राजा भैया के जनसुनवाई में निपटते है कोर्ट में भी लम्बित मामलें,लोग देते है काम की मिसाल
नवाबगंज (गोंडा) ।जिस जनसुनवाई की बात कर रहा हूँ,वह जिले के राज घराने मनकापुर कोट की है। आज भी इस राज घराने की ईमानदारी व न्याय प्रियता की लोग मिशाल देते है।जिसको लेकर समय-समय पर जिले सहित सदूर गांवो मे चर्चा का विषय बनती है। अब विषय वस्तु पर आते हुए उस जनसुनवाई की चर्चा करता हूँ।
गौरा विधान के विकास छपिया अन्तर्गत ग्राम पंचायत माडा के राजस्व गांव महमूदपुर की काफी दिनो से इस गांव के दो संभ्रांत परिवार के बीच एक नाली को लेकर विवाद चल रहा था दो संभ्रांत परिवार के घर के बीच लगभग ढाई फीट से तीन फीट की गली है जिसे एक परिवार नाली का निर्माण कराना चाहता था ,गली मे लोगो का आवागमन भी है।लेकिन वही दूसरा पक्ष इसका विरोध कर रहा था की आज तक नाली इस गली से नही बह रही थी ऐसे मे नाली निर्माण सम्भव नही है अगर नाली निर्माण हुआ तो ढाई-तीन फीट के गली मे सफाई सम्भव नही हो पायेगा।
नाली से निकलने वाले कचडे व पानी के फैलाव से हमारे नीव मे पानी जायेगा जिससे नुकसान हो सकता है।फिर गली की जमीन हमारी है ऐसे मे निर्माण सम्भव नही है।फिर आप के घर के पानी निकासी के लिए दो नालिया पहले से मौजूद है फिर ऐसे मे तीसरी नाली का निर्माण नही होने देगे।
मामला इतना बढता है की दोनो परिवार नाली निर्माण हो या न हो इसको लेकर प्रशासनिक अधिकारियो सहति दिवानी अदालत पहुंच जाते है।
नाली निर्माण को लेकर गांव से शुरू हुआ विवाद
डीएम-एसडीएम-सीडीओ सहित तमाम प्रशासनिक अधिकारियो के यहां पहुंचता है ये अधिकारी रिपोर्ट खण्ड विकास अधिकारी छपिया से मांगते है।खण्ड विकास अधिकारी छपिया रिपोर्ट भी प्रस्तुत कर देते है की अमुक व्यक्ति के घर से दो नालिया पहले से बह रही है जिस गली मे नाली निर्माण कराये जाने की मांग कर रहे वहा ढाई से तीन फिट का रास्ता है ऐसे मे नाली निर्माण कराया जाना संभव नही है।उसके बाद भी नाली निर्माण को लेकर एक पक्ष पूरा दबाव अधिकारियो पर बनाये रहता है। चूंकि वह हाईकोर्ट का शासकीय अधिवक्ता होने के कारण बार-बार अपने होदे का धवस देते हुए अधिकारियो को अपनी बात मनवाने को लेकर उच्च न्यायालय खण्ड पीठ मे तलब कराने की बात कराने की बात किया करता है अधिकारी भी दबाव में महसूस करते है नाली निर्माण के विपरीत रिपोर्ट होने के बावजूद खण्ड विकास अधिकारी पर दबाव बनाते है की नाली निर्माण किसी भी दशा मे कराया जाए।
नाली निर्माण के लिए खण्ड विकास अधिकारी ग्राम प्रधान एवं पंचायत सचिव पर दबाव बनाते है ऐसे मे नाली का प्रस्ताव बनाकर खण्ड विकास अधिकारी के समक्ष पेश कर दिया जाता है। लेकिन इसी नाली निर्माण का विरोध कर रहा परिवार गोण्डा दिवानी न्यायालय चला जाता है। लेकिन न्यायालय मे मामले की बहस होकर लम्बी डेट जुलाई माह के मध्य मिल जाती है चूंकि जून माह मे ग्रीस अवकाश को लेकर दीवानी अदालत बन्द रहती है।मुकदमा दायर होने के बाद भी को स्थगन आदेश अदालत से न होने के चलते नाली निर्माण को लेकर दबाव अधिकारियो के बीच बराबर बनने रहने को लेकर खण्ड विकास अधिकारी छपिया नाली निर्माण को लेकर बृहस्पतिवार 20 जून 2024 को सम्बन्धित को आदेश देते है ।लेकिन दूसरी पक्ष नाली निर्माण के विरुद्ध हर संभव मैदान मे डटा रहता है ऐसे मे किसी घटना से इंकार कर पाना सम्भव नही दिखाई पडता है।
21जून 2024 को मामला राजा भैया के जनसुनवाई कार्यालय राजा फाॅर्म हाउस मसकनवां पहुंचने हुआ क्या
दो संभ्रांत परिवारो के बीच नाली निर्माण विवाद सप्ताह के हर शुक्रवार को राजा फाॅर्म हाउस मसकनवां पर होने वाली जनसुनवाई में 21 जून 2024 को एक पक्ष लेकर पहुंच जाता है।जनसुनवाई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी पूरी बात सुनने के बाद न्याय का भरोसा दिलाते हुए तत्काल दूसरे पक्ष को मोबाइल फोन पर मामले की जानकारी देते हुए राजा फाॅर्म हाउस पर पहुंचने की बात करते है।एक पक्ष पहले से ही मौजूद रहता है दूसरा पक्ष भी थोडे देर के अन्तराल पर पहुंच जाता है। दोनो पक्ष की आमने -सामने बात होती है इस हिदायत के साथ की दोनो पक्ष अपनी अपनी बात एक-दूसरे की बात खत्म होने के बाद ही रखेगा सबकी बात सुनी जायेगी लेकिन एक दूसरे की बात सुनी जाने के बाद एक साथ दोनो लोग बात नही करगे।वार्तालाप शुरू होता आधे घंटे के वार्तालाप मे एक ऐसा मोड आता है।जब नाली निर्माण का विरोध कर रहे परिवार के लोग नाली निर्माण पर इस शर्त पर सहमत हो जाते है की ईटे की नाली का निर्माण होगा दोनो तरफ नौ -नौ इन्च की दीवार होगी एवं जो नाली निर्माण चाह रहा है उसके दीवार से सट कर नाली जायेगी तथा नाली को ढकने के लिए ऊपर से पत्थर लगाकार सीमेंट की घोराई होगी जिससे नाली जाम होने की स्थित मे पत्थर उठाकर सफाई हो सके तथा आवागमन भी बहाल हो सके।दोनो पक्ष इस पर सहमत हो गये।आधे घंटे के चले वार्तालाप के बाद नही पक्ष एक दूसरे पक्ष की बात नही सुनने के पक्ष मे रहते थे।
दोनो पक्षो के बारे मे बताना भी जरूरी है प्रथम पक्ष नाली निर्माण से संबंधित
नाली निर्माण को लेकर सम्बन्धित पक्ष मे स्वामी नारायण छपिया इण्टर कॉलेज के पूर्व प्राचार्य त्रियुगी निर्माण शुक्ला व उनके ज्येष्ठ पुत्र सौरभ शुक्ला उर्फ बब्बू शासकीय अधिवक्ता उच्च न्यायालय लखनऊ खंडपीठ।
द्वितीय पक्ष
विशनु प्रसाद पाण्डेय पुत्र स्वर्गीय रघुबर दयाल पाण्डेय।
जनसुनवाई के कार्यकारी अधिकारी के बारे में बताना भी जरूरी है।
हर शुक्रवार को गौरा विधान सभा के राजा फाॅर्म हाउस पर लगने वाली जनसुनवाई मे कार्यकारी अधिकारी सहित कई लोगो को नामित कर सम्बन्धित विभाग सौपा गया है इसके कार्यकारी अधिकारी पूर्व जिला पंचायत सदस्य दिनेश शुक्ला राजा भैया के तरफ से नामित है वैसे इन लोगो को वाच करने के लिए समय-समय पर राजा भैया मनकापुर कोट से भी डेली गेसन भेजा करते है जिससे जनसुनवाई की शाक बनी रहे।भूपेश मिश्रा प्रधान बहीराडीहा इस कार्यकारी के प्रमुख सदस्य इस महत्वपूर्ण जनसुनवाई मे निकटे मामले मे जहा कार्यकारी अधिकारी की भूमिका की ईमानदार न्यायमूर्ति से लोग कम नही आक रहे है वही कुशल वार्तालाप कराने वाले भूपेश मिश्रा की भी काफी चर्चा हो रही है।
गौरा विधान सभा को लेकर राज घराना काफी गंभीर
मनकापुर कोट राज घराने से लगातार तीसरी बार सांसद बनने के साथ पांचवी बार सांसद बन अपने पिता का रिकॉर्ड तोडने वाले गोण्डा से भाजपा के यशस्वी सांसद केंद्रीय राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह राजा भैया... पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन के विदेश मंत्री गौरा विधान सभा से मिली मामूली वोटो से हार के बाद काफी सतर्क हो गये है। अपना बनकर धोखा देने वालो पर जहा कडी निगाह बनाये हुए वही अपने के हर सुख दुख मे साथ खडे होने मे कोई कसर नही छोड रहे क्षेत्र मे कोई घटना दुर्घटना होने पर तत्काल अपने लोगो को भेज यथासंभव कोशिश कर सहयोग मुहैया कराने मे कोई कसर नही छोड रहे चाहे जिस जाति धर्म का ही कोई क्यो न हो सामान्य भाव से।
जनसुनवाई में मामला निपटने का चर्चा राजाभैया की कीर्ति मे चार चांद लगा रहा है।
दो संभ्रांत परिवार का विवाद वह भी अदालत मे मामला लम्बित हो महीने से प्रशासनिक अधिकारियो का चक्कर लगा रहे हो इतना ही नही उच्च न्यायालय लखनऊ खंडपीठ के शासकीय अधिवक्ता से जुडा मामला हो उसके बाद राजा भैया के लगाई जा रही जनसुनवाई से मामला निपट जाय तो इसकी चर्चा इलाके मे होना स्वाभाविक हो भी रही है। वैसे मनकापुर कोट राज घराने की चर्चा ईमानदारी न्याय प्रियता की कोई आज नयी नही हमेशा इस राज घराने की कीर्ति चहु ओर फैलती रही है फिर जहा कीर्तिवर्धन जैसे नाम वाले इस राज घराने की अगुवाई कर रहे हो उसके कीर्ति का वर्धन तो होना ही है।
Jun 25 2024, 18:37