नौ महीने में पूरी तरह से बनकर तैयार हो जाएगा श्रीराम मंदिर, रोजाना 1 लाख लोग कर रहे प्रभु श्री राम के दर्शन
अयोध्या के राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने रविवार को मंदिर निर्माण के कार्यों की समीक्षा की। चल रहे कार्यों का निरीक्षण भी किया। इसके बाद पत्रकारों को बताया कि राम मंदिर के प्रथम तल का निर्माण 90 फीसदी पूरा हो चुका है। आगामी जुलाई तक प्रथम तल पूरी तरह तैयार हो जाएगा। इसके बाद प्रथम तल पर राम दरबार की स्थापना की जाएगी। मार्च 2025 तक परकोटे समेत राम मंदिर का निर्माण पूरा कर लिया जाएगा। मार्च तक निर्मार्ण का कोई काम बाकी नहीं रह जाएगा।
नृपेंद्र ने बताया कि प्रथम तल पर स्थापित होने वाले राम दरबार की मूर्तियां संगमरमर की होंगी। इसके लिए राजस्थान के चार मूर्तिकारों से बात हुई है। टेंडर भी निकाला जा चुका है। इसी माह के अंत तक टेंडर खुल जाएगा। फिर मूर्ति निर्माण के लिए मूर्तिकार का चयन होगा। भीषण गर्मी के बावजूद रामलला के दरबार में भक्तों की भीड़ उमड़ रही है। रामजन्मभूमि पथ से लेकर मंदिर परिसर तक भक्तों के लिए विभिन्न सुविधाएं विकसित की गई हैं। इस समय रामलला के दरबार में रोजाना एक लाख भक्त दर्शन कर रहे हैं। प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब तक करीब दो करोड़ लोग रामलला के दरबार में हाजिरी लगा चुके हैं। पहले दिन की बैठक में राममंदिर निर्माण की प्रगति की समीक्षा व संग्रहालय निर्माण पर मंथन हुआ है।
राम मंदिर में चंदन टीका लगाने व चरणामृत देने पर लगी रोक संबंधित खबर वायरल होने के बाद ट्रस्ट ने इसका खंडन किया है। शनिवार को पहले राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्र ने वायरल खबर का खंडन किया था। साफ कहा था कि राम मंदिर में चंदन टीका व चरणामृत देने पर कोई रोक नही लगाई गई है। अब मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने भी इसको लेकर बयान जारी किया है।
राम मंदिर निर्माण समिति की बैठक में शामिल होने अयोध्या पहुंचे निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र ने रविवार को कहा कि चंदन टीका और चरणामृत नहीं दिया जाना है, यह भ्रामक बात है। किसी प्रकार की रोक नहीं लगाई गई है। सबसे सामान व्यवहार किया जा रहा है। पहले भी श्रद्धालुओं को चंदन टीका व चरणामृत नहीं दिया जाता रहा है, क्योंकि यह संभव नहीं है। केवल कुछ विशेष लोगों को जो वीआईपी मार्ग से दर्शन करने आते थे, उनको टीका लगा दिया जाता था। टीका व भगवान का जल यानी चरणामृत नहीं दिया जा रहा है, यह कहना पूरी तरह भ्रामक है। किसी प्रकार की नई रोक नहीं लगाई गई है।





एक इंस्पेक्टर पर महिला एसआई ने गंभीर आरोप लगाया है। महिला दारोगा का कहना है कि रात में इंस्पेक्टर मुझे बुलाते हैं और कहते हैं कि बहुत गर्मी है आज मेरे साथ सो जाओ, विरोध करने पर धमकी देते हैं। आरोप लगने के बाद पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है। आरोपों की जांच में प्रथमदृष्टया मामला सही पाया गया है। इंस्पेक्टर को निलंबित कर दिया गया है। पूरा मामला उत्तर प्रदेश के आगरा का है। आगरा शहर के एत्माद्दौला थाना प्रभारी दुर्गेश कुमार मिश्र पर ट्रेनी महिला दरोगा ने गंभीर आरोप लगाए। आरोप है कि इंस्पेक्टर साहब एसी वाले कमरे पर बुलाते है। कहते है कि गर्मी बहुत है। यही मेरे कमरे पर सोया करो। महिला ट्रेनी महिला दरोगा का आरोप है कि थाना में 17 मार्च को आमद कराई जिसके बाद से ही इंस्पेक्टर लगातार अश्लील कमेंट करते रहते थे। अपने ऑफिस में बैठाकर अश्लील बाते करते है और विरोध करने पर धमकी देते है। आरोप है कि मोबाइल फोन पर अश्लील मैसेज करते है। ट्रेनी महिला दरोगा ने आखिरकार तंग आकर आगरा पुलिस कमिश्नर जे रविंद्र गौड़ से शिकायत की। ट्रेनी महिला दरोगा का आरोप है इंस्पेक्टर रात में कॉल करके कमरे में बुलाते हैं। वहीं ट्रेनी महिला का कहना है कि होली पर तो इंस्पेक्टर ने तो सारी हदें पार कर दी। होली पर अपने ऑफिस में बैठाया और फिर अश्लील बातें करने लगे और फिर पास आ गए। आराेप है कि जबरदस्ती अश्लील हरकतें करने लगे। जिसका विरोध किया तो धमकी देने लगे कहा कि अगर मेरी बात नहीं मानी तो रिपोर्ट लगा दूंगा। नई नौकरी लगी है छूट जाएगी। किसी कुछ भी बताना नहीं। अपने घरवालों से शादी की मना कर दो। मैं तुमसे शादी करना चाहता हूं जब ट्रेनी महिला दरोगा को छुट्टी पर अपने घर जाना था तो छुट्टी पर भी जाने से मना कर दिया। मेरे मोबाइल की गलत तरीके से लोकेशन निकाली गई। डीसीपी सिटी सूरज कुमार राय ने बताया कि प्रशिक्षु महिला दारोगा ने एत्मादउद्दौला थाना के इंस्पेक्टर पर गंभीर आरोप लगाए हैं। जिसकी लिखित शिकायत भी की गई है। इस शिकायत से पहले महिला दरोगा की भी एक शिकायत मिली थी। दोनों प्रकरण की एसीपी एत्मादपुर सुकन्या शर्मा जांच कर रही हैं। उन्हें दो दिन में रिपोर्ट देनी हैं। एसीपी एत्मादपुर सुकन्या शर्मा की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट पर इंस्पेक्टर और थाने के एक एसआई को निलंबित कर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने आज सोमवार को NEET-UG 2024 परीक्षा में कथित अनियमितताओं की जांच ED और CBI समेत केंद्रीय जांच एजेंसियों से कराने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि वह मामले की अगली सुनवाई 8 जुलाई को करे। याचिकाकर्ता ने NEET-UG विवाद की ED और CBI से जांच कराने और आरोपियों के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत मामला दर्ज करने की मांग वाली याचिका पर तत्काल सुनवाई की मांग की। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई से इनकार कर दिया। 20 जून को शीर्ष अदालत ने विभिन्न उच्च न्यायालयों में NEET-UG 2024 परीक्षा से संबंधित कथित लीक और कदाचार के सभी मामलों पर रोक लगा दी थी। जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस एसवीएन भट्टी की पीठ ने राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) की याचिकाओं पर नोटिस जारी किया है, जिसमें सात उच्च न्यायालयों में सभी NEET से संबंधित याचिकाओं को स्थानांतरित करने और उन्हें सर्वोच्च न्यायालय में एक साथ सुनवाई के लिए बुलाने की मांग की गई है। पीठ ने उनकी अगली सुनवाई के लिए 8 जुलाई की तारीख तय की है। इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट ने NEET-UG 2024 को रद्द करने और मेडिकल प्रवेश परीक्षा में कथित अनियमितताओं की अदालत की निगरानी में जांच की मांग वाली याचिकाओं पर केंद्र और NTA को नोटिस जारी किया। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान कुल 14 याचिकाएं सुनी गईं। इनमें से 10 याचिकाएं 49 छात्रों और 'स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया' नामक छात्र संगठन की ओर से दायर की गई थीं। वहीं, बाकी चार याचिकाएं एनटीए की ओर से दायर की गई थीं। 19 जून को सुप्रीम कोर्ट ने NEET काउंसलिंग पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था और कथित पेपर लीक और गड़बड़ी की जांच के लिए सीबीआई को निर्देश देने से भी इनकार कर दिया था। नीट-यूजी 2024 5 मई को 4,750 केंद्रों पर आयोजित की गई थी और लगभग 24 लाख उम्मीदवार मेडिकल प्रवेश परीक्षा में शामिल हुए थे।



Jun 24 2024, 14:25
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