साहब गटक रहे मिनरल वाटर, मरीज तरस रहे बूंद बूंद पानी को यह हाल है जिला चिकित्सालय अयोध्या का
अयोध्या ।जिला अस्पताल अयोध्या मे पेयजल की समस्या को लेकर मची है हायतोबा बाजार से शीतल जल खरीदने को मजबूर हो रहे मरीज व तीमारदार अयोध्या भीषण गर्मी मे जहाँ जल ही जीवन का सहारा बताया जाता है। खुद चिकित्सक ही अधिक से अधिक जल का सेवन करने की सलाह देते हैं, लेकिन अयोध्या के जिला अस्पताल मे पेयजल को लेकर त्राहि त्राहि मची है।
यहां साहब गटक रहे हैं मिनरल वाटर और मरीज एवं अस्पताल आने वाले तीमारदारों को आरओ या हैंडपम्प का शुद्ध व शीतल जल भी नसीब नही हो रहा है। कई बार तीमारदारों ने अस्पताल प्रशासन से इस सम्बन्ध मे शिकायत की किन्तु शिकायतों पर कोई ध्यान ही नहीं दिया जा रहा है। और ऐसा तब हो रहा है जब हीट स्ट्रोक का खतरा पूरे जिले को अपनी चपेट मे लिए है। खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूरे प्रदेश मे पेयजल की कमी न होने देने की सख्त हिदायत दी है जिला अस्पताल अयोध्या मे लगभग पांच वर्ष पूर्व लगभग 20 लाख रुपये की लागत से आरओ प्लांट लगाया गया था, जो एक वर्ष बाद खराब हो गया।
उसे दोबारा बनवाने के लिए अस्पताल प्रशासन ने कोई कदम नही उठाया। समाजसेवी हरि कृष्ण अरोडा ने अपने स्वर्गीय पुत्र की याद मे एक आरओ लगवाया था। वह भी रखरखाव के अभाव मे खराब हो गया। बीते वर्ष एक समाज सेवी संस्था ने एक आरओ लगवाया। वह स्थापित होने के एक माह बाद से खराब है। उसे भी ठीक कराने को अब तक कोई प्रयास नहीं किया गया। इसके अलावा दो वाटर कूलर लगाये गये थे उनमे एक बनवाने के नाम पर अस्पताल से गायब कर दिया गया। वैसे तो जिला चिकित्सालय मे आधा दर्जन स्थानों पर इंडिया मार्क नल लगे हैं।
उनमे भी दो को छोड़ सभी नल खराब हैं। उनको भी बनवाने का कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है। पानी की किल्लत को देख अस्पताल आने वाले लोग बाजार से बोतल का पानी खरीदने को मजबूर हैं जिला अस्पताल के वार्डों मे भी बनी रहती है पानी की किल्लत
जिला अस्पताल के वार्डों मे भी अधिकतर पानी की किल्लत रहती है।
मरीज व तीमारदारों को शौच आदि के लिए भी पानी नहीं मिल पाता है क्या कहते हैं जिम्मेदार अधिकारी
प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डा उत्तम कुमार से जब जिला चिकित्सालय मे पेयजल के संकट को लेकर जानकारी की गई तो उन्होंने कहा कि एक आरओ चल रहा है। ब्लड बैंक के पास भी एक वाटर कूलर चल रहा है। नल भी चल रहे है। प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक के इस बयान की हकीकत देखना है तो जिला अस्पताल मे पेयजल की व्यवस्था को किसी भी समय परखा जा सकता है कि प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक के दावे मे कितना दम है।
हकीकत यह है कि अस्पताल मे शुद्ध व शीतल जल तलाशे नहीं मिलेगा। अधिकारी कोरी बयान बाजी कर हकीकत पर पर्दा डालने का काम कर रहे हैं।
Jun 05 2024, 18:15