दार्जिंलिंग के जलपाईगुड़ी में भयानक रेल हादसा, मालगाड़ी ने कंचनजंगा एक्सप्रेस में मारी टक्कर, 8 की मौत, कई जख्मी*
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पश्चिम बंगाल में दार्जिंलिंग के जलपाईगुड़ी के पास भयानक रेल हादसा हुआ है। इस रेल हादसे में कंचनगंजा एक्सप्रेस से एक मालगाड़ी भिड़ गई। इस भयानक रेल हादसे में 8 लोगों की मौत हो गई है। कई लोग घायल हुए हैं।टक्कर इतनी जोरदार थी कि कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रेन की पीछे की तीन बोगियां बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गईं।मौके पर तत्काल बचाव टीम पहुंची है। रेस्क्यू जारी है। इस भयानक रेल हादसे में इंजन पर बोगियां तक चढ़ गई। वहीं कई बोगियां पटरी से भी उतर गई थीं। तस्वीरों में हवा में लहरा रही बोगियां देखी जा सकती हैं। हादसा इतना भयानक था, इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि इंजन पर ट्रेन की बोगी चढ़ गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा “पश्चिम बंगाल में रेल दुर्घटना दुखद है। जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खो दिया है, उनके प्रति मेरी संवेदना है। मैं प्रार्थना करता हूं कि घायल जल्द से जल्द ठीक हो जाएं। अधिकारियों से बात की और स्थिति का जायजा लिया। प्रभावितों की सहायता के लिए बचाव अभियान जारी है। रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव जी भी दुर्घटना स्थल के लिए रवाना हो चुके हैं। इस हादसे पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, दार्जिलिंग जिले के फांसीदेवा से एक दुखद रेल दुर्घटना के बारे में जानकारी मिली। स्तब्ध हूं। हालांकि पूरी जानकारी का इंतजार है, कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रेन में एक मालगाड़ी टकरा गई है। बचाव दल और मेडिकल सहायता के लिए टीमें घटनास्थल पर भेजी गई हैं। डीएम और एसपी को भी मौके पर भेजा गया है. युद्धस्तर पर रेस्क्यू जारी है।
स्कूली पाठ्यक्रम के भगवाकरण के आरोपों को एनसीईआरटी के डायरेक्टर ने किया खारिज, बोले-दंगों के बारे में पढ़ाना जरूरी नहीं

#ncert_director_say_on_saffronisation_of_ncert_syllabus_books 

स्कूली पाठ्यक्रम के भगवाकरण के आरोपों को एनसीईआरटी के डायरेक्टर दिनेश प्रसाद सकलानी ने खारिज कर दिया है।उन्होंने कहा कि स्कूली बच्चों को इतिहास में हुई हिंसा के बारे में पढ़ाया जाना जरूरी नहीं है, इसलिए कई पाठों में बदलाव किए गए हैं।उनका कहना है कि स्कूली पाठ्यपुस्तकों में गुजरात दंगों और बाबरी मस्जिद गिराए जाने के संदर्भों को इसलिए संशोधित किया गया, क्योंकि दंगों के बारे में पढ़ाना 'हिंसक और अवसादग्रस्त नागरिक पैदा कर सकता है।

एनसीईआरटी के निदेशक दिनेश प्रसाद सकलानी ने शनिवार को कहा कि पाठ्यपुस्तकों में बदलाव वार्षिक संशोधन का हिस्सा है और इसे शोर-शराबे का विषय नहीं बनाया जाना चाहिए। एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकों में गुजरात दंगों या बाबरी मस्जिद गिराए जाने के संदर्भ में बदलाव के बारे में पूछे जाने पर सकलानी ने कहा, 'हमें स्कूली पाठ्यपुस्तकों में दंगों के बारे में क्यों पढ़ाना चाहिए? हम सकारात्मक नागरिक बनाना चाहते हैं, न कि हिंसक और अवसादग्रस्त व्यक्ति।उन्होंने कहा कि स्कूली बच्चों को इतिहास में हुई हिंसक और बर्बरतापूर्ण घटनाओं के बारे में पढ़ाना जरूरी नहीं है, इसलिए साक्ष्यों और तथ्यों के आधार पर कई अहम बदलाव किए गए हैं।

एनसीईआरटी निदेशक दिनेश सकलानी ने कहा, अगर कोई चीज अप्रासंगिक हो जाती है, तो उसे बदलना ही होगा। स्कूलों में इतिहास तथ्यों से अवगत कराने के लिए पढ़ाया जाता है, न कि इसे युद्ध का मैदान बनाने के लिए। ऐसे में बदलावों पर सवाल या विवाद खड़ा करना ठीक नहीं है। साल 2002 में हुए गुजरात दंगों से जुड़े किताब के अंशों में बदलाव पर उन्होंने साफ किया, घृणा, हिंसा स्कूल में पढ़ाने का विषय नहीं है। एनसीईआरटी जैसी शोध आधारित पाठ्यपुस्तकों का इन मुद्दों पर फोकस नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा, एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकों में संशोधन विषय विशेषज्ञों द्वारा किया जाता है। बदलावों में एनसीईआरटी निदेशक के रूप में अपनी भूमिका को लेकर दिनेश सकलानी ने कहा, मैं प्रक्रिया को निर्देशित या हस्तक्षेप नहीं करता।

सकलानी की टिप्पणियाँ ऐसे समय आई हैं, जब नयी पाठ्यपुस्तकें कई संदर्भ हटाए जाने और बदलावों के साथ बाजार में आई हैं। कक्षा 12 की राजनीति विज्ञान की संशोधित पाठ्यपुस्तक में बाबरी मस्जिद का उल्लेख नहीं है, लेकिन इसे ‘तीन गुंबद वाली संरचना’ के रूप में संदर्भित किया गया है। इसमें अयोध्या खंड को चार से घटाकर दो पृष्ठ का कर दिया गया है और पिछले संस्करण से विवरण हटा दिया गया है।यह इसके बजाय उच्चतम न्यायालय के फैसले पर केंद्रित नजर आता है, जिसने उस स्थान पर राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया, जहां दिसंबर 1992 में कारसेवकों द्वारा गिराए जाने से पहले विवादित ढांचा खड़ा था। शीर्ष अदालत के फैसले को देश में व्यापक रूप से स्वीकार किया गया था। न्यायालय के फैसले को देश में व्यापक तौर पर स्वीकार किया गया। मंदिर में राम मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा इसी वर्ष 22 जनवरी को प्रधानमंत्री द्वारा की गई थी।

दुनिया के सबसे ऊंचे चिनाब रेल ब्रिज पर दौड़ी ट्रेन, संगलदान से रियासी तक ट्रायल रन सफल

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कश्मीर को कन्याकुमारी तक रेल के जरिए जोड़ने का सपना बहुत जल्द ही पूरा होने जा रहा है। विश्‍व का सबसे ऊंचा रेल ब्रिज कश्मीर में बन कर तैयार हो गया है। इस बीच भारतीय रेल ने संगलदान से रियासी तक इलेक्ट्रिक इंजन का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है। सबसे खास बात यह है कि इस ट्रेन दुनिया के सबसे ऊंचे पुल पर भी दौड़ाया गया। रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस ट्रायल रन की सूचना दी है। 

केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ट्रायल रन का वीडियो सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट कर लिखा कि "पहली ट्रायल ट्रेन संगलदान से रियासी तक सफलतापूर्वक चली है, जिसमें चिनाब ब्रिज को पार करना भी शामिल है। यूएसबीआरएल के लिए सभी निर्माण काम लगभग समाप्त हो चुके हैं, केवल सुरंग नंबर 1 आंशिक रूप से अधूरी है।"

जम्मू के रियासी जिले के सावलाकोट से चलकर दोपहर तीन बजे इंजन रियासी रेलवे स्टेशन पर पहुंचा। इंजन आने की सूचना पर लोग स्टेशन पर पहुंच गए। जैसे ही इंजन बक्कल सुरंग पार कर सायरन बजाता हुआ रियासी पहुंचा तो स्टेशन भारत माता की जय से गूंज उठा।वहीं रेलवे सूत्रों का कहना है कि ट्रैक पर इलेक्ट्रिक इंजन के सफल परीक्षण के बाद संगलदान और रियासी के बीच उद्घाटन ट्रेन 30 जून को चलने की संभावना है।

रेलवे अधिकारियों ने बताया है कि अभी ट्रायल रन चलता रहेगा। ट्रेन ट्रैक पर पूरी तरह से परीक्षण के बाद ही इस पर ट्रेन के परीचालन की अनुमति दी जाएगी। इसके बाद सिर्फ साढ़े तीन घंटे में श्रीनगर से जम्मू का सफर पूरा होगा।

ऊधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक परियोजना पर दशकों से कार्य चल रहा है। उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक (यूएसबीआरएल) परियोजना 272 किलोमीटर की है। इसे 1997 में मंजूरी दी गई थी। 1997 में अपनी शुरुआत के बाद से इस पर 209 किलोमीटर की दूरी का काम हो चुका है। रियासी और कटरा के बीच बाकी 17 किलोमीटर की दूरी इस साल के अंत तक पूरी होने की उम्मीद है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 जनवरी को संगलदान से ट्रेन को हरी झंडी दिखाई थी। इसके बाद बनिहाल से संगलदान तक ट्रेन चल रही है। इस ट्रायल रन के बाद 37 पुल के साथ 111 किमी कटड़ा-बनिहाल रेल खंड में भी ट्रेन दौड़ेगी। इसी खंड में चिनाब पर बना विश्व का सबसे ऊंचा रेलवे आर्च पुल भी है। अब पूरे ट्रैक का काम पूरा हो गया जल्द जम्मू से श्रीनगर ट्रेन चलेगी।

देश के अधिकांश राज्य भीषण गर्मी और लू से बेहाल, जानें कब मिलेगी राहत?*
#heatwave_in_delhi_ncr_up_bihar देश के कई राज्यों में इस समय भीषण गर्मी पड़ रही है।दिल्ली, यूपी, बिहार, हरियाणा, पंजाब समेत उत्तर-पश्चिम भारत के करीब एक दर्जन राज्य भीषण गर्मी और लू से बेहाल हैं और फिलहाल उन्हें कोई खास राहत मिलती भी नहीं दिख रही।दिल्ली में जमकर गर्मी पड़ रही है और मौसम विभाग ने लू को लेकर रेड अलर्ट जारी किया है। पहले ही मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया था, लेकिन अब हालात और भी बिगड़ गए हैं और रेड अलर्ट जारी किया गया है। दिल्ली में बुधवार तक भीषण गर्मी से राहत मिलने की कोई संभावना नहीं दिख रही है। हालांकि, गुरुवार को तूफान के चलते तापमान में गिरावट आएगी। इसके बाद प्री-मानसून की बारिश राहत दे सकती है। दिल्ली में अब रात को भी दिन जैसी गर्मी हो रही है। यहां रात में भी मौसम में दिन जैसी तपिश देखने को मिल रही है। सुबह से ही निकलने वाली तेज धूप दस बजे के बाद इतनी ज्यादा कड़ी हो रही है कि लोगों के लिए घर से निकलना मुश्किल हो रहा है। मौसम विभाग के अनुसार सोमवार को दिल्ली के ज्यादातर इलाकों में लू की स्थिति बनी रहेगी। अधिकतम तापमान 45 और न्यूनतम 33 डिग्री सेल्सियस तक रह सकता है। इस दौरान हवा की गति भी 35 से 45 किमी प्रति घंटे तक रह सकती है। मौसम विभाग की तरफ से जारी पूर्वानुमान के मुताबिक, प्रचंड गर्मी अभी पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली को 17 जून और यूपी के अधिकांश हिस्सों को 17-18 जून तक इसी तरह सताएगी। जम्मू, हिमाचल प्रदेश, उत्तरी राजस्थान, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ आदि में अगले एक-दो दिन कमोबेश यही स्थिति रहेगी। पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और उत्तर प्रदेश के अधिकांश इलाकों में अभी रात के तापमान में भी कोई खास कमी आने के आसार नहीं हैं। मौसम विभाग ने बताया है कि 11 जून के बाद से मानसून आगे नहीं बढ़ा है। इसी वजह से देश के मध्य और उत्तरी इलाकों में बेहद गर्मी पड़ रही है। दिल्ली में तेज हवाएं चल रही हैं, लेकिन इनमें नमी नहीं है और यह बेहद गर्म हैं। शहर के ऊपर हल्के बादल भी हैं, जो गर्मी को रोक कर रखते हैं। इससे शहर का तापमान और बढ़ रहा है। आमतौर पर 27-30 जून के बीच में मानसून दिल्ली पहुंचता है और इस बार भी इसी समय तक मानसून के दिल्ली पहुंचने की संभावना है। हालांकि, उससे पहले पश्चिमी विक्षोभ के कारण 19-20 जून को बारिश की उम्मीद जताई जा रही है। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने अगले 4-5 दिनों में उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम, असम और मेघालय में अलग-अलग स्थानों पर अत्यधिक भारी वर्षा के साथ भारी से बहुत भारी वर्षा की भविष्यवाणी की है। 8 और 19 जून को ओडिशा में कुछ इलाकों पर भारी बारिश होने की संभावना है। इसके अलावा अगले चार दिनों में पश्चिम बंगाल के गंगा के मैदानी इलाकों, बिहार, झारखंड और ओडिशा में भी “हल्की से मध्यम बारिश” हो सकती है।
जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा में आतंकवादियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़, दो दशहतगर्दों के घिरे होने की संभावना
#bandipora_aragam_area_encounter_between_security_forces_and_terrorists
हाल ही जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमलों के बाद सुरक्षाबल चोकेन्ने हो गए हैं। छुपे बैठे आतंकियों के ढूंढ निकलने के लिए लगातार सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। सर्टच ऑपरेशन के दौरान उत्तरी कश्मीर के बांदीपोरा जिले के अरागाम इलाके में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हो गई। दोनों तरफ से हुई गोलीबारी के बाद आतंकी जंगल की ओर भाग गए। सूत्रों के अनुसार, 2 आतंकी जंगल में छिपे हैं। स्थानीय पुलिस और भारतीय सेना के जवान जंगल की घेराबंदी कर सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं। जम्मू-कश्मीर में हाल ही में चार आतंकी हमलों के बाद अलग-अलग जगहों पर संदिग्ध देखे गए थे। इसके बाद सुरक्षाबलों ने तलाशी अभियान चलाया था। इसी क्रम में जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा के अरागम इलाके के गुरिहाजन में रविवार देर रात मुठभेड़ हो गई। आतंकवादियों और सुरक्षाबलों के बीच गोलीबारी हुई। घेराबंदी और तलाशी अभियान के दौरान यह मुठभेड़ हो गई। सुरक्षाबलों ने आतंकवादियों को मुंहतोड़ जवाब दिया। पिछले कई दिनों से आतंकी गतिविधियां काफी बढ़ गई हैं। कश्मीर के रियासी जिले में आतंकियों ने तीर्थयात्रियों भरी बस में हमला कर दिया था। इस आतंकी घटना में 9 लोगों की जान चली गई थी। जम्मू-कश्मीर के कठुआ और डोडा जिले में भी आतंकियों ने कई हमला किए। इन आतंकी घटनाओं के बाद से सुरक्षाबलों की टीम पूरी तरह से अलर्ट है। जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और सेना प्रमुखों के साथ दिल्ली में बैठक की। कई घंटों चली हाई लेवल बैठक के बाद घाटी में आतंकियों को सफाया करने के निर्देश दिए गए।
सीएम योगी ने अपनी मां से AIIMS में की मुलाकात, पूछा हाल, हॉस्पिटल में हो गए इमोशनल

डेस्क: यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपनी मां से हॉस्पिटल में मुलाकात की है। इसकी तस्वीर भी सामने आई है, जिसमें सीएम योगी अपनी मां का हाल लेते हुए दिख रहे हैं।  

भावुक हुए सीएम योगी और उनकी मां 

हॉस्पिटल में अपनी मां से मिलते समय सीएम योगी भावुक भी हो गए। बता दें कि सीएम योगी की मां का स्वास्थ्य ठीक नहीं है और एम्स ऋषिकेश में उनका इलाज चल रहा है। बेटे को देखकर मां भी भावुक होती हुईं दिखाई दीं। 

मिली जानकारी के मुताबिक, रविवार को सीएम योगी गोरखपुर से सीधे मां से मिलने के लिए उत्तराखंड के ऋषिकेश एम्स पहुंचे। वह करीब 20 मिनट मां के साथ रहे। उनका हाल-चाल पूछा और एम्स के डायरेक्टर से मुलाकात कर मां की तबीयत के बारे में जानकारी ली।

सीएम की मां को है ये परेशानी

सीएम की मां सावित्री देवी (85) आंखों में परेशानी के चलते 7 जून से एम्स में भर्ती हैं। उनका जिरियाट्रिक वार्ड में इलाज चल रहा है। शनिवार को उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने भी सावित्री देवी से मिलकर उनका हाल-चाल लिया था।

कर्नाटक में डीजल-पेट्रोल के दाम बढ़ने पर शुरू हुई राजनीति, राज्य भर में प्रदर्शन करेगी बीजेपी

डेस्क: कर्नाटक में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की प्रदेश इकाई 17 जून को पूरे राज्य में विरोध प्रदर्शन करेगी। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बी. वाई. विजयेंद्र ने रविवार को यह जानकारी दी। बता दें कि कर्नाटक सरकार ने शनिवार को ईंधन पर 'बिक्री कर' बढ़ा दिया, जिससे पेट्रोल और डीजल की कीमत बढ़ गईं। बिक्री कर बढ़ने से पेट्रोल की कीमत में तीन रुपये प्रति लीटर और डीजल के दाम में 3.50 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई है। 

फैसले को तत्काल वापस लेने का किया आग्रह

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विजयेंद्र ने पार्टी के हासन जिला मुख्यालय में कहा, ‘‘हम मुख्यमंत्री से 'बिक्री कर' बढ़ाने के फैसले को तत्काल वापस लेने का आग्रह करते हैं। कल हमने पूरे राज्य में विरोध प्रदर्शन आयोजित किए हैं और जब तक यह बढ़ोतरी वापस नहीं ली जाती, हम चुप नहीं बैठेंगे।’’ उन्होंने कहा कि राज्य के सभी जिला मुख्यालयों पर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन होगा। विजयेंद्र ने आरोप लगाया कि 'हताश मुख्यमंत्री' ने पेट्रोल और डीजल की कीमतें इसलिए बढ़ा दीं, क्योंकि वह ‘पांच गारंटी’ के चलते कोई नया कार्यक्रम शुरू करने में असमर्थ हैं। उन्होंने कहा, ‘‘लोकसभा चुनावों के बाद कांग्रेस सरकार ने ईंधन के दाम बढ़ा दिए। इससे राज्य के सभी वर्गों को परेशानी होगी।’’ 

संसाधन जुटाने के लिए बढ़ाया बिक्री कर

अधिकारियों के अनुसार, ईंधन पर 'बिक्री कर' बढ़ाने का उद्देश्य संसाधन जुटाना है। मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने राज्य के राजस्व सृजन और राजकोषीय स्थिति की समीक्षा की और इस संबंध में निर्णय लिया। वह वित्त मंत्री का भी अतिरिक्त प्रभार निभा रहे हैं। दरअसल, पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी लोकसभा चुनाव के नतीजों के कुछ दिनों बाद हुई है। लोकसभा चुनावों में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को कर्नाटक में 28 में से 19 सीट मिलीं, जिनमें भाजपा को 17 और जनता दल (सेक्युलर) को दो सीट शामिल हैं। राज्य की सत्तारुढ़ कांग्रेस पार्टी ने नौ सीट पर जीत हासिल की।

NCERT की किताबों में बड़ा बदलाव, बाबरी मस्जिद का जिक्र नहीं, अयोध्या विवाद भी 2 पेज में सिमटा, निदेशक ने कही ये बात

डेस्क: एनसीईआरटी (NCERT) की नई रिवाइज्ड किताबें बाजार में आ चुकी हैं। इसमें कई तरह का बदलाव किया गया है। किताबों में अयोध्या विवाद, बाबरी मस्जिद और गुजरात दंगों के संदर्भ में बदलाव किए गए हैं। कक्षा 12 की राजनीति विज्ञान की संशोधित किताब में बाबरी मस्जिद का जिक्र नहीं है। बाबरी मस्जिद की जगह 'तीन गुंबद वाली संरचना' का जिक्र किया गया है। वहीं अयोध्या विवाद के टॉपिक को 4 पेज की जगह 2 पेज का कर दिया गया है। गुजरात दंगों से संबंधित संदर्भों को भी हटाया गया है और किताब में कई महत्वपूर्ण ऐतिहासिक विवरण हटा दिए गए हैं।

क्या-क्या बदला या हटाया गया?

बाबरी मस्जिद की जगह तीन गुंबद वाली संरचना का जिक्र किया गया है।

अयोध्या विवाद से जुड़े टापिक्स 4 पेज की जगह 2 पेज में समेट दिए गए हैं।

बीजेपी की रथ यात्रा: सोमनाथ से अयोध्या तक की यात्रा का जिक्र नहीं है।

कार सेवक: 1992 की घटनाओं में स्वयंसेवकों की भूमिका हटा दी गई है।

सांप्रदायिक हिंसा: 6 दिसंबर 1992 को विध्वंस के बाद हुई हिंसा के संदर्भ हटा दिए गए हैं।

राष्ट्रपति शासन: भाजपा शासित राज्यों में राष्ट्रपति शासन लगाने को बाहर रखा गया है।

बीजेपी का अफसोस: अयोध्या की घटनाओं पर बीजेपी के अफसोस वाले बयानों को हटा दिया गया है।

गुजरात दंगों से संबंधित संदर्भों को हटाया गया है।

हुमायूं, शाहजहां, अकबर, जहांगीर और औरंगजेब जैसे मुगल सम्राटों की उपलब्धियों का विवरण देने वाली दो पेज की तालिका भी हटा दी गई है।

NCERT के निदेशक दिनेश प्रसाद सकलानी क्या बोले?

NCERT के निदेशक दिनेश प्रसाद सकलानी ने न्यूज एजेंसी PTI से किताबों में हुए बदलाव को लेकर बात की। सकलानी ने स्कूली सिलेबस के भगवाकरण के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि गुजरात दंगों और बाबरी मस्जिद विध्वंस के संदर्भों को स्कूल की किताबों में संशोधित किया गया क्योंकि दंगों के बारे में पढ़ाना हिंसक और निराश नागरिकों को पैदा कर सकता है। पाठ्यक्रम का भगवाकरण करने का कोई प्रयास नहीं किया गया है, सब कुछ तथ्यों और सबूतों पर आधारित है।

सकलानी ने कहा कि किताबों में बदलाव सालाना संशोधन का हिस्सा हैं और इसे शोर-शराबे का विषय नहीं बनाया जाना चाहिए। एनसीईआरटी की किताबों में गुजरात दंगों या बाबरी मस्जिद विध्वंस के संदर्भ में बदलाव के बारे में पूछे जाने पर सकलानी ने कहा, 'हमें स्कूली किताबों में दंगों के बारे में क्यों पढ़ाना चाहिए? हम सकारात्मक नागरिक बनाना चाहते हैं, न कि हिंसक और अवसादग्रस्त व्यक्ति।'

उन्होंने कहा, 'क्या हमें अपने छात्रों को इस तरह से पढ़ाना चाहिए कि वे आक्रामक हो जाएं, समाज में नफरत पैदा करें या नफरत का शिकार बनें? क्या यह शिक्षा का उद्देश्य है? क्या हमें ऐसे छोटे बच्चों को दंगों के बारे में पढ़ाना चाहिए। जब वे बड़े होंगे, तो वे इसके बारे में सीख सकेंगे यह लेकिन स्कूल की किताबों में क्यों? उन्हें बड़े होने पर यह समझने दें कि क्या हुआ और क्यों हुआ, बदलावों के बारे में हंगामा अप्रासंगिक है।'

राहुल गांधी द्वारा ईवीएम पर उठाए गए सवाल पर जदयू वरिष्ठ नेता व मंत्री विजय चौधरी ने किया पलटवार, कही यह बात

डेस्क ; लोकसभा चुनाव के बाद विपक्ष लगातार ईवीएम पर सवाल खड़ा कर रहा है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व सांसद राहुल गांधी ने भी ईवीएम पर सवाल उठाते हुए इस ब्लैक बॉक्स करार दिया हैं। 

राहुल गांधी ने अपने एक पोस्ट में कहा है कि "भारत में ईवीएम एक "ब्लैक बॉक्स" है, और किसी को भी उनकी जांच करने की अनुमति नहीं है। हमारी चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता को लेकर गंभीर चिंताएं जताई जा रही हैं। जब संस्थाओं में जवाबदेही का अभाव होता है तो लोकतंत्र दिखावा बन जाता है और धोखाधड़ी की संभावना बढ़ जाती है।" 

वही इस पोस्ट में राहुल गाँधी ने शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा सीट से 48 वोटों से चुनाव जीते रविंद्र वायकर से जुडी उस खबर को भी साझा किया है जिसमें रवींद्र वायकर के रिश्तेदार का मोबाइल फोन EVM से जुड़ा होने को लेकर पुलिस के बयान हैं। दरअसल, 4 जून को मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा सीट के लिए वोटों की गिनती के दौरान नेस्को सेंटर के अंदर हुई। रविंद्र वायकर ने शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) और महाविकास अघाड़ी के उम्मीदवार अमोल कीर्तिकर को महज 48 वोट से हराया था। इस सीट पर पहले कीर्तिकर को एक वोट से विजयी घोषित किया गया था, लेकिन रीकाउंटिंग करने पर वायकर 48 वोट से जीत गए। रविंद्र वायकर को 4 लाख 52 हजार 644 वोट मिले हैं। वहीं उद्धव गुट के उम्मीदवार अमोल कीर्तिकर को 4 लाख 52 हजार 596 वोट मिले हैं।

इधर राहुल गांधी के इस पोस्ट को लेकर जदयू के वरिष्ठ नेता व बिहार सरकार के मंत्री विजय चौधरी ने पलटवार किया है। विजय चौधरी ने कहा कि, यह पहली दफा थोड़े ही है राहुल गांधी तो पहले भी सवाल उठा चुके हैं और चुनाव आयोग हमेशा चुनौती देता है। इसमें क्या गड़बड़ी होती है या कोई गड़बड़ी कर करके कोई दिखाए। वह बुलाता है, निमंत्रण देता है, क्या गड़बड़ी हो सकता है बता दीजिए, तो कभी जाते नहीं है। 

विजय चौधरी ने कहा कि हार का ठीकरा किसी मशीन पर नहीं थोपना चाहिए। चुनाव में हार-जीत जनता के समर्थन और नापसंद से होती है। जब तक जनता उनको पसंद नहीं करेगी ईवीएम उनको नहीं जीता सकता है।

देश के करोड़ों किसानों के लिए खुशखबरी! इस दिन खाते में आएगी किसान सम्मान निधि की राशि, कृषि मंत्री ने किया कन्फर्म

कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज दिल्ली में प्रेस कांफ्रेंस की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का पहला कार्यक्रम 18 जून को बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में आयोजित हो रहा है। जहां वे सिंगल क्लिक के माध्यम से 9 करोड़ 3 लाख किसान भाई-बहनों के खाते में किसान सम्मान निधि की राशि डालेंगे। इस दौरान लगभग 20 हज़ार करोड़ रुपये की राशि अंतरित की जाएगी। 

इस दौरान शिवराज ने कहा मुझे इस बात की भी प्रसन्नता है कि प्रधानमंत्री तीसरी बार शपथ ग्रहण करने के बाद सबसे पहले हस्ताक्षर अगर किए तो किसान सम्मान निधि की 17वीं किस्त किसानों को जारी करने की फाइल पर है। आप सब जानते हैं कि किसान भाइयों की आर्थिक प्रगति सुनिश्चित करने के लिए 2019 में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की शुआत की थी। जिसमें अब तक लगभग 11 करोड़ किसानों को 3लाख करोड़ रूपये से ज्यादा की राशी किसान सम्मान निधि के रूप में दी जा चुकी है। जो सीधे उनके खाते में अंतरित की गयी है।  

कृषि मंत्री ने कहा कि देश में अलग-अलग स्थानों पर विशेष 50 कृषि विज्ञान केंद्र को चिन्हित किया गया है। जहां अलग-अलग केन्द्रीय मंत्री जायेंगे और वर्चुअली कार्यक्रम से जुड़ेंगे और वहां मौजूद किसानों से संवाद करेंगे। इसके अतिरिक्त सभी मंडियों में ब्लाक स्थानों पर एवं कई राज्यों में हर ग्राम पंचायत में इस कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है। जिसमें लगभग 2 करोड़ किसान सम्मिलित होंगे। इस कार्यक्रम के साथ साथ प्रधानमंत्री जी का संकल्प है लखपति दीदी जिसमें से अभी 1 करोड़ लखपति दीदी बन चुकी हैं। अभी हमें 2 करोड़ दीदी और बनानी है। उसी का एक आयाम कृषि सखी है।