जन स्वास्थ्य है शासन की प्राथमिकता, अभियानों और कार्यक्रमों को समन्वित प्रयासों से सुदृढ़ करें
गोरखपुर, जिला स्वास्थ्य समिति (डीएचएस) की बैठक मुख्य विकास अधिकारी संजय कुमार मीणा की अध्यक्षता में विकास भवन सभागार में बुधवार की देर शाम तक चली । इस दौरान विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान, दस्तक अभियान, विटामिन ए सम्पूरण माह, विश्व जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा और स्टॉप डायरिया कैंपेन के बारे में विस्तार से चर्चा हुई । साथ ही नियमित टीकाकरण, मातृ शिशु स्वास्थ्य व पोषण कार्यक्रमों और राष्ट्रीय कार्यक्रमों की भी समीक्षा की गयी। इस मौके पर मुख्य विकास अधिकारी ने निर्देश दिया कि जन स्वास्थ्य शासन की प्राथमिकता है, इसके प्रति कोई भी लापरवाही नहीं होनी चाहिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अभियानों और कार्यक्रमों को समन्वित प्रयासों से सुदृढ़ बनाया जाए।
मुख्य विकास अधिकारी ने निर्देश दिया कि हाई ग्रेड फीवर के रोगियों को ईटीसी में भर्ती कराया जाए और उनकी जांच रिपोर्ट को यूडीएसपी पोर्टल पर अवश्य डाला जाए। जिला महिला अस्पताल के एसएनसीयू में समुदाय स्तर से नवजात का रेफरल सुनिश्चित हो । जननी सुरक्षा योजना के लाभार्थियों का आधार सत्यापन किया जाए, मंत्रा एप पर प्रत्येक प्रसव को फीड किया जाए और जिले में होने वाली प्रत्येक मातृ शिशु मृत्यु की रिपोर्टिंग के साथ साथ उनका आॅडिट भी हो। स्टेट रिसोर्स सेंटर फॉर न्यूट्रिशन व एम्स को सहयोग कर पोषण के मामले में गोरखपुर जिले को रोल मॉडल बनाने का प्रयास होना चाहिए। यूविन पोर्टल पर सभी आशा कार्यकतार्ओं की आईडी रहे ताकि सभी सत्रों को आॅनलाइन संचालित किया जा सके और आशा कार्यकर्ता को बतौर मोबिलाइजर मिलने वाली धनराशि उनके खाते में जा सके। इसके जरिये अभिभावक खुद टीकाकरण का स्लॉट आॅनलाइन बुक करके अपने पाल्यों का टीकाकरण करवा सकते हैं।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने बताया कि डीएचएस में यह भी तय हुआ कि जो बच्चे एमआर टीके की दूसरी डोज से छूट गये हैं उन्हें ढूंढ कर शत प्रतिशत टीकाकरण किया जाए । जहां भी मिजल्स बीमारी के संभावित मामले निकलें उनकी रिपोर्टिंग और वहां बचाव की कार्रवाई की जाए। नियमित टीकाकरण के प्रति उदासीन परिवारों के मन में बैठी भ्रांति को दूर कर टीकाकरण करवाएं। छाया ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस (छाया वीएचएसएनडी) पर आवश्यक उपकरणों व दवाओं और बच्चों के वजन की जांच की व्यवस्था उपलब्ध रहे। सभी आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में परिवार नियोजन की कम से कम पांच आवश्यक सेवाएं दी जाएं। सरकारी अस्पतालों पर संस्थागत प्रसव को बढ़ावा दिया जाए और उच्च जोखिम गर्भावस्था की पहचान कर प्रबंधन पर विशेष जोर होना चाहिए। सभी चिकित्सक टेलीकंसल्टेशन जरूर करें और जिनका प्रदर्शन लगातार खराब हो रहा हो उन पर आवश्यक कार्रवाई की जाए।
इस अवसर पर जिला अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ राजेंद्र ठाकुर, एसीएमओ डॉ एके चौधरी, डॉ नंदलाल कुशवाहा, डॉ गणेश यादव, जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ अभिनव कुमार मिश्र, जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह, जिला महिला अस्पताल से डॉ कमलेश, जिला अस्पताल से डॉ मुकुल, डीडीएचईआईओ सुनीता पटेल, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से डीपीएम पंकज आनंद, डीसीपीएम रिपुंजय पांडेय, डीडीएम पवन गुप्ता, क्वालिटी सहायक विजय कुमार श्रीवास्तव, सहायक आदिल फखर, डब्ल्यूएचओ, यूनिसेफ, चाई, यूपीटीएसयू और यूएनडीपी संस्थाओं के प्रतिनिगण समेत स्वास्थ्य और सहयोगी विभागों के अधिकारी व प्रतिनिधि मौजूद रहे।
मिल कर बढ़ाएं टीबी जांच की दर
डीएचएस के दौरान डीटीओ डॉ गणेश यादव ने जिले में संभावित टीबी मरीजों की अधिकाधिक जांच की बात रखी। सीडीओ ने सभी चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिया कि टीबी मुक्त पंचायत कार्यक्रम और टीबी उन्मूलन में समय से जांच और इलाज का विशेष ध्यान रखा जाए। हर ब्लॉक में इसकी समीक्षा की जाए और लक्षण वाले मरीजों की जांच अवश्य की जाए।
पुरुष प्रतिभागिता पर दें ध्यान
सीएमओ डॉ दूबे ने बताया कि जनसंख्या स्थिरता पखवाड़े के दौरान परिवार नियोजन कार्यक्रमों में पुरुष प्रतिभागिता बढ़ाने पर जोर दिया गया । सभी ब्लॉक से कहा गया कि पुरुषों के परामर्श पर विशेष ध्यान दें और इच्छुक पुरूष को नसबंदी की सुविधा के बारे में जानकारी दें।
Jun 27 2024, 19:50