राजधानी पटना की सड़के होंगी चकाचक, 120 करोड़ रुपये किए जाएंगे खर्च

डेस्क : राजधानी पटना की सड़के चकाचक होगी। पटना की सड़कों के पुनर्निर्माण औार मरम्मत के लिए नगर विकास विभाग ने 120 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं। यह राशि विभिन्न एजेंसियों द्वारा निर्माण कार्य के दौरान क्षतिग्रस्त हुई सड़कों को ठीक करने पर खर्च होगी। इससे पटना नगर निगम के छह अंचलों की अलग-अलग कुल 12 सड़कों का पुनर्निर्माण और मरम्मत होगी। 

नगर विकास विभाग के मंत्री नितिन नवीन ने इसकी जानकारी देते हुए बताया है कि बिहार के विकास में कभी भी राशि की बाधा नहीं होने दी जाएगी। स्वीकृत राशि से पटना निगम के अजीमाबाद, नूतन राजधानी, बांकीपुर, पाटलिपुत्रा, कंकड़बाग और पटना सिटी अंचल में विकास कार्यों को करने में मदद मिलेगी।

उन्होंने कहा कि पटना नगर निगम का कुल क्षेत्रफल 109.21 वर्ग कमी है। आबादी करीब 26 लाख है। इसके अलावा पटना नगर निगम क्षेत्र में विभिन्न कारणों से प्रतिदिन 8 से 9 लाख बाहरी लोगों का आवागमन होता है। ऐसे में शहरी क्षेत्र एवं इसके इर्द-गिर्द रहने वाले नागरिकों की सुविधा के लिए पिछले वर्षों से विभिन्न एजेंसियों से कार्य कराए जा रहे हैं।

मंत्री ने कहा कि इन कार्यों के क्रियान्वयन के क्रम में बड़े स्तर पर सड़कों की खुदाई की जाती है। वर्तमान में भी सड़कों की खुदाई की जा रही है। इन्हीं सड़कों के पुनर्निर्माण और मरम्मत पर यह राशि खर्च होगी।

स्वतंत्रता दिवस पर गांधी मैदान के आसपास सुरक्षा का होगा पुख्ता इंतजाम, 98 मजिस्ट्रेट और एक हजार जवान रहेंगे तैनात

डेस्क : कल गुरुवार 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस को लेकर पटना जिला प्रशासन द्वारा सुरक्षा को पुख्ता इंतजाम किए गए है। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर गांधी मैदान के आसपास 98 मजिस्ट्रेट और एक हजार जवान तैनात रहेंगे। आम जनता का प्रवेश गेट संख्या 4,5, 6 और 7 से होगा। इसस बाबत परेड का अंतिम पूर्वाभ्यास मंगलवार को किया गया।

सुबह आठ बजे पूर्वाभ्यास शुरू हुआ। शहीद-ए- करगिल स्मृति स्थल पर माल्यार्पण करने के बाद आयुक्त कुमार रवि ने परेड के अंतिम पूर्वाभ्यास का निरीक्षण किया। कुल 20 टुकड़ियां भाग ले रही हैं। प्रमंडलीय आयुक्त ने कहा है कि सभी प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी एवं पुलिस पदाधिकारी सजग और तत्पर रहेंगे। मौके पर डीएम डॉ.चंद्रशेखर सिंह, नगर आयुक्त अनिमेष कुमार पराशर और वरीय पुलिस अधीक्षक राजीव मिश्रा उपस्थित थे।

पूरे गांधी मैदान को चार सेक्टर एवं सब-सेक्टर में बांटा गया है। इसमें अपर जिला दंडाधिकारी व पुलिस उपाधीक्षक को वरीय प्रभार में रखा गया है। गांधी मैदान एवं कारगिल स्मृति चौक में विधि-व्यवस्था के लिए कुल 60 विभिन्न स्थानों पर 98 दंडाधिकारियों की तैनाती की गई है। 4 सेक्टर दंडाधिकारी भी मुस्तैद रहेंगे। दंडाधिकारियों के साथ पुलिस पदाधिकारियों को भी तैनात किया गया है। महिला बल, लाठी बल एवं अन्य पुलिस बल भी ड्यूटी पर मुस्तैद रहेंगे। सभी प्रतिनियुक्त दण्डाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी एवं पुलिस बल 15 अगस्त को सुबह 6 बजे प्रतिनियुक्ति स्थल पर पहुंच जाएंगे। तब तक मुस्तैद रहेंगे जब तक भीड़ चली न जाए।

जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि लगभग साठ हज़ार वर्ग फीट में दर्शक दीर्घा के ऊपर शेड का निर्माण हो रहा है। इससे दर्शकों को बदलते मौसम में गर्मी तथा बरसात से राहत मिलेगी। गांधी मैदान में 13 झांकियां दिखाई जाएगी। वहीं ऊंची इमारतों के ऊपर भी जवान तैनात रहेंगे। सादे लिवास में भी रहेंगे।

कार्य में कोताही बरतने वाले पदाधिकारियों पर सख्त हुआ राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, 400 सीओ समेत 37 जिलों के इन पदाधिकारियों को शोकॉज नोटिस

डेस्क : बिहार का राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग कार्य में कोताही बरतने वाले पदाधिकारियों के खिलाफ सख्ती शुरु कर दिया है। विभाग ने योजनाओं का सही तरीके से क्रियान्वयन नहीं करने वाले सीओ समेत संबंधित पदाधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। जमीन से संबंधित दस्तावेज और अभिलेख की ऑनलाइन कॉपी मुहैया कराने को लेकर डिजिटल हस्ताक्षर करने में लापरवाही बतरने वाले 400 सीओ और 37 जिलों के जिला अभिलेखागार पदाधिकारी को विभाग ने शोकॉज किया गया है। इन्हें 15 दिनों में इसका कारण बताने का निर्देश दिया गया है।

हाल ही विभागीय मंत्री डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल की अध्यक्षता में हुई बैठक में कार्रवाई करने का निर्णय लिया गया। इसके बाद सचिव जय सिंह के स्तर से इससे संबंधित आदेश जारी किया गया है। 

गौरतलब है कि राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने जमीन से संबंधित दस्तावेज या अभिलेखों की स्कैन कॉपी ऑनलाइन मुहैया कराने की योजना शुरू कर रखी है। दस्तावेजों की श्रेणी के आधार पर जिला अभिलेखागार पदाधिकारी और सीओ (अंचलाधिकारी) का डिजिटल हस्ताक्षर अनिवार्य है, तभी यह दस्तावेज वैध माना जाता है। मगर इसमें लापरवाही बरतने के मामले उजागर हुए हैं। 

विभागीय समीक्षा में यह बात सामने आई कि जमीन दस्तावेजों की ऑनलाइन कॉपी जारी करने से संबंधित अब तक 14 हजार 495 आवेदन आए हैं। इनमें 4 हजार 888 आवेदन डिजिटल हस्ताक्षर करके सीओ और संबंधित जिला अभिलेखागार पदाधिकारी ने जारी किए। मगर 9 हजार 408 मामले ऐसे हैं, जो 90 दिनों यानी 3 महीने से अधिक समय से लंबित पड़े हैं। इसके मद्देनजर सभी संबंधित पदाधिकारियों से कारण पूछा गया है। ऑनलाइन दस्तावेज जारी करने वाली इस योजना में सीओ समेत संबंधित पदाधिकारी के पास आवेदनों को रद्द करने का अधिकार नहीं होता है।

इस कारण इनके पास ये सभी आवेदन लंबित दिख रहे हैं। पदाधिकारियों को नियमानुसार, दो से तीन दिन में इन्हें जारी कर देना होता है।

कल 15 अगस्त को राजधानी पटना की बदली रहेगी यातायात व्यवस्था, घर से निकलने से पहले जान ले पूरा रुट

डेस्क : कल गुरुवार 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पटना के एतिहासिक गांधी मैदान में राजकीय समारोह का आयोजन होगा। जिसमें सीएम नीतीश कुमार सहित कई वीवीआईपी शिरकत करेंगे। सुरक्षा के मद्देनजर स्वतंत्रता दिवस के दिन राजधानी पटना के यातायात व्यवस्था में बदलाव किया गया है। गांधी मैदान और आसपास की सड़कों पर आम वाहन नहीं चलेंगे। सुबह सात बजे से समारोह की समाप्ति तक कई मार्ग बंद रहेंगे।

ट्रैफिक एसपी अशोक कुमार चौधरी ने बताया कि मुख्य सड़कों पर वाहनों की पार्किंग पर भी प्रतिबंधित रहेगा। व्यावसायिक वाहनों के आवागमन पर भी रोक रहेगी। इन वाहनों को परिवर्तित मार्ग से गंतव्य के लिए भेजा जाएगा। ऐसा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के साथ ही पुलिस उनके वाहन जब्त करेगी।

यातायात पुलिस के अधिकारी ने बताया कि गांधी मैदान में मुख्यमंत्री सुबह नौ बजे तिरंगा फहराएंगे। फ्रेजर रोड पर डाकबंगला चौराहा से जेपी गोलम्बर के रास्ते मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री सहित वीवीआईपी का कारकेड गांधी मैदान में आएगा। वीवीआईपी के आवागमन में कोई बाधा उत्पन्न ना हो और सुरक्षा को लेकर 15 अगस्त की सुबह सात बजे से समारोह की समाप्ति तक गांधी मैदान और आसपास की सड़कों पर आम वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध रहेगा। वीवीआईपी और आपातकालीन वाहनों को छोड़कर किसी भी वाहन को न्यू डाकबंगला रोड से एसपी वर्मा रोड में प्रवेश नहीं दिया जाएगा।

सिटी बसें, ऑटो और व्यावसायिक वाहन वैकल्पिक मार्ग से चलेंगे। चिरैयाटाड़ दुर्गा मंदिर के ऊपर और नीचे से गोरिया टोली की तरफ और जीपीओ गोलंबर से मालवाहक का परिचालन बुद्ध मार्ग में नहीं होगा। आर ब्लॉक गोलंबर आयकर गोलंबर की और इन वाहनों के चलने पर रोक रहेगी। नेहरू पथ पर डुमरा चौकी से भट्टाचार्या चौराहा तक व पुलिस लाइन तिराहा से व्यावसायिक वाहन पूरब गांधी मैदान की ओर नहीं जएंगे। इंजीनियरिंग कॉलेज से सिटी बसें गांधी चौराहा, मछुआटोली दरियापुर तिराहा से नाला रोड-पीरमुहानी-सीडीए बिल्डिंग गोलंबर-गोरियाटोली होते हुए पटना जंक्शन जायेंगी एवं इसी मार्ग से आ सकेंगी। सिटी की ओर से आने वाले ऑटो / ई-रिक्शा मुसल्लहपुर हाट होते हुए बारी पथ में खजांची रोड तक आएंगे।

बिहार में नही थम रहा पुल-पुलिया गिरने का सिलसिला, अब पटना के मोकामा में एक पुलिस हुआ ध्वस्त

डेस्क : बिहार में पुल-पुलियों के गिरने और ध्वस्त होने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। प्रदेश के अंदर पिछले एक महीनों के अंदर दर्जनों पुल-पुलियों के गिरने और ध्वस्त होने की खबरें सामने आई है। अब एक ताजा मामला पटना के मोकामा से निकल कर सामने आया है। जहां पांच साल पहले बनी एक पुलिया धवस्त हो गई है। 

मोकामा के कसहा दियारा गांव में पटना और बेगूसराय जिलों को जोड़ने वाली सड़क पर स्थित पुलिया पूरी तरह ध्वस्त हो गई है। इतना ही नही इसी पुलिया से सटी एक दूसरी पुलिया भी ध्वस्त होने के कगार पर है।

ग्रामीणों की माने तो पुलिया लगभग पांच साल पहले बनाई गयी थी।पुलिया के ध्वस्त होते ही विभागीय अधिकारियों में खलबली मच गयी। घटनास्थल पर अधिकारीयों के दल द्वारा निरीक्षण करने की बातें भी सामने आ रही है लेकिन ग्रामीणों के अनुसार किसी भी बड़े अधिकारी ने आज मंगलवार दोपहर तक आकर देखना मुनासिब नहीं समझा है। 

वहीं पुलिया के ध्वस्त होने से अब लोगों को आने जाने में भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है। खासकर मोकामा या बेगूसराय की ओर जाने में लोगों का मुख्य मार्ग से सम्पर्क कट गया है।

सीएम नीतीश कुमार ने पटना में निर्माणाधीन नए कलेक्ट्रेट भवन का किया निरीक्षण, तेजी से कार्य पूरा करने का दिया निर्देश

डेस्क : आज मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना स्थित निर्माणाधीन नए कलेक्ट्रेट भवन का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान भवन निर्माण मंत्री जयंत राज, सांसद संजय कुमार झा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ० एस० सिद्धार्थ, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव-सह-भवन निर्माण विभाग के सचिव कुमार रवि, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, पटना प्रक्षेत्र की पुलिस महानिरीक्षक गरिमा मल्लिक, पटना के जिलाधिकारी डॉ० चंद्रशेखर सिंह, पटना के वरीय पुलिस अधीक्षक राजीव मिश्रा सहित अन्य वरीय अधिकारी मौजूद रहे।

निरीक्षण के दौरान भवन के विभिन्न खंडों की निर्माण गतिविधियों का जायजा लिया। नये समाहरणालय भवन परिसर के निरीक्षण के दौरान भवन निर्माण विभाग के सचिव कुमार रवि ने मुख्यमंत्री को निर्माण कार्य की प्रगति के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। 

उन्होंने नये समाहरणालय भवन के अंतर्गत निर्माण किए जा रहे विभिन्न भागों की जानकारी देते हुये बताया कि यह नया समाहरणालय भवन काफी बेहतर ढंग से बनाया जा रहा है जो भूकंपरोधी होगा और पर्यावरण के भी अनुकूल होगा। मुख्य भवन में सभी विभागों के लिये अलग-अलग प्रवेश द्वार होंगे। समाहरणालय में बेसमेंट एवं भू-तल के अलावा पांच फ्लोर होंगे। इस परिसर में लगभग 205 ओपेन पार्किंग एवं 240 बेसमेंट पार्किंग की सुविधा होगी। सुरक्षात्मक दृष्टिकोण से इस परिसर में उत्कृष्ट मानदण्डों का अनुपालन किया जा रहा है।

निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि नये समाहरणालय भवन का निर्माण कार्य तेजी से पूर्ण करें। 

नये समाहरणालय भवन में एक ही छत के नीचे जिला प्रशासन के सभी कार्यालय होंगे जिससे लोगों को काफी सहूलियत होगी और उन्हें अधिक सुगमता से सेवा प्रदान की जा सकेगी। इस समाहरणालय भवन परिसर के उत्तर में गंगा नदी और दक्षिण में गांधी मैदान होने से इसका दृश्य और भी मनोरम लगेगा। यह नया समाहरणालय भवन पर्यावरण के अनुकूल होगा और देखने में भी आकर्षक होगा। उन्होंने कहा कि नये समाहरणालय भवन की छत पर सोलर प्लेट भी लगायें।

सुप्रीमो कोर्ट के आदेश के बाद बिहार सरकार के बड़ा फैसला, इन जातियों को एससी से हटाकर ईबीसी मे किया शामिल

डेस्क : बिहार सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए तांती, तंतवा जाति को अनुसूचित जाति (एससी) से बाहर करके इसे फिर से अति पिछड़ा वर्ग यानी ईबीसी में शामिल कर दिया है। इस संबंध में राज्य सरकार द्वारा अधिसूचना जारी कर दी गई है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने पिछले दिनों इस जाति को अनुसूचित वर्ग (एससी) से बाहर करने का आदेश दिया था। जिसके बाद बिहार की नीतीश सरकार ने अधिसूचना जारी कर तांती समाज को फिर से अति पिछड़ा वर्ग यानी ईबीसी में शामिल कर दिया है। 

 

बताते चले कि साल 2015 में तांती और तंतवा जाति को ईबीसी से बाहर कर एससी में शामिल किया गया था। जिसके बाद इसके खिलाफ अदालत में याचिका दाखिल की गई थी और अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि इनको अनुसूचित जाति से बाहर करके अति पिछड़ा में रखा जाए। इसके बाद अब कोर्ट के आदेश के अनुसार बिहार सरकार ने यह निर्णय लिया है। 

राज्य सरकार द्वारा सोमवार को जारी अधिसूचना में कहा गया कि तांति और तंतवा जाति को 1 जुलाई 2015 को पान और स्वासी जाति में समायोजित किया गया था। इसके बाद तांति समाज को अनुसूचित जाति के आरक्षण का लाभ मिलने लगा। हालांकि, भीमराव अंबेडकर विचार मंच की ओर से इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई। इस मामले में सुनवाई करते हुए 15 जुलाई 2024 को शीर्ष अदालत ने नीतीश सरकार की साल 2015 वाली अधिसूचना को रद्द करने का आदेश सुनाया।

स्लुइस गेट बंद करना भूल गए कर्मचारी, राजधानी पटना के इस रिहाइसी इलाके में घूसा गंगा का पानी

डेस्क : बीते शनिवार की रात हुई भारी बारिश से राजधानी पटना के रिहाइस इलाका पाटलिपुत्र इलाके में हुआ जलजमाव 48 घंटे बीत जाने के बाद भी जनहीं हो पाई है। छानबीन हुई तो पता चला की गोसाई टोला के पास स्लुइस बंद नहीं होने से गंगा का पानी पाटलिपुत्र इलाके में घुस गया है। इसका खुलासा तब हुआ जब सोमवार को पानी निकलने की बजाय इलाके में फैलने लगा तो नगर निगम के अधिकारियों को शक हुआ। इसके बाद बुडको और जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को बुलाया गया। 

दरअसल आम दिनों में स्लुइस गेट इसीलिए खुला रहता है, क्योंकि संप हाउस और इस इलाके का पानी गंगा में गिरता है। गंगा का जलस्तर अधिक होने से मोहल्ले से नदी की बजाय उधर से ही पानी आकर भर गया। दोपहर बाद स्लुइस को बंद किया गया। इसके बाद पानी निकासी तेजी से होने लगी। नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि आज मंगलवार तक इस इलाके से पानी निकल जाएगा।

गौरतलब है कि पानी निकासी के लिए शनिवार को गोसाईटोला संप हाउस, राजापुर पुल संप हाउस, पाटलिपुत्र थाना के पास 105 एचपी का पंपसेट और आनंदपुरी में 83 एचपी का पंप सेट लगाया गया था। बावजूद गंगा का पानी देख अधिकारियों को शक हुआ कि नदी का पानी कहां से आ गया। जांच के बाद गोसाईटोला के पास स्लुईस खुला पाया गया। बालू के बोरे से इसे बंद किया गया है। नगर निगम के एक अधिकारी ने बताया कि स्लुइस गेट खुला रहने से यह समस्या हुई।

बिहार प्रशासनिक सेवा के इन 20 पदाधिकारियों की आईएएस में हुई प्रोन्नति, केन्द्र सरकार ने जारी की अधिसूचना

डेस्क : बिहार प्रशासनिक सेवा (बिप्रसे) के 20 पदाधिकारियों की भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) में प्रोन्नति गई है। सोमवार को इस संबंध में केंद्र सरकार के कार्मिक एवं पेंशन मंत्रालय ने अधिसूचना जारी की है। ये सभी पदाधिकारी 39वीं बैच के हैं। इन्हें वर्ष 2023 के लिए प्रोन्नति दी गयी है।

जानकारी के अनुसार इन अधिकारियों की पहली पदस्थापना संयुक्त सचिव के रूप में होगी। मालूम हो कि वर्ष 2023 में बिप्रसे के 54 अधिकारियों को आइएएस में प्रोन्नति दी गयी थी। जिसमें तीन साल की रिक्तियां थी। 2020 के लिए 27, 2021 के लिए 24 तथा 2022 के लिए नौ अफसरों को आइएएस में प्रोन्नति के लिये अनुशंसा की गयी थी।

जिन पदाधिकारियों को प्रोन्नति मिली है उनमें सूचना एवं प्रावैधिकी मंत्री संतोष कुमार सुमन के आप्त सचिव डॉ. नंदलाल आर्य, गन्ना मंत्री कृष्णनंदन पासवान के आप्त सचिव राजेश कुमार सिंह, निदेशक, कारा रजनीश कुमार सिंह, अपर निदेशक डॉ. राजेश भारती, मृत्युंजय कुमार, सुजीत कुमार, राजेश कुमार सिंह, राकेश रंजन, संजय कुमार, शंभु शरण, राजेश कुमार सिंह, राजेश कुमार, सुनील कुमार, माधव कुमार सिंह, अहमद महमूद, विनायक मिश्र, सुमन कुमार, कुमार मंगलम, वारिस खान, अखिलेश कुमार सिंह एवं अतुल कुमार वर्मा शामिल है।

बड़ी खबर : बिहार में ऑस्ट्रेलिया की कंपनी करेगी निवेश, उर्जा मंत्री से मुलाकात के दौरान ऑस्ट्रेलियाई कांसुलेट जनरल ने जताई इच्छा

डेस्क : बिहार में उद्योग लगने की अब संभावना बढ़ रही है। पहले देश के बड़े उद्योगपतियों में शामिल अडानी ग्रुप ने यहां सिमेंट प्लांट की शुरुआत कर दी है। वहीं अब आस्ट्रेलिया भी यहां निवेश करना चाह रहा है। सोलर ऊर्जा क्षेत्र में संभावनाओं को देखते हुए ऑस्ट्रेलिया ने निवेश की इच्छा जताई है। 

बीते सोमवार को ऊर्जा भवन में सूबे के ऊर्जा, योजना एवं विकास मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव से मुलाकात के दौरान कोलकाता स्थित ऑस्ट्रेलियाई कांसुलेट जनरल (महावाणिज्य दूतावास) ह्यू बॉयलान ने यह इच्छा प्रकट की। मुलाकात के दौरान कॉन्सुलेट जनरल ने आश्वासन दिया कि ऑस्ट्रेलियाई कंपनी जल्दी ही बिहार का दौरा करेगी और सौर ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश की बात को आगे बढ़ाएगी।

गौरतलब है कि बॉयलान दो दिन के बिहार दौरे पर हैं। इस दौरान ऊर्जा मंत्री ने उन्हें नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी। इस मुलाकात के दौरान ऊर्जा विभाग के सचिव पंकज कुमार पाल, एसबीपीडीसीएल के प्रबंध निदेशक महेंद्र कुमार व एनबीपीडीसीएल के प्रबंध निदेशक निलेश देवरे भी उपस्थित थे। 

ऊर्जा, योजना एवं विकास मंत्री ने कहा कि ऊर्जा के क्षेत्र में बिहार में निरंतर विकास के कार्य चल रहे हैं। दरभंगा और सुपौल में पहले से दो फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट कमीशन किए जा चुके हैं। वहीं दक्षिण बिहार में कई ऐसे पहाड़ हैं जहां पेड़ नहीं है। ऐसे पहाड़ों पर भी सोलर पावर प्लांट लगाने की संभावनाओं पर हम काम कर रहे हैं।

ऊर्जा विभाग के सचिव पंकज कुमार पाल ने कहा कि बिहार में जल-जीवन-हरियाली मिशन के तहत गैर-परंपरागत बिजली उत्पादन को हर तरह से प्रोत्साहित किया जा रहा है। अब तक 3500 से अधिक सरकारी भवनों पर सोलर पैनल लगाए जा चुके हैं और अगले दो वर्षों में 9000 सरकारी भवनों पर सोलर पावर प्लांट लगाने की योजना को स्वीकृति मिल चुकी है। उसी प्रकार सभी पंचायतों में सोलर स्ट्रीट लाइट लगाने का कार्य तेजी से चल रहा है। केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में जारी सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार बिहार में 16 हजार मेगावाट गैर परंपरागत बिजली का उत्पादन हो सकता है।

राज्य में जहां 11 हजार 200 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादित की जा सकती है। वहीं पवन ऊर्जा के माध्यम से 3650 मेगावाट बिजली उत्पादन करने की संभावना है।