सावन की शिवरात्रि पर मंदिरों में उमड़ा आस्था का जनसैलाब
नितेश श्रीवास्तव ,भदोही । हिंदू धर्म में हर साल कुल 12 शिवरात्रि तिथि पड़ती हैं। यह शिवरात्रि तिथि हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी पर मनाई जाती हैं। इन शिवरात्रियों में महाशिवरात्रि तथा सावन शिवरात्रि बहुत धूमधाम से मनायी जाती है।
आज यानी 2 अगस्त को सावन शिवरात्रि मनाई जा रही है। सावन शिवरात्रि पर भगवान शिव तथा माता पार्वती की पूजा करना मंगलमय होता है। सावन शिवरात्रि पर व्रत रखने वाले भक्तों को व्रत कथा जरूर सुनना चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कथा का पाठ करने से सावन शिवरात्रि व्रत का पूर्ण फल मिलता है। मान्यता है कि इस दिन शिवरात्रि व्रत कथा का पाठ करने से भक्तों को बहुत लाभ होता है और उनके जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है।
सावन माह के शिवरात्रि पर शुक्रवार को शिवालयों - देवालयों में आस्था का जनसैलाब उमड़ा। कांवरियों ने पार्वती पति को जलाभिषेक कर विश्व मंगल की कामना की। महिलाओं ने देवाधिदेव महादेव की आरती उतार कर परिवार के सुख-समृद्धि की दुआ मांगी। सुबह से शुरू हुआ दर्शन पूजन का क्रम देर रात तक चलता रहा। सावन माह में भगवान भोलेनाथ की कृपा भक्तों पर बरसती है। मान्यता है कि बाबा भोलेनाथ मंदिर न पहुंचे कर घर पर ही याद करने वालों पर भी कृपा बरसाते हैं। बेल पत्र, मंदार पुष्प, भांग, धतूरा आदि चढ़ाकर मानव उनकी असीम कृपा प्राप्त कर सकता है। सावन माह के प्रत्येक सोमवार को गंगा जल से जलाभिषेक को कांवरियों का जत्था उमड़ा रहा है। इस बीच शुक्रवार को सावन माह की शिवरात्रि की महत्ता को देखते हुए बड़ी तादाद में कांवड़िए शिव मंदिरों में पहुंचे। पूरे दिन जीटी रोड पर केसरिया रंग ही दिखाई दे रहा था। ज्ञानपुर नगर स्थित बाबा हरिहरनाथ मंदिर, गोपीगंज स्थित बाबा बड़े शिव धाम और बाबा सेमराध नाथ मंदिर समेत जनपद के सभी शिवालयों में पूरे दिन पूजा पाठ का क्रम चलता रहा।आचार्यों के अनुसार सावन में दो शिवरात्रि पड़ती है। एक कृष्ण पक्ष और दूसरा शुक्ल पक्ष में पड़ता है। पांच साल बाद ऐसा संयोग बना है कि जब सर्वाद्ध योग में शिवरात्रि पड़ी है। शिव मंदिर में जाकर एक लोटा जल चढ़ाने मात्र से शिवजी प्रसन्न होते हैं। इस दिन पूजा करने से श्रद्धालुओं पर मां पार्वती और शिव जी दोनों की कृपा दृष्टि बनी रहती है। इससे सारे काम की सिद्ध होती है।
Aug 02 2024, 17:20