गोंडा ट्रेन हादसा: जिला प्रशासन और राहत टीमों की तत्परता और संयुक्त प्रयासों से राहत कार्यों को मिली बड़ी सफलता


गोण्डा। जनपद के मोतीगंज- झिलाही स्टेशनों के बीच गुरुवार को हुई ट्रेन दुर्घटना एक गंभीर और दुखद घटना थी, लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों त्वरित और सक्रिय प्रतिक्रिया ने इसे एक बड़ी त्रासदी बनने से रोका।


मंडलायुक्त देवीपाटन शशि भूषण लाल सुशील की देखरेख और जिलाधिकारी नेहा शर्मा के नेतृत्व में राहत और बचाव कार्यों की कुशलता ने यह साबित कर दिया कि जब प्रशासनिक अधिकारी तत्पर और समर्पित होते हैं, तो किसी भी आपदा का सामना कुशलतापूर्वक किया जा सकता है। प्रशासन और राहत टीमों की संयुक्त प्रयासों से बड़ी संख्या में लोगों की जान बचाई जा सकी और उन्हें समय पर मदद उपलब्ध कराई जा सकी। इस पूरे राहत और बचाव कार्यों को सफल बनाने में ग्रामीणों की भूमिका भी काफी अहम रही।

गोण्डा के मोतीगंज- झिलाही स्टेशनों के बीच पिकौरा गांव में यह हादसा हुआ। गुरुवार दोपहर के करीब 2.40 बजे इसकी सूचना प्राप्त हुई। जिला प्रशासन द्वारा तत्काल एम्बुलेंस की व्यवस्था की गई। करीब 14 मिनट यानी 2.54 बजे तक एम्बुलेंस मौके पर पहुंच गई थी। जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने खुद मौके पर पहुंचकर राहत व बचाव कार्यों की कमान संभाली। उन्होंने घायलों के इलाज और फंसे हुए लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने की व्यवस्था की। डीएम की तत्परता और कुशलता के कारण राहत कार्यों में तेजी आई और पीड़ितों को समय पर सहायता मिल सकी। वहीं, पुलिस अधीक्षक विनीत जयसवाल की मौजूदगी में पुलिस विभाग ने इस राहत व बचाव कार्य को और तेजी दी।

*900 से ज्यादा अधिकारी-कर्मचारी लगे*

जिला प्रशासन,  पुलिस विभाग, आपदा राहत विभाग, स्वास्थ्य विभाग, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमों ने मिलकर राहत और बचाव कार्यों को आगे बढ़ाया। सिर्फ प्रशासन की ओऱ से 900 से ज्यादा अधिकारियों और कर्मचारियों को राहत कार्य में लगाया गया। इसके अतिरिक्त एनडीआरएफ के एक और एसडीआरएफ की चार टीमों ने लोगों को सुरक्षित निकालने में अहम भूमिका निभाई। घटनास्थल पर पानी, भोजन और मेडिकल सहायता की व्यवस्था तुरंत की गई।

*बसों और छोटी गाड़ियों से लोगों को निकाला*

घायलों को एम्बुलेंस और अन्य साधनों से अस्पताल पहुंचाया गया। इस दौरान करीब 40 एम्बुलेंस लगाई गई। जिनमें, 175 से ज्यादा लोगों को घटना स्थल से निकाला गया।  जबकि अन्य यात्रियों को करीब 22 बसों और 16 छोटे वाहनों से निकटतम रेलवे स्टेशन तक ले जाया गया। यहां तक की डीएम स्कॉर्ट की गाड़ी से भी यात्रियों को निकाला गया।
डीएम ने यह सुनिश्चित किया कि सभी यात्रियों को आवश्यक सहायता प्राप्त हो और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाए। यात्रियों को बसों से रेलवे स्टेशन और बस स्टेशन पर पहुंचाने का काम किया गया।

जिला प्रशासन ने पीड़ितों को तुरंत राहत उपलब्ध कराने को प्राथमिकता दी और सभी साधनों का उपयोग करते हुए पीड़ितों को मनकापुर और अन्य स्थानों तक सुरक्षित पहुंचाया।

*राहत सामग्री का वितरण*
राहत कार्यों में 1200 लंच पैकेट, ढाई हजार पानी की बोतलें, 1000 पैकेट बिस्किट, ढाई सौ दर्जन केले और 400 चाय के वितरण की व्यवस्था की गई। इसके अलावा, दवाइयों का भी व्यापक स्तर पर वितरण किया गया, ताकि घायलों को तुरंत चिकित्सा सहायता मिल सके।

*स्पेशल ट्रेन में लिया यात्रियों का हाल*
जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने शाम 6.30 बजे तक  एक-एक यात्री को घटना स्थल से निकाल कर सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया। यहां से निकलकर वह सीधे मनकापुर रेलवे स्टेशन पहुंची। सांसद कीर्तिवर्धन सिंह के साथ कमिश्नर शशि भूषण लाल सुशील भी मौजूद थे। सांसद गोंडा/केन्द्रीय राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह को पूरे प्रकरण की जानकारी देने के बाद मंडलायुक्त देवीपाटन मंडल और जिलाधिकारी ने स्पेशल ट्रेन में बैठे यात्रियों से उनका हालचाल लिया। गोरखपुर प्रशासन एवं रेलवे से समन्वय कर रात्रिकालीन भोजन की व्यवस्था भी गोरखपुर में सुनिश्चित की गई। रात करीब 9 बजे स्पेशल ट्रेन को रवाना करने के बाद मंडलायुक्त देवीपाटन मंडल और जिलाधिकारी जिला अस्पताल में पीड़ितों से मिलने पहुंचे।
ट्रेन हादसे के बाद राहत कार्य जारी रहा

गोण्डा । जनपद में हुए दुखद ट्रेन हादसे के बाद राहत कार्य शुक्रवार को भी जारी रहा। जिलाधिकारी  नेहा शर्मा ने सुबह जिला अस्पताल और रेलवे के संबद्ध एससीपीएम अस्पताल में भर्ती यात्रियों की स्थिति का जायजा लिया।

रेलवे और जिला अस्पताल के डॉक्टरों की संयुक्त टीम की निगरानी में इसका इलाज चल रहा है। 

वहीं, एसडीआरएफ व रेलवे की संयुक्त टीम को रेल बोगियों एवं ट्रैक की जांच के दौरान आज प्रातःकाल एक यात्री का शव 02 बोगियों के बीच से बरामद हुआ है, जिसके शिनाख्त की कार्यवाही की जा रही है। इस प्रकार ट्रेन दुर्घटना में मृतकों की कुल संख्या 04 हो गई है। रेलवे ट्रैक की मरम्मत व इसे शीघ्र चालू कराने का कार्य प्रगति पर है। 

- डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस दुर्घटना के राहत व बचाव कार्यों में जिला प्रशासन की ओर से 900 से ज्यादा अधिकारियों और कर्मचारियों को लगाया गया।
- 40 एम्बुलेंस की मदद से घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया।
- 22 बसों और 15 छोटी गाड़ियों से यात्रियों को मनकापुर रेलवे स्टेशन तक पहुंचाया गया।
- 1200 लंच पैकेट्स, 2500 पानी की बोतल, 1000 पैकेट बिस्कुट, 250 दर्जन केला और 400 चाय का वितरण किया गया।
- प्राथमिक उपचार के लिए दवाएं उपलब्ध कराई गई।
डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस हादसा:बोगी के नीचे से एक शव भी बरामद

मनकापुर (गोंडा)। गुरुवार को मोती गंज-झिलाही स्टेशनों के मध्य डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस के दुर्घटनाग्रस्त बोगियां को हटा दिया गया है बोगी के नीचे से एक शव भी बरामद किया गया है जिससे मृतकों की संख्या बढ़कर चार हो गई है दुर्घटना स्थल पर रेलवे ,पुलिस, प्रशासनिक वरिष्ठ अधिकारी कैंप कर रहे हैं 24 घंटे बीत जाने के बाद भी रेलवे ट्रैक को बहाल नहीं किया जा सका है ।

इंजीनियरिंग विभाग के रेलवे कर्मी मौके पर युद्ध स्तर पर ट्रैक को बहाल करने में जुटे हुए हैं ट्रैक बहाल होने में अभी और कई घंटे लग सकते हैं दूसरे दिन भी पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल ने दुर्घटना स्थल का बारीकी से निरीक्षण किया और अधीनस्थ अधिकारियों को कैंप कर छानबीन  करने के लिए निर्देशित किया । दुर्घटना स्थल का डीआरएम सौम्या माथुर पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मंडल व आरपीएफ के आईजी ने दौरा कर दुर्घटना का जायजा लिया दुर्घटना के बाद रेल मंत्रालय ने उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं।

उधर सी आर एस के नेतृत्व में एक अलग टीम भी जांच करेगी  रेलवे के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि दुर्घटना की जांच के लिए टीमें गठित कर दी गई हैं और जल्द ही जांच रिपोर्ट सामने आएगी, उधर डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस के चालक की माने तो दुर्घटना के दौरान रेलवे ट्रैक पर तेज धमाका हुआ था इसके बाद ट्रेन  बेपटरी हो गई थी पुलिस गहराई से इस मामले की भी जांच में जुट गई है पुलिस अधीक्षक ने क्षेत्राधिकारी मनकापुर के नेतृत्व में एक टीम गठित कर किसी प्रकार की गड़बड़ी की आशंका की जांच के निर्देश दिए हैं । माना जा रहा है कि किसी प्रकार की साजिश का डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस ट्रेन शिकार तो नहीं हुई जिसे इतना बड़ा हादसा हो गया।

उधर रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर कैंप कर रहे हैं गोंडा- मनकापुर रेलवे ट्रैक बहाल ना होने से पैसेंजर समेत कई ट्रेनों को दूसरे दिन  भी निरस्त किया गया है जबकि कई ट्रेनों का रूट डायवर्जन कर गोरखपुर से बढ़नी वाया बलरामपुर के रास्ते चलाया जा रहा है जबकि कुछ ट्रेनों को गोरखपुर मनकापुर अयोध्या के रास्ते बाराबंकी लखनऊ के रास्ते चलाया जा रहा है इससे यात्रियों को भारी असुबिधा का सामना करना पड़ा ।

डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस के बेपटरी होने से कई सवाल उठ खड़े हुए हैं अब तक झिलाही- मोतीगंज के बीच एक दशक के बीच यह तीसरी ट्रेन दुर्घटना है लोगों का मानना है कि किसी आतंकी साजिश की भी जांच होनी चाहिए ? आखिर ट्रेन दुर्घटना का जिम्मेदार कौन है, इस पर भी प्रश्न चिन्ह लगा हुआ है, क्या डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस ट्रेन में हाई सिक्योरिटी सिस्टम काम नहीं कर रहा था यह सवाल भी उठ खड़ा हुआ है ?
स्वयंसेवकों और समाजसेवियों ने प्रशासन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर जमकर योगदान किया

नवाबगंज (गोंडा) ।गोंडा से मनकापुर रेल मार्ग पर गुरुवार को चंडीगढ़ से डिब्रूगढ़ ट्रेन मे हुए रेल हादसे मे स्वयंसेवकों और समाजसेवियों ने प्रशासन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर जमकर योगदान किया। वही स्थानीय लोग भी चारपाई पर लिटाकर घायलों को एंबुलेंस तक पहुंचाया। केन्द्रीय राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह उर्फ राजा भैया घटना के बाद से देर रात करीब नौ बजे तक घायलों और प्रशासन के बीच बने रहे। मौके पर वह जहा घायलों के लिए उचित इलाज के साथ साथ यात्रा कर रहे अन्य लोगों की कोई समस्याओं का सामना ना करना पडे इसके लिए लगातार रेलवे के अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश देते नजर आये । जैसा कि मालूम है कि गुरुवार को ट्रेन संख्या 15904 चंडीगढ़ से डिब्रूगढ़ जाने वाले ट्रेन का गोंडा से मोतीगंज रेलखंड के मध्य डाउन लाइन पर दुर्घटना हो गया इस घटना मे चार लोगों की मौत हो गया । वही करीब तीस लोग घायल हो गये घायलों को राष्ट्रीय स्वयंसेवकों ने जिला हास्पिटल जाकर ब्लड डोनेट किया राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ सदस परविंद वर्मा ने घटना के बाद की हालात अपने शब्दो मे बया किया तथा संगठन के निर्देश पर स्वयंसेवक संघ के लोगों ने ब्लड डोनेट किया तथा घटना स्थल पर यात्रियों के बिखरे सामानों को भी उठाकर यात्रियों को सौपा तथा अपने गाडियों को भी लगाकर लोगों को तिराहे और चौराहे तक पहुंचाया भी उक्त जानकारी नंदिनी नगर के जिला कार्यवाह रविंद्र ने दूरभाष पर जानकारी दी । इस मौके पर स्वयसेवक परविंद वर्मा हर्षवर्धन पांडेय रामगोपाल तिवारी विजय उपाध्याय शारदाकांत पांडेय रिंकू बाबा अखिलेश त्रिपाठी रतनदेव तिवारी पिंकू शुक्ला गिरजाशंकर पांडेय अंकित सिंह बाबूलाल शास्त्री कमलेश पांडेय कीर्तीवर्धन पांडेय सहित तमाम लोग मौजूद रहे ।
पुलिस अधीक्षक द्वारा झिलाही रेलवे स्टेशन के पास हुई दुःखद रेल दुघर्टना के दृष्टिगत मौके का निरीक्षण किया गया


गोण्डा। थाना मोतीगंज क्षेत्रांतर्गत झिलाही रेलवे स्टेशन के निकट टिकौरा गांव के पास समय करीब 14ः35 बजे चण्डीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस डिरेल हो गयी थी । प्राप्त सूचना पर स्थानीय पुलिस तथा पुलिस अधीक्षक गोण्डा  विनीत जायसवाल द्वारा तत्काल पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर पहुॅचकर राहत एवं बचाव का कार्य किया गया , तथा घायलों को समुचित ईलाज हेतु एम्बुलेंस की सहायता से सीएचसी मनकापुर, जिला अस्पताल गोण्डा व एससीपीएम गोण्डा में भिजवाया गया ।

दुघर्टना में अभी तक चार लोगो की मृत्यु हुई है जिनके शव के पंचायतनामा की कार्यवाही कर पोस्टमार्टम हेतु भिजवाया गया है । फोरेंसिक टीम को भी जांच हेतु मौके पर बुलाया गया । आज दिनांक 19.07.2024 को पुलिस अधीक्षक गोण्डा द्वारा पुनः घटना स्थल पर पहुॅचकर घटनास्थ्ल निरीक्षण किया गया । पुलिस द्वारा दुघर्टनाग्रस्त ट्रेन  के लोको पायलट और सहायक लोको पायलट से भी घटना के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी प्राप्त की गयी । पुलिस अधीक्षक द्वारा रेलवे के अधिकारियों से बात कर रिस्टोरेशन कार्य के प्रगति के संबंध में जानकारी प्राप्त की तथा वहां ड्यूटीरत पुलिसकर्मियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए ।
धान की सीधी बुवाई एवं स्री पद्धति अपनाने से बढ़ेगी पैदावार

मनकापुर(गोंडा)। आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या के अधीन संचालित कृषि विज्ञान केंद्र मनकापुर  एवं पानी संस्थान के तकनीकी मार्गदर्शन में जनपद गोंडा के कृषकों द्वारा धान की सीधी बुवाई, स्री पद्धति से रोपाई एवं पंक्तियों में धान की रोपाई का क्षेत्रफल काफी बढ़ा है । इससे धान की पैदावार बढ़ने की संभावना है।

डॉ. रामलखन सिंह वरिष्ठ वैज्ञानिक शस्य विज्ञान ने बताया कि धान की सीधी बुवाई, स्री पद्यति से रोपाई एवं पंक्तियों में रोपाई करने से प्रति इकाई क्षेत्र में पौधों की संख्या उचित रहती है । इससे पौधों का विकास अच्छा होता है तथा फसल की उपज लगभग सवा गुना बढ़ जाती है। स्री पद्धति में सब्जियों की पौध की तरह ही धान की पौध  तैयार की जाती है। बीज की बुवाई करते समय कार्बनिक खाद की एक पर्त बीज के नीचे बिछा दी जाती है। बुवाई के पश्चात बीज को गोबर की सड़ी खाद या कंपोस्ट खाद की पतली पर्त से ढक देते हैं । रोपाई वाले खेत को लेजर लैंड लेवलर से समतल कर लिया जाता है।

अच्छी तरह से तैयार खेत में 8 से 14 दिन पुरानी पौध की रोपाई की जाती है। पौध निकालने के आधा घंटे के अंदर पौध की रोपाई की जाती है। पंक्ति से पंक्ति की दूरी 25 सेमी. तथा पौधे से पौधे के बीच की दूरी 25 सेंटीमीटर रखी जाती है। इस तरह एक वर्ग मीटर में केवल 16 पौधों की रोपाई की जाती है। एक स्थान पर मात्र एक स्वस्थ पौधे की रोपाई करते हैं। खेत समतल होने तथा एकांतरित सिंचाई करने के कारण सिंचाई जल में काफी बचत होती है। लगभग डेढ़ गुना पैदावार मिलती है । साथ ही बीज, सिंचाई जल, श्रम एवं समय में भारी बचत होती है ।

बलराम मिश्रा विशेषज्ञ पानी संस्थान ने बताया कि जनपद गोंडा में अभी तक 500 एकड़ क्षेत्रफल में धान की सीधी बुवाई तथा 300 एकड़ क्षेत्रफल में एसआरआई पद्धति द्वारा धान की रोपाई की गई है । विकासखंड मनकापुर के प्रगतिशील कृषकों अतुल कुमार सिंह कुंवरानी कृष्णा कुमारी फॉर्म फिरोजपुर,  विनोद कुमार तिवारी दुलहिया नानकर, राजेश कुमार वर्मा छिटईजोत,ज्योति यादव खरगूपुर आदि द्वारा धान की सीधी बुवाई, एसआरआई पद्धति या धान की पंक्तियों में रोपाई को अपनाया गया है। एसआरआई पद्धति को संक्षेप में स्री पद्धति कहते हैं । प्रगतिशील कृषकों द्वारा धान की वैज्ञानिक खेती अपनाने से पैदावार में काफी वृद्धि होने की संभावना है।
‘ऑपरेशन कनविक्शन’ के तहत प्रभावी पैरवी से 03 हत्याभियुक्तों को हुई आजीवन कारावास व रूपए 20,000/- के अर्थदण्ड की सजा
  गोण्डा। पुलिस उपमहानिरीक्षक देवीपाटन परिक्षेत्र के नेतृत्व में चलाए जा रहे अभियान ‘ऑपरेशन कनविक्शन’ जिसकी मॉनीटरिंग स्वयं पुलिस अधीक्षक गोण्डा द्वारा प्राथमिकता से कराते हुए प्रभावी पैरवी करायी जा रही थी। जिसके फलस्वरूप 03 हत्याभियुक्तों को आजीवन कारावास व रु0 20,000/- के अर्थदण्ड की सजा कराने में सफलता प्राप्त हुई।
थाना खरगूपुर पुलिस ने हत्या करने के आरोप में 03 आरोपी अभियुक्तों-  01. बब्लू दूबे उर्फ दिलीप कुमार, 02. स्वामीदयाल, 03. नकछेद उर्फ छेदी मिश्रा को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। शासकीय अधिवक्ता श्री अनूप प्रताप सिंह, मॉनिटरिंग सेल, कोर्ट मोहर्रिर आ0 सौरभ प्रताप सिंह व थाना खरगूपुर के पैरोकार आ0 अटल कुमार के द्वारा निरंतर की गई सशक्त व प्रभावी पैरवी के फलस्वरूप उक्त अभियुक्तगणों को माननीय न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश/एफ0टी0सी0 कोर्ट गोण्डा द्वारा आजीवन कारावास व रू 20,000/- के अर्थदंड की सजा सुनाई है।
जिलाधिकारी ने भूजल सप्ताह गोष्ठी में दिया जल संरक्षण का संदेश


गोण्डा । गुरुवार को जिला पंचायत सभागार में भूजल सप्ताह हेतु  जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिलाधिकारी और मुख्य विकास महोदया ने हरी झंडी दिखाकर भूजल प्रचार वाहन को रवाना किया । उन्होंने भूजल संरक्षण करने के लिए रैन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम प्रणाली अपनाने को निर्देश दिया।


उन्होंने कहा कि लोग वर्षा जल का संचयन करें। डीएम ने कहा कि भूजल संरक्षण का संदेश आम जनता तक पहुँचे और वह इसके प्रति संवेदनशील बन सके। भूगर्भ जल विभाग की सीनियर हाइड्रोजियोलॉजिस्ट शिप्रा चौबे द्वारा गोष्ठी का संचालन किया गया और उन्होंने प्रस्तुस्तीकरण के मध्यम जनपद गोंडा की भूगर्भ जल की स्थिति को समझाया गया । उन्होंने बताया कि गोण्डा भूजल स्तर की स्थिति के अनुसार अभी सुरक्षित श्रेणी में है।


इस गोष्ठी में  मुख्य विकास अधिकारी, जिला विकास अधिकारी, परियोजना निदेशक, प्रभागीय वनाधिकारी, उपायुक्त मनरेगा , हाइड्रोलॉजिस्ट अजीत कुमार कन्नौजिया , जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी एवं अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
यात्रियों के समुचित व्यवस्था के लिए मनकापुर रेलवे स्टेशन पहुंचे सांसद गोंडा, आयुक्त देवीपाटन मंडल तथा डीएम


गोंडा :  जनपद में गुरुवार को  दुखद ट्रेन हादसा हुआ।  डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस के आठ डिब्बे मोतीगंज और झिलाही रेलवे स्टेशन के बीच पिकौरा गांव के पास पटरी से उतर गए। इस दुर्घटना के तुरंत बाद जिलाधिकारी श्रीमती नेहा शर्मा ने तत्काल  राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिया शुरू दिया।  राहत कार्यों की निगरानी के लिए मौके पर पहुंचीं। उन्होंने घायलों के इलाज और फंसे हुए लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने की व्यवस्था की।

सूचना मिलते ही जिला प्रशासन, आपदा राहत विभाग, स्वास्थ्य विभाग, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम ने राहत और बचाव कार्य की कमान संभाली। घटनास्थल पर पानी, भोजन और मेडिकल सहायता की व्यवस्था तुरंत की गई। घायलों को एम्बुलेंस और अन्य साधनों से अस्पताल पहुंचाया गया, जबकि अन्य यात्रियों को बसों और निजी वाहनों से निकटतम रेलवे स्टेशन तक ले जाया गया। जिलाधिकारी ने यह सुनिश्चित किया कि सभी यात्रियों को आवश्यक सहायता प्राप्त हो और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाए।

हादसे के बाद एनडीआरएफ की टीम लगातार राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई है। यात्रियों को बसों से रेलवे स्टेशन और बस स्टेशन पर पहुंचाने का काम जारी है। जिला प्रशासन ने पीड़ितों को तुरंत राहत उपलब्ध कराने को प्राथमिकता दी है। प्रशासन ने सभी साधनों का उपयोग करते हुए पीड़ितों को मनकापुर और अन्य स्थानों तक सुरक्षित पहुंचाया।

जिला प्रशासन गोंडा ने ट्रेन हादसे के संबंध में जानकारी के लिए कंट्रोल रूम नंबर- 05262-230125, 358560 जारी किया है। इस नंबर पर घटना के बारे में ताजातरीन जानकारी प्राप्त की जा सकती है।

इस दुर्घटना के बावजूद, प्रशासन और राहत टीमों की तत्परता और संयुक्त प्रयासों से बड़ी संख्या में लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। घायलों का इलाज चल रहा है और घटनास्थल पर राहत कार्य निरंतर जारी है।

यात्रियों के समुचित व्यवस्था के लिए मनकापुर रेलवे स्टेशन पहुंचे  सांसद गोंडा/ केंद्रीय राज्य मंत्री  कीर्ति वर्धन सिंह, आयुक्त देवीपाटन मंडल तथा जिलाधिकारी श्रीमती नेहा शर्मा।
हादसे के बाद बोगी में मची चीख पुकार

मनकापुर (गोंडा)। घायलों में यात्री मनी तिवारी 34  वर्ष उनके पैर में चोट आई है जो चंडीगड़ से सीवान जा रहे थे वो कोच बी 1 में 16 नंबर  सीट पर अपनी पत्नी, बेटी के साथ यात्रा कर रहे थे गाड़ी में अचानक तेज खड़खड़ाहट की आवाज हुयी और कुछ समझ पाते कि डिब्बा पटरी से पलट गया पूरे बोगी में चीख पुकार मच गई।वही बेटी को खगड़िया इम्तिहान दिलाने जा रहे जितेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि अचानक तेज आवाज हुई तो डर कर बेटी को पकड़ लिया कुछ समझ में आता कि ट्रेन पलट गई । हादसे के मौके पर डीएम एसपी एसडीएम तहसीलदार फायर सर्विस, स्वास्थ विभाग रेलवे राहत टीम आदि लोग  घटना स्थल पर पहुंच कर घायलों को डायल108 से मनकापुर ,काजीदेवर व गोण्डा पहुंचाया गया ।