1098 पर मिली गुप्त सूचना के बाद लापता नाबालिक के परिजनों से मिली रेस्क्यू टीम, शुरू हुई बच्ची की खोज


गिरिडीह

गिरिडीह जिले के तिसरी अंतर्गत मनसाडीह ओपी क्षेत्र की एक नाबालिक लड़की विगत 10 दिनों से घर से गायब है। और हैरत की बात तो यह है कि उसके परिजनों को पुलिस को जानकारी देना कैसे है, इसका भी पता नहीं है। जिस कारण अब तक न तो परिजन उस नाबालिक बच्ची का पता लगा पाए और नाही पुलिस उसे ढूढने का प्रयास शुरू की थी। इसी बीच किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा 1098 पर इसकी गुप्त सूचना दी गई, जिसके बाद बच्ची की खोज के लिए रेस्क्यू टीम का गठन किया गया।

रेस्क्यू टीम पहुंची लापता बच्ची के घर

बता दें 1098 पर अज्ञात व्यक्ति द्वारा गुप्त सूचना दिए जाने के बाद एक रेस्क्यू टीम का गठन किया गया। इस दौरान टीम में शामिल मनसाडीह ओपी प्रभारी अंकित कुमार, सवेरा फाउंडेशन पर्यवेक्षक सह बाल अधिकार कार्यकर्ता इंकज कुमार, चाइल्डलाइन केस वर्कर नरेश कुमार वर्मा और संतोष कुमार वर्मा लापता नाबालिक बच्ची के परिजनों से मिलने उनके घर पहुंचे। उन्होंने न सिर्फ लापता लड़की के परिजनों से मिलकर सारी बात की जानकारी ली। साथ ही उनके द्वारा ओपी में प्राथमिकी दर्ज करवाने को लेकर प्रेरित भी किया गया। इसके साथ ही लापता बच्ची को खोजबीन भी शुरू हो गई।


परिजनों को थाना में सूचना कैसे देना है, इसकी नहीं थी जानकारी

रेस्क्यू टीम में शामिल सवेरा फाउंडेशन के कार्यकर्ता इंकज कुमार ने बताया कि परिजनों से जब उनकी बेटी के बारे में जानकारी ली गई तो परिजनों ने बताया कि उनकी बेटी 10 दिनों से लापता है। जब उन्होंने परिजनों से पुलिस को सूचना देने के बारे में पूछा तो परिजनों ने बताया कि पुलिस को कैसे शिकायत करनी है या सूचना देना है, इसकी उन्हे कोई जानकारी नहीं है।

किसी लड़के के साथ चले जाने का है शक

इसके साथ ही फाउंडेशन के कार्यकर्ता इंकज कुमार ने यह भी बताया कि परिजनों से बच्ची के लापता होने के बारे में पूछे जाने पर परिजनों ने कहा जिस समय उनकी बच्ची गायब हुई है, उस समय वह घर पर नहीं थे। जब वह घर पहुंचे तो उन्हें उनकी बेटी नहीं मिली। उन्हें शक है कि उनकी नाबालिक बच्ची किसी लड़के के साथ चली गई है।


जानकारी के अभाव में पुलिस तक नहीं पहुंचते हैं कई मामले

बताते चलें कि सुदूरवर्ती क्षेत्रों में पुलिस व कानून को लेकर अभी भी लोगों में जागरूकता नहीं है। जिस कारण ऐसे कई मामले पुलिस तक नहीं पहुंच पाती है। और इन्ही के वजह से कई घटनाएं घटित होते रहती है। अगर सरकार व सामाजिक संगठन लोगों के बीच कानूनी जागरूकता को फैलाने के लिए कोई कदम आगे बढ़ाए तो फिर ऐसी घटनाओं पर तुरंत पुलिस को जानकारी मिल सकेगी।
लड़कियों से न्यूड वीडियो कॉल करवा कर लोगों से पैसे ठगते थे साइबर अपराधी, पुलिस ने 5 को गिरफ्तार कर भेजा जेल


गिरिडीह

गिरिडीह जिले में इन दिनों पुलिस द्वारा लगातार साइबर अपराधियों के विरुद्ध छापेमारी की जा रही है और लगातार कई साइबर अपराधी भी गिरफ्तार हो रहे हैं। बुधवार को अलग अलग थाना क्षेत्रों से कुल पांच साइबर अपराधियों को भी गिरिडीह पुलिस ने धर दबोचा है।

प्रतिबिंब पोर्टल के माध्यम से मिली जानकारी

इसे लेकर गिरिडीह पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार शर्मा ने गुरुवार को प्रेस वार्ता का आयोजन कर बताया कि प्रतिबिंब पोर्टल के माध्यम से गिरिडीह जिले के बेंगाबाद थाना क्षेत्र में अपराधियों द्वारा आम लोगों से ठगी करने की सूचना प्राप्त हुई थी। जिसके बाद पुलिस उपाधीक्षक आबिद खान के नेतृत्व में टीम गठित कर अलग अलग थाना क्षेत्रों में छापेमारी की गई, जहां से पांच साइबर अपराधी गिरफ्तार किए गए।

इन अपराधियों को किया गया गिरफ्तार

उन्होंने बताया कि गिरफ्तार अपराधियों में मर्गोमुंडा थाना केंद्र के केंदुवाटांड़ निवासी दिलीप कुमार मंडल (26), प्रवीण कुमार मंडल (22), नयाडीह निवासी मोज्जम अंसारी (19), तिसरी थाना क्षेत्र के कटकोको निवासी राजू बेसरा (26) एवं बगोदर थाना क्षेत्र के अटका निवासी पवन कुमार मंडल को गिरफ्तार किया गया है। इन अपराधियों के पास से 7 मोबाइल, 8 सिम कार्ड, 2 मोटरसाइकिल एवं 5 एटीएम कार्ड को बरामद किया गया है।

ऐसे देते थे साइबर अपराध को अंजाम

पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार शर्मा ने कहा कि अपराधियों में अपनी स्वीकारोक्ति बयान में बताया कि उनके द्वारा लड़की से न्यूड वीडियो कॉलिंग का झांसा देकर लिंक भेज कर पैसों की ठगी करते थे। इसके अलावा उनके द्वारा गर्भवती महिलों के मोबाइल नंबर पर कॉल कर उनसे मातृत्व राशि का लाभ दिलाने के नाम पर ठगी किया जाता था। साथ ही कैशबैक का झांसा देकर भी ठगी किया जाता था।

9 माह में जिलांतर्गत साइबर अपराधियों के खिलाफ की गई कार्रवाई

बता दें गिरिडीह पुलिस ने विगत 9 माह में अब तक 247 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। इस दौरान उनके द्वारा 594 मोबाइल, 778 सिम कार्ड, 273 एटीएम कार्ड व पासबुक, 10 चेक बुक, 38 पैन कार्ड, 66 आधार कार्ड, 45 वाहन, 3 आईपैड, 4 लैपटॉप एवं 14 लाख 56 हजार 310 रुपए नगदी जब्त की जा चुकी है।
एनजीटी लागू होने के बावजूद बालू माफियाओं के हौसले बुलंद, पुलिस ने दो अवैध बालू लदे ट्रैक्टर को किया जब्त

गिरिडीहगिरिडीह जिले के तिसरी में इन दिनों बालू माफियाओं के हौसले पूरी तरह से बुलंद नजर आ रहे हैं। 15 जून को एनजीटी लागू हो जाने के बावजूद बालू माफिया धड़ल्ले से नदी से बालू उठाव कर सरकारी कार्यों में बालू आपूर्ति करने का कार्य कर रहे हैं। और हैरत की बात तो यह है कि इसके लिए अंचलाधिकारी से लिखित आवेदन देकर आदेश का भी मांग किया जा रहा है। और अंचलाधिकारी भी ऐसे हैं कि वह कार्यवाही करने की जगह चुप्पी साध कर रखे है। क्या है मामलाबता दें कि बुधवार की सुबह बालू लदा दो ट्रैक्टर भंडारी से तिसरी मॉडल विद्यालय में बन रहे छात्रावास के निर्माण के लिए ले जाया जा रहा था। इसी बीच पेट्रोलिंग के दौरान तिसरी पुलिस ने पंदनाटांड़ के समीप इन दोनों ट्रैक्टर को रोक लिया। ट्रैक्टर चालकों से बालू से संबंधित कागजातों का मांग किए जाने के बाद उन्हें संबंधित कागजातों के जगह अंचलाधिकारी को बालू ले जाने का आवेदन वाला कागजात दिखाया गया। जिसके बाद तिसरी पुलिस बालू लदे दोनों ट्रैक्टर को अपने साथ थाने ले आई। क्या लिखा गया है अंचलाधिकारी को दिए आवेदन मेंबताते चलें कि ड्राइवर द्वारा जिस कागजात को दिखाया जा रहा है। उस कागज में अंचलाधिकारी के नाम एक आवेदन लिखा गया है। इस आवेदन के तहत मॉडल स्कूल तिसरी में छात्रावास बनाने के लिए बालू की जरूरत की बात कही गई है। साथ ही  कहा गया है कि किसी प्रकार की समस्या न हो इसके लिए गाडी मालिक मिथुन दास, गाड़ी न० JH15T 5866 एवं महेश प्रसाद यादव, गाड़ी न० JH11AK 1296 को ट्रैक्टर से बालू लाने कि अनुमति देने कि कृपा प्रदान करे। वहीं इसके साथ प्रतिलिपि में बीडीओ का भी नाम लिखा गया है। और कागजात में 28 जून को हस्ताक्षर भी किए गए हैं। आवेदन मिलने के बाद भी चुप क्यों हैं अंचलाधिकारीबालू लदे दोनों ट्रैक्टर तिसरी पुलिस द्वारा पकड़े जाने से जहां एक और बालू माफियाओं के बीच हड़कंप मच गया है तो वहीं दूसरी ओर आवेदन मिलने के बाद भी अंचलाधिकारी द्वारा इसके रोकथाम के लिए कोई कड़े कदम नहीं उठाने से लोगों के मन में कई सवाल खड़े कर दिए हैं। अगर सूत्रों की बात करें तो उनसे मिली जानकारी के अनुसार मॉडल विद्यालय में छात्रावास के निर्माणाधीन भवन के लिए लगातार कई दिनों से बालू का अवैध भंडारण किया जा रहा है। और अब अंचलाधिकारी के नाम का आवेदन सामने आने से अंचलाधिकारी भी सवालों के घेरे आ खड़े हो गए हैं। क्योंकि आवेदन मिलने के बाद जहां उन्हें कार्यवाही करनी चाहिए थी, वहां उन्होंने चुप्पी साधते हुए इस पर अपनी मौन सहमति दे दी। अगर वे चाहते तो आसानी से इस पर रोक लगा सकते थे। अधिकारियों ने नहीं दिया फोन का जवाबइस संबंध में जब तिसरी अंचलाधिकारी से फोन के माध्यम से जानकारी लेने का प्रयास किया गया तो उन्होंने फोन का कोई जवाब नहीं दिया। वहीं इस संबंध में खोरीमहुआ एसडीएम से भी जानकारी लेने का जब प्रयास किया गया तो उन्होंने भी फोन का कोई जवाब नहीं दिया।
एनजीटी लागू होने के बावजूद बालू माफियाओं के हौसले बुलंद, पुलिस ने दो अवैध बालू लदे ट्रैक्टर को किया जब्त


गिरिडीह

गिरिडीह जिले के तिसरी में इन दिनों बालू माफियाओं के हौसले पूरी तरह से बुलंद नजर आ रहे हैं। 15 जून को एनजीटी लागू हो जाने के बावजूद बालू माफिया धड़ल्ले से नदी से बालू उठाव कर सरकारी कार्यों में बालू आपूर्ति करने का कार्य कर रहे हैं। और हैरत की बात तो यह है कि इसके लिए अंचलाधिकारी से लिखित आवेदन देकर आदेश का भी मांग किया जा रहा है। और अंचलाधिकारी भी ऐसे हैं कि वह कार्यवाही करने की जगह चुप्पी साध कर रखे है।

क्या है मामला

बता दें कि बुधवार की सुबह बालू लदा दो ट्रैक्टर भंडारी से तिसरी मॉडल विद्यालय में बन रहे छात्रावास के निर्माण के लिए ले जाया जा रहा था। इसी बीच पेट्रोलिंग के दौरान तिसरी पुलिस ने पंदनाटांड़ के समीप इन दोनों ट्रैक्टर को रोक लिया। ट्रैक्टर चालकों से बालू से संबंधित कागजातों का मांग किए जाने के बाद उन्हें संबंधित कागजातों के जगह अंचलाधिकारी को बालू ले जाने का आवेदन वाला कागजात दिखाया गया। जिसके बाद तिसरी पुलिस बालू लदे दोनों ट्रैक्टर को अपने साथ थाने ले आई।

क्या लिखा गया है अंचलाधिकारी को दिए आवेदन में

बताते चलें कि ड्राइवर द्वारा जिस कागजात को दिखाया जा रहा है। उस कागज में अंचलाधिकारी के नाम एक आवेदन लिखा गया है। इस आवेदन के तहत मॉडल स्कूल तिसरी में छात्रावास बनाने के लिए बालू की जरूरत की बात कही गई है। साथ ही  कहा गया है कि किसी प्रकार की समस्या न हो इसके लिए गाडी मालिक मिथुन दास, गाड़ी न० JH15T 5866 एवं महेश प्रसाद यादव, गाड़ी न० JH11AK 1296 को ट्रैक्टर से बालू लाने कि अनुमति देने कि कृपा प्रदान करे। वहीं इसके साथ प्रतिलिपि में बीडीओ का भी नाम लिखा गया है। और कागजात में 28 जून को हस्ताक्षर भी किए गए हैं।

आवेदन मिलने के बाद भी चुप क्यों हैं अंचलाधिकारी

बालू लदे दोनों ट्रैक्टर तिसरी पुलिस द्वारा पकड़े जाने से जहां एक और बालू माफियाओं के बीच हड़कंप मच गया है तो वहीं दूसरी ओर आवेदन मिलने के बाद भी अंचलाधिकारी द्वारा इसके रोकथाम के लिए कोई कड़े कदम नहीं उठाने से लोगों के मन में कई सवाल खड़े कर दिए हैं। अगर सूत्रों की बात करें तो उनसे मिली जानकारी के अनुसार मॉडल विद्यालय में छात्रावास के निर्माणाधीन भवन के लिए लगातार कई दिनों से बालू का अवैध भंडारण किया जा रहा है। और अब अंचलाधिकारी के नाम का आवेदन सामने आने से अंचलाधिकारी भी सवालों के घेरे आ खड़े हो गए हैं। क्योंकि आवेदन मिलने के बाद जहां उन्हें कार्यवाही करनी चाहिए थी, वहां उन्होंने चुप्पी साधते हुए इस पर अपनी मौन सहमति दे दी। अगर वे चाहते तो आसानी से इस पर रोक लगा सकते थे।

अधिकारियों ने नहीं दिया फोन का जवाब

इस संबंध में जब तिसरी अंचलाधिकारी से फोन के माध्यम से जानकारी लेने का प्रयास किया गया तो उन्होंने फोन का कोई जवाब नहीं दिया। वहीं इस संबंध में खोरीमहुआ एसडीओ से भी जानकारी लेने का जब प्रयास किया गया तो उन्होंने भी फोन का कोई जवाब नहीं दिया।
तिसरी में बढ़ रहा चोरों का आतंक, देर रात पत्रकार के नवनिर्मित घर से बाइक ले उड़े चोर

तिसरी, गिरिडीह

तिसरी प्रखंड में इन दिनों चोरों का आतंक बढ़ने शुरू हो गया है। तिसरी पुलिस के लगातार मुस्तैदी के बावजूद चोर अपने मंसूबे को अंजाम दे रहे हैं। ऐसा ही एक मामला रविवार को देर रात भी सामने आया है, जहां चोरों ने तिसरी के पत्रकार दीपक बरनवाल के नवनिर्मित घर के बरामदे से देर रात बाइक लेकर फरार हो गए।

इस संबंध में जानकारी देते हुए दीपक बरनवाल ने बताया कि वे अपने पिता के साथ जमुनियाटांड़ स्थित नवनिर्मित घर में सोने के लिए गए थे। इसी दौरान प्रतिदिन के भांति घर के बरामदे में उन्होंने अपने हीरो स्पेलेंडर प्लस मोटरसाइकिल जो कि उनके पिता सुधीर बरनवाल के नाम पर है एवं जिसका वाहन रजिस्ट्रेशन संख्या जेएच 11टी 2481 है, इसे खड़ा लोक कर खड़ा किया। जब देर रात बारह बजे उनके पिता की नींद खुली तो उन्हें वहां से बाइक गायब मिली।

साथ ही उन्होंने बताया कि देर रात तक जब उन्होंने बाइक की काफी खोजबीन भी किया और बाइक का पता नहीं चल पाया, तो उन्होंने तीसरी पुलिस को लिखित आवेदन दे कर कार्यवाई की मांग किया है।
निरीक्षण के दौरान सीएस को गावां सीएचसी में मिली गड़बड़ी, चिकित्सा प्रभारी के प्रतिनियुक्ति को किया गया रद्द


गावां, गिरिडीह

सीएचसी गावां में औचक निरीक्षण के दौरान गिरिडीह सिविल सर्जन डॉ. शिव प्रसाद मिश्रा ने बड़ी फाइनेंशियल गड़बड़ी पकड़ी है। जिसके बाद सीएस ने सम्बंधित चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. चंद्रमोहन कुमार पर कार्रवाई करते हुए उनके स्थान पर सीएचसी तिसरी में पदस्थापित डॉ. महेश्वरम को गावां का अतिरिक्त प्रभार सौंप दिया है।

गुरुवार को सीएस द्वारा की गई इस कार्रवाई के बाद गावां सीएचसी से लेकर जिला स्वास्थ्य महकमा में हड़कंप मचा है। खासतौर से एनएचएम इकाई सकते में है। उन्हें डर सता रहा है कि इस फाइनेशियल गड़बड़ी के तार कहीं इस तक नहीं पहुंच जाए।


25 जून को निरीक्षण करने गावां आए थे सीएस

सीएस डॉ. मिश्रा 25 जून को निरीक्षण करने सीएचसी गावां पहुंचे थे। वहां निरीक्षण में अभिलेख एवं संचिकाओं के अवलोकन के प्रथम दृष्टया वित्तीय अनियमितता एवं भंडार में में अनियमितता की बात सामने आई थी। पाया गया था कि कागजी हेराफेरी करके भारी मात्रा में अनियमितता बरती गई है। भंडार कक्ष में भी काफी गड़बड़ी देखने को मिली थी।

सूत्रों से पता चला है कि स्टॉक रजिस्टर में विवरण के अनुसार सामग्रियों के मिलान में काफी त्रुटि पाई गई। कागजी हेराफेरी कर सामग्रियों के बंदरबांट की बात भी सामने आ रही है। मौके पर सीएस ने उपस्थित चिकित्सा पदाधिकारी व अन्य कर्मियों को काफी डांट फटकार लगाई थी। वहीं गावां के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी की प्रतिनुक्ति को रद्द करते हुए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तिसरी में पदस्थापित डॉ महेश्वरम को गावां का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। वहीं मामले को लेकर आगे जांच शुरू हो गई है।


सीओ ने दवा से पड़े रूम को किया सील

इधर, गुरुवार को उक्त मामले में स्वास्थ्य कर्मी पूरी तरह उलझे हुए नजर आए। अफवाह फैली की हॉस्पिटल से बाहर बंद पड़े जर्जर स्टाफ रूम में दवा बेबी किट आदि की खेफ छिपा कर रखी गई है। सूचना पर जिला परिषद पवन कुमार चौधरी स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे व कर्मियों से बंद पड़े कमरे का दरवाजा खोलने की अपील की, लेकिन प्रधान लिपिक भोजन करने के बहाने हॉस्पिटल से चले गए और फिर वापस नहीं लौटे। उनके आने के इंतजार में लगभग तीन घंटे जिप सदस्य पवन कुमार चौधरी बैठे रहे। जिसके बाद संध्या लगभग 6 बजे सीओ के निर्देश पर प्रधान लिपिक प्रभात कुमार ने दरवाजा खोला तो दवा का ढेर व बेबी किट पड़ा मिला। जिसके बाद सीओ अविनाश रंजन ने दवा वाले रुम को सील कर दिया।

गुनहगार पर होगी कार्रवाई: डॉ. मिश्रा

सीएस डॉ. मिश्रा ने कहा कि निरीक्षण में फाइनेंशियल गड़बड़ी पाई गई। इसको लेकर जांच टीम बनाई गई है। टीम को जांच कर शीघ्र रिपोर्ट देने को कहा गया है। फाइनेंशियल गड़बड़ी का मामला सामने आने पर इधर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को गावां से हटा दिया गया है। जांच में जिनका भी नाम आएगा विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी। हॉस्पिटल के बाहर बंद पड़े कमरे में दवा रखने के बाबत कहा कि टीम भेज कर इसकी भी जांच कार्रवाई जाएगी।

जांच के लिए गिरिडीह से आ रही है टीम

बता दें पूरे मामले के गहन जांच को लेकर जानकारी मिल रही है कि गिरिडीह स्वास्थ्य विभाग से एक टीम शुक्रवार को गावां पहुंचने वाली है। जैसे बाद इसी टीम के सामने कमरे का सील खोला जाएगा और फिर सारे सामग्रियों की भी जांच की जाएगी। अंदेशा लगाया जा रहा है कि इस जांच के बाद कई और भी गड़बड़ियां उजागर हो सकती हैं।
तिसरी और गावां के सुदूरवर्ती क्षेत्रों में संचालित हो रही है शराब की अवैध भट्टियां


गिरिडीह

गिरिडीह जिले के तिसरी प्रखंड अंतर्गत कुंडी गांव एवं कारीपहरी के जंगलों में इन दिनों लगातार अवैध महुआ शराब की भट्टियां संचालित होने की जानकारी प्राप्त हो रही है।

सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार मनसाडीह ओपी क्षेत्र के कुंडी गांव के घरों में अवैध महुआ शराब की चुलाई की जा रही है। इतना ही नहीं इन अवैध शराब की चुलाई कर इसका अवैध भंडारण किया जाता है, जिसे जंगलों के रास्ते बिहार सप्लाई किया जा रहा है।

वहीं थानसिंहडीह ओपी क्षेत्र के काली पहरी जंगलों के बीचों बीच भी शराब माफियाओं द्वारा अवैध महुआ शराब का निर्माण करने की जानकारी प्राप्त ही रही है। इतना ही नहीं इन अवैध शराब के निर्माण के लिए वह भूमि से कई पेड़ों को काटकर चूल्हे में झोंका भी जा रहा है। यहां से बनने वाली अवैध महुआ शराब न सिर्फ बिहार के कई इलाकों में बल्कि तिसरी व गावां के कई विक्रेताओं के पास भी भेजा जा रहा है।

गावां के राजोखार, डूमरझरा और गाढ़ीसांख में भी हो रही है अवैध महुआ शराब की चुलाई

बताते चलें कि तिसरी के अलावा गावां के राजोखार, डूमरझरा और गाढ़ीसांख में भी आधे दर्जन से अधिक अवैध शराब भट्टियां संचालित है, जहां से अवैध महुआ शराब का निर्माण कर इसे बिहार सहित आस पास के कई इलाकों में बेचा जा रहा है।

अब देखना यह है कि गावां और तिसरी पुलिस सहित गावां वन विभाग इन शराब भट्ठियों के विरुद्ध क्या कार्रवाई करती है।
सरकारी शराब दुकानों में प्रिंट से अधिक दामों में बेचे जा रहे हैं शराब, ग्राहकों ने काटा बवाल


गिरिडीह

गिरिडीह जिले के सभी सरकारी विदेशी शराब दुकानों में इन दिनों लोगों को प्रिंट मूल्य से 10 रुपए से लेकर 40 रुपए अधिक दामों पर शराब बेचा जा रहा है। हैरानी की बात यह है कि विभागीय अधिकारी इस पर लगाम लगाने में नाकामयाब साबित होते नजर आ रहे हैं।

बता दें गिरिडीह शहर सहित सभी गांव में यही हाल देखने को मिल रहा है। लोग अगर सरकारी दुकान शराब लेने पहुंचते हैं तो उन्हें वहां के स्टाफ द्वारा 10 रुपए से 40 रुपए प्रिंट से अधिक यह कह कर लिया जाता है कि उन्हें वेतन नहीं मिलता है और कुछ कमीशन भी देना पड़ता है। वहीं जब लोग अधिक मूल्य नहीं चुकाना चाहते हैं तो फिर उन्हे शराब भी नहीं दी जाती।

ऐसा ही एक मामला बुधवार को गिरिडीह जिले के गावां बाई पास रोड स्थित सरकारी विदेशी शराब दुकान में भी देखने को मिला। जहां पैसे अधिक लिए जाने के कारण शराब दुकान पर जम कर हो हल्ला भी हुआ। अंत में नतीजा यह रहा कि कई जनप्रतिनिधियों के आने से मामला शांत हुआ और दुकान के स्टाफ ने अधिक लिए पैसों को भी वापस किया।


उप प्रमुख पति ने शिकायत का लगाया पर्चा

मामले के शांत हो जाने के बाद गावां उप प्रमुख पति गणेश यादव ने शराब दुकानदार को प्रिंट रेट से अधिक पैसे नहीं लेने की चेतावनी देते हुए कई शिकायती पर्चे भी कई जगह छोड़े गए हैं। इन पर्चों पर उनके द्वारा साफ तौर पर लिखवाया गया है कि अगर प्रिंट रेट से अधिक पैसों का मांग किया जाता है तो पर्चे पर उनके लिखे नंबर पर इसकी शिकायत करें।

ऐसे में यह सवाल खड़ा होता है कि आखिर क्यों विभागीय पदाधिकारियों के जगह अब जन प्रतिनिधियों को मामले में हस्तक्षेप करना पड़ रहा है? कहीं शराब दुकानदारों के कहे अनुसार जो कमीशन जाता है वह कहीं अधिकारियों के पास तो नहीं जाता है जिससे वह खुद में चुप्पी साधे बैठे हैं।
प्रखंड में डीलरों के मनमानी के कारण कार्डधारियों में पनप रहा आक्रोश, राशन कटौती करने पर दी प्रखंड मुख्यालय के घेराव की चेतावनी


गावां, गिरिडीह

गावां प्रखंड में इन दिनों लगातार डीलरों द्वारा मन माने तरीके से राशन वितरण करने पर कार्डधारी आक्रोशित होते नजर आ रहे है। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर विभाग डीलर की मनमानी पर अंकुश नहीं लगाते हैं तो अंत में वे अपने हक के लिए प्रखंड मुख्यालय का घेराव करने से भी पीछे नहीं हटेंगे।

बता दें गावां, मालडा, नगवां, जमडार, गदर समेत सभी पंचायतों में इन दिनों राशन डीलर द्वारा प्रत्येक यूनिट पर आधा किलो राशन की कटौती की जा रही है। वहीं इनमे से कई डीलर ऐसे भी हैं जो आधा किलो राशन कटौती करने के बाद अलग से दो तीन किलो राशन की कटौती करते हैं। इतना ही नहीं कई डीलरों द्वारा 12 माह में 10 व 11 माह ही राशन बांटा जाता है।

इन सभी को लेकर जब कुछ कार्डधारियों से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि राशन डीलर द्वारा न सिर्फ गेंहू व चावल में कटौती की जाती है बल्कि नमक व दाल में भी गड़बड़ किया जाता है। वहीं जब वे लोग डीलर से पूछते हैं कि जब सरकार उन्हे पूरी राशन दे रही है तो फिर वे कम क्यों देते हैं तो फिर इस पर डीलर ऊपर से कटौती होने की बात कहते हैं। वहीं ज्यादा सवाल जवाब करने पर उन्हें कहा जाता कि जहां जाना है जाओ, जो होगा देख लेंगे।

इस संबंध के जानकारी देते हुए माल्डा पंचायत समिति सदस्य अजीत तिवारी ने कहा कि कार्ड धारी राशन डीलर के मनमानी के कारण पूरे तरह से परेशान है। उनके द्वारा पंसस की बैठक में कई बार यह मुद्दा भी उठाया गया है, लेकिन विभाग लापरवाही के कारण अब तक स्थिति जस की तस बनी हुई है। साथ ही उन्होंने कहा कि अगर प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी इस अवैध कटौती पर अंकुश जल्द से जल्द नहीं लगाएंगे तो फिर अंत में सभी कार्डधारी मिलकर अपने हक और अधिकार के लिए प्रखंड मुख्यालय का घेराव करने को बाध्य होंगे।

बताते चलें कि इन सभी बातों की जब जानकारी कुछ डीलर से ली गई तो उन्होंने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि उन्हें ऊपर से ही राशन काट कर दिया जा रहा है। और इतना ही नहीं बिचौलियों द्वारा विभागीय अधिकारियों के नाम पर कुछ पैसे भी उनसे लिए जाते हैं, जिसे विभागीय अधिकारियों तक पहुंचाया जाता है। ऐसे में वह कैसे कार्डधारियों को पूरा अनाज बांट सकते हैं।

वहीं इस संबंध में डीएसओ गुलाम समदानी ने कहा कि राशन वितरण में कोताही किसी भी सूरत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सभी डीलर को पूरा राशन दिया जा रहा है, इसके बावजूद कटौती हो रही है तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए बीडीओ स्तर से निगरानी समिति भी बनाई गई है। कहा कि कोई भी लाभुक अपने डीलर के पास एक दाना भी अनाज कम न लें।
सरकारी आदेश के बाद भी भीषण गर्मी में खुले हैं कई प्राइवेट विद्यालय


गावां, गिरिडीह

गावां प्रखंड के गावां, माल्डा समेत कई इलाकों में संचालित प्राइवेट विद्यालय सरकारी आदेश को मुंह चिढ़ाने का कार्य कर रहे हैं। हैरत की बात तो यह है कि गावां शिक्षा विभाग के अधिकारियों का भी ध्यान इस ओर नहीं गया है।

बता दें इन दिनों पूरा राज्य हिट वेव की चपेट में है और इसे देखते हुए सरकार एवं जिला प्रशासन की ओर से कई गाइडलाइन भी जारी किए गए हैं। इन्ही सरकारी गाइडलाइंस के दौरान झारखंड सरकार द्वारा सभी सरकारी एवं गैर सरकारी विद्यालयों को बंद करने का आदेश 11 जून को जारी किया गया था। जिसके बाद से सभी सरकारी एवं गैर सरकारी विद्यालयों को 12 जून से बंद कर दिया गया था। किंतु गावां प्रखंड के दर्जनों गैर सरकारी विद्यालय इस आदेश को नजर अंदाज करते हुए विद्यालय का संचालन कर रहे हैं। साथ ही तपती धूप में बच्चों को पढ़ाने के विद्यालय बुला रहे हैं।

गावां प्रखंड के मालडा स्थित जीपी मेमोरियल विद्यालय के एक छात्र से घर वापसी के क्रम में जब पूछा गया तो उसने बताया कि विद्यालय अभी भी खुला है। विद्यालय के शिक्षक के कहने पर वे विद्यालय आ रहे हैं। वहीं जब दूसरे छात्र से पूछा गया तो उसने बताया कि इस तपती धूप में उसे पैदल ही घर जाना पड़ता है। लेकिन विद्यालय के शिक्षक विद्यालय आने के लिए कहते हैं तो हमें जबरदस्ती विद्यालय आना पड़ता है।

इस संबंध में बीपीओ गंगाधर पांडेय से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि सरकारी आदेश सभी सरकारी एवं गैर सरकारी विद्यालयों के लिए है। और विभाग की ओर से सभी को इस संबंध में जानकारी दिया जा चुका है। अगर कोई भी गैर सरकारी विद्यालय के प्रधानाध्यापक सरकारी आदेश को नहीं मानते हुए विद्यालय संचालित करते हैं तो उनसे स्पष्टीकरण मांग किया जाएगा और स्पष्टीकरण के दौरान सही जवाब नहीं मिलने पर उनके विरुद्ध विधिसम्मत कार्रवाई की जायेगी।