विधानसभा अध्यक्ष की फटकार पर कलेक्टरों को भेजी चिट्ठी, पूर्व विधायक के निधन से जुड़ा है मामला…

रायपुर- दिवंगत विधायकों की सूचना समय पर नहीं मिलने पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह द्वारा लगाई गई शासन को फटकार का असर हुआ है. मंत्रालय से कलेक्टरों को पत्र जारी कर भविष्य में त्रुटि न होने की चेतावनी दी गई है. पत्र के संबंध में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर पोस्ट किया है. 

मामला विधानसभा के मानसून सत्र का है, जब सत्र के अंतिम दिन मनेंद्रगढ़ के पूर्व विधायक विजय सिंह के निधन की सूचना मिली थी. इस पर कांग्रेस और भाजपा दोनों पक्षों के विधायकों के कड़े एतराज के बाद स्पीकर डॉ. सिंह ने भी नाराजगी जाहिर की थी. उन्होंने यह व्यवस्था सुधारने शासन को निर्देश दिए थे. उन्होंने कहा कि यह देखने में आया है कि कई बार इस तरह की सूचना देने में स्थानीय प्रशासन की लापरवाही दिखाई पड़ती है, इसलिए राज्य शासन इसे गंभीरता से ले।

सर्कुलर में कहा गया है कि वर्तमान विधायक, पूर्व विधायक, संसद सदस्य लोकसभा व राज्य आदि के बारे में जानकारी मिलते ही तत्काल विधानसभा सचिवालय को अवगत कराया जाए. इसमें छत्तीसगढ़ व अविभाजित मध्यप्रदेश के सदस्यों को भी शामिल किया गया है. दिवंगत विधायक सिंह को लेकर जीएडी ने कहा है कि ऐसा लगता है यह प्रभावी व्यवस्था में खामी का नतीजा है. यह उचित नहीं है.

छत्तीसगढ़ में 11 अगस्त से शुरू होगा BJP का हर घर तिरंगा अभियान, प्रदेशभर में बांटे जाएंगे 12 लाख झंडे

रायपुर। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर “हर घर तिरंगा” अभियान के तहत प्रदेश में 12 लाख तिरंगा झंडे बांटने की घोषणा की है। इस अभियान को लेकर भाजपा की एक प्रेस वार्ता आयोजित की गई, जिसमें बिहार सरकार के मंत्री एवं राष्ट्रीय प्रवक्ता गुरु प्रकाश पासवान ने पार्टी द्वारा आयोजित कार्यक्रमों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

प्रेस वार्ता में उन्होंने बताया कि भाजपा एक संगठनात्मक और वैचारिक आंदोलन है, जो गैर-राजनीतिक और सामाजिक कार्यक्रमों का आयोजन करती है। कोविड-19 महामारी के समय भी भाजपा ने “सेवा ही संगठन” कार्यक्रम के तहत जन सेवा की थी। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर 11 से 15 अगस्त तक एक पखवाड़ा आयोजित किया जाएगा, जिसके दौरान हर घर में तिरंगा फहराने का अभियान चलाया जाएगा। 11, 12 और 13 अगस्त को सर्व व्यापी तिरंगा यात्रा का आयोजन होगा, जो युवा मोर्चा के नेतृत्व में हर विधानसभा में आयोजित होगी। इस दौरान महापुरुषों के माल्यार्पण के साथ स्वच्छता कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे। 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस का आयोजन किया जाएगा, जिसमें मौन जुलूस भी निकाला जाएगा। प्रदेश सचिवालय में हर कार्यकर्ता सभी कार्यक्रमों में भाग लेंगे।

राष्ट्रीय प्रवक्ता गुरु प्रकाश पासवान ने बताया कि इस देशव्यापी कार्यक्रम को लेकर की गई बैठक में संकल्प लिया गया है कि छत्तीसगढ़ इस अभियान में अग्रणी भूमिका निभाएगा। प्रेस वार्ता में प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंहदेव, कैबिनेट मंत्री ओपी चौधरी, टांकराम वर्मा प्रदेश महामंत्री संजय श्रीवास्तव, विधायक राकेश अग्रवाल और अवधेश चंदेल भी मौजूद थे।

मंत्रालयीन अधिकारियों-कर्मचारियों ने 4% DA बढ़ोतरी समेत 7 सूत्रीय मांगों को लेकर किया प्रदर्शन

रायपुर- रायपुर में अधिकारी और कर्मचारियों ने ‘झन कर इंकार, हमर सुनव सरकार’ के नारे के साथ महँगाई भत्ता और एरियर्स समेत सात सूत्रीय मांग को लेकर मंत्रालय से संचालनालय तक मशाल रैली निकाली। अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन के पदाधिकारी राजेश चटर्जी और कमल वर्मा ने बताया कि यह रैली अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन के बैनर तले चरणबद्ध आंदोलन का हिस्सा है। उन्होंने बताया कि 20-30 अगस्त तक सभी सांसदों और विधायकों को ज्ञापन सौंपा जाएगा। 11 सितंबर से जिला, ब्लॉक, तहसील स्तर पर मशाल रैली निकालकर प्रदर्शन किया जाएगा, और 27 सितंबर को सामूहिक अवकाश लेकर प्रदर्शन होगा।

आज मशाल रैली और चरणबद्ध आंदोलन के माध्यम से अधिकारियों और कर्मचारियों ने महँगाई भत्ता, एरियर्स सहित सात सूत्रीय माँगों को जोर-शोर से उठाया और जमकर नारेबाजी की, इस दौरान सैकड़ों की संख्या में मंत्रालयीन अधिकारी और कर्मचारी मौजूद थे।

अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन की सात सूत्रीय मांग

1. कर्मचारियों को केंद्र के समान 1 जनवरी 2024 से महँगाई भत्ता में 4% वृद्धि के साथ 50% महँगाई भत्ता दिया जाए।

2. 1 जुलाई 2019 से लंबित महँगाई भत्ता एरियर्स को GPF खाते में जमा किया जाए।

3. कर्मचारियों को चार स्तरीय समयमान स्वीकृत किया जाए।

4. कर्मचारियों को केंद्र के समान गृह भाड़ा दिया जाए।

5. अर्जित अवकाश नकदीकरण की सीमा 240 दिन से बढ़ाकर 300 दिन की जाए।

6. प्रदेश के लिपिकों के वेतनमान में सुधार किया जाए।

7. संचालनालयीन कर्मचारियों को संचालनालयीन भत्ता और मंत्रालय में प्रवेश के लिए पत्र दिया जाए।

फेडरेशन के पदाधिकारियों ने यह भी बताया कि अगर उनकी माँगें पूरी नहीं की गईं, तो वे अपने आंदोलन को और तेज करेंगे।

साय कैबिनेट की अहम बैठक कल
रायपुर-   मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक 7 अगस्त बुधवार को मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में होगी। बैठक प्रातः 11 बजे से आयोजित होगी।
कोविड-19 से मृत व्यक्तियों के आश्रितों को अनुदान सहायता उपलब्ध कराने आबंटन जारी

रायपुर-     मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा की पहल पर कोविड-19 से मृत व्यक्तियों के आश्रितों को अनुदान सहायता उपलब्ध कराने के लिए राज्य आपदा मोचन निधि के अंतर्गत वर्ष 2024-25 के लिए 14 जिलों को 1 करोड़ 07 लाख रूपए की राशि आबंटित की गई है।

आबंटित राशि में जिला राजनांदगांव को 10 लाख रूपए, धमतरी 3 लाख रूपए, दुर्ग 29.50 लाख रूपए, खैरागढ़-छुईखदान 3 लाख रूपए, बलौदाबाजार 46 लाख रूपए, कोण्डागांव 50 हजार रूपए, बलरामपुर 50 हजार रूपए, कबीरधाम 50 हजार रूपए, कोरबा 2 लाख रूपए, बालोद 3 लाख रूपए, बेमेतरा 2 लाख रूपए, महासमुंद 3 लाख रूपए, मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी 3 लाख रूपए, गरियाबंद एक लाख रूपए शामिल है। अनुदान सहायता की इस राशि का वितरण डीबीटी या संबंधित हितग्राही अथवा आश्रित के बैंक खाते के माध्यम से किया जाएगा।

केंद्रीय मंत्री जुएल उरांव से वनमंत्री केदार कश्यप ने की सौजन्य भेंट

रायपुर-    वनमंत्री केदार कश्यप आज अपने एक दिवसीय दिल्ली प्रवास के दौरान केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री जुएल उरांव से सौजन्य भेंट की। उन्होंने राज्य की विभिन्न जनजातीय विषयों पर सार्थक चर्चा की। श्री कश्यप ने राज्य में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व के चलाई जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं से उन्हें अवगत कराया। उन्होंने बताया कि राज्य में जनजातियों के संरक्षण तथा उनके उत्थान के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।

वनमंत्री कश्यप ने केंद्रीय मंत्री जुएल उरांव को जानकारी देते हुए बताया कि न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना के अंतर्गत छत्तीसगढ़ शासन की ओर से छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ मर्यादित रायपुर द्वारा लगभग 6.5 लाख आदिवासी परिवारों से वर्ष 2014-15 से लघु वनोपज का क्रय किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य को वर्ष 2014-15 से 2019-20 तक की अवधि में उक्त व्यापार में रुपये 52.18 करोड़ की हानि हुई है। श्री कश्यप ने हानि की 75 प्रतिशत राशि रुपये 39.14 करोड़ रूपए की प्रति पूर्ति राशि शीघ्र उपलब्ध कराने और लघु वनोपज के समर्थन मूल्य पर क्रय करने की सुचारू व्यवस्था के लिए 200 करोड़ रूपए अतिरिक्त कार्यशील पूंजी उपलब्ध कराने का अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री के समक्ष डिजिटल एप्प ई-जादुई पिटारा की खूबियों का किया गया प्रदर्शन

रायपुर-   मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के समक्ष आज जशपुर जिले के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बंदरचुआं में शैक्षणिक गतिविधियों के लिए संचालित डिजिटल एप ई- जादुई पिटारा की खूबियों का प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन के दौरान शिक्षिका शशिकिरण कश्यप ने बहुत ही सुंदर तरीके से एक छोटी सी कहानी बताई। कक्षा 5वीं के बच्चे प्रतीक कुजूर, स्नेहा मिंज और प्रियंका बाई ने किस तरह खेल-खेल में इस एप के माध्यम से सिखाया जाता है उसका बहुत ही सुंदर प्रदर्शन किया।

ई-जादुई पिटारा नई शिक्षा नीति ने तहत ही बनाया गया है ताकि बच्चों को पढ़ाई बोझ न लगे और नवाचार के माध्यम से बच्चे कठिन विषयों को भी खेल खेल के माध्यम से आसानी से सीख सकते हैं। यह एप में मुख्य रूप से प्राइमरी तक के बच्चों के लिए बनाया गया है। इस एप के माध्यम से बच्चों को उनके रुचि के अनुकूल बहुत ही सरल और मनोरंजक तरीके से सिखाया जाता है।

इस एप्प में कहानियां, बालगीत, पहेलियां, कार्ड, ऑडियो पुस्तकें, खिलौने और खेल, हैंडबुक चार्ट और जादुई पिटारा बॉक्स के माध्यम से बच्चों के लिए रचनात्मक गतिविधियों का संचालन किया जाता है। इस एप से बच्चे, शिक्षक और पालक जुड़े रहते हैं। कोई भी स्कूल में यदि कोई भी रचनात्मक गतिविधि होती है तो उसे इस एप में अपलोड कर सकते है। जिसे कोई भी पालक, बच्चे और टीचर अवलोकन कर सकते है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने बच्चों का उत्साहवर्धन किया और पूरे मन लगाकर पढ़ाई करने की सीख दी। इस दौरान मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी कौशल्या साय, स्कूल शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, कलेक्टर डॉ. रवि मित्तल उपस्थित थे।

स्वास्थ्य मंत्री की अध्यक्षता में सीजीएमएससी संचालक मंडल की 48वीं बैठक का आयोजन

रायपुर-     स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल की अध्यक्षता में आज मंत्रालय महानदी भवन में सीजीएमएससी संचालक मंडल की 48वीं बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन की संचालक पद्मिनी भोई साहू ने संचालक मंडल के सामने कार्यवाही विवरण और लिए गए निर्णयों का पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।

बैठक में आवश्यक निर्माण कार्य की वस्तुस्थिति, नए कार्यों कि जानकारी, जेम्स पोर्टल से उपकरणों, कंज्यूमेबल तथा दवाइयों की खरीदी सम्बन्धी चर्चा हुई और निर्णय लिए गए। बैठक कंज्यूमेबल के क्रय हेतु सीजीएमएससी द्वारा वाणिज्य एवं उद्योग विभाग द्वारा जारी अधिसूचना दिनांक 11.07.2024 के क्रियान्वन हेतु जो कंज्यूमेबल सामग्रिया GeM पोर्टल/ई-मानक पोर्टल में उपलब्ध है, उनको GeM पर क्रय करने एवं उनका निगम में वर्तमान प्रचलित दर अनुबंध को समाप्त करने का निर्णय तथा जो कंज्यूमेबल सामग्रियां GeM पोर्टल/ई-मानक पोर्टल में उपलब्ध नहीं है, उनकी निविदा जारी कर दर-अनुबंध कर क्रय करने का निर्णय लिया गया।

बैठक में उपकरणों के क्रय हेतु सीजीएमएससी द्वारा वाणिज्य एवं उद्योग विभाग द्वारा जारी अधिसूचना दिनांक 11.07.2024 के क्रियान्वन हेतु जो उपकरण GeM पोर्टल/ई-मानक पोर्टल में उपलब्ध है, उनको GeM पर क्रय करने एवं उनका निगम में वर्तमान प्रचलित दर-अनुबंध को समाप्त करने का निर्णय तथा तथा जो उपकरण GeM पोर्टल/ई-मानक पोर्टल में उपलब्ध नही है, उनकी निविदा जारी कर दर-अनुबंध कर क्रय करने का निर्णय लिया गया।

इसी तरह से रीएजेंट के क्रय हेतु सीजीएमएससी द्वारा वाणिज्य एवं उद्योग विभाग द्वारा जारी अधिसूचना दिनांक 11.07.2024 के क्रियान्वन हेतु जो रीएजेंट GeM पोर्टल/ई-मानक पोर्टल में उपलब्ध है, उनको GeM पर क्रय करने एवं उनका निगम में वर्तमान प्रचलित दर अनुबंध को समाप्त करने का निर्णय तथा जो रीएजेंट GeM पोर्टल/ई-मानक पोर्टल में उपलब्ध नही है, उनकी निविदा जारी कर दर-अनुबंध कर क्रय करने का निर्णय लिया गया।

बैठक में अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार पिंगुआ , विशेष सचिव चंदन कुमार, आयुक्त चिकित्सा सेवा किरण कौशल, संचालक स्वास्थ्य सेवाएं ऋतुराज रघुवंशी, संचालक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन जगदीश सोनकर, संचालक आयुष इफ्फत आरा समेत स्वास्थ्य एवं वित्त विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री जशपुर जिले के ग्राम बंदरचुंआ में आयोजित मेगा शिक्षक पालक कार्यक्रम में हुए शामिल

रायपुर-   मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज जशपुर जिले के ग्राम बंदरचुंआ में आयोजित मेगा शिक्षक पालक कार्यक्रम में शामिल हुए। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि बच्चों की अच्छी शिक्षा और इनके उन्नत भविष्य के लिए यह आवश्यक है कि अभिभावक शिक्षकों से नियमित रूप से संवाद करें जितना अधिक शिक्षक और अभिभावक संवाद प्रक्रिया में हिस्सा लेंगे, उतना ही अधिक बच्चों का रचनात्मक विकास होगा उन्होंने पालकों तथा शिक्षकों से कहा कि बच्चों के व्यक्तित्व विकास के लिए उन्हें बेझिझक बोलने के लिए तैयार करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा विकास का मूलमंत्र हैं। यह केवल नौकरी पाने का माध्यम नहीं है बल्कि किसी भी क्षेत्र में सबसे अच्छा काम करने के लिए भी शिक्षा बेहद जरूरी है। एक शिक्षित और अशिक्षित व्यक्ति दोनों ही जीवन जीते हैं लेकिन दोनों के जीवन की गुणवत्ता में काफी अंतर देखने में आता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षक बच्चे के भीतर आई जिज्ञासाओं का समाधान करने की कोशिश करें। घर पहुंचने पर यह जरूर पूछें कि बच्चे ने आज क्या सीखा। मुख्यमंत्री ने कहा कि बंदरचुंआ के स्कूल से पुराना लगाव है। यहां के शिक्षक और जागरूक पालकों के कारण इस स्कूल में शिक्षा का स्तर काफी अच्छा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत के समाज में पुरातन काल से ही शिक्षा का काफी महत्व रहा है। भारत विश्वगुरू कहलाता था। पूरी दुनिया से लोग यहां के विश्वविद्यालयों में विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करने आते थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नई शिक्षा नीति लाई गई है जिसे प्रदेश में लागू किया गया है। इसमें नैतिक शिक्षा को भी शामिल किया गया है। संस्कार सिखाने के साथ ही रोजगार के लिए भी विद्यार्थियों को तैयार किया जा रहा है। छात्रों के स्किल बिल्डिंग पर काम किया जा रहा है, ताकि उनके लिए रोजगार के अवसर बढ़ सकें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस गर्मी में समर कैंप लगाए गए। बच्चों को बहुत सी रचनात्मक गतिविधियों से जोड़ा गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि शासकीय स्कूलों में पालक शिक्षक बैठक का नियमित आयोजन किया जाएगा। उन्होंने सभी पालकों से अनुरोध किया कि स्कूल आएं और अपने बच्चे के पढ़ाई लिखाई और प्रोग्रेस के बारे में जाने। उन्होंने कहा कि स्थानीय बोली भाषा में भी पढ़ाई को बढ़ावा दिया जायेगा। इसके लिए किताबें भी उपलब्ध कराई जायेगी। पीएम श्री योजना से स्कूलों में संसाधनों को बेहतर किया जायेगा। टॉपर बच्चों को सम्मानित किया जाएगा। सरस्वती सायकल योजना से छात्राओं को सायकल वितरण किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नालंदा परिसर की तर्ज में प्रदेश के 22 जिलों में पुस्तकालय का निर्माण किया जा रहा है, इसमें जशपुर और कुनकुरी में भी नालंदा परिसर खोलने जा रहे हैं। यहां बच्चों को प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के किताबें वातावरण भी उपलब्ध कराई जाएंगी।

मुख्यमंत्री को पालक शिक्षक बैठक में 12 मुख्य गतिविधियों के बारे में स्कूल के बच्चों ने ही बताया। पालकों ने भी अपने अनुभव बताए। पालक श्री हरिसेवक चौहान ने बताया कि उनका एक पोता यहां से पढ़कर अभी एमएससी कर रहा है और एक यहां से ग्यारहवीं कक्षा में पढ़ रहा है। वे एक जागरूक पालक हैं जो अपने बच्चों के पढ़ाई लिखाई के बारे में पूरी जानकारी रखते हैं।

इस मौके पर मुख्यमंत्री की धर्म पत्नी कौशल्या साय ने भी संबोधन दिया। उन्होंने कहा कि बंदरचुंआ स्कूल में सन 1997-98 से स्वतंत्रता और गणतंत्र दिवस के आयोजन में शामिल होने का मौका मिल रहा है। यहां के बच्चों के साथ दिल से जुड़ाव है। परीक्षा से पहले भी यहां बच्चों के मार्गदर्शन के लिए पहुंचते रहे हैं। बच्चों और पालकों से यही बात कहना चाहती हूं कि परीक्षा परिणाम के लिए तनाव नहीं लेना है। पूरी मेहनत से परीक्षा देना है। नंबर कम ज्यादा हो तो तनाव बिल्कुल न लेना है। परिवार पहली पाठशाला है और माता पिता पहले गुरु हैं।

मुख्यमंत्री की घोषणाएं - इस मौके पर मुख्यमंत्री ने बंदरचुंआ में सर्वसुविधायुक्त बस स्टैंड निर्माण की घोषणा की। साथ ही उन्होंने प्राथमिक शाला बंदरचुंआ से छेराघोघरा चौक तक सड़क किनारे सोलर स्ट्रीट लाइट लगाने, भुइयार बस्ती से सरना पहुंच मार्ग में सड़क और पुल, गायत्री मंदिर और शिव मंदिर के जीर्णाेद्धार, आश्रम छात्रावास को 50 सीटर से 100 सीटर करने तथा बंदरचुंआ में मिनी स्टेडियम निर्माण की घोषणा की।

परिवार किसी भी बच्चे की पहली पाठशाला: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

रायपुर-   मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय बंदरचुंआ के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में आयोजित मेगा पालक शिक्षक बैठक कार्यक्रम में शामिल हुए। यहां उन्होंने पालक शिक्षक बैठक में शामिल होकर पालकों से कार्यक्रम को लेकर उनके अनुभव जाने। बच्चों के माता पिता के साथ कुछ बच्चों के दादा दादी भी कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि परिवार किसी भी बच्चे की पहली पाठशाला है और माता पिता पहले गुरु। शासकीय स्कूलों में पालक शिक्षक संवाद का कार्यक्रम शुरू किया गया है जिससे पालकों को उनके बच्चों के पढ़ाई लिखाई के बारे में जानकारी मिले और बच्चे के शैक्षणिक प्रगति में उनकी भी सहभागिता हो। उन्होंने बताया कि आज स्कूलों में बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए बहुत सी गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। उन्होंने पालकों से अनुरोध किया कि अपने बच्चों के शिक्षकों से सतत संपर्क में रहें। इससे बच्चे के पढ़ाई लिखाई के बारे में जानकारी मिलेगी ही साथ ही आपकी सहभागिता से बच्चे के गलत संगत में जाने की आशंका भी नही होगी। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने पालकों को सम्मानित भी किया।

इस मौके पर स्कूल शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी ने भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी साढ़े पांच हजार संकुलों में मेगा पालक शिक्षक मीटिंग कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। पिछले दिनों मुख्यमंत्री महोदय ने शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में यह बात रखी कि प्राइवेट स्कूल में पीटीएम आयोजित होता है लेकिन सरकारी स्कूलों में यह नही होता है। इसे हमें लागू किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री जी के निर्देश पर यह पालक शिक्षक बैठक आयोजित किया जा रहा है। यह बच्चे के सर्वांगीण विकास में अहम भूमिका निभाएगा। पालक शिक्षक बैठक का मुख्य उद्देश्य है पढ़ाई लिखाई और स्कूली गतिविधियों में शिक्षकों के साथ पालकों की सहभागिता हो।

दादा ने बताया मैं भी यहां से पढ़ा मेरा पोता भी यहीं से पढ़ रहा -
डोंडापानी के हरिसेवक चौहान ने बताया कि वे खुद इसी स्कूल से पढ़े हैं और अब उनका एक पोता यहां से पढ़कर अभी एमएससी कर रहा है। वहीं दूसरा पोता अभी जीव विज्ञान विषय के साथ कक्षा 11वीं में है। उन्होंने इस कार्यक्रम को शिक्षा गुणवत्ता बेहतर करने की दिशा में एक शानदार पहल बताया। उन्होंने कहा कि हमारे शिक्षक कहते थे मैं आपको तो पढ़ा ही रहा हूं आपके साथ आपके बच्चों की अच्छी शिक्षा का माध्यम भी बन रहा हूं क्योंकि आप शिक्षित होंगे तो आपका बच्चा भी निश्चित रूप से शिक्षित होगा। पालक शिक्षक के बीच संवाद से बच्चे के शिक्षा के स्तर की निरंतर मॉनिटरिंग होगी और उनकी नींव मजबूत होगी। इसी प्रकार फिलसिता कुजूर ने बताया कि मैं ज्यादा पढ़ी लिखी नही हूं लेकिन अपनी पोती को अच्छे से पढ़ाने लिखाने का प्रयास कर रहे हैं। पालक शिक्षक बैठक सभी पालकों को उनके बच्चों के बारे में जानकारी मिलेगी जिससे वे घर में भी बच्चों पर मेहनत कर पाएंगे।