रायबरेली से राहुल का मतलब विरासत की लड़ाई में उनकी जीत

लखनऊ। आखिर राहुल गांधी को अमेठी छोड़कर रायबरेली आना पड़ा। इसका अर्थ है, विरासत की लड़ाई में राहुल गांधी की जीत। अमेठी से राहुल गांधी को अपने हार का भी भय सता रहा था। यदि रायबरेली से प्रियंका जीत जाती और अमेठी से राहुल हार जाते तो कांग्रेस के अंदर ही प्रियंका को आगे करने की मांग उठने लगती, जो सोनिया गांधी को पसंद नहीं था।

राहुल गांधी को कांग्रेस की नजर में सेफ सीट ही चाहिए

इस बात को पहले भी कई बार मीडिया से कह चुका है कि विरासत में सोनिया गांधी की पसंद राहुल ही हैं। राहुल गांधी के आगे कभी प्रियंका सोनिया गांधी नहीं करना चाहती है। अमेठी से स्मृति आगे लड़ाई ज्यादा कांटे की थी। इस कारण राहुल गांधी को कांग्रेस की नजर में सेफ सीट ही चाहिए, जिस कारण से उन्हें रायबरेली से लड़ाया गया।इस मुद्दे पर भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता मनीष शुक्ला का कहना है कि राहुल गांधी रायबरेली से भी नहीं जीतेंगे। उनकी हार सुनिश्चित है। अमेठी से डरकर भागने वाले राहुल गांधी को पूरे उत्तर प्रदेश की जनता माफ नहीं कर सकती। जनता जानती है कि कांग्रेस के शिर्षस्थ चुनाव मेढक की तरह सिर्फ चुनाव में ही दिखते हैं। उनको आम जनता से कुछ भी लेना-देना नहीं है।

रायबरेली से गांधी परिवार का एक आत्मीय रिश्ता

वहीं कांग्रेस के प्रवक्ता अंशु अवस्थी का कहना है कि अमेठी और रायबरेली से गांधी परिवार का एक आत्मीय रिश्ता है। पहले फिरोज गांधी, फिर इंदिरा गांधी, सोनिया गांधी और अब राहुल गांधी चुनाव मैदान में हैं। हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी जीत रायबरेली से राहुल गांधी की होगी। उप्र के कांग्रेस कार्यकर्ताओं का बेसब्री से इसका इंतजार था। हमारी सीटें बढ़ेंगी।उधर, राहुल गांधी के उप्र के अमेठी के बजाए रायबरेली से चुनाव मैदान में आने पर उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने तंज कसा है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर लिखा कि अमेठी से राहुल गांधी का चुनाव नहीं लड़ना कांग्रेस की नैतिक पराजय और भाजपा की विजय है।

लंबे समय से चल रही अटकलबाजियों पर लगा विराम, रायबरेली से गांधी परिवार की तीसरी पीढ़ी, राहुल ठोकेंगें चुनावी ताल

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में लंबे समय से चल रही अटकलबाजियों और कयासों के बीच कांग्रेस ने अमेठी और रायबरेली सीट पर अपने पत्ते खोले दिए हैं। रायबरेली से राहुल गांधी को प्रत्याशी बनाया है। इसके साथ ही रायबरेली से गांधी परिवार की तीसरी पीढ़ी भी जुड़ गई है। दादा फ़िरोज गांधी, दादी इंदिरा व मां सोनिया गांधी के बाद अब राहुल यहां से चुनावी ताल ठोकेंगें।सोनिया गांधी के राज्यसभा सांसद बनने के बाद माना जा रहा था कि यहां से गांधी परिवार का ही कोई चुनाव लड़ेगा। हालांकि राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि अमेठी के बजाय रायबरेली से राहुल को चुनाव लड़ाना कांग्रेस की अपनी मजबूरी है। क्योंकि अमेठी की अपेक्षा रायबरेली की राजनीतिक फिजा गांधी परिवार के ज्यादा अनूकूल है।


जानकारी के लिए बता दें कि रायबरेली से गांधी परिवार की तीसरी पीढ़ी के राहुल गांधी मां सोनिया गांधी के राज्यसभा जाने के बाद अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इसके पहले वह 2004, 2009, 2014 में अमेठी से सांसद चुने जा चुके हैं। 2019 में अमेठी से उन्हें भाजपा की स्मृति ईरानी से उनकी हार हुई। हालांकि वायनाड से वह चुनकर संसद पहुंच गए।राहुल गृह, विदेश व मानव संसाधन मंत्रालय की संसदीय समितियों के सदस्य भी रहे हैं।


*19 जून 1970 को जन्मे राहुल गांधी ने अपनी शुरुआती पढ़ाई दिल्ली और देहरादून से की*

19 जून 1970 को जन्मे राहुल गांधी ने अपनी शुरुआती पढ़ाई दिल्ली और देहरादून से की। इसके बाद उन्होंने अमेरिका के हावर्ड, कैम्ब्रिज और ट्रिनिटी विश्वविद्यालय से अपनी पढ़ाई पूरी की। राहुल गांधी देश के सबसे मजबूत राजनीतिक परिवार से आते हैं और राजनीति उन्हें विरासत में मिली। 2017 में उन्हें कांग्रेस पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया। इसके पहले वह पार्टी के कई महत्वपूर्ण पदों पर भी रहे। वह कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव, उपाध्यक्ष, युवक कांग्रेस व एनएसयूआई के राष्ट्रीय प्रभारी भी रहे हैं। 2019 में कांग्रेस की हार की जिम्मेदारी लेते हुए उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से अपना इस्तीफ़ा दे दिया था। इंडी गठबंधन के प्रत्याशी के तौर पर रायबरेली में उन्हें गांधी परिवार के ही क़रीबी रहे और अब भाजपा प्रत्याशी दिनेश प्रताप सिंह से सीधे चुनौती मिलने वाली है।वहीं कांग्रेस ने अमेठी सीट से किशोरी लाल शर्मा को चुनाव मैदान में उतारा है। जहां उनका मुकाबला भाजपा की प्रत्याशी और केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी से होगा।

*अमेठी और रायबरेली सीट पर नामांकन की आज आखिरी तारीख*

अमेठी और रायबरेली सीट पर नामांकन की आखिरी तारीख आज है। रायबरेली से राहुल गांधी और अमेठी से केएल शर्मा आज ही नामांकन करेंगे। कांग्रेस ने अमेठी और रायबरेली के प्रत्याशियों के बारे में समाजवादी पार्टी को सूचित कर दिया है। कांग्रेस ने अमेठी और रायबरेली में सपा के स्थानीय पदाधिकारियों को नामांकन में शामिल होने का न्यौता दिया है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को यूपी से चुनाव लड़ने के लिए पार्टी नेताओं को लंबे समय तक मान मन्नौवल करना पड़ा।

*कौन हैं किशोरी लाल शर्मा, क्या है गांधी परिवार से रिश्ता*

मूल रूप से किशोरी लाल शर्मा पंजाब के लुधियाना से ताल्लुक रखते हैं। 1983 के आसपास राजीव गांधी उन्हें पहली बार अमेठी लेकर आए थे। तब से वह यहीं के होकर रह गए। 1991 में राजीव गांधी की मौत के बाद जब गांधी परिवार ने यहां से चुनाव लड़ना बंद किया तो भी शर्मा कांग्रेस पार्टी के सांसद के लिए काम करते रहे। उन्हें संगठन ही नहीं परिवार का भी वफादार माना जाता है। रायबरेली से सोनिया गांधी के सांसद चुने जाने के बाद  उनके प्रतिनिधि के रूप में कार्य करते रहे। सोनिया गांधी के चुनाव नहीं लड़ने पर किशोरी को रायबरेली से दावेदार माना जा रहा था लेकिन पार्टी ने उन्हें रायबरेली के बजाय अमेठी से उम्मीदवार बनाया है।

*आखिर क्यों चुनाव लड़ने से पीछे हटीं प्रियंका गांधी*

रायबरेली और अमेठी से प्रत्याशियों की घोषणा हो गई है। प्रियंका गांधी चुनाव नहीं लड़ रही हैं। अब इस बात के राजनीतिक मायने तलाशे जा रहे हैं। पार्टी सूत्रों का कहना है कि सोनिया गांधी के राज्यसभा सदस्य चुने जाने के बाद से रायबरेली के लिए प्रत्याशी की तलाश शुरू हो गई थी। शुरुआती दौर में प्रियका गांधी रायबरेली को लेकर रुचि दिखा रही थीं। वह यहां से चुनाव लड़ना चाहती थीं। इसी बीच राहुल गांधी की न्याय यात्रा शुरू हुई। पार्टी के कुछ नेताओं ने रायबरेली से प्रियंका के बजाय राहुल का नाम रायबरेली के लिए आगे बढ़ाया। इस पर प्रियंका ने चुप्पी साध ली। उनकी टीम भी धीरे-धीरे यूपी चुनाव से दूर होती नजर आई।
अमेठी से किशोरी लाल शर्मा और रायबरेली से राहुल गांधी लड़ेंगे चुनाव, आज करेंगे नामांकन
लखनऊ । कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अमेठी से तौबा कर लिया है। अब वह रायबरेली से चुनाव लड़ेंगे, जबकि अमेठी से सोनिया गांधी के प्रतिनिधि किशोरी लाल शर्मा मैदान में उतरेंगे। अमेठी और रायबरेली सीट से कांग्रेस उम्मीदवार को लेकर लंबे समय से चल रहा असमंजस शुक्रवार सुबह खत्म हुआ। पार्टी के महासचिव के सी वेणुगोपाल ने दोनों सीट पर उम्मीदवार घोषित कर दिया है। इसमें अमेठी से किशोरी लाल शर्मा और रायबरेली से राहुल गांधी चुनाव लड़ेंगे। राहुल गांधी के लिए पार्टी ने अमेठी से ज्यादा रायबरेली को सुरक्षित माना है। क्योंकि यह सीट अभी तक कांग्रेस के पास ही है। 

अमेठी और रायबरेली सीट पर नामांकन की आखिरी तारीख आज है। रायबरेली से राहुल गांधी और अमेठी से केएल शर्मा आज ही नामांकन करेंगे। कांग्रेस ने अमेठी और रायबरेली के प्रत्याशियों के बारे में समाजवादी पार्टी को सूचित कर दिया है। कांग्रेस ने अमेठी और रायबरेली में सपा के स्थानीय पदाधिकारियों को नामांकन में शामिल होने का न्यौता दिया है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को यूपी से चुनाव लड़ने के लिए पार्टी नेताओं को लंबे समय तक मान मन्नौवल करना पड़ा। सूत्रों का कहना है कि वह उत्तर प्रदेश से चुनाव लड़ने के इच्छुक नहीं थे। यही वजह है कि इन दोनों सीटों पर पार्टी के नेता भी कुछ भी कहने से बचते रहे। कल देर रात कोई बैठक में राहुल गांधी ने अमेठी से चुनाव लड़ने से साफ इनकार कर दिया। ऐसे में उन्हें विरासत का हवाला देकर रायबरेली के लिए मनाया गया। पार्टी नेताओं का मानना है कि विपरीत परिस्थितियों में भी रायबरेली की जनता ने कांग्रेस का हाथ नहीं छोड़ा था। अभी भी वहां पार्टी को लेकर उत्साह है। यह कांग्रेस के लिए प्रदेश की सबसे सुरक्षित सीट है। इस वजह से इस सीट को नही छोड़ा जा सकता है। इस पर राहुल ने हामी भरी।
बृजभूषण सिंह के बेटे करण भूषण ने कैसरगंज सीट से खरीदा नामांकन पत्र, कल करेंगे नामांकन

लखनऊ। देशभर में चर्चा का विषय बनी कैसरगंज लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बृजभूषण शरण सिंह के बेटे करण भूषण सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया है ! करण भूषण सिंह कल अपना नामांकन करेंगे। फिलहाल मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक उन्हें पार्टी कार्यालय से फॉर्म ए और बी दे दिया गया है। जबकि आधिकारिक तौर पर अभी तक कोई पुष्टि नहीं की गयी है।

कैसरगंज लोकसभा सीट से लगभग यह तय हो गया है कि भाजपा बृजभूषण शरण सिंह को चुनाव मैदान में नहीं उतारेगी। जिले में चर्चा है कि अब उनके बेटे और कुश्ती संघ के उपाध्यक्ष करण भूषण सिंह को भाजपा ने कैसरगंज लोकसभा सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है। करण भूषण को टिकट मिलने की खबर से सिंह के समर्थकों में काफी उत्साह है। बृजभूषण सिंह के आवास पर उनके समर्थक खुशी का इजहार कर रहे हैं। एक वीडियो में बृजभूषण सिंह की मौजूदगी में उनके समर्थक करण भूषण सिंह जिंदाबाद के नारे लगा रहे हैं। बताया जा रहा है कि करण भूषण ने अपने पिता का पैर छूकर आशीर्वाद लिया।

चर्चा यह भी है कि बृजभूषण सिंह के बेटे व भाजपा के गोण्डा सदर विधायक प्रतीक भूषण सिंह ने करण भूषण को टिकट मिलने की जानकारी एक व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से लोगों को दी थी। उसके बाद बेटे को टिकट मिलने की जानकारी भाजपा के सांसद बृजभूषण सिंह ने खुद अपने समर्थकों को दिया है। उन्होंने समर्थकों से क्षेत्र में जाकर प्रचार प्रसार करने के लिए कहा है। भाजपा प्रत्याशी करण भूषण सिंह कल 11 बजे अपना नामांकन करेंगे। फिलहाल आधिकारिक तौर पर अभी कोई लिस्ट सामने नहीं आई है।जिला सूचना कार्यालय के माध्यम से यह जानकारी दी गई है कि करण भूषण सिंह ने भाजपा से चार सेट फॉर्म खरीदा है। वहीं भाजपा के जिलाध्यक्ष अमर किशोर कश्यप ने ऐसी कोई भी जानकारी होने से सीधे इनकार किया है।

सीएम योगी आदित्यनाथ का खड़गे पर पलटवार, कहा- सनातन का अपमान कर रही कांग्रेस का जनता करेगी विसर्जन

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिका अर्जुन खड़गे के भगवान राम पर दिए गए बयान पर गुरुवार को पलटवार किया। उन्होंने इसे सनातन परंपरा पर ठेस और अपमानित करने वाला बताया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राम और शिव को एक-दूसरे का विरोधी बताने वाली कांग्रेस हमेशा बांटो और राज करो की नीयत से काम करती आई है।

उन्होंने कहा कि प्रभु श्रीराम ने शिव की आराधना की। भगवान शिव ने भी राम की उपासना की। राम और शिव अलग-अलग नहीं हैं। कांग्रेस लगातार सनातन को अपमानित करती है। भारत की आस्था के साथ खिलवाड़ करना कांग्रेस की प्रवृत्ति है। खड़गे को कांग्रेसी संस्कार में जो प्राप्त हुआ है वही बात वे अपने भाषणों में कह रहे हैं। यह सब कांग्रेस के पतन की नई शुरुआत है। कांग्रेस का लोग विसर्जन करने वाले हैं।

उल्लेखनीय है कि खड़गे ने मंगलवार को छत्तीसगढ़ में भगवान शिव और राम को लेकर अपनी टिप्पणी की थी। खड़गे ने कांग्रेस उम्मीदवार शिवकुमार डहरिया की तुलना भगवान शिव से की। उन्होंने कहा था कि डहरिया राम के साथ समान रूप से प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं, क्योंकि 'वह शिव हैं'। उन्होंने कहा कि मेरा नाम भी मल्लिकार्जुन है, यानी मैं भी शिव हूं। आंध्र प्रदेश के श्रीशैलम में मल्लिकार्जुन नाम का एक ज्योतिर्लिंग भी है। उनके भगवान राम और शिव पर दिए इस बयान ने सियासी तूल पकड़ लिया है।

कैसरगंज सीट को लेकर मंथन जारी, भाजपा अंतिम समय लगा सकती है नया दांव, बृजभूषण को लेकर सस्पेंस बकरार

लखनऊ । यूपी की सियासी तपिश के केंद्र कैसरगंज को लेकर मंथन राजधानी से लेकर दिल्ली तक चल रहा है। प्रत्याशी तय करने में पार्टियां नफा- नुकसान पर इतनी गंभीर हैं कि नाम तय करने में पसीना छूट रहा है। अंतिम दौर में पहुंचे नामांकन में अब प्रत्याशी तय करना मजबूरी सा हो गया है। भाजपा ही नहीं तीनों दलों में घमासान मचा है कि आखिर कमान किसके हाथ में दी जाए, जिससे राजनीतिक इज्जत बची रहे। इसी दांव में भाजपा ने नई राह निकाली है। इसमें किसी दिग्गज को या फिर महिला नेतृत्व के हाथ में क्षेत्र की कमान दी जा सकती है।

बुधवार को पूरे दिन सियासी पारा इसी के आसपास उठता-गिरता रहा। कैसरगंज की नुमाइंदगी कर रहे सियासी अखाड़े के दिग्गज से भाजपा ने आंख क्या फेरी, दावा तय करने में देरी की इंतहां हो गई। सजे मैदान में सियासी सेना पूरे एक माह से कदमताल कर रही है। सेनापति के न होने से जंग छिड़ ही नहीं पा रही। कैसरगंज के चुनावी इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ कि कोई दल प्रत्याशी तय करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा। बुधवार को राजनीतिक गलियारों में कई नाम सामने आते रहे, यह अलग बात रही कि किसी नाम पर मुहर नहीं लग सकी। दिल्ली की बैठक का जिक्र जोरों पर रहा कि अब कर्नाटक की घटना के बाद नारी नेतृत्व के हाथ में कैसरगंज की चाभी दी जाए। इसके लिए समाजवादी घराने की बहू जो भगवा रंग धारण किए हैं का नाम भी चर्चा में रहा। वहीं स्थानीय सियासी घराने का नाम भी सुर्खियों में आया। देर शाम तक सिर्फ नामों की चर्चा रही।

इसी बीच प्रदेश सरकार के एक डिप्टी सीएम का नाम भी तैरता रहा। समय कम हाेने से सभी को जल्द फैसले की उम्मीद है। अब एक ही बात की चर्चा है कि आखिर किसके हाथ में फूल महकेगा। बात सपा की करें तो चार संभावितों ने नामांकन पत्र तो लिया है, लेकिन अभी दाखिल करने की हरी झंडी नहीं मिली है। सपा भी भाजपा के दांव का अंतिम समय तक इंतजार करने के मूड में दिख रही है, वहीं बसपा भी किसी का इंतजार ही कर रही है। वह भी शुक्रवार के पहले पूरा हो जाएगा। अब यहां देखना अहम होगा कि इस इंतजार में बेकरार कौन होता है। इसी पर पूरे समीकरण का दारोमदार टिका है। ऐसा भी हो सकता है कि बेकरारी बगावत तक पहुंच जाए। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कैसरगंज सीट से मौजूदा भाजपा बृजभूषण शरण सिंह पर गाज गिर सकती है। उनकी जगह उनके छोटे बेटे को टिकट देने की चर्चाएं हैं। या फिर किसी महिला को भी मैदान में उतारा जा सकता है।

बसपा ने उप्र की छह लोकसभा और लखनऊ पूर्वी उपचुनाव के उम्मीदवार घोषित किए

लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी ने गुरुवार को लखनऊ पूर्वी उपचुनाव के उम्मीदवार आलोक कुशवाहा और छह लोकसभा सीटों समेत सात उम्मीदवारों की घोषणा कर दी। इस सूची में बाराबंकी की सुरक्षित सीट पर दो दिनों से चर्चा में आये शिवकुमार दोहरे का नाम घोषित हो गया।

लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बसपा ने उम्मीदवारों की 11वीं सूची जारी की। इसमें गोण्डा लोकसभा सीट से सौरभ मिश्रा, डुमरियागंज सीट से मोहम्मद नदीम मिर्जा, कैसरगंज लोकसभा सीट से नरेन्द्र पाण्डेय, संतकबीर नगर सीट से नदीम अशरफ, आजमगढ़ लोकसभा सीट से महशूद अहमद को उम्मीदवार बनाया गया है।

बसपा की सूची में मुस्लिम चेहरों को वरीयता दी गयी है तो कैसरगंज लोकसभा सीट पर भाजपा और सपा से पहले बसपा ने अपना उम्मीदवार दे दिया है। बता दें कि कैसरगंज लोकसभा सीट पर बसपा कार्यकर्ता कुछ समय से नरेन्द्र पाण्डेय का नाम ले रहे थे। हाईकमान से उनके नाम पर मुहर लगने के बाद उनके समर्थकों में खुशी है।

दिल्ली के बाद लखनऊ के एक स्कूल को बम से उड़ाने की मिली धमकी

लखनऊ। दिल्ली-एनसीआर के बाद उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के एक स्कूल को भी बम से उड़ाने की धमकी मिली थी। हालांकि यह अफवाह निकली।पीजीआई थाना क्षेत्रान्तर्गत वृंदावन योजना में एमिटी इंटरनेशनल स्कूल में एक इमेल प्राप्त हुआ, जिसमें स्कूल को बम से उड़ाने की धमकी थी। इसके बाद स्कूल प्रबंध ने फौरन सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने बीडीएस टीम के साथ मामले की जांच की तो इसे अफवाह पाया। अब यूपी एटीएस, एसटीएफ इस मामले में जुट गई है। साइबर सेल की मदद से इमेल के बारे में भी जानकारी जुटायी जा रही है।

उल्लेखनीय है कि यह मामला सुबह से ही दिल्ली और एनसीआर के क्षेत्रों में चल रहा था तो सक्रिय पुलिस ने कई स्कूलों की गहनता से छानबीन की। तलाशी के दौरान यहां पर कोई भी पदार्थ नहीं पाया गया। दिल्ली पुलिस ने इस मामले को पूरी तरह से फर्जी बताया। लेकिन सतर्कता बनायी रखी थी। स्कूलों को भेजी गई इस ईमेल के पीछे के मकसद को जानने के लिए जांच एजेंसियां और पुलिस जुट गई हैं।

गरीबों के साथ मजाक कर रही भाजपा सरकार: अखिलेश

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शिवपाल यादव की इटावा के विधानसभा जसवंतनगर में जनसभा को संबोधित किया जनसभा संबोधित करते हुए अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी की केंद्र और प्रदेश सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि कोरोना के समय आपदा में अवसर का नारा देने वाले लोगों की पोल खुल गई है। कोरोना वैक्सीन बनाने वाली कंपनी से भी भाजपा के लोगों ने चंदा लेकर लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ होने दिया। आज वह कंपनी कोर्ट के कठघरे में खड़ी है और उस वैक्सीन से लोगों में हार्ट अटैक और ब्रेन हेमरेज की बीमारियां बढ़ रही हैं।

इटावा जसवंतनगर में जनसभा को संबोधित करते अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यह लोग सब कुछ प्राइवेट करते चले जा रहे हैं। हर विभाग में आउटसोर्स से भर्ती हो रही है और जो भर्ती सरकार कर रही है, उनके पेपर लीक करवा रही है ताकि भर्तियां न करनी पड़ जाए। गरीब, किसान बेरोजगार लोगों ने बैंक में सोना रखकर कर्ज लिया है। देश में महंगाई से परेशान गृहिणी महिलाएं भी अब भारतीय जनता पार्टी से परेशान हो चुकी हैं। उन्होंने कहा कि यह लोग सब कुछ उल्टा पुल्टा कर चुके हैं। इस बार यह लोग सत्ता में आए तो संविधान बदल देंगे। भाजपा ने एक दिन फैसला लिया और नोटबंदी कर दी और लोगों को बैंक की लाइनों में खड़ा कर दिया और फिर फौज की नौकरी भी चार साल की कर दी ।

आगे पता नहीं, हो सकता है पुलिस की भर्ती में भी तीन साल की नौकरी कर दे। उन्होंने कहा कि दो चरणों के चुनाव में भाजपा के लोग और उनके साथी बहुत पीछे छूट गए हैं इसलिए उन्होंने अपना चार सौ पार का नारा भी बदल दिया है। यह लोग सबको जबरदस्ती कोरोना की वैक्सीन लगवा रहे थे अब तो बात खुल गई । सोचिए कंपनी ने खुद कोर्ट में कहा कि इस वैक्सीन के बाद हार्ट अटैक और दिल संबंधी बीमारियां बढ़ी हैं। भाजपा ने अपनी सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग करके कंपनियों से जबरदस्ती चंदा वसूला है। जिन कंपनियों के पास टर्न ओवर नहीं है, उन कंपनियों से हजारों करोड़ रुपए का चंदा लिया है। आज देश में महंगाई चंदे की वजह से बढ़ी है।

उन्होंने कहा कि अगर विभाग प्राइवेट हो जायेगा तो क्या आरक्षण लागू होगा? यह हवाई जहाज वाला विभाग प्राइवेट कर दिया और इसी तरह और भी विभाग हैं। अगर आरक्षण खत्म नहीं करना चाहते है तो प्राइवेट के रास्ते पर क्यों जा रहे है। उन्होंने कहा कि यह जसवंतनगर है और आज तारीख एक मई है । यह समझ लो कि बीजेपी गई। उन्होंने कहा कि भाजपा ने फ्री में गल्ला देने का वादा करअपनी सरकार तो बना ली शुरू में तो गल्ले में रिफाइंड दाल चीनी सब कुछ दिया, अब क्या दे रही है । गरीबों का मजाक बनाया जा रहा है। हमारी सरकार बनने के बाद हम अच्छी गुणवत्ता का आटा और डाटा दोनो फ्री में देंगे। किसानों का कर्ज माफ करेंगे।

पत्रकारों के पेंशन और आवास की समस्या का होगा समाधानः अवनीष अवस्थी

लखनऊ 1मई । राजधानी लखनऊ में मजदूर दिवस के अवसर पर यूपी प्रेस क्लब में यूपी वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन के तत्वावधान में कार्यक्रम आयोजित किया गया।

इस अवसर पर पत्रकारों के लिए पेंशन योजना, पत्रकार सुरक्षा कानून, पीजीआई में सभी श्रमजीवी पत्रकारों को चिकित्सा सुविधा और डेस्क कर्मियों को प्रेस मान्यता दिए जाने की मांग की गयी। यूनियन ने मुख्यमंत्री को संबोधित इन 14 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सीएम के सलाहकार और कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अवनीश अवस्थी को सौंपा।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री के सलाहकार अवनीश अवस्थी ने मई दिवस पर सभी लोगों को हार्दिक बधाई दी। उन्होंने कहा कि जादूगर अगर जादू दिखा दे तो आवास और पेंशन की समस्या खत्म हो जाय। मुख्यमंत्री ने कोविड में खत्म हुए 122 पत्रकारों के परिवार को सहायता दी थी। उन्होंने पत्रकारों को आश्वस्त करते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव चल रहा है इसलिए ज्यादा नहीं बोल सकता हूं। लेकिन पत्रकारों के पेंशन और आवास की समस्या का समाधान किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि जो भी मजदूर है जहाँ भी काम कर रहा उसकी इज्जत करे। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का विकसित भारत का सपना पूरा होगा। अवनीश अवस्थी ने मंच से वहां मौजूद सभी लोगों से मतदान करने की भी अपील की। इस अवसर पर विधान परिषद सदस्य पवन सिंह चौहान ने सभी पत्रकारों को मजदूर दिवस की बधाई दी। उन्होंने कहा कि पत्रकारों की इतनी कम सैलरी पर 24 घंटे काम करना बहुत बड़ी बात है। रात में घटना हो या दिन में बारिश में ठंड में गर्मी में लगातार काम करते है। श्रमिक के काम का एक समय होता हैं लेकिन पत्रकार के काम करने का घंटा तय नहीं रहता। उन्होंने कहा कि वह सरकार से पत्रकारों के हितों के लिए मजबूती से पैरवी करेंगे।

कार्यक्रम में यूपी प्रेस क्लब के अध्यक्ष रवींद्र कुमार सिंह ने कहा कि पत्रकार और पत्रकारिता दोनों संक्रमण काल के दौर से गुजर रहे हैं। सरकार पत्रकारों के हितों का संरक्षण करने के उपाय करें। अखबार चलाने वाले मालिकान अब संविदा के तहत पत्रकारों को नौकरी में रखते हैं। इसलिए नौकरी खत्म होने का संकट हमेशा बना रहता है।

इस अवसर पर उत्तर प्रदेश श्रमजीवी वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष हसीब सिद्दीकी ने कहा कि पत्रकारों को बिना किसी दबाव के कार्य का माहौल बरकरार रखा जाए। पत्रकारों के उत्पीड़न को गंभीरता से लेते हुए सरकार इसके समाधान की व्यवस्था करे।

मुख्यमंत्री के सलाहकार अवनीश अवस्थी के माध्यम से मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन में मांग की गयी है कि मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान, केरल समेत लगभग एक दर्जन से ज्यादा राज्यों में पत्रकारों को पेंशन योजना का लाभ दिया जा रहा है।

यूपी सरकार भी पत्रकारों के लिए शीघ्र ही पेंशन योजना का ऐलान करे। ज्ञापन में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पिछले कार्यकाल का उल्लेख किया गया है जिसमें पत्रकारों के लिए 20 हजार रुपये प्रतिमाह पेंशन देने का निर्णय लिया गया था। ज्ञापन में न्यूज़ आधारित यूट्यूब चैनलों के लिए भी नियमावली बनाकर उन्हें प्रेस मान्यता देने तथा रेल किराए में 50 प्रतिशत की छूट बहाल करने और प्रेस काउंसिल के स्थान पर मीडिया काउंसिल गठित करने की केंद्र सरकार को संस्तुत करने की मांग भी की गयी है।

दिवंगत पत्रकारों के परिवारों की आर्थिक सहायता के लिए स्थायी व्यवस्था करने और राजमार्गों पर राज्य मुख्यालय में मान्यता प्राप्त पत्रकारों के साथ-साथ राज्य एवं जिला स्तरीय संवाददाताओं के प्रेस वाहनों को टोल टैक्स से छूट देने की मांग भी ज्ञापन में की गयी है। इसके अलावा लघु एवं मध्यम समाचार पत्रों को सरकारी विज्ञापनों का एक निश्चित कोटा निर्धारित करने की मांग भी मुख्यमंत्री को भेजे गए ज्ञापन में की गई है।

इस अवसर पर सुरेश बहादुर सिंह, लखनऊ मंडल इकाई के अध्यक्ष शिवशरण सिंह, प्रदेश महामंत्री पीके तिवारी, मनोज मिश्रा , मुकुल मिश्रा , नितिन श्रीवास्तव , आदर्श प्रकाश सिंह, देवराज सिंह , नवलकांत सिन्हा , दीपक गिडवानी , राकेश पांडे, आदित्य सिंह , राजेश शुक्ला, प्रद्युम्न तिवारी, अर्चना गुप्ता, जुबेर अहमद, रजा रिज़वी, अब्दुल वाहिद, कुटुबु ल्ला, तारिक फारुकी, भरत सिंह नेगी , अजय कुमार सिंह आदि उपस्थित रहे।