अगर नहीं होना है परेशान तो मिर्जापुर के पर्यटन स्थलों पर घूमने से पहले जान ले यह नियम

अगर आप मिर्जापुर में स्थित प्रसिद्ध फॉल घूमने के लिए आ रहे हैं, तो प्रशासन की ओर से जारी गाइडलाइन को जान लीजिए। गाइडलाइन न मानना आपको भारी पड़ सकता है. बता दें कि पर्यटन स्थलों पर बारिश में काफी भीड़ उमड़ती है। जहां फॉल में अचानक से पानी बढ़ने और नियमों को न मानने की वजह से पिछले वर्ष कई हादसे हुए थे। इस बार बारिश से पहले प्रशासन ने पर्यटन स्थल पर घूमने वालों के लिए गाइडलाइन जारी किया है।
गाइडलाइन का पालन न करने पर आपके ऊपर कानूनी कार्रवाई हो सकती है।

एसपी सिटी नितेश सिंह ने बताया कि बारिश से मिर्जापुर में विंढमफाल, टांडा फाल व खड़ंजा आदि फॉल है।
जहां बड़ी संख्या में  सैलानी पहुंचते हैं। अब सैलानियों की सुरक्षा के लिए पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई जाएगी। फॉल पर समय अवधि के दौरान ही पर्यटकों को अंदर रहने की अनुमति रहेगी। शराब पीकर या लेकर फॉल में जाने पर विधिक कार्रवाई होगी। फॉल के सुरक्षा के मद्देनजर जारी गाइडलाइन को न मानने पर मुकदमा भी दर्ज किया जाएगा।

एसपी सिटी नितेश सिंह ने बताया कि महिला सुरक्षा का भी इस बार ध्यान रखा गया है। उनकी सुरक्षा के लिए गुंडा दमन दल और एंटी रोमियो स्क्वाड की तैनाती की जाएगी। इसके साथ ही महिला पुलिसकर्मियों की भी ड्यूटी लगाई जाएगी। जिन थाना अंतर्गत फॉल आता है। वहां पर थाना प्रभारी अपनी टीम के साथ नजर रखेंगे, जो भी पर्यटक घूमने जा रहे है।वह नियमों का पालन करें।

मिर्जापुर जिले में 12 से ज्यादा फाल हैं।जहां लखनिया दरी, विंढमफाल, सिरसी फाल, सिद्धनाथ दरी, खड़ंजा फाल, कुशियरा फाल, बकरिया फाल व टांडा फाल में पर्यटकों की सबसे ज्यादा भीड़ उमड़ती है। यहां पर वाराणसी, प्रयागराज, भदोही, गाजीपुर सहित अन्य जनपदों से लोग पिकनिक मनाने के लिए पहुंचते है।

ट्रैकिंग का असली मजा तो जुलाई से सितंबर के बीच होता है सही समय,आइए जानते हैं कुछ डेस्टिनेशन


घूमने- फिरने के लिहाज से मानसून सबसे रिस्की सीजन माना जाता है। इस मौसम में हिल स्टेशन्स जाने की प्लानिंग आपको खतरे में डाल सकती है। लगातार होने वाली बारिश से रास्ते खराब हो जाते हैं, पहाड़ दरकने की संभावना रहती है और कई जगहों पर बाढ़ जैसी स्थिति भी हो जाती है, लेकिन वहीं दूसरी ओर भारत में कई सारी ऐसी जगहें हैं जिन्हें एक्सप्लोर करने का असली मजा बारिश के मौसम में ही आता है। ये सारी ट्रेकिंग वाली जगहें हैं। ट्रेकिंग करते हुए ऐसे नजारे देखने को मिलते हैं, जो आपकी ट्रिप को शानदार और यादगार बना सकते हैं।

फूलों की घाटी, उत्तराखंड
फूलों की घाटी एक्सप्लोर करने के लिए जुलाई से सितंबर का महीना सबसे बेस्ट माना जाता है। इस दौरान यहां आकर आप एक साथ फूलों की कई सारी वैराइटी देख सकते हैं। उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित फूलों की घाटी यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज लिस्ट में भी शामिल है। यहां 500 से भी ज्यादा प्रजाति के फूल खिलते हैं। इस साल 1 जून से फूलों की घाटी पर्यटकों के लिए खुल चुकी है, जो 30 अक्टूबर तक खुली रहेगी। बिना देर किए बना लें प्लान।

सिंहगढ़ ट्रेक, पुणे
पुणे, मुंबई घूमने के लिए मानसून बेस्ट सीजन होता है। वैसे तो इन जगहों का मौसम ज्यादातर महीने सुहावना ही होता है, लेकिन मानसून के वक्त ये और ज्यादा रोमांटिक हो जाता है। अगर आप ट्रेकिंग के शौकीन हैं, तो आपको पुणे के सिंहगढ़ दुर्ग ट्रेकिंग को बिल्कुल भी मिस नहीं करना चाहिए। किले तक पहुंचने का रास्ता इतना मनोरम है कि आपको इसमें खो जाने का दिल करेगा। सिंहगढ़ ट्रेकिंग लगभग 3 किमी लंबी है। जिसे पूरा करने में लगभग 1 घंटे का समय लगता है। 

हंपता पास, हिमाचल प्रदेश
हिमाचल प्रदेश के हंपता पास को भी कवर करने के लिए मानसून का प्लान बनाना चाहिए। समुद्र तल से 14,100 फीट की ऊंचाई पर स्थित ये जगह बारिश के मौसम में एकदम हरी-भरी नजर आती है। यहां की ट्रेकिंग करते हुए पहाड़ों, नदियों और झरनों का दीदार कर सकते हैं। हालांकि यहां की ट्रेकिंग आसान नहीं है। कुल्लू से शुरू होने वाले इस ट्रेकिंग को पूरा करने में 5 से 6 दिन का समय लग सकता है। 

मुल्लयनगिरी, कर्नाटक
कर्नाटक का मुल्लयनगिरी ट्रेक भी ट्रेकिंग के शौकीनों के लिए शानदार जगह है। बारिश के मौसम में भी यह सेफ है। मुल्लयनगिरी कर्नाटक की सबसे ऊंची चोटी है। मानसून के दौरान यहां पर्यटकों की संख्या दोगुनी हो जाती है। मुल्लयनगिरी ट्रेकिंग लगभग 10 किमी लंबी है। ट्रेकिंग के दौरान आप कैंपिंग और रॉक क्लाइंबिंग के भी मजे ले सकते हैं।