माइक्रोसॉफ्ट के सर्वर में खराबी, भारत और अमेरिका समेत दुनियाभर में एयरलाइंस, बैंकिग समेत कई सेवाएं प्रभावित
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आज दुनियाभर के तमाम कंप्यूटर और लैपटॉप अचानक बंद पड़ गए हैं। इसके चलते तमाम विमान कंपनियों, माडिया हाउस और बैंक का कामकाज ठप पड़ गया है। देश और दुनिया में सर्वर ठप से हाहाकार मच गया है। माइक्रोसॉफ्ट के सर्वर में आई समस्या के चलते ऐसा हो रहा है। माइक्रोसॉफ्ट की क्लाउड सर्विस के ठप होने के कारण भारत और अमेरिका समेत दुनिया के कई देशों की एयरलाइंस प्रभावित हुई हैं। कई एयरलाइंस कंपनियों की फ्लाइट कैंसिल हुई हैं। इस आउटेज के कारण फ्लाइट बुकिंग, कैंसिलेशन से लेकर चेक-इन तक की सेवाएं प्रभावित हुईं हैं।
माइक्रोसॉफ्ट ने बताया कि वो इस समस्या की जांच कर रहे हैं जिसके कारण उपयोगकर्ताओं को विभिन्न ऐप्स और सेवाओं तक पहुंचने में परेशानी हो रही है। साइबर सिक्योरिटी कंपनी क्राउडस्ट्राइक ने एक अपडेट जारी किया था जिसके बाद MS विंडोज पर चलने वाले सभी कंप्यूटर्स और लैपटॉप अचानक क्रैश कर रहे हैं। माइक्रोसॉफ्ट विंडोज में आई दिक्कत की वजह से अन्य सेवाओं पर भी असर पड़ा है। लोगों को माइक्रोसॉफ्ट 360, माइक्रोसॉफ्ट विंडोज, माइक्रोसॉफ्ट टीम, माइक्रोसॉफ्ट Azure, माइक्रोसॉफ्ट स्टोर और माइक्रोसॉफ्ट क्लाउड-पावर्ड सर्विस के इस्तेमाल में दिक्कत हो रही है। 74% यूजर्स को माइक्रोसॉफ्ट स्टोर में लॉगिन नहीं कर पा रहे हैं। वहीं 36% यूजर्स को ऐप में प्रॉब्लम आ रही है।
दिल्ली एयरपोर्ट की तरफ से जानकारी दी गई है कि दिल्ली एयरपोर्ट में चेक इन का काम मैन्युअल मॉड से हो रहा है। सर्वर ठप का बहुत ज्यादा असर नहीं है लेकिन काम धीरे-धीरे हो रहे हैं। इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट के टर्मिनल 3 की तुलना में t2 टर्मिनल पर ज्यादा असर देखने को मिल रहा है।बताया जा रहा है कि जो भी कंपनियां माइक्रोसॉफ्ट के विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम पर निर्भर हैं, उनके कामों पर असर पड़ रहा है।
माइक्रोसॉफ्ट के सर्वर में गड़बड़ी की वजह से अमेरिका की फ्रंटियर एयरलाइन सबसे ज्यादा प्रभावित हुई है। फ्रंटियर एयरलाइन ने बयान जारी कर कहा है कि सर्वर में आई समस्या की वजह से 131 फ्लाइट रद्द कर दी गई है। 200 से ज्यादा उड़ानों में देरी हुई है। इस गड़बड़ी के चलत अमेरिकी इमरजेंसी सर्विस भी प्रभावित हुई है।








नौकरी में आरक्षण खत्म करने की मांग कर रहे बांग्लादेश के छात्रों का आंदोलन हिंसक हो गया है। सरकारी नौकरियों के लिए आरक्षण प्रणाली में सुधार की मांग को लेकर छात्रों के विरोध प्रदर्शन के दौरान राजधानी ढाका समेत अन्य जगहों पर हिंसा भड़क गई है। जिसमें अब तक 39 लोगों की मौत हो गई। वहीं, 2,500 से अधिक लोग घायल हो गए। ढाका और अन्य शहरों में विश्वविद्यालय के छात्र 1971 में पाकिस्तान से देश की आजादी के लिए लड़ने वाले युद्ध नायकों के रिश्तेदारों के लिए कुछ नौकरियों को आरक्षित करने की प्रणाली के खिलाफ कई दिनों से रैलियां कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने ढाका के रामपुरा इलाके में सरकारी बांग्लादेश टेलीविजन भवन की घेराबंदी कर दी और इसके अगले हिस्से को क्षतिग्रस्त कर दिया। साथ ही वहां खड़े अनेक वाहनों को आग लगा दी। इससे वहां पत्रकारों सहित कई कर्मचारी फंस गए। दरअसल एक दिन पहले यानी बुधवार को ही बांग्लादेश के सरकारी टीवी बीटीवी ने प्रधानमंत्री शेख हसीना का इंटरव्यू लिया था। *स्कूल-कॉलेज अनिश्चितकाल के लिए बंद* बढ़ती हिंसा के कारण अधिकारियों को गुरुवार दोपहर से ढाका आने-जाने वाली रेलवे सेवाओं के साथ-साथ राजधानी के अंदर मेट्रो रेल को भी बंद करना पड़ा। आधिकारिक समाचार एजेंसी ने बताया कि सरकार ने प्रदर्शनकारियों को विफल करने के लिए इंटरनेट बंद करने का आदेश दिया है। शेख हसीना सरकार ने हिंसा को देखते हुए देश के सभी स्कूलों और विश्वविद्यालयों को अनिश्चितकाल के लिए बंद करने का आदेश दिया है। साथ ही हालात को काबू करने के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही राजधानी सहित देश भर में अर्धसैनिक बल बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश के जवानों को तैनात किया गया है। *बांग्लादेश मे बवाल की वजह* बांग्लादेश को साल 1971 में आजादी मिली थी। आजादी के बाद से ही बांग्लादेश में आरक्षण व्यवस्था लागू है। इसके तहत स्वतंत्रता सेनानियों के बच्चों को 30 प्रतिशत, देश के पिछड़े जिलों के युवाओं को 10 प्रतिशत, महिलाओं को 10 प्रतिशत, अल्पसंख्यकों के लिए 5 प्रतिशत और दिव्यांगों के लिए एक प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान था। इस तरह बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में 56 प्रतिशत आरक्षण था। साल 2018 में बांग्लादेश के युवाओं ने इस आरक्षण के खिलाफ प्रदर्शन किया। कई महीने तक चले प्रदर्शन के बाद बांग्लादेश सरकार ने आरक्षण खत्म करने का एलान किया। बीते महीने 5 जून को बांग्लादेश की सुप्रीम कोर्ट ने देश में फिर से आरक्षण की पुरानी व्यवस्था लागू करने का आदेश दिया। शेख हसीना सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील भी की, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने आदेश को बरकरार रखा। इससे छात्र नाराज हो गए और उन्होंने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। बांग्लादेश के विश्वविद्यालयों से शुरू हुआ ये विरोध प्रदर्शन अब बढ़ते-बढ़ते हिंसा में तब्दील हो गया है।

Jul 19 2024, 13:53
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