उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस बैंक ने नासरीगंज, सासाराम, बिहार   लखनऊ में अपने नए बैंकिंग आउटलेट के साथ उपस्थिति का विस्तार किया

लखनऊ । सासाराम, उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस बैंक लिमिटेड ने आज बिहार राज्य में अपने नए बैंकिंग आउटलेट के उद्घाटन की घोषणा की। इस लॉन्च के साथ, बैंक बिहार में 223 बैंकिंग आउटलेट और देश भर में 909 बैंकिंग आउटलेट तक पहुंच गया है। नासरीगंज, सासाराम में ग्राहक बैंक के उत्पादों और सेवाओं का उपयोग कर सकेंगे, जिनमें बचत खाते, चालू खाते, सावधि जमा और आवर्ती जमा के साथ-साथ आवास ऋण, व्यवसाय ऋण, संपत्ति के विरुद्ध ऋण, क्रेडिट, बीमा जैसे विभिन्न ऋण उत्पाद शामिल हैं। , और निवेश उत्पाद। अपने बैंकिंग आउटलेट बुनियादी ढांचे, डिजिटल बैंकिंग क्षमताओं और एटीएम नेटवर्क के साथ, बैंक का लक्ष्य एकीकृत ग्राहक सेवा प्रदान करना है।


उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस बैंक लिमिटेड के एमडी और सीईओ गोविंद सिंह ने बिहार के प्रति बैंक की प्रतिबद्धता व्यक्त की. उन्होंने कहा, "नासरीगंज, सासाराम में हमारा नया बैंकिंग आउटलेट स्थानीय उद्यमिता को बढ़ावा देने और क्षेत्र में वित्तीय समावेशन को बढ़ाने के लिए हमारे समर्पण को मजबूत करता है। सासाराम, जो अपने ऐतिहासिक महत्व और कृषि क्षमता के लिए जाना जाता है, आर्थिक विकास के लिए अद्वितीय अवसर प्रस्तुत करता है। आवश्यक पहुंच प्रदान करके जेएलजी मॉडल के माध्यम से बैंकिंग सेवाओं और माइक्रो-बैंकिंग ऋणों के माध्यम से, हमारा उद्देश्य वंचित समुदायों की आर्थिक लचीलापन को रेखांकित करना और बिहार की सामाजिक-आर्थिक प्रगति में योगदान करना है।

यह बैंकिंग आउटलेट उन वंचित या कम आय वाले व्यक्तियों या समूहों को व्यवसाय विकास सेवाओं के लिए माइक्रो-बैंकिंग ऋण प्रदान करेगा जिनकी वित्तीय सेवाओं तक सीमित पहुंच है। समूह ऋण के जेएलजी मॉडल में एक सहकर्मी-गारंटी ऋण मॉडल शामिल है, जो व्यक्तियों को व्यक्तिगत आधार पर संपार्श्विक या सुरक्षा प्रदान किए बिना ऋण लेने में सक्षम बनाता है, जबकि समूह के भीतर आपसी सहयोग के माध्यम से ऋण अनुशासन को बढ़ावा देता है और उनके ऋणों का त्वरित पुनर्भुगतान करता है।

ग्राहक बैंकिंग आउटलेट, माइक्रो एटीएम (बैंकिंग समय के दौरान), इंटरनेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग, यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) और कॉल सेंटर जैसे विभिन्न चैनलों के माध्यम से बैंकिंग सेवाओं तक पहुंच सकते हैं। इसके अतिरिक्त, बैंक ग्राहकों को टैबलेट-आधारित एप्लिकेशन-असिस्टेड मॉडल, डिजी आॅन-बोर्डिंग के माध्यम से बैंकिंग आउटलेट पर जाए बिना बैंक खाता खोलने की सुविधा प्रदान करता है।
हाथरस घटना की न्यायिक जांच होगी : योगी
लखनऊ/ हाथरस। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि हाथरस में हुई भगदड़ की घटना की न्यायिक जांच कराई जाएगी। हाई कोर्ट के रिटायर जज की अध्यक्षता में कमेटी गठित की जाएगी। उन्होंने बुधवार को यहां पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि इस घटना में 121 श्रद्धालुओं की मौत हुई है। इसमें उप्र के साथ हरियाणा, राजस्थान और मध्य प्रदेश के भी लोग थे। उप्र में हाथरस, बदायूं, कासगंज, अलीगढ़, एटा, हमीरपुर, आगरा, शाहजहांपुर, गौतमबुद्धनगर और लखीमपुर खीरी समेत 16 जिलों के श्रद्धालुओं की मौत हुई है। मृतकों में छह अन्य राज्यों के थे।

मुख्यमंत्री योगी ने बताया कि हाथरस, एटा, अलीगढ़ और आगरा में घायलों का इलाज चल रहा है। घायलों से मैंने बातचीत भी की। वे सभी कहते हैं कि हादसा कार्यक्रम के उपरांत हुआ है। इस कार्यक्रम में जो सज्जन कथा कहने आए थे, वह जाने लगे तो उन्हें छूने के लिए महिलाओं का हुजूम उनकी ओर बढ़ा। उसी में कुछ लोग गिर गए। उनके ऊपर लोग चढ़ते गए। फिर दुर्भाग्यपूर्ण घटना हो गयी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले तो आयोजकों ने प्रशासन को परिसर के अंदर जाने नहीं दिया। दुर्घटना के बाद पुलिस घायलों को इलाज के लिए ले जाने लगी तो सभी सेवादार भाग गए। प्रथम दृष्टया राहत एवं बचाव कार्य और फिर आयोजकों के बयान दर्ज करने, उनसे पूछ ताछ करने और कार्रवाई करने का कार्य किया जाएगा। इसे केवल हादसा कह कर टाला नहीं जा सकता। उसकी भी जांच होगी कि हादसा कैसे हुआ। हादसा नहीं तो क्या साजिश है। साजिश है तो दोषियों को ढूढ़ निकाला जाएगा। उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। ताकि ऐसी घटना फिर कभी दोहराई न जा सके।

सीएम योगी ने कहा कि इस पूरे घटनाक्रम की जांच हाई कोर्ट के रिटायर जज की अध्यक्षता में गठित कमेटी से कराई जाएगी। एडीजी आगरा जोन के नेतृत्व में अधिकारियों की टीम पहले से जांच कर रही है। सरकार के तीन मंत्री हाथरस में कैम्प कर रहे हैं।

विपक्ष के लोगों द्वारा सरकार पर उठाए गए सवाल पर सीएम योगी ने कहा कि कुछ लोगों की ऐसी प्रकृति होती है। ऐसी घटना पर राजनीति करना दुर्भाग्यपूर्ण है। यह सबको पता है कि आयोजकों के साथ किसके संबंध हैं।

उल्लेखनीय है कि पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस हादसे में मौत का जिम्मेदार सरकार को बताया था। एक अन्य सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसा नहीं है कि इतना बड़ा धार्मिक आयोजन नहीं होता है। इससे भी बड़े कार्यक्रम होते रहे हैं। सेवादारों को ऐसी व्यवस्था बनानी चाहिए कि कोई दुखद घटना न हो। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि घटना के बाद लोग मरते रहे और सेवादार भाग गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन लोगों की इस घटना में जान गयी है, उनके बच्चों की पढ़ाई का जिम्मा राज्य सरकार उठाएगी। उनकी व्यवस्था कराएगी।
सीएम योगी आदित्यनाथ पहुंचे हाथरस, भगदड़ की घटना में घायल हुए लोगाें से की मुलाकात
लखनऊ । यूपी के हाथरस में मंगलवार को बड़ा हादसा हो गया। यहां फुलराई गांव में साकार हरि बाबा का सत्संग चल रहा था।। सत्संग समाप्त होने के बाद यहां से जैसे भी भीड़ निकलना शुरू हुई तो भगदड़ मच गई। कार्यक्रम में शामिल होने आए 124 लोगों की इस हादसे में मौत हो गई। हाथरस के सिकंदराराऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ घटना स्थल पर पहुंचे हैं। वहां से अलीगढ़ आकर सीएम अफसरों के साथ बैठक करेंगे। फिर पुलिस लाइन में प्रेस कांफ्रेंस करेंगे।   मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाथरस के सरकारी अस्पताल में भगदड़ की घटना में घायल हुए लोगों से मुलाकात की और उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली।

यह सरकार की लापरवाही है: अखिलेश यादव

हाथरस हादसे पर समाजवादी पार्टी सांसद अखिलेश यादव ने कहा, 'यह बहुत दर्दनाक है। जिन परिवारों के सदस्यों की जान गई है उन्हें दुख सहने की शक्ति मिले। जो हादसा हुआ है यह सरकार की लापरवाही है। ऐसा नहीं है कि सरकार को इस कार्यक्रम की जानकारी न हो। जब कभी भी इस प्रकार के कार्यक्रम होते हैं तो बड़ी संख्या में लोग इसमें शामिल होते हैं। इस लापरवाही से जो जानें गईं है उसकी ज़िम्मेदार सरकार है। कोई अगर अस्पताल पहुंच भी गया तो उन्हें पर्याप्त इलाज नहीं मिल पाया। ना ऑक्सीजन, ना दवाई, ना इलाज मिल पाया। इसकी ज़िम्मेदार भाजपा है जो बड़े-बड़े दावे करती है कि हम विश्वगुरु बन गए हैं। क्या अर्थव्यवस्था का मतलब यह है कि किसी आपातकाल स्थिति में आप लोगों का इलाज न कर पाएं?'

हाथरस भगदड़ घटना के संबंध में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर

सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है जिसमें हाथरस भगदड़ घटना की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त जज की निगरानी में पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति नियुक्त करने का निर्देश देने की मांग की गई है। इसमें सार्वजनिक समारोहों में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए दिशानिर्देश और सुरक्षा उपाय सुझाने और तैयार करने के लिए समिति को निर्देश देने की मांग की गई है। एक वकील द्वारा दायर याचिका में उत्तर प्रदेश राज्य को हाथरस भगदड़ की घटना में शीर्ष अदालत के समक्ष एक स्थिति रिपोर्ट पेश करने और उनके लापरवाह आचरण के लिए व्यक्तियों, अधिकारियों और अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करने का निर्देश देने की भी मांग की गई है।
नियम के विरुद्ध तीन सवारी करना पड़ा महंगा, बस से टक्कर में मौत
लखनऊ। लखनऊ के हुसैनगंज क्षेत्र में नियम के विरुद्ध एक स्कूटी पर तीन सवारी करना महंगा पड़ा। बीती रात देवरिया डिपो की बस से स्कूटी टकराने के बाद बहाब नामक व्यक्ति की मौत हो गयी। वहीं स्कूटी पर सवार रहे मोहित धानुक और लकी कुमार बुरी तरह से जख्मी हो गये।

हुसैनगंज थाना के निरीक्षक राजकुमार गुप्ता ने बताया कि मृतक की पहचान बहाब निवासी घसियारी मंडी कैसरबाग के रुप में हुई है। उसके परिजन के आने के बाद शव का पंचनामा भर आगे की कार्रवाई के लिए भेजा गया है। वहीं छितवापुर निवासी दोनों घायलों मोहित और लकी को सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां दोनों का उपचार चल रहा है।

उन्होंने बताया कि घटना के बाद बस चालक जितेन्द्र को हिरासत में ले लिया गया। स्कूटी चालक के मौत के आरोप में उसके विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत किया गया है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार घटना के वक्त स्कूटी चालक बहाब भी खराब तरीके से वाहन चला रहा था और बस से टकरा कर गिर पड़ा। स्कूटी को पुलिस ने कब्जे में ले लिया है।
हाथरस हादसा : भोले बाबा जेल से छूट कर बन गया कथावाचक


लखनऊ। उत्तर प्रदेश में नब्बे के दशक में यूपी पुलिस का कांस्टेबल सूरल पाल उर्फ भोले बाबा को यौन शोषण के आरोप में मुकदमा लिखकर जेल भेज दिया गया। जेल से छूटने के बाद सूरज पाल अपने दोस्तों की मदद से कथावाचक बन गया। हाथरस में सूरज पाल ही कथा कह रहा था।

आयोजकों और कथा करने वाले संत की जुटाई जा रही जानकारी

हाथरस में कथा सत्संग के दौरान भगदड़ हुई और एक सौ से ज्यादा लोगों की मौत हो गयी। प्रदेश में बड़े हादसे की सूचना के बाद मुख्यमंत्री के निर्देश पर पुलिस महानिदेशक और मुख्य सचिव मौके पर पहुंचें तो कथा के आयोजकों और कथा करने वाले संत की जानकारी जुटायी जाने लगी। इस दौरान कथावाचक सूरज पाल उर्फ बाबा भोले उर्फ बाबा साकार हरी का पुराना इतिहास निकल कर सामने आ गया।

सूरज बतौर कांस्टेबल अपनी ड्यूटी करता था

सूरज पाल जो अट्ठाईस वर्ष पूर्व में यूपी पुलिस में नौकरी करता था। सूरज बतौर कांस्टेबल अपनी ड्यूटी करता था। उसी वक्त उसके ऊपर यौन शोषण के आरोप लगे और वह जेल चला गया। कुछ समय बीतने के बाद वह जेल से छूटा और फिर छोटे मोटे काम करने लगा। जीवन चलाने के लिए उसके दोस्तों ने उसे कथा कहने की सलाह दे डाली।

कुम्भ के बाद सूरज पाल कथावाचक बनकर उभरा

वर्ष दो हजार बारह में हुए कुम्भ के बाद सूरज पाल कथावाचक बनकर उभरा और हाथरस, आगरा, इटावा, मैनपुरी जैसे क्षेत्रों में कथा करने लगा। हाथरस में हुए हादसे से पहले सूरज पाल की कथा चल रही थी। घटना के दिन कथावाचक सूरज का आगमन हुआ तो वहां लोगों को रोका गया। जब भीड़ को छोड़ा गया तो आगे बढ़कर पंडाल में पहुंचने की होड़ थी, जो हादसे में बदल गयी।

सूरज पाल की कथा सुनने पहुंचे थे अखिलेश यादव

सूरज पाल को जानने वाले बताते हैं कि सूरज पाल की कथा सुनने के लिए अखिलेश यादव पहुंचे थे। अखिलेश ने कथा की फोटो को सोशल मीडिया पर भी भेजा था। जिसे हजारों लोगों ने लाइक भी किया था।
पुलिस की नौकरी को छोड़कर भोले बाबा करने लगे सत्संग, बसपा सरकार में लाल बत्ती कार में चलता था बाबा का काफिला
लखनऊ । भोले बाबा की अजीबो गरीब कहानी है। जिसे सुनने के बाद आप भी हैरान हो जाएंगे। भोले बाबा पहले पुलिस की नौकरी करते थे लेकिन बीच में उसे छोड़कर बाबा बन गए । इनका रुतबा ऐसा रहा कि मायावती की सरकार में लाल बत्ती की कार में इनका काफिला चलता था। इनकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि भोले बाबा साधु संत का वस्त्र पहनने के बजाय सफेद पैंट शर्ट पहनते है।

जानकारी के लिए बता दें कि सूरजपाल सिंह उर्फ साकार हरि बाबा उर्फ भोले बाबा कासगंज जिले के पटयाली का रहने वाले है। कई साल पहले इन्होंने पुलिस कांस्टेबल की नौकरी को छोड़कर भक्ति मार्ग पर चल पड़े और लोगाें के बीच जाकर सत्संग करना शुरू कर दिया। इनका पहनावा भी सबसे अलग है। अधिकतर वह महंगे चश्मे, सफेद पैंट-शर्ट पहनता है। गरीब और वंचित तबके के लोगों के बीच इसकी लोकप्रियता तेजी से बढ़ी। इसलिए जहां कहीं इनका सत्संग होता हो वहां पर भारी भीड़ जमा होती है।

उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान में उसके लाखों अनुयायी हैं। बाबा ने अपने पैतृक गांव बहादुरनगर में बड़ा आश्रम बना रखा है, जहां हर महीने के पहले मंगलवार को सत्संग होता है। बाबा आश्रम में हो या न हो, भक्तों का हुजूम लगा रहता है। पुलिस पृष्ठभूमि के चलते बाबा पुलिस के तौर-तरीकों को जानता है। इसी से उसने वर्दीधारी स्वयंसेकों की लंबी-चौड़ी फौज खड़ी कर दी।  एससी/एसटी और ओबीसी वर्ग में गहरी पैठ...बाबा खुद जाटव हैं। एससी/एसटी और ओबीसी वर्ग में उसकी गहरी पैठ है। मुस्लिम भी उनके अनुयायी हैं। उसके यूट्यूब चैनल के 31 हजार सब्सक्राइबर हैं।

नारायण साकार हरि यानी भोले बाबा का बसपा सरकार में डंका बजता था। बसपा सरकार में भोले बाबा लाल बत्ती की गाड़ी में सत्संग स्थल तक पहुंचते थे। उनकी कार के आगे आगे पुलिस एस्कॉर्ट करते हुए चलती थी। बसपा सरकार में तत्कालीन जनप्रतिनिधि उनके सत्संग में शामिल होने पहुंचते रहे। सत्संग स्थल पर पुलिस की जगह उनके स्वयंसेवक ही कमान संभालते हैं। 

सत्संग में सेवा के लिए पुलिसकर्मी भी छुट्टी लेकर पहुंचते हैं। सत्संग में पूरी व्यवस्थाएं स्वयंसेवकों के हाथ में ही होती हैं। इनमें कई पुलिसकर्मी हैं, जो बाबा की सुरक्षा में तैनात रहने के साथ सत्संग स्थल पर व्यवसथाएं संभालते हैं। स्वयंसेवक गुलाबी रंग की यूनिफॉर्म में सत्संग स्थल से लेकर शहर की सड़कों पर तैनात रहते हैं। आगरा में कोठी मीना बाजार मैदान, सेवला के पास शक्ति नगर मैदान, आवास विकास कॉलोनी, दयालबाग, बाह और शास्त्रीपुरम के पास सुनारी में नारायण साकार हरि का सत्संग हो चुका है।
भोले बाबा की गिरफ्तारी के लिए मैनपुरी के आश्रमों पर पुलिस पहुंची, आगरा के सैया में भी चार जुलाई को होना था भोले बाबा को सत्संग, लगी रोक


लखनऊ । यूपी के हाथरस जनपद के सिकंदराराऊ थाना क्षेत्र अंतर्गत रतीभानपुर फुलरई गांव में 200 बीघा जमीन पर बनाए गए पंडाल में भोले बाबा के सत्संग कार्यक्रम के दौरान 116 से अधिक लोगों की मौत और सैकड़ों लोगों के घायल होने के बाद आगरा के प्रस्तावित सत्संग कार्यक्रम पर रोक लगा दी गई है।हाथरस जिले के सिकंदराराऊ कस्बे के फुलरई गांव में भोले बाबा के सत्संग के बाद भगदड़ में 116 लोगों की मौत हो गई। बड़ी संख्या में भगदड़ के दौरान लोगों के हताहत होने और सैकड़ों लोगों के घायल होने की इस घटना के बाद आगरा में होने वाला भोले बाबा का सत्संग निरस्त कर दिया गया है।

भोले बाबा के नाम से प्रसिद्ध नारायण हरि साकार बाबा का आगरा के सैया कस्बे में इसी 04 जुलाई 2024 को संत समागम सत्संग होना था। इसकी सारी तैयारी कर ली गई थी। टेंट भी लग गया था। सत्संग के लिए उप जिलाधिकारी से अनुमति ली गई थी। हाथरस की घटना के बाद आगरा का सत्संग निरस्त कर दिया गया है।इस बड़ी घटना के बाद बाबा की धर-पकड़ की कार्रवाई तेज कर दी गई है। उनके मैनपुरी स्थित आश्रम पर भी पुलिस ने छापा मारा है। इस बड़ी दुर्घटना के बाद शासन प्रशासन बाबा के साथ कोई भी रियायत बरतने के मूड में नहीं दिख रहा है। बड़ी कार्रवाई करने के पूरे इरादे के साथ प्रभावी प्रयास किया जा रहे हैं।

मृतकों की लिस्ट जारी

प्रशासन में हाथरस में मरने वालों की पहचान करते हुए लिस्ट जारी कर दी है। 116 लोगों की शिनाख्त करते हुए उनके शवों को परिजनों के हैंडओवर किए जाने की कार्रवाई की जा रही है।
हाथरस के पास सत्संग में भगदड़ से अब तक 116 लोगों की मौत की पुलिस प्रशासन ने की पुष्टि, आयोजकों पर होगा मुकदमा


लखनऊ । उत्तर प्रदेश के हाथरस जनपद में सिकंदराराऊ थाना अंतर्गत फुलरई मुगलगढ़ी के एक खेत में साकार हरि बाबा का एक दिवसीय सत्संग चल रहा था। सत्संग समापन के बाद वहां बाबा के दर्शन पाने की होड़ में भारी संख्या में पहुंचे बाबा के अनुयायियों की भीड़ जुटी थी। तभी अचानक भगदड़ मच गई, जिसमें अब तक 116 लोगों की लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। यह बात घटनास्थल और हालात का जायजा लेने पहुंचे प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार ने पत्रकारों से कही।


डीजीपी ने कहा कि सत्संग में 80 हजार लोगों की अनुमति ली गई थी लेकिन वहां अनुमति से अधिक लोगों की भीड़ पहुंची। इस मामले में आयोजकों पर मुकदमा दर्ज होगा और कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि हादसे में काफी संख्या में घायल लोगों को आसपास के जिलों में भर्ती कराया गया है। आशंका है कि मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है। प्रशासन अब भी घटना में कुल कितने लोगों मौत हुई है, इसके आंकड़े जुटा रहा है। मृतकों की संख्या अभी बढ़ सकती है। वहीं घायलों को समुचित उपचार जारी है।मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने बताया कि मृतकों में सात बच्चे हैं और एक पुरुष के अलावा शेष महिलाएं हैं। इन मृतकों में 62 लोगों की शिनाख्त कर ली गई है। अन्य की पहचान के प्रयास जारी हैं, घटना में सभी बिन्दुओं पर जांच जारी है। कठोर कार्रवाई होगी।



सीएम ने कहा, हाथरस की घटना हादसा या सजिश इसकी होगी जांच

घटना को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आवास पर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने इस संबंध में कहा कि जाँच समिति बना दी गई है। घटनास्थल पर मुख्य सचिव और डीजीपी कैंप कर रहे हैं। वहीं प्रदेश सरकार के तीन मंत्री वहां घायलों को उपचार आदि की सुविधा मुहैया करा रहे हैं। घटनास्थल पर भेजे गए तीनों मंत्रियों असीम अरुण, संदीप सिंह और लक्ष्मी नारायण चौधरी समेत मुख्य सचिव और डीजीपी से लगातार संपर्क करते हुए पल-पल की रिपोर्ट ली जा रही है। उन्होंने कहा कि यह हादसा है या साजिश, इसकी जांच होगी। उन्होंने मृतकों के शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। साथ ही मुख्यमंत्री ने एडीजी आगरा और कमिश्नर अलीगढ़ के नेतृत्व में टीम गठित कर 24 घंटे में दुर्घटना के कारणों की जांच रिपोर्ट तलब की है।



सहायता राशि का किया ऐलान

मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख तथा घायलों को 50-50 हजार की आर्थिक सहायता देने का भी ऐलान किया है, जबकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से भी मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख और घायलों को 50-50 हजार की आर्थिक सहायता की घोषणा की गई है। घटना को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने सरकारी आवास पर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ लगातार बैठक कर रहे हैं और पल पल की रिपोर्ट के लिए उन्होंने प्रदेश सरकार के तीन मंत्रियों असीम अरुण, संदीप सिंह और लक्ष्मी नारायण चौधरी, मुख्य सचिव और डीजीपी को मौके पर भेजा है और लगातार उनके संपर्क में हैं। मुख्यमंत्री का निर्देश है कि घटना का दोषी कोई हो, बचेगा नहीं, उस पर कठोर से कठोर कार्रवाई की जाएगी। दूसरी तरफ जिला प्रशासन ने आम लोगों की सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर 05722227041 तथा 05722227042 जारी किए हैं।


सत्संग के दौरान मची भगदड़

उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में मंगलवार को नारायण साकार विश्व हरि के नाम से प्रसिद्ध भोले बाबा के कार्यक्रम में लाखों की संख्या में भक्तों की भीड़ जुटी। कार्यक्रम स्थल पर प्रशासन की परमिशन से ज्यादा भक्त सत्संग कार्यक्रम में पहुंचे। भोले बाबा के सत्संग के दौरान भगदड़ मच गई। मुख्य सचिव मनोज सिंह और डीजीपी प्रशांत कुमार घटनास्थल पर जांच के दौरान इसको लेकर आयोजकों की बड़ी लापरवाही मिली है। उन्हें घायलों से इलाज के दौरान यह जानकारी पूछताछ में पता चली। उन्होंने बताया कि समुचित उपचार के लिए कुछ घायलों को एटा भेजा गया। घटना सिकंदराराऊ कोतवाली क्षेत्र के जीटी रोड स्थित गांव फुलराई के पास की है।

हादसे के बाद बाबा फरार, आयोजक अंडर ग्राउंड

हाथरस हादसे का जिम्मेदार साकार विश्व हरी भोले बाबा का असली नाम सूरज पाल है, जो कि उत्तर प्रदेश पुलिस में हेड कांस्टेबल की नौकरी करता था। सूरज पाल उर्फ भोले बाबा इटावा में लगभग अट्ठाइस वर्ष पहले एलआईयू (लोकल इंटेलिजेंस यूनिट) में तैनात रह चुका है। जानकारी के मुताबिक 26 साल पहले किसी मुकदमे में फंसने के बाद सूरज पाल पुलिस विभाग से बर्खास्त कर दिया गया था। नौकरी से बर्खास्त और जेल से छूटने के बाद उसने अपना नाम और पहचान बदली और सूरज पाल भोले बाबा बन गया। वर्तमान में उसके पास बाबा राम रहीम की तरह इनकी अपनी सिक्योरिटी टीम है। हाथरस में सत्संग के दौरान हुए हादसे के बाद वह जनपद से अपने काफिले के साथ फरार हो गया है। वहीं सत्संग का आयोजन करीब 78 आयोजकों द्वारा किया गया था। इन सभी पर पुलिस व प्रशासनिक कार्रवाई को अमल में लाया जा रहा है। यह सभी आयोजक भी अंडर ग्राउंड हो गए हैं।

हाथरस हादसा : हमारी सरकार इस घटना की तह में जाकर साजिशकर्ताओं और जिम्मेदारों को उचित सजा देने का काम करेगी: सीएम योगी

लखनऊ ।यूपी के हाथरस जिले में बड़ा हादसा होने के बाद योगी सरकार काफी गंभीर हो चली है। इसीलिए सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रेसवर्ता में कहा कि हमारी सरकार इस घटना की तह में जाकर साजिशकर्ताओं और जिम्मेदारों को उचित सजा देने का काम करेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस पूरी घटना की जांच करा रही है। हम इसकी तह में जाएंगे और देखेंगे कि यह हादसा है या साजिश।

इसके साथ ही सीएम योगी ने घटना पर राजनीति करने वाले दलों को भी फटकार लगाते हुए कहा कि इस प्रकार की घटना पर पीड़ितों के प्रति संवेदना व्यक्त करने के बजाए राजनीति करना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है और निंदनीय भी। यह समय पीड़ितों के घावों पर मरहम लगाने का है, पीड़ितों के प्रति संवेदना का है। सरकार इस मामले में पहले से संवेदनशील है और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। 

सीएम योगी ने कहा कि घटना अत्यंत दुखद और हृदयविदारक है। अपराह्न तीन से साढ़े तीन बजे के बीच ये पूरा घटनाक्रम बताया जा रहा है। जनपद हाथरस के सिकंदराराऊ के अंदर ये पूरा हादसा घटित हुआ है। वहां पर स्थानीय आयोजकों ने स्थानीय गांव में भोले बाबा का आयोजन सत्संग के माध्यम से आयोजित किया था और स्थानीय भक्तगण उसमें भाग ले रहे थे। मंचीय कार्यक्रम संपन्न होने के बाद सत्संग के प्रवचनकर्ता जब मंच से उतर रहे थे तब उनकी तरफ भक्तों की भीड़ जा रही थी और सेवादारों के रोकने पर वहां भगदड़ मची।

इस पूरे मामले की जांच के लिए एडिशनल डीजी आगरा की अध्यक्षता में मंडलायुक्त अलीगढ़ को शामिल करते हुए एक टीम बनाकर अविलंब रिपोर्ट उपलब्ध कराने के लिए कहा है। घटना को देखते हुए प्रदेश के मुख्य सचिव और डीजीपी वहीं पर कैंप कर रहे हैं और प्रदेश सरकार के तीन मंत्री, चौधरी लक्ष्मी नारायण, संदीप सिंह एवं असीम अरुण वहां घटनास्थल पर कैंप करके घायलों को उपचार आदि की व्यवस्था में लगे हुए हैं। प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने भी इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए शोक संतप्त परिजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की है। भारत सरकार ने भी और राज्य सरकार ने भी मृतक के परिजन को दो-दो लाख रुपए और गंभीर रूप से घायल नागरिकों के लिए 50-50 हजार रुपए की सहायता राशि देने की घोषणा की है।
आज हाथरस का दौरा कर सकते है सीएम योगी आदित्यनाथ, घटना में अब तक 116 की जा चुकी है जान
लखनऊ। हाथरस हादसे के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज  इलाके का दौरा कर सकते हैं। सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ऐसा संकेत दिया है। घटना में अब तक 116 लोगों की जान जा चुकी है।  
मुख्यमंत्री योगी ने हाथरस के हादसे मारे गए लोगों के प्रति शोक व्यक्त किया है। उन्होंने पीड़ित परजिनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए घायलों के शीध्र स्वस्थ्य होने की कामना की है। मुख्यमंत्री ने हादसे के मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख और घायलों को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक मदद देने का एलान करते हुए पीड़ित परिवारों को तत्कार राहत राशि मुहैया कराने के भी निर्देश दिए हैं। साथ ही उन्होंने जिला प्रशासन को घायलों का बेहतर उपचार करने को कहा है।

घटना की खबर मिलने के ततत्काल बाद मुख्यमंत्री के निर्देश पर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और डीजीपी प्रशांत कुमार मौके के लिए रवाना हो गए। वहीं, मुख्यमंत्री ने घटना के कारणों की जांच के लिए एडीजी आगरा और मंडलायुक्त अलीगढ़ के नेतृत्व में जांच टीम का गठन कर 24 घंटे में रिपोर्ट देने और कार्यक्रम के आयोजकों के खिलाफ एफआईआर कराने के भी निर्देश दिए हैं।