शिक्षा विभाग के नये अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने जारी किया आदेश, जानिए पूरा डिटेल

डेस्क : शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के.के पाठक के लंबी छुट्टी पर जाने के बाद शिभा विभाग के अपर मुख्य सचिव का प्रभार डॉ. एस सिद्धार्थ को दिया गया है। अब उन्होंने एक आदेश जारी किया है। जिसमें कहा गया है कि सभी जिलों में कार्यरत शिक्षा विभाग के हर पदाधिकरी और कर्मचारी को दस से 15 स्कूलों के निरीक्षण की जिम्मेदारी मिलेगी। तीन महीने तक इन्हीं 10-15 स्कूलों का निरीक्षण करेंगे और संपूर्ण देखरेख में वह रहेंगे। उप विकास आयुक्त जिलों के कार्यरत कर्मियों को स्कूल का आवंटन करेंगे। 

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने बीते गुरुवार को इसे लेकर सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को पत्र जारी किया है। जिसमें विभाग ने साफ कहा है कि स्कूलों की निरीक्षण व्यवस्था को और सशक्त किया जाएगा। उन्होंने कहा है कि पदाधिकारियों और कर्मियों को जिन स्कूलों की जिम्मेदारी मिलेगी, वह पूरा समय देंगे और संपूर्णता में अवलोकन करेंगे। साथ ही प्रधानाध्यापक से बात कर स्कूल संचालन में आने वाली कठिनाई पर विमर्श करेंगे और बेहतर शैक्षणिक वातावरण तैयार करेंगे। 

साथ ही विद्यार्थियों के पास पाठ्यपुस्तक की उपलब्धता, विद्यार्थियों के नामांकन की स्थिति, अनामांकित बच्चों का नामांकन कराना, मूल्यांकन की स्थिति, बच्चों के पास आधारकार्ड की उपलब्धता आदि कार्य देखेंगे। शिक्षकों की समय पर उपस्थिति, समय-सारणी के साथ स्कूल में पढ़ाई हो रही है या नहीं, आधारभूत संरचना की स्थिति, बेंच-डेस्क की उपलब्धता आदि देखेंगे। विभाग ने यह भी निर्देश दिया है कि उप विकास आयुक्त हर तीन माह पर निरीक्षण करने वाले हर पदाधिकारी-कर्मी को स्कूल आवंटन का रोस्टर परिवर्तित करेंगे।

मौसम अलर्ट : राजधानी पटना समेत बिहारवासियों को अभी उमस भरी गर्मी से नहीं मिलेगी निजात, बीच-बीच में हो सकती है थंडरस्टॉर्म की गतिविधि*


डेस्क : बीते कुछ दिनों से एकबार फिर राजधानी पटना सहित पूरे बिहार में उमस भरी गर्मी ने लोगों का जीना मुहाल कर रखा है। तापमान में गिरावट आने के बावजूद उमस भरी गर्मी से लोग परेशान है। इसी बीच मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग के अनुसार राजधानी पटना समेत पूरे बिहार में अभी तीन दिनों यानी रविवार तक उमस भरी गर्मी का सामना करना पड़ेगा। इस दौरान दक्षिण बिहार के मुकाबले उत्तर बिहार में तापमान कम रहने के आसार हैं। उत्तर बिहार में थंडरस्टॉर्म की गतिविधि अधिक होने के कारण तापमान नियंत्रित रहेगा।वहीं दक्षिण बिहार में भी बीच-बीच में थंडरस्टॉर्म की गतिविधि हो सकती है। इस कारण कुछ घंटों के लिए उमस भरी गर्मी से राहत मिलेगी। लेकिन उसके बाद फिर उमस भरी गर्मी सताएगी। राज्यभर में औसत तापमान 38 से 40 डिग्री तक रहने का अनुमान है। पटना में गुरुवार सुबह थंडरस्टॉर्म की गतिविधि होने के कारण 30 से 35 किलोमीटर की रफ्तार से आंधी चली। इस कारण कई जगहों पर पेड़ भी गिर गए। इसमें एक लोगों के जान-माल की क्षति होने की सूचना है। सुबह के समय बादल छाया रहा। लेकिन, दोपहर बाद सूरज की तल्खी ने राजधानी वासियों को परेशान किया। प्रदेश के अधिकतर शहरों में गुरुवार को थंडरस्टॉर्म की गतिविधि होने से अधिकतम तापमान में गिरावट आई। पटना सहित 6 शहरों के अधिकतम तापमान में जहां बढ़ोतरी हुई, वहीं 29 शहरों के अधिकतम तापमान में गिरावट आई। राजधानी के अधिकतम तापमान में 0.6 डिग्री के बढ़ोतरी हुई। पटना का अधिकतम तापमान 39 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। वहीं, प्रदेश का सबसे गर्म जिला 41.1 डिग्री सेल्सियस के साथ वैशाली रहा।
नौकरी की तलाश मे जुटे युवाओं के लिए खुशखबरी : जल्द ही स्वास्थ्य विभाग में इन पदों पर 45 हजार होगी बहाली*

डेस्क : नौकरी की तलाश में जुटे युवाओं के लिए बड़ी खुशखबरी है। जल्द ही उन्हें स्वास्थ्य विभाग में जॉब मिलने का मौका मिल सकता है। इसका एलान राज्य सरकार की ओर से किया गया है। दरअसल लोकसभा चुनाव के कारण आचार संहिता लागू होने के वजह से अबतक किसी भी सरकार एलान पर रोक लगी हुई थी। लेकिन चुनाव के समापन के बाद अब आचार संहिता भी खत्म हो गया। अब राज्य में स्वास्थ्य विभाग से जुड़े 45 हजार पदों पर बहाली होगी। इसमें 21 हजार 387 एएनएम और जीएनएम के पद शामिल हैं। इसके अलावा चिकित्सक, दंत चिकित्सक, नर्स, एएनएम, जीएनएम, सीएचओ और पारा मेडिकल सहित अन्य रिक्त पदों पर नियुक्ति होगी। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने चार माह में बहाली प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया है। गुरुवार को स्वास्थ्य मंत्री ने विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि रिक्त पदों का रोस्टर तय करते हुए नियुक्ति पूरा कराएं। *इन पदों पर होगी बहाली* मिली जानकारी के अनुसार एएनएम और जीएनएम के अलावा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत 1339 सहायक प्राध्यापक, 3523 विशेषज्ञ चिकित्सा पदाधिकारी, 396 सामान्य चिकित्सा पदाधिकारी नियुक्त किए जाएंगे। संविदा के आधार पर 1290 सामान्य चिकित्सा पदाधिकारी की बहाली होगी।
लोकसभा चुनाव में निर्दलिए ने कई सीटों पर बिगाड़ा समीकरण : कही दिग्गजों की हुई हार तो कही तीसरे स्थान पर खिसके

डेस्क : बिहार में इसबार के लोकसभा चुनाव में निर्दलियों ने सभी दलों के समीकरण को बिगाड़ने मे बड़ी भूमिका निभाई। नतीजा यह हुआ कि निर्दलियों के चुनाव मैदान में आने के कारण जहां कई दिग्गज नेताओं को हार का सामना करना पड़ा। वही कई तीसरे स्थान पर खिसक गए। 

काराकाट में बीजेपी से टिकट नही मिलने के कारण भोजपुरी अभिनेता पवन सिंह निर्दलिए चुनाव मैदान में उतर गए। उनकी चुनावी सभा भीड़ तो बड़ी जुटी, लेकिन वे मैदान तो नहीं मार पाए। बदले में एनडीए प्रत्याशी उपेन्द्र कुशवाहा की हार जरुर हो गई। वहीं इसका फायदा माले प्रत्याशी राजाराम सिंह को मिला और वे 3 लाख 80 हजार 581 वोट लाकर चुनाव जीत गए। निर्दलीय पवन सिंह को 2 लाख 74 हजार 723 और तीसरे स्थान पर रहे रालोमो प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा को 2 लाख 53 हजार 876 मत मिले। 

इसी तरह सीवान में एनडीए प्रत्याशी विजयलक्ष्मी देवी को 3 लाख 86 हजार 508 मत मिले। वहीं। राजद छोड़ निर्दलिए प्रत्याशी के तौर चुनाव लड़ी हेना शहाब को 2 लाख 93 हजार 651 और राजद के अवध बिहारी चौधरी को 1 लाख 98 हजार 823 मत मिले। इस तरह राजद के वरिष्ठ नेता और साफ-सुथरी छवि होने के बावजूद अवध बिहारी चौधरी तीसरे स्थान पर खिसक गए। हेना शहाब ने राजद के वोट बैंक में ही बड़ी सेंध लगाई। जिसका सीधा फायदा जदयू की विजय लक्ष्मी को हुआ। 

बक्सर और सारण में भी जीत का अंतर निर्दलीय को मिले मत से कम रहा। बक्सर में आनंद मिश्रा ने एनडीए तो ददन यादव ने महागठबंधन के वोटबैंक में सेंधमारी की। यहां राजद के सुधाकर सिंह ने भाजपा के मिथिलेश तिवारी को 30 हजार मतों से हराया। निर्दलीय आनंद मिश्रा को 47 हजार 409 और ददन यादव को 15836 मत मिले।

चुनाव से ठीक पहले कांग्रे मे अपनी पार्टी का विलय करने वाले पप्पू यादव को महागठबंधन से टिकट नहीं मिला और निर्दलिए मैदान में उतर गए। उन्होंने जीत भी हासिल कर ली। उनके निर्दलिए मैदान में आने से सीधा नुकसान संतोष कुशवाहा को हुआ और चुनाव हार गए।

बिहार के विस, विप और राज्यसभा के खाली हुए इन सीटों पर जल्द होगा उपचुनाव

डेस्क : लोकसभा चुनाव में इसबार कई विधायक, विधान पार्षद और राज्यसभा सांसद ने चुनाव लड़े थे। इनमें कुछ को जीत हुई है। अब लोकसभा परिणाम घोषित होने के साथ ही यह भी तय हो गया कि बिहार में विधानसभा की चार सीटों पर उपचुनाव होगा। इसके अलावा राज्यसभा की दो सीटें और विधान परिषद की एक सीट पर भी उपचुनाव होना तय हो गया है। खाली हुए इन पदों को भरने की कार्रवाई जल्द ही शुरू होगी।

लोकसभा चुनाव में विभिन्न दलों से दर्जनभर विधायकों ने किस्मत आजमाई थी। सबसे अधिक राजद के टिकट पर ही विधायकों ने चुनाव लड़ा था। हालांकि सभी को सफलता हाथ नहीं लगी। राजद के दो विधायक लोकसभा के लिए चुने गए। रामगढ़ के राजद विधायक सुधाकर सिंह बक्सर से लोकसभा का चुनाव जीते हैं। अब रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव होना तय है। इसी तरह बेलागंज के राजद विधायक सुरेन्द्र प्रसाद यादव जहानाबाद से लोकसभा का चुनाव जीते हैं। इस कारण बेलागंज में उपचुनाव होना तय है।

वहीं, हम के संरक्षक व पूर्व उपमुख्यमंत्री जीतन राम मांझी इमामगंज (सुरक्षित) के विधायक हैं। मांझी गया (सुरक्षित) लोकसभा सीट से चुनाव जीते हैं। ऐसे में इमामगंज में उपचुनाव होना तय है। इसी तरह तरारी के विधायक सुदामा प्रसाद आरा से लोकसभा का चुनाव जीत चुके हैं। इस कारण तरारी में उपचुनाव होना तय है। 

राज्यसभा के दो सांसद भी लोकसभा के लिए चुने गए हैं। इसमें राजद की डॉ. मीसा भारती और भाजपा के विवेक ठाकुर हैं। मीसा भारती वर्ष 2022 में दुबारा राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुई थीं। उनका कार्यकाल अभी 2028 तक है। वहीं भाजपा के विवेक ठाकुर अप्रैल 2020 में राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुए थे। अभी इनका दो साल का कार्यकाल बचा हुआ है। मीसा और विवेक ठाकुर के बचे हुए कार्यकाल के लिए जल्द ही उपचुनाव होंगे।

20 वर्षों के बाद भी सीएम नीतीश की लोकप्रियता-विश्वसनीयता बरकरार, जदयू एनडीए में है और आगे भी रहेगा : विजय चौधरी

डेस्क : लोकसभा चुनाव में बिहार में जदयू का काफी बेहतर प्रदर्शन रहा है। जदयू के प्रदर्शन का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वह केन्द्र में सरकार बनाने के लिए किंग मेकर की भूमिका में है। वहीं जिस सीएम नीतीश कुमार को लेकर विपक्ष लगातार हमलावर था वहीं अब उन्हें अपने पक्ष में करने की लगातार कोशिश कर रहा है। इसी बीच जदयू का बड़ा बयान सामने आया है। 

जदयू की ओरके वरिष्ठ नेता और संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा है कि एनडीए 2025 का विधानसभा चुनाव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही लड़ेगा। यह आईने की तरह साफ है कि बिहार में एनडीए का नेता नीतीश कुमार ही रहेंगे। जदयू एनडीए में है और आगे भी रहेगा।

श्री चौधरी बुधवार को जदयू प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि 2024 लोकसभा चुनाव में बिहार के नतीजों के निहितार्थ और संदेश बिल्कुल स्पष्ट हैं। पहला यह है, बिहार की जनता ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के फिर से एनडीए में वापस आने के फैसले को सही करार देकर उसपर मुहर लगा दी है। दूसरा कि आज भी बिहार के लोग नीतीश कुमार के नेतृत्व एवं उपलब्धियों को पसंद करते हैं। 

उन्होंने कहा कि बिहार में एनडीए की शानदार जीत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता और उनके काम के साथ-साथ नीतीश कुमार के विकासकार्यों का मिलाजुला परिणाम है। इस चुनाव में हमारी पार्टी के प्रदर्शन को लेकर लोग तरह-तरह की बातें करते थे, लेकिन चुनाव परिणाम आने के बाद अब विरोधियों की आंखें खुल गई हैं। 

श्री चौधरी ने कहा कि यह स्पष्ट है कि 20 वर्षों के बाद भी नीतीश कुमार की लोकप्रियता एवं विश्वसनीयता आज भी जनता के दिलों में बरकरार है। लोकसभा चुनाव का नतीजा अगले वर्ष बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भी शुभ संकेत है।

उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान बिहार के लगभग सभी लोकसभा क्षेत्रों में हमें जाने का मौका मिला, लेकिन कहीं भी किसी ने नीतीश कुमार के काम और उनकी ईमानदारी पर कोई सवाल खड़ा नहीं किया। 19 वर्षों तक लगातार सत्ता में रहने के बावजूद भी किसी भी नेता के लिये यह आसाधरण उपलब्धि है।

विजय चौधरी ने कहा कि लोकसभा चुनाव में कुछ सीटों पर हमलोगों की हार हुई है, जिसका मलाल है। पर, कुल मिलाकर बिहार में आया परिणाम संतोषप्रद है, जिसके लिए बिहार की जनता को साधुवाद है।

यूपी में मारा गया बिहार का कुख्यात 2 लाख का इनामी, बिहार एसटीएफ की सूचना पर यूपी एसटीएफ और पुलिस की टीम ने एनकाउंटर मे किया ढेर

डेस्क : बिहार के बेगूसराय जिले का निवासी कुख्यात 2 लाख का इनामी नीलेश राय पुलिस मुठभेड़ में मारा गया है। नीलेश राय का एनकाउंटर यूपी की नोएडा एसटीएफ और जिला पुलिस की टीम ने की है। 

बताया जा रहा है कि यूपी मुजफ्फरनगर जिले के रतनपुरी थाना क्षेत्र में बड़ी वारदात को अंजाम देने जा रहे तीन बदमाशों से नोएडा एसटीएफ और रतनपुरी पुलिस की मुठभेड़ हुई। मुठभेड़ में बेगूसराय निवासी दो लाख का इनामी मारा गया। जबकि, उसके दो साथी अंधेरे का फायदा उठाकर जंगल में फरार हो गए।

मृतक के पास से दो पिस्टल और एक बाइक बरामद हुई है। मारा गया बदमाश नीलेश राय, गोपाल राय उर्फ गोपाल सिंह का बेटा था। वह बेगूसराय में गढ़हरा के बररामपुर टोले का रहने वाला था। उस पर बेगूसराय समेत बिहार के कई थानों में हत्या, रंगदारी, डकैती के 16 मामले दर्ज थे। वह काफी समय से बिहार से फरार चल रहा था। 

देर रात बिहार एसटीएफ ने नोएडा एसटीएफ को सूचना दी कि बेगूसराय से फरार इनामी अपने साथियों के साथ किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने जा रहा है। बिहार एसटीएफ उसके पीछे पहले से ही लगी हुई थी। रतनपुरी पुलिस ने एक बाइक से जा रहे तीन संदिग्धों को रुकने को कहा तो उन्होंने फायरिंग कर दी। पुलिस की जवाबी कार्रवाई में एक बदमाश मारा गया।

मौसम अलर्ट : राजधानी पटना मे बदला मौसम का मिजाज, तेज आंधी से तापमान में आई गिरावट

डेस्क : बिहार में अचानक से मौसम का मिजाज बदल गया है। राजधानी पटना में तेज आंधी चल रही है। वहीं बारिश के आसार भी नजर आ रहे है। 

तेज आंधी से तापमान में गिरावट आई है। आसमान में काले बादल छाए हुए है। ऐसे आसार नजर आ रहे है कि यहां झमाझम बारिश हो सकती है। 

मौसम के इस बदले मिजाज से लोगो ने राहत की सांस ली है। पिछले कई दिनों से तेज धूप और उमश भरी गर्मी ने लोगों का जीना-मुहाल कर रखा है। पूरा जन-जीवन अस्त-व्यस्त है। इंसान से लेकर पशु-पक्षी तक भीषण गर्मी से बेहाल है। हालांकि आज मौसम के बदले इस मिजाज से गर्मी से बड़ी राहत मिल सकती है।

लोकसभा परिणाम आते ही आलोचना झेल रहे नीतीश बने किंगमेकर, बिहार से दिल्ली तक विपक्ष लगा रहा जल्दी वापस आओ के नारे


डेस्क : कलतक विपक्ष की घोर आलोचना झेल रहे बिहार के मुख्यमंत्री लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद किंगमेकर बनकर सामने आए है। आलम यह है कि कल तक जो राजद-कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दल उनकी जमकर आलोचना कर रहे थे और उनका राजनीतिक अस्तित्व खत्म होने की बात कर रहे थे वही अब पलक बिछाए उन्हें अपने साथ आने का आग्रह कर रहे है। स्थिति यह है कि राजद के बड़े नेता यह कह रहे है कि इंडी गठबंधन की नींव नीतीश कुमार ने ही रखी थी। वहीं दिल्ली में कांग्रेस कार्यालय के बाहर नीतीश जल्द साथ आओ हम तुम्हारे साथ है के नारे लगा रहे है।


दरअसल इसबार लोकसभा चुनाव परिणाम ऐसा आया है जिसकी कल्पना न तो सत्ता पक्ष ने की थी और न ही विपक्ष ने। सत्ताधारी एनडीए ने 400 पार का नारा दिया था लेकिन स्थिति यह रही कि 300 भी पार नहीं कर पाई। हालांकि बीजेपी 240 सीट लाकर सबसे बड़ी पार्टी के रुप में सामने आई है, लेकिन अकेले बहुमत के आंकड़े से 32 सीट पीछे है। ऐसे मे एनडीए के साथ जदयू और टीडीपी की भूमिका अहम हो गई है। यदि ये दोनो दल विपक्ष के साथ चले जाते है तो एनडीए की सरकार नही बन पायेगी।

इधर विपक्ष इस कोशिश में पुरजोर तरीके से लगी हुई है कि नीतीश कुमार उनके साथ आ जाए तो एनडीए को सत्ता से दूर किया जा सकता है। हालांकि जदयू और टीडीपी ने अभीतक यह साफ कर रखा है कि वे एनडीए के साथ है। 


कल चुनाव परिणाम आने के साथ ही राजद के राज्यसभा सांसद मनोज झा का नीतीश कुमार के प्रति सुर बदल गया था। जो मनोज झा पिछले दिनो राजद का साथ छोड़ एनडीए के साथ जाकर सरकार बनाने के बाद लगातार आलोचना करते नही थकते थे। वही मनोज झा ने कहा कि नीतीश कुमार का कद काफी बड़ा है। उन्होंने इंडी गठबंधन की नींव रखी थी। जिसका परिणाम सामने है।

वहीं आज दिल्ली में जहां एनडीए और इंडी गठबंधन दोनो की बैठक हो रही है। वहां कांग्रेस कार्यालय के बाहर नीतीश बाबू पलटी मारो...हम तुम्हारे साथ हैं...., नीतीश बाबू जल्दी आओ...जल्दी आओ...जल्दी आओ....के नारे कांग्रेस कार्यकर्ताओं के द्वारा लगाए जा रहे हैं। कांग्रेस कार्यालय के बाहर सैकड़ों समर्थक खड़े होकर यह नारे लगा रहे हैं। वहीं कार्यालय में कांग्रेस नेता राहुल गांधी अन्य कांग्रेस नेताओं के साथ बैठक कर रहे हैं। वहीं बाहर कार्यकर्ता नारे बाजी कर रहे हैं। यह वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है।

दिल्ली के 24 अकबर रोड स्थित कांग्रेस मुख्यालय में नीतीश कुमार को महागठबंधन में वापस लाने के लिए नारेबाजी हो रही है। वहीं कार्यालय के अंदर राहुल गांधी कांग्रेस नेताओं के साथ मीटिंग कर रहे हैं। बाहर नारेबाजी हो रही है। कार्यकर्ता नारे लगा रहे हैं कि नीतीश कुमार पलटी मारो हम तुम्हारे साथ हैं...नीतीश बाबू जल्दी आओ...जल्दी आओ।

बहरहाल जनवरी 2024 में सीएम नीतीश कुमार के महागठबंधन से नाता तोड़कर बीजेपी में शामिल होने का फैसला लिया जाने के बाद जिस तरह से उनकी आलोचना हो रही थी। राजद द्वारा भी सीएम की पार्टी को लेकर कई आरोप लगाए गए। उसके बाद कुछ दिनों से तो ऐसा माना जाने लगा कि सीएम नीतीश की प्रासंगिकता लगभग खत्म हो चुकी है। लोकसभा चुनाव के रिजल्ट के बाद सीएम नीतीश की पार्टी जदयू का कोई खासा मोल बिहार की राजनीति में नहीं रह जाएगा।  लेकिन हुआ ठीक इसका उल्टा।

लोकसभा चुनाव में जदयू ने अपने कोटे के 16 में 12 सीट और 40 में 30 सीट जीतकर जहां एनडीए की बिहार में साख बचा ली। वहीं यह साबित हो गया कि बिहार में नीतीश कुमार की प्रासंगिकता अभी खत्म नही हुई है। जनता का विश्वास अभी नीतीश कुमार में कायम है। बिहार में हर हाल में नीतीश कुमार को साथ लेकर चलना होगा।
25 वर्ष बाद इस चुनाव में आया फिर यह अवसर, बिहार से एकसाथ 5 महिलाएं बनी सांसद*,

डेस्क : इसबार के चुनाव में कई बड़े उलट-फेर हुए है। जहां एनडीए गठबंधन खासकर बीजेपी को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है। उसके कई दिग्गज नेताओं की हार हो गई है। वहीं पच्चीस वर्षों के बाद सूबे से पांच महिला सांसद बनी है। इसके पहले 1999 के लोकसभा चुनाव में बिहार से 5 महिला सांसद बनी थी। हालांकि, तब बिहार और झारखंड एक थे। राज्य के बंटवारे के बाद यह पहला अवसर है जब एक साथ 5 महिला जीत हासिल कर लोकसभा पहुंच रही हैं। इसबार जदयू की ओर सीवान से विजय लक्ष्मी, शिवहर से लवली आनंद को टिकट दिया था। इनदोनो ने चुनाव में जीत हासिल की है। वहीं लोजपा (आर) ने समस्तीपुर से शांभवी चौधरी और वैशाली से वीणा देवी को प्रत्याशी बनाया था। दोनो चुनाव जीत गई है। वही पिछले दो बार से पाटलिपुत्र से हार का सामना कर रही राजद की मीसा भारती इसबार चुनाव जीत संसद भवन पहुंच गई है। पिछले 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में वीणा देवी, रमा देवी और कविता सिंह ने जीत प्राप्त की थी। इस बार महिलाओं ने अच्छा प्रदर्शन किया है। इस चुनाव में 39 महिला उम्मीदवार मैदान में थीं। वहीं इसबार सीवान से निर्दलीय के तौर पर मैदान में उतरी हेना शहाब ने अपनी ताकत दिखायी। वे मुख्य लड़ाई में रहीं और जदयू के बाद दूसरे स्थान पर थी। उनके कारण राजद को तीसरे स्थान से संतोष करना पड़ा।