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Jul 03 2024, 09:11

पुलिस की नौकरी को छोड़कर भोले बाबा करने लगे सत्संग, बसपा सरकार में लाल बत्ती कार में चलता था बाबा का काफिला
लखनऊ । भोले बाबा की अजीबो गरीब कहानी है। जिसे सुनने के बाद आप भी हैरान हो जाएंगे। भोले बाबा पहले पुलिस की नौकरी करते थे लेकिन बीच में उसे छोड़कर बाबा बन गए । इनका रुतबा ऐसा रहा कि मायावती की सरकार में लाल बत्ती की कार में इनका काफिला चलता था। इनकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि भोले बाबा साधु संत का वस्त्र पहनने के बजाय सफेद पैंट शर्ट पहनते है।

जानकारी के लिए बता दें कि सूरजपाल सिंह उर्फ साकार हरि बाबा उर्फ भोले बाबा कासगंज जिले के पटयाली का रहने वाले है। कई साल पहले इन्होंने पुलिस कांस्टेबल की नौकरी को छोड़कर भक्ति मार्ग पर चल पड़े और लोगाें के बीच जाकर सत्संग करना शुरू कर दिया। इनका पहनावा भी सबसे अलग है। अधिकतर वह महंगे चश्मे, सफेद पैंट-शर्ट पहनता है। गरीब और वंचित तबके के लोगों के बीच इसकी लोकप्रियता तेजी से बढ़ी। इसलिए जहां कहीं इनका सत्संग होता हो वहां पर भारी भीड़ जमा होती है।

उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान में उसके लाखों अनुयायी हैं। बाबा ने अपने पैतृक गांव बहादुरनगर में बड़ा आश्रम बना रखा है, जहां हर महीने के पहले मंगलवार को सत्संग होता है। बाबा आश्रम में हो या न हो, भक्तों का हुजूम लगा रहता है। पुलिस पृष्ठभूमि के चलते बाबा पुलिस के तौर-तरीकों को जानता है। इसी से उसने वर्दीधारी स्वयंसेकों की लंबी-चौड़ी फौज खड़ी कर दी।  एससी/एसटी और ओबीसी वर्ग में गहरी पैठ...बाबा खुद जाटव हैं। एससी/एसटी और ओबीसी वर्ग में उसकी गहरी पैठ है। मुस्लिम भी उनके अनुयायी हैं। उसके यूट्यूब चैनल के 31 हजार सब्सक्राइबर हैं।

नारायण साकार हरि यानी भोले बाबा का बसपा सरकार में डंका बजता था। बसपा सरकार में भोले बाबा लाल बत्ती की गाड़ी में सत्संग स्थल तक पहुंचते थे। उनकी कार के आगे आगे पुलिस एस्कॉर्ट करते हुए चलती थी। बसपा सरकार में तत्कालीन जनप्रतिनिधि उनके सत्संग में शामिल होने पहुंचते रहे। सत्संग स्थल पर पुलिस की जगह उनके स्वयंसेवक ही कमान संभालते हैं। 

सत्संग में सेवा के लिए पुलिसकर्मी भी छुट्टी लेकर पहुंचते हैं। सत्संग में पूरी व्यवस्थाएं स्वयंसेवकों के हाथ में ही होती हैं। इनमें कई पुलिसकर्मी हैं, जो बाबा की सुरक्षा में तैनात रहने के साथ सत्संग स्थल पर व्यवसथाएं संभालते हैं। स्वयंसेवक गुलाबी रंग की यूनिफॉर्म में सत्संग स्थल से लेकर शहर की सड़कों पर तैनात रहते हैं। आगरा में कोठी मीना बाजार मैदान, सेवला के पास शक्ति नगर मैदान, आवास विकास कॉलोनी, दयालबाग, बाह और शास्त्रीपुरम के पास सुनारी में नारायण साकार हरि का सत्संग हो चुका है।

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Jul 03 2024, 09:09

भोले बाबा की गिरफ्तारी के लिए मैनपुरी के आश्रमों पर पुलिस पहुंची, आगरा के सैया में भी चार जुलाई को होना था भोले बाबा को सत्संग, लगी रोक


लखनऊ । यूपी के हाथरस जनपद के सिकंदराराऊ थाना क्षेत्र अंतर्गत रतीभानपुर फुलरई गांव में 200 बीघा जमीन पर बनाए गए पंडाल में भोले बाबा के सत्संग कार्यक्रम के दौरान 116 से अधिक लोगों की मौत और सैकड़ों लोगों के घायल होने के बाद आगरा के प्रस्तावित सत्संग कार्यक्रम पर रोक लगा दी गई है।हाथरस जिले के सिकंदराराऊ कस्बे के फुलरई गांव में भोले बाबा के सत्संग के बाद भगदड़ में 116 लोगों की मौत हो गई। बड़ी संख्या में भगदड़ के दौरान लोगों के हताहत होने और सैकड़ों लोगों के घायल होने की इस घटना के बाद आगरा में होने वाला भोले बाबा का सत्संग निरस्त कर दिया गया है।

भोले बाबा के नाम से प्रसिद्ध नारायण हरि साकार बाबा का आगरा के सैया कस्बे में इसी 04 जुलाई 2024 को संत समागम सत्संग होना था। इसकी सारी तैयारी कर ली गई थी। टेंट भी लग गया था। सत्संग के लिए उप जिलाधिकारी से अनुमति ली गई थी। हाथरस की घटना के बाद आगरा का सत्संग निरस्त कर दिया गया है।इस बड़ी घटना के बाद बाबा की धर-पकड़ की कार्रवाई तेज कर दी गई है। उनके मैनपुरी स्थित आश्रम पर भी पुलिस ने छापा मारा है। इस बड़ी दुर्घटना के बाद शासन प्रशासन बाबा के साथ कोई भी रियायत बरतने के मूड में नहीं दिख रहा है। बड़ी कार्रवाई करने के पूरे इरादे के साथ प्रभावी प्रयास किया जा रहे हैं।

मृतकों की लिस्ट जारी

प्रशासन में हाथरस में मरने वालों की पहचान करते हुए लिस्ट जारी कर दी है। 116 लोगों की शिनाख्त करते हुए उनके शवों को परिजनों के हैंडओवर किए जाने की कार्रवाई की जा रही है।

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Jul 03 2024, 09:08

हाथरस के पास सत्संग में भगदड़ से अब तक 116 लोगों की मौत की पुलिस प्रशासन ने की पुष्टि, आयोजकों पर होगा मुकदमा


लखनऊ । उत्तर प्रदेश के हाथरस जनपद में सिकंदराराऊ थाना अंतर्गत फुलरई मुगलगढ़ी के एक खेत में साकार हरि बाबा का एक दिवसीय सत्संग चल रहा था। सत्संग समापन के बाद वहां बाबा के दर्शन पाने की होड़ में भारी संख्या में पहुंचे बाबा के अनुयायियों की भीड़ जुटी थी। तभी अचानक भगदड़ मच गई, जिसमें अब तक 116 लोगों की लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। यह बात घटनास्थल और हालात का जायजा लेने पहुंचे प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार ने पत्रकारों से कही।


डीजीपी ने कहा कि सत्संग में 80 हजार लोगों की अनुमति ली गई थी लेकिन वहां अनुमति से अधिक लोगों की भीड़ पहुंची। इस मामले में आयोजकों पर मुकदमा दर्ज होगा और कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि हादसे में काफी संख्या में घायल लोगों को आसपास के जिलों में भर्ती कराया गया है। आशंका है कि मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है। प्रशासन अब भी घटना में कुल कितने लोगों मौत हुई है, इसके आंकड़े जुटा रहा है। मृतकों की संख्या अभी बढ़ सकती है। वहीं घायलों को समुचित उपचार जारी है।मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने बताया कि मृतकों में सात बच्चे हैं और एक पुरुष के अलावा शेष महिलाएं हैं। इन मृतकों में 62 लोगों की शिनाख्त कर ली गई है। अन्य की पहचान के प्रयास जारी हैं, घटना में सभी बिन्दुओं पर जांच जारी है। कठोर कार्रवाई होगी।



सीएम ने कहा, हाथरस की घटना हादसा या सजिश इसकी होगी जांच

घटना को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आवास पर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने इस संबंध में कहा कि जाँच समिति बना दी गई है। घटनास्थल पर मुख्य सचिव और डीजीपी कैंप कर रहे हैं। वहीं प्रदेश सरकार के तीन मंत्री वहां घायलों को उपचार आदि की सुविधा मुहैया करा रहे हैं। घटनास्थल पर भेजे गए तीनों मंत्रियों असीम अरुण, संदीप सिंह और लक्ष्मी नारायण चौधरी समेत मुख्य सचिव और डीजीपी से लगातार संपर्क करते हुए पल-पल की रिपोर्ट ली जा रही है। उन्होंने कहा कि यह हादसा है या साजिश, इसकी जांच होगी। उन्होंने मृतकों के शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। साथ ही मुख्यमंत्री ने एडीजी आगरा और कमिश्नर अलीगढ़ के नेतृत्व में टीम गठित कर 24 घंटे में दुर्घटना के कारणों की जांच रिपोर्ट तलब की है।



सहायता राशि का किया ऐलान

मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख तथा घायलों को 50-50 हजार की आर्थिक सहायता देने का भी ऐलान किया है, जबकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से भी मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख और घायलों को 50-50 हजार की आर्थिक सहायता की घोषणा की गई है। घटना को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने सरकारी आवास पर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ लगातार बैठक कर रहे हैं और पल पल की रिपोर्ट के लिए उन्होंने प्रदेश सरकार के तीन मंत्रियों असीम अरुण, संदीप सिंह और लक्ष्मी नारायण चौधरी, मुख्य सचिव और डीजीपी को मौके पर भेजा है और लगातार उनके संपर्क में हैं। मुख्यमंत्री का निर्देश है कि घटना का दोषी कोई हो, बचेगा नहीं, उस पर कठोर से कठोर कार्रवाई की जाएगी। दूसरी तरफ जिला प्रशासन ने आम लोगों की सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर 05722227041 तथा 05722227042 जारी किए हैं।


सत्संग के दौरान मची भगदड़

उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में मंगलवार को नारायण साकार विश्व हरि के नाम से प्रसिद्ध भोले बाबा के कार्यक्रम में लाखों की संख्या में भक्तों की भीड़ जुटी। कार्यक्रम स्थल पर प्रशासन की परमिशन से ज्यादा भक्त सत्संग कार्यक्रम में पहुंचे। भोले बाबा के सत्संग के दौरान भगदड़ मच गई। मुख्य सचिव मनोज सिंह और डीजीपी प्रशांत कुमार घटनास्थल पर जांच के दौरान इसको लेकर आयोजकों की बड़ी लापरवाही मिली है। उन्हें घायलों से इलाज के दौरान यह जानकारी पूछताछ में पता चली। उन्होंने बताया कि समुचित उपचार के लिए कुछ घायलों को एटा भेजा गया। घटना सिकंदराराऊ कोतवाली क्षेत्र के जीटी रोड स्थित गांव फुलराई के पास की है।

हादसे के बाद बाबा फरार, आयोजक अंडर ग्राउंड

हाथरस हादसे का जिम्मेदार साकार विश्व हरी भोले बाबा का असली नाम सूरज पाल है, जो कि उत्तर प्रदेश पुलिस में हेड कांस्टेबल की नौकरी करता था। सूरज पाल उर्फ भोले बाबा इटावा में लगभग अट्ठाइस वर्ष पहले एलआईयू (लोकल इंटेलिजेंस यूनिट) में तैनात रह चुका है। जानकारी के मुताबिक 26 साल पहले किसी मुकदमे में फंसने के बाद सूरज पाल पुलिस विभाग से बर्खास्त कर दिया गया था। नौकरी से बर्खास्त और जेल से छूटने के बाद उसने अपना नाम और पहचान बदली और सूरज पाल भोले बाबा बन गया। वर्तमान में उसके पास बाबा राम रहीम की तरह इनकी अपनी सिक्योरिटी टीम है। हाथरस में सत्संग के दौरान हुए हादसे के बाद वह जनपद से अपने काफिले के साथ फरार हो गया है। वहीं सत्संग का आयोजन करीब 78 आयोजकों द्वारा किया गया था। इन सभी पर पुलिस व प्रशासनिक कार्रवाई को अमल में लाया जा रहा है। यह सभी आयोजक भी अंडर ग्राउंड हो गए हैं।

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Jul 03 2024, 09:06

हाथरस हादसा : हमारी सरकार इस घटना की तह में जाकर साजिशकर्ताओं और जिम्मेदारों को उचित सजा देने का काम करेगी: सीएम योगी

लखनऊ ।यूपी के हाथरस जिले में बड़ा हादसा होने के बाद योगी सरकार काफी गंभीर हो चली है। इसीलिए सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रेसवर्ता में कहा कि हमारी सरकार इस घटना की तह में जाकर साजिशकर्ताओं और जिम्मेदारों को उचित सजा देने का काम करेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस पूरी घटना की जांच करा रही है। हम इसकी तह में जाएंगे और देखेंगे कि यह हादसा है या साजिश।

इसके साथ ही सीएम योगी ने घटना पर राजनीति करने वाले दलों को भी फटकार लगाते हुए कहा कि इस प्रकार की घटना पर पीड़ितों के प्रति संवेदना व्यक्त करने के बजाए राजनीति करना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है और निंदनीय भी। यह समय पीड़ितों के घावों पर मरहम लगाने का है, पीड़ितों के प्रति संवेदना का है। सरकार इस मामले में पहले से संवेदनशील है और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। 

सीएम योगी ने कहा कि घटना अत्यंत दुखद और हृदयविदारक है। अपराह्न तीन से साढ़े तीन बजे के बीच ये पूरा घटनाक्रम बताया जा रहा है। जनपद हाथरस के सिकंदराराऊ के अंदर ये पूरा हादसा घटित हुआ है। वहां पर स्थानीय आयोजकों ने स्थानीय गांव में भोले बाबा का आयोजन सत्संग के माध्यम से आयोजित किया था और स्थानीय भक्तगण उसमें भाग ले रहे थे। मंचीय कार्यक्रम संपन्न होने के बाद सत्संग के प्रवचनकर्ता जब मंच से उतर रहे थे तब उनकी तरफ भक्तों की भीड़ जा रही थी और सेवादारों के रोकने पर वहां भगदड़ मची।

इस पूरे मामले की जांच के लिए एडिशनल डीजी आगरा की अध्यक्षता में मंडलायुक्त अलीगढ़ को शामिल करते हुए एक टीम बनाकर अविलंब रिपोर्ट उपलब्ध कराने के लिए कहा है। घटना को देखते हुए प्रदेश के मुख्य सचिव और डीजीपी वहीं पर कैंप कर रहे हैं और प्रदेश सरकार के तीन मंत्री, चौधरी लक्ष्मी नारायण, संदीप सिंह एवं असीम अरुण वहां घटनास्थल पर कैंप करके घायलों को उपचार आदि की व्यवस्था में लगे हुए हैं। प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने भी इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए शोक संतप्त परिजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की है। भारत सरकार ने भी और राज्य सरकार ने भी मृतक के परिजन को दो-दो लाख रुपए और गंभीर रूप से घायल नागरिकों के लिए 50-50 हजार रुपए की सहायता राशि देने की घोषणा की है।

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Jul 03 2024, 09:05

आज हाथरस का दौरा कर सकते है सीएम योगी आदित्यनाथ, घटना में अब तक 116 की जा चुकी है जान
लखनऊ। हाथरस हादसे के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज  इलाके का दौरा कर सकते हैं। सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ऐसा संकेत दिया है। घटना में अब तक 116 लोगों की जान जा चुकी है।  
मुख्यमंत्री योगी ने हाथरस के हादसे मारे गए लोगों के प्रति शोक व्यक्त किया है। उन्होंने पीड़ित परजिनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए घायलों के शीध्र स्वस्थ्य होने की कामना की है। मुख्यमंत्री ने हादसे के मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख और घायलों को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक मदद देने का एलान करते हुए पीड़ित परिवारों को तत्कार राहत राशि मुहैया कराने के भी निर्देश दिए हैं। साथ ही उन्होंने जिला प्रशासन को घायलों का बेहतर उपचार करने को कहा है।

घटना की खबर मिलने के ततत्काल बाद मुख्यमंत्री के निर्देश पर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और डीजीपी प्रशांत कुमार मौके के लिए रवाना हो गए। वहीं, मुख्यमंत्री ने घटना के कारणों की जांच के लिए एडीजी आगरा और मंडलायुक्त अलीगढ़ के नेतृत्व में जांच टीम का गठन कर 24 घंटे में रिपोर्ट देने और कार्यक्रम के आयोजकों के खिलाफ एफआईआर कराने के भी निर्देश दिए हैं।

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Jul 02 2024, 20:13

सेवानिवृत्त पुलिस महानिदेशक के निधन पर शोक सभा

लखनऊ । मंगलवार को पुलिस मुख्यालय, गोमतीनगर विस्तार, लखनऊ स्थित सभागार में पीसी कक्कड़ (आईपीएस-1953) सेवानिवृत्त पुलिस महानिदेशक के18 जून 2024 को हुये निधन के परिपेक्ष्य में शोक-सभा का आयोजन किया गया।  इस अवसर पर  प्रशान्त कुमार, पुलिस महानिदेशक, उप्र सहित वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों द्वारा दिवंगत पुलिस अधिकारी को श्रद्वांजलि अर्पित की गयी।

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Jul 02 2024, 18:57

सीएम योगी ने हाथरस में हुए हादसे पर जताया दुख, गहन जांच के दिए निर्देश
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनपद हाथरस में हुए हादसे पर दुख जताते हुए मृतकों के शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। मुख्यमंत्री ने घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाकर जिला प्रशासन के अधिकारियों को उनके समुचित उपचार के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की भी कामना की है। मुख्यमंत्री योगी ने मुआवजे का ऐलान करते हुए मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख तथा घायलों को 50-50 हजार की आर्थिक सहायता देने के निर्देश भी जारी किए हैं। घटनाक्रम पर मुख्यमंत्री की सीधी नजर है और वह पल पल की रिपोर्ट ले रहे हैं। साथ ही उन्होंने दो मंत्री, मुख्य सचिव और डीजीपी को मौके पर भेजा है। इसके साथ ही उन्होंने एडीजी, आगरा और कमिश्नर, अलीगढ़ के नेतृत्व में टीम गठित कर दुर्घटना के कारणों की जांच के निर्देश भी दिए हैं। मुख्यमंत्री ने 24 घंटे के अंदर रिपोर्ट भी तलब की है। इसके अतिरिक्त सरकार कार्यक्रम आयोजकों के विरुद्ध एफआईआर के साथ ही बड़ी कार्रवाई की तैयारी में है।

प्रदेश सरकार के मंत्रियों व अधिकारियों को घटनास्थल पर पहुंचने के निर्देश

सीएम योगी ने एक्स पर लिखा, "जनपद हाथरस की दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना में हुई जनहानि अत्यंत दु:खद एवं हृदय विदारक है। मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिजनों के साथ हैं। संबंधित अधिकारियों को राहत एवं बचाव कार्यों के युद्ध स्तर पर संचालन और घायलों के समुचित उपचार हेतु निर्देश दिए हैं। उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी, संदीप सिंह घटना स्थल के लिए रवाना हो चुके हैं तथा प्रदेश के मुख्य सचिव व पुलिस महानिदेशक को घटना स्थल पर पहुंचने हेतु निर्देशित किया है। एडीजी, आगरा और कमिश्नर, अलीगढ़ के नेतृत्व में टीम गठित कर दुर्घटना के कारणों की जांच के निर्देश भी दिए हैं। प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्माओं को अपने श्री चरणों में स्थान तथा घायलों को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ प्रदान करें।

सत्संग के दौरान मची भगदड़

उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में मंगलवार को नारायण साकार विश्व हरि के नाम से प्रसिद्ध भोले बाबा के कार्यक्रम में लाखों की संख्या में भक्तो की भीड़ जुटी। कार्यक्रम स्थल पर प्रशासन की परमिशन से ज्यादा भक्त सत्संग कार्यक्रम में पहुंचे। भोले बाबा के सत्संग के दौरान भगदड़ मच गई। मुख्य सचिव मनोज सिंह और डीजीपी प्रशांत कुमार घटनास्थल के लिए रवाना हो गए हैं। घायलों को इलाज के लिए एटा भेजा गया। घटना सिकंदराराऊ कोतवाली क्षेत्र के जीटी रोड स्थित गांव फुलराई के पास की है।

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Jul 02 2024, 18:56

हाथरस में सत्संग के दौरान भगदड़, 120 लोगों के मौत होने की खबर, राष्टÑपति व पीएम ने जताया शोक
लखनऊ । उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के सिकंदराराऊ कस्बे के फुलरई गांव में मंगलवार को बड़ा हादसा हो गया। यहां साकार हरि बाबा का सत्संग चल रहा था। सत्संग समाप्त होने के बाद यहां से जैसे भी भीड़ निकलना शुरू हुई तो भगदड़ मच गई। भगदड़ में अब तक 120 लोगों की मौत की खबर है। हालांकि प्रशासन द्वारा इसकी पुष्टि नहीं की जा रही है। मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख तथा घायलों को 50-50 हजार की आर्थिक सहायता देने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिए हैं।

हादसे में अब तक सौ से अधिक  लोगों की मौत की खबर है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संबंधित अधिकारियों को राहत एवं बचाव कार्यों के युद्ध स्तर पर संचालन और घायलों के समुचित उपचार हेतु निर्देश दिए हैं। उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी, संदीप सिंह घटना स्थल के लिए रवाना हो चुके हैं तथा प्रदेश के मुख्य सचिव व पुलिस महानिदेशक को घटना स्थल पर पहुंचने हेतु निर्देशित किया है।यूपी सरकार के मंत्री संदीप सिंह का कहना है, 'सीएम ने निर्देश दिया है कि हाथरस में जहां हादसा हुआ है वहां पहुंचें और मामले को देखें। साथ ही सरकार की ओर से आवश्यक निर्णय लें। मृतकों की संख्या लगातार बढ़ रही है।हाथरस, डीएम आशीष कुमार ने हादसे में 50 से 60 लोगों के मरने की पुष्टि की है। उनका कहना है कि अभी भी मृतकों की संख्या के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।

एटा के एसएसपी राजेश कुमार सिंह के मुताबिक, जिस वक्त भगदड़ हुई उस समय हाथरस जिले के सिकंदराराऊ कस्बे में धार्मिक आयोजन चल रहा था। एटा अस्पताल में अब तक 27 शव आ चुके हैं, जिनमें 23 महिलाएं, तीन बच्चे और एक पुरुष शामिल हैं। अभी घायल अस्पताल नहीं पहुंचे हैं। आगे की जांच की जा रही है। इन 27 शवों की पहचान की जा रही है।

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Jul 02 2024, 18:55

हाथरस में बड़ा हादसा, सत्संग खत्म होने के बाद मची भगदड़ में 23 लोगों की मौत, कई घायल
लखनऊ । उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में मंगलवार को सिकंदराराऊ कोतवाली क्षेत्र स्थित रतिभानपुर में सत्संग समापन के बाद मची भगदड़ में 23 लोगों की मौत हो गई। भगदड़ में कई लोग घायल हो गए हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे का संज्ञान लेते हुए मृतकों के शोक संतप्त परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाकर जिला प्रशासन के अधिकारियों को उनके समुचित उपचार के निर्देश दिए हैं। साथ ही घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की है।

बताया जा रहा है कि सत्संग खत्म होने के बाद भीड़ के निकलने के दौरान भगदड़ मच गई जिसमें महिलाओं और बच्चों सहित 23 लोगों की मौत हो गई। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग घायल हुए हैं। घायलों को एटा मेडिकल कॉलेज भेजा गया है। मौके पर पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारी मौजूद हैं।

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Jul 02 2024, 16:49

अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर संरक्षित प्रजाति के वन्यजीवों व उनके अंगों की तस्करी करने वाला गिरफ्तार
लखनऊ । एसटीएफ यूपी को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर संरक्षित प्रजाति के वन्यजीवों व उनके अंगो की तस्करी करने वाले गिरोह के तस्कर को गिरफ्तार कर उसके कब्जे से प्रतिबंधित व संरक्षित प्रजाति के 505 पक्षी, तीन  लोहे का पिंजरा, एक मोटर साइकिल बरामद करने में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त हुई। गिरफ्तार अभियुक्त का नाम शहजाद पुत्र इकलाख,  सैदगोरारी, पो. खेतासराय, थाना खेतासराय, जिला जौनपुर।

एसटीएफ को काफी दिनों से थी इनकी तलाश

वन्य जीव अपराध नियन्त्रण ब्यूरो (WCCB) भारत सरकार की पहल पर एसटीएफ यूपी  द्वारा पिछले कई वर्षों से उत्तर प्रदेश में वन्यजीवों एवं संरक्षित प्रजाति के जीवों एवं उनके शारीरिक अंगों की तस्करी करने वाले गिरोहांे के विरूद्ध वाइल्ड लाईफ संरक्षण हेतु अभिसूचना संकलन का कार्य एवं उनके विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही किया जाता रहा है। इसी क्रम में श्री प्रमेश कुमार शुक्ल, पुलिस उपाधीक्षक, एस0टी0एफ0 लखनऊ के पर्यवेक्षण में अभिसूचना संकलन का कार्य किया जा रहा था। ज्ञात हुआ कि जनपद बस्ती में वन्यजीवों एवं संरक्षित प्रजाति के जीवों का अवैध व्यापार किया जा रहा है।

बस्ती से एसटीएफ ने अभियुक्त को दबोचा

उप निरीक्षक सौरभ मिश्रा के नेतृत्व में मु0आ0 संतोष सिंह, मु0आ0 अंजनी कुमार यादव, मु0आ0 राजकुमार शुक्ला, मुख्य आरक्षी नीरज सिंह व मु0आ0 रजनीश सिंह की एक टीम जनपद बस्ती पहुँचकर जमीनी सूचना एवं अन्य स्रोतों से अभिसूचना संकलन का कार्य कर रही थी, इस दौरान मुखबिर द्वारा ज्ञात हुआ कि राम जानकी मार्ग से प्रतिबंधित/संरक्षित प्रजाति के पक्षियों को अवैध व्यापार हेतु ले जाया जा रहा है। इस सूचना पर एसटीएफ टीम द्वारा शारदा नंद तिवारी, क्षेत्रीय वन अधिकारी, हर्रैया रेंज, हर्रैया, जनपद बस्ती मय हमराहियान को साथ लेकर सूचना विकसित करते हुए एक जुलाई को समय लगभग 07ः58 बजे सायं अभियुक्त उपरोक्त को रामजानकी मार्ग, रानीबगिया के पास, हर्रैया, जनपद बस्ती से गिरफ्तार कर लिया गया।

जानैपुर लेकर जा रहा था प्रतिबंधित पक्षियों को

जिसके कब्जे से 505 अदद पक्षी (Chestnut muniya, Scaly-breasted) एवं अन्य बरामदगी (उपरोक्तानुसार वर्णित) हुई।गिरफ्तार अभियुक्त ने पूछताछ पर बताया कि वह बरामद प्रतिबन्धित पक्षियों को लेकर जनपद जौनपुर जा रहा था। प्रतिबन्धित पक्षियों की तस्करी का कार्य वह पिछले कई वर्षो से कर रहा है। गिरफ्तार अभियुक्त के विरूद्ध वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1977 की धारा 2, 16ख, 9, 39, 48, 49 बी, 50, 51, 52 क, 57 भारतीय वन अधिनियम के अनुसार कार्यवाही क्षेत्रीय वन अधिकारी, हर्रैया रेंज कार्यालय द्वारा की जा रही है।