पेरिस खेलगांव की ऐसी बदहाली...गोल्ड मेडलिस्ट एथलीट पार्क में सोने को हुआ मजबूर




डेस्क: खेलों के आयोजन के अलावा पेरिस ओलंपिक 2024 अपने खराब मैनेजमेंट के लिए भी दुनियाभर में सुर्खियां बटोर रहा है. पहले सीन नदी का मुद्दा, फिर भीषण गर्मी, फिर ओलंपिक विलेज के कमरों में 'एंटी-सेक्स' बेड, ये सारी बातें एथलीटों की ओर से बार-बार सामने लाई जा रही हैं. लेकिन अब जो ताजा मामला सामने आया है, वो काफी हैरान करने वाला है. ओलंपिक 2024 का गोल्ड मेडलिस्ट ओलंपिक विलेज के कमरों से तंग आकर पार्क में सोता हुआ पाया गया. यह गोल्ड मेडलिस्ट एथलीट इटालियन तैराक थॉमस सेकॉन हैं.


ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट थॉमस सेकॉन को पेरिस ओलंपिक विलेज की खराब स्थितियों से इतनी परेशानी हुई कि वो पार्क में सोते नजर आए! जी हां, आपने सही पढ़ा. सऊदी अरब के रोवर हुसैन अलीरेजा ने पार्क में एक पेड़ के नीचे तौलिये पर सोते हुए सेक्कन की फोटो शेयर की.


दरअसल, पुरुषों की 100 मीटर बैकस्ट्रोक में गोल्ड जीतने वाले सेकॉन ने ओलंपिक विलेज में रहने की स्थिति पर काफी नाराजगी जताई थी. इसके अलावा थॉमस सेकॉन ने इसकी सार्वजनिक रूप से शिकायत भी की थी. उन्होंने कहा कि कई एथलीट इसी वजह से परेशान हैं. वो बताते हैं कि गर्मी और शोर की वजह से उन्हें नींद नहीं आ रही है.

थॉमस सेकॉन अकेले ऐसे एथलीट नहीं हैं जिन्होंने रहने की स्थिति को लेकर शिकायत की हो. इससे पहले कोको गॉफ, एरियन टिटमस और असिया तौती ने भी विलेज की सुविधाओं पर सवाल उठाए थे. ऑस्ट्रेलियाई तैराक टिटमस का तो कहना है कि अगर वो बेहतर जगह पर रहतीं तो शायद वर्ल्ड रिकॉर्ड तोड़ देतीं. उनका मानना है कि ओलंपिक विलेज उच्च प्रदर्शन के लिए बिल्कुल भी सही नहीं है.
पेरिस ओलंपिक 2024: विनेश फोगाट ने सेमीफाइनल में बनाई जगह, धमाकेदार अंदाज में जीता मुकाबला


डेस्क: पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत की विनेश फोगाट कमाल का प्रदर्शन कर रही हैं। उन्होंने सेमीफाइनल में जगह बना ली है। उनके आगे यूक्रेन की ओक्साना लिवाच टिक नहीं पाईं और मुकाबला हार गईं। लिवाच ने कोशिश तो बहुत की। पर अंत में बाजी विनेश का हाथ लगी। क्वार्टर फाइनल मैच उन्होंने 7-5 से जीत लिया है। अब उनका सेमीफाइनल मुकाबला क्यूबा की गुजमान लोपेज से आज रात में 9.45 बजे होगा।

ओक्साना लिवाच के खिलाफ पहले राउंड में 2-0 की बढ़त बनाने के बाद विनेश ने दूसरे राउंड की शुरुआत में अपनी बढ़त 4-0 की कर ली। ओक्साना ने भी अंक हासिल कर मैच में वापसी करने की कोशिश की और उन्होंने विनेश की बढ़त को दो अंकों (5-3) तक सीमित कर दिया। विनेश पर इस समय थकान हावी हो रही थी।


उन्होंने अपने कोच से चैलेंज लेने के लिए कहा। वीडियो रेफरी ने देखने के बाद इसे खारिज कर दिया और विनेश को एक और अंक का खामियाजा भुगतना पड़ा। उन्हें हालांकि इस दौरान खुद को तरोताजा करने के लिए कुछ सेकेंड मिल गए। बाद में विनेश ने यूक्रेन की पहलवान को बाहर धकेल कर दो अंक हासिल कर अपनी बढ़त को 7-4 कर लिया। ओक्साना इसके बाद एक अंक हासिल करने में सफल रही लेकिन यह विनेश को रोकने के लिए काफी नहीं था।


भारतीय पहलवान विनेश फोगाट ने पेरिस ओलंपिक के महिला 50 किग्रा कुश्ती के अंतिम-16 मैच में जापान की युई सुसाकी को 3-2 हरा कर बड़ा उलटफेर किया। चार बार की विश्व चैम्पियन सुसाकी ने टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीता था। जापान की पहलवान की इंटरनेशनल कुश्ती में यह पहली हार है, जिससे विनेश की यह सफलता और भी खास हो जाती है। विनेश के खिलाफ मुकाबले में आखिरी कुछ सेकेंड से पहले सुसाकी पास 2-0 की बढ़त थी।

अपना तीसरा ओलंपिक खेल रही विनेश अपने अनुभव का पूरा इस्तेमाल कर आखिरी पांच सेकेंड में जापान की चैम्पियन पहलवान को टेकडाउन कर दो अंक हासिल करने में सफल रही। जापान की टीम ने इसके खिलाफ अपील भी की लेकिन रेफरी ने वीडियो रीप्ले देखने के बाद उसे खारिज कर दिया जिससे विनेश को एक और अंक मिला और उन्होंने 3-2 से जीत हासिल कर ली।
गोल्डन ब्वॉय नीरज चोपड़ा पर सभी की नजरें, जानें कितने मीटर के थ्रो पर कर जाएंगे फाइनल के लिए क्वालीफाई?


डेस्क: भारत के गोल्डन ब्वॉय नीरज चोपड़ा के पेरिस ओलंपिक 2024 में जैवलिन थ्रो इवेंट का इंतजार सभी भारतीय काफी बेसब्री के साथ कर रहे हैं। इस इवेंट का क्वालिफिकेशन राउंड आज यानी 6 अगस्त को भारतीय समयानुसार दोपहर 1:50 पर शुरू होगा, जिसमें नीरज के अलावा किशोर जेना भी हिस्सा ले रहे हैं। इस इवेंट के क्वालिफिकेशन राउंड में कुल 32 एथलीट हिस्सा ले रहे हैं, जिसमें 16-16 के 2 अलग-अलग ग्रुप बनाए गए हैं। किशोर जेना को जहां पहले ग्रुप में जगह दी गई है तो वहीं नीरज दूसरे ग्रुप का हिस्सा हैं।

जैवलिन थ्रो इवेंट के क्वालिफिकेशन राउंड के बारे में बात की जाए तो इसमें हिस्सा लेने वाले सभी एथलीट को 3 बार भाला फेंकने का मौका मिलेगा, जिसमें उनके सबसे बेस्ट थ्रो को शामिल किया जाएगा। फाइनल इवेंट के लिए क्वालीफाई करने के लिए कम से कम 84 मीटर के मार्क को पार करना होगा। यदि कई एथलीट ऐसा करने में कामयाब नहीं होते हैं तो इस स्थिति में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले कुल 12 एथलीट मेडल राउंड के लिए अपनी जगह को बनाएंगे।

नीरज चोपड़ा जिन्होंने टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड मेडल अपने नाम किया था तो वहीं उनका सीजन बेस्ट थ्रो 88.36 मीटर का है। वहीं उन्होंने इस साल अपनी फिटनेस पर अधिक ध्यान देने की वजह से ज्यादा एक्शन में नहीं दिखाई दिए। वहीं किशोर जेना की बात की जाए तो उन्होंने पिछले एशियन गेम्स में 87.54 मीटर का थ्रो किया था लेकिन उनका सीजन बेस्ट थ्रो 80.84 मीटर का है। यदि जेना एशियन गेम्स के अपने थ्रो को यहां दोहराने में कामयाब होते हैं तो भारत के लिए इस इवेंट में दो मेडल जीतने का मौका बन सकता है।

नीरज चोपड़ा कितने बजे दिखेंगे एक्शन में?

जैवलिन थ्रो इवेंट के क्वालिफिकेशन राउंड में नीरज चोपड़ा को ग्रुप-बी में जगह मिली है और वह दोपहर 3:20 पर एक्शन में दिखाई देंगे।

इस इवेंट में नीरज के अलावा और कौन से भारतीय एथलीट ले रहे हिस्सा?

जैवलिन थ्रो इवेंट के क्वालिफिकेशन राउंड में नीरज चोपड़ा के अलावा किशोर जेना भी हिस्सा ले रहे हैं जो दोपहर 1:50 पर एक्शन में दिखाई देंगे।
बैडमिंटन में लक्ष्य सेन हारे ब्रॉन्ज मेडल मैच, ओलंपिक में इतिहास रचने से चूके




डेस्क: भारत के स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन ने भारत के लिए ब्रॉन्ज मेडल मैच नहीं जीत सके हैं। उन्हें बैडमिंटन के मेंस सिंगल इवेंट में हार का सामना करना पड़ा है। भारत के लिए यह निराशा का पल है। आपको बता दें कि भारतीय बैडमिंटन के लिए यह एक ऐतिहासिक पल हो सकता था। भारत ने कभी भी बैडमिंटन के मेंस सिंगल इवेंट में कोई भी मेडल नहीं जीता है। लक्ष्य सेन ऐसा करने वाले पहले खिलाड़ी बन सकते थे। लक्ष्य सेन को इस मुकाबले में मलेशिया के ली जी जिया से हार मिली है। दोनों खिलाड़ियों के बीच यह मुकाबला काफी रोमांचक रहा।

लक्ष्य सेन और ली जी जिया के बीच खेले गए इस मुकाबले को ली जी जिया ने 13-21, 21-16, 21-11 के अंतर से अपने नाम किया। इस मुकाबले से पहले सेट को लक्ष्य सेन ने अपने नाम किया था, लेकिन इसके बाद मलेशिया के ली जी जिया ने शानदार वापसी की। लक्ष्य को पहले सेट में 21-13 से जीत मिली थी। ली जी जिया पहला सेट हारने के बाद निराश नहीं हुए और उन्होंने अगले दोनों सेट में लक्ष्य सेन को हराया। दूसरा सेट दोनों खिलाड़ियों के बीच काफी रोमांचक रहा। जहां ली जी जिया को 21-16 से जीत मिली। दूसरे सेट में लक्ष्य काफी शानदार फॉर्म में थे, लेकिन तब ही उनके साथ कुछ ऐसा हुआ जिसने उनके लय को खराब कर दिया।

बैडमिंटन मेंस सिंगल्स इवेंट से ब्रॉन्ज मेडल मैच के दूसरे सेट में लक्ष्य सेन के चोटिल हो गए। जिसका असर उनके लय पर भी पड़ा। लक्ष्य को इंजरी के बाद अपने हाथों पर पट्टी लगानी पड़ी। इंजरी भी उनके प्लेइंग हैंड पर हुई। जिसके कारण वह सही से खेल नहीं पा रहे थे। उनके दाएं हाथ से खून भी आता दिखा। कई बार उन्होंने इसके कारण बीच मैच में ब्रेक लिया। अंत में ऐसा नजर आया कि वह अपनी इंजरी से काफी परेशान हैं और यह भी एक कारण रहा कि वह अपने अगले दोनों सेट हार गए।
अनंतनाग में जलाए गए कश्मीरी हिंदुओं के घर...साजिश की आशंका


मट्टन, अनंतनाग में कश्मीरी हिंदुओं के घर दुर्घटनावश पूरी तरह जल गए। पांच घर पूरी तरह जलकर खाक हो गये. हालांकि, हादसे के वक्त घर में कोई नहीं था, इसलिए बड़ी जनहानि टल गई। स्थानीय लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी. आधी रात 1:45 बजे दमकल की गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और आग बुझाई। हालांकि, आग बुझाने में काफी समय लग गया। एक घर में आग पर काबू नहीं पाया जा सका तो उसे तोड़ दिया गया. दमकलकर्मियों ने बताया कि आग बुझाने में कुल चार घंटे लगे. वहीं, जम्मू-कश्मीर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.


दूसरी ओर, कश्मीर शारदा पीठम के अध्यक्ष रवींद्र पंडिता ने इस दुखद घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त की। इस घटना ने सभी को चौंका दिया. उन्होंने आरोप लगाया कि यह घटना इसलिए हुई क्योंकि अल्पसंख्यकों की संपत्ति की सुरक्षा के लिए नियुक्त अधिकारी उचित कदम नहीं उठा पाए.


अगर धमकाया जाए... तो डरो मत... हम यहीं रहेंगे: हिंदू बयान..
कश्मीरी हिंदू समुदाय ने फैसला किया है कि जहां भी उन्हें धमकी दी जाएगी वे वहां जाएंगे और धमकियों से नहीं डरेंगे। उन्होंने कहा कि उन्हें 1990 से धमकियां मिलनी शुरू हो गईं और वे डर गए थे. उन्होंने साहसपूर्वक घोषणा की कि वे जहाँ भी जाएँ, यह उनकी मातृभूमि है। उन्होंने कहा कि वे यहां अपने घर बना रहे हैं और मंदिरों का जीर्णोद्धार भी चल रहा है. वे चाहते हैं कि सरकार हिंदुओं की जान-माल की गारंटी ले.


धमकाया जा रहा है? हिंदुओं को डरा रहे हैं?
केंद्र सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर का माहौल पूरी तरह से बदल गया है. अर्थव्यवस्था और पर्यटन प्रणाली पटरी पर लौट रही है। सबसे बढ़कर, कश्मीरी पंडित और हिंदू जो अपनी संपत्ति और रिश्तेदारों को पूरी तरह से पीछे छोड़ चुके हैं, वे अपने स्थानों पर लौट रहे हैं। हिंदू मंदिरों का भी जीर्णोद्धार किया जा रहा है। इसे सहन न कर पाने के कारण कुछ देशद्रोही ऐसे अत्याचार पर उतारू हो रहे हैं।
स्वाति मालीवाल मारपीट केस में केजरीवाल के पीए बिभव को सुप्रीम कोर्ट की लताड़, 'सीएम आवास में ऐसे गुंडे को जगह क्यों....'




डेस्क: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सहयोगी बिभव कुमार को जमकर फटकार लगाई। कोर्ट ने पूछा कि क्या इस तरह के गुंडे को मुख्यमंत्री आवास में काम करना चाहिए। बिभव ने इस साल मई में आप की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल पर कथित रूप से हमला किया था। जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने बिभव की जमानत याचिका पर सुनवाई अगले बुधवार के लिए सूचीबद्ध की। पीठ ने बिभव कुमार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी से कहा कि अदालत दिल्ली हाईकोर्ट की आर से दर्ज की गई घटना के विवरण से हैरान है।


बिभव ने मामले में जमानत देने से इनकार करने के दिल्ली हाईकोर्ट के 12 जुलाई के आदेश को चुनौती दी है। उनका दावा है कि उसके खिलाफ आरोप झूठे हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि जांच पूरी होने के कारण अब उसकी हिरासत की आवश्यकता नहीं है। शीर्ष अदालत ने बिभव कुमार की याचिका पर दिल्ली सरकार को एक नोटिस जारी किया।

पीठ ने सिंघवी से पूछा कि क्या मुख्यमंत्री आवास एक निजी बंगला है? क्या इस तरह के गुंडे को मुख्यमंत्री आवास में काम करना चाहिए? इस पर सिंघवी ने कहा कि चोटें गंभीर नहीं थीं। 13 मई की घटना के तीन दिन बाद एक प्राथमिकी दर्ज की गई और एक बात यह भी है कि मालीवाल का घटना के दौरान पुलिस हेल्पलाइन पर कॉल करना क्या संकेत देता है। इस पर पीठ ने कहा कि हम हर दिन भाड़े के हत्यारों और लुटेरों को जमानत देते हैं, लेकिन सवाल यह है कि किस तरह की घटना है। जिस तरह से यह घटना हुई, वह परेशान करने वाली है। बिभव ने ऐसा व्यवहार किया कहि जैसे कोई गुंडा मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास में घुस आया हो। पीठ ने यह भी कहा कि हाईकोर्ट के सामने उसकी पूरी दलील यह थी कि मालीवाल के आरोप मनगढ़ंत हैं।


सिंघवी ने कहा कि घटना के दिन वह पुलिस थाने गई थीं, फिर बिना कुछ कहे वापस आ गईं, लेकिन फिर तीन दिन बाद उन्होंने प्राथमिकी दर्ज कराई। इस पर पीठ ने कहा कि हम हैरान हैं? क्या एक युवती से बात करने का यह कैसा तरीका है? मालीवाल अपनी तबीयत के बारे में बता रही थीं, इसके बाद भी बिभव कुमार ने उनके साथ मारपीट की। सिंघवी ने कहा कि अदालत मालीवाल की प्राथमिकी पर भरोसा कर रही है, लेकिन बिभव की शिकायत मालीवाल की मित्रवत पुलिस और दिल्ली के उपराज्यपाल द्वारा दर्ज नहीं की गई थी। इस पर जस्टिस कांत ने कहा कि हमें आपकी आंतरिक राजनीति से मतलब नहीं है और अदालत केवल केस रिकॉर्ड और प्राथमिकी पर गौर कर रही है।


मामले के रिकॉर्ड का हवाला देते हुए पीठ ने कहा कि वह इसे खुली अदालत में नहीं पढ़ना चाहती, लेकिन एक बार जब उन्होंने उसे अपनी विशेष शारीरिक स्थितियों के कारण ऐसा करने से मना किया, तो इस व्यक्ति ने उन पर हमला करना जारी रखा। पीठ ने कहा कि वह खुद को क्या समझता है? क्या सत्ता उसके सिर पर चढ़ गई है।

सिंघवी ने कहा कि ये सभी आरोप परीक्षण के मामले हैं और फिलहाल वह केवल जमानत की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मामले को उच्चतम स्तर पर ले जाने और अपराध को देखने के बाद भी वह जमानत का हकदार है, क्योंकि वह सबूतों से छेड़छाड़ नहीं कर सकता या गवाहों को प्रभावित नहीं कर सकता। पीठ ने कहा कि हां, हम केवल जमानत के मुद्दे पर गौर कर रहे हैं। पीठ ने कहा कि अगर इस तरह का व्यक्ति गवाहों को प्रभावित नहीं कर सकता, तो कौन कर सकता है। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि रिकॉर्ड देखिए, क्या मुख्यमंत्री आवास के ड्राइंग रूम में कोई ऐसा व्यक्ति था, जिसने बिभव कुमार खिलाफ बोलने की हिम्मत की? हमें लगता है कि उसे शर्म भी नहीं आई।

इस बीच सिंघवी ने कहा कि मामले में आरोप-पत्र दाखिल किया जा चुका है। बिभव 75 दिनों से हिरासत में है। वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा कि बिभव कुमार को सत्र अदालत की ओर से ही जमानत दे दी जानी चाहिए थी। जस्टिस दत्ता ने सिंघवी से बिभव के पद के बारे में पूछा तो सिंघवी ने जवाब दिया कि बिभव पहले सरकारी कर्मचारी था। अब वह केजरीवाल का राजनीतिक सलाहकार-सह-सचिव है, जो राजनीतिक नियुक्तियों को संभालता है।


आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल की शिकायत पर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के पीए बिभव कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। मालीवाल ने शिकायत में कहा था कि जब वह 13 मई को सीएम आवास मुख्यमंत्री केजरीवाल से मिलने पहुंचीं थी तो बिभव ने उनके साथ मारपीट की। मालीवाल की शिकायत पर पुलिस ने बिभव कुमार को 18 मई को गिरफ्तार किया था। पुलिस का कहना है कि बिभव कुमार जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं।

बिभव ने जमानत के लिए 27 मई को ट्रायल कोर्ट का रुख किया था, लेकिन वहां से जमानत खारिज होने के बाद सत्र न्यायालय में अपील की। वहां से भी निराशा के बाद बिभव ने हाईकोर्ट का रुख किया, लेकिन हाईकोर्ट ने भी बिभव को राहत देने से इनकार कर दिया। अब हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ बिभव ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है।
‘हम उनमें से नहीं जो रील्स बनाते हैं’, लोकसभा में रेल हादसों पर विपक्ष ने केंद्र को घेरा तो भड़के रेल मंत्री




डेस्क: रेल हादसों को लेकर विपक्ष ने केंद्र सरकार को घेरना शुरू कर दी है। 30 जुलाई को झारखंड के सरायकेला-खरसावां जिले में मुंबई-हावड़ा मेल के 18 डिब्बे पटरी से उतर गए, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई। इस हादसे के बाद विपक्ष लगातार केंद्र सरकार पर निशाना साध रही है। इसपर अब लोकसभा ने केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि हम उन लोगों में से नहीं जो रील्स बनाते हैं।


अश्विनी वैष्णव ने कहा, "मैं पीएम मोदी को धन्यवाद करना चाहूंगा कि मेरे जैसे साधारण कार्यकर्ता को देश की सेवा करने का मौका दिया। मैं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को भी धन्यवाद देता हूं कि रेलवे की सबसे बड़ी जो समस्या थी कि निवेश की कमी है वो उन्होंने पीएम मोदी के निर्देश पर बजट में एक रिकॉर्ड आवंटन करके लगातार कई वर्षों तक बजट आवंटन बढ़ा कर जो सबसे बड़ी समस्या थी उसे दूर किया। मैं रेलवे के उन 12 लाख कर्मचारियों, उस रेल परिवार को भी धन्यवाद देता हूं जो हर दिन 20 हजार से ज्यादा ट्रेनें चलाते हैं और देश की सेवा करते हैं।"


विपक्ष पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, "जो यहां चिल्ला रहे हैं, उनसे यह पूछा जाना चाहिए कि सत्ता में रहने के 58 वर्षों में भी वे ऑटोमेटिक ट्रेन प्रोटेक्शन (एटीपी) को क्यों नहीं ला पाए? आज वे यहां सवाल करने की हिम्मत कर रहे हैं। जब ममता बनर्जी रेल मंत्री थीं, तह वह दुर्घटना के आंकड़े देती थी, जो 0.24 से घटकर 0.19 हो गए। ये लोग तब सदन में ताली बजा रहे थे। आज जब यह आंकड़ा 0.19 से घटकर 0.03 हो गया, तो ये दोष लगा रहे हैं। क्या यह देश ऐसे ही चलेगा? कांग्रेस सोशल मीडिया पर ट्रोल आर्मी की मदद से झूठी बातें उछालती है। क्या वे उन दो करोड़ लोगों के दिलों में डर पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं, जो हमेशा रेल से यात्रा करते हैं?" विपक्ष पर तंज कसते हुए वैष्णव ने कहा, "हम उन लोगों में से नहीं, जो रील्स बनाते हैं। हम मेहनत करते हैं, न की आप लोगों की तरह जो दिखावा के लिए रील्स बनाते हैं।"

अश्विनी वैष्णव ने बताया कि लोको पायलटों के औसत कामकाज और आराम करने का समय 2005 में बनाए गए नियम के तहत तय किया जाता है। 2016 में इन नियम में कई सुधार किए गए और लोको पायलटों को अधिक सुविधाएं दी गईं। रेल मंत्री ने आगे बताया कि जनरल कोचों की मांग बढ़ गई है। यह सुविधाएं उन लोगों के समय शून्य थी, जो आज रील्स बनाकर सहानुभूति दिखाते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए लगभग 2,500 जनरल कोचों का उत्पादन जल्द पूरा हो जाएगा। प्रत्येक मेल और एक्सप्रेस ट्रेन में न्यूनतम चार जनरल कोच होंगे।
कमला हैरिस को लेकर डोनाल्ड ट्रंप ने दिया विवादित बयान, कहा – 'वह भारतीय हैं या अश्वेत.....’




डेस्क: अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव को लेकर उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच जुबानी जंग तेज होती जा रही है. दोनों ही एक दूसरे पर हमले बोल रहे हैं. इस बीच डोनाल्ड ट्रंप ने कमला हैरिस को लेकर कुछ ऐसा कह दिया है जिसकी काफी आलोचना हो रही है.


दरअसल, डोनाल्ड ट्रंप ने अश्वेत पत्रकारों के वार्षिक सम्मेलन में कमला हैरिस को लेकर सवाल उठाते हुए कहा कि क्या वह 'अश्वेत' हैं. ट्रंप ने आगे कहा कि वह भारतीय हैं या अश्वेत? वह शुरू से भारतीय मूल की थीं और अचानक अब वह टर्न लेते हुए खुद को अश्वेत बता रही हैं.


वहीं दूसरी ओर डोनाल्ड ट्रंप के इस बयान की व्हाइट हाउस ने निंदा करते हुए इसे अपमानजनक बताया है. व्हाइट हाउस ने इस पर कहा है कि इस मामले पर केवल उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ही खुद बोल सकती हैं. व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरिन जीन-पियरे ने बुधवार को ब्रीफिंग में कहा, "किसी को यह बताने का अधिकार नहीं है कि वे कौन हैं और उसे कैसे पहचानते हैं. यह किसी का अपना निर्णय है... ट्रंप की टिप्पणी अपमानजनक है. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वह पूर्व नेता या राष्ट्रपति हैं. कमला हैरिस संयुक्त राज्य अमेरिका की उपराष्ट्रपति हैं, और हमें उनके नाम का सम्मान रखना होगा.


कौन हैं कमला हैरिस?


कमला हैरिस भारतीय मूल की हैं. उनकी मां भारतीय थीं और उनके पिता जमैका के थे.  दोनों संयुक्त राज्य अमेरिका में आकर बसे थे. कमला हैरिस का जन्म ऑकलैंड, कैलिफ़ोर्निया में हुआ था और उन्होंने वॉशिंगटन में अश्वेत विश्वविद्यालय, हॉवर्ड विश्वविद्यालय में पढ़ाई की है. वह अमेरिका की पहली अश्वेत महिला उपराष्ट्रपति होने के साथ-साथ पहली एशियाई अमेरिकी उपराष्ट्रपति भी हैं. अगर वह आगामी चुनाव जीत जाती हैं, तो वह अमेरिका की पहली महिला राष्ट्रपति होंगी. पिछले हफ्ते राष्ट्रपति जो बाइडेन ने राष्ट्रपति पद की दौड़ से बाहर होने के बाद  कमला हैरिस को इस दौड़ के लिए डेमोक्रेटिक उम्मीदवार के रूप में नामित किया था.
जम्मू कश्मीर के अनंतनाग में कश्मीरी पंडितों के 3 घर जलकर राख, जांच में जुटी पुलिस


डेस्क: जम्मू-कश्मीर में रविवार देर रात लगी आग में प्रवासी कश्मीरी पंडितों के तीन घर जलकर राख हो गए. यह घटना दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के मट्टन में हुई. हालांकि, इस घर में लगी आग में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है. क्योंकि, ये तीनों घर कश्मीरी पंडितों के विस्थापन के कारण कई सालों से खाली पड़े थे.


वहीं, स्थानीय लोगों की मदद से दमकल विभाग के कर्मियों ने आग पर काबू पाया. इस घटना के बाद अनंतनाग के कलेक्टर सैयद फखरुद्दीन और एसएसपी जीवी संदीप चक्रवर्ती भी मौके पर पहुंचे और घटना का जायजा लिया. साथ ही उन्होंने घरों में आग लगने के कारणों का जल्द पता लगाने के आदेश दिए हैं.


कश्मीरी पंडितों के घर में आग लगने की घटना पर राजनीतिक पार्टी जेके नेशनल कॉन्फ्रेंस की ओर से भी प्रतिक्रिया आई है. पार्टी ने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट से ट्वीट कर आगजनी की घटना पर खेद जताया है. पार्टी ने कहा कि वह अनंतनाग में कश्मीरी पंडित भाइयों के साथ एकजुट है.

आगे कहा गया कि संपत्ति का यह नुकसान बेहद भावनात्मक है. प्रभावित घरों में से एक का भावनात्मक महत्व बहुत अधिक है. क्योंकि यह हमारे अतिरिक्त प्रवक्ता उमेश तलाशी का मायका था. ट्वीट में कहा गया, ‘हम अधिकारियों से दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए त्वरित और गहन जांच करने का आह्वान करते हैं. हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं प्रभावित परिवारों के साथ हैं.’


हाल ही में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट ने कश्मीरी पंडितों के लावारिस धार्मिक स्थलों की सुरक्षा को लेकर अहम आदेश दिया है. कोर्ट ने कहा कि सरकार कश्मीरी पंडितों के लावारिस धार्मिक स्थलों की सुरक्षा करेगी. कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर सरकार को उन सभी संपत्तियों को वापस लेने का भी निर्देश दिया है, जिन्हें बेचा गया है, अतिक्रमण किया गया है या अवैध रूप से कब्जा किया गया है. वहीं, कोर्ट के आदेश के बाद सरकार ने जम्मू-कश्मीर में लावारिस कश्मीरी पंडित मंदिरों/धार्मिक स्थलों की सुरक्षा की जिम्मेदारी ले ली है.
2 दशकों के बाद गृह मंत्रालय ने ऑपरेशनल क्षेत्रों के वित्तीय सीमा में किया संशोधन, मुखबिरों के लिए पुरस्कार ₹50 से बढ़ाकर ₹3,000 किया गया


डेस्क: दो दशक से अधिक समय के बाद, गृह मंत्रालय ने ऑपरेशनल क्षेत्रों में मुखबिरों को पुरस्कृत करने के लिए अर्धसैनिक बलों और अन्य खुफिया एजेंसियों के महानिदेशकों की वित्तीय शक्तियों में संशोधन किया है।

केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ), असम राइफल्स, राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी), खुफिया ब्यूरो (आईबी), राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और राष्ट्रीय पुलिस अकादमी (एनपीए) के महानिदेशकों की वित्तीय शक्ति को विभिन्न श्रेणियों के तहत बढ़ाया गया है।

जून में जारी एक आदेश में, जिसे एएनआई ने एक्सेस किया है, आदेश में कहा गया है कि महानिदेशकों के पास ऑपरेशनल क्षेत्रों में गाइड, दुभाषियों और मुखबिरों को पुरस्कृत करने के लिए एक बार में 50 रुपये की वित्तीय शक्ति है, जो प्रति वर्ष 500 रुपये की कुल सीमा के अधीन है।

यह सीमा बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दी गई है। प्रति व्यक्ति एक बार में 3,000 रुपये, प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष 30,000 रुपये की समग्र सीमा के अधीन। आदेश की प्रति के अनुसार, इसे अंतिम बार 2002 में संशोधित किया गया था।

आदेश में, पाकिस्तान और बांग्लादेश के नागरिकों के भरण-पोषण पर व्यय को भी 15 रुपये प्रति व्यक्ति प्रति दिन से संशोधित कर 51.43 रुपये प्रति व्यक्ति प्रति दिन (नाश्ता, दोपहर का भोजन और रात का खाना) तक बढ़ाया गया है।

विदेशी या भारतीय विशिष्ट आगंतुकों के मनोरंजन के लिए, जिनके साथ महत्वपूर्ण मामलों पर चर्चा के लिए संपर्क स्थापित करना है, वित्तीय सीमा को 2000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये प्रति वर्ष कर दिया गया है, जो समय-समय पर सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के अधीन है। इसी तरह, मुद्रण और बाइंडिंग के लिए, वित्तीय सीमा को 50,000 रुपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर दिया गया है।