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May 03 2024, 12:25

क्या हार के डर से राहुल गांधी अमेठी के बजाय रायबरेली से लड़ रहे चुनाव? जानें क्या है कांग्रेस की रणनीति

#why_did_rahul_gandhi_have_to_come_to_rae_bareli

इस बार के लोकसभा चुनाव में अगर किसी सीट को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा है, तो वो है अमेठी और रायबरेली। इन दोनों सीटों की चर्चा पीएम मोदी के संसदीय सीट वाराणसी से भी ज्यादा हो गई है। दरअसल, आज अमेठी औरह रायबरेली सीट पर नामांकन का आखिरी दिन है और नामांकन के आखिरी दिन कांग्रेस ने इन दोनों सीटों पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा की है। कांग्रेस ने अमेठी से सोनिया गांधी के प्रतिनिधि किशोरी लाल शर्मा को चुनाव मैदान में उतारा है। वहीं रायबरेली सीट पर कांग्रेस के “युवराज” ने ताल ठोंका है। राहुल गांधी के इस सीट से प्रत्याशी बनाए जाने के बाद रायबरेली लोकसभा सीट देश के सबसे हॉट सीटों में से एक हो गई है।

सोनिया गांधी के चुनावी राजनीति से सन्यास लेने की घोषणा के बाद से रायबरेली सीट पर कई प्रकार के दावे किए जा रहे थे। दावा यह भी किया जा रहा था कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को इस सीट से उम्मीदवार बनाया जा सकता है। हालांकि, गांधी परिवार की सहमति के बाद कांग्रेस ने इस सीट पर राहुल गांधी की उम्मीदवारी तय कर दी है। राहुल गांधी रायबरेली से अब अपनी राजनीति को आगे बढ़ते दिख सकते हैं।

राहुल गांधी अब अपनी मां सोनिया गांधी और दादी इंदिरा गांधी की सीट से चुनावी मैदान में किस्मत आजमाएंगे। राहुल गांधी को अमेठी के बजाय रायबरेली से उतारना कांग्रेस की सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है।राहुल गांधी का अमेठी सीट छोड़कर रायबरेली से चुनाव लड़ने के फैसले के पीछे चुनाव हारने का डर नहीं बल्कि भाजपा की रणनीति को फेल करने की मंशा मानी जा रही है। 2024 का चुनावी माहौल पूरी तरह से मोदी बनाम राहुल के इर्द-गिर्द नजर आ रहा है। ऐसे में राहुल गांधी अगर अमेठी सीट से चुनावी मैदान में उतरते तो यह नैरेटिव बदलकर राहुल बनाम ईरानी हो जाता। कांग्रेस ने ऐसा नैरेटिव नहीं बनने देने के लिए ही राहुल गांधी को अमेठी के बजाय रायबरेली से चुनाव मैदान में उतारने का फैसला किया।

वहीं, यूपी में कांग्रेस की स्थिति पिछले वर्षों में काफी खराब हुई है। लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस केवल एक सीट रायबरेली से ही जीत दर्ज कर पाने में कामयाब रही थी। अब राहुल गांधी के सामने कांग्रेस के इस मजबूत गढ़ को बचाने की चुनौती होगी। वहीं, लोकसभा चुनाव 2024 में भी वायनाड से वे चुनावी मैदान में हैं। हालांकि, इस बार उन्हें इस सीट पर माकपा से कड़ी टक्कर का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में कांग्रेस राहुल के लिए रायबरेली को सुरक्षित सीट मान रही है।

यही नहीं, राहुल गांधी अगर अमेठी से चुनावी मैदान में उतरते तो फिर प्रियंका गांधी को मजबूरन रायबरेली सीट से प्रत्याशी बनना पड़ता। प्रियंका गांधी के चुनावी मैदान में उतरने से बीजेपी के हाथों कांग्रेस को परिवारवाद के मुद्दे पर घेरने का मौका मिल जाता। साथ ही कांग्रेस ने रणनीति के तहत राहुल गांधी को रायबरेली से उतारा है ताकि उन पर प्रदेश छोड़कर भागने के आरोप न लग सकें।

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May 03 2024, 12:24

क्या हार के डर से राहुल गांधी अमेठी के बजाय रायबरेली से लड़ रहे चुनाव? जानें क्या है कांग्रेस की रणनीति*
#why_did_rahul_gandhi_have_to_come_to_rae_bareli
इस बार के लोकसभा चुनाव में अगर किसी सीट को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा है, तो वो है अमेठी और रायबरेली। इन दोनों सीटों की चर्चा पीएम मोदी के संसदीय सीट वाराणसी से भी ज्यादा हो गई है। दरअसल, आज अमेठी औरह रायबरेली सीट पर नामांकन का आखिरी दिन है और नामांकन के आखिरी दिन कांग्रेस ने इन दोनों सीटों पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा की है। कांग्रेस ने अमेठी से सोनिया गांधी के प्रतिनिधि किशोरी लाल शर्मा को चुनाव मैदान में उतारा है। वहीं रायबरेली सीट पर कांग्रेस के “युवराज” ने ताल ठोंका है। राहुल गांधी के इस सीट से प्रत्याशी बनाए जाने के बाद रायबरेली लोकसभा सीट देश के सबसे हॉट सीटों में से एक हो गई है। सोनिया गांधी के चुनावी राजनीति से सन्यास लेने की घोषणा के बाद से रायबरेली सीट पर कई प्रकार के दावे किए जा रहे थे। दावा यह भी किया जा रहा था कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को इस सीट से उम्मीदवार बनाया जा सकता है। हालांकि, गांधी परिवार की सहमति के बाद कांग्रेस ने इस सीट पर राहुल गांधी की उम्मीदवारी तय कर दी है। राहुल गांधी रायबरेली से अब अपनी राजनीति को आगे बढ़ते दिख सकते हैं। राहुल गांधी अब अपनी मां सोनिया गांधी और दादी इंदिरा गांधी की सीट से चुनावी मैदान में किस्मत आजमाएंगे। राहुल गांधी को अमेठी के बजाय रायबरेली से उतारना कांग्रेस की सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है।राहुल गांधी का अमेठी सीट छोड़कर रायबरेली से चुनाव लड़ने के फैसले के पीछे चुनाव हारने का डर नहीं बल्कि भाजपा की रणनीति को फेल करने की मंशा मानी जा रही है। 2024 का चुनावी माहौल पूरी तरह से मोदी बनाम राहुल के इर्द-गिर्द नजर आ रहा है। ऐसे में राहुल गांधी अगर अमेठी सीट से चुनावी मैदान में उतरते तो यह नैरेटिव बदलकर राहुल बनाम ईरानी हो जाता। कांग्रेस ने ऐसा नैरेटिव नहीं बनने देने के लिए ही राहुल गांधी को अमेठी के बजाय रायबरेली से चुनाव मैदान में उतारने का फैसला किया। वहीं, यूपी में कांग्रेस की स्थिति पिछले वर्षों में काफी खराब हुई है। लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस केवल एक सीट रायबरेली से ही जीत दर्ज कर पाने में कामयाब रही थी। अब राहुल गांधी के सामने कांग्रेस के इस मजबूत गढ़ को बचाने की चुनौती होगी। वहीं, लोकसभा चुनाव 2024 में भी वायनाड से वे चुनावी मैदान में हैं। हालांकि, इस बार उन्हें इस सीट पर माकपा से कड़ी टक्कर का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में कांग्रेस राहुल के लिए रायबरेली को सुरक्षित सीट मान रही है। यही नहीं, राहुल गांधी अगर अमेठी से चुनावी मैदान में उतरते तो फिर प्रियंका गांधी को मजबूरन रायबरेली सीट से प्रत्याशी बनना पड़ता। प्रियंका गांधी के चुनावी मैदान में उतरने से बीजेपी के हाथों कांग्रेस को परिवारवाद के मुद्दे पर घेरने का मौका मिल जाता। साथ ही कांग्रेस ने रणनीति के तहत राहुल गांधी को रायबरेली से उतारा है ताकि उन पर प्रदेश छोड़कर भागने के आरोप न लग सकें।

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May 03 2024, 11:24

प्रियंका गांधी का पीएम मोदी पर जोरदार पलटवार, बोलीं-मेरे पिता को अपनी मां से विरासत में संपत्ति नहीं, शहादत मिली

#priyanka_gandhi_emotional_speech_about_her_father_rajiv_gandhi

पूरे देश में तापमान 40 के पार पहुंच गया है। भीषण गर्मी के बीच लोकसभा चुनाव को लेकर जारी सियासी हलचल से पारा और चढ़ गया है। जनता को अपने पाले में करने के लिए नेता लच्छेदार भाषण को अपना हथियार बनाए हुए हैं। बयानवाजियों और वार-पलटवार के इस दौरा में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा गुरुवार को एक चुनावी जनसभा के दौरान अपने पिता को याद करते हुए भावुक हो गईं। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने एक भावनात्मक भाषण में अपने पिता के शरीर के टुकड़े घर लाने का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि राजीव गांधी को उनकी मां से विरासत में संपत्ति नहीं ‘शहादत’ मिली।

कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी गुरुवार को मध्य प्रदेश के मुरैना पहुंचीं हुई थीं। जहां, एक रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने 'विरासत वाले बयान' पर एक बार फिर निशाना साधा। प्रियंका गांधी ने कहा कि, 'जब अपने पिता के टुकड़े लेकर आई तो इस देश से नाराज थी। मैंने अपने पिता को हिफाजत से तुम्हारे पास भेजा और तुमने टुकड़े में लौटाया। प्रियंका गांधी ने कहा कि मैं जानती हूं शहादत का क्या मतलब है। जब मंच पर खड़े होकर मेरे पिता पर आरोप लगाते हैं कि मेरे पिता ने कोई कानून बदल दिया उनसे विरासत लेने के लिए। मेरे पिता को विरासत में धन-दौलत नहीं, शहादत की भावना मिली।

प्रियंका ने रैली को संबोधित करते हुए भावुक स्वर में कहा, जब मोदीजी इंदिराजी जैसी महिला के बारे में बकवास करते हैं, जब मोदीजी देशभक्ति की इस भावना को देखकर केवल वंशवादी राजनीति देखते हैं, तो वह इस बलिदान को नहीं समझ सकते। बीजेपी पर हमला बोलते हुए प्रियंका गांधी ने कहा कि वे हमें देशद्रोही कहें, घर से निकाल दें, संसद से निकाल दें, कुछ भी कर लें, लेकिन ये भावना हमारे दिल से कोई नहीं निकाल सकता। आज विपक्ष की आवाज को दबाने का प्रयास किया जा रहा है लेकिन हम आवाज उठाते रहते हैं, हम डरने वाले नहीं हैं।

मोदी ने पिछले हफ्ते मुरैना में एक रैली में आरोप लगाया था कि राजीव गांधी ने सत्ता में आने के बाद विरासत कर को खत्म कर दिया था ताकि उन्हें उनकी मां से विरासत में मिली संपत्ति पर कर न लगे। उन्होंने कहा था कि पहले मृत व्यक्ति की आधी संपत्ति कानूनन सरकार के पास चली जाती थी। प्रधानमंत्री ने कहा था, तब चर्चा थी कि इंदिराजी ने अपनी संपत्ति की वसीयत अपने बेटे राजीव गांधी के नाम कर दी थी। (उनकी मृत्यु के बाद) सरकार को मिलने वाले पैसे को बचाने के लिए, तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने विरासत कर को समाप्त कर दिया।

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May 03 2024, 10:31

अमेठी से केएल शर्मा पर कांग्रेस ने खेला दांव, क्या हारी सीट आएगी “हाथ” में या स्मृति ईरानी कमल खिलाने में होंगी कामयाब?

#why_did_congress_make_kl_sharma_its_candidate

अमेठी लोकसभा सीट से कांग्रेस के टिकट को लेकर सस्पेंस समाप्त हो गया है। कांग्रेस ने गांधी परिवार का गढ़ मानी जाने वाली अमेठी सीट से सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र प्रतिनिधि रहे किशोरी लाल शर्मा को टिकट देने का ऐलान किया है।दूसरी तरफ सोनिया गांधी की सीट रायबरेली से राहुल गांधी चुनाव लड़ेंगे।

ऐसे में लोगों में यह जानने की उत्सुकता बढ़ रही है कि केएल शर्मा कौन हैं जिस पर कांग्रेस ने भरोसा जताया है? यहीं नहीं लोगों के मन में ये सवाल भी उठ रहे हैं कि क्या केएल शर्मा कांग्रेस की हारी हुई अमेठी सीट को वापस लाने में कामयाब होंगे?

केएल शर्मा कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के विश्वासपात्र हैं। जब सोनिया रायबरेली से सांसद थीं तो वह उनके सांसद प्रतिनिधि हुआ करते थे।किशोरी लाल काफी समय से अमेठी और रायबरेली दोनों क्षेत्रों में कांग्रेस पार्टी का कामकाज देखते आ रहे हैं।मूल रूप से किशोरी लाल शर्मा पंजाब के लुधियाना से ताल्लुक रखते हैं। 1983 के आसपास राजीव गांधी उन्हें पहली बार अमेठी लेकर आए थे।

तब से वह यहीं के होकर रह गए। वह 1983 से रायबरेली और अमेठी में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।

1991 में राजीव गांधी की मौत के बाद जब गांधी परिवार ने यहां से चुनाव लड़ना बंद किया तो भी शर्मा कांग्रेस पार्टी के सांसद के लिए काम करते रहे।केएल शर्मा का अमेठी और रायबरेली से जुड़ाव लगातार बना रहा। उन्होंने शीला कौल और सतीश शर्मा का भी कामकाज देखा।किशोरी लाल को सोनिया के लिए चाणक्य का किरदार निभाने वाला माना जाता है। 1999 के लोकसभा चुनाव में सोनिया की अमेठी से जीत में किशोरी लाल की अहम भूमिका रही। चुनाव के बाद पांच साल तक किशोरी ने अमेठी में रहकर पूरी जिम्मेदारी संभाली। शर्मा की कांग्रेस के लिए उपयोगिता इसी से समझिए कि अगर वह अमेठी से चुनाव लड़ रहे तो भी रायबरेली सीट पर राहुल का काम देखेंगे।

हालांकि, लंबे समय से कांग्रेस और उसके चुनाव मैनेजमेंट से जुड़े रहे किशोरी लाल शर्मा के सामने गांधी परिवार का खोया गढ़ वापस पाने की चुनौती होगी।शर्मा के सामने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के टिकट पर चुनाव लड़ रहीं केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की मजबूत चुनौती है।स्मृति ईरानी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष राहुल गांधी को हराया था।

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May 03 2024, 10:30

अमेठी से केएल शर्मा पर कांग्रेस ने खाल दांव, क्या हारी सीट आएगी “हाथ” में या स्मृति ईरानी कमल खिलाने में होंगी कामयाब?*
#why_did_congress_make_kl_sharma_its_candidate अमेठी लोकसभा सीट से कांग्रेस के टिकट को लेकर सस्पेंस समाप्त हो गया है। कांग्रेस ने गांधी परिवार का गढ़ मानी जाने वाली अमेठी सीट से सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र प्रतिनिधि रहे किशोरी लाल शर्मा को टिकट देने का ऐलान किया है।दूसरी तरफ सोनिया गांधी की सीट रायबरेली से राहुल गांधी चुनाव लड़ेंगे। ऐसे में लोगों में यह जानने की उत्सुकता बढ़ रही है कि केएल शर्मा कौन हैं जिस पर कांग्रेस ने भरोसा जताया है? यहीं नहीं लोगों के मन में ये सवाल भी उठ रहे हैं कि क्या केएल शर्मा कांग्रेस की हारी हुई अमेठी सीट को वापस लाने में कामयाब होंगे? केएल शर्मा कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के विश्वासपात्र हैं। जब सोनिया रायबरेली से सांसद थीं तो वह उनके सांसद प्रतिनिधि हुआ करते थे।किशोरी लाल काफी समय से अमेठी और रायबरेली दोनों क्षेत्रों में कांग्रेस पार्टी का कामकाज देखते आ रहे हैं।मूल रूप से किशोरी लाल शर्मा पंजाब के लुधियाना से ताल्लुक रखते हैं। 1983 के आसपास राजीव गांधी उन्हें पहली बार अमेठी लेकर आए थे। तब से वह यहीं के होकर रह गए। वह 1983 से रायबरेली और अमेठी में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। 1991 में राजीव गांधी की मौत के बाद जब गांधी परिवार ने यहां से चुनाव लड़ना बंद किया तो भी शर्मा कांग्रेस पार्टी के सांसद के लिए काम करते रहे।केएल शर्मा का अमेठी और रायबरेली से जुड़ाव लगातार बना रहा। उन्होंने शीला कौल और सतीश शर्मा का भी कामकाज देखा।किशोरी लाल को सोनिया के लिए चाणक्य का किरदार निभाने वाला माना जाता है। 1999 के लोकसभा चुनाव में सोनिया की अमेठी से जीत में किशोरी लाल की अहम भूमिका रही। चुनाव के बाद पांच साल तक किशोरी ने अमेठी में रहकर पूरी जिम्मेदारी संभाली। शर्मा की कांग्रेस के लिए उपयोगिता इसी से समझिए कि अगर वह अमेठी से चुनाव लड़ रहे तो भी रायबरेली सीट पर राहुल का काम देखेंगे। हालांकि, लंबे समय से कांग्रेस और उसके चुनाव मैनेजमेंट से जुड़े रहे किशोरी लाल शर्मा के सामने गांधी परिवार का खोया गढ़ वापस पाने की चुनौती होगी।शर्मा के सामने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के टिकट पर चुनाव लड़ रहीं केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की मजबूत चुनौती है।स्मृति ईरानी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष राहुल गांधी को हराया था।

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May 02 2024, 19:57

राहुल गांधी ने प्रज्वल रेवन्ना मामले में पीएम मोदी को घेरा, बोले- मास रेपिस्ट के लिए मांगा वोट, अब मांगे माफी

#rahul_gandhi_attacks_pm_narendra_modi_prajwal_revanna

पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के पोते प्रज्वल रेवन्ना के कथित अश्लील वीडियो सार्वजनिक होने के बाद मामला गरम है। रेवन्ना का सेक्स स्कैंडल अब उसके साथ गठबंधन में लोकसभा चुनाव लड़ रही भाजपा के लिए परेशानी बन गया है। विपक्षी दलों ने इसे लेकर भाजपा को घेरना शुरू कर दिया है। इस बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पीएम मोदी को इस मुद्दे पर घेरा। राहुल ने कहा कि पीएम मोदी महिलाओं से माफी मांगे।पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को प्रज्वल रेवन्ना के लिए वोट मांगने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भारतीय महिलाओं से माफी मांगने को कहा।

प्रज्वल रेवन्ना और प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए राहुल गांधी ने कर्नाटक के शिवमोगा में कहा, प्रधानमंत्री को भारत की माताओं-बहनों से भी माफी मांगनी चाहिए। प्रज्वल रेवन्ना ने 400 महिलाओं का रेप किया और उनका वीडियो बनाया है। यह सेक्स स्कैंडल नहीं बल्कि मास रेप है। राहुल ने कहा, 'प्रधानमंत्री कर्नाटक में भरे मंच पर मास रेपिस्ट को डिफेंड कर रहे थे। उन्होंने (मोदी) कहा था कि कर्नाटक यदि आप इस रेपिस्ट के लिए वोट करेंगे तो इसका लाभ मुझे होगा। राहुल ने आगे कहा, कर्नाटक में हर महिला को जानना चाहिए कि जब प्रधानमंत्री उनसे वोट मांग रहे थे तो वह प्रज्वल की हरकत के बारे में जानते थे।

राहुल गांधी ने सवाल उठाया कि ऐसे आरोपी का बीजेपी ने कैसे समर्थन किया। उसे जर्मनी जाने से क्यों नहीं रोका गया? इसी के साथ उन्होंने ये भी कहा कि हैरत है कि जिस वक्त प्रधानमंत्री मोदी ने रेवन्ना का समर्थन किया, उस वक्त उनको उसके कारनामे कैसे नहीं मालूम थे? राहुल गांधी ने कहा कि उनके पास सारी एजेंसियां हैं, फिर भी उन्हें कैसे नहीं पता चला कि उस पर क्या आरोप हैं और वह विदेश भागने वाला है?

राहुल गांधी ने आगे कहा कि आज बीजेपी सत्ता के लिए किसी का भी समर्थन करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि आज पूरी दुनिया में इस बात का शोर है कि एक 400 महिलाओं के रेप के आरोपी को बीजेपी अपना समर्थन दे रही है। राहुल गांधी ने कहा कि पिछले 10 साल में इस सरकार ने केवल 22 लोगों के लिए काम किया। केवल अमीरों की जेब में धन डाला. उन्होंने चंद अमीरों का 16 लाख करोड़ का कर्ज माफ किया है।

बता दें कि प्रज्वल रेवन्ना इस बार भी हासन लोकसभा सीट से भाजपा के समर्थन के साथ जेडीएस कैंडीडेट के तौर पर चुनाव लड़े हैं। इस सीट पर 26 अप्रैल को मतदान हो चुका है। पूर्व प्रधानमंत्री और जद (एस) के मुखिया एचडी देवेगौड़ा के पोते प्रज्वल पर महिलाओं के साथ यौन शोषण का आरोप है। राज्य सरकार ने मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है।

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May 02 2024, 19:15

कोविशील्ड वैक्‍सीन से कितना खतरा? भारत में 90 प्रतिशत लोगों ने ली है एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन*
#covishield_what_are_the_risks_side_effects_of_corona_vaccine एक समय था जब कोरोना महामारी के बीच लोग वायरस से बचाव के लिए वैक्सीन का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। जब वैक्सीन आई तो बड़े पैमाने पर वैक्सीनेशन भी हुआ। हालांकि कई बार कोरोना वैक्सीन से होने वाले प्रभावों को लेकर सवाल उठते रहे। इस बीच अब ब्रिटेन की फार्मास्युटिकल कंपनी एस्ट्राजेनेका ने स्वीकार किया है कि उनकी कोविड-19 वैक्सीन से कुछ दुर्लभ साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। इस खुलासे के बाद कोरोना की वैक्सीन लेने वाले लोगों के मन में कई सवाल पैदा हो गए। *भारत में इसी फॉर्मूले से कोवीशील्ड बनी* एस्ट्राजेनेका के इस खुलासे के बाद भारत में भी इसकी चर्चा शुरू हो गई। दरअसल, एस्ट्राजेनेका का जो फॉर्मूला था उसी से भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने कोविशील्ड वैक्सीन बनाई। भारत में सबसे पहली कोरोना वैक्सीन कोवीशील्ड है। भारत में बड़े पैमाने पर ये वैक्सीन लगाई गई है। जिसके बाद लोग डरा हुआ महसूस कर रहे हैं। हालांकि, डॉक्टरों ने कहा कि यह एस्ट्राजेनेका के कोविड वैक्सीन का एक दुर्लभ दुष्प्रभाव है, और इसके लाभ जोखिम से कहीं अधिक हैं। *दो-ढाई साल बाद साइड इफेक्ट का कोई खतरा नहीं* ICMR के पूर्व महानिदेशक डॉक्टर बलराम भार्गव ने कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वाले लोगों को लेकर कहा कि इसका साइड इफेक्ट टीका लेने के अधिकतम तीन से चार हफ्तों तक ही हो सकता है। वह भी केवल दुर्लभ मामलों में ही। भारत में कोविशील्ड के करोड़ों डोज लगाए गए हैं लेकिन न के बराबर मामलों में ही साइड इफेक्ट देखने को मिला। उनकी ओर से कहा गया है कि वैक्सीन लगवाने के दो-ढाई साल बाद साइड इफेक्ट का कोई खतरा नहीं है और इससे बेवजह डरने की जरूरत नहीं। *दस लाख लोगों में केवल सात या आठ लोगों को ही खतरा* ICMR के पूर्व वैज्ञानिक डॉ. रमन गंगाखेड़कर ने एक न्यूज चैनल से बात करते हुए कहा कि वैक्सीन के लॉन्च होने के 6 महीने के अंदर टीटीएस को एडेनोवायरस वेक्टर वैक्सीन के एक साइड इफेक्ट के रूप में पहचाना गया था। इस वैक्सीन की समझ में कोई नया चेंज नहीं है। उनकी ओर से कहा गया कि यह समझने की जरूरत है कि टीका लगवाने वाले दस लाख लोगों में केवल सात या आठ लोगों को ही खतरा है। *भारत में सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा मामला* हालांकि, भारत में भी यह मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है। एक वकील की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की गई है कि वैक्सीन के साइड इफेक्ट की जांच के लिए मेडिकल एक्सपर्ट का पैनल बनाया जाए। इस पैनल में ऑल इंडिया इंस्‍टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (AIIMS) दिल्ली के एक्सपर्ट भी हों। पैनल की अध्यक्षता AIIMS के डायरेक्टर करें और जांच की निगरानी का जिम्मा सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज के पास हो। एक्सपर्ट पैनल इस बात की जांच करे कि कोवीशील्ड वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स हैं क्या? अगर हैं तो वो कितने गंभीर हैं? वैक्सीन लगाने के बाद किसी को गंभीर नुकसान पहुंचा हो या जान गई हो तो केंद्र को निर्देश दिए जाएं कि वो ऐसे लोगों को हर्जाना देने के लिए वैक्सीन डैमेज पेमेंट सिस्टम बनाए। बता दें कि ब्रिटेन की फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका ने माना है कि उनकी कोविड-19 वैक्सीन से खतरनाक साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। वैक्सीन बनाने वाली कंपनी एस्ट्राजेनेका ने ब्रिटेन की अदालत में पहली बार माना है कि कोविड-19 की उसकी वैक्सीन से टीटीएस जैसे दुर्लभ साइड इफेक्ट हो सकते हैं। टीटीएस यानी थ्रोम्बोसइटोपेनिया सिंड्रोम शरीर में खून के थक्के जमने की वजह बनती है। इससे पीड़ित व्यक्ति को स्ट्रोक, हृदयगति थमने जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।

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May 02 2024, 16:40

खरगे ने फिर पीएम मोदी को लिखा पत्र, बोले-आप और आपके मंत्री कर रहे चीनियों का तुष्टिकरण

#mallikarjun_kharge_again_wrote_letter_pm_modi 

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने लगातार दूसरे गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से 7 मई को लोकसभा चुनाव लड़ने वाले भाजपा उम्मीदवारों को पत्र लिखने के एक दिन बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने गुरुवार को फिर पीएम मोदी को पत्र लिखा है। पत्र में खरगे ने कांग्रेस के घोषणापत्र पर पीएम मोदी से बहस करने की मांग की है। साथ ही खड़गे ने चिठ्ठी में लिखा- आपने एनडीए के सभी उम्मीदवारों को पत्र लिखकर बताया है कि उन्हें वोटरों से क्या बात करनी है। चिट्ठी के लहजे से लगता है कि आपमें बहुत हताशा और चिंता है। यह आपको ऐसी भाषा का इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित कर रही है, जो प्रधानमंत्री पद को शोभा नहीं देती।

पीएम मोदी के पत्र का हवाला देते हुए मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री को भेजे पत्र में लिखा कि पत्र के कंटेट और लहज़े से ऐसा लगता है कि आप बहुत ही ज़्यादा हताश और निराश हो गए हैं। यही कारण है कि आप ऐसी भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं जो प्रधानमंत्री पद की गरिमा के बिलकुल विपरीत है। पत्र से ऐसा लग रहा है कि आप अपने भाषणों में जो झूठ बोल रहे हैं उसका उस तरह से प्रभाव पड़ता हुआ आपको नहीं दिख रहा है जैसा आप चाहते थे। यही कारण है कि अब आप चाहते हैं कि आपके उम्मीदवार भी आपकी झूठी बातों को आगे बढ़ाएं। एक झूठ को हज़ार बार बोलने से वह सच नहीं बन जाता है प्रधानमंत्री जी।

हमने आपको और गृह मंत्री को यह कहते सुना है कि कांग्रेस तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है। पिछले 10 वर्षों में हमने जो एकमात्र तुष्टिकरण नीति देखी है, वह है आपके और आपके मंत्रियों द्वारा चीनियों का तुष्टिकरण। आप आज भी चीन को 'घुसपैठिए' कहने से इनकार करते हैं, बल्कि 19 जून, 2020 को आपने गलवान में 20 भारतीय सैनिकों के सर्वोच्च बलिदान का अपमान करते हुए कहा था, "ना कोई घुसा है, ना ही कोई घुस आया है"। आपने चीन को जो 'क्लीन चिट' दी है उसने भारत के पक्ष को कमज़ोर कर दिया है और चीन को और अधिक आक्रामक बना दिया है। यहां तक कि अरुणाचल प्रदेश, लद्दाख और उत्तराखंड में एलएसी के पास बार-बार चीनी घुसपैठ और सैन्य इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण के कारण तनाव बढ़ गया है। भारत में चीनी सामानों का आयात भी काफ़ी बढ़ गया है - सिर्फ़ पिछले 5 वर्षों में 54.76% की वृद्धि हुई है और 2023-24 में 101 बिलियन डॉलर को पार कर गया। 

मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री द्वारा उठाए गए आरक्षण के मुद्दे का भी खंडन किया। अपने पत्र में आपने लिखा है कि एससी, एसटी और ओबीसी से आरक्षण छीन लिया जाएगा और "हमारे वोट बैंक" को दे दिया जाएगा। हमारा वोट बैंक हर भारतीय है- गरीब, हाशिए पर रहने वाले लोग, महिलाएं, महत्वाकांक्षी युवा, श्रमिक वर्ग, दलित और आदिवासी। हर कोई जानता है कि यह आरएसएस-बीजेपी ही है जिसने 1947 से लगातार आरक्षण का विरोध किया है। हर कोई यह भी जानता है कि आरएसएस-बीजेपी आरक्षण को समाप्त करने के लिए संविधान को बदलना चाहती है। आपके नेताओं ने इस बारे में खुलकर बात की है। आपको यह स्पष्ट करना चाहिए कि आप हमारे संविधान के अनुच्छेद 16 के अनुसार एससी, एसटी और ओबीसी को उनकी जनसंख्या के आधार पर आरक्षण का विरोध क्यों करते हैं। 

कांग्रेस अध्यक्ष ने “धन पुनर्वितरण” नीतियों के उनके आरोपों को लेकर भी पीएम मोदी पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि अपने पत्र में कहा है कि लोगों की मेहनत की कमाई छीन ली जाएगी। यहां, मैं आपसे अनुरोध करना चाहता हूं कि आप अपनी पार्टी को गुजरात में गरीब दलित किसानों से ठगे गए और इलेक्टोरल बांड के रूप में दिए गए 10 करोड़ रुपए वापस करने का निर्देश दें। आपकी पार्टी ने चंदा दो-धंदा लो, ठेका लो-घूस दो, हफ्ता वसूली और फर्जी कंपनियों जैसे तरीक़ों से विभिन्न कंपनियों से "अवैध और असंवैधानिक इलेक्टोरल बांड के माध्यम से 8,250 करोड़ रुपए एकत्र किए। 8,250 करोड़ में से, आप कम से कम 10 करोड़ रुपए दलित परिवार को तो वापस कर ही सकते हैं।

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May 02 2024, 16:39

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड सर्टिफिकेट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर हटाई, पहले प्रमुखता से दी गई थी जगह

 भारत सरकार के केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड-19 वैक्सीन के सर्टिफिकेट में बड़ा बदलाव किया है। सरकार ने कोविन सर्टिफिकेट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर हटा दी है। इससे पहले उनकी तस्वीर को प्रमुखता से जगह दी गई थी और लिखा गया था- 'साथ मिलकर, भारत कोरोना को हरा देगा।' एक तरह से सरकार ने टीकाकरण के श्रेय पीएम मोदी को दिया था। कुछ लोगों का दावा है कि वैक्सीन बनाने वाली कंपनी एस्ट्राजेनेका द्वारा यूके की अदालत में इसके साइड इफेक्ट्स की बात कबूल करने के बाद यह कदम उठाया गया है।

कोविशील्ड वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स के तौर पर थ्रोम्बोसिस के साथ थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (टीटीएस) की चर्चा के बाद लोग कोविन ऐप पर अपने टीकाकरण का स्टेटस चेक कर रहे हैं। इस दौरान उन्हें वहां पीएम मोदी की तस्वीर देखने को नहीं मिली। अंग्रेजी अखबार 'द हिंदू' ने अपनी एक रिपोर्ट में यह बात कही है। 

माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म एक्स पर लोग इसको लेकर तरह-तरह की चर्चा कर रहे हैं। एक्स संदीप मनुधाने ने कहा, "मोदी जी अब कोविड वैक्सीन सर्टिफिकेट पर नजर नहीं आएंगे। बस जांचने के लिए डाउनलोड किया है। उनकी तस्वीर चली गई है।" इरफ़ान अली ने खुद को कांग्रेस का पदाधिकारी बताते हुए लिखा, “हां, मैंने अभी चेक किया और पीएम मोदी की तस्वीर गायब हो गई है। उनकी तस्वीर के बजाय केवल क्यूआर कोड है।”

इस मामले पर स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय का बयान सामने आया है। विभाग के अधिकारियों ने मंगलवार को 'दिप्रिंट' को बताया कि मौजूदा लोकसभा चुनावों को लेकर जारी आदर्श आचार संहिता लागू होने के कारण प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर वैक्सीन सर्टिफिकेट से हटा दिया गया है। गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है जब पीएम मोदी की तस्वीर कोविड टीकाकरण सर्टिफिकेट से हटाई गई हो।

इससे पहले साल 2022 में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा में होने वाले विधानसभा चुनाव के दौरान भी उनकी तस्वीर हटा दी गई थी। चुनाव आयोग के आदेश पर यह कदम उठाया गया था।

वैक्सीन सर्टिफिकेट पर पीएम मोदी की तस्वीर छापने को लेकर 2021 में विवाद छिड़ गया था। यह मामला केरल हाईकोर्ट तक पहुंचा था। इसके विरोध में कहा गया था कि अन्य देशों में पीएम की तस्वीर नहीं छपी है। इसके जवाब में न्यायमूर्ति पीवी कुन्हिकृष्णन ने कहा था, "उन्हें अपने प्रधानमंत्रियों पर गर्व नहीं हो सकता है, हमें अपने प्रधानमंत्री पर गर्व है।"

गुजरात कांग्रेस ने की मुआवजे की मांग

कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि केंद्र की भाजपा सरकार ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया है। कांग्रेस ने मांग की है कि जिन लोगों की कोरोना वायरस के खिलाफ कोविशील्ड वैक्सीन लेने के बाद दिल का दौरा पड़ा या किसी दूसरे कारण से मौत हो गई, उनके परिजनों को इसकी जांच करानी चाहिए। उन्हें मुआवजा दिया जाए।

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May 02 2024, 15:44

T20 विश्व कप के लिए पाकिस्तान टीम का ऐलान, कौन खिलाड़ी बनेगा भारत की जीत में रोड़ा! देखें पूरी लिस्टp


टी20 विश्व कप 2024 के लिए आज पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने अपना 15 सदस्यीय टीम का स्क्वाड जारी कर दिया है। बाबर आजम एक बार फिर से टीम की कप्तानी करते हुए दिखाई देंगे। तेज गेंदबाज हारिस राउफ की काफी समय के बाद टीम में वापसी हुई है। वहीं एक बार फिर से तेज गेंदबाज मोहम्मद आमिर और ऑलराउंडर इमाद वसीम टीम के लिए खेलते दिखाई देंगे। पाकिस्तान टीम की गेंदबाजी इस बार काफी मजबूत दिखाई दे रही है। संन्यास वापस लेने के बाद मोहम्मद आमिर और इमाद वसीम की टीम में वापसी से टीम काफी मजबूत हो गई है। आयरलैंड और इंग्लैंड के साथ होने वाली सीरीज से पहले पीसीबी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके पाकिस्तान टीम का ऐलान किया है। पाकिस्तान सुपर लीग में कमाल का प्रदर्शन करने वाले मोहम्मद आमिर और इमाद वसीम हो विश्व कप के लिए चुना गया है। इसके अलावा हारिस राउफ और हसन अली की भी टीम में वापसी हुई है। न्यूजीलैंड के साथ खेली गई 5 मैचों की टी20 सीरीज से पहले ही पाक टीम की कमान बाबर आजम के हाथों में सौप दी गई थी। जिसके बाद अब फिर से आईसीसी के बड़े टूर्नामेंट में बाबर पाक टीम के कप्तान होंगे। टी20 विश्व कप के लिए पाक टीम बाबर आजम (कप्तान), अबरार अहमद, आजम खान, फखर जमान, हारिस रऊफ, हसन अली, इफ्तिखार अहमद, इमाद वसीम, मोहम्मद अब्बास अफरीदी, मोहम्मद आमिर, मोहम्मद रिजवान, मोहम्मद इरफान खान, नसीम शाह, सैम अयूब, सलमान अली आगा , शादाब खान, शाहीन शाह अफरीदी, उस्मान खान।