*ये है प्रदेश के वीवीआईपी बूथ, जहां कल 1 जून को राज्यपाल, सीएम समेत कई दिग्गज नेता अपने मत का करेंगे प्रयोग

डेस्क : लोकसभा चुनाव अब अपने अंतिम चरण में है। कल 1 जून शनिवार को सातवें और अंतिम चरण का मतदान होना है। कल जिन 8 लोकसभा सीटों पर मतदान होगा उनमें पाटलिपुत्र, पटना साहिब के साथ जहानाबाद, आरा, बक्सर, काराकाट, नालंदा और सासाराम शामिल है। 

पटना साहिब और पाटलिपुत्रा संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले मतदान केन्द्रों पर राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद और उनका पूरा परिवार सहित कई दिग्गज अपने मत का प्रयोग करेंगे। बिहार के राज्यपाल और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पटना के वीआईपी बूथ राजभवन के मतदान केंद्र पर मतदान करेंगे। 

मतदान केन्द्र कन्या मध्य विद्यालय राजभवन को पूरी तरह तैयार कर लिया गया है। राज्यपाल और सीएम यहां मतदान करेंगे। गर्मी को देखते हुए बूथ पर शेड और पंखे की व्यवस्था की गई है। वहीं पटना में अन्य जगहों पर भी आदर्श बूथ बनाया गया है। मालूम हो कि इस बार वोटिंग प्रतिशत कम आंकी गई है। ऐसे में पटना में वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने के लिए हरसंभव कोशिश जारी है। 

वहीं दूसरी ओर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी अपने मत का प्रयोग करने के लिए पटना स्थित वेटनरी कॉलेज पर मतदान करेंगे। बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय में वीआईपी बूथ बनाया गया है। इस मतदान केन्द्र पर लालू परिवार के साथ पहुंचेंगे। यह इलाका पाटलिपुत्र संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत दीघा विधानसभा में आता है। 

बता दें पाटलिपुत्र संसदीय क्षेत्र से राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद की बड़ी बेटी डॉ मीसा भारती राजद के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं। इनका मुकाबला बीजेपी के वर्तमान सांसद रामकृपाल यादव हैं। तीसरी बार आमने सामने हैं। पहले दो चुनावी में मीसा भारती को हार का सामना करना पड़ा था। वहीं पाटलिपुत्र से बीजेपी प्रत्याशी रामकृपाल यादव पटना साहिब बांकीपुर विधानसभा क्षेत्र के जमाल रोड स्थित मतदान केन्द्र पर अपना वोट डालेंगे।

लोकसभा चुनाव में लाल आतंक बेअसर, नक्सली क्षेत्र में न पोस्टर लगे न वोट बहिष्कार हुआ

डेस्क : लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण का मतदान कल 1 जून को होना है। 6 चरण का चुनाव राज्य में शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो गया। सबसे बड़ी बात इसबार के चुनाव में अबतक यह रही है कि कही भी लाल आतंक का असर नही दिखा। 

बीते 6 चरण के चुनाव में कई लोकसभा क्षेत्र ऐसे रहे जहां नक्सल प्रभावित एरिया बहुत ज्यादा है। या हम कह सकते है कि राज्य के वैसे जिले जो नक्सल प्रभावित है उनमे मतदान संपन्न हो चुका है। सबसे बड़ी बात यह है कि इस बार नक्सल प्रभावित सीटों पर मतदान शांतिपूर्ण रहा। लाल आतंक कहीं नहीं दिखा। लोगों ने बेखौफ होकर मतदान किया। पहले चरण की औरंगाबाद, जमुई, नवादा व गया नक्सल प्रभावित मानी जाती हैं। इनमें मतदान का प्रतिशत अमूमन ठीक रहा है। औरंगाबाद में 50.35 प्रतिशत, जमुई में 51.26 प्रतिशत, गया में 50.76 और नवादा में 43.17 प्रतिशत मतदान हुए।

इस बार किसी नक्सली संगठन ने न चुनाव बहिष्कार का न तो पोस्टर चिपकाए और न दीवारों पर मतदान या लोकतंत्र बहिष्कार की बातें ही लिखी पाई गई। कुछ वर्ष पहले तक वोट बहिष्कार करने की घटनाएं होती थीं।

पिछले चुनावों में गया, जमुई, औरंगाबाद, नवादा, मुंगेर, सीवान, पश्चिम चंपारण जैसी लोकसभा सीटों पर मतदान का समय सामान्य क्षेत्रों की तुलना में एक या दो घंटे पहले कम रखा जाता था। इस बार ऐसे बूथों की संख्या में कमी आई। इन इलाकों में प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, गृह मंत्री, रक्षा मंत्री से लेकर अन्य कई दिग्गजों की दर्जनों सभाएं भी सफलतापूर्वक संपन्न हुईं। कहीं किसी संगठन का कोई विरोध सामने नहीं आया।

बिहार में गर्मी का कहर : राजधानी पटना में 11 लोगों समेत पूरे प्रदेश 59 लोगों की गई जान

डेस्क : बिहार में आसमान से आग बरस रही है। झुलसाने वाली गर्म हवा के थपेड़ों से भी आम-खास सब हलकान हैं। भीषण गर्मी की चपेट में आने से लोगों की जानें जा रही हैं। गुरुवार को राज्य में 59 लोगों की मौत हुई। इनमें पटना के 11 शामिल हैं। औरंगाबाद में 15, भोजपुर में 10, रोहतास में आठ, कैमूर में पांच, गया में चार, मुजफ्फरपुरमें दो, बेगूसराय, बरबीघा, जमुई और सारण में एक -एकव्यक्ति की गुरुवार को जान गई। प्रदेश में बुधवार को भी लू से आठ लोगों की मौत हुई थी।

पटना जिले के अलग-अलग जगहों पर लू लगने से एक मतदानकर्मी, दो महिला समेत 11 लोगों की मौत हो गई। गुरुवार की शाम चार बजे दीघा इलाके में एक 65 साल की महिला की जान चली गई। जबकि सुबह के वक्त बुद्धा कॉलोनी थानांतर्गत जेपी सेतु पर एक हाइवा चालक ने दम तोड़ दिया। दानापुर स्टेशन पर दो, मसौढ़ी में दो लोगों की मौत भी लू से हुई। बाढ़ स्टेशन पर जहां उत्तर प्रदेश की एक महिला यात्री की जान चली गई, वहीं मोकामा स्टेशन पर तबीयत खराब के बाद इलाज के दौरान युवक ने दम तोड़ दिया। घोसवरी में एक वृद्धि की जान भी लू ने ले ली। हालांकि लू से मौत की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

इधर, पाटलिपुत्र संसदीय क्षेत्र में चुनाव कार्य में लगे मतदानकर्मी सुनील कुमार की मौत हो गई है। राज्य बीमा निगम का कर्मचारी सुनील पटना का रहने वाला था। मसौढ़ी के एसडीओ अमित कुमार पटेल ने बताया कि मतदान सामग्री लेकर वह पोलिंग पार्टी के साथ निकला था। बाहर निकलने पर लू की चपेट में आने पर अचानक तबियत बिगड़ी। मसौढ़ी के निजी अस्पताल में इलाज के बाद पटना एम्स ले जाया गया जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। 

वहीं, चुनाव ड्यूटी करने आये सात होमगार्ड जवानों की तबीयत लू लगने से बिगड़ गई। सभी को अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा। इधर, सुबह में बहादुपुर धनुष सेतु पर तैनात यातायात पुलिस का सिपाही बेहोश हो गया। अस्पताल में इलाज के बाद उसकी हालत सामान्य हुई। यातायात संचालन में तैनात एक और जवान की तबीयत खराब हो गई।

आज शाम से थम गया सातवें व अंतिम चरण का चुनाव प्रचार, शनिवार 1 जून को होगा मतदान

डेस्क : सातवें व अंतिम चरण के लिए चुनाव प्रचार का आज अंतिम दिन था। आज अंतिम दिन तमाम दलों ने चुनाव प्रचार के लिए अपनी पूरी ताकत लगा दी। वहीं शाम पांच बजे चुनाव प्रचार थम गया। अब सातवें व अंतिम चरण में बिहार की आठ लोकसभा सीटों पर शनिवार 1जून को मतदान होगा। आज शाम पांच बजे के बाद प्रत्याशी वोटर्स के दरवाजे पर जाकर अपने पक्ष में वोट की अपील कर सकते हैं।

इस चरण में बिहार की शेष 8 लोकसभा सीटों पर चुनाव होना है। जिसमें पटना साहिब, पाटलिपुत्र, नालंदा, आरा, बक्सर, सासाराम, काराकाट और जहानाबाद लोकसभा शामिल है।

गौरतलब है कि बिहार के इन आठों सीटों पर कुल 134 उम्मीदवार मैदान में हैं। इसमें 122 पुरुष और 12 महिला हैं। 23 राष्ट्रीय एवं राज्यस्तरीय दलों के तथा 68 निबंधित दलों के एवं 43 निर्दलीय प्रत्याशी भाग्य आजमा रहे हैं। सबसे अधिक नालंदा में 29 और सबसे कम सासाराम में 10 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। बसपा के 8, कांग्रेस के 2, राजद के 3, जदयू के 2, भाजपा के 5 और भाकपा-माले के 3 उम्मीदवार हैं।

 

सातवें चरण के लिए शेष पांच सीटों पर एनडीए एवं इंडिया गठबंधन के उम्मीदवारों के बीच सीधी टक्कर है। आखिरी चरण में केंद्रीय मंत्री आरके सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा, रामकृपाल यादव, रविशंकर प्रसाद और आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद की बेटी मीसा भारती की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। बिहार में अंतिम चरण की सभी सीटें एनडीए के पास है। लिहाजा एनडीए ने इन सीटों को बचाने के लिए पूरी ताकत झोंकी है।

वहीं, महागठबंधन ने भी इन सीटों पर कब्जे के लिए मजबूत लड़ाई लड़ रही है। इस चरण में भाजपा के केंद्रीय मंत्री आरके सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, सांसद रामकृपाल यादव और पूर्व मंत्री के बेटे शिवेश कुमार, पूर्व विधायक मिथिलेश तिवारी, पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा, सांसद मीसा भारती, पूर्व मंत्री सुधाकर सिंह, सुरेंद्र यादव, ददन पहलवान, पूर्व सांसद अरुण कुमार, सांसद चंदेश्वर प्रसाद, पूर्व लोस अध्यक्ष मीरा कुमार के पुत्र अंशुल अभिजीत की किस्मत 1 जून को ईवीएम में बंद होगी।

बिहार एसटीएफ को मिली एक और बड़ी सफलता, तीन लाख के इनामी इस कुख्यात को दबोचा

डेस्क : बिहार एसटीएफ को एक और बड़ी सफलता हाथ लगी है। एसटीएफ ने मुजफ्फरपुर पुलिस के साथ मिलकर तीन लाख के इनामी कुख्यात अपराधी रंजन ओंकार सिंह को गिरफ्तार कर लिया है।

बता दें रंजन ओंकार सिंह मुजफ्फरपुर के चर्चित प्रोपर्टी डीलर आशुतोष शाही हत्याकांड में मामले में फरार चल रहा था। पुलिस को इसकी काफी दिनों से तलाश थी। पिछले साल जुलाई महीने में प्रोपर्टी डीलर आशुतोष शाही की हत्या कर दी गई थी। नगर थाना क्षेत्र के बनारस बैंक चौक के पास वह अपने वकील के घर मौजूद थे, तभी अपराधियों ने आशुतोष शाही और उनके सुरक्षा कर्मियों पर अंधाधुंध फायरिंग की थी। इस घटना में गोली लगने से आशुतोष शाही और उनके तीन गार्ड की इलाज के दौरान मौत हो गई थी।

मामले की गंभीरता को देखते हुए मुजफ्फरपुर एसएसपी सहित तमाम आला अधिकारी मौके पर पहुंचकर मामले की जांच की थी। वही आशुतोष शाही के परिजनो ने जब अनुसंधान को लेकर नाराजगी जताई तो मामले की गंभीरता को देखते हुए केस का अनुसंधान CID को सौप दिया गया था। इस मामले में पुलिस ने कारवाई करते हुए कुख्यात मंटू शर्मा, गोविंद और अन्य कई और अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।

अब इस मामले में पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस और एसटीएफ ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए इस हत्याकांड में फरार चल रहे तीन लाख के इमानी बदमाश रंजन ओंकार सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। फिलहाल पुलिस गिरफ्त में आए शातिर बदमाश से पूछताछ कर रही है।

बिहार के 8 लोकसभा सीटों पर आज शाम से थम जाएगा प्रचार का शोर, 1 जून को इन दिग्गज प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला होगा ईवीएम बंद

डेस्क : लोकसभा चुनाव अब अपने अंतिम चरण में पहुंच गया है। सातवें और आखिरी चरण के लिए 1 जून को मतदान होना है। जिसके प्रचार का शोर गुरुवार शाम को थम जाएगा। इस चरण में बिहार की शेष 8 लोकसभा सीटों पर चुनाव होना है। जिसमें पटना साहिब, पाटलिपुत्र, नालंदा, आरा, बक्सर, सासाराम, काराकाट और जहानाबाद लोकसभा शामिल है।

गौरतलब है कि बिहार के इन आठों सीटों पर कुल 134 उम्मीदवार मैदान में हैं। इसमें 122 पुरुष और 12 महिला हैं। 23 राष्ट्रीय एवं राज्यस्तरीय दलों के तथा 68 निबंधित दलों के एवं 43 निर्दलीय प्रत्याशी भाग्य आजमा रहे हैं। सबसे अधिक नालंदा में 29 और सबसे कम सासाराम में 10 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। बसपा के 8, कांग्रेस के 2, राजद के 3, जदयू के 2, भाजपा के 5 और भाकपा-माले के 3 उम्मीदवार हैं।

 

सातवें चरण के लिए शेष पांच सीटों पर एनडीए एवं इंडिया गठबंधन के उम्मीदवारों के बीच सीधी टक्कर है। आखिरी चरण में केंद्रीय मंत्री आरके सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा, रामकृपाल यादव, रविशंकर प्रसाद और आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद की बेटी मीसा भारती की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। बिहार में अंतिम चरण की सभी सीटें एनडीए के पास है। लिहाजा एनडीए ने इन सीटों को बचाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है।

वहीं, महागठबंधन ने भी इन सीटों पर कब्जे के लिए मजबूत लड़ाई लड़ रही है। इस चरण में भाजपा के केंद्रीय मंत्री आरके सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, सांसद रामकृपाल यादव और पूर्व मंत्री के बेटे शिवेश कुमार, पूर्व विधायक मिथिलेश तिवारी, पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा, सांसद मीसा भारती, पूर्व मंत्री सुधाकर सिंह, सुरेंद्र यादव, ददन पहलवान, पूर्व सांसद अरुण कुमार, सांसद चंदेश्वर प्रसाद, पूर्व लोस अध्यक्ष मीरा कुमार के पुत्र अंशुल अभिजीत की किस्मत ईवीएम में बंद होगी।

भीषण गर्मी लोगों पर कहर : बच्चे से लेकर बड़े-बूढ़े तक गंभीर रूप से पड़ रहे बीमार, अस्पतालों में इस बीमारी से ग्रस्त मरीजों की बढ़ रही तदाद

डेस्क : पूरा बिहार इनदिनों जानलेवा गर्मी की चपेट में है। आसमान से आग बरस रहा है। भीषण गर्मी ने लोगों का जीना मुहाल कर रखा है। आलम यह है कि सुबह 9 बजे के बाद घर से निकलना मुश्किल हो रहा है। तापमान 9 बजते-बजते 35 डिग्री के पार चला जा रहा है। जो दिन में बढ़कर 42 से 48 डिग्री के पार चला जा रहा है। कई शहरों में गर्मी का पिछले 50 साल का रिकॉर्ड टूट गया है। भीषण गर्मी से पूरा जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। इंसान के साथ-साथ जानवर और पशु-पक्षी भी बेहाल है। सूरज की प्रचंड किरणें और शुष्क पछुआ के प्रवाह से राज्य के कई जिलों में हीट वेव की स्थिति बनी हुई है। 

भीषण गर्मी लोगों पर कहर बनकर टूट रही है। गर्मी के कारण बच्चे से लेकर बड़े-बूढ़े तक गंभीर रूप से बीमार पड़ रहे हैं। पहले से बीमार लोगों की बीमारी और गंभीर हो रही है। गर्मी का लोगों के व्यवहार और मानसिक स्वास्थ्य पर भी गंभीर असर पड़ा है। लोगों में चिड़चिड़ापन, गुस्सा, अनिंद्रा, बेचैनी जैसी परेशानी बढ़ी है। अस्पतालों के ओपीडी से लेकर गर्मी से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ी है। 

बीते बुधवार को पीएमसीएच, आईजीआईएमएस, एनएमसीएच, न्यू गार्डिनर रोड और आयुर्वेदिक कॉलेज अस्पताल की पड़ताल में ये बात सामने आई है। पीएमसीएच में मरीजों के लिए पीने के पानी तक की कोई व्यवस्था नहीं है। ओपीडी में सन बर्न, तेज बुखार, चक्कर आने, सर्दी, खांसी, डायरिया, भूख नहीं लगने, पेशाब कम होने जैसी समस्याओं से पीड़ित पहुंच रहे हैं। वहीं इमरजेंसी में लू, तेज बुखार, डायरिया, शरीर में पानी की कमी, चक्कर आने, सांस की परेशानी से पीड़ित होकर भर्ती हो रहे हैं।

यहां ओपीडी में डिहाइड्रेशन, सिर दर्द, चक्कर आने, हाई ब्लड प्रेशर, तेज बुखार से पीड़ितों की संख्या बढ़ गई है। दोहपर में भी ओपीडी के कतार में 10 से 12 लोग लगे थे। अस्पताल की डॉक्टर रूपम ने बताया कि सुबह से 30 से 35 मरीज गर्मी के कारण बीमार होकर इलाज कराने पहुंच चुके हैं। इसके अलावा रात्रि में भी मरीजों के आने से सिलसिला जारी है।

आसमान से बरस रहा आग : बिहार के इस जिले में तापमान 48 डिग्री पार, गया में टूटा 54 साल का रिकॉर्ड

डेस्क : पूरा बिहार इनदिनों जानलेवा गर्मी की चपेट में है। आसमान से आग बरस रहा है। भीषण गर्मी ने लोगों का जीना मुहाल कर रखा है। आलम यह है कि सुबह 9 बजे के बाद घर से निकलना मुश्किल हो रहा है। तापमान 9 बजते-बजते 35 डिग्री के पार चला जा रहा है। जो दिन में बढ़कर 42 से 48 डिग्री के पार हो जा रहा है। भीषण गर्मी से पूरा जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। इंसान के साथ-साथ जानवर और पशु-पक्षी भी बेहाल है। सूरज की प्रचंड किरणें और शुष्क पछुआ के प्रवाह से राज्य के कई जिलों में हीट वेव की स्थिति बनी हुई है। 

औरंगाबाद रहा सबसे गर्म तो गया में 54 साल का टूटा रिकॉर्ड

मौसम विभाग के अनुसार दक्षिण बिहार के जिले गर्मी से अधिक बेहाल हैं। बुधवार को औरंगाबाद का अधिकतम तापमान 48.2 डिग्री दर्ज किया गया। यह इस सीजन में बिहार के किसी शहर का अधिकतम तापमान है। राजधानी पटना का अधिकतम तापमान 42 डिग्री दर्ज किया गया। वहीं गया में अधिकतम तापमान का 54 साल का रिकॉर्ड टूट गया। बुधवार को गया का तापमान 47.7 डिग्री रहा। वहीं डेहरी में 11 मई 1988 को 49.5 डिग्री तापमान दर्ज किया गया था। 

पटना में भी दिन में प्रचंड गर्मी है। हीट वेव जैसे हालात बने हुए हैं। यहां गर्म रात की स्थिति बन गई है। सुबह में न्यूनतम तापमान 30 डिग्री पार कर गया है। लोगों को सुबह जागते ही वातावरण में तपिश का एहसास हो रहा है। आम लोगों से लेकर पशु पक्षी तक बेहाल हैं। मॉर्निंग वॉकरों की कमी पार्कों में दिखने लगी हैं। मंडी मौन है और सड़कों पर सन्नाटा। पंखा और कूलर फेल हो गया है। दिनभर एसी के पास बैठे रह रहे हैं। लोग शीतल पेय से गला तर कर चिकित्सीय निर्देशों का पालन कर रहे हैं।

प्रमुख शहरों का तापमान

पटना 42, गया 47.7, औरंगाबाद 48.2, डेहरी 46.8, शेखपुरा 46.2, बक्सर 45.9, भोजपुर 46.6, बेगूसराय 44.8, नवादा 47.7, राजगीर 45.6, जीरादेई 45.2, अरवल 47.1, बिक्रमगंज 46.5, भागलपुर 39.8, पूर्णिया 37.8।

स्कूली बच्चों के बीमार होने के बाद के.के पाठक के खिलाफ एकजुट हुआ विपक्ष और सत्ता पक्ष, उठाई कार्रवाई की मांग

डेस्क : बीते कुछ दिनों से प्रदेश में भीषण गर्मी ने लोगों का जीना मुहाल कर रखा है। आसमान से आग बरस रही है। आलम यह है कि सुबह 9 बजे के बाद घर से निकलना मुश्किल हो रहा है। तापमान 9 बजते-बजते 35 डिग्री के पार चला जा रहा है। जो दिन में बढ़कर 40-42 डिग्री हो जा रहा है। वहीं  शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के.के पाठक के आदेश से इस भीषण गर्मी में स्कूल खुले हुए। जिससे सरकारी विद्यालयों में कई बच्चों के बेहोश होने की खबर भी सामने आई है। इसको लेकर अब विपक्ष के साथ-साथ सत्ता पक्ष ने के.के पाठक पर सरकार से कार्रवाई की मांग की हैं।

दरअसल, प्रचंड गर्मी में भी विद्यालयों को बंद ना किए जाने पर सभी में नाराजगी देख रही है। इस मामले में अब लोजपा(रा) के चीफ चिराग पासवान ने भी के के पाठक पर कार्रवाई की मांग की है। चिराग पासवान ने कहा कि, यह गंभीर विषय है। इसको गंभीरता से लेनी चाहिए।  अगर कहीं कोई लापरवाही हो रही है तो इसकी जांच होनी चाहिए। बिहार सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि, तापमान लगातार बढ़ रहा है ऐसे में अगर विद्यालय बंद होना हो तो बंद हो। वहीं उन्होंने ये भी कहा है अगर इस मामले में कोई आधिकारी बाधा बन रहा है तो उसपर कार्रवाई हो।

वही वीआईपी सुप्रीमो मुकेश सहनी ने कहा कि के.के पाठक जी को हम समझते थे अच्छा ऑफिसर है। पहले कुछ अच्छे निर्णय लिए थे, लेकिन हाल के दिनों में उनका जो निर्णय हो रहा है वो शिक्षक को और छात्रों को परेशान कर रहा है। वे अपना वर्चस्व कायम कर रहे हैं । 6 बजे सुबह स्कूल में पहुंचना है। यह सारी चीज कहीं ना कहीं सही नहीं है। पूरे देश लेवल पर देखना चाहिए कि पूरे देश लेवल पर जिस तरह की पढ़ाई हो रही है। इस तरह का बिहार में भी होना चाहिए। इसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी को संज्ञान लेना चाहिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मौन है। उनको ऐसे अधिकारी को बाहर का रास्ता दिखाना चाहिए और सही निर्णय लेना चाहिए।

वहीं इसके पहले नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी इस मामले में बयान दिया। उन्होंने कहा कि, बिहार में लोकतंत्र, सरकार नहीं रह गई है। यहां अफसरशादी चरम पर है। यहां विद्यालय के समय को लेकर मुख्यमंत्री की बात भी नहीं सुनी जाती है। इतनी गर्मी में डॉक्टर भी मना करने हैं बाहर निकलने से। लेकिन इस हालात में भी सीएम कुछ नहीं कर पा रहे हैं। उनको घेर के रख लिया है लोग, उनके हाथ में कुछ नहीं है।
छात्र हर्षराज हत्याकांड को लेकर राजभवन सख्त : सभी हॉस्टल बंद करने का दिया निर्देश, कुलपति, डीएम-एसएसपी को राजभवन बुला दिया यह निर्देश

डेस्क : बीएन कॉलेज के छात्र की पटना विश्वविद्यालय कैंपस में पीट-पीटकर हत्या किये जाने का मामला तूल पकड़ लियाय है। बीते मंगलवार को छात्रों ने इस मामले को लेकर पटना में उग्र प्रदर्शन किया। वहीं अब इस हत्या मामले में राजभवन भी सख्त हो गया है। राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने मंगलवार को कुलपति, डीएम व एसएसपी को राजभवन बुला विस्तृत जानकारी ली। दोषियों पर सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया। साथ ही बुधवार से सभी हॉस्टल को बंद करने का भी निर्देश दिया। राज्यपाल ने भविष्य में ऐसी घटनाएं रोकने एवं छात्रावासों को अराजक तत्वों से मुक्त करने के लिए जिला प्रशासन, पुलिस व विवि को आपस में मिलकर प्रभावी कार्य योजना बनाने को कहा है। उन्होंने छात्रावासों में अराजकता फैलाने वाले लोगों को चिह्नित कर उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई को कहा है। राज्यपाल ने कहा कि ऐसे शरारती एवं अराजक तत्वों पर पैनी नजर रखी जाए। इस संबंध में किसी भी प्रकार की जानकारी मिलने पर पुलिस को तत्काल सूचित किया जाए। इस बीच, पटना विश्वविद्यालय ने गर्मी की छुट्टी को देखते हुए एक जून से सभी छात्रावास को बंद करने का फैसला किया। सभी छात्रों को एक जून के पहले छात्रावास खाली करने का आदेश दिया गया है। सभी अधीक्षक को छात्रावास खाली कराने की जिम्मेदारी दी गई है। इसके बाद आगे निर्णय लिया जाएगा तो छात्रावास को खोलना है या बंद रखना है।