एक कुशल गृहिणी से परिपक्व राजनीतिज्ञ बनी कल्पना सोरेन क्या दिशोम गुरु के राजनितिक विरासत को संभालने में सफल रही..?

झारखंड डेस्क

5 महीने पहले दिसंबर में जब रांची के मोरहाबादी मैदान में लगे सरस मेले में क्ल्पना सोरेन् अपनी सहेलियों के साथ शॉपिंग करने आई थीं, तो मीडिया के सवाल पर बेबाकी से उन्होने कहा था- “बाबा और माँ (ससुर शिबू सोरेन और सास रूपी सोरेन) की सेहत, पति हेमंत सोरेन का ख्याल और दोनों बच्चों की परवरिश में बिजी रहती हूं।फिलहाल राजनीति में जाने का कोई प्लान नहीं है।”

लेकिन परिस्थिति बदली पति को झारखंड के मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देकर जेल जाना पड़ा।ईडी ने शिकंजा कसा और वे नय्यायिक लड़ाई लड़ रहे हैं।इस ईडी के कंधे पर परिवार के साथ राजनीति और ससुर एवं पति से मिली विरासत में पार्टी को भी संभालना पड़ा। अब कल्पना सोरेन गांडेय उपचुनाव के जरिए चुनावी राजनीति में एंट्री ले रही हैं। मीडिया के उसी सवाल पर आज कल्पना सोरेन एक मंजे हुए राजनीतिज्ञ की तरह कहती हैं कि अपने परिवार के साथ उन्हें झारखंड की 3 करोड़ जनता की भी फिक्र करनी है। 

चुनाव के इस मौसम में उनके दिन की शुरुआत कार्यकर्ताओं के साथ बैठक से होती है। वे पूरे झारखंड का दौरा करती हैं। झारखंड मुक्ति मोर्चा के साथ-साथ सहयोगी दलों के उम्मीदवारों के लिए वोट मांगती हैं और जनसंपर्क के लिए गांव-गांव तक पहुंच जाती हैं।

अपनी चुनावी सभा में जब कल्पना सोरेन जनता से बात करती हैं, तो उनमें ससुर शिबू सोरेन और पति हेमंत सोरेन की झलक साफ दिखाई देती है।

अब कुशल गृहिणी से कल्पना सोरेन परिपक्व राजनीतिज्ञ बन गयी


कल्पना सोरेन कुशल गृहिणी से अब परिपक्व राजनीतिज्ञ बन है। बहुत कम समय में उन्होंने

ससुर और पति की रजनीति के विरासत को संभाल ली। अब वे इसमे पुरी तरह रमने लगी हैं। सिर्फ 5 महीने में कुशल गृहिणी से कल्पना सोरेन परिपक्व नेता के रूप में ट्रांसफॉर्म होती दिख रही हैं।

क्या हेमंत को परिस्थितियों का आभास था...?


अब सवाल उठने लगा है कि क्या हेमंत सोरेन को परिस्थियों का आभास था। जब गांडेय के झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक सरफराज अहमद ने इस साल 1 जनवरी को विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा देकर सियासी हलचल मचा दी थी। इस इस्तीफे को तभी से जेएमएम की रणनीति का हिस्सा बताया जा रहा था।

 31 जनवरी 2024 को प्रवर्तन निदेशालय- ईडी ने हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर लिया यह। झारखंड में नेतृत्व का संकट पैदा हुआ और चंपाई सोरेन अगले मुख्यमंत्री बने।पर खाली कराई गांडेय की सीट ने कल्पना सोरेन के लिए भविष्य का रास्ता तैयार कर दिया।

पति हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के 2 महीने बाद कल्पना सोरेन घर से बाहर निकलीं और 5 मार्च को गिरिडीह के झंडा मैदान में हुए झारखंड मुक्ति मोर्चा के स्थापना समारोह के जरिए सियासत में एंट्री ली।

गांडेय उप चुनाव से शुरु होगी कल्पना की नई पारी


अब गांडेय उप चुनाव से होगी कल्पना की नई पारी की शुरुआत होगी। 16 मार्च को लोकसभा चुनाव के साथ गांडेय में उपचुनाव का ऐलान हुआ और कल्पना सोरेन जेएमएम की उम्मीदवार बन गईं है। इसके साथ ही ये सवाल उठने लगा कि क्या गांडेय उपचुनाव जीतने पर झारखंड में फिर सत्ता परिवर्तन होगा और कल्पना सोरेन मुख्यमंत्री बनेंगी?

कल्पना सोरेन के लिए गांडेय ही क्यों?


कल्पना सोरेन के लिए गांडेय ही क्यों? यह एक सवाल है।सरफराज अहमद को इसी रणनीति के तहत इस्तीफा दिलाये जाने और राजयसभा भेजनें के पीछे भी यही तर्क है।यह सीट कल्पना के लिए सुरक्षित सीट है इसका वजह है यहाँ का जातीय समीकरण जिसके करण सरफराज अहमद जीत कर आये थे। गांडेय में 26 फीसदी मुस्लिम, 20 फीसदी आदिवासी और 11 फीसदी अनुसूचित जाति के वोटर हैं।साथ ही 10 फीसदी से ज्यादा कुर्मी वोटर भी हैं। इसमें से मुस्लिम और आदिवासी यानी 46 फीसदी ‘इंडिया’ गठबंधन का कोर वोटर है।

गांडेय में अब तक 10 बार हुए विधानसभा चुनाव में से 5 बार जेएमएम, 2-2 बार कांग्रेस और बीजेपी तथा एक बार जनता पार्टी ने बाजी मारी थी। इसलिए गांडेय जैसी जेएमएम के प्रभाव वाली सीट से कल्पना सोरेन सियासत में नई उड़ान भरने की कोशिश कर रही हैं। पर उनकी राह उतनी भी आसान नहीं है।

2019 में जेएमएम उम्मीदवार सरफराज अहमद 34.7 फीसदी यानी 65 हजार, 23 वोट लाकर चुनाव जीते तो। दूसरे स्थान पर रहे बीजेपी उम्मीदवार जेपी वर्मा को 29.98 प्रतिशत यानी 56,168 वोट मिले तो। इसके बाद जेपी वर्मा जेएमएम में चले गए. पर कोडरमा लोकसभा से टिकट नहीं इनके। इनके बाद उन्होंने जेएमएम से बगावत कर दी और निर्दलीय उम्मीदवार बन गए। जेपी वर्मा की ये नाराजगी कल्पना सोरेन के लिए मुसीबत बन सकती । इस उपचुनाव में दिलीप वर्मा बीजेपी उम्मीदवार हैं। वे 2019 में गांडेय से झारखंड विकास मोर्चा- जेवीएम के टिकट पर चुनाव लड़े थे।पर तब महज 8,952 वोट लाकर छठे स्थान पर चले गए थे।लेकिन इस बार उनके साथ बीजेपी और ऑल झारखण्ड स्टूडेंट्स यूनियन- आजसू की सियासी ताकत कि।

बाबूलाल मरांडी का गृह जिला में कल्पना की चुनौती कितना आसान है...?


जिस गांडेय सीट से कल्पना सोरेन जेएमएम उम्मीदवार हैं, वह बीजेपी झारखंड प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी का गृह जिला कि। केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी भी इसी इलाके की संसदीय सीट कोडरमा का प्रतिनिधित्व करती हैं।ऐसे में कल्पना सोरेन को रोकना इन दोनों सियासी दिग्गजों के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गया कि। इसलिए बाबूलाल मरांडी और अन्नपूर्णा देवी गांडेय से लेकर गिरिडीह और कोडरमा के चुनावी रण में दिन-रात पसीना बहा रही हैं. बीजेपी के लिए जेएमएम के आदिवासी-मुस्लिम समीकरण में सेंधमारी और हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद कल्पना के पक्ष में उपजी सहानुभूति की लहर को रोकना भी किसी चुनौती से कम नहीं है. इसलिए हाल में गिरिडीह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुनावी सभा कराई गई। उस सभा में उमड़े जनसैलाब से बीजेपी का उत्साह दोगुना हो गया।

कल्पना सोरेन के हाथ में कमान


जेल में बंद पति हेमंत सोरेन जा की गैरमौजूदगी में कल्पना सोरेन ने झारखंड मुक्ति मोर्चा की कमान संभाल ली है।वो अक्सर चुनावी सभाओं में बीजेपी के खिलाफ मुखर देखी जाती हैं।इंडिया गठबंधन के घटक दलों को एकजुट करने में भी वो भूमिका निभाती नजर आती हैं. हाल में रांची में हुई उलगुलान रैली में विपक्षी दलों का नेतृत्व करती दिखीं. धरातल पर जनता से संवाद करना हो या बीजेपी के हमले का जवाब देना, कल्पना सोरेन हर मोर्चे पर सक्रिय दिख रही हैं। गांडेय के साथ-साथ गठबंधन के सहयोगी दलों के उम्मीदवारों के लिए भी वे चुनाव प्रचार करती हैं, तो जेएमएम को बिखरने से बचाने के लिए भी एक्टिव दिखती हैं।वे कभी आदिवासी अस्मिता के सवाल पर आदिवासी वोटर को गोलबंद करने की कोशिश करती दिखती हैं, तो कभी हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी पर विक्टिम कार्ड के जरिये सहानुभूति बटोरने की कोशिश करती दिखती हैं।

कल्पना सोरेन की पृष्ठभूमि


सैन्य परिवार में जन्मी, इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और ओडिशा के मयूरभंज की रहने वाली कल्पना सोरेन फर्राटे से 4 भाषाएं बोलती हैं। अंग्रेजी और हिंदी के साथ-साथ मातृभाषा उड़िया और संथाली भाषा पर भी उनकी कमांड की। आदिवासी बहुल इलाके में संथाली भाषा में जनता से बात करते हुए वे पति हेमंत सोरेन का बचाव करने में कोई कसर नहीं छोड़तीं।पर हेमंत सोरेन से 2006 में हुए विवाह के 18 साल बाद सियासत में आईं कल्पना सोरेन की राह में गांडेय उपचुनाव जैसी कई और चुनौतियां इंतजार कर रही हैं।

ED द्वारा जब्त पैसे को मोदी गरीबो के बीच बांटना चाहते हैं, उन्होंने,इसके लिए न्याय पालिका से भी मांगी है सलाह




झा.डेस्क पी एम मोदी ने एक चुनावी सभा में कहा की सरकार प्रवर्तन निदेशालय (ED) की छापेमारी में जब्त राशि को गरीबों में वितरित कर दिया जायेगा। ये बात उन्होने एक इंटरव्यू में कही है। उन्होंने कहा है कि ED की तरफ से जब्त की हुई राशि को गरीबों में वितरित की राह सरकार तलाश रही है। उन्होंने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस काल में ED ने काम करना बंद कर दिया था। भारतीय जनता पार्टी सरकार में यह खुलकर काम कर रही है। एक मीडिया हाउस के साथ इंटरव्यू में मोदी ने कहा, ‘मैं इसपर काफी विचार कर रहा हूं, क्योंकि मुझे दिल से लगता है कि इन लोगों ने अपने पद का गलत फायदा उठाकर गरीब लोगों का पैसा लूटा है और उन्हें वो वापस मिलना चाहिए।’ उन्होंने कहा, ‘अगर मुझे कानूनी बदलाव करने पड़े, तो मैं करूंगा। फिलहाल, मैं लीगल टीम का सहयोग ले रहा हूं। मैंने न्यायपालिका का भी सलाह मांगा है। नई भारतीय दंड संहिता में भी इसका कुछ प्रावधान है। मोदी ने यह भी बताया कि भारतीय दंड संहिता यानी IPC के स्थान पर लाई गई ‘न्याय में भी इस संबंध में कुछ प्रावधान हैं। उन्होने कहा कि सरकारी एजेंसियां 1.25 लाख करोड़ रुपये की जब्त कर चुकी हैं। इस दौरान उन्होंने खासतौर से पश्चिम बंगाल, केरल और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव से जुड़े मामलों का जिक्र किया। उन्होंने केरल को लेकर कहा, ‘कम्युनिस्ट पार्टी के समर्थन वाले सहकारी बैंकों में पर्सनल बिजनेस पार्टनरशिप् के नाम पर लोगों का पैसा ठगा गया।
बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में मंत्री आलमगीर आलम की बेचैनी में गुजरी रात,सही से नही खाया खाना


बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में गुरुवार को पहली रात राज्य के ग्रामीण विकास विभाग मंत्री आलमगीर आलम की तनाव में बीती। जेल में प्रवेश करने के बाद उन्होंने किसी से बात नहीं की। 

बताया जाता है कि आलमगीर देर रात तक बेचैन नजर आए। कभी वह अपने वार्ड में टहल रहे थे तो कुछ देर अपने बिस्तर पर जाकर लेट रहे थे। अपने वार्ड में जाने के बाद एक बार भी वह बाहर नहीं निकले। हालांकि जेल प्रशासन की ओर से समय-समय पर उन्हें खाना-पानी के लिए भी पूछा जा रहा था, मगर वह इंकार कर दे रहे थे।

जेल में उन्हे अपर डिवीजन ब्लॉक में रखा गया

मंत्री आलमगीर आलम को दिन के 1.50 बजे ईडी के अफसर उन्हें जेल लेकर पहुंचे। मंत्री सीधे जेलर के कार्यालय में पहुंचे। वहां पर जेल अधीक्षक भी मौजूद थे। करीब 45 मिनट तक बातचीत हुई। इसके बाद जेलकर्मी उन्हें अपर डिविजन ब्लॉक ले गए। उनके लिए अपर डिविजन में सारी व्यवस्था थी। उनकी सुरक्षा के लिए अपर डिविजन में शिफ्टवाइज चार-चार पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है।

जेल में भिंडी की भुजिया,रोटी और दूध दी गयी।आधा रोटी ,एक गिलास दूध उन्होंने पीया

शाम साढ़े सात बजे उन्हें खाना दिया गया। खाने में उन्हें भिंडी-आलू की भुजिया और रोटी दी गई। इसके अलावा उन्हें एक गिलास दूध भी दिया गया। काफी देर तक खाना उनके टेबल पर पड़ा रहा। 

बताया जा रहा है कि रात करीब दस बजे उन्होंने आधी रोटी और आधा गिलास दूध ही पीया। सूत्र बताते हैं कि आधी रोटी भी बहुत मुश्किल से और काफी देर में खायी।

आलमगीर आलम को स्लीप एपनिया नामक बीमारी है,कोर्ट का निर्देश उनका सही से रखा जाय ख्याल

पेशी के दौरान पीएमएलए कोर्ट ने आलमगीर आलम से उनका नाम और पता पूछा। साथ ही स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली। इस पर उनके वकील ने कहा कि उन्हें स्लीप एपनिया नामक बीमारी है। इसके लिए सीपीएपी मशीन की जरूरत पड़ती है। इसे साथ रखना है। कोर्ट ने पूछताछ के दौरान ईडी को आलमगीर के स्वास्थ्य पर ध्यान रखने का आदेश दिया। ईडी ने कहा कि पूछताछ में स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखा जाता है।

आज केंद्रीय गृहमंत्री अमितशाह करेंगे रांची में रोड कर,भाजपा प्रत्याशी संजय सेठ के लिए जनता से मांगेंगे वोट


झा.डेस्क केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह दिवसीय झारखंड दौरे पर रांची आयेंगे. श्री शाह 17 मई को सांसद व भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में रांची के चुटिया में रोड शो करेंगे. साथ ही लोगों से भाजपा प्रत्याशी संजय सेठ के पक्ष में वोट देने की अपील करेंगे.

वहीं, 18 मई को बोकारो में चुनावी सभा को संबोधित करेंगे. इससे पहले श्री शाह ने झारखंड में पहले व देश के चौथे चरण के चुनाव से पहले खूंटी में चुनावी सभा की थी.इधर 19 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी झारखंड पहुंचेंगे. वह जमशेदपुर लोकसभा क्षेत्र के घाटशिला में चुनावी सभा को संबोधित करेंगे.

प्रधानमंत्री अब तक झारखंड में चार चुनावी सभा व राजधानी रांची में रोड शो कर चुके हैं. उनकी चाईबासा, पलामू, गुमला, चतरा व गिरिडीह में चुनावी सभा हो चुकी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृह मंत्री के झारखंड दौरे को लेकर प्रदेश भाजपा ने तैयारी शुरू कर दी है. कार्यक्रम को लेकर पार्टी नेताओं को जिम्मेवारी सौंपी गयी है.
झारखंड में पीएम सहित भाजपा के स्टार प्रचारकों के लगातार दौरे से क्या इस बार भी क़ायम रहेगा यहाँ मोदी मैजिक...?

 झारखंड डेस्क

लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर भाजपा ने झारखंड में पुरी ताकत झोंक दी है। स्टार प्रचारको का झारखंड में लगातार दौरा हो रहा है,गठबंधन दलों पर आरोप के  वाण चलाये जा रहे हैँ।

इस बीच ईडी की करवाई के बाद बरामद नोटों के पहाड़ और सत्ताधारी दल के नेताओं की इस मामले में गिरफ्तारी से भाजपा को अब झारखंड के सत्ता पक्ष खास कर अपने विरोधी दल कांग्रेस के लिए एक बड़ा मुद्दा मिल गया है।

 भाजपा इसी हथियार के सहारे कांग्रेस पर हमलावर है।इस परिस्थिति में भाजपा ने झारखंड के सभी 14 लोकसभा सीटों पर जीत की मुहीम तेज़ कर दी है।

 पीएम मोदी ने अब तक खुद झारखंड में 3 बार चुनावी सभा कर चुके हैँ। चाईबासा, पलामू, गुमला, चतरा व गिरिडीह के उनके चुनावी सभा में अपार भीड़ जुटी जिससे यह भी लगाता है कि अभी भी जानता में मोदी का क्रेज है।जिसका लाभ इस चुनाव में मिल सकता है।

अब चौथी बार वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 19 मई को फिर झारखंड आएंगे। वे जमशेदपुर से बीजेपी उम्मीदवार विद्युत वरण महतो के समर्थन में घाटशिला में चुनावी जनसभा को संबोधित करेंगे। 

इससे पहले प्रधानमंत्री अब तक झारखंड में पांच चुनावी सभा व राजधानी रांची में रोड शो कर चुकी है।

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृह मंत्री के झारखंड दौरे को लेकर प्रदेश बीजेपी ने तैयारी शुरू कर दी है। कार्यक्रम को लेकर पार्टी नेताओं को जिम्मेवारी सौंपी गयी है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 17 मई से फिर दो दिनो तक झारखंड दौरे पर रहेंगे। वे 17 मई को जनसभा को संबोधित करेंग पीएम मोदी के अलावे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह,असम के मुख्यमंत्री हेमंत विश्वशर्मा ने भी झारखंड मे सभा की है। यहाँ उत्तराखंड सीएम,राजस्थान सीएम भी चुनावी सभा को सम्बोधित किया है।इसके वाबजूद सवाल उठता है क्या भाजपा की पूरी ताकत झोकने के बाद भी क्या झारखंड के 14 लोकसभा सीट पर भाजपा जीत। दर्ज करेगी


2019 के लोकसभा चुनाव में क्या थी स्थिति ?


यू तो 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने झारखंड के 12 सीट हासिल की थी। उस समय देश भर में जबरदस्त मोदी लहर थीtf जिसका व्यापक असर झारखंड में पड़ा।उस लहर में भी गठबंधन दल ने झारखंड में सिंहभूम और राजमहल सीट जीत ली थी।सिंहभूम में कांग्रेस प्रत्याशी गीता कोड़ा ने सीट जीती थी।और राजमहल से झामुमो के विजय हंसदा ने सीट जीत कर अपनी उपस्थिति दर्ज़ की इसबार गठबंधन दल कुछ ज्यादा सीट जीतने की दावा कर रही है। लेकिंन् भाजपा की पुरी कोशिस है कि गठबंधन दलों को एक भी सीट झारखंड में हासिल नही हो।अब देखना है कि पीएम सहित अन्य स्टार प्रचारक कितना बदल पाते हैं झारखंड का माहौल..?

वैसे झारखंड में कुछ सीटों पर भाजपा के उम्मीदवारों के प्रति नाराजगी जरूर है।पार्टी के अंदर टिकट बंटवारे को लेकर भी आलकामन के प्रति नाराजगी है।इसके वाबजूद भाजपा के परम्परिक वोटर का कहना है कि हम नरेंद्र मोदी को वोट दे रहे हैं। कैंडिडेट कि नही।

यह अन्तर्विरोध,धनबाद,दुमका,खूंटी,जमशेदपुर और अन्य कई जगहों पर है। वैसे खूंटी में मतदान हो चुका है। धनबाद की बात करें तो ढुल्लु महतो का टिकट मिलने के बाद से हीं कृष्णा अग्रवाल को धमकाने और इस में जमशेदपुर के निर्दलीय विधायक सरयू राय की इंट्री से विवाद शुरु हुआ।इस मामले में केस भी दर्ज़ हुई।वहीं ढुल्लु महतो के कुछ बयानों से भाजपा के वर्तमान सांसद पीे एन सिंह, विधायक राज सिन्हा, गिरिडीह के पूर्व सांसद रविन्द्र पांडेय नाराज हैं।कार्यकर्ताओं के अंदर भी नाराजगी है।इसके वावजूद सभी नाराज लोग मोदी के लिए वोट मांग रहे हैं। इसी तरह कुछ अन्य सीटों पर भी है।हज़ारीबाग् में जयंत सिन्हा की नाराजगी,दुमका में सुनील सोरेन की नाराजगी।से भी पार्टी के लिए कड़ी चुनौती है।

इस बीच पीएम मोदी ,अमित शाह,राजनाथ सिंह सरीखे नेताओं के लगातार दौरा और स्टार प्रचारको के आगमन से भाजपा की सभाओं में भीड़ भी जूट रही है।इस से अनुमान लगाया जा रहा है की भाजपा के प्रति लोगों का रुझान और मोदी मैजिक झारखंड में इस बार भी चुनाव परिणाम को प्रभावित करेंगा।हलाकि खूंटी,लोहरदगा,सिंहभूम और पालमू में वोट हो गयी हो।चुनाव परिणाम 4 जून को होगा।इन सीटों पर जबरदस्त संघर्ष था।ये संघर्ष भाजपा और गठबंधन दलों के बीच हुआ है। अब देखना है की मोदी सहित अन्य नेताओं का झारखंड दौरा कितना सफल होता है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा ईडी पीएमएलए की धारा 19 के तहत किसी आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर सकती, हिरासत में लेने के लिए कोर्ट से लेनी होगी परमिशन

झारखण्ड डेस्क

झारखंड समेत देश भर में लगातार ईडी ने पीएमएलए कानून के तहत कई गिरफ्तारियां की है।अब पीएमएलए कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एक सुनवाई करते हुए  कहा है कि स्पेशल कोर्ट द्वारा शिकायत पर संज्ञान लेने के बाद ईडी पीएमएलए की धारा 19 के तहत किसी आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर सकती है। कोर्ट ने कहा कि अगर ईडी ऐसे आरोपियों की हिरासत चाहती है तो उसे हिरासत के लिए संबंधित अदालत में आवेदन करना होगा।

अगर कोर्ट ईडी की बात से संतुष्ट हो जाता है कि उसे हिरासत में पूछताछ की जरूरत है तो वह हिरासत दे सकता है।

जस्टिस अभय एस ओका और उज्जल भुइयां की पीठ ने पीएमएलए के तहत गिरफ्तारी की ईडी की शक्तियों पर आज फैसला सुनाया। लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, धारा 44 के तहत एक शिकायत के आधार पर पीएमएलए की धारा 4 के तहत दंडनीय अपराध का संज्ञान लेने के बाद ईडी और उसके अधिकारी शिकायत में आरोपी के रूप में दिखाए गए व्यक्ति को गिरफ्तार करने के लिए धारा 19 के तहत शक्तियों का प्रयोग करने में असमर्थ हैं।

कोर्ट मदन आवेदन देकर हिरासत मांगनी होगी

अगर प्रवर्तन निदेशालय उस अपराध की आगे की जांच करने के लिए समन के बाद पेश होने वाले आरोपी की हिरासत चाहता है तो उसे स्पेशल कोर्ट में आवेदन करके आरोपी की हिरासत मांगनी होगी। इतना ही नहीं आरोपी को सुनने के बाद में स्पेशल कोर्ट को कारण दर्ज करने के बाद आवेदन पर आदेश पारित करना होगा।

आवेदन पर सुनवाई करते समय कोर्ट तब ही हिरासत की इजाजत दे सकता है जब उसे लगता है कि ईडी को पूछताछ की जरूरत है, भले ही आरोपी को धारा 19 के तहत कभी गिरफ्तार नहीं किया गया  हो

*अटल जी ने कानून बनाया,मनमोहन सिंह ने इसे लागू किया*

केंद्र सरकार पर विपक्षी पार्टियां प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के दुरुपयोग का आरोप लगाती रहती हैं। इस कानून को अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में 2002 में बनाया गया था।

लेकिन यह कानून मनमोहन सिंह की सरकार में जाकर लागू हुआ था। अब तक इस एक्ट में कई बार संसोधन किए गए हैं। इस एक्ट का केवल एक ही उद्देश्य था कि कैसे काले धन को रोकना है।

पीएमएलए के कानून का पहला शिकार झारखंड के पूर्व सीएम मधु कोडा बने थे। 2010 के बाद टूजी घोटाला, कोयला घोटाला समेत कई बड़े घोटाले हुए और पीएमएलए कानून के तहत शिकंजा और कसता ही चला गया। 2012 में तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने इसमें संशोधन किया और इसको और अधिक सख्त कर दिया।
पुलिस ने मिहिजाम थाना के पास वाहन तलाशी के दौरान एक कार से 15 लाख 99 हजार रुपये किये जब्त,जाँच में जुटी पुलिस


जामताड़ा।पुलिस ने मिहिजाम थाना के पास वाहन तलाशी के क्रम में एक कार से 15 लाख 99 हजार रुपये बरामद किया। वाहन तथा राशि को पुलिस ने कब्जे में ले लिया और मामले की जांच में जुट गई है।
ब्रेकिंग: झारखंड के कैबिनेट मंत्री आलमगीर आलम को ईडी ने किया गिरफ्तार, 36 करोड़ कैश जब्ती का मामला

डेस्क: 36 करोड़ रुपये की नकदी बरामदगी का मामला इन दिनों चर्चा में है। मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने झारखंड सरकार के कैबिनेट मंत्री और कांग्रेस नेता आलमगीर आलम को गिरफ्तार कर लिया है। ईडी ने हाल ही में उन्हें पूछताछ के लिए रांची दफ्तर तलब किया था। इससे पहले, मंगलवार 14 मई को कांग्रेस नेता आलम धनशोधन मामले में पूछताछ के लिए मंगलवार को ईडी के सामने पेश हुए थे। राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री आलम सुबह करीब 11 बजे ईडी कार्यालय पहुंचे थे। उनसे नौ घंटे पूछताछ हुई थी। आलम ने दफ्तर पहुंचने से पहले पत्रकारों से बात की थी। उन्होंने कहा था कि मैं कानून का पालन करता हूं। मैं पूछताछ के लिए यहां आया हूं। 

छापेमारी में नौकर के घर से मिली थी नकदी

ईडी ने हाल ही में, आलम के सचिव संजीव लाल और उसके नौकर जहांगीर आलम, बिल्डर मुन्ना सिंह और उनके करीबियों समेत नौ ठिकानों पर छापेमारी की थी। कार्रवाई राज्य ग्रामीण विकास विभाग में कथित अनियमितताओं के मामले में की गई थी। छापेमारी के तहत रांची के एक 2 बेडरूम फ्लैट में छापा मारा गया। यह फ्लैट कथित तौर पर संजीव लाल के नौकर जहांगीर आलम का है। फ्लैट से ईडी ने 32 करोड़ रुपये बरामद किए। वहीं अन्य ठिकानों पर छापेमारी से करीब चार करोड़ रुपये नकद बरामद किए। इस तरह अब तक करीब 36 करोड़ रुपये की नकदी बरामद हो हुई है।

धनबाद में टाइफाइड का कहर, तेजी से बढ़ी मरीजों की संख्या,दूषित पानी बना इसका कारण


धनबाद :तेज धूप और तापमान में उतार-चढ़ाव के कारण धनबाद में टाइफाइड के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। बच्चों से लेकर बड़े तक इसके शिकार बन रहे हैं। शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसएनएमएमसीएच) और सदर अस्पताल में हर दिन मरीज आ रहे हैं।

एसएनएमएमसीएच में मेडिसिन विभाग में प्रतिदिन 15 से 20 मरीज आ रहे हैं. इसके अलावा सदर में टाइफाइड के लक्षण वाले 4-5 मरीज आ रहे हैं.

टाइफाइड का मुख्य कारण दूषित पानी है

सदर अस्पताल के चिकित्सक डाॅ. मासूम आलम ने कहा कि दूषित जल ही मुख्य स्रोत है। दूषित पानी के कारण आंतों में संक्रमण होने के कारण टाइफाइड को आंत्र ज्वर भी कहा जाता है। मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. बताया कि टाइफाइड साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया के संक्रमण से होता है।

सर्दी के कारण 7 से 14 दिन तक बुखार

डॉ। मासूम ने बताया कि बुखार का चक्र 7 से 14 दिनों का होता है. यह बुखार ठंड लगने के साथ आता है। खासकर स्लम इलाकों में मरीजों की संख्या बढ़ रही है, जहां स्वच्छ पेयजल की अच्छी व्यवस्था नहीं है.

अस्पताल में जरिया व कतरास क्षेत्र से अधिक मरीज पहुंच रहे हैं. उन्होंने कहा कि कई मरीज़ 28 दिनों से इस संक्रमण से पीड़ित हैं, जिसका मतलब है कि मरीज़ों को 28 दिनों तक लगातार निगरानी की ज़रूरत होती है।

दूषित भोजन और बासी भोजन से बचें

टाइफाइड से बचने के लिए मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर बासी भोजन के साथ दूषित पानी से परहेज करने की सलाह दे रहे हैं। बासी खाना, पहले से कटे फल, लंबे समय तक फ्रीजर में रखी मिठाइयों के सेवन से बचना जरूरी है। बुखार होने पर डॉक्टर से सलाह लें।

टाइफाइड बुखार के लक्षण

टाइफाइड बुखार के मुख्य लक्षण बुखार के साथ ठंड लगना, पेट में दर्द और उल्टी, सिरदर्द और थकान हैं। इसके साथ ही शरीर में दर्द भी होता है।

धनबाद :तेज धूप और तापमान में उतार-चढ़ाव के कारण धनबाद में टाइफाइड के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। बच्चों से लेकर बड़े तक इसके शिकार बन रहे हैं। शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसएनएमएमसीएच) और सदर अस्पताल में हर दिन मरीज आ रहे हैं।

एसएनएमएमसीएच में मेडिसिन विभाग में प्रतिदिन 15 से 20 मरीज आ रहे हैं. इसके अलावा सदर में टाइफाइड के लक्षण वाले 4-5 मरीज आ रहे हैं.

टाइफाइड का मुख्य कारण दूषित पानी है

सदर अस्पताल के चिकित्सक डाॅ. मासूम आलम ने कहा कि दूषित जल ही मुख्य स्रोत है। दूषित पानी के कारण आंतों में संक्रमण होने के कारण टाइफाइड को आंत्र ज्वर भी कहा जाता है। मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. बताया कि टाइफाइड साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया के संक्रमण से होता है।

सर्दी के कारण 7 से 14 दिन तक बुखार

डॉ। मासूम ने बताया कि बुखार का चक्र 7 से 14 दिनों का होता है. यह बुखार ठंड लगने के साथ आता है। खासकर स्लम इलाकों में मरीजों की संख्या बढ़ रही है, जहां स्वच्छ पेयजल की अच्छी व्यवस्था नहीं है.

अस्पताल में जरिया व कतरास क्षेत्र से अधिक मरीज पहुंच रहे हैं. उन्होंने कहा कि कई मरीज़ 28 दिनों से इस संक्रमण से पीड़ित हैं, जिसका मतलब है कि मरीज़ों को 28 दिनों तक लगातार निगरानी की ज़रूरत होती है।

दूषित भोजन और बासी भोजन से बचें

टाइफाइड से बचने के लिए मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर बासी भोजन के साथ दूषित पानी से परहेज करने की सलाह दे रहे हैं। बासी खाना, पहले से कटे फल, लंबे समय तक फ्रीजर में रखी मिठाइयों के सेवन से बचना जरूरी है। बुखार होने पर डॉक्टर से सलाह लें।

टाइफाइड बुखार के लक्षण

टाइफाइड बुखार के मुख्य लक्षण बुखार के साथ ठंड लगना, पेट में दर्द और उल्टी, सिरदर्द और थकान हैं। इसके साथ ही शरीर में दर्द भी होता है।

कई जिलों के डीईओ और डीएसई द्वारा अपने स्‍तर पर अवकाश तालिका में संशोधन उन्हे पड़ा भारी,अब होगी उनपर कार्रवाई


झारखंड डेस्क

रांची। झारखंड के कई जिलों के डीईओ और डीएसई ने अपने स्‍तर पर अवकाश तालिका में संशोधन कर दिया। ऐसा कर वे फंस गए हैं। 

उनपर अब कार्रवाई का खतरा मंडरा रहा है। झारखंड शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के निदेशक आदित्‍य रंजन ने संबंधित अफसरों से स्‍पष्‍टीकरण मांगा है। संशो‍धित अवकाश तालिका रद्द करने का निर्देश दिया है।

निदेशक ने 14 मई, 2024 को दुमका, हजारीबाग, धनबाद, रांची के जिला शिक्षा पदाधिकारी और हजारीबाग, धनबाद, रांची के जिला शिक्षा अधीक्षक पत्र लिखा है। इसमें राज्य स्तर से निर्गत वार्षिक अवकाश तालिका-2024 को अपने स्तर से संशोधित करते हुए अलग अवकाश तालिका प्रकाशित करने के संबंध में जानकारी मांगी है।

निदेशक ने कहा है कि राज्य स्तर से वर्ष 2024 के लिए निर्गत वार्षिक अवकाश तालिका विभागीय प्रभारी सचिव द्वारा अनुमोदित है। राज्य के सभी कोटि के सरकारी विद्यालयों में लागू है। इसको अपने स्तर से अपनी सुविधानुसार संशोधित कर प्रकाशित किया गया है, जो पूर्णरूप से विभागीय आदेश का उल्‍लंघन है। साथ ही, विभागीय आदेश एवं निर्देश का समुचित अनुपालन नहीं करते हुए स्वेच्छाचारिता को दर्शाता है।

निदेशक ने प्रकाशित अवकाश तालिका को तत्काल प्रभाव से रद्द करते हुए अधोहस्तारी को सूचित करने का निर्देश दिया। पूछा है कि आपके द्वारा किस परिस्थिति में 

आदेश का उल्‍लंघन करते हुए इस तरह का कार्य किया गया है।

 इस कार्य के लिए आपके विरुद्ध क्यों नहीं विभागीय कार्यवाही प्रारंभ की जाय। आप अपना स्पष्टीकरण पत्र प्रप्ति के तीन दिनों के अन्दर कार्यालय को समर्पित करना सुनिश्चित करेंगे।