परिसरों में विद्यार्थियों की शत प्रतिशत उपस्थिति ही परिसर चलो रथयात्रा का उद्देश्य: अंकित शुक्ल
गोरखपुर।अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के 76 वें स्थापना दिवस के अवसर पर आज 9 जुलाई (राष्ट्रीय विद्यार्थी दिवस) गोरखपुर महानगर के दिग्विजयनाथ स्नातकोत्तर महाविद्यालय में संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
स्थापना दिवस के अवसर पर अभाविप गोरखपुर महानगर द्वारा शिक्षण संस्थानों एवं नगरों में विभिन्न प्रतियोगिताओं एवं संगोष्ठियों और रचनात्मक गतिविधियों के माध्यम से, विद्यार्थी परिषद के विचार को समाज के विभिन्न वर्गों तक पहुंचाने का कार्य करने वाले मेधावी विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया।
छात्रों की उपस्थिति दर परिसरों में लगातार कम हो रही है इसको लेकर विद्यार्थी परिषद स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में 2 जुलाई से 9 जुलाई तक गोरक्ष प्रांत के समस्त 17 संगठनात्मक जिलों में रथयात्रा के द्वारा चलाए गए "परिसर चलो अभियान का समापन भी हुआ। इन आयोजनों द्वारा, विद्यार्थी परिषद के राष्ट्र सर्वप्रथम के विचार को विद्यार्थियों के मध्य ले जाने का प्रयास अभाविप के कार्यकर्ताओं द्वारा किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता राष्ट्रीय मंत्री अंकित शुक्ला ने कहा कि कोरोना काल के बाद शैक्षिक परिसरों में विद्यार्थियों की उपस्थिति दर में गिरावट दर्ज की गई है, जिससे परिसर संस्कृति को विद्यार्थी भूलते जा रहे हैं और यह उनके सर्वांगीण विकास में बाधक सिद्ध हो रही है। परिसर एवं कक्षा की शिक्षा एक विद्यार्थी के समाजीकरण की प्रक्रिया का हिस्सा है जिससे वह समाज और राष्ट्र के प्रति अपना दायित्व समझता है। परिसरों में विद्यार्थियों की शत प्रतिशत उपस्थिति ही इस परिसर चलो रथयात्रा का उद्देश्य है।
विद्यार्थियों को तनावमुक्त करते हुए आनंदमय सार्थक विद्यार्थी जीवन का वातावरण बनाने का कार्य आज परिषद शैक्षिक संस्थानों में कर रही है।श्री शुक्ला ने कहा कि परिसरों में सप्ताह में 1 दिन समस्याओं के समाधान की कक्षा का भी होना चाहिए।अभाविप परिसर संस्कृति की स्थापना हेतु प्रतिबद्ध है जिससे शिक्षक व विद्यार्थी के मध्य संघर्ष नहीं अपितु संवाद का वातावरण बने। अभाविप की यह सांगठनिक यात्रा छात्र हित व सामाजिक उत्थान के अनंत स्वर्णिम अध्यायों को समेटे हुए है। इन्हीं कार्यों के साथ कार्यकर्ता का व्यक्तित्व निर्माण हो, इसपर भी कार्य किया जाएगा जिससे वह कार्यकर्ता ध्येय यात्री के रूप में 'राष्ट्र पुनर्निर्माण' में सार्थक प्रयत्न कर सके।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि कुलपति प्रो० पूनम टंडन ने कहा कि परिसर के मुख्य वाहक विद्यार्थी होते है और उनकी सहभागिता से ही परिसरों का अर्थ है। ऑनलाइन कक्षाएं परिसरों को दूषित कर रही हैं, विद्यार्थियों और समाज के हितधारकों को समझना होगा कि परिसरों में ही विद्यार्थियों को नैतिक और सामाजिक, देश और राष्ट्र के प्रति कर्तव्य का बोध कराया जा सकता है। हमें परिसरों में रचनात्मक गतिविधियों के माध्यम से विद्यार्थियों के सर्वांगीण और चहुमुखी विकास के लिए प्रतिबद्ध होना होगा।अभाविप का यह प्रयास वास्तव में परिसरों की उपादेयता को सिद्ध करेगा।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डॉ० प्रदीप राव ने कहा कि विद्यालयों को चलाने हेतु छात्र सहभाग आवश्यक है। विद्यार्थी परिषद राष्ट्र के पुनर्निर्माण के लक्ष्य को लेकर शिक्षा के क्षेत्र में पुनर्निर्माण करने का कार्य करने वाली छात्र संगठन है अभाविप। शिक्षक, विद्यार्थी और शिक्षाविद के मिलकर एक साथ कार्य करने वाला इकलौता छात्र संगठन है अभाविप। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद अपने स्थापना काल से ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद राष्ट्र के पुनर्निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है, हम राष्ट्रीय पुनर्निर्माण के व्यापक संदर्भ में शैक्षिक परिवार की अवधारणा पर दृढ़ विश्वास रखकर संस्कारित छात्र शक्ति का निर्माण कर देश समाज में होने वाले सकारात्मक परिवर्तनों में अपनी भूमिका पूर्ण कर रहे है। इन्हीं सैद्धांतिक भूमिका के साथ परिषद 1949 से निरंतर अपना कार्य कर रही है।
अभाविप गोरक्ष प्रांत के प्रांत मंत्री मयंक राय ने कहा, "यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि भारत की स्वतंत्रता के अमृत वर्ष पूर्ण होने के साथ ही, अभाविप अपने 76वें वर्ष में प्रवेश कर रही है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने पिछले 75 वर्षों में एक सतत छात्र आंदोलन के नाते, देश में युवाओं एवं छात्रों के मध्य, राष्ट्र भक्ति चेतना का एक सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करने की ओर सफलतापूर्वक कार्य किया है जिसका प्रभाव वर्तमान में समाज में देखा जा सकता है। विद्यार्थी परिषद सतत रूप से एक सार्थक एवं आनंदमयी छात्र जीवन बनाने के लिए प्रयासरत है।"
कक्षाओं का अव्यवस्थित होना भारत के भविष्य के लिए चिंताजनक है। विद्यार्थी परिषद रथयात्रा के द्वारा 'परिसर चलो अभियान' के माध्यम से छात्रा-छात्रों को जागरूक कर, विद्यार्थियों की कक्षाओं में उपस्थिति बढ़ाने पर जोर दे रही। अभाविप गोरक्ष प्रांत द्वारा चलाए जा रहे "परिसर चलो रथ" के माध्यम से गोरक्ष प्रांत के सभी 17 संगठनात्मक जिलों में जनजागरुकता अभियान चलाया गया। इस दौरान चौपाल, संगोष्ठी, नुक्कड़ नाटक, पत्रक वितरण किया, जनसंवाद कर परिसर संस्कृति की महत्ता को बताया गया और परिवारों में जाकर भी विद्यार्थियों को परिसर जा कर शिक्षा ग्रहण करने को प्रेरित किया गया।
कार्यक्रम का संचालन महानगर मंत्री शुभम गोविन्द राव और आभार ज्ञापन महानगर अध्यक्ष डॉ० विवेक शाही ने किया
इस अवसर पर दीपेंद्र मोहन सिंह ,अर्जुन सोनकर जी, मेनका जी, संपदा द्विवेदी, तान्या, छत्रसाल ,आदित्य प्रताप ,दीपक पांडे ,पीयूष मिश्रा ,आदि मौजूद रहें।
Jul 10 2024, 18:15