चुनाव विश्लेषण: कल्पना की झारखंड राजनीति में बढ़ता कद,और कई सीट पर भाजपा की हार से प्रभावित होगा आगामी विधानसभा चुनाव...?
झारखंड राज्य में लोकसभा की पिछली बार की 12 सीटों में से तीन सीट भाजपा हार गई। दुमका, लोहरदगा और खूंटी में भाजपा की हार इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव में परेशानी उत्पन्न करने वाली है।
खास बात यह है कि गांडेय विधानसभा के उपचुनाव में झामुमो प्रत्याशी कल्पना सोरेन 25 हजार वोटों से चुनाव जीत गईं।
पार्टी कल्पना सोरेन के सामने कोई चुनौती नहीं खड़ी कर सकी। हालांकि, पलामू में भाजपा प्रत्याशी बीडी राम और चतरा में कालीचरण सिंह की जीत से वहां विधानसभा चुनाव में मदद मिलने की उम्मीद है।
कोल्हान और संताल में पहले से कमजोर है भाजपा
साल 2019 में हुए विधानसभा उपचुनाव में भाजपा को कोल्हान और संताल क्षेत्र से निराशा हाथ लगी थी। बाबूलाल मरांडी के भाजपा में शामिल होने और प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद पार्टी को आदिवासी बहुल क्षेत्र में बढ़त की उम्मीद थी। लेकिन लोकसभा चुनाव परिणाम ने पार्टी को निराश किया है।
अगर झामुमो-कांग्रेस गठबंधन इसी तरह से विधानसभा का चुनाव लड़ता है तो भाजपा को उनके किले को तोड़ने में परेशानी होगी। पार्टी ने इस बार अपने दो विधायक मनीष जायसवाल और ढुलू महतो को टिकट दिया था जो जीत गए हैं। इन दो सीटों पर भी नए उम्मीदवार तलाशने की चुनौती पार्टी के समक्ष होगी।
Jun 07 2024, 10:55