आधुनिक जीवन शैली में महिलाओं के लिए योग का महत्व विषय पर सेमिनार का हुआ आयोजन
गोरखपुर। दशम् अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष में आयुर्वेद विभाग के तत्वाधान में मंगलवार को एनेक्सी भवन सभागार में निबंध लेखन प्रतियोगिता एवं "आधुनिक जीवन शैली में महिलाओं के लिए योग का महत्व" विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया। निबंध लेखन प्रतियोगिता मे पीयूष ने प्रथम, तनय ने द्वितीय तथा गरिमा चंद्र ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। सेमिनार में डॉ श्वेता राय ने बताया कि महिलाओं का ब्रेन पुरुषों से अलग होता है जिसके कारण वह ज्यादा भावुक होती हैं उन्होंने बताया कि प्राणायाम द्वारा इसे कैसे नियंत्रित किया जा सकता है। डॉ शशि वर्मा ने बताया आधुनिक जीवन में महिलाओं में पीसीओडी, कमर दर्द आदि रोगो को आसन और प्राणायाम द्वारा किस प्रकार ठीक किया जा सकता है।
मासिक धर्म की अनियमिता हेतु उन्होंने धनुरासन, कटिचक्रासन, बद्ध कोणासन जैसे आसनों का उल्लेख किया। डॉ ममता ने बताया की एनीमिया को प्राणायाम एवं योग क्रियाओं से किस प्रकार ठीक किया जा सकता है। क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डॉक्टर मीनू सोनी ने थायराइड से संबंधित बीमारियों में योग क्रियाओं का उल्लेख किया। योग प्रशिक्षक राहुल गुप्ता ने आसन और प्राणायाम के साथ विभिन्न बंधो एवं मुद्राओं का उल्लेख किया। डॉ जयंत नाथ ने भी योगिक बंध एवं मुद्राओं के विषय में अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया। सेमिनार में योग प्रशिक्षिका पूजा कश्यप, पूजा गुप्ता, अजय प्रकाश गौतम, सुधाकर भारद्वाज आदि ने भी योग से संबंधित विषयों पर चर्चा की। अजीत सिंह ने योग और दिनचर्या के माध्यम से स्वस्थ रहने के उपाय बताएं।
कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर अशोक कुमार गौतम ने किया। डॉक्टर पशुपतिनाथ तिवारी ने आगंतुक योग साधकों का आभार व्यक्त किया। सेमिनार में मुख्य रूप से डॉ राजेश गौतम क्षेत्रीय यूनानी अधिकारी, डॉक्टर अशोक कुमार मौर्य, डॉक्टर धनंजय आनंद, डॉक्टर विनीता सिंह, डॉक्टर अशोक खरवार, संजीव सिंह, संदीप पाठक, वशिष्ठ, संजय आदि के साथ आम जनमानस ने प्रतिभाग किया।
Jun 18 2024, 19:07