रांची लोकसभा सीट पर इस बार भी सीधा टक्कर भाजपा और कांग्रेस के बीच, जानिए इस सीट का इतिहास और स्थिति...?
झारखंड डेस्क
झारखंड की राजधानी रांची लोकसभा सीट को लेकर भाजपा और कोंग्रेस के बीच मैराथन जारी है। इस सीट पर सीधा मुकाबला कोंग्रेस और भाजपा के बीच होगा।लेकिन इस मुकाबले में जीत हार किसकी होगी यह तो 4 जून को तय होगा।
वैसे जीत के दावे दोनो तरफ से किये जा रहे हैं।दोनो पक्ष के अपने अपने तर्क हैं।
इस सीट की बात करें तो 2014 और 2019 लोकसभा चुनाव में लगातार दो बार बीजेपी ने जीत दर्ज की है। इससे पहले दो चुनावों में इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा था। अब 2024 के महासंग्राम में जीत का हार किसके गले में पड़ेगा, यह देखना दिलचस्प होगा। जानिए क्या है रांची सीट का समीकरण और इतिहास...
झारखंड की राजधानी रांची राज्य की हाई प्रोफाइल सीटों में से एक उस। इस लोकसभा सीट पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच टक्कर होती है। यहां 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा ने बाजी मारी। 2019 में यहां से संजय सेठ सांसद बनकर लोकसभा पहुंचे थे। वहीं इससे पहले रामटहल चौधरी ने जीत दर्ज की थी। इस बार भी भाजपा को यहां से संजय सेठ पर भरोसा है।
रांची लोकसभा क्षेत्र में छह विधानसभा सीटें आती हैं। इनमें इच्छागढ़, सिल्ली, खिजरी, रांची, हटिया, कनके विधानसभा सीटें शामिल हैं।
क्या है रांची लोकसभा सीट का सियासी इतिहास..?
साल 1952 के लोकसभा चुनाव में रांची सीट पर पहली बार कांग्रेस के अब्दुल इब्राहिम जीते थे। वहीं 1957 में निर्दलीय प्रत्याशी मीनू मसानी ने जीत हासिल की थी। इसके बाद 1962, 1967 और 1971 में पीके घोष लगातार तीन बार लोकसभा पहुंचे थे। 1977 में बीएलडी के रविंद्र वर्मा सांसद निर्वाचित हुए। 1980 और 1984 के चुनाव में कांग्रेस के शिव प्रसाद साहू ने जीत दर्ज की थी। इसके बाद 1989के चुनाव में जनता दल से सुबोध कांत सहाय सांसद चुने थे।
लगातार चार बार बीजेपी का दबदबा
इसके बाद बीजेपी के टिकट पर 1991, 1996, 1998 और 1999 में राम टहल चौधरी लगातार चार बार सांसद चुने गए थे। इसके बाद 2004 और 2009 में कांग्रेस के टिकट पर सुबोध कांत सहाय चुनाव जीत कर आये। फिर 2014 में बीजेपी के टिकट पर राम टहल चौधरी और 2019 में संजय सेठ जीतकर लोकसभा पहुंचे हैं।
क्या हैं मतदाताओं के आंकड़े..?
2019 के आम चुनाव के आंकड़ों के मुताबिक इस सीट पर मतदाताओं की संख्या करीब 12.35 लाख थी। वहीं कुल आबादी करीब 28 लाख थी। झारखंड अलग राज्य की मांग के दौरान रांची आंदोलन का केंद्र था।
2019 चुनाव परिणाम
विजेता – संजय सेठ (भाजपा)
वोट मिले – 706,828
वोट (%) – 57.21
उपविजेता – सुबोधकांत सहाय (कांग्रेस)
वोट मिले – 4,23,802
वोट (%) – 34.3
अंतर 2,83,026
2014 चुनाव में क्या रहा स्थिति
विजेता – रामटहल चौधरी (भाजपा)
वोट मिले – 4,48,729
वोट (%) – 42.74
उपविजेता – सुबोधकांत सहाय (कांग्रेस)
वोट मिले – 2,49,426
वोट (%) – 23.76
अंतर 1,99,303
1952 भी 2019 तक किन लोगो ने की जीत दर्ज़
1952 – अब्दुल इब्राहिम – कांग्रेस
1957 – मीनू मसानी – निर्दल
1962 – प्रशांत कुमार घोष – कांग्रेस
1967 – प्रशांत कुमार घोष – कांग्रेस
1971 – प्रशांत कुमार घोष – कांग्रेस
1977 – रवीन्द्र वर्मा – जनता पार्टी
1980 – शिव प्रसाद साहू – कांग्रेस (आई)
1984 – शिव प्रसाद साहू – कांग्रेस
1989 – सुबोधकांत सहाय – जनता दल
1991 – रामटहल चौधरी – भाजपा
1996 – रामटहल चौधरी – भाजपा
1998 – रामटहल चौधरी – भाजपा
1999 – रामटहल चौधरी – भाजपा
2004 – सुबोधकांत सहाय – कांग्रेस
2009 – सुबोधकांत सहाय – कांग्रेस
2014 – रामटहल चौधरी – भाजपा
2019 – संजय सेठ – भाजपा
क्या रहेगा इस बार कि स्थिति..?
इस बार फिर एक बार कोंग्रेस और भाजपा के बींच सीधा टककर है।चुनाव मैदान में भाजपा ने इस बार पुन:संजय सेठ पर भरोसा जताया है।संजय सेठ क्षेत्र में सक्रिय और जनता के बीच रहने वाले सांसद माने जाते हैं।जानता के मुद्दे को लेकर संघर्ष भी करते रहे हैं।इस लिए जनता के बीच ये लोकप्रिय भी रहे हैं।
वहीं कोंग्रेस ने इस बार सुबोध कांत सहाय की पुत्री यश्वासनी सहाय को चुनाव मैदान में उतारा है।यूँ तो यश्वासनी सहाय युवा, विदेश से कानून की पढ़ाई कर मुंबई में प्रैक्टिश कर रही थी।राजनीति उनके लिए नई चीज है।लेकिन इनके पिता सुबोध कांत सहाय राजनेता रहे, रांची लोकसभा का प्रतिनिधित्व भी किया।केंद्र में गृहराज्य मंत्री भी रहे साथ हीं और हर चुनाव में वे नही जीत पाए तो दूसरे स्थान पर रहे हैं।यह यश्वसनी सहाय के लिए पॉजिटिव है।
इधर यश्वसनी सहाय ने HEC का मुद्दा उठाकर तथा उसके कर्मचारियों के बीच जाकर उनकी सहानुभूति भी बटोरी है।
अब देखना है कि कोंग्रेस के एक मंत्री के निजी सचिव के नौकर के पास से बरामद रुपये और पी एम मोदी द्वारा इसे मुद्दा बनाये जाने ,रांची में रोड शो करने से मतदाता पर कितना असर पड़ा है।इन सब के वावजूद टककर कांटे का है।
May 12 2024, 15:39