रामविवाह की कथा सुन आनन्दित हुये श्रोता जय श्रीराम के लगे जयकारे
कृष्णपाल (के डी सिंह),पिसावां ( सीतापुर) रौना के दानेश्वर बाबा मंदिर पर चल रही नवम श्रीरूद्र महायज्ञ के दौरान मानस मर्मज्ञ महेंद्र मधुकर महाराज ने प्रभु श्रीराम के विवाह का बड़ा ही रोचक वर्णन किया।कथा सुनकर श्रोता आनन्दित हो उठे। कथावाचक ने कहा कि जनकपुर के राजा जनक ने यह घोषणा किया था कि जो भी शिव जी के धनुष को उठा लेगा उसी के साथ मैं अपनी पुत्री सीता का विवाह करूंगा।
यह घोषणा सुनकर देश-विदेश के बड़े-बड़े राजा -महाराजा धनुष यज्ञ में शामिल होने के लिए पहुंचे। लाख कोशिशें के बाद भी कोई धनुष को हिला तक भी नहीं सका।यह देखकर राजा जनक को अपने घोषणा पर पश्चाताप होने लगा। उन्होंने सोचा कि शायद यह धरती वीरों से खाली है। अंत में अपने गुरु विश्वामित्र से आज्ञा लेकर राम ने धनुष को उठा लिया। वहीं धनुष उठाते ही वह खंडित भी हो गया।
यह देखकर देवता लोग खुशियों से फूलों की वर्षा करने लगे।अब सभी जनकपुर वासी खुशियों से झूम उठे। वहीं सीता ने राम के गले में जयमाला डाल दी।इस प्रकार धूमधाम से विवाह संपन्न हुआ। लालाराम यादव, श्रीकृष्ण यादव , दिलीप कुमार राजवीर सिंह, पुत्तीलाल, शिवराम, आदि मौजूद रहे।
Jun 05 2024, 18:09