गरीबों के इलाज वाली आयुष्मान योजना में भी घोटाला, बनाए फर्जी कार्ड ! दिल्ली, पंजाब और हिमाचल के 20 ठिकानों पर ED की रेड
केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने फर्जी आयुष्मान भारत एबी-पीएमजेएवाई आईडी कार्ड बनाने के मामले में दबिश दी है। कई अस्पतालों द्वारा योजना के उल्लंघन के मामलों के संबंध में दिल्ली, चंडीगढ़, पंजाब और हिमाचल प्रदेश में 20 स्थानों पर छापेमारी की है। ये तलाशी अभियान धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत किए गए। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा, ऊना, शिमला, मंडी और कुल्लू जिलों में भी छानबीन की गई।
ईडी की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, तलाशी के दौरान कई अस्पतालों और प्रमुख प्रबंधन कर्मियों को निशाना बनाया गया, जिनमें श्री बांके बिहारी अस्पताल, फोर्टिस अस्पताल हिमाचल हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड, सिटी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, श्री बालाजी अस्पताल, श्री हरिहर अस्पताल, सूद नर्सिंग होम, नीलकंठ अस्पताल और डॉ. विजेंद्र मिन्हास, रघुबीर सिंह बाली, डॉ. प्रदीप मक्कड़, डॉ. राजेश शर्मा, मनीष भाटिया, डॉ. मनोज सूद और डॉ. हेमंत कुमार शामिल हैं। ईडी की जांच में पता चला कि इन अस्पतालों ने 373 फर्जी आयुष्मान कार्डों के जरिए करीब 40.68 लाख रुपये का दावा किया था। फर्जी लाभार्थियों में रजनीश कुमार और पूजा धीमान शामिल थे, जिन्होंने सत्यापन के बाद ऐसे किसी भी कार्ड या इलाज के बारे में जानकारी से इनकार किया। इसके अलावा, जांच में पाया गया कि अस्पतालों ने उन उपचारों और सर्जरियों के लिए दावे किए जो वास्तव में रोगियों को कभी प्रदान नहीं किए गए थे। इस मामले में लगभग 25 करोड़ रुपये की आपराधिक आय का पता चला है और 8,937 आयुष्मान भारत गोल्डन कार्ड रद्द किए जा चुके हैं।
ईडी की तलाशी में लगभग 88 लाख रुपये की नकदी, चार बैंक लॉकर और 140 संबंधित बैंक खाते मिले। इसके अतिरिक्त, तलाशी में अचल और चल संपत्तियां, खातों की किताबें और 16 डिजिटल डिवाइस जब्त किए गए, जिनमें एबी-पीएमजेएवाई, हिमकेयर और अन्य स्वास्थ्य योजनाओं से संबंधित दावों और दस्तावेजों की जानकारी थी। जब्त किए गए दस्तावेजों से 23,000 मरीजों के लिए 21 करोड़ रुपये के संदिग्ध लेनदेन का पता चला और गंभीर विसंगतियां भी सामने आईं, जिसमें मरीजों के नाम पर दावों से संबंधित कई फाइलें गायब पाई गईं।
Aug 05 2024, 18:56