Canadian journalist Daniel Bordman says, " India is doing better than before
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भर्तृहरि महताब बने प्रोटेम स्पीकर, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिलाई पद की शपथ
#first_session_of_18th_lok_sabha
18वीं लोकसभा के पहले सत्र की शुरुआत आज हो रही है। भाजपा सांसद भर्तृहरि महताब ने 18वीं लोकसभा के प्रोटेम स्पीकर के रूप में शपथ ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शपथ दिलाई। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बीजेपी नेता और सात बार के सांसद भर्तृहरि महताब को लोकसभा का प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया है। महताब को निचले सदन के नवनिर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाएंगे और लोकसभा स्पीकर के चुनाव तक संसद की कार्यवाही के लिए अपने कर्तव्यों का निर्वहन करेंगे।
राष्ट्रपति मुर्मू सोमवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले महताब को राष्ट्रपति भवन में प्रोटेम अध्यक्ष पद की शपथ दिलाएंगी। इसके बाद महताब संसद भवन पहुंचकर 11 बजे से सदन का संचालन आरंभ करेंगे। कार्यवाही की शुरुआत दिवंगत सदस्यों को श्रद्धांजलि देने के लिए एक मिनट मौन रखने से होगी।
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने सोमवार को कहा कि वह संसद चलाने के लिए समन्वय की सकारात्मक उम्मीद कर रहे हैं। एक्स पर एक पोस्ट में रिजिजू ने कहा कि वह संसदीय कार्य मंत्री के रूप में संसद सदस्यों की सहायता के लिए हमेशा उपलब्ध रहेंगे। उन्होंने लिखा, '18वीं लोकसभा का पहला सत्र आज 24 जून, 2024 से शुरू हो रहा है। मैं सभी नवनिर्वाचित माननीय सदस्यों का स्वागत करता हूं। मैं संसदीय कार्य मंत्री के रूप में सदस्यों की सहायता के लिए हमेशा उपलब्ध रहूंगा। मैं सदन चलाने के लिए समन्वय की सकारात्मक उम्मीद कर रहा हूं।
प्रोटेम पैनल के सदस्य के सुरेश ने कहा कि ‘एनडीए सरकार ने लोकसभा की परंपरा का उल्लंघन किया है। अब तक परंपरा यह थी कि जो सांसद सबसे ज़्यादा बार चुना जाता था, वही प्रोटेम स्पीकर बनता था। भर्तृहरि महताब 7वीं बार सांसद चुने गए हैं। हालांकि, मैं 8वीं बार सांसद चुना गया हूं। वे फिर से विपक्ष का अपमान कर रहे हैं। इसलिए इंडिया अलायंस ने सर्वसम्मति से पैनल के सदस्यों का बहिष्कार करने का फैसला किया है।’
10 साल में पहली बार संसद में होगा मजबूत विपक्ष, कैसे सामना करेगी सरकार?*
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संसद सत्र से पहले कांग्रेस ने मंगलवार को कहा कि सियासी तापमान काफी बढ़ने वाला है, क्योंकि विपक्ष जोरदार तरीके से भाजपा पर निशाना साधेगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सदन को पहले की तरह तानाशाह तरीके से नहीं संचालित किया जाए।कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि उनकी सहानुभूति भाजपा के साथ है, क्योंकि विपक्षी गठबंधन इंडिया के बड़े नेता, जो अच्छे वक्ता माने जाते हैं, सदन में पहुंच गए हैं। ये बातें बता रहा है कि विपक्ष मजबूती से संसद में सरकार का सामना करने के लिए तैयार है। यही, विपक्ष सरकार के सामने बड़ी चुनौती पेश करने वाला है। दरअसल, पिछले 10 साल में ऐसा पहली बार होगा जब लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बने नरेंद्र मोदी के सामने एक मजबूत विपक्ष होगा। दरअसल, नई लोकसभा का पहला सत्र आज से शुरू हो रहा है जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 10 साल बाद भाजपा को दमदार नेता और बड़े संख्या बल वाले विपक्ष का सामना करना होगा। यह चुनौती इंडिया गठबंधन के 234 सांसदों की संख्या भर की नहीं होगी बल्कि, कई जमीनी नेताओं के सदन में पहुंचने से अधिक मिलेगी। इसके अलावा भाजपा की विचारधारा के खिलाफ वाले अन्य विपक्षी दल व निर्दलीय भी लोकसभा पहुंचे हैं। लोकसभा में सीटें बढने से अब सदन में कांग्रेस समेत समूचे विपक्ष को बोलने के लिए अधिक समय आवंटित होगा। इसके चलते अधिक से अधिक सांसदों को बोलने का मौका मिलेगा। पिछले दस साल से मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के पास नेता प्रतिपक्ष का आधिकारिक पद नहीं रहा। इसकी राह में एक नियम रोड़ा बना रहा। दरअसल, सदस्य संख्या का कम से कम 10 प्रतिशत, यानी 54 सांसद, होने पर ही नेता प्रतिपक्ष का दर्जा मिल सकता है। कांग्रेस के पास 16 वीं और 17 वीं लोकसभा में सिर्फ 44 और 52 सांसद ही रहे। लेकिन, इस बार उसके सदस्यों की संख्या 99 तक पहुंची है। जिससे कांग्रेस को 10 साल बाद नेता प्रतिपक्ष बनाने का मौका मिला है। लोकसभा का पहला सत्र सांसदो की शपथ जैसे औपचारिक कार्य से शुरू होगा लेकिन माना जा रहा है कि राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान विपक्ष सरकार को जमकर घेरेगा। पेपर लीक और परीक्षाओं में अनियमितता के अतिरिक्त ‘अग्निपथ’ जैसी योजना का विरोध भी सरकार को झेलना पड़ेगा।चर्चा है कि लोकसभा के पहले सत्र के पहले दिन विपक्षी इंडिया गठबंधन के सदस्य सुबह संसद परिसर में इकट्ठा होंगे। इसके बाद सभी एक साथ सदन की ओर मार्च करेंगे। ये सभी सदस्य पुराने संसद भवन के गेट नंबर-2 के पास इकट्ठा होंगे, जहां पहले महात्मा गांधी की प्रतिमा हुआ करती थी। अब इस प्रतिमा के साथ-साथ कई और को दूसरी जगह पर शिफ्ट कर दिया गया है, जिसे प्रेरणा स्थल का नाम दिया गया है।
आज से शुरू हो रहा है 18वीं लोकसभा का पहला सत्र, पहले दिन मोदी सहित सभी नवनिर्वाचित सांसद लेंगे शपथ*
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18वीं लोकसभा का पहला सत्र आज से शुरू होने वाला है। लोकसभा का यह सत्र 3 जुलाई तक चलेगा। सत्र की शुरुआत नवनिर्वाचित सदस्य के शपथ से होगी, जो कि दो दिन तक चलेगी। सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बतौर सांसद शपथ लेंगे। पहले दिन कुल 280 सांसद शपथ लेंगे। इसके बाद 26 जून को लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा और 27 जून को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगी। सत्र के आखिरी दो दिन राष्ट्रपति के अभिभाषण पर सरकार धन्यवाद प्रस्ताव लेकर आएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 जुलाई को लोकसभा तो 3 जुलाई को राज्यसभा को संबोधित करेंगे। इसके बाद दोनों सदनों में धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा होगी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बीजेपी नेता और सात बार के सांसद भर्तृहरि महताब को लोकसभा का प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया है। महताब निचले सदन के नवनिर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाएंगे और लोकसभा स्पीकर के चुनाव तक संसद की कार्यवाही के लिए अपने कर्तव्यों का निर्वहन करेंगे। राष्ट्रपति मुर्मू सोमवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले महताब को राष्ट्रपति भवन में प्रोटेम अध्यक्ष पद की शपथ दिलाएंगी। इसके बाद महताब संसद भवन पहुंचकर 11 बजे से सदन का संचालन आरंभ करेंगे। कार्यवाही की शुरुआत दिवंगत सदस्यों को श्रद्धांजलि देने के लिए एक मिनट मौन रखने से होगी। सत्र के पहले दिन विपक्ष ने प्रोटेम अध्यक्ष के रूप में सात बार के सांसद भर्तृहरि महताब की नियुक्ति पर विरोध दर्ज कराने का फैसला किया है। कांग्रेस का कहना है, वरिष्ठता के आधार पर इस पद के लिए उसके सांसद के सुरेश प्रबल दावेदार हैं। कांग्रेस का कहना है कि सरकार ने 8 बार के सांसद सुरेश के प्रोटेम स्पीकर के पद पर दावे की अनदेखी की है। हालांकि, सरकार का पक्ष है कि वर्तमान लोकसभा में बिना हारे लगातार सबसे लंबे समय तक सांसद रहने के मामले में महताब सबसे वरिष्ठ हैं। संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने कांग्रेस के आरोपों को भ्रामक बताते हुए खारिज कर दिया है। रीजीजू ने कहा कि सुरेश आठ बार सांसद रहे हैं, लेकिन 1998 और 2004 में वह लोकसभा के सदस्य नहीं थे, इसलिए संसद के निचले सदन में उनका कार्यकाल निरंतर नहीं रहा। सुरेश ने यह भी कहा था कि प्रोटेम स्पीकर पद के लिए उनके दावे को इसलिए नजरअंदाज कर दिया गया क्योंकि वो दलित समुदाय से आते हैं।
बुलेट ट्रेन परियोजना: 130 मीटर लंबे स्टील ब्रिज को किया गया तैयार, 'मेक इन इंडिया' के तहत पूरा हुआ काम
डेस्क: नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए 23 जून 2024 को 130 मीटर लंबा स्टील ब्रिज का निर्माण पूरा कर लिया गया है। स्टील ब्रिज का निर्माण, गुजरात में वडोदरा के पास दिल्ली-मुंबई नेशनल एक्सप्रेसवे पर किया गया। सड़क यातायात को बाधित न करते हुए, स्टील ब्रिज का निर्माण 24 घंटों के भीतर पूरा किया गया।
18 मीटर ऊंचे और 14.9 मीटर चौड़े इस 3000 मीट्रिक टन स्टील ब्रिज को महाराष्ट्र के वर्धा स्थित कार्यशाला में तैयार किया गया है और इसे इंस्टालेशन के लिए ट्रेलरों पर साइट पर ले जाया गया। इतने भारी गर्डर को खींचने के लिए बहुत ज्यादा प्रयास की जरूरत होती है, जो संभवतः देश के किसी भी राष्ट्रीय राजमार्ग पर सबसे लंबा होगा।
100 साल तक टिकेगा पुल
पुल निर्माण में सी5 सिस्टम पेंटिंग और धातु के गोलाकार बीयरिंग के साथ लगभग 124,246 टोर-शीयर टाइप हाई स्ट्रेंथ (टीटीएचएस) बोल्ट का उपयोग किया गया, जो 100 साल के जीवनकाल के लिए डिजाइन किए गए हैं। स्टील ब्रिज को अस्थायी ट्रेस्टल्स पर जमीन से 15 मीटर की ऊंचाई पर स्थापित किया गया और इसे मैक-मिश्र धातु बार (mac-alloy bars) का उपयोग करते हुए 2 अर्ध-स्वचालित जैक की स्वचालित प्रणाली से खींचा गया, जिनमें से प्रत्येक की क्षमता 250 टन है।
सुरक्षा और इंजीनियरिंग उत्कृष्टता के उच्चतम मानकों को बनाए रखते हुए परियोजना को सावधानीपूर्वक निष्पादित किया जा रहा है। जापानी विशेषज्ञता का लाभ उठाते हुए, भारत "मेक इन इंडिया" पहल के तहत इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण के लिए अपने स्वयं के तकनीकी और भौतिक संसाधनों का उपयोग कर रहा है। बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए स्टील ब्रिज इस प्रयास का एक बड़ा उदाहरण है।
320 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार चल सकेगी ट्रेन
यह पूरे कॉरिडोर के लिए 28 स्टील ब्रिज में से तीसरा स्टील ब्रिज है। पहला और दूसरा स्टील ब्रिज क्रमशः सूरत में राष्ट्रीय राजमार्ग 53 पर और गुजरात में नडियाद के पास भारतीय रेलवे की वडोदरा-अहमदाबाद मुख्य लाइन पर लॉन्च किया गया था। 40 से 45 मीटर तक वाले प्री-स्ट्रेस्ड कंक्रीट ब्रिज के विपरीत, स्टील ब्रिज राजमार्गों, एक्सप्रेसवे और रेलवे लाइनों को पार करने के लिए सबसे उपयुक्त होते हैं, जो नदी पुलों सहित अधिकांश वर्गों के लिए उपयुक्त होते हैं।
भारत के पास 100 से 160 कि.मी प्रति घंटे के बीच चलने वाली भारी ढुलाई और अर्ध उच्च गति वाली ट्रेनों के लिए स्टील ब्रिज बनाने की विशेषज्ञता है। अब, स्टील गर्डर्स के निर्माण में समान विशेषज्ञता एमएएचएसआर कॉरिडोर पर भी लागू की जाएगी, जिसमें 320 कि.मी प्रति घंटे की परिचालन गति होगी।
जमानत याचिका लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे अरविंद केजरीवाल, हाईकोर्ट ने लगाया था स्टे
डेस्क: सीएम अरविंद केजरीवाल ने जमानत के लिए अब सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है। बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट ने अरविंद केजरीवाल की जमानत पर स्टे लगा दिया था। इस कारण अब केजरीवाल सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं। अब उनकी जमानत पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चलेगी। बता दें कि केजरीवाल के वकीलों ने कल सुबह सुप्रीम कोर्ट से सुनवाई की अपील की है। बता दें कि दिल्ली की स्थानीय अदालत ने अरविंद केजरीवाल को एक लाख रुपये के मुचलके पर जमानत दी थी। इसी आदेश को हाईकोर्ट ने ईडी ने चुनौती दी और दिल्ली हाईकोर्ट ने केजरीवाल की जमानत पर रोक लगा दी।
राउज एवेन्यू कोर्ट ने दी थी जमानत
बता दें कि दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने कथित आबकारी घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में अरविंद केजरीवाल को गुरुवार को जमानत दे दी थी। विशेष न्यायाधीश न्याय बिंदु ने अरविंद केजरीवाल के जमानत आदेश पर 48 घंटे के लिए रोक लगाने का प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के आग्रह को भी खारिज कर दिया था। ईडी 48 घंटे की रोक के दौरान ऊपरी अदालत जा सकती थी। विशेष न्यायाधीश ने एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर आम आदमी पार्टी (आप) नेता केजरीवाल को रिहा करने का आदेश दिया। अदालत ने साथ ही आप नेता पर कई शर्तें भी लगायीं जिनमें यह भी शामिल था कि वह जांच को बाधित करने या गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश नहीं करेंगे।
हाईकोर्ट ने आदेश पर लगाया स्टे
इसके बाद शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। इसी दौरान चली सुनवाई में स्थानीय कोर्ट के आदेश पर दिल्ली हाईकोर्ट ने स्टे लगा दिया और अरविंद केजरीवाल के जमानत पर खतरा मंडराने लगा। ऐसे में अरविंद केजरीवाल की जमानत को लेकर उनके वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। अरविंद केजरीवाल के वकीलों ने मांग की है कि केजरीवाल की जमानत याचिका पर सोमवार को सुनवाई की जाए। बता दें कि अरविंद केजरीवाल दिल्ली शराब घोटाला मामले में तिहाड़ जेल में बंद हैं।
इजरायल के खिलाफ हजारों ईरान समर्थित लड़ाकों ने फूंका जंग का बिगुल, हिजबुल्ला में शामिल होकर दिखाएंगे दम
डेस्क: इजरायल को सबक सिखाने के लिए ईरान समर्थित हजारों लड़ाके हिजबुल्लाह में शामिल होने को बेताब हैं। करीब 9 माह से चल रहे इजरायल हमास युद्ध में वह हिजबुल्ला की ओर से इजरायल को मुंहतोड़ जवाब देना चाहते हैं। इसलिए पश्चिम एशिया में ईरान समर्थित समूहों के हजारों लड़ाकों ने इजरायल के खिलाफ लड़ाई के लिए चरमपंथी समूह हिज्बुल्ला में शामिल होने की स्वतः पेशकश की है। ईरान समर्थित गुटों के अधिकारियों और पर्यवेक्षकों ने यह जानकारी दी।
इन लड़ाकों का कहना है कि वे हिज्बुल्ला का साथ देने के लिए लेबनान आने को तैयार हैं। अक्टूबर की शुरुआत में हमास नियंत्रित गाजा पट्टी के लड़ाकों द्वारा दक्षिणी इजराइल पर हिंसक हमला करने के बाद से उत्तरी इजराइल के साथ लगी लेबनान की सीमा पर लगभग रोजाना गोलीबारी हो रही है। इस महीने उत्तरी क्षेत्र में स्थिति तब और खराब हो गई जब दक्षिणी लेबनान में इजरायली हवाई हमले में हिजबुल्ला के एक वरिष्ठ सैन्य कमांडर की मौत हो गई। हिज्बुल्ला ने जवाबी कार्रवाई करते हुए उत्तरी इजराइल में सैकड़ों रॉकेट दागे थे।
इजरायल के खिलाफ एकजुट हुए लड़ाके
पिछले दशक के दौरान लेबनान, इराक, अफगानिस्तान और पाकिस्तान के ईरान समर्थित लड़ाकों ने सीरिया के 13 साल के संघर्ष में एक साथ लड़ाई लड़ी है। ईरान समर्थित समूहों के अधिकारियों का कहना है कि वे इजरायल के खिलाफ फिर से एकजुट हो सकते हैं। ईरान समर्थित लेबनानी और इराकी समूहों के अधिकारियों का कहना है कि यदि लेबनान-इजरायल सीमा पर युद्ध छिड़ता है तो पूरे क्षेत्र से ईरान समर्थित लड़ाके इसमें शामिल हो जाएंगे।
ईटानगर में बादल फटने से मची तबाही, हर तरफ दिख रहा भयावह मंजर, कई इलाकों से टूटा संपर्क
डेस्क: अरुणाचल प्रदेश के ईटानगर में रविवार की सुबह तबाही का मंजर देखने को मिला। दरअसल, यहां सुबह होती ही बादल फट गया, जिससे हर तरफ बाढ़ जैसे हालात बन गए। वहीं बादल फटने की वजह से कई स्थानों पर भूस्खलन भी हुआ है। हर तरफ पानी ही पानी नजर आ रहा हैa। अधिकारियों ने इस बात की जानकारी दी है। बता दें कि पिछले कई दिनों से राज्य में बारिश हो रही है। हालांकि रविवार को बारिश को लेकर कोई पूर्वानुमान जारी नहीं किया गया था। ऐसे में अचानक बादल फटने की वजह से यहां लोगों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है।
सुबह साढ़े दस बजे फटा बादल
दरअसल, प्रदेश में पिछले कुछ हफ्तों से भारी बारिश हो रही है, लेकिन पिछले दो दिनों में स्थिति में काफी सुधार हुआ था। वहीं अधिकारियों ने भी बताया कि रविवार को बारिश को लेकर कोई पूर्वानुमान नहीं जारी किया गया था। आपदा प्रबंधन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि सुबह करीब साढ़े दस बजे बादल फटने की घटना हुई। इसके बाद से ईटानगर के कई हिस्सों में और उसके आसपास के इलाकों से भूस्खलन की खबरें सामने आ रही हैं। वहीं, राष्ट्रीय राजमार्ग 415 के कई हिस्सों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं, जिससे आवागमन भी प्रभावित हुआ है।
राजमार्ग पर फंसे कई वाहन
उन्होंने बताया कि राज्य की राजधानी के लोगों की जीवनरेखा माने जाने वाले राजमार्ग पर कई वाहन फंसे हुए हैं। इसके अलावा जिला प्रशासन ने लोगों से नदियों के किनारे और भूस्खलन के खतरे वाले क्षेत्रों में ना जाने की अपील की है। अधिकारियों ने बताया कि भारी बारिश के चलते लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गई है। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन ने सात स्थानों पर राहत शिविर लगाए हैं। इसके अलावा राहत एवं बचाव का कार्य तेजी से किया जा रहा है। प्रभावित लोगों की हर संभव मदद की जा रही है।
Jun 24 2024, 11:47