Chhattisgarh

Jun 14 2024, 20:18

रेल नेटवर्क से जुड़ेगा मुंगेली जिला: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

रायपुर-   मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा है कि आने वाले समय में मुंगेली जिला रेल नेटवर्क में शामिल हो जाएगा, इससे मुंगेली जिले में रेल की सुविधाएं मिलेंगी। उन्होंने बताया कि कटघोरा-डोंगरगढ़ विशेष रेल परियोजना के लिए राज्य शासन द्वारा 300 करोड़ रूपए की राशि की स्वीकृति दी जा चुकी है। शीघ्र ही भू-अर्जन की कार्यवाही प्रारंभ की जाएगी। इस परियोजना अंतर्गत मुंगेली जिले में 38.02 किलोमीटर रेल लाईन गुजरेगी, जिससे इस क्षेत्र के लोग भी आने वाले समय में रेल सेवा से लाभान्वित होंगे। श्री साय आज मुंगेली जिले के ग्राम फरहदा में भक्त माता कर्मा मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह को सम्बोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री श्री साय ने इस मौके पर ग्राम फरहदा में साहू समाज के सामुदायिक भवन के लिए 25 लाख रुपए, आदिवासी एवं सतनामी समाज के सामुदायिक भवन के लिए 6-6 लाख रुपए देने की घोषणा की। उन्होंने कार्यक्रम में लगभग 25 करोड़ से अधिक की राशि के 19 विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। साथ ही उन्होंने ग्राम फरहदा में शासकीय हाई स्कूल को हायर सेकेंडरी स्कूल के रूप में उन्नयन और ग्राम भालापुर से अचानकपुर तक और हरियरपुर से टेढ़ाधौंरा तक सड़क नवीनीकरण कार्य के लिए भी घोषणा की।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री साय ने भक्त माता कर्मा प्राण-प्रतिष्ठा के लिए साहू समाज एवं उपस्थित सभी लोगों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा की ग्राम फरहदा में भक्त माता कर्मा मंदिर का निर्माण बिना किसी शासकीय सहयोग के सभी ग्रामवासियों ने मिलकर करवाया है। यह ग्रामवासियों के सामूहिक एकता को दर्शाता है। उन्होंने बिलासपुर लोकसभा क्षेत्र से तोखन साहू को सांसद के रूप में जिताने के लिए जनता का आभार जताया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मंत्रीमंडल में सांसद तोखन साहू को आवास एवं शहरी मामलों के केन्द्रीय राज्यमंत्री बनाया गया है, जो पूरे प्रदेश एवं इस क्षेत्र के लिए गौरव की बात है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा की हमारी सरकार विकास की दिशा में लगातार कार्य कर रही है। प्रदेश के किसानों को हम 3100 रुपए प्रति क्विंटल धान की कीमत दे रहे है। महतारी वंदन योजना के अंतर्गत 70 लाख से अधिक महिलाओं को लाभान्वित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बिलासपुर-मुंगेली रोड से ग्राम फरहदा मार्ग जिसकी कुल लंबाई साढ़े पांच किलोमीटर है, बजट में इसे स्वीकृत किया गया है, जल्द ही इसका कार्य प्रारंभ किया जाएगा। उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि हमारी सरकार विकास के लिए समर्पित है। प्रदेश सरकार पानी, बिजली, आवास सहित विकास के सभी आयामों पर बेहतर तरीके से कार्य कर रही है। कार्यक्रम में वाणिज्य, उद्योग, श्रम एवं जिले के प्रभारी मंत्री लखनलाल देवागंन ने धन्यवाद एवं आभार व्यक्त किया।

कार्यक्रम में मुंगेली विधायक पुन्नूलाल मोहले, बिल्हा विधायक धरमलाल कौशिक, बिलासपुर विधायक अमर अग्रवाल, तखतपुर विधायक धर्मजीत सिंह, बेलतरा विधायक सुशांत शुक्ला, विधायक रायपुर मोतीलाल साहू, पूर्व सांसद लखनलाल साहू, पूर्व विधायक विक्रम मोहले, कृष्णमूर्ति बांधी, जिला पंचायत सदस्य शीलू साहू, अम्बालिका साहू, दुर्गा उमाशंकर साहू अन्य जनप्रतिनिधिगण, प्रदेश, जिला एवं तहसील साहू समाज के पदाधिकारीगण, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी और बड़ी संख्या में सामाजिक बन्धु मौजूद रहे।

लोकार्पण और शिलान्यास

मुख्यमंत्री श्री साय ने जिन कार्यों का लोकार्पण किया उनमें ग्राम पा. खम्हरिया में 1.89 करोड़ रूपए की लागत से निर्मित 33/11 व्ही सब स्टेशन, ग्राम कंतेली में 1.87 करोड़ रूपए की राशि से निर्मित 33/11 के. व्ही सब स्टेशन और आगर व्यपवर्तन योजना के तहत 19 करोड़ 12 लाख 57 हजार रूपए की लागत से निर्मित 15 माईनर नहर में सी.सी. लाईनिंग व स्ट्रक्चरों के जीर्णाेद्वार के कार्य शामिल हैं। इसी तरह 01.37 करोड़ रूपए की लागत से नवागढ़ चौक से खैरवार बायपास रोड में 06 किलोमीटर तक एल.ई.डी. स्ट्रीट लाईट लगाने का कार्य, 34.35 लाख रूपए की लागत से देवरी से खेढ़ा कालोनी में एल.ई.डी. स्ट्रीट लाईट लगाने का कार्य, शासकीय हाईस्कूल फुलवारी एफ., जोता, भटगांव तथा हायर सेकेण्डरी स्कूल खुड़िया, बैगाकापा, सुकली, देवरहट, मनोहरपुर, नगर पालिका मुंगेली, पदमपुर, जरहागांव, सिलतरा, लौदा और बैतलपुर में प्रत्येक में 07 लाख 63 हजार रूपए की राशि से कक्ष निर्माण कार्य का शिलान्यास किया गया।

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Jun 14 2024, 19:14

दुर्भाग्यपूर्ण हिंसक वारदात को लेकर कांग्रेस सस्ती और ओछी राजनीति करके वातावरण बिगाड़ने में लगी है : भाजपा

रायपुर- भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव ने बलौदाबाजार की बेहद दुर्भाग्यपूर्ण हिंसक वारदात को लेकर कांग्रेस पर सस्ती और ओछी राजनीति करके वातावरण बिगाड़ने का आरोप लगाया है। देव ने कहा कि इस मामले में हो रही जाँच और गिरफ्तारियों पर कांग्रेस नेता एकाएक प्रलाप करके यह स्पष्ट कर रहे हैं कि इस अराजकता व हिंसा से कांग्रेस का कनेक्शन है। बलौदाबाजार की हिंसा शर्मनाक है और ऐसा साफ प्रतीत हो रहा है कि गर्हित इरादों के साथ कतिपय षड्यंत्रकारियों ने सतनामी समाज के लोगों को बदनाम करने के लिए इस कृत्य को अपने राजनीतिक स्वार्थ की पूर्ति के लिए अंजाम दिया है। अब इस मामले की सूक्ष्मता से जाँच के बाद सारे तथ्य सामने आएंगे।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष देव ने कहा कि कांग्रेस की यही राजनीतिक संस्कृति रही है कि वह सत्ता के लिए जातिवादी राजनीति का सहारा लेती है और सत्ता में आने के बाद सबसे ज्यादा उन्हीं जातियों को प्रताड़ित करने में लगी रहती है। कांग्रेस की पिछली प्रदेश सरकार का समूचा कार्यकाल इस बात की तस्दीक करने के लिए पर्याप्त है। कांग्रेस द्वारा भाजपा की प्रदेश सरकार पर सतनामी समाज को प्रताड़ित करने के लगाए जा रहे आरोप को पूरी तरह बेहूदा बताते हुए देव ने कहा कि प्रदेश और समूचा सतनामी समाज साक्षी है कि सतनामी समाज को सबसे ज्यादा प्रताड़ित और उपेक्षित रखने में कांग्रेस ने अपने शासनकाल में कोई कसर बाकी नहीं रखी थी। देव ने कहा कि सतनामी समाज सदैव अहिंसक और शांतिपूर्ण रहा है परंतु कतिपय अराजक व अवांछनीय तत्वों ने जैतखाम के मुद्दे को लेकर प्रदेश की भाजपा सरकार की कार्यप्रणाली को कलंकित करने की इरादतन साजिश रची थी। प्रदेश सरकार ने तत्काल इस पूरी घटना पर संज्ञान लेकर न केवल त्वरित रूप से कानूनी कार्रवाई की, अपितु सतनामी समाज के प्रमुखों से विस्तृत चर्चा कर इस हिंसा को नियंत्रित करने के लिए कारगर कदम उठाए।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष देव ने कहा कि भाजपा को सतनामी समाज का विरोधी बताने वाले कांग्रेसियों को यह नहीं भूलना चाहिए कि कुतुबमीनार से भी ऊँचा जैतखाम छत्तीसगढ़ में डॉ. रमन सिंह के मुख्यमंत्रित्व काल में भाजपा की पूर्ववर्ती प्रदेश सरकार ने ही बनाया था। सतनामी समाज के साथ तो खुद कांग्रेस ने हमेशा भेदभाव कर सतनामी समाज के सदस्यों को उनके हक से वंचित रखने का काम किया है। अजा आरक्षण के मुद्दे पर कांग्रेस की भूपेश सरकार ने जिस तरह का गंदा राजनीतिक आचरण प्रस्तुत किया, क्या कांग्रेस नेताओं को कभी उसके लिए जरा भी शर्म महसूस हुई? देव ने कहा कि सैकड़ों अजा युवकों को राजधानी में पूर्ण नग्न होकर प्रदर्शन करने के लिए विवश करने वाली कांग्रेस सरकार ने जब पूरे छत्तीसगढ़ को शर्मसार कर दिया था, तब कांग्रेस के नेताओं ने सतनामी समाज के साथ हुए अन्याय पर मुँह में दही क्यों जमा रखा था? आज सतनामी समाज के सम्मान के नाम पर जुबानी जमाखर्च कर रहे कांग्रेसियों को तब पीड़ा नहीं हुई जब मुख्यमंत्री रहते हुए भूपेश बघेल ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम में अजा युवकों को ‘भौंकने वाला’ कहा था।

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Jun 14 2024, 19:13

विश्व रक्तदाता दिवस पर मेडिकल कॉलेज में हुआ रक्तदान शिविर का आयोजन


कलेक्टर ने रक्तदाताओं को वितरित किया प्रमाण पत्र

उत्तर बस्तर कांकेर, 14 जून 2024/विश्व रक्तदाता दिवस के अवसर पर ‘चलो करें रक्तदान, बने हम देश का अभिमान’ की थीम पर कलेक्टर सह अध्यक्ष रेड क्रॉस सोसाइटी जिला कांकेर श्री नीलेशकुमार महादेव क्षीरसागर के निर्देशानुसार आज मातृ एवं शिशु अस्पताल में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कलेक्टर श्री नीलेशकुमार महादेव क्षीरसागर ने रेड क्रॉस के संस्थापक हेनरी डुनैंट की छायाचित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन शिविर का शुभारंभ किया गया। 

मातृ एवं शिशु अस्पताल के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में अपने उद्बोधन में मेडिकल कॉलेज के स्टूडेंट एवं स्टाफ को संबोधित करते हुए कलेक्टर श्री क्षीरसागर ने बताया कि आज मेडिकल कॉलेज में सभी छात्रों के बीच आकर मुझे भी अपने कॉलेज के दिन आज याद आ गए। उन्होंने कॉलेज के समय की एक रक्तदान से जुड़ी एक स्मृति साझा किया। उन्होंने कहा कि सभी को स्वेच्छा से रक्तदान के लिए आगे आना चाहिए। रक्तदान के लिए किसी भी प्रकार की प्रोत्साहन राशि आदि की प्रथा नहीं होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार रक्तदान ऐच्छिक होनी चाहिए, इसमें किसी प्रकार की प्रोत्साहन राशि आदि की परंपरा से हमें बचना चाहिए। कुछ लोगों में रक्तदान को लेकर अनेक प्रकार के भ्रांतियां हैं, लोगों के रक्तदान से अन्य लोग भी ब्लड डोनेशन के लिए प्रेरित होंगे। मेडिकल प्रोफेशन अपने आप में सेवा का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करता है। इस दौरान कलेक्टर ने अपना रक्त जांच करवाया एवं रक्तदाताओं को प्रमाण पत्र बांटे।

रेड क्रॉस सोसाइटी के जिला सचिव सह सीएमएचओ डॉ. अविनाश खरे ने बताया कि रक्तदान करना जीवनदान जैसा है, हमारा एक यूनिट ब्लड तीन लोगों की जिंदगी बचा सकता है। कर्नल सुरेंदर हल्सवाल एनसीसी कांकेर, टी आर देवांगन डिप्टी कलेक्टर सहित एनसीसी कैडेट्स, मेडिकल कॉलेज के स्टूडेंट, पुलिस कर्मी, नगर के व्यवसायी एवं आम नागरिकों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। शहर के साथ ही सीएचसी चारामा एवं भानुप्रतापपुर में भी रक्तदान शिविर आयोजित किया गया। शाम 5ः00 बजे तक की स्थिति में 116 लोगों ने रक्तदान कर लिया था।

इस अवसर पर मंच संचालन श्री पवन सेन, जिला समन्वयक रेडक्रॉस ने किया। अवसर पर मेडिकल कॉलेज के अधिष्ठाता, प्रोफेसर, चिकित्सा विशेषज्ञ, ब्लड कलेक्शन यूनिट के स्वास्थ्य कर्मी, रेडक्रॉस सोसाइटी के राज्य मेंबर, वालेंटियर एवं बड़ी संख्या में मेडिकल स्टूडेंट उपस्थित रहे।

(फोटो-)

क्रमांक/618/सोरी

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Jun 14 2024, 19:12

बलौदाबाजार घटना : PCC चीफ बैज ने सरकार से पूछा – समाज की मांग पर क्यों नहीं कराई CBI जांच

रायपुर-  बलौदाबाजार में हिंसा के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने घटना स्थल का निरीक्षण किया. प्रेसवार्ता में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा, जब समाज ने CBI जांच की मांग की थी तो सरकार ने इसे गंभीरता से क्यों नहीं लिया. सीबीआई जांच की घोषणा क्यों नहीं की गई. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए. वहीं नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने कहा, जो सरकार अपने कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक कार्यालय को नहीं बचा सकता है वह हर तरीके से असक्षम है. विष्णु देव साय सरकार से इस्तीफे की मांग करते हैं.

बैज ने कहा, बलौदाबाजर की घटना के बाद कई लोग डर से गायब हैं. परिवार उन्हें खोज रहा. घटना के बाद शासन- प्रशासन निर्दोष लोगों के साथ बर्बरता से पेश आ रही है. कितने लोगों को इन्होंने अभी तक जेल भेजा, कितने लोगों को अरेस्ट किया, इसकी सूची जारी होनी चाहिए. उन्होंने कहा, क्या भीड़ में सामाजिक तत्व शामिल थे. अगर सामाजिक तत्व शामिल थे तो इंटेलिजेंस क्या कर रहा था. इसका मतलब है कि सरकार पूरी तरीके से फेलियर हो चुकी है. जब से भाजपा की सरकार बनी है तब से छत्तीसगढ़ में बड़ी-बड़ी घटनाएं हो रही है. छत्तीसगढ़ जल रहा है.

पीसीसी चीफ बैज ने कहा, स्थानीय लोगों से सूचना मिलने के बाद पता चला कि 250 लोग नागपुर से आए थे. इन लोगों को किसने बुलाया और यहां कैसे आए, उनके आने और खाने की व्यवस्था किसने की. इस घटना की पूरी जिम्मेदारी भाजपा सरकार की है, इसलिए मुख्यमंत्री को अपने पद से इस्तीफा दे देनी चाहिए.

सरकार हर तरीके से असक्षम : चरणदास महंत

नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने कहा कि घटना को टाला जा सकता था. यह क्षेत्र बाबा गुरु घासीदास का रहा है. किसी निंदनीय घटना को अगर यहां का प्रशासन संभाल लेता तो यह बड़ी घटना नहीं घटती. जो सरकार अपने कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक कार्यालय को नहीं बचा सकता है वह हर तरीके से असक्षम है. हम विष्णु देव साय सरकार से इस्तीफे की मांग करते हैं, ताकि छत्तीसगढ़ शांति और सौहार्द का टापू बना रहे.

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Jun 14 2024, 19:10

रायपुर में हुई डीकार्बनाइजेशन इंडिया अलायंस की शुरुआत, वर्ष 2070 तक नेट-जीरो प्राप्ति का टारगेट निर्धारित

रायपुर-  डीकार्बनाइजेशन इंडिया अलायंस (डीआईए) एक कार्योन्‍मुख और महत्‍वाकांक्षी परियोजना है। इसका लक्ष्‍य भारत को कम कार्बन उत्‍सर्जन वाली अर्थव्‍यवस्‍था बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ाना है। डीआईए की शुरुआत 14 जून को छत्‍तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में की गयी। आने वाले महीनों में डीआईए को भारत के 10 शहरों में स्‍थापित किया जाएगा। इसके माध्‍यम से वर्ष 2070 तक भारत को ‘नेट-जीरो’ अर्थव्‍यवस्‍था बनाने के लक्ष्‍य के प्रति समर्पित उद्योग जगत के अग्रणी लोगों को एकजुट करने पर ध्‍यान केन्द्रित किया जाएगा।

डीआईए दरअसल सोसाइटी ऑफ इंजीनियर्स एण्‍ड मैनेजर्स (एसईईएम) की एक पहल है। सोशल इम्‍पैक्‍ट एडवाइजर्स (असर) और इंडिया ब्‍लॉकचेन अलायंस (आईबीए) की मदद से उठाये गये इस कदम के माध्‍यम से निजी तथा सार्वजनिक क्षेत्रों, एमएसएमई, सेवा प्रदाताओं, शैक्षणिक एवं वित्‍तीय संस्‍थानों, सिविल सोसाइटी संगठनों और सरकारी विभागों सहित विभिन्‍न हितधारकों को एक मंच पर लाने की कोशिश की जाएगी ताकि भारत के डीकार्बनाइजेशन के प्रयासों को गति मिले। एक स्‍वैच्छिक नेटवर्क के नेतृत्‍व वाली यह पहल एक मंच की तरह काम करेगी। इससे उन इंजीनियरों को मदद मिलेगी जो उद्योगों में बदलाव को लागू करने के मोर्चे पर सबसे आगे खड़े होकर काम कर रहे हैं। साथ ही इससे उन लोगों को भी सहायता मिलेगी जो ऐसे उत्‍पाद और सेवाएं तैयार कर सकते हैं जिनसे डीकार्बनाईजेशन को बढ़ावा मिलता हो।

रायपुर में आयोजित उद्घाटन कार्यक्रम में राज्‍य के वाणिज्‍य एवं उद्योग विभाग के सचिव आईएएस अंकित आनंद, छत्‍तीसगढ़ राज्‍य अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी (क्रेडा) के मुख्‍य अधिशासी अधिकारी (सीईओ) राजेश सिंह राणा, ग्‍लोबल ग्रीन ग्रोथ इनीशियेटिव के क्षेत्रीय प्रमुख सौम्‍य गरनाइक और क्रेडा के अधीक्षण अभियंता राजीव ज्ञानी सहित अनेक गणमान्‍य अतिथियों ने भाग लिया।

डीआईए का संचालन शुरू होने के बाद ऊर्जा सम्‍बन्‍धी समाधानों को आकार देने और उन्‍हें लागू करने के काम से जुड़े हितधारकों के साथ तालमेल करके उन्‍हें अपेक्षित परिणाम प्राप्‍त करने में सक्षम बनाने के लिये काम किया जाएगा। डीआईए का उद्देश्य नवाचार को बढ़ावा देना, सर्वोत्तम पद्धतियों को साझा करना और अपने कार्बन उत्‍सर्जन में कटौती करने के लिये तत्‍पर प्रतिष्‍ठानों की जरूरतों को पूरा करने के लिये प्रयासों को व्‍यवस्थित करना है। इसके माध्‍यम से उन समाधानों को बल मिलेगा जो भारत को वर्ष 2070 तक अपने नेट-जीरो के लक्ष्‍य को प्राप्‍त करने में मदद करेंगे।

रायपुर-धनबाद और रायपुर- विशाखापट्टनम आर्थिक गलियारों को जोड़ने वाले राज्‍य छत्‍तीसगढ़ में औद्योगिकीकरण बहुत तेज गति से हो रहा है। राज्‍य में आकांक्षात्‍मक जिलों को जोड़ा जा रहा है जो पिछले कई दशकों से आर्थिक रूप से पिछड़े और कमजोर हैं। रायपुर में डीआईए की सफलतापूर्वक स्‍थापना से 80 हजार से ज्‍यादा कुटीर, लघु एवं मध्‍यम उद्योगों (एमएसएमई) को मदद मिलेगी। डीआईए के माध्‍यम से-

● एमएसएमई को अपने कार्बन उत्‍सर्जन में कमी लाने में मदद की जाएगी। उन्‍हें ऐसी सेवाओं को चुनने में सहायता की जाएगी जिनसे ऊर्जा ऑडिट, प्रणालियों और प्रक्रियाओं में सुधार के साथ-साथ अक्षय ऊर्जा उपायों से मिलने वाले परिणामों को अधिकतम किया जा सकता है। इसके अलावा एमएसएमई को औद्योगिक उत्‍सर्जन की तीव्रता से जुड़े लक्ष्‍यों को लेकर सार्थक विचार-विमर्श से जोड़ा जाएगा।

प्रशिक्षण एवं क्षमता निर्माण : ऑडिटर्स, सम्‍बन्धित क्षेत्रों के विशेषज्ञों, उद्योगों, उद्यमियों तथा अन्‍य लोगों के लिये प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किये जाएंगे। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य ऊर्जा क्षेत्र में अग्रणी व्यक्तियों की पहचान करना और उन्हें बढ़ावा देना तथा कौशल विकास और रोजगार के अवसर प्रदान करना होगा।

प्रमाणन एवं पुरस्‍कार : कम कार्बन उत्‍सर्जन वाले विकास के लिये ऊर्जा दक्षता और अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देने के उद्देश्‍य से विनिर्माणकर्ताओं, वेंडर्स, सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों, अभियंताओं और ऊर्जा ऑडिटर्स के लिये डीआईए प्रमाणपत्र उपलब्‍ध कराये जाएंगे।

● डीआईए नयी प्रौद्योगिकी विकसित करने वालों और उसके उपयोगकर्ताओं के बीच एक सेतु और एक नेटवर्किंग प्‍लेटफार्म की तरह काम करेगा। यह प्रौद्योगिकी प्रदाताओं और उद्योगों के बीच विचारों, नवाचारों और सबसे अच्‍छी पद्धतियों के आदान-प्रदान की सुविधा प्रदान करता है, जिससे डीकार्बनाइजेशन के लिए अत्याधुनिक समाधानों को अपनाना संभव होगा।

अनुसंधान एवं पक्षसमर्थन (एडवोकेसी) : डीआईए का उद्देश्‍य ऊर्जा दक्षता की पैठ जैसे क्षेत्रों में अनुसंधान को बढ़ावा देकर, राज्‍य तथा राष्‍ट्रीय स्‍तरों पर योजनाओं को लागू करके, अक्षय ऊर्जा प्रौद्योगिकियों, स्‍वच्‍छ प्रौद्योगिकियों और रीसाइक्लिंग प्रौद्योगिकियों को अपनाकर और ग्रीनहाउस गैसों में कमी के अनुमान और लेखे-जोखे के माध्‍यम से नीति सम्‍बन्‍धी प्रभावी ढांचे तैयार करने और व्यापक प्रणालीगत बदलावों के लिए पक्षसमर्थन करने के उद्देश्‍य से नीति निर्धारकों को सार्थक सूचनाएं देने का है।

सफल व्‍यक्तियों और संस्‍थाओं का विवरण तैयार करना (प्रोफाइलिंग) : नेटवर्क के अंदर सफलता की कहानियों के रणनीतिक संचार में मदद करना और इस मुद्दे पर जागरूकता पैदा करना।

बायोफ्यूल्‍स अथॉरिटी ऑफ छत्‍तीसगढ़ के सीईओ सुमित सरकार ने डीआईए की वेबसाइट का लोकार्पण और 10 नगरों में डीकार्बनाइजेशन के अभियान की शुरूआत करने के बाद कहा, ‘‘छत्‍तीसगढ़ एक व्‍यापक औद्योगिक नीति बनाने का लक्ष्‍य लेकर चल रहा है। इस नीति में ग्रीन हाइड्रोजन और विभिन्‍न प्रकार के बायोफ्यूल्‍स के प्रयोग पर जोर दिया गया है ताकि डीकार्बनाइजेशन के प्रयासों को मजबूती दी जा सके। 10 शहरों में आयोजित होने वाले डीआईए कार्यक्रम की शुरुआत जलवायु परिवर्तन से निपटने के हमारे सामूहिक प्रयास में एक महत्वपूर्ण क्षण का प्रतिनिधित्व करता है।’’

एसईईएम के महासचिव जी. कृष्‍णकुमार ने डीआईए के महत्‍व पर प्रकाश डालते हुए कहा, रायपुर में आयोजित कार्यक्रम में लोगों की भागीदारी और उत्साह छत्तीसगढ़ के उन उद्यमियों की पर्यावरण के प्रति चेतना का प्रमाण है, जो नेट-जीरो परिदृश्य को व्यापक रूप से अपना रहे हैं। छत्तीसगढ़ सरकार के साथ मिलकर काम करते हुए उद्योगों और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों की मदद करने के डीआईए के विजन से नेट-जीरो की दिशा में राज्य की प्रगति में तेजी आएगी।

असर सोशल इम्‍पैक्‍ट एडवाइजर्स की सीईओ विनुता गोपाल ने कहा, ‘‘प्रदूषणकारी तत्‍वों के उत्‍सर्जन में कमी लाने और उसे टालने के लिये जरूरी कदम उठाना इस दशक में बेहद महत्‍वपूर्ण हो गया है। असल काम तब शुरू होता है जब ऊर्जा दक्षता, बिजली सम्‍बन्‍धी सुरक्षा और उद्योगों में साफ ऊर्जा में रूपांतरण के तंत्र को जमीन पर उतारने के लिये वास्‍तविक कदम उठाये जाते हैं। डीआईए एक ऐसी पहल है जिसका उद्देश्‍य इस रूपांतरण के उत्‍प्रेरक की भूमिका निभाना है। यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि हम सिर्फ बातें करने के बजाय सार्थक काम भी करें। इन दिनों पड़ रही भीषण गर्मी हमें एहसास करा रही है कि हमारे के लिये एकजुट होकर जलवायु परिवर्तन के इस गम्‍भीर संकट से निपटना कितना जरूरी है।’’

रायपुर में समन्‍वय और नवाचार का मंच तैयार करने के बाद डीआईए को बेंगलूरू, कोच्चि, कोलकाता, चेन्‍नई, संगरूर, हैदराबाद, अहमदाबाद और इंदौर में भी शुरू किया जाएगा।

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Jun 14 2024, 19:08

तपती गर्मी से बच्चों को सुरक्षित रखने आंगनबाड़ी केन्द्रों में कूलर का इंतेजाम

रायपुर- घर आंगन में छोटे-छोटे नन्हे बच्चों को हंसते खिलखिलाते देखना सभी को अच्छा लगता है। बदलते मौसम में बच्चों की सेहत की चिंता भी माता-पिता के लिए एक बड़ी चुनौती है। गर्मी का मौसम इन सबमें परेशानी भरा होता है। भीषण गर्मी में बच्चों को लू ना लगे, इसलिए माता-पिता तरह-तरह के जतन करते हैं। ऐसा ही जतन छत्तीसगढ़ सरकार के प्रयासों से प्रदेश के आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों का किया जा रहा है।

महासमुंद जिले के आंगनबाड़ी केन्द्रों में नन्हें मुन्ने बच्चों को भीषण गर्मी से बचाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा कूलर और पंखे की व्यवस्था की गई है। अब आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चे आनंद के साथ पढ़ रहे हैं। एक ओर सुकून का वातावरण मिलने से जहां बच्चों की उपस्थिति बढ़ी है, वहीं कूलर और पंखे की व्यवस्था से आंगनबाड़ी केन्द्रों में भीषण गर्मी से निजात मिली है।

जिला प्रशासन ने जिले के सभी 1789 आंगनबाड़ी केन्द्रों में शत-प्रतिशत विद्युतीकरण का कार्य भी पूर्ण किया है। आंगनबाड़ी केन्द्रों में धुंए से मुक्त वातावरण के लिए चूल्हा-गैस सिलेण्डर भी उपलब्ध कराया गया है। बच्चों को शुद्ध और पौष्टिक भोजन गैस चूल्हा में पका कर दिया जा रहा है। इस व्यवस्था से आंगनबाड़ी में पढ़ने वाले बच्चों के पालक भी खुश हैं। महासमुंद के सुशील सैम्युअल वार्ड में संचालित आंगनबाड़ी में पढ़ने वाली सिद्धी देवार की मां लिलिमा देवार ने कहा कि इस साल आंगनबाड़ी में कूलर के लगने से हमारे बच्चे नियमित रूप से आंगनबाड़ी जा रहे हैं। पिछले वर्ष गर्मी में वे आंगनबाड़ी जाने से आनाकानी करते थे।

नयापारा वार्ड नम्बर 11 स्थित आंगनबाड़ी में पढ़ने वाले सौरभ धीवर के पिता विष्णु धीवर ने बताया कि इस वर्ष गर्मी अधिक पड़ने से हम लोग चिंतित थे लेकिन आंगनबाड़ी केन्द्र में कूलर लगने से बच्चों को लू लगने की आशंका नहीं रहती। इसलिए हम लोग निश्चिंत होकर बच्चों को आंगनबाड़ी केन्द्र नियमित तौर पर भेज रहे हैं।

आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों को पौष्टिक भोजन देने के साथ ही कुपोषण को दूर करने के लिए सकारात्मक प्रयास किया जा रहा है। स्वास्थ्य और पोषण के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और मितानिनों की नियमित बैठक लेकर विस्तृत समीक्षा की जाती है। बच्चों को पौष्टिकता से भरपूर गर्म भोजन दिया जाता है। सुपोषण अभियान के तहत बच्चों को मोरिंगा और रागी से निर्मित चिकीबार भी दिया जाता है। इसके अलावा बच्चों को पूरक पोषण आहार के रूप में रेडी-टू-ईट भी दिया जाता है।

महिला एवं बाल विकास विभाग के कार्यक्रम अधिकारी समीर पांडेय ने बताया कि इस वर्ष एनीमिया से पीड़ित 400 किशोरी बालिकाओं को सामान्य स्थिति में लाया गया है। जिले में 2023-24 में मनरेगा अभिसरण से कुल 46 नवीन आंगनबाड़ी का निर्माण स्वीकृत किया गया है। अभी जिले में अब स्वयं के भवन में संचालित आंगनबाड़ी केन्द्रों की संख्या 1699 हो गई है। इस वर्ष 91 नए केन्द्र बनाए गए हैं। वहीं कुपोषित बच्चों के लिए पिथौरा में पोषण पुनर्वास केन्द्र भी प्रारम्भ किए गए हैं।

उल्लेखनीय है कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता गर्भवती महिलाओं के लिए जन्मपूर्व और प्रसवपूर्व देखभाल सुनिश्चित करती है और नवजात शिशुओं और शिशुवती माताओं के लिए निदान और देखभाल करती हैं। वे 0 से 6 वर्ष से कम उम्र के सभी बच्चों के टीकाकरण का प्रबंध करती हैं। महिलाओं और बच्चों के लिए नियमित स्वास्थ्य और चिकित्सा जाँच की निगरानी उनकी मुख्य जिम्मेदारियों में से एक है।

Chhattisgarh

Jun 14 2024, 18:03

आदिवासी नौनिहालों के आईआईटी में पढ़ने का सपना पूरा कर रहा है प्रयास विद्यालय, बारहवीं में पढ़ रहे रायपुर प्रयास विद्यालय के 32 बच्चों ने किया है

रायपुर-  राजधानी रायपुर का प्रयास विद्यालय नामी कोचिंग संस्थानों को टक्कर दे रहा है। बारहवीं में पढ़ रहे यहां के 32 बच्चों ने जेईई (Joint Entrance Examination) एडवांस्ड क्वालीफाई कर देश की विभिन्न आईआईटी (Indian Institute of Technology) और समकक्ष राष्ट्रीय संस्थानों में प्रवेश के लिए पात्रता हासिल की है। देश के शीर्ष तकनीकी संस्थानों (आईआईटी एवं समकक्ष) में प्रवेश पाने वाले ज्यादातर विद्यार्थी बारहवीं के बाद एक-दो वर्ष की तैयारी वाले होते हैं। लेकिन प्रयास विद्यालय के 32 बच्चों ने बारहवीं की पढ़ाई के साथ-साथ ही देश के श्रेष्ठ एवं प्रतिष्ठित तकनीकी संस्थानों में प्रवेश का अपना लक्ष्य हासिल कर लिया है। राष्ट्रीय स्तर पर होने वाली जेईई की कठिन प्रतियोगी परीक्षा में देशभर के लाखों बच्चे बैठते हैं।

हाल ही में 9 जून को घोषित जेईई एडवांस्ड के नतीजों में रायपुर प्रयास विद्यालय के कुलदीप कुमार ने ऑल इंडिया केटेगरी रैंक 459 हासिल किया है। वहीं ओमप्रकाश नेताम को ऑल इंडिया केटेगरी रैंक 473 और रुद्राक्ष भगत को ऑल इंडिया केटेगरी रैंक 825 मिला है। ये तीनों बच्चे राज्य के सुदूर मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी, कोंडागांव और सरगुजा के गरीब आदिवासी परिवारों से आते हैं। इनके साथ पढ़ने वाले त्रिलोक पैंकरा ने ऑल इंडिया केटेगरी रैंक 1123, लीलाधर ठाकुर ने 1174, पंकज रावटे ने 1592, गैंद लाल ने 1638, आदर्श राज पैंकरा ने 1661 और शुभम कश्यप ने 1801 ऑल इंडिया केटेगरी रैंक हासिल की है। ये सभी भी राज्य के सुदूर अधिसूचित विकासखंडों के कमजोर आर्थिक स्थिति वाले परिवारों के बच्चे हैं। प्रयास विद्यालय के शिक्षकों के कुशल मार्गदर्शन में इन बच्चों ने अपनी मेहनत और प्रतिभा से अपने सपनों को पूरा करने की दिशा में एक बड़ा कदम बढ़ाया है।

रायपुर का प्रयास विद्यालय कक्षा नवमीं से बारहवीं तक की पढ़ाई के साथ ही होनहार आदिवासी नौनिहालों का आईआईटी, एनआईटी एवं समकक्ष श्रेष्ठ तकनीकी संस्थानों में पढ़ने का सपना पूरा कर रहा है। विगत अप्रैल में यहां के 64 बच्चों ने जेईई मेन्स (JEE Mains) क्वालीफाई कर जेईई एडवांस्ड के लिए पात्रता हासिल की थी जिनमें से 32 बच्चों ने अब जेईई एडवांस्ड भी क्वालीफाई कर लिया है। जेईई एडवांस्ड क्वालीफाई करने वाले बच्चे जहां देश की विभिन्न आईआईटी एवं समकक्ष संस्थानों में प्रवेश ले सकेंगे, वहीं जेईई मेन्स क्वालीफाई करने वाले बच्चे एनआईटी (National Institute of Technology) एवं समकक्ष संस्थानों में पढ़ने का अपना सपना पूरा करेंगे। राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित होने वाली जेईई की कठिन प्रतियोगी परीक्षा क्वालीफाई कर पिछले पांच वर्षों में प्रयास विद्यालय रायपुर के 51 छात्रों ने देश की विभिन्न आईआईटी में प्रवेश प्राप्त किया है। वहीं राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (NITs) में 94 बच्चों का चयन हुआ है।

रायपुर के सड्डू स्थित प्रयास विद्यालय में राज्य के वनांचल और दूरस्थ अधिसूचित क्षेत्रों के बच्चे पढ़ रहे हैं। कक्षा नवमीं से बारहवीं तक यहां करीब 700 बच्चे अध्ययनरत हैं। शिक्षण सत्र 2023-24 में गणित विषय (PCM) लेकर 166 छात्र पढ़ रहे थे। प्रयास विद्यालय की प्राचार्या मंजुला तिवारी बताती हैं कि ग्यारहवीं और बारहवीं के बच्चों को यहां बोर्ड परीक्षाओं के साथ ही जेईई जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के दृष्टिकोण से अध्यापन किया जाता है। स्कूल में ही दोनों तरह की पढ़ाई के कारण बच्चे बोर्ड परीक्षाओं के साथ ही प्रतियोगी परीक्षाओं में भी अच्छा प्रदर्शन करते हैं। उन्होंने बताया कि बच्चों के बौद्धिक स्तर और कक्षा में प्रदर्शन के अनुसार अलग-अलग समूहों में बांटकर अध्ययन संबंधी उनकी समस्याओं को दूर किया जाता है। आईआईटी और एनआईटी जैसे संस्थानों के साथ ही प्रयास विद्यालय के बहुत से बच्चे हर साल अन्य इंजीनियरिंग कॉलेजों में भी चयनित होते हैं।

Chhattisgarh

Jun 14 2024, 18:02

समय पर जीएसटी का भुगतान नहीं करने वाले व्यवसायियों पर स्टेट जीएसटी सख्त, वित्त मंत्री ओपी चौधरी की अपील, ईमानदारी से करें टैक्स का भुगतान

रायपुर-  राज्य मे पिछले कुछ वर्षों मे जिलों मे डीएमएफ मद से बड़ी संख्या मे निर्माण कार्य और सामाग्री क्रय किया गया है परंतु जितना व्यय शासन द्वारा किया गया है उस अनुपात मे शासन को जीएसटी नहीं मिला है। स्टेट जीएसटी मे गठित किए गए बिजनेस इंटेलिजेंस यूनिट के द्वारा ए आई आधारित आई टी टूल्स का प्रयोग कर ऐसे व्यवसायियों का एनालिसिस किया जा रहा है जिनके द्वारा शासकीय सप्लाइ तो किया गया है पर जीएसटी नहीं पटाया गया है।

वित्त मंत्री ओपी चौधरी के निर्देश पर ऐसे मामलों में लगातार कार्रवाई की जा रही है। इसी तारतम्य मे विगत दिनों कुछ व्यवसायियों की जांच कर उनसे टैक्स जमा करवाया गया । केशकाल के भारत इन्फ्रा नाम के व्यवसायी के प्रकरण मे 91 लाख रु. और रायपुर के श्री कृष्ण इंटर प्राइजेस मे 2.5 करोड़ रु की कर चोरी पकड़ी गई है इसमे से 1.75 करोड़ रु.टैक्स विभाग ने वसूल कर किया है । इसी तरह का एक और मामला हार्टीकल्चर विभाग मे भी पकड़ा गया है जिसमे शेड नेट सप्लाइ करने वाली कंपनी किसान एग्रोटेक को विभाग ने नोटिस दिया है।

इस प्रकार की कर चोरी करने वाले व्यवसायी अक्सर अपनी टैक्स लाईबिलिटी कम दिखाने के लिए बोगस बिलों पर आई टी सी क्लेम करते हैं परंतु यह भूल जाते हैं कि अब विभाग के पास ऐसे कई आई टी टूल्स हैं जिनके कारण इस तरह के मामलों मे बच निकलना कठिन है। राज्य कर विभाग के द्वारा लगातार व्यवसायियों कि बैठक लेकर उन्हे जागरूक भी किया जा रहा है कि कर देयता से बचने का कोई शॉर्टकट न अपनाएं। वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने भी व्यापारियों से अपील की है की वो ईमानदारी से अपने टैक्स का भुगतान करें ।

Chhattisgarh

Jun 14 2024, 18:00

आयकर विभाग की टीम ने फैंसी स्टोर्स संचालक के घर मारा छापा, 24 घंटे से खंगाल रही है दस्तावेज

महासमुंद- आयकर विभाग की टीम ने महासमुंद जिले के पिथौरा में फैंसी स्टोर्स संचालक के घर पर छापा मारा है. आयकर विभाग की टीम 24 घंटे से दस्तावेजों की पड़ताल कर रही है.

आयकर विभाग की 12 सदस्यों की टीम चार वाहनों में श्रृंगारिका फैंसी स्टोर्स के संचालक आनंद अग्रवाल के घर पर पहुंची . पूर्व में भी पुलिस अधीक्षक के आदेश पर आनंद अग्रवाल के घर छापा मारा गया था, तब साइबर क्राइम की टीम ने दस्तावेजों को खंगाल था.

Chhattisgarh

Jun 14 2024, 17:02

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने सभी नगरीय निकायों में बिजली बिल और एनर्जी ऑडिट के दिए निर्देश

रायपुर-  उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री अरुण साव ने राज्य के सभी 184 नगरीय निकायों में बिजली बिल और एनर्जी ऑडिट के निर्देश दिए हैं। उन्होंने यथासंभव पारंपरिक ऊर्जा के स्थान पर सौर ऊर्जा का उपयोग करने को कहा है। उन्होंने नगरीय प्रशासन विभाग के अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा है कि अधिकांश निकायों में इस मद में राशि के अभाव के कारण समय पर बिजली के बिल का भुगतान नहीं किया जाता है। इससे नगरीय निकायों और विभाग को हर वर्ष अनावश्यक ही सरचार्ज व एरियर्स की राशि के रूप में बिजली विभाग को अतिरिक्त राशि का भुगतान करना पड़ता है। ऊर्जा और बिजली बिल के ऑडिट से इनकी बचत के उपाय करने में सहूलियत होगी। श्री साव ने बिजली बचाने और इसके खर्च में कमी लाने के लिए नगरीय निकायों में पारंपरिक ऊर्जा के बदले ग्रीन एनर्जी के उपयोग को बढ़ावा देने को कहा है। इससे निकायों का खर्च घटने के साथ ही पर्यावरण भी सुधरेगा। उप मुख्यमंत्री ने चरणबद्ध तरीके से एनर्जी ऑडिट का कार्य थर्ड पार्टी प्रोफेशनल एजेंसीज से कराने के निर्देश दिए हैं।

शहरी क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति और स्ट्रीट लाइटिंग जैसी विभिन्न जन सुविधाओं के संचालन के लिए नगरीय निकायों मे बड़ी संख्या में विद्युत कनेक्शन लिए गए हैं। विद्युत विभाग द्वारा प्रदेश के सभी 184 नगरीय निकायों में इसके लिए हजारों की संख्या में बिजली के मीटर लगाए गए हैं। इन मीटरों के माध्यम से हर महीने मीटर रीडिंग कर बिजली विभाग द्वारा बिजली का बिल निकायों को प्रेषित किया जाता है। निकायों द्वारा प्रति माह एक बड़ी राशि विद्युत देयकों के रूप में व्यय की जाती है। कई बार सरचार्ज और एरियर्स के रूप में भी बिजली विभाग को अतिरिक्त राशि का भुगतान निकायों और नगरीय प्रशासन विभाग को करना पड़ता है। विभाग द्वारा नगरीय निकायों में बिजली बिल के समायोजन के लिए बिजली विभाग को हर साल लगभग 100 करोड़ रुपए से 200 करोड़ रुपए की राशि हस्तांतरित की जाती है। वर्तमान में करीब 800 करोड़ रुपए का भुगतान लंबित होने के कारण सरचार्ज की राशि में लगातार वृद्धि हो रही है।

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने इस स्थिति को देखते हुए विभागीय समीक्षा बैठक में नगरीय निकायों के बिजली बिलों के ऑडिट तथा एनर्जी ऑडिट कराने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं। इससे प्रत्येक निकाय के बिजली बिल के ऑडिट से वास्तविक विद्युत खपत और अनावश्यक रूप से सरचार्ज हेतु किए जा रहे भुगतान का स्पष्ट आंकलन किया जा सकेगा। ऑडिट के बाद विद्युत की खपत घटाने और सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए जाने के लिए नीति भी तैयार की जाएगी। विद्युत खपत घटाने और सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए जाने से लंबी अवधि में लगभग 800 करोड़ रुपए से एक हजार करोड़ रुपए की बचत होगी। साथ ही ग्रीन एनर्जी के उपयोग से निकायों को कार्बन क्रेडिट भी प्राप्त होगा। श्री साव ने कहा कि इस तरह बचाई गई राशि से निकायों में अधोसंरचना विकास के अन्य कार्य तथा नागरिकों को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए नई योजनाएं शुरू की जा सकेंगी। निकायों में ऊर्जा प्रबंधन में सौर उर्जा को शामिल करने एवं ताप ऊर्जा के उपयोग में कमी से पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा भी मिलेगा।

सौर ऊर्जा के अधिकतम उपयोग से नगरीय निकायों को ऊर्जा दक्ष बनाने के निर्देश, पायलेट परियोजना के लिए तैयार की जा रही है कार्ययोजना

उप मुख्यमंत्री अरूण साव ने सौर ऊर्जा के अधिकतम उपयोग से नगरीय निकायों को ऊर्जा दक्ष बनाने के निर्देश दिए हैं। नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा निकायों में विद्युत खपत की वास्तविक जानकारी जुटाने हेतु एनर्जी ऑडिट कराने के लिए पायलेट परियोजना की कार्ययोजना तैयार की जा रही है। एनर्जी ऑडिट के माध्यम से नगरीय निकायों में बिजली की वास्तविक खपत और व्यवस्था में व्याप्त अनियमितताओं, कमियों की पहचान तथा विद्युत देयकों के विश्लेषण के बाद विद्युत दक्ष (Energy Efficient) उपकरणों के प्रयोग को बढ़ावा देने, विद्युत खपत में कमी से देयकों में मितव्यता तथा चरणबद्ध तरीके से सौर ऊर्जा प्रणाली जैसी वैकल्पिक व्यवस्था को अपनाया जाएगा। भारत सरकार द्वारा भी पारंपरिक ऊर्जा के स्थान पर सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए पीएम कुसुम, पीएम सूर्योदय तथा पीएम सूर्यघर जैसी अभिनव योजनाएं प्रारंभ की गई हैं।