बिजनेस के रूप में गेहूं, सोयाबीन, मक्का व अन्य अनाजों की खरीदी पर काम कर रही है। कंपनी अब तक 5 करोड़ 43 लाख रूपये का बिजनेस (एन्युअल टर्नओवर वेल्यू) कर चुकी है। उनके किसान समूह की प्रगतिशीलता से ही कंपनी प्रतिनिधि के रूप में संगीता को लखपति दीदी सम्मेलन में जलगांव बुलाया गया था। एक साधारण गृहणी से फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी का बिजनेस संभालने वाली संगीता अब पूरी तरह बिजनेस वुमन बन चुकी हैं। वे प्रधानमंत्री से संवाद का अवसर उन्हें देने के लिये महिला एवं किसान हितैषी मध्यप्रदेश सरकार और आजीविका मिशन का हृदय से आभार जताती है।

आकांक्षा योजना की नि:शुल्क कोचिंग जल्द से जल्द प्रारंभ करायें : जनजातीय कार्य मंत्री डॉ. शाह


जनजातीय कार्य विभाग की योजनाओं की समीक्षा बैठक में दिये निर्देश 

जनजातीय कार्य, लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन एवं भोपाल गैस त्रासदी एवं पुनर्वास मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह ने कहा है कि जनजातीय वर्ग के बच्चों को उच्च शिक्षा संस्थानों में प्रवेश कराने की तैयारी के लिये आकांक्षा योजना की नि:शुल्क कोचिंग जल्द से जल्द प्रारंभ करें। इससे बच्चों को प्रोत्साहन मिलेगा और वे प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल होने के गुर सीखेंगे। मंत्री डॉ. शाह मंगलवार को गैस राहत संचालनालय के सभाकक्ष में जनजातीय कार्य विभाग की योजनाओं की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। मंत्री डॉ. शाह ने कहा कि जनजातीय कार्य विभाग का खुद का ओवरऑल डेटाबेस और एप तैयार करें। विभाग की पूरी संरचना और मानव संसाधन की पूरी जानकारी उसमें समाहित हों।

बैठक में प्रमुख सचिव जनजातीय कार्य विभाग डॉ. ई. रमेश कुमार, उप सचिव श्रीमती मीनाक्षी सिंह, उप सचिव श्रीमती दिशा प्रणय नागवंशी सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

मंत्री डॉ. शाह ने कहा कि विभाग के अधीन सभी श्रेणी के शिक्षक संवर्गों के सीधी भर्ती के पदों पर भर्ती करें। पदोन्नति के पदों पर उच्च पद का प्रभार देने की कार्यवाही हर हाल में 30 सितम्बर तक पूरा कर लें। उन्होंने कहा कि एकलव्य विद्यालय, कन्या शिक्षा परिसर और आदर्श आवासीय विद्यालयों के प्राचायों को सप्ताह में एक या एक से अधिक दिन एक घण्टा बच्चों को पढ़ाना होगा और उन्हें पढ़ाई व खेल के प्रति अभिप्रेरित करना होगा। छात्रावास में पढ़ने वाले बच्चों को भी सप्ताह में एक दिन एक घण्टे तक खेलने के लिये प्रेरित किया जायें। डॉ. शाह ने कहा कि विभाग के अधीन सभी शिक्षा संस्थानों में अगले शैक्षणिक सत्र के लिये शिक्षकों व अन्य पदों की भर्ती, जरूरी संसाधनों की आपूर्ति के लिये अभी से तैयारी कर लें। प्रत्येक संभागस्तर पर एक पुरूष व एक महिला मण्डल संयोजक को शासकीय वाहन दिया जायेगा। यह दोनों मण्डल संयोजक एक ही वाहन में अपने क्षेत्र के सभी छात्रावासों व कन्या परिसरों का निरीक्षण करेंगे। पुरूष मण्डल संयोजक बालक छात्रावासों का निरीक्षण कर एक दिन रात्रि विश्राम बालक छात्रावास में ही करेंगे। महिला मण्डल संयोजक कन्या छात्रावासों का निरीक्षण कर किसी एक दिन रात्रि विश्राम कन्या छात्रावास में ही करेंगी। उन्होंने कहा कि हर छात्रावास में एक कॉमन फोन (सीयूजी नम्बर) होगा। इससे छात्रावास में रहने वाले विद्यार्थी बारी-बारी से अपने परिजनों से बात कर उनके सम्पर्क में रह सकेंगे।

विभाग के अधीन चल रहे निर्माण कार्यों की समीक्षा में डॉ. शाह ने कहा कि अगले एक माह के भीतर निर्माण एजेंसी के सभी रिक्त पदों पर आउटसोर्स एजेंसी से तय शासकीय मापदण्डों पर जरुरी संख्या में अधिकारियों की भर्ती कर लें। उन्होंने कहा हर संभाग में एक-एक वृहद प्रशिक्षण केन्द्र भी तैयार किये जायें। जो मध्यप्रदेश रोजगार एवं प्रशिक्षण परिषद (मैपसेट) की तर्ज पर कार्य कर जनजातीय वर्ग के युवाओं को रोजगार, कौशल उन्नयन, संस्कृति संरक्षण का भी प्रशिक्षण व संसाधन मुहैया करायें।

भगवान श्रीकृष्ण के जीवन के विभिन्न पक्षों पर शोध कार्य को प्रोत्साहित किया जाएगा: मुख्यमंत्री डॉ. यादव


मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश में भगवान श्रीराम ने 11 वर्ष निवास किया, वहीं भगवान श्रीकृष्ण ने प्रदेश में आचार्य सांदिपनि आश्रम, उज्जैन में शिक्षा ग्रहण की। इस नाते मध्यप्रदेश गौरवशाली प्रदेश है। मध्यप्रदेश सरकार ने भारतीय समाज के इन दोनों प्रमुख आराध्यों की प्रदेश से जुड़ी स्मृतियों को चिरस्थाई बनाने के लिए उन स्थानों के विकास का निर्णय लिया है, जहां इन आराध्यों के चरण पड़े। इसके साथ ही भगवान श्रीकृष्ण के व्यक्तित्व एवं मध्यप्रदेश में शिक्षा प्राप्ति से जुड़े विभिन्न पक्षों पर शोध को भी प्रोत्साहित किया जाएगा।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव आज मुख्यमंत्री निवास परिसर में जन्माष्टमी पर्व पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा की मित्रता प्रेरणा देती है। मध्यप्रदेश के परिप्रेक्ष्य में भगवान श्रीकृष्ण द्वारा अध्ययन के लिए मध्यप्रदेश आने के साथ ही जगत गुरू के रूप में स्थापित होना ऐतिहासिक है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जन्माष्टमी कार्यक्रम में पधारे जनप्रतिनिधियों, विशिष्टजन और नागरिकों का हृदय से स्वागत किया। कार्यक्रम का शुभारंभ भगवान श्रीकृष्ण के चित्र पर माल्यार्पण और पूजन से हुआ।

खजुराहो सांसद वी.डी. शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने धर्म और आध्यात्म के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। प्रदेश के प्रत्येक विकास खण्ड में एक बरसाना गांव विकसित कर गौ-पालन, जैविक खेती को बढ़ावा देने और ग्राम में मानवता, सामाजिक एकता और सांस्कृतिक जन-जागरण की गतिविधियों से आदर्श समाज बनाने की पहल की जा रही है। इसके साथ ही नगरों में बुजुर्गों की सेवा और उनके लिए अध्ययन की व्यवस्था के उद्देश्य से गीता भवन बनाने की कल्पना को भी साकार किया जाएगा। प्रदेश में भगवान श्रीराम और भगवान श्रीकृष्ण के जीवन से जुड़े स्थानों को विकसित करने का सराहनीय कार्य किया जा रहा है।

संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव शिव शेखर शुक्ला ने कहा कि प्रदेश में अनेक स्थानों पर श्रीकृष्ण पर्व सम्पन्न हुए। श्रीकृष्ण मंदिरों की स्वच्छता और सुंदरता से कार्यक्रमों के आयोजन अनूठे बने। आम नगारिकों ने कार्यक्रमों में उत्साह से भागीदारी की।

 मलखम्भ प्रदर्शन में किशोरों ने दिखाया कमाल

मुख्यमंत्री निवास में जन्माष्टमी कार्यक्रम में आज उज्जैन के डॉ. आशीष मेहता के निर्देशन में 10 किशोरों ने शानदार मलखम्भ प्रदर्शन किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मलखम्भ प्रदर्शन में शामिल किशोरों के प्रदर्शन की मुक्त कंठ से प्रशंसा करते हुए उन्हें अंगवस्त्र से सम्मानित किया। सभी उपस्थितों ने एक स्वर से मलखम्भ प्रदर्शन की सराहना की और कहा कि यह कमाल की प्रस्तुति थी।

सांस्कृतिक कार्यक्रमों से जन्माष्टमी पर्व बना विशेष

संस्कृति विभाग के सौजन्य से नृत्य, नृत्य नाटिका, गायन और वादन के अनेक कार्यक्रम हुए। बुंदेलखण्ड के आंचलिक लोक नृत्य बधाई के साथ ही मयूर नृत्य, मथुरा की फूलों की होली और माखन मटकी फोड़ कार्यक्रम हुए। कोलकाता के राज पारिक ने भक्ति गायन, मथुरा की सुश्री जया सक्सेना ने मयूर नृत्य एवं फूलों की होली कार्यक्रम प्रस्तुत किए। नृत्य नाटिका की प्रस्तुति इंदौर की सुश्री हर्षिता शर्मा ने दी। बधाई नृत्य का निर्देशन अभिलाष चौबे ने किया। कार्यक्रम का संचालन कृतिका गुप्ता और विजय मनवाणी ने किया।

कार्यक्रम में हितानंद शर्मा, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी, वरिष्ठ नेता रघुनंदन शर्मा, लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह, खेल एवं युवा कल्याण, सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल, पशुपालन एवं डेयरी राज्य मंत्री लखन सिंह पटेल, पिछड़ा वर्ग कल्याण राज्य मंत्री कृष्णा गौर, भोपाल महापौर मालती राय, सांसद आलोक शर्मा, सांसद दर्शन सिंह चौधरी, सांसद संध्या राय, विधायक रामेश्वर शर्मा, भोपाल नगर निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी, सुमित पचौरी, मुख्यमंत्री कार्यालय में अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा सहित अनेक वरिष्ठ अधिकारी एवं अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे। प्रारंभ में प्रमुख सचिव संस्कृति शुक्ला और संचालक संस्कृति एन पी नामदेव ने अतिथियों का स्वागत किया।

भगवान श्रीकृष्ण की मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने सांदीपनी आश्रम में की सपत्निक पूजा-अर्चना


श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उज्जैन में भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षास्थली सांदीपनी पहुंचकर भगवान श्रीकृष्ण की सपत्निक पूजा-अर्चना कर अभिषेक किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर आयोजित महाआरती में भी शामिल हुए। पूजा अर्चना आश्रम के पुजारी पंडित रूपम व्यास द्वारा कराई गई। सांदीपनी आश्रम में पुलिस बैंड द्वारा सुमधुर कृष्ण भजनों की प्रस्तुति दी गई। मुख्यमंत्री डॉक्टर यादव ने भी भक्ति में डूब कर "छोटी-छोटी गईया - छोटे छोटे ग्वाल" भजन गया उन्होंने पुलिस बैंड की सुमधुर प्रस्तुति पर प्रोत्साहन स्वरूप प्रत्येक जवान को 10 हजार रुपए देने की घोषणा की।

इस अवसर पर राज्यसभा सांसद बालयोगी उमेशनाथ जी महाराज, विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा सहित अन्य जनप्रतिनिधि और वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहें।

उज्जैन में हर्षोल्लास से मनाया गया श्रीकृष्ण जन्मोत्सव

मुख्यमंत्री डॉ. यादव की मंशानुरूप पूरे प्रदेश के साथ उज्जैन में भी श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पूरे धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। उज्जैन के प्रमुख गोपाल मंदिर, इस्कॉन मंदिर, श्रीकृष्ण मित्रविंदा मंदिर, सांदीपनी आश्रम सहित अन्य भगवान कृष्ण के प्रमुख मंदिरों को आकर्षक ढंग से सजाया गया। प्रमुख मंदिरों में मध्यप्रदेश शासन संस्कृति विभाग द्वारा श्रीकृष्ण पर्व के तहत "श्रीकृष्ण कला की अभिव्यक्तियां" थीम पर लोकप्रिय कलाकरों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। उज्जैन के सभी शासकीय अशासकीय विद्यालयों और महाविद्यालयों में भी भगवान श्रीकृष्ण की जीवन से जुड़े प्रसंग और दर्शन पर परिसंवाद के कार्यक्रम आयोजित हुए। सांदीपनी आश्रम में आयोजित श्रीकृष्ण पर्व में सुप्रसिद्ध भजन गायिका इशिता विश्वकर्मा और साथी कलाकारों द्वारा एक बढ़कर एक सुमधुर भजनों की प्रस्तुति दी।