*श्री शतचंडी महायज्ञ का तीसरा दिन,दूसरों की भलाई के समान कोई धर्म
कमलेश मेहरोत्रा
सीतापुर- क्षेत्र के ग्राम धौरहरा में चल रही श्री शतचंडी महायज्ञ व विराट संत सम्मेलन के तृतीय दिवस की शुभ बेला पर आचार्य राधा मोहन अवस्थी ने कहा कि दूसरों की भलाई के समान कोई धर्म नहीं है और दूसरों को दुख पहुंचाने के समान कोई पाप नहीं है।
इस मौके पर उन्होंने गिद्धराज जटायु की कथा का विस्तार से वर्णन किया उन्होंने कहा कि, जो व्यक्ति दूसरों की भलाई करता है, भगवान कि उस व्यक्ति पर विशेष कृपा होती है। कथा व्यास ने कहा कि, हमे यह ध्यान रखना चाहिए कि सांसारिक सुखों का भोग करतें हुए भी आप दयावान हों और सबके प्रति प्रेम की भावना रखैं। भागवताचार्य अखिलेश अवस्थी ने कहा कि, जिन्हें गोविंद जितना प्रदान करते हैं उसे उतना ही मिलता है, अगर आप भागवत कथा सुनकर कुछ पाना चाहते हैं कुछ सीखना चाहते हैं तो कथा में प्यासे बनकर आए कुछ सीखने के उद्देश्य और कुछ पाने के उद्देश्य से तो भागवत कथा जरूर आपको कुछ नहीं बल्कि बहुत कुछ प्रदान करेगी। इस मौके पर यजमान उमेश दीक्षित, आशाराम शुक्ल, शैलेंद्र दीक्षित ,सूर्य प्रसाद दीक्षित व अंकित दीक्षित सहित काफी संख्या में भक्तगण मौजूद थे।











Jun 08 2024, 19:48
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