उर्दू स्कूलों की स्थिति मायूस करने लायक, पुस्तकें व शिक्षकों की है जरूरत।
जिलावार समीक्षा कर राज्य सरकार को भेजेंगे रिपोर्ट।
गढ़वा :गढ़वा जिला में आबादी के अनुरूप अल्पसंख्यकाें को उनका हक मिलना चाहिए। इसके लिए आयोग कृतसंकल्पित है। राज्य में उर्दू स्कूलों की स्थिति मायूस करने लायक है। बच्चों को पर्याप्त पुस्तकें नहीं मिल पा रही है। जिसके कारण पढ़ाई करने में परेशानी हो रही है।
शिक्षकों की बहाली भी नहीं हुई है। सरकार को इससे संबंधित रिपोर्ट सौंपी जाएगी और अल्पसंख्यकों से संबंधित समस्याओं का समाधान कराया जाएगा। उक्त बातें राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष हिदायतुल्लाह खान ने परिसदन में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान कही।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही है। जिसमें अल्संख्यकों की भागीदारी सुनिश्चित हो, इस पर जोर दिया जा रहा है। हमारा प्रयास है कि सरकार की योजनाओं का ज्यादा से ज्यादा लाभ अल्संख्यकों तक पहुंचे। आयोग की कमेटी लगातार विभिन्न जिलों का दौरा कर रही है। जिलावार समीक्षा की जा रही है। सभी जिलों से संयुक्त रिपोर्ट बनाकर राज्य स्तरीय कमेटी में पेश की जाएगी।
साथ ही इसमें लिए गए निर्णय से राज्य सरकार को अवगत कराया जाएगा। अभी तक कमेटी द्वारा आठ जिलों का दौरा किया गया है। शेष जिलों का भी भ्रमण किया जाएगा।
अल्पसंख्यकों को शिक्षा देने में अभी तक कमियां पाई गई है। मिशनरीज की स्कूलें बेहतर काम कर रही है। मगर उर्दू स्कूल की स्थिति ठीक नहीं है। गढ़वा जिले में 200 मदरसा का संचालन निजी मदद से चल रहा है। मात्र एक मदरसा सरकार से अनुदान प्राप्त है। अन्य मदरसों को अनुदान मिले इसके लिए सरकार से मांग करेंगे। इसके लिए मदरसा संचालक भी प्रयास करें। जल्द उर्दू शिक्षकों की भी बहाली कराई जाएगी।
उन्होंने कहा कि राज्य में शिक्षा के मामले में मुस्लिमों की स्थिति ठीक नहीं है। बच्चों को पढ़ाएं हम उन्हें उनका हक दिलाएंगे। सरकारी विद्यालयों में अतिरिक्त विषय के रूप में उर्दू की पढ़ाई होनी है मगर शिक्षक ही नहीं है। ऐसे में परेशानी हो रही है। सभी समस्याओं से सरकार को अवगत कराया जाएगा। पत्रकार वार्ता में आयोग के सदस्य डा. एम तौसिफ, बरकत अली आदि उपस्थित थे।
Jul 07 2024, 20:16