इस साल गर्मी ने तोड़े सारे रिकॉर्ड, 21 जुलाई बना इतिहास का सबसे गर्म दिन
#july_21_was_world_s_hottest_day_in_at_least_84_years
ग्लोबल वॉर्मिंग का भयानक असर देखा जाने लगा है। पिछले एक या दो शताब्दियों में ग्लोबल वॉर्मिंग ने पृथ्वी के जलवायु पैटर्न को बिगाड़ दिया है। दुनियाभर में भीषण गर्मी, बाढ़, बेमौसम बरसात जैसी घटनाएं आम हो चुकी हैं। इस बीच वैश्विक स्तर पर तापमान के परिवर्तन पर नजर रखने वाली एजेंसी ने झुलसा देने वाली गर्मी को लेकर आंकड़े जारी किए। यूरोपीय पर्यावरण एजेंसी कॉपरनिकस क्लाइमेट चेंज सर्विस (C3S) के अनुसार, पृथ्वी ने 21 जुलाई को पृथ्वी के हाल का इतिहास का सबसे गर्म दिन महसूस किया गया है।
कॉपरनिकस एजेंसी के आंकड़े बताते हैं कि रविवार को पृथ्वी की सतह पर वायुमंडल का औसत तापमान 17.09 सेल्सियस (62.67 फॉरेनहाइट) पर पहुंच गया, जो साल 1940 के बाद से सबसे ज्यादा है। यह पिछले साल जुलाई में रिकॉर्ड किए गए 17.08 सेल्सियम के पिछले रिकॉर्ड से थोड़ा अधिक है। पिछले साल 6 जुलाई को साल की सबसे भीषण गर्मी पड़ी थी, जिसे 21 जुलाई के इस तापमान ने तोड़ दिया है, हालांकि दोनों तापमानों में थोड़ा अंतर है, 6 जुलाई को पृथ्वी का तापमान 17.08 डिग्री सेल्सियस (62.74 डिग्री फारेनहाइट) था।
कोपरनिकस क्लाइमेट चेंज सर्विस के आंकड़ों के मुताबिक, इस साल का जून का महीना लगातार 13वां सबसे गर्म महीना रहा है, इस महीने पृथ्वी का तापमान रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। यह आंकड़ा पिछले एक साल के तापमान के आधार पर बताया गया है। कॉपरनिकस सेवा के निदेशक कार्लो बुआनटेम्पो ने कहा कि 'यह संभव है कि इस सप्ताह रविवार का रिकॉर्ड भी टूट जाए, क्योंकि दुनिया भर में गर्मी का कहर जारी है।'
कोपरनिक्स के अनुसार जून 2023 से लेकर लगातार 13 महीने की बात करें तो पर्यावरण में तेजी से बदलाव देखने को मिले हैं। उत्तरी गोलार्ध में गर्मी का प्रकोप अधिक देखने को मिला है। 21 जुलाई ग्रह पर सबसे गर्म दिन रहा है। वैज्ञानिकों ने आशंका जताई है कि पिछले साल के बाद टूटा ये रिकॉर्ड अंतिम नहीं हो सकता। अभी जुलाई के कई दिन बाकी हैं। यह रिकॉर्ड भी टूट सकता है।
रिपोर्ट में कहा गया कि पिछले सप्ताह संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोप और रूस के बड़े हिस्से में भीषण गर्मी का प्रकोप देखा गया। रूस के उन इलाकों में भी लोगों के पसीने निकल रहे थे, जहां ठंड होती है।
दुनिया बड़े पैमाने पर जलवायु परिवर्तन के संकट को टालने के लिए विशेषज्ञों द्वारा निर्धारित 1.5 डिग्री सेल्सियस की सीमा को पार करने के कगार पर खड़ी है। जुलाई इस तय सीमा के करीब पहुंचने का लगातार 13वां महीना है। सी3एस के वैज्ञानिकों के मुताबिक, पिछले साल जून के बाद से हर महीना रिकॉर्ड पर सबसे गर्म महीना रहा है।
Jul 24 2024, 12:24