साय कैबिनेट की अहम बैठक कल
रायपुर-   मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक 7 अगस्त बुधवार को मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में होगी। बैठक प्रातः 11 बजे से आयोजित होगी।
कोविड-19 से मृत व्यक्तियों के आश्रितों को अनुदान सहायता उपलब्ध कराने आबंटन जारी

रायपुर-     मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा की पहल पर कोविड-19 से मृत व्यक्तियों के आश्रितों को अनुदान सहायता उपलब्ध कराने के लिए राज्य आपदा मोचन निधि के अंतर्गत वर्ष 2024-25 के लिए 14 जिलों को 1 करोड़ 07 लाख रूपए की राशि आबंटित की गई है।

आबंटित राशि में जिला राजनांदगांव को 10 लाख रूपए, धमतरी 3 लाख रूपए, दुर्ग 29.50 लाख रूपए, खैरागढ़-छुईखदान 3 लाख रूपए, बलौदाबाजार 46 लाख रूपए, कोण्डागांव 50 हजार रूपए, बलरामपुर 50 हजार रूपए, कबीरधाम 50 हजार रूपए, कोरबा 2 लाख रूपए, बालोद 3 लाख रूपए, बेमेतरा 2 लाख रूपए, महासमुंद 3 लाख रूपए, मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी 3 लाख रूपए, गरियाबंद एक लाख रूपए शामिल है। अनुदान सहायता की इस राशि का वितरण डीबीटी या संबंधित हितग्राही अथवा आश्रित के बैंक खाते के माध्यम से किया जाएगा।

केंद्रीय मंत्री जुएल उरांव से वनमंत्री केदार कश्यप ने की सौजन्य भेंट

रायपुर-    वनमंत्री केदार कश्यप आज अपने एक दिवसीय दिल्ली प्रवास के दौरान केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री जुएल उरांव से सौजन्य भेंट की। उन्होंने राज्य की विभिन्न जनजातीय विषयों पर सार्थक चर्चा की। श्री कश्यप ने राज्य में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व के चलाई जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं से उन्हें अवगत कराया। उन्होंने बताया कि राज्य में जनजातियों के संरक्षण तथा उनके उत्थान के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।

वनमंत्री कश्यप ने केंद्रीय मंत्री जुएल उरांव को जानकारी देते हुए बताया कि न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना के अंतर्गत छत्तीसगढ़ शासन की ओर से छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ मर्यादित रायपुर द्वारा लगभग 6.5 लाख आदिवासी परिवारों से वर्ष 2014-15 से लघु वनोपज का क्रय किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य को वर्ष 2014-15 से 2019-20 तक की अवधि में उक्त व्यापार में रुपये 52.18 करोड़ की हानि हुई है। श्री कश्यप ने हानि की 75 प्रतिशत राशि रुपये 39.14 करोड़ रूपए की प्रति पूर्ति राशि शीघ्र उपलब्ध कराने और लघु वनोपज के समर्थन मूल्य पर क्रय करने की सुचारू व्यवस्था के लिए 200 करोड़ रूपए अतिरिक्त कार्यशील पूंजी उपलब्ध कराने का अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री के समक्ष डिजिटल एप्प ई-जादुई पिटारा की खूबियों का किया गया प्रदर्शन

रायपुर-   मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के समक्ष आज जशपुर जिले के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बंदरचुआं में शैक्षणिक गतिविधियों के लिए संचालित डिजिटल एप ई- जादुई पिटारा की खूबियों का प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन के दौरान शिक्षिका शशिकिरण कश्यप ने बहुत ही सुंदर तरीके से एक छोटी सी कहानी बताई। कक्षा 5वीं के बच्चे प्रतीक कुजूर, स्नेहा मिंज और प्रियंका बाई ने किस तरह खेल-खेल में इस एप के माध्यम से सिखाया जाता है उसका बहुत ही सुंदर प्रदर्शन किया।

ई-जादुई पिटारा नई शिक्षा नीति ने तहत ही बनाया गया है ताकि बच्चों को पढ़ाई बोझ न लगे और नवाचार के माध्यम से बच्चे कठिन विषयों को भी खेल खेल के माध्यम से आसानी से सीख सकते हैं। यह एप में मुख्य रूप से प्राइमरी तक के बच्चों के लिए बनाया गया है। इस एप के माध्यम से बच्चों को उनके रुचि के अनुकूल बहुत ही सरल और मनोरंजक तरीके से सिखाया जाता है।

इस एप्प में कहानियां, बालगीत, पहेलियां, कार्ड, ऑडियो पुस्तकें, खिलौने और खेल, हैंडबुक चार्ट और जादुई पिटारा बॉक्स के माध्यम से बच्चों के लिए रचनात्मक गतिविधियों का संचालन किया जाता है। इस एप से बच्चे, शिक्षक और पालक जुड़े रहते हैं। कोई भी स्कूल में यदि कोई भी रचनात्मक गतिविधि होती है तो उसे इस एप में अपलोड कर सकते है। जिसे कोई भी पालक, बच्चे और टीचर अवलोकन कर सकते है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने बच्चों का उत्साहवर्धन किया और पूरे मन लगाकर पढ़ाई करने की सीख दी। इस दौरान मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी कौशल्या साय, स्कूल शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, कलेक्टर डॉ. रवि मित्तल उपस्थित थे।

स्वास्थ्य मंत्री की अध्यक्षता में सीजीएमएससी संचालक मंडल की 48वीं बैठक का आयोजन

रायपुर-     स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल की अध्यक्षता में आज मंत्रालय महानदी भवन में सीजीएमएससी संचालक मंडल की 48वीं बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन की संचालक पद्मिनी भोई साहू ने संचालक मंडल के सामने कार्यवाही विवरण और लिए गए निर्णयों का पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।

बैठक में आवश्यक निर्माण कार्य की वस्तुस्थिति, नए कार्यों कि जानकारी, जेम्स पोर्टल से उपकरणों, कंज्यूमेबल तथा दवाइयों की खरीदी सम्बन्धी चर्चा हुई और निर्णय लिए गए। बैठक कंज्यूमेबल के क्रय हेतु सीजीएमएससी द्वारा वाणिज्य एवं उद्योग विभाग द्वारा जारी अधिसूचना दिनांक 11.07.2024 के क्रियान्वन हेतु जो कंज्यूमेबल सामग्रिया GeM पोर्टल/ई-मानक पोर्टल में उपलब्ध है, उनको GeM पर क्रय करने एवं उनका निगम में वर्तमान प्रचलित दर अनुबंध को समाप्त करने का निर्णय तथा जो कंज्यूमेबल सामग्रियां GeM पोर्टल/ई-मानक पोर्टल में उपलब्ध नहीं है, उनकी निविदा जारी कर दर-अनुबंध कर क्रय करने का निर्णय लिया गया।

बैठक में उपकरणों के क्रय हेतु सीजीएमएससी द्वारा वाणिज्य एवं उद्योग विभाग द्वारा जारी अधिसूचना दिनांक 11.07.2024 के क्रियान्वन हेतु जो उपकरण GeM पोर्टल/ई-मानक पोर्टल में उपलब्ध है, उनको GeM पर क्रय करने एवं उनका निगम में वर्तमान प्रचलित दर-अनुबंध को समाप्त करने का निर्णय तथा तथा जो उपकरण GeM पोर्टल/ई-मानक पोर्टल में उपलब्ध नही है, उनकी निविदा जारी कर दर-अनुबंध कर क्रय करने का निर्णय लिया गया।

इसी तरह से रीएजेंट के क्रय हेतु सीजीएमएससी द्वारा वाणिज्य एवं उद्योग विभाग द्वारा जारी अधिसूचना दिनांक 11.07.2024 के क्रियान्वन हेतु जो रीएजेंट GeM पोर्टल/ई-मानक पोर्टल में उपलब्ध है, उनको GeM पर क्रय करने एवं उनका निगम में वर्तमान प्रचलित दर अनुबंध को समाप्त करने का निर्णय तथा जो रीएजेंट GeM पोर्टल/ई-मानक पोर्टल में उपलब्ध नही है, उनकी निविदा जारी कर दर-अनुबंध कर क्रय करने का निर्णय लिया गया।

बैठक में अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार पिंगुआ , विशेष सचिव चंदन कुमार, आयुक्त चिकित्सा सेवा किरण कौशल, संचालक स्वास्थ्य सेवाएं ऋतुराज रघुवंशी, संचालक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन जगदीश सोनकर, संचालक आयुष इफ्फत आरा समेत स्वास्थ्य एवं वित्त विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री जशपुर जिले के ग्राम बंदरचुंआ में आयोजित मेगा शिक्षक पालक कार्यक्रम में हुए शामिल

रायपुर-   मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज जशपुर जिले के ग्राम बंदरचुंआ में आयोजित मेगा शिक्षक पालक कार्यक्रम में शामिल हुए। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि बच्चों की अच्छी शिक्षा और इनके उन्नत भविष्य के लिए यह आवश्यक है कि अभिभावक शिक्षकों से नियमित रूप से संवाद करें जितना अधिक शिक्षक और अभिभावक संवाद प्रक्रिया में हिस्सा लेंगे, उतना ही अधिक बच्चों का रचनात्मक विकास होगा उन्होंने पालकों तथा शिक्षकों से कहा कि बच्चों के व्यक्तित्व विकास के लिए उन्हें बेझिझक बोलने के लिए तैयार करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा विकास का मूलमंत्र हैं। यह केवल नौकरी पाने का माध्यम नहीं है बल्कि किसी भी क्षेत्र में सबसे अच्छा काम करने के लिए भी शिक्षा बेहद जरूरी है। एक शिक्षित और अशिक्षित व्यक्ति दोनों ही जीवन जीते हैं लेकिन दोनों के जीवन की गुणवत्ता में काफी अंतर देखने में आता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षक बच्चे के भीतर आई जिज्ञासाओं का समाधान करने की कोशिश करें। घर पहुंचने पर यह जरूर पूछें कि बच्चे ने आज क्या सीखा। मुख्यमंत्री ने कहा कि बंदरचुंआ के स्कूल से पुराना लगाव है। यहां के शिक्षक और जागरूक पालकों के कारण इस स्कूल में शिक्षा का स्तर काफी अच्छा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत के समाज में पुरातन काल से ही शिक्षा का काफी महत्व रहा है। भारत विश्वगुरू कहलाता था। पूरी दुनिया से लोग यहां के विश्वविद्यालयों में विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करने आते थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नई शिक्षा नीति लाई गई है जिसे प्रदेश में लागू किया गया है। इसमें नैतिक शिक्षा को भी शामिल किया गया है। संस्कार सिखाने के साथ ही रोजगार के लिए भी विद्यार्थियों को तैयार किया जा रहा है। छात्रों के स्किल बिल्डिंग पर काम किया जा रहा है, ताकि उनके लिए रोजगार के अवसर बढ़ सकें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस गर्मी में समर कैंप लगाए गए। बच्चों को बहुत सी रचनात्मक गतिविधियों से जोड़ा गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि शासकीय स्कूलों में पालक शिक्षक बैठक का नियमित आयोजन किया जाएगा। उन्होंने सभी पालकों से अनुरोध किया कि स्कूल आएं और अपने बच्चे के पढ़ाई लिखाई और प्रोग्रेस के बारे में जाने। उन्होंने कहा कि स्थानीय बोली भाषा में भी पढ़ाई को बढ़ावा दिया जायेगा। इसके लिए किताबें भी उपलब्ध कराई जायेगी। पीएम श्री योजना से स्कूलों में संसाधनों को बेहतर किया जायेगा। टॉपर बच्चों को सम्मानित किया जाएगा। सरस्वती सायकल योजना से छात्राओं को सायकल वितरण किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नालंदा परिसर की तर्ज में प्रदेश के 22 जिलों में पुस्तकालय का निर्माण किया जा रहा है, इसमें जशपुर और कुनकुरी में भी नालंदा परिसर खोलने जा रहे हैं। यहां बच्चों को प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के किताबें वातावरण भी उपलब्ध कराई जाएंगी।

मुख्यमंत्री को पालक शिक्षक बैठक में 12 मुख्य गतिविधियों के बारे में स्कूल के बच्चों ने ही बताया। पालकों ने भी अपने अनुभव बताए। पालक श्री हरिसेवक चौहान ने बताया कि उनका एक पोता यहां से पढ़कर अभी एमएससी कर रहा है और एक यहां से ग्यारहवीं कक्षा में पढ़ रहा है। वे एक जागरूक पालक हैं जो अपने बच्चों के पढ़ाई लिखाई के बारे में पूरी जानकारी रखते हैं।

इस मौके पर मुख्यमंत्री की धर्म पत्नी कौशल्या साय ने भी संबोधन दिया। उन्होंने कहा कि बंदरचुंआ स्कूल में सन 1997-98 से स्वतंत्रता और गणतंत्र दिवस के आयोजन में शामिल होने का मौका मिल रहा है। यहां के बच्चों के साथ दिल से जुड़ाव है। परीक्षा से पहले भी यहां बच्चों के मार्गदर्शन के लिए पहुंचते रहे हैं। बच्चों और पालकों से यही बात कहना चाहती हूं कि परीक्षा परिणाम के लिए तनाव नहीं लेना है। पूरी मेहनत से परीक्षा देना है। नंबर कम ज्यादा हो तो तनाव बिल्कुल न लेना है। परिवार पहली पाठशाला है और माता पिता पहले गुरु हैं।

मुख्यमंत्री की घोषणाएं - इस मौके पर मुख्यमंत्री ने बंदरचुंआ में सर्वसुविधायुक्त बस स्टैंड निर्माण की घोषणा की। साथ ही उन्होंने प्राथमिक शाला बंदरचुंआ से छेराघोघरा चौक तक सड़क किनारे सोलर स्ट्रीट लाइट लगाने, भुइयार बस्ती से सरना पहुंच मार्ग में सड़क और पुल, गायत्री मंदिर और शिव मंदिर के जीर्णाेद्धार, आश्रम छात्रावास को 50 सीटर से 100 सीटर करने तथा बंदरचुंआ में मिनी स्टेडियम निर्माण की घोषणा की।

परिवार किसी भी बच्चे की पहली पाठशाला: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

रायपुर-   मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय बंदरचुंआ के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में आयोजित मेगा पालक शिक्षक बैठक कार्यक्रम में शामिल हुए। यहां उन्होंने पालक शिक्षक बैठक में शामिल होकर पालकों से कार्यक्रम को लेकर उनके अनुभव जाने। बच्चों के माता पिता के साथ कुछ बच्चों के दादा दादी भी कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि परिवार किसी भी बच्चे की पहली पाठशाला है और माता पिता पहले गुरु। शासकीय स्कूलों में पालक शिक्षक संवाद का कार्यक्रम शुरू किया गया है जिससे पालकों को उनके बच्चों के पढ़ाई लिखाई के बारे में जानकारी मिले और बच्चे के शैक्षणिक प्रगति में उनकी भी सहभागिता हो। उन्होंने बताया कि आज स्कूलों में बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए बहुत सी गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। उन्होंने पालकों से अनुरोध किया कि अपने बच्चों के शिक्षकों से सतत संपर्क में रहें। इससे बच्चे के पढ़ाई लिखाई के बारे में जानकारी मिलेगी ही साथ ही आपकी सहभागिता से बच्चे के गलत संगत में जाने की आशंका भी नही होगी। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने पालकों को सम्मानित भी किया।

इस मौके पर स्कूल शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी ने भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी साढ़े पांच हजार संकुलों में मेगा पालक शिक्षक मीटिंग कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। पिछले दिनों मुख्यमंत्री महोदय ने शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में यह बात रखी कि प्राइवेट स्कूल में पीटीएम आयोजित होता है लेकिन सरकारी स्कूलों में यह नही होता है। इसे हमें लागू किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री जी के निर्देश पर यह पालक शिक्षक बैठक आयोजित किया जा रहा है। यह बच्चे के सर्वांगीण विकास में अहम भूमिका निभाएगा। पालक शिक्षक बैठक का मुख्य उद्देश्य है पढ़ाई लिखाई और स्कूली गतिविधियों में शिक्षकों के साथ पालकों की सहभागिता हो।

दादा ने बताया मैं भी यहां से पढ़ा मेरा पोता भी यहीं से पढ़ रहा -
डोंडापानी के हरिसेवक चौहान ने बताया कि वे खुद इसी स्कूल से पढ़े हैं और अब उनका एक पोता यहां से पढ़कर अभी एमएससी कर रहा है। वहीं दूसरा पोता अभी जीव विज्ञान विषय के साथ कक्षा 11वीं में है। उन्होंने इस कार्यक्रम को शिक्षा गुणवत्ता बेहतर करने की दिशा में एक शानदार पहल बताया। उन्होंने कहा कि हमारे शिक्षक कहते थे मैं आपको तो पढ़ा ही रहा हूं आपके साथ आपके बच्चों की अच्छी शिक्षा का माध्यम भी बन रहा हूं क्योंकि आप शिक्षित होंगे तो आपका बच्चा भी निश्चित रूप से शिक्षित होगा। पालक शिक्षक के बीच संवाद से बच्चे के शिक्षा के स्तर की निरंतर मॉनिटरिंग होगी और उनकी नींव मजबूत होगी। इसी प्रकार फिलसिता कुजूर ने बताया कि मैं ज्यादा पढ़ी लिखी नही हूं लेकिन अपनी पोती को अच्छे से पढ़ाने लिखाने का प्रयास कर रहे हैं। पालक शिक्षक बैठक सभी पालकों को उनके बच्चों के बारे में जानकारी मिलेगी जिससे वे घर में भी बच्चों पर मेहनत कर पाएंगे।

बच्चों ने मुख्यमंत्री को पोस्टर एक्सप्लेन कर दी ‘‘पालक-शिक्षक मीटिंग’’के एजेंडा की जानकारी

रायपुर-    मेगा पालक शिक्षक बैठक में शामिल होने पहुंचे मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को स्कूली बच्चों ने पोस्टर के माध्यम से पालक शिक्षक मीटिंग के उद्देश्य और गतिविधियों की रूपरेखा और इससे छात्रों को होने वाले लाभ के बारे में विस्तार से बताया। बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए शिक्षा विभाग द्वारा 13 बिंदु पालक शिक्षक मीटिंग के लिए निर्धारित किए गए हैं, अलग अलग बच्चों ने इन बिंदुओं के बारे में बताया। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सभी गतिविधियों के बारे में जानकारी ली और बच्चों से इन सभी का अच्छे से लाभ उठाने के लिए कहा। उन्होंने बच्चों से उनके करियर प्लान भी पूछे और खूब मेहनत कर अपने सपनों को पूरा करने की सीख दी। उन्होंने कहा जीवन में श्रेष्ठता हासिल करने का एक मात्र माध्यम शिक्षा है। आप करियर में जिस क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहते उसके लिए लगन और मेहनत से पढ़िए जिससे आप अपना उज्ज्वल भविष्य गढ़ सकें। इस दौरान मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी कौशल्या साय और स्कूल शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी भी इस दौरान साथ रहे।

पालक शिक्षक संवाद में पालकों को बच्चों के लिए यथासंभव घर में पढ़ाई के लिए मेरा कोना-स्टडी कॉर्नर के रूप में एक निश्चित स्थान तय करने की बात बताई गई। इसी प्रकार छात्रों के लिए एक आदर्श दिनचर्या कैसी हो इसकी जानकारी दी गई।बच्चों ने आज क्या सीखा के तहत पालकों की सहभागिता बढ़ाने के साथ उनकी प्रोग्रेस मॉनिटर करने में सहायता मिलेगी। ‘‘बच्चा बोलेगा बेझिझक’’ से बच्चों के अंदर स्टेज में बोलने के भय को दूर करना और पब्लिक स्पीकिंग और लीडरशिप क्वालिटी बढ़ाने पर काम होगा। बच्चों की अकादमिक प्रगति एवम परीक्षा पर चर्चा का उद्देश्य पालकों और छात्रों को परीक्षा के दौरान होने वाले तनाव को दूर करना और अच्छे अंक लाने के लिए प्रोत्साहित करना है। पुस्तक की उपलब्धता सुनिश्चित करना, बस्ता रहित शनिवार के अंतर्गत अन्य ज्ञानवर्धक गतिविधियों से छात्रों को जोड़ना, विद्यार्थियों के आयु/कक्षा अनुरूप स्वास्थ्य परीक्षण एवम पोषण की जानकारी देना, न्योता भोज के माध्यम से सामुदायिक भागीदारी को प्रोत्साहित करना, विभिन्न डिजिटल प्लेटफार्म के माध्यम से शिक्षा हेतु पालकों एवम छात्रों को अवगत कराना, विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं/ छात्रवृत्ति एवम विभागीय योजनाओं की जानकारी प्रदान करने के साथ जाति/आय/निवास प्रमाण पत्र निर्माण और नई शिक्षा नीति के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।

आदिम जाति विकास मंत्री रामविचार नेताम ने केन्द्रीय जनजातिय कार्य मंत्री जुएल ओराम से की सौजन्य मुलाकात

रायपुर-  छत्तीसगढ़ शासन के आदिम जाति, अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक विकास मंत्री रामविचार नेताम ने आज अपने दिल्ली प्रवास के दौरान केन्द्रीय जनजाति कार्य मंत्री जुएल ओराम से सौजन्य मुलाकात की। उन्होंने केन्द्रीय मंत्री श्री ओराम से छत्तीसगढ़ में अनुसूचित जाति-जनजाति सहित कमजोर व पिछड़े वर्गाें के विकास के संबंध में विस्तार से चर्चा की।

आदिम जाति मंत्री श्री नेताम ने इस दौरान केन्द्रीय जनजातीय कार्य मंत्री जुएल ओराम से प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना के तहत वर्ष 2022-23 शेष राशि 74 करोड़ 69 लाख 27 हजार रूपए जारी करने का अनुरोध किया। इस योजना के लिए वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 1653 करोड़ 71 लाख 20 हजार रूपए का प्रावधान किया गया था।

मंत्री श्री नेताम ने इस मौके पर केन्द्रीय मंत्री श्री ओराम से आदिवासी

उप योजना के विशेष केन्द्रीय सहायता योजना के तहत 162 करोड़ रूपए और छत्तीसगढ़ राज्य में संचालित एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों में गुणात्मक शिक्षा के लिए 55 करोड़ 14 लाख 35 हजार रूपए के प्रस्तावों को वर्ष 2024-25 में शामिल कर स्वीकृति प्रदान करने का भी अनुरोध किया।

मंत्री श्री नेताम ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा विशेष तौर पर बस्तर संभाग के माओवाद से प्रभावित पांच जिलों में चलाए जा रहे नियद नेल्लानार योजना, प्रदेश के विशेष पिछड़ी जनजातीय समुदाय को समाज के मुख्य धारा में लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मंशा अनुरूप संचालित प्रधानमंत्री जनमन योजना की प्रगति सहित इन वर्गाें के लिए केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं के बारे में भी जानकारी दी।

मुख्यमंत्री साय ने जशपुर जिले में चल रहे वृहत वृक्षारोपण अभियान के तहत् महतारी वंदन हितग्राही को सौंपा पौधा

रायपुर-   मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने ‘‘एक पेड़ मां के नाम’’ अभियान के तहत जशपुर जिले में चल रहे वृहत पौध वितरण अभियान का 2 लाखवां पौधा आज बंदरचुंआ की महतारी वंदन योजना की हितग्राही नीलम टोप्पो को सौंपा। गौरतलब है कि जशपुर जिले में एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत वृहत वृक्षारोपण के लिए महतारी वंदन योजना की हितग्राहियों को निःशुल्क पौधा वितरण किया जा रहा है, जिसकी शुरुआत मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बीते विगत् माह 14 जुलाई को दुलदुला से की थी। मुख्यमंत्री श्री साय ने ‘‘एक पेड़ मां के नाम’’ अभियान के तहत जशपुर जिले में चल रहे वृहत पौध वितरण अभियान के हितग्राहियों को प्रमाण पत्र भी वितरण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के साथ उनकी धर्मपत्नी कौशल्या साय उपस्थित रही।

श्रीमती टोप्पो ने बताया कि वह अपने घर के आंगन में अपनी सासु मां के नाम से यह आम का पौधा लगाएंगी। महतारी वंदन योजना को लेकर उन्होंने कहा कि उन्हें हर माह 1 हजार की राशि मिल रही है। पिछले माह मिली राशि से उन्होंने अपने बेटे ईशांत टोप्पो के लिए कॉपी, स्कूल बैग और पाठ्य सामग्री खरीद कर दिया, वह कक्षा 6 वीं का छात्र है। उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए बताया कि मैं अपने स्वयं की राशि से यह पहली बार है जब अपने बच्चे को स्कूल के लिए कुछ खरीद कर दिलवायी हूं। यह महतारी वंदन से मिली राशि से ही संभव हुआ है। महतारी वंदन की राशि का उपयोग मैं अपने दैनिक उपयोग की सामग्री क्रय करने पर व्यय करती हूं साथ ही कुछ राशि को भविष्य के लिए बचत करके रखती हूं ताकि आपात स्थिति में उस राशि का उपयोग किया जा सके।