दोबारा नहीं होगी नीट-यूजी परीक्षा, सुप्रीम कोर्ट का रि-एग्जाम का आदेश देने से इनकार*

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सुप्रीम कोर्ट मेडिकल प्रवेश परीक्षा के आयोजन में अनियमितताओं और कदाचार का आरोप लगाने वाली 40 से अधिक याचिकाओं पर सुनवाई हुई। इस मामले में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने केंद्र और एनटीए की तरफ से दलीलें पेश की। केस की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने दोबारा परीक्षा कराने का आदेश देने से इनकार कर दिया है। इसको साथ ही कोर्ट ने करीब 24 लाख छात्रों को बड़ी राहत प्रदान की है।

शीर्ष अदालत ने कहा कि पेपर लीक हुआ है, इसमें कोई विवाद नहीं है।सीजेआई ने कहा, अदालत ने एनटीए द्वारा रिकॉर्ड पर रखे गए डेटा की स्वतंत्र रूप से जांच की है। वर्तमान चरण में रिकॉर्ड पर साक्ष्यों या सामग्री का अभाव है। इससे यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि परीक्षा का परिणाम खराब हो गया है या परीक्षा की पवित्रता का प्रणालीगत उल्लंघन हुआ है। सीजेआई ने कहा कि सीबीआई की जांच अधूरी ही है, इसलिए हमने एनटीए से ये स्पष्ट करने को कहा था कि क्या गड़बड़ी बड़े पैमाने पर हुई है या नहीं। केन्द्र और एनटीए ने अपने जवाब में आईआईटी मद्रास की रिपोर्ट का हवाला दिया है। चीफ जस्टिस ने आगे कहा कि हमारे समक्ष प्रस्तुत सामग्री और आंकड़ों के आधार पर प्रश्नपत्र के व्यवस्थित लीक होने का कोई संकेत नहीं है, जिससे परीक्षा की शुचिता में व्यवधान उत्पन्न होने का संकेत मिले। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने नीट की दोबारा परीक्षा कराने से इंकार किया।

सीजेआई ने कहा- फिलहाल, हम दागी स्टूडेंट्स को बेदागी स्टूडेंट्स से अलग कर सकते हैं। अगर जांच के दौरान दागियों की पहचान होती है तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अगर कोई स्टूडेंट्स इस फ्रॉड में शामिल पाया जाता है तो उसे एडमिशन नहीं मिलेगा। कोर्ट ने अभी अपना फैसला सुरक्षित रखा है जिसके लिए कोई डेट जारी नहीं की है।

सीजेआई की बेंच के सामने मंगलवार को पांचवीं सुनवाई हुई। सीजेआई ने कहा- हम पेपर लीक के ठोस सबूत के बिना रीएग्जाम का फैसला नहीं दे सकते हैं। हो सकता है कि सीबीआई जांच के बाद पूरी तस्वीर ही बदल जाए, लेकिन आज हम किसी हालत में यह नहीं कह सकते कि पेपर लीक पटना और हजारीबाग तक सीमित नहीं है।

ने आगे कहा कि कोर्ट को लगता है कि इस साल के लिए नए सिरे से नीट यूजी परीक्षा आयोजित करने का निर्देश देना गंभीर परिणामों से भरा होगा, जिसका खामियाजा इस परीक्षा में शामिल होने वाले 24 लाख से अधिक छात्रों को भुगतना पड़ेगा और प्रवेश कार्यक्रम में व्यवधान पैदा होगा, साथ ही मेडिकल एजुकेशन के सिलेबस पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा, भविष्य में योग्य डॉक्टरों की उपलब्धता पर असर पड़ेगा और वंचित समूह के लिए गंभीर रूप से नुकसानदेह होगा, जिसके लिए सीटों के आवंटन में आरक्षण किया गया था।

जानिए बजट में डिफेंस को क्या मिला, अंतरिम बजट की तुलना में रक्षा क्षेत्र के आवंटन में 1.67 लाख करोड़ की कटौती

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश किया। इस बजट में कई बड़े ऐलान किए गए हैं। इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर डिजिटल टेक्नोलॉजी तक सरकार का खास ध्यान है। सरकार ने बजट में किसान, युवाओं और मिडिल क्लास पर तो फोकस किया ही है साथ ही रक्षा क्षेत्र का भी पूरा ध्यान रखा है। वित्त मंत्री ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए रक्षा सेक्टर के लिए 4.54 लाख करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया है, जो कि पिछले आवंटन 4.55 लाख करोड़ रुपये से कम है। डिफेंस बजट का 67.7% हिस्सा रेवेन्यू और पेंशन बजट को मिला है, जिसका ज्यादातर हिस्सा सैलरी-पेंशन बांटने में खर्च होता है।

अंतरिम बजट की तुलना में रक्षा क्षेत्र का आवंटन 1.67 लाख करोड़ रुपये कम

वित्त वर्ष 2024-25 के पूर्ण बजट में रक्षा क्षेत्र के लिए 4.54 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इससे पहले फरवरी में आए अंतरिम बजट में रक्षा क्षेत्र को 6.21 लाख करोड़ रुपये देने का ऐलान किया गया था। यानी चार महीने पहले आए अंतरिम बजट की तुलना में अब पूर्ण बजट में रक्षा क्षेत्र का आवंटन 1.67 लाख करोड़ रुपये कम हो गया है।

रक्षा बजट को 4 भागों में बांटा गया

रक्षा बजट को 4 भागों में बांटा गया है, इनमें पहला पार्ट है सिविल का, दूसरा हिस्सा है रेवेन्यू, तीसरा कैपिटल एक्सपैंडीचर और चौथा पेंशन। इसमें सिविल से बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन, ट्रिब्यूनल समेत सड़क व अन्य डेवलपमेंट के काम होते हैं, इसके लिए 25 हजार 963 करोड़ रुपये रखे गए हैं। रेवेन्यू बजट से रक्षा क्षेत्र में सैलरी बांटी जाती है। इसके लिए 2 लाख 82 हजार 772 करोड़ रुपये रखे गए हैं। इसके अलावा कैपिटल एक्सपैंडीचर से हथियार और अन्य जरूरी उपकरण खरीदे जाते हैं, जिसके लिए बजट में 1 लाख 72 हजार करोड़ रुपये रखे गए हैं। तीसरा और सबसे जरूरी हिस्सा होता है पेंशन, इसके लिए बजट में 1लाख 41 हजार 205 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

हथियार-उपकरण खरीद के लिए 1 लाख 72 हजार करोड़

किसी भी देश की सेना की सबसे बड़ी ताकत उसके हथियार, फाइटर प्लेन और गोला बारूद होते हैं। रक्षा बजट में हथियार और उपकरण खरीदने के लिए सरकार ने 1 लाख 72 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। इस पैसे से एयरक्राफ्ट और एयरोइंजन उपकरण खरीदे जाएंगे। इसके अलावा हैवी और मीडियम व्हीकल, अन्य हथियार और गोला बारूद खरीदे जाएंगे। इसके अलावा अन्य तकनीकी उपकरणों से भी सेना को सुसज्जित किए जाने की योजना है। सेना के लिए स्पेशल रेलवे वैगन खरीदे जाएंगे।

6 लाख करोड़ से ज्यादा की थी उम्मीद

पिछले साल आए बजट तक देखें तो बीते 4 साल के दौरान रक्षा क्षेत्र के बजट में 6.5 फीसदी की सालाना दर (सीएजीआर) से बढ़ोतरी हो रही थी. मोदी सरकार रक्षा क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने की महात्वाकांक्षी योजना पर काम कर रही है. सरकार चाहती है कि भारत अपनी रक्षा जरूरतों का ज्यादा से ज्यादा सामान खुद तैयार करे और आयात पर निर्भरता कम हो. इसके साथ ही सरकार का जोर सेनाओं के आधुनिकीकरण पर है. ऐसे में लोग रक्षा क्षेत्र का बजट 6 लाख करोड़ रुपये से तो ऊपर ही रहने की उम्मीद कर रहे थे

यूपीए सरकार में 162% तो एनडीए सरकार में 172% बढ़ा डिफेंस बजट

बता दें कि मनमोहन सिंह ने 2004 में जब पहला बजट पेश किया, तब डिफेंस को 77 हजार करोड़ रुपए मिले थे। 2013 में मनमोहन सिंह ने आखिरी बजट पेश किया, तब डिफेंस बजट 2.03 लाख करोड़ रुपए था। यानी, 10 साल में 163% का इजाफा और एवरेज ग्रोथ रेट 16.3%। 

नरेंद्र मोदी ने 2014 में जब पहला बजट पेश किया, तब डिफेंस को 2.18 लाख करोड़ रुपए मिले थे। 2023 में मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल का जब आखिरी बजट पेश किया, तब डिफेंस बजट 5.93 लाख करोड़ रुपए था। यानी, 10 साल में 172% की बढ़ोतरी और ग्रोथ रेट 17.2%। यानी, UPA के मुकाबले 0.9% ज्यादा।

धूमधाम से निकली बाबा महाकाल की प्रथम सवारी, चांदी के रथ पर निकले राजाधिराज, दर्शन को उमड़ी भीड़, CM भी हुए शामिल, लगे जयकारे

 हर साल बाबा महाकाल महाराज श्रावण मास के पहले सोमवार को अपने धाम से निकलकर नगर भ्रमण के लिए जाते हैं। इस बार भी बाबा महाकाल आज अपनी प्रथम सवारी पर निकले। बाबा महाकाल की प्रथम सवारी में भक्तों की भीड़ देखने ही लायक थी। वहीं इस मौके पर प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बाबा महाकाल के भक्तों को प्रथम सवारी शुभकामनाएं दी हैं।

भगवान महाकाल की पहली सवारी बड़ी धूमधाम से निकाली गई। बाबा चांदी की पालकी में बैठकर अपनी प्रजा को दर्शन देने के लिए निकले। प्रथम सवारी के दौरान बाबा महाकाल के मनमहेश रूप के दर्शन करने के लिए भक्तों की भीड़ देखते ही बढ़ रही थी। महाकाल भगवान की सवारी श्री महाकालेश्वर मंदिर के सभा मंडप में पूजा-अर्चना के बाद शाम 4 बजे पर आरंभ हुई। बाबा की प्रथम सवारी मंदिर के मुख्यद्वार पर पहुंची। यह सवारी महाकाल लोक गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी से होते हुए रामघाट शिप्रा तट पहुंच रही है। महाकाल महाराज की प्रथम सवारी कई सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रही है। इन वीडियों में आप सवारी के दौरान श्रद्धालुओं की भीड़ को देख सकते हैं।

राज्य के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सावन के महीने के पहले सोमवार के दिन बाबा महाकाल अपने पहले नगर भ्रमण के लिए निकलते हैं। वह इस बार भी प्रथम सवारी के लिए निकले हैं। हर बार की तरह इस बात भी देश और दुनिया से श्रद्धालु बाबा महाकाल के दर्शन करने आए हैं। इसके दौरान उन्होंने बाबा महाकाल की प्रथम सवारी के लिए उनके श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दी हैं।

मशहूर पाकिस्तानी सिंगर राहत फतेह अली खान को दुबई एयरपोर्ट पर पुलिस ने किया गिरफ्तार! चल रहा था ये विवाद

मशहूर पाकिस्तानी गायक राहत फतेह अली खान को दुबई एयरपोर्ट से हिरासत में ले लिया गया है। बताया जा रहा है कि उनके पूर्व मैनेजर ने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद पुलिस ने उनके खिलाफ एक्शन लिया है। राहत फतेह अली खान के एक्स मैनेजर का नाम सलमान अहमद है। पिछले कुछ महीने से दोनों के बीच विवाद चल रहा था। 

बताया जा रहा है कि पहले उन्हें प्लेन पर चढ़ने से रोका गया, फिर उन्हें हिरासत में लिया गया और बाद में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। उनके फॉर्मर मैनेजर सलमान अहमद ने उनके खिलाफ मामला दर्ज कराया है। राहत अपनी म्यूजिक परफॉर्मेंस के लिए दुबई गए हुए थे। बता दें, राहत एक मशहूर सिंगर हैं जिनकी दुनियाभर में भी गजब की फैन फॉलोइंग हैं। उन्होंने भारत में रहते हुए भी अपना खूब नाम कमाया। बॉलीवुड में उनके नाम से ऐसे कई गाने हैं, जो लोगों के बीच आज भी काफी मशहूर हैं। 

वीडियो में राहत फतेह अली खान अपनी गिरफ्तारी की बात को नकारते दिखे। हालांकि ऐसा उन्होंने सीधे सीधे नहीं कहा। उन्होंने गिरफ्तारी की बात को नजरअंदाज करते हुए कहा कि मैं दुबई में अपने गाने रिकॉर्ड करने के लिए आया हुआ हूं। और सब ठीक है। मैं यही आपसे गुजारिश करूंगा कि ऐसे घटिया अफवाहों पर बिल्कुल भी कान ना धरें। ऐसा कुछ भी नहीं है जैसा दुश्मन सोच रहे हैं। मैं जल्द ही अपने वतन लौटूंगा और आपको नए गाने से सरप्राइज करूंगा।

छोटे कारोबारियों के लिए अहम खबर, मुद्रा लोन की सीमा 10 लाख बढ़ी, 5 करोड़ आदिवासियों को भी लाभ देने का ऐलान

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश कर रहीं हैं। अपने बजट भाषण में सीतारमण ने भारत की अर्थव्यवस्था की निरंतर मजबूत वृद्धि और स्थिर महंगाई पर प्रकाश डाला, जो 4% के लक्ष्य के करीब है। बजट का एक महत्वपूर्ण फोकस MSME और विनिर्माण क्षेत्र पर है। संकट की अवधि के दौरान MSME को बैंक ऋण की निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए एक नई प्रणाली शुरू की गई है। इसके अतिरिक्त, प्रधानमंत्री मुद्रा ऋण की सीमा 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दी गई है, जिससे छोटे व्यवसायों को और अधिक सहायता मिलेगी।

आदिवासी समुदायों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान शुरू किया गया है। यह योजना 63,000 गांवों को कवर करेगी, जिससे आदिवासी बहुल गांवों और आकांक्षी जिलों में आदिवासी परिवारों के लिए संतृप्ति कवरेज को अपनाकर 5 करोड़ आदिवासी लोगों को लाभ होगा। युवाओं को रोजगार देने के लिए एक नई योजना 500 शीर्ष कंपनियों में 1 करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप के अवसर प्रदान करेगी। इंटर्न को 5000 रुपये प्रति माह भत्ता और 6000 रुपये की एकमुश्त सहायता मिलेगी, जिसका उद्देश्य उनके कौशल और रोजगार क्षमता को बढ़ाना है।

बजट में महिलाओं और लड़कियों पर भी ध्यान दिया गया है, जिसमें उन्हें लाभ पहुंचाने वाली योजनाओं के लिए 3 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसके अतिरिक्त, बैंकिंग पहुंच में सुधार के लिए पूर्वोत्तर क्षेत्र में इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक की 100 से अधिक शाखाएँ स्थापित की जाएँगी। देश की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पोलावरम सिंचाई परियोजना को पूरा करने पर जोर दिया गया है। इसके अलावा, विशाखापत्तनम-चेन्नई औद्योगिक गलियारे में कोप्पर्थी क्षेत्र और हैदराबाद-बेंगलुरु औद्योगिक गलियारे में ओर्वाकल क्षेत्र में विकास के लिए धन आवंटित किया जाएगा। ये उपाय आर्थिक स्थिरता, एमएसएमई के लिए समर्थन, आदिवासी समुदायों में सुधार, युवा रोजगार, महिला कल्याण और क्षेत्रीय विकास के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।

*'ये भारत को समृद्ध करने वाला बजट' पीएम मोदी ने कहा-हर वर्ग को मिलेगी ताकत

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वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को देश का सालाना बजट पेश किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे देश को नई ऊंचाई पर ले जाने वाला बजट बताते हुए वित्तमंत्री सीतारमण की तारीफ की है।उन्होंने कहा कि यह बजट समाज के हर वर्ग को शक्ति देने वाला है। यह देश के गांव, गरीब, किसान को समृद्धि की राह पर ले जाने वाला है। पिछले 10 वर्षों में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं। नौजवानों को अनगिनत नए अवसर देने वाला बजट है। इस बजट से शिक्षा और स्किल को नई ऊंचाइ मिलेगी।

छोटे व्यापारियों, एमएसएमई को उनकी प्रगति का नया रास्ता मिलेगा-पीएम मोदी

पीएम ने कहा कि इस बजट से छोटे व्यापारियों, एमएसएमई को उनकी प्रगति का नया रास्ता मिलेगा। बजट में मैन्युफैक्चरिंग पर भी बल है और इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी बल है। इससे आर्थिक विकास को नई गति मिलेगी। पिछले 10 वर्षों में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि गरीब, मिडिल क्लास को टैक्स में छूट दी गई है। TDS के नियमों को सरल किया गया है। पूर्वी भारत के विकास को जोड़ दिया गया है।

रोजगार और स्वरोजगार के अभूतपूर्व अवसर देना हमारी सरकार की पहचान-पीएम मोदी

पीएम ने कहा कि रोजगार और स्वरोजगार के अभूतपूर्व अवसर देना हमारी सरकार की पहचान रही है। आज का बजट इसे और मजबूत करता है।प्रधानमंत्री के अनुसार, इस बजट में सरकार ने एमप्लॉयमेंट लिंक्ड इंसेटिव का एलान किया है। इस योजना के तहत जीवन में पहली नौकरी पाने वाले युवा की पहली तनख्वाह हमारी सरकार देगी। कौशल विकास और उच्च शिक्षा के लिए मदद हो या फिर एक करोड़ नौजवानों को इंटर्नशिप की योजना, इसे युवाओं के, गरीब के, मेरे बेटे-बेटी, देश की टॉप कंपनियों में काम करेंगे। उनके लिए संभावनाओं के नए द्वार खुलेंगे।

किसानों पर बड़ा फोकस

पीएम ने कहा, ‘इस बजट का एक बहुत बड़ा फोकस देश के किसान हैं। अन्न भंडारण के लिए दुनिया की सबसे बड़ी स्कीम के बाद अब हम सब्जी उत्पादन क्लस्टर बनाने जा रहे हैं। इससे छोटे किसानों को सब्जियों-फल, अन्य उपज के लिए नए बाजार मिलेंगे और बेहतर दाम मिलेंगे।’

'अगर आपके पास पैसे हैं, तो आप भारतीय शिक्षा प्रणाली को खरीद सकते हैं..', NEET पर संसद में बोले राहुल गांधी

 संसद के बजट सत्र में आज सोमवार (22 जुलाई) को पहले ही दिन तीखी नोकझोंक हो गई जब कांग्रेस सांसद और विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) 2024 में कथित लीक को लेकर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान पर हमला बोला। राहुल गांधी ने कहा, "पूरे देश के सामने यह बात स्पष्ट है कि हमारी परीक्षा प्रणाली में बहुत गंभीर समस्या है, सिर्फ NEET में ही नहीं बल्कि सभी प्रमुख परीक्षाओं में फ्रॉड है। इस पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए प्रधान ने कहा कि, "सिर्फ़ चिल्लाने से झूठ सच नहीं हो जाता। विपक्ष के नेता का यह कहना कि देश की परीक्षा प्रणाली बकवास है, बेहद निंदनीय है।"

राहुल गांधी ने आगे कहा कि, ''मंत्री (धर्मेंद्र प्रधान) ने खुद को छोड़कर सभी को दोषी ठहराया है। मुझे नहीं लगता कि उन्हें यहां चल रही बुनियादी बातों की समझ भी है।" राहुल गांधी ने भारतीय परीक्षा प्रणाली की अखंडता पर चिंता व्यक्त करते हुए दावा किया कि लाखों छात्र मानते हैं कि यह धोखाधड़ी है। उन्होंने कहा, "लाखों लोग मानते हैं कि अगर आप अमीर हैं और आपके पास पैसा है, तो आप भारतीय परीक्षा प्रणाली को खरीद सकते हैं और विपक्ष भी यही सोचता है।" उन्होंने इस मामले पर एक दिन की अलग चर्चा की मांग की।

हालांकि, प्रधान ने गांधी के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि पिछले 7 वर्षों में 70 पेपर लीक का कोई सबूत नहीं मिला है, ऐसा कोई डाटा मौजूद नहीं है। हाँ कुछ गड़बड़ियां हुईं हैं, जो सुप्रीम कोर्ट के समक्ष विचाराधीन हैं। यह (NEET) मामला भी सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। मैं पूरी जिम्मेदारी के साथ कह सकता हूं कि NTA के बाद 240 से अधिक परीक्षाएं सफलतापूर्वक आयोजित की गई हैं।" शिक्षा मंत्री को और घेरने के प्रयास में राहुल गांधी ने पूछा, "चूंकि यह (NEET) एक व्यवस्थित मुद्दा है, तो आप इस मुद्दे को ठीक करने के लिए वास्तव में क्या कर रहे हैं?" 

इस पर प्रधान ने संसद में राहुल के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि सरकार ने प्रतियोगी परीक्षाओं में गड़बड़ी और अनियमितताओं से निपटने के उद्देश्य से एक नया कानून बनाया है। मंत्री ने याद दिलाया कि पूर्ववर्ती UPA सरकार में भी इसी तरह के विधेयक पेश किए गए थे, मगर सत्तारूढ़ कांग्रेस ने "दबाव में" उन्हें रद्द कर दिया था। चर्चा तब और अधिक विवादास्पद हो गई जब समाजवादी पार्टी के सांसद अखिलेश यादव भी इस मुद्दे से निपटने के सरकार के तरीके की आलोचना करते हुए इसमें शामिल हो गए।

यादव ने कहा, "यह सरकार पेपर लीक का रिकॉर्ड बनाएगी।" "कुछ केंद्र ऐसे हैं जहां 2,000 से ज़्यादा छात्र पास हो गए हैं। जब तक यह मंत्री (शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान) वहां हैं, छात्रों को न्याय नहीं मिलेगा।" अखिलेश को जवाब देते हुए प्रधान ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार नतीजे सार्वजनिक किए गए हैं। उन्होंने कहा, "मैं राजनीति नहीं करना चाहता, लेकिन मेरे पास अखिलेश यादव के शासनकाल में कितने पेपर लीक हुए, इसकी सूची है।"

MP सरकार ने लाड़ली बहनों को दिया रक्षाबंधन का तोहफा, खाते में आएगा एक्स्ट्रा पैसा, जनप्रतिनिधि बंधवाएंगे राखी

 मध्य प्रदेश की लाड़ली बहनों को लेकर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बड़ा ऐलान किया है। सीएम यादव ने बताया है कि राखी के त्यौहार को देखते हुए अगस्त के महीने में 1 तारीख को लाड़ली बहनों के खाते में 250 रुपये अतिरिक्त डाले जाएंगे। ये सरकार की तरफ से लाड़ली बहनों को तोहफा है, वैसे तो प्रत्येक बहन को 1250 के अलावा अतिरिक्त 250 रूपए ही मिलेंगे, लेकिन लाखों लाड़ली बहना होने की वजह से इसका सरकारी ख़ज़ाने पर भार भी पड़ेगा। उसको देखते हुए सरकार ने फैसला लिया है। 

रिपोर्ट के अनुसार, मध्य प्रदेश में कुल 1।29 करोड़ लाडली बहनें हैं, जिन्हें इसका लाभ मिलेगा। रक्षा बंधन से पहले बहनों को सीएम मोहन यादव ने ये सौगात दी है। सावन माह में हर लाडली बहन के खाते में आने वाली एक तारीख को 250 रुपए एक्स्ट्रा किए जाएंगे। यह राशि हर महीने जारी होने वाली 1250 रुपए की राशि से अलग होगी। लाडली बहनों को प्रति माह मिलने वाले 1250 रुपए पूर्वानुसार उनके खाते में जारी किए जाएंगे। यानी कि अगस्त के माह ने में लाड़ली बहनों के अकाउंट में कुल 1500 रुपये डाले जाएंगे। 

सीएम मोहन यादव ने जनप्रतिनिधियों से रक्षाबंधन के पर्व पर सावन महीने में अपने-अपने क्षेत्र की बहनों से राखी बंधवाने का आव्हान भी किया। बैठक में सीएम यादव ने कहा भारतीय संस्कृति में सावन माह का विशेष महत्व है। सावन माह में हर लाडली बहन के अकाउंट में आने वाली एक तारीख को ढाई सौ रुपए अंतरित किए जाएंगे।

कांग्रेस ने किया था वादा, और भाजपा ने बजट में रखा..! वित्त मंत्री के किस ऐलान पर खुश हो गई पार्टी, डिटेल में जानिए ...

 आज मंगलवार (23 जुलाई) को निर्मला सीतारमण द्वारा 2024 के लिए बजट प्रस्ताव की रूपरेखा प्रस्तुत किए जाने पर विपक्षी नेताओं की प्रतिक्रियाएँ सामने आई हैं। केंद्र सरकार के चुनाव के बाद के पहले बजट में रोजगार सृजन और ग्रामीण क्षेत्रों पर विशेष जोर दिया गया और साथ ही किसानों और आदिवासियों के लिए बड़े ऐलान किए गए।

इसको लेकर कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने तंज कसते हुए कहा कि, "मुझे यह जानकर खुशी हुई कि वित्त मंत्री ने चुनाव नतीजों के बाद कांग्रेस का लोकसभा घोषणापत्र पढ़ा है। मुझे खुशी है कि उन्होंने कांग्रेस घोषणापत्र के पेज 30 पर उल्लिखित रोजगार-संबंधी प्रोत्साहन को वस्तुतः अपना लिया है। मुझे यह भी खुशी है कि उन्होंने कांग्रेस घोषणापत्र के पेज 11 पर उल्लिखित प्रत्येक प्रशिक्षु को भत्ते के साथ प्रशिक्षुता योजना शुरू की है। मैं चाहता हूं कि वित्त मंत्री ने कांग्रेस घोषणापत्र में कुछ अन्य विचारों की नकल की होती।" 

कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव जयराम रमेश ने भी आरोप लगाया कि इंटर्नशिप योजना को भाजपा ने मनमाने लक्ष्यों के साथ 'सुर्खियाँ बटोरने' के लिए संपादित किया है - जैसे कि 1 करोड़ इंटर्नशिप का वादा। उन्होंने जवाब दिया कि कांग्रेस ने सभी डिप्लोमा धारकों और स्नातकों के लिए एक कार्यक्रमगत गारंटी का वादा किया था। मंगलवार को सीतारमण ने बिहार और आंध्र प्रदेश के लिए कई बड़ी घोषणाएं कीं, जहां फिलहाल भाजपा की सहयोगी पार्टियां शासन कर रही हैं। इसमें बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने और विशेष वित्तीय सहायता शामिल है। हालांकि, विपक्ष ने इन घोषणाओं की आलोचना की और बिहार की पूर्व सीएम राबड़ी देवी ने आवंटन को अपर्याप्त बताया।

राजद नेता ने कहा, "राज्य में हत्याएं और चोरियां हो रही हैं। मजदूरों को उनकी मजदूरी नहीं मिल रही है। युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है और किसानों की समस्याएं बरकरार हैं... बिहार को आवंटित 26,000 करोड़ रुपये एक झुनझुना है।"

वित्त मंत्र ने क्या घोषणा की ?

निर्मला सीतारमण ने बजट में घोषणा की है कि मोदी सरकार की 5वीं नई योजना के तहत 500 बड़ी कंपनियों में इंटर्नशिप को बढ़ावा दिया जाएगा। सरकार की इंटर्नशिप योजना से 1 करोड़ युवाओं को लाभ मिलेगा। साथ ही हर महीने 5 हजार रुपये का इंटर्नशिप भत्ता भी प्रदान किया जाएगा। इसके साथ ही जो युवा अपनी इंटर्नशिप पूरी कर लेते हैं उन्हें अलग से 6 हजार रुपये भी प्रदान किए जाएंगे। दरअसल, सरकार का शुरू से जोर पढ़ाई के साथ कौशल विकास पर रहा है, इसके लिए ये योजना लाइ गई है। इससे पहले मोदी सरकार स्किल इंडिया योजना के तहत युवाओं को कौशल प्रदान कर रही है।

सोना-चांदी से लेकर मोबाइल फोन तक हुआ सस्ता, जान लें बजट के बाद कितना कम हो जाएगा दाम

#whatwillbecheaperafterbudget2024 

वित्त मंत्री निर्मला सीतारण ने आज आम बजट पेश किया। इस दौरान सभी की निगाहें इस बात पर टिकी रहीं कि बजट में किन-किन चीजों के दाम सस्ते होंगे। सीतारमण ने कई अहम उत्पादों पर टैक्स बढ़ाने और घटाने का एलान किया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को आम बजट 2024 पेश करने के दौरान सोना, चांदी और प्लेटिनम पर कस्टम ड्यूटी में कटौती करने का ऐलान कर दिया है। इस कटौती के बाद ये बहुमूल्य धातुएं सस्ती हो जाएंगी। सोने और चांदी पर सीमा शुल्क घटाकर 6% और प्लैटिनम पर 6.5% किया जाएगा। सरकार के इस ऐलान के बाद देश में सोने और बहुमूल्य धातु के आभूषणों में घरेलू मूल्य संवर्धन को बढ़ावा मिल सकेगा।

अब इस छूट को आम भाषा में इस तरह समझ सकते हैं कि अगर आप आज 10 ग्राम 22 कैरेट सोने का जेवर खरीदते हैं तो अभी इसकी कीमत 67,510 रुपये है। फिलहाल इस पर 15 फीसदी कस्टम ड्यूटी यानी 10,126 रुपये का आयात शुल्क जुड़ा होता है। हालांकि अब वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2024-25 में कस्टम ड्यूटी घटाकर 6 फीसदी करने का ऐलान किया है। ऐसे में अब यही सोना करीब 62000 रुपये का पड़ेगा। यानी बजट के इस ऐलान के बाद 10 ग्राम सोने का जेवर करीब 5 हजार रुपये तक सस्ता हो जाएगा। 

वहीं चांदी की बात करें तो आज एक किलोग्राम चांदी की कीमत 88,983 रुपये है। इस पर भी 15% कस्टम ड्यूटी के हिसाब से 12 हजार रुपये का टैक्स लगता है। वहीं अब 6% कस्मट ड्यूटी के हिसाब से जोड़े तो अब यह करीब 7000 रुपये सस्ता पड़ेगा। दूसरी तरफ 10 प्लैटिनम की कीमत 15.4 फीसदी इंपोर्ट ड्यूटी के साथ आज 25,520 रुपये है, जो अब करीब 2000 रुपये सस्ता हो जाएगा।

ये चीजें भी होंगी सस्ती

1. कैंसर से जुड़ी तीन दवाओं पर कस्टम ड्यूटी हटाई गई। एक्सरे ट्यूब और फ्लैट पैनल डिटेक्टर पर भी आयात शुल्क हटाया गया।

2. मोबाइल फोन और पार्ट्स- पीसीबी और मोबाइल फोन चार्जर पर कस्टम ड्यूटी 15 फीसदी घटी।

3. 25 आवश्यक खनिजों पर सीमा शुल्क नहीं। 

4. सोलर सेल और सोलर पैनल के निर्माण की वस्तु पर टैक्स में छूट।

इन चीजों के लिए चुकानी होगी ज्यादा कीमत

1. पीवीसी फ्लेक्स बैनर का आयात करना महंगा होगा।

2. कुछ दूरसंचार उपकरणों का आयात महंगा होगा। आधारभूत कस्टम ड्यूटी 10% से बढ़ाकर 15% की गई। मेक इन इंडिया के तहत देश में बने सस्ते घरेलू उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए सरकार का एलान।