ICAI के 75 वर्ष पूरे होने पर विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने हेतु विश्वव्यापी सीए RUN का हुआ आयोजन

मुजफ्फरपुर : भारतीय सनदी लेखाकार संस्थान (ICAI) के 75 वर्ष पूरे होने पर विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने हेतु विश्वव्यापी सीए RUN के आयोजन की कड़ी का मुजफ्फरपुर जिला शाखा द्वारा सफल आयोजन किया गया।

हमारा संकल्प और सक्रिय भागीदारी को जमीन पर उतारने हेतु लिए 30 जून, 2024 (रविवार) को "विकसित भारत के लिए सीए रन" थीम के तहत मुजफ्फरपुर क्लब से शुरू होकर सरैयागंज टावर, छाता बाजार, गरीब नाथ मन्दिर, साहु मन्दिर, कल्याणी, जवाहरलाल रोड, नवयुवक समिति, सूत्तापट्टी , समाहरणालय, भारत माता नमन स्थल पार्क होते हुए मुजफ्फरपुर क्लब में संगोष्ठी कर सम्पन्न हुआ। 

इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मुजफ्फरपुर की महापौर निर्मला साहू शामिल होकर इस कार्यक्रम के स्वरूप एवं सफल आयोजन पर बधाई दी। वहीं सीए संस्थान के समाज में योगदान को सराहनीय बताते हुए आगे हरसंभव सहयोग का आश्वासन दी। साथ ही भारतीय क्रिकेट टीम के T20 विश्व चैंपियन बनने पर पूरे टीम, कोच, सपोर्ट स्टाफ सहित पूरे भारतवासी को इस जीत पर बधाई देकर जश्न मनाया गया।

कार्यक्रम में संस्थान के मुजफ्फरपुर जिला शाखा के अध्यक्ष सीए गोपाल प्रसाद तुलस्यान, सचिव सीए शशि भूषण कुमार, कोषाध्यक्ष सीए राकेश कुमार सिन्हा, सिकासा अध्यक्ष सीए मनीष चावड़ा, MCM सीए अंकित अग्रवाल, सीए नितिन बंसल, सीए राहुल आनंद, सीए कंचन बंसल, सीए शिल्पी केजरीवाल, सीए श्रेया रानी, सीए लावण्या जैन, सीए रजनीश कुमार, सीए अंकित हिसारिया, सीए वकार आजम, सीए पंकज कुमार, सीए सुरज अग्रवाल, सीए आकाश बंका, सहित सैकड़ों सीए एवं सीए के छात्र इस कार्यक्रम में शामिल होकर भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के संकल्प को पूरा करने का संकल्प लिए।

मुजफ्फरपुर से संतोष तिवारी

मानवाधिकार अधिवक्ता एस. के. झा के जीवन पर बने गीत का हुआ भव्य लोकार्पण

मुजफ्फरपुर: जिले के मानवाधिकार मामलों के अधिवक्ता एस. के. झा के जीवन पर बने गीत का लोकार्पण बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग के निबंधक (अवकाश प्राप्त न्यायाधीश) शैलेन्द्र कुमार सिंह के द्वारा सिविल कोर्ट कैंपस स्थित एडवोकेट्स एसोसिएशन में किया गया। लोकार्पण समरोह में बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग के निबंधक शैलेन्द्र कुमार सिंह बतौर अतिविशिष्ट अतिथि आमंत्रित थे।

 उन्होंने गीत को लोकर्पित करते हुए कहा कि मानवाधिकार अधिवक्ता एस. के. झा मानवाधिकार के सजग प्रहरी है। मानवाधिकार के क्षेत्र में इनके द्वारा अबतक जो भी कार्य किए गये हैं, वह काफी सराहनीय हैं। मानवाधिकार के क्षेत्र में इनके द्वारा एक स्वर्णिम इतिहास रचा गया है। अबतक इन्होंने जो भी कार्य किए हैं, वे सभी काफी जनोपयोगी हैं। उन्होंने अधिवक्ता एस. के. झा के उज्ज्वल भविष्य की कामना की। 

एडवोकेट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष रामशरण सिंह ने कहा कि अधिवक्ता एस. के. झा हमारे संघ के संपत्ति है और हमलोग हमेशा इनके साथ हैं। अधिवक्ता एस. के.झा ने अपने कार्य और मेहनत के बदौलत जो स्वर्णिम इतिहास बनाया है, वह युगों-युगों तक याद रखा जायेगा। वहीं एसोसिएशन के महासचिव वीरेन्द्र कुमार लाल ने कहा कि एस. के. झा हमारे संघ के धरोहर हैं और हम सब के अनमोल रतन हैं। हमलोग हमेशा इनके साथ हैं। 

वरीय अधिवक्ता विजय कुमार शाही ने कहा कि पुरे बिहार में मानवाधिकार अधिवक्ता एस. के. झा का नाम लोग काफी आदर और सम्मान के साथ लेते हैं। इनके द्वारा शोषितों, वंचितों के लिए जो आवाज़ उठाया जाता है, वह काबिल-ए-तारीफ़ है। जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रामकृष्ण ठाकुर उर्फ रामबाबू ठाकुर ने अधिवक्ता एस. के. झा के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला तथा उन्हें शुभकामनाएँ दी।

 वही अधिवक्ता एस. के.झा के जीवनी पर गीत लिखने वाले गीतकार डॉ. कुमार विरल ने कहा कि अधिवक्ता एस. के. झा का कार्यक्षेत्र काफी वृहद है, जिनपर हमलोगों की पूरी टीम ने काफी अध्ययन कर इस गीत को तैयार किया है। इस गीत को लोकगायिका दीपमाला ने स्वरबद्ध किया है। *विदित हो कि इस अवसर पर एस. के.झा की जीवनी पर आधारित एक स्कैनिंग पोस्टर भी जारी किया गया।

 कार्यक्रम का संचालन समाजसेवी विवेक चंद्रा के द्वारा, अध्यक्षता वरीय अधिवक्ता रामशरण सिंह के द्वारा तथा धन्यवाद ज्ञापन वरीय अधिवक्ता वीरेन्द्र कुमार लाल के द्वारा किया। मौके पर अधिवक्ता मुकेश ठाकुर, प्रमोद कुमार ठाकुर, ब्रजेश कुमार, रामसरोज सिंह, अशोक कुमार, भोलेनाथ वर्मा, मनीष कुमार, संगीता कुमारी, टुन्ना सिंह, डॉ. विजयेश कुमार, मनोज वत्स, बृजेश मिश्रा, अशोक कुमार, वीरेन्द्र कुमार निराला, बिरेश प्रसाद सिंह सहित सैकड़ों की संख्या में अधिवक्ता, समाजसेवी एवं मानवाधिकार कार्यकर्त्ता मौजूद थे।

अनियंत्रित होकर बस पलटी,दर्जनों लोग जख्मी,घायल लोगो को इलाज़ के लिए मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच में कराया गया भर्ती

मुजफ्फरपुर- जिले में शनिवार की अहले सुबह सिलीगुड़ी से छपरा को जा रही बस अनियंत्रित होकर पलट गई, 

जिसमे दर्जनों लोग जख्मी हो गए हैं, जिनको इलाज के लिए मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच में भर्ती कराया गया है. घटनास्थल पर सनसनी फैल गई है. मुजफ्फरपुर जिले के बोचहा थाना क्षेत्र के कोनहारा की है, 

जहां अहले सुबह सिलिगुड़ी से छपरा को जा रही बस तकरीबन 5 बजे अचानक पलट गई गनीमत यह रही कि इस घटना में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है. घटना के बाद लोगों के बीच अफरा तफरी मच गई. स्थानीय लोगों द्वारा घटना की सूचना बोचहा थाना की पुलिस को दी गई वही सुचना मिलते ही बोचहा थाना की पुलिस तत्काल मौके पर पहुंची. 

घटना में घायल सभी लोगो को इलाज़ के लिए मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच में भर्ती कराया है.मामले में बोचहा थाना की पुलिस ने बताया कि थाना क्षेत्र के कोनहारा चौक के पास बस अनियंत्रित होकर पलट गई. 

सभी लोगों को इलाज़ के लिए मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच में भर्ती कराया गया है.

मुजफ्फरपुर:- मनरेगा योजना को लेकर पंचायत समिति की विशेष बैठक

मुजफ्फरपुर के गायघाट प्रखंड सभागार में पंचायत समिति की विशेष बैठक प्रखंड प्रमुख की अध्यक्षता में बुलाई गई, 

जिसमे सभी विभाग के पदाधिकारी मौजूद रहे है लेकिन जिस विभाग को लेकर विशेष बैठक रखी गई उसी विभाग के पदाधिकारी इस बैठक में उपस्थित नही रहे, दरअसल बैठक प्रखंड में चल नही मनरेगा योजना को लेकर भी रखी गई थी 

जिसमे प्रखंड मनरेगा पदाधिकारी उपस्थित नही रहे. मौजूद जनप्रतिनिधियों ने मनरेगा योजना में लूट घसोट का बड़ा आरोप लगाया है. साथ ही प्रखंड में चल रहे अन्य विभागो के योजना को लेकर भी चर्चाएं की गई. 

प्रखंड प्रमुख श्रवण कुमार सिंह ने कहा की मनरेगा योजना के लिए विशेष बैठक रखी गई थी और प्रखंड पीओ से समय लेकर आज का दिन निर्धारित किया गया था लेकिन कई बार ऐसा ही हुआ जब भी बैठक होती है 

तो वो बैठक में उपस्थित नही होते है. उन्होंने कहा की सदन ने ये निर्णय लिया है की 2019 -20से आज तक जितनी भी योजना मनरेगा की तहत चलाया गया है सभी का निगरानी के जरिए जांच करवाई जायेगी.

उप मुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने आपातकाल लोकतंत्र का काला अध्याय को लेकर कहीं यह बात

बिहार के मुजफ्फरपुर में उप मुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने कहा कि आपातकाल लोकतंत्र के साथ एक भद्दा मजाक भर नहीं था बल्कि देश की उस जनता के साथ छलावा भी था जिसने आजाद भारत में कई आजाद सपने पाल रखे थे. ये बातें सूबे के उप मुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने आपातकाल लोकतंत्र का काला अध्याय पर जिला भाजपा द्वारा आयोजित संगोष्टी में कही।

उन्होंने कहा समय की यात्रा में कुछ पड़ाव वैसे रह जाते हैं कि उन्हें याद रखना भी हमारी मजबूरी नहीं अपने बच्चों के भविष्य के लिए जरूरी होता है। वह काला अध्याय फिर से दोहराया न जाए खासकर उस काले धब्बे की स्मृति की छाप जो लोकतंत्र को लहू लुहान किया लोकतंत्र की आत्मा को झकझोर दिया संविधान पर जो शोर मचाते हैं कौन लोग है जो बार बार शोर मचाए समाज उसको चोर कहता है।

उन्होंने कहा जो संविधान के साथ गद्दारी किया संविधान की आत्मा को घायल किया एक बार नहीं अनेकों बार, देश में 75 बार राष्ट्रपति शासन लगाकर जनता के निर्वाचित सरकार को इन्होंने ध्वस्त किया यह संविधान की दुहाई देते हैं आधी रात में यही बिहार विधानसभा में 2005 फरवरी में चुनाव हुआ था जनता ने सरकार को चुनकर भेजा था आधी रात में डॉक्टर अब्दुल कलाम आजाद साहब से विदेश में हस्ताक्षर कराकर राष्ट्रपति शासन लगा था यह संविधान की दुहाई देते हैं।

जिस संविधान के मूल आत्माओं में हमारा हिंदुस्तान बसता है उस आत्माओं को धूमिल करने का छवि छुपाने का खेल किसने खेला संविधान का 22 भाग है और 22 भाग में प्रथम भाग वैदिक काल से शुरू होता है मोहनजोदड़ो की हड़प्पा संस्कृति से लेकर तीसरा भाग पर हमारे भगवान राम का मौलिक अधिकार की भी बात होती है जिसमें राम जी का, मां जानकी लक्ष्मण जी का चित्र लगा है लेकिन बाजार में जो संविधान मिलता है वह चित्र दिखाई नहीं पड़ता है जो सही संविधान है

आम लोगों को वह दिखाई क्यों नहीं पड़ता वह उपलब्ध क्यों नहीं है इन लोगों ने इस तरह की व्यवस्था का निर्णय बनाया जो पॉकेट की संविधान छोटे-छोटे किताबों की संविधान है। हमारे यहां एक सेक्रेटरी जिला जज हुआ करते थे उन्होंने कहा मैं भी जज होकर वह संविधान नहीं देख पाया लेकिन हमने अपने विधानसभा अध्यक्ष के नाते जब भगवान राम पर कुछ लोगों ने प्रश्न उठाए हमने कहा संविधान पर शपथ लेने वाले भगवान राम पर प्रश्न ना उठाएं क्योंकि वह संविधान का पाठ है संविधान का अंग है इसके निर्माता ने पूरे देश के जो स्कॉलर थे जो समाज के लिए अपने को समर्पित कर चुके थे उन लोगों ने जो संविधान में भगवान राम जी लक्ष्मण जी मां जानकी हनुमान जी से लेकर महादेव बुद्ध, महावीर, गुरु गोविंद सिंह सभी की तस्वीर लगाई। अपने इतिहास चंद्रगुप्त पर सम्राट अशोक पर आज उस इतिहास को भी दबाया गया है और यह सारे खेल उन लोगों के मानसिकता की उपज थी जिन लोगों ने राष्ट्र की संप्रभुता से ज्यादा अपने संप्रभुता पर ध्यान दिया अपने परिवार के संप्रभुता की चिंता जिनको ज्यादा सताई आपातकाल पहली बार नहीं हुए देश में आपातकाल तीन बार लगा है

पहले 1965 में लगा जब चीन के साथ युद्ध हुआ, 1971 में जब पाकिस्तान के साथ युद्ध की शंखनाद हुई पूरे देश में आपातकाल लग गया लेकिन यह आपातकाल जो 1975 में लगा कोई युद्ध नहीं हो रहा था एक वैसे सत्ता पर बैठे तानाशाही हिटलर शाही फासीवादी मानसिकता के लोगों के मन के अंदर एक भय सता रहा था उनको लग रहा था कि देश की जनता हमारे अत्याचार के कारण हमको सत्ता से बेदखल ही नहीं करेगी हमारे समूल को नष्ट कर देगी इसलिए वह आंतरिक इमरजेंसी का वातावरण को निर्मित किया संविधान के अंदर प्रावधान के माहौल का लाभ उठाया और यह आपातकाल के माध्यम से बड़े-बड़े नेताओं को गिरफ्तार करके जेल के अंदर बंद कर दिया उनकी आवाज को दबा दिया गया प्रेस मीडिया पर भी पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए भाजपा जिलाध्यक्ष रंजन कुमार ने कहा कि आपातकाल की काली रात याद कर आज भी सिहर उठते हैं लोग कि कैसे आपातकाल का विरोध करने वालों को सरकार ने ब्रिटिश हुकूमत के दौरान किए गए अत्याचारों की याद दिला दी थी।

उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में अपने आप को यदि सचेत रखना है तो, हम सभी को आज का दिन याद रखना होगा याद रखना होगा कि आपातकाल के दौरान एक परिवार ने सत्ता सुख के खातिर संविधान का दुरुपयोग किया। उन्होंने कहा कि आपातकाल के 47 साल पूरे होने के मौके पर ‘काला दिवस’ का आयोजन कांग्रेस की आलोचना करने भर के लिए नहीं बल्कि संविधान पर इसके जोखिम के बारे में जागरुकता पैदा करने के लिए है। भाजपा जिलाध्यक्ष ने कहा कि आपातकाल के दौरान कांग्रेस ने आम जन की आवाज कुचलने की पूरी कोशिश की। धारा-352 लगा दी गई जिसके तहत सरकार को असीमित अधिकार मिल गए। इस धारा के मुताबिक इंदिरा जब तक चाहें सत्ता में रह सकती थीं। लोकसभा-विधानसभा के लिए चुनाव की जरूरत नहीं थी। मीडिया और अखबार आजाद नहीं थे। सरकार कैसा भी कानून पास करा सकती थी सेंसेर और प्रजातंत्र के एकाधिकार द्वारा श्रीमति इंदिरा गांधी जनता को विपक्ष से पूरी तरह से काट देना चाहती थीं। लेकिन हुआ ठीक इसका उलट। उनके प्रचार-तंत्र की विश्‍वसनीयता खत्‍म सी हो गई थी। भूमिगत साहित्‍य ने विपक्ष से जनता को जोड़े रखा।

इसके विपरीत श्रीमति इंदिरा गांधी जनता से बुरी तरह से कट गईं। जनमानस की मन: स्थि‍ति की इसी स्थिति से गैर जानकार रहने के कारण श्रीमति गांधी चुनाव कराने का फैसला ले बैठीं और जब उन्‍होंने जन-मानस का बदला हुआ रूप देखा, तब तक काफी देर हो चुकी थी। वहीं बिहार सरकार के पंचायती राज्य मंत्री केदार गुप्ता ने कहा कि एक परिवार के विरोध में उठने वाले स्वरों को कुचलने के लिए थोपा गया आपातकाल आजाद भारत के इतिहास का एक काला अध्याय है।

21 महीनों तक निर्दयी शासन की क्रूर यातनाएं सहते हुए देश के संविधान व लोकतंत्र की रक्षा के लिए निरंतर संघर्ष करने वाले सभी देशवासियों के त्याग व बलिदान को आज मैं नमन करता हुं। मौके पर पूर्व मंत्री राम सूरत राय ने संबोधित करते हुए कहा कि भारत की आत्मा गॉंवों में बस्ती है आपातकाल की भयावहता ने उनकी आत्मा को झकझोर डाला था। गाँव की बेबस मासूम जनता के साथ अमानवीय व्यवहार किया गया। बहुत से गॉंव ऐसे थे जिन पर सत्ता के आदेश पर अत्याचार किये गये किन्तु उनका कोई व्यौरा दर्ज नहीं किया था। अपना प्रभुत्व सबसे निचले तबके तक बनाये रखने के लिए तथा आपातकाल का खौफ बनाने के लिए निरपराध एवं मासूमों को टार्गेट किया गया। और इन्हें झूठे केसों में गिरफ्तार किया गया था।

आपातकाल की यातनाओं एवं अपने अनुभव को साझा करते हुए वरिष्ठ भाजपा नेता विष्णुकांत झा ने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कार्यकाल के दौरान आज ही के दिन 25 जून, 1975 को आपातकाल लागू की गई थी कांग्रेस ने देश में आपातकाल लगाकर देश की जनता के मौलिक अधिकारों का हनन किया गया था। भूखे, बेरोजगार, निराश्रित लोगों पर सहानुभूति की बजाय उनसे अमानवीय व्यवहार किया गया और बलपूर्वक नसबंदी जैसा असंवेदशील कार्यक्रम चलाया गया।आपातकाल के दौरान देश में संवैधानिक संकट पैदा हो गया था। संस्थाओं पर कांग्रेस का कब्जा हो गया था और कांग्रेस की प्रशंसा करने वाले लोगों को ही इन संस्थाओं में काम करने का मौका दिया गया था।

इस दौरान सरकार का विरोध करने वालों को जेल भेजा गया पूरे के पूरे देश को जेलखाना बना दिया गया था। वहीं मंचासिन पूर्व मंत्री सुरेश कुमार शर्मा, विधायक बेबी कुमारी ने भी सभा को संबोधित किया। कार्यक्रम में आपातकाल से जुड़े जनसंघ काल के वरिष्ठ नेता विष्णुकांत झा, लोक अभियोजक प्रमोद शाही, एवं पुरुषोत्तम पोद्दार जिनका भाजपा जिलाध्यक्ष रंजन कुमार एवं मुख्य अतिथि उप मुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने अंगवस्त्र एवं पुष्पगुच्छ दे कर सम्मान किया। कार्यक्रम का संचालन जिला महामंत्री सचिन कुमार ने एवं धन्यवाद ज्ञापन महामंत्री प्रभु कुशवाहा ने किया । 

कार्यक्रम में मुख्य रूप से

 जिला महामंत्री धर्मेंद्र साहू, उपाध्यक्ष अंकज कुमार, जिला मंत्री नचिकेता पांडे, नंदकिशोर पासवान, कनकमणि,मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल, साकेत शुभम, राकेश पटेल, राजकुमार श्रीवास्तव, कोषाध्यक्ष संजय चूड़ीवाल प्रवक्ता राजीव कुमार, सत्य प्रकाश भारद्वाज, मनोज कुमार पिंटू, मोर्चा अध्यक्ष भारत रतन यादव, विजय पांडे, उत्पल रंजन, फेकू राम, महिला मोर्चा महामंत्री कोमल सिंह, कुमारी ममता गुड़िया मेहता, शांतनु शेखर, अभिषेक सौरभ, प्रणव भूषण मोनी, परितोष सिंह एवं सभी मंडल अध्यक्ष, प्रकोष्ठ संयोजक विभाग और कार्यसमिति सदस्य मौजूद रहे।

मुजफ्फरपुर में पत्रकार का चाकू से गोदकर हत्या, घर से महज पांच सौ मीटर की दूरी पर घटना को दिया गया अंजाम

मुजफ्फरपुर : जिले में अपराधियों का मनोबल लगातार बढ़ते जा रहा है। लगातार क्राइम का ग्राफ बढ़ने से लोग दहशत में हैं।

मुजफ्फरपुर में अपराधियों ने पत्रकार शिवशंकर झा को चाकू से गोदकर हत्या कर दी।

सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए एसकेएमसीएच भेज दिया।

बताया जा रहा है कि देर रात माड़ीपुर छपरा मार्ग पर पाकड़ चौक के पास हथियार से लैस अपराधियों ने यूट्यूब के पत्रकार को गले में चाकू मारकर गंभीर रूप से जख्मी कर दिया।खून से लथपथ सड़क पर अचेता अवस्था में पड़े थे।

सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने जख्मी पत्रकार को इलाज के लिए एसकेएमसीएच भेज दिया। जहां डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया।

घटना के बाद परिजनो में कोहराम मच गया। परिजनों को रो-रोकर बुरा हाल बना हुआ है।

घर से कुछ ही दूरी पर अपराधियों ने पत्रकार पर चाकू से दर्जनों वार किए, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। गर्दन पर चाकू के दो जगह निशान मिले हैं।

एसआई जयशंकर राम ने बताया कि मामले की जानकारी मिली कि एक व्यक्ति पर चाकुओं से हमला किया गया है और घायल कर दिया गया है। इसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और उस व्यक्ति को अस्पताल लेकर आए जहां उसे डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। 

उन्होंने बताया कि मृतक की पहचान पत्रकार शिवशंकर झा के रूप में हुई है। घटना के बाद पुलिस आगे की जांच में जुट गई है। घटना के बाद पत्रकार और स्थानीय लोगो में पुलिस के प्रति आक्रोश व्याप्त है।

मुजफ्फरपुर से संतोष तिवारी

मुजफ्फरपुर के इंडियन ऑयल बॉटलिंग प्लांट में फैले भ्रष्टाचार के खिलाफ स्थानीय शेरपुर पंचायत के सरपंच ने खोला मोर्चा, लगाए कई गंभीर आरोप

मुजफ्फरपुर : जिले के इंडियन ऑयल बॉटलिंग प्लांट में फैले भ्रष्टाचार के खिलाफ स्थानीय शेरपुर पंचायत के सरपंच ने मोर्चा खोल दिया है। सरपंच नंदन कुमार ने कई बड़े आरोप लगाए है। 

स्थानीय सरपंच नंदन कुमार झा ने बताया कि नेशनल परमिट वाले ट्रकों से काम लिया जा रहा है जो अवैध है। स्थानीय वाहनों को गैस सिलेंडर लोडिंग का काम नही दिया जा रहा है इससे स्थानीय ट्रांसपोर्टरो में आक्रोश पनप रहा है जो कभी भी बड़े आंदोलन का रूप ले सकता है। 

सरपंच नंदन कुमार झा ने कहा कि इंडियन ऑयल बॉटलिंग के ट्रांसपोर्ट अधिकारी के मनमाने रवैया अपनाया जा रहा है। उसके बदले मोटी रकम का डिमांड किया जाता है जिसका विरोध स्थानीय ट्रांस्पोटरो ने जताया तो उसे काम देना बंद कर दिया गया है। 

कहा कि उत्तर-प्रदेश, उत्तराखंड, केरल , नागालैण्ड, दिल्ली वाले नेशनल परमिट वाले गाड़ियों से काम लेना गैर संवैधानिक है। अगर इसपर लगाम नही लगाया गया तो आने वाले दिनों में चरणबद्ध तरीके से आंदोलन होगा। 

उन्होंने कहा कि अभी इस आंदोलन का आज श्रीगणेश हो रहा है। अगर जल्द ही इसपर कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन उग्र रुप लेगा। 

मुजफ्फरपुर से संतोष तिवारी

बैंक लूट से पहले बदमाशों की पुलिस से हुई मुठभेड़, 2 को लगी गोली

मुजफ्फरपुर : जिले से एक बड़ी खबर सामने आई है। जहां पुलिस और बदमाशों के बीच मुठभेड़ हुई है। इस घटना में दो बदमाश पुलिस की गोली लगने से घायल हुए है। मिली जानकारी के अनुसार इंडियन बैंक के पास पुलिस ने रोका तो बदमाशों ने फायरिंग शुरू कर दी। दो बदमाशों सुंदरम और दीपू के पैर में गोली लगी है। पुलिस ने दो अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया है। घायल आरोपी को आनन-फानन में इलाज के बाद SKMCH में भर्ती करवाया गया है। SP राकेश कुमार और TSP अवधेश दीक्षित दलबल के साथ SKMCH अस्पताल पहुंचे हैं। बताया जा रहा है कि अपराधी सुबह से ही बैंक के आसपास घूम रहे थे। 

घटना के संबंध में सिवाईपट्टी थाना अध्यक्ष मनमोहन कुमार ने बताया कि सिवाईपट्टी थाना क्षेत्र अंतर्गत बनघरा चौक अंतर्गत एक बैंक को लूटने के लिए करीब 6 की संख्या में अपराधी घूम रहे थे। सभी अपराधी हेलमेट से थे।

वहीं, ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार अपराधी सुबह से ही बैंक के आसपास घूम रहे थे। तभी इसकी सूचना पुलिस को दी गई। मौके पर दल बल के साथ पहुंची पुलिस के साथ अपराधियों की मुठभेड़ हो गई। जवाबी कार्रवाई में सुंदरम को बांए पैर में 2 गोली लगी। वहीं, दीपू को दाएं पैर में एक गोली लगी है। दोनों अपराधियों को पुलिस आनन-फानन में SKMCH में भर्ती कराया गया। जहां दोनों का इलाज चल रहा। वहीं, अन्य अपराधियों के लिए छापेमारी की जा रही हैं।

मुजफ्फरपुर से संतोष तिवारी

L.S. COLLEGE के प्राचार्य की दबंगई की तस्वीर आई सामने, प्रोफेसर को भरे क्लास में मारा थप्पड़

मुजफ्फरपुर : जिले से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। बिहार के प्रसिद्ध लंगट सिंह महाविद्यालय के प्राचार्य के दबंगई की तस्वीर सामने आया है। प्राचार्य द्वारा परीक्षा केंद्र पर निरीक्षण कर रहे प्रोफेसर पर दे दना दन थप्पड़ मारने की तस्वीर सामने आयी है। हालांकि यह तस्वीर पुराना जरूर है लेकिन हैरान कर देनेवाला है। 

दरअसल यह मामला दिनांक 15 दिसंबर, 2023, समय: 1:45 अपराह्ण का है। जब एल एस कॉलेज परीक्षा केंद्र पर CCTV की निगरानी में डिग्री की परीक्षा चल रही थी। हॉल नंबर-53, परीक्षा केंद्र, लंगट सिंह महाविद्यालय, मुज़फ़्फ़रपुर. सीसीटीवी कैमरा संख्या-2 के रेंज में उर्दू विभाग, लंगट सिंह महाविद्यालय के सहायक प्राध्यापक डॉ.मुस्तफ़ीज़ अहमद इन्विजिलेटर के रूप में हॉल में कार्य कर रहे हैं। इतने में महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो.ओमप्रकाश राय हॉल में प्रवेश करते हैं।वे आगे बढ़कर एक परीक्षार्थी को नक़ल करते हुए कुछ चिट्ट-पूर्जा पकड़ते हैं। फिर पीछे मुड़कर इन्विजिलेशन कर रहे डॉ. मुस्तफ़ीज़ अहमद को दे दना दन जोड़दार थप्पड़ रशीद कर देते हैं। 

जब तक डॉ. अहमद कुछ समझते तबतक प्रो. राय दो-चार थप्पड़ और लगा चुके होते हैं।प्राचार्य ओम प्रकाश राय का सारा कारनामा CCTV कैमरे में कैद हो जाता है। इस बीच प्राचार्य लगातार परीक्षार्थियों के सामने डॉ.अहमद की तरफ़ मुखातिब होकर कुछ बोलते नज़र आते हैं। प्राचार्य की इस हरकत से सारे परीक्षार्थी हैरान एवं डर जाते हैं। डॉ.अहमद भी बुरी तरह से डरे हुए नज़र आते हैं।प्राचार्य ओम प्रकाश राय का रसूख इतना की मामला रफा-दफा हो जाता है। 

परीक्षा केंद्र पर कैमरा और मोबाइल प्रतिबंधित है इसलिए आम लोगों के लिए इस तरह की तस्वीर लेना नामुमकिन है। इसलिए यह खबर तत्काल बाहर नहीं आयी।प्राचार्य के डर से उर्दू के सहायक प्राध्यापक डॉ. मुस्तफ़ीज अहमद कोई शिकायत नहीं करते हैं। प्राचार्य का ख़ौफ़ इस कदर है कि डॉ. अहमद कहीं भी इस घटना का ज़िक्र तक नहीं करते हैं।अब सवाल यह है कि क्या एक प्राचार्य इस तरह से गुंडई कर सकता है। अगर कदाचार हो भी रहा था तो एक सम्मानित प्राध्यापक को परीक्षार्थियों के सामने सरेआम थप्पड़ मारा जा सकता है।

अब जबकि CCTV का यह वीडियो जिसमें प्राचार्य ओम प्रकाश राय के दबंगई की तस्वीर कैद है पब्लिक डोमेन में आ गया है।ऐसे में महाविद्यालय और विश्वविद्यालय का साख दांव पर है तो क्या इस घटना की उच्च-स्तरीय जाँच हो पाएगी। प्राचार्य की गुंडई पर लगाम लग पाएगा।क्या डॉ.अहमद को न्याय मिल पाएगा और महाविद्यालय से भय तथा आतंक का अंत हो सकेगा।

मुजफ्फरपुर से संतोष तिवारी

प्रचंड गर्मी को देखते हुए वन विभाग ने कसी कमर : प्रेस-वार्ता का आयोजन कर आमलोगों से पौधारोपण करने की अपील की, पौधा लगाने के गुन भी बताएं

मुजफ्फरपुर : इसबार जिस तरह से बिहार ही नही बल्कि अलग अलग प्रदेशों में भीषण गर्मी का प्रकोप चढ़ा है, ऐसे में लोगो का जीवन यापन पर बड़ा असर प़ड़ता नजर आ रहा है। शहरी क्षेत्र हो या ग्रामीण सभी जगह प्रचंड गर्मी ने लोगो का जीना मुहाल कर रखा है। 

आलम यह है कि गर्मी की वजह से दोपहर के समय सड़कें वीरान हो जाती है। हालाकि इस प्रचंड गर्मी से बचाव और आने वाले दिनों के लोगो को गर्मी से राहत को लेकर वन विभाग ने कमर कस ली है। आज रविवार को तिरहुत वन प्रमंडल कार्यालय में क्षेत्रीय मुख्य वन संरक्षक अधिकारी के द्वारा प्रेसवार्ता का आयोजन किया।

जिसमे उन्होंने आमलोगों से अधिक से अधिक पौधारोपण की अपील की। ताकि पर्यावरण में संतुलन बना रहे है। उन्होंने बताया कि पौधो को कैसे लगाए, कितने लंबाई तक लगाए, कैसे देख रेख करें, इन सभी बातों की जानकारी दी।

साथ ही बताया कि किस वृक्ष के पौधे पहले लग जाते है, और किसमे किस तरह की व्यवस्था होती है।

मुजफ्फरपुर से संतोष तिवारी