आक्रोशित अधिवक्ताओं ने लगाए एसडीएम मुदार्बाद के नारे, नियमों के विपरीत जब्ती की कार्रवाई का विरोध
खजनी गोरखपुर। एसडीएम कोर्ट में आज भूमि विवाद के मामले में एसडीएम की मनमानी कार्रवाई का विरोध करते हुए अधिवक्ताओं ने एसडीएम मुदार्बाद के नारे लगाए तथा तहसील बार एसोसिएशन की आम सभा की बैठक में एसडीएम शिवम सिंह के स्थानांतरण की मांग करते हुए अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहने का निर्णय लिया है।
मिली जानकारी के अनुसार आज उपजिलाधिकारी शिवम सिंह अपने कोर्ट में चार्ट (सूची) के अनुसार लंबित मुकदमों की सुनवाई कर रहे थे। पहले नंबर के मुकदमे के बाद अचानक उन्होंने अपने पेशकार से 49 नंबर की पत्रावली (फाइल) स्टेट बनाम अनूप कुमार दूबे धारा 145 सीआरपीसी को पेश करने का आदेश दिया, तथा दो नंबर पर रखी पत्रावली (फाइल) कुमारी प्रभा बनाम ग्रामसभा को 49 वें नम्बर पर रखवा दिया। इस प्रकार नियमों के विपरीत मनमाने निर्णय पर अधिवक्ता भौचक रह गए।
विरोध करते हुए विपक्षी अधिवक्ता द्वारा जब स्टेट बनाम अनूप कुमार दूबे की पत्रावली (फाइल) में जवाबदेही और साक्ष्य देने का अवसर देने की बात कही तो एसडीएम खजनी उग्र हो गए। उन्होंने डायस पर मौजूद रह कर अमर्यादित शैली में बात करते हुए धमकी देते हुए अधिवक्ता से कहा कि मैं इस पत्रावली में जब्ती का आदेश कर दे रहा हूं, यदि विरोध करोगे तो पत्रावली को फाड़कर फेंक देंगे। ऐसा कहते हुए उन्होंने पत्रावली को पेशकार के ऊपर फेंकते हुए बाहर निकले और गाड़ी में बैठ कर तहसील परिसर से बाहर चले गए।
एसडीएम की ऐसी हरकत देखकर कुछ ही देर में अधिवक्ताओं का हुजूम उग्र हो गया। आक्रोशित अधिवक्ताओं ने एसडीएम खजनी मुदार्बाद, एसडीएम खजनी वापस जाओ तथा एसडीएम की कौन दवाई जूता चप्पल और पिटाई जैसे गगनभेदी नारे लगाए।
घटना के तुरंत बाद तहसील बार एसोसिएशन की आम सभा की आकस्मिक बैठक बुलाई गई। बार के अध्यक्ष कृपाशंकर सिंह,
मंत्री कामेश्वर प्रसाद सहित दर्जनों वकीलों ने सर्वसम्मति से एसडीएम का स्थानांतरण न होने तक उनके कोर्ट का बहिष्कार करने का निर्णय लिया।
तहसील के वरिष्ठ अधिवक्ता महेश प्रसाद दूबे एवं दीपक मिश्रा, विनोद कुमार पांडेय, अच्युतानंद मिश्रा आदि ने बताया कि मुकदमों की सुनवाई के दौरान क्रमवार फाइलें रखी जाती हैं,जिसकी सूची के अनुसार तैयारी करके अधिवक्ता कोर्ट में पेश होते हैं। किंतु अचानक 49 नंबर की फाइल को दूसरे नंबर पर कर देना और दूसरे नंबर की फाइल को 49 नंबर पर पहुंचा देना नियमों के विपरीत है। एसडीएम के इस मनमाने निर्णय की सभी अधिवक्ताओं ने सामूहिक निंदा की है और विरोध प्रदर्शन किया है।
मामले में एसडीएम खजनी शिवम सिंह से उनका पक्ष जानने का प्रयास किया गया तो सायं 6.30 बजे से उनका सरकारी मोबाइल स्विच आॅफ मिला।
Jul 10 2024, 19:54